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 सही पोषण से बदली जिंदगी, कुपोषण पर विजय पाया नन्हा मानव

0- कमजोरी से जूझता मानव, आंगनबाड़ी की मदद से हुआ मजबूत
0- संतुलित आहार से आई मुस्कान,  मानव की कहानी हर मां के लिए संदेश
0- मेरा बेटा अब स्वस्थ है नम्रता बाई ने जताई अपनी खुशी
मोहला । ग्राम रानाटोला, विकास खंड मोहला जिला मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी का नन्हा मानव आज स्वस्थ और खुशहाल जीवन जी रहा है। कभी कमजोरी और कुपोषण से जूझ रहे मानव की कहानी आज पूरे क्षेत्र के लिए प्रेरणा बन गई है। मानव का जन्म 23 अप्रैल 2023 को हुआ था। 8 अक्टूबर 2024 को जब आंगनबाड़ी केंद्र में उसकी जांच की गई, तो पाया गया कि उसकी लंबाई के अनुसार वजन बहुत कम था कृ केवल 6.6 किलोग्राम। शरीर कमजोर था और खेलने-कूदने की इच्छा भी नहीं थी। उसकी मां, नम्रता बाई, बेटे की कमजोरी से चिंतित थीं, लेकिन उन्हें यह नहीं पता था कि बच्चों के सही विकास के लिए केवल पेट भरना पर्याप्त नहीं होता, बल्कि पौष्टिक और संतुलित आहार देना भी जरूरी है।
       आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने इस स्थिति को गंभीरता से लिया और परिवार को समझाया कि कैसे संतुलित आहार और साफ-सफाई से बच्चे के जीवन में सुधार लाया जा सकता है। उन्होंने नम्रता बाई को सम्वर्धित टेक होम राशन के महत्व के बारे में बताया और नियमित रूप से इसे देने की सलाह दी। साथ ही, उन्हें घर पर पौष्टिक आहार जैसे दलिया, मूंग दाल की खिचड़ी, अंडा और हरी सब्जियां बनाने के तरीके सिखाए गए। आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने निरंतर गृह भेंट कर मानव के स्वास्थ्य पर नजर रखी और हर सप्ताह उसका वजन व लंबाई मापी। इन प्रयासों का असर जल्द ही दिखने लगा। 16 हफ्तों में मानव का वजन बढ़कर 7.7 किलोग्राम हो गया और अब वह सामान्य श्रेणी में आ चुका है। पहले जहां वह कमजोर और सुस्त था, वहीं अब वह सक्रिय, खेल-कूद में रुचि रखने वाला और ऊर्जावान बच्चा बन गया है। उसकी भूख में सुधार हुआ है और शरीर में ताकत लौटी है। सबसे बड़ी बात यह कि परिवार का आत्मविश्वास भी वापस आया है।
      नम्रता बाई ने बताया कि मुझे लगा था कि मेरा बेटा हमेशा कमजोर ही रहेगा, लेकिन सम्वर्धित टेक होम राशन ने उसकी सेहत में सकारात्मक बदलाव लाया। आज मानव खुश और स्वस्थ है। मैं हर मां से कहना चाहती हूं कि आंगनबाड़ी से मिलने वाला राशन बच्चों को जरूर खिलाएं। इस परिवर्तन में सम्वर्धित टेक होम राशन की महत्वपूर्ण भूमिका रही। इसके माध्यम से मानव को आवश्यक पोषक तत्व और ऊर्जा समय पर मिलती रही। यह अतिरिक्त पोषण उसके शारीरिक विकास के लिए आधार बना। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने लगातार प्रेरणा दी और परिवार ने निर्देशों का ईमानदारी से पालन किया।
 

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