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 जैविक कृषि ग्राम झोडि़याबाड़म,बिंजाम,समलूर एवं कतुलनार का कलेक्टर ने किया दौरा

-प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजनान्तर्गत समग्र कृषि विकास को नई दिशा देने के लिए प्रशासन के प्रयास तेज
-भूमगादी जैविक कृषक उत्पादक कंपनी इकाई भी का भी कलेक्टर ने किया अवलोकन
 दंतेवाड़ा, । प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजनान्तर्गत चयनित जिला दंतेवाड़ा में समग्र कृषि विकास को नई दिशा देने तथा कृषि के अलावा उद्यानिकी,मत्स्य,पशुपालन विभागों की योजनाओं के जमीनी क्रियान्वयन और एकरूपता लाने के मद्देनजर कलेक्टर श्री देवेश कुमार ध्रुव ने आज जैविक कृषि ग्राम झोडि़याबाड़म में स्थित भूमगादी जैविक कृषक उत्पादक कंपनी मर्यादित का अवलोकन किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने मिलेट्स प्रसंस्करण मशीन, धान एवं पोहा प्रसंस्करण इकाई सहित अन्य स्थापित मशीनों की कार्यप्रणाली, क्षमता एवं वर्तमान उत्पादन की स्थिति की जानकारी ली। कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों एवं कंपनी प्रबंधन से कच्चे माल की उपलब्धता, उत्पादों की गुणवत्ता, भंडारण व्यवस्था तथा विपणन की स्थिति पर विस्तार से चर्चा की। कलेक्टर श्री धु्रव ने जैविक उत्पादों के बाजार मूल्य संवर्धन पर विशेष जोर देते हुए कहा कि मिलेट्स एवं धान आधारित उत्पादों की ब्रांडिंग और पैकेजिंग को और बेहतर बनाया जाए, ताकि स्थानीय किसानों को अधिक लाभ मिल सके। उन्होंने एफपीओ के माध्यम से किसानों की आय वृद्धि, रोजगार सृजन एवं स्थानीय संसाधनों के अधिकतम उपयोग को जिले के लिए महत्वपूर्ण बताया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने मशीनों के नियमित संचालन, समय पर मेंटेनेंस एवं सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही, भविष्य में प्रसंस्करण क्षमता बढ़ाने एवं नए उत्पाद विकसित करने की संभावनाओं पर भी विचार करने को कहा।
प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना के तहत जैविक कृषि ग्राम बिंजाम के प्रगतिशील कृषकों, समलूर में स्व सहायता समूहों द्वारा जैव उत्पाद निर्माण के प्रयासों को मिला कलेक्टर से प्रोत्साहन, जैविक कृषि के साथ-साथ पशुपालन पालन को बढ़ावा देने तथा भूमिगत जल संरक्षण हेतु कुआं निर्माण को जरूरी बताया कलेक्टर ने
इस क्रम में कलेक्टर ने ग्राम बिंजाम पहुंचकर वहां पीढ़ियों से जैविक कृषि कर रहे कृषकों में से एक श्री शनि राम नेताम  के कृषि क्षेत्र पहुंचकर जैविक खेती की प्रगति, उनके द्वारा अपनाई जा रही पद्धतियों एवं योजना के जमीनी क्रियान्वयन की स्थिति की जानकारी ली। इस दौरान श्री कृषक श्री शनि राम नेताम ने कलेक्टर को बताया कि उसके द्वारा वर्षों से जैविक खाद, वर्मी कम्पोस्ट, जीवामृत एवं प्राकृतिक कीट नियंत्रण विधियों का उपयोग किया जा रहा है तथा इससे उत्पादन एवं आय में उल्लेखनीय परिवर्तन आया है। उन्होंने आगे बताया कि वे कृषि,उद्यानिकी तथा भूमगादी संगठन से जुड़कर वर्तमान में एटीएम विधि से साग-सब्जी का उत्पादन कर रहे है। इससे भी कृषि उत्पादन में आशाजनक बढ़ोत्तरी हुई है। यह अन्य प्रगतिशील कृषक श्री हरसिंह ओयाम, राजूराम नेताम ने भी जैविक कृषि को स्थानीय कृषकों को लाभप्रद बताते हुए कहा कि इससे ना केवल लागत में कमी आई है, साथ-साथ ही फसलों की गुणवत्ता, भूमि उर्वरता भी बेहतर हुई है। इसके अलावा उन्हें बाजार में उचित मूल्य भी प्राप्त हो रहा है। मौके पर  कलेक्टर ने सभी कृषकों को जैविक खेती को निरंतर अपनाने, फसल विविधीकरण करने एवं समूह आधारित खेती को प्रोत्साहित करने तथा अन्य कृषकों को भी प्रेरित करने को कहा। इसके साथ ही उन्होंने कृषि,उद्यानिकी एवं पशुपालन विभाग के अधिकारियों से सभी इच्छुक कृषकों को धन धान्य योजना अतंर्गत आवश्यक तकनीकी मार्गदर्शन, प्रशिक्षण एवं विपणन सुविधा सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने यह भी कहा कि इन सभी कृषकों को चिन्हांकित करते हुए इनकी जैविक कृषि उपलब्धियों को रोल मॉडल के रूप में तैयार करें। ताकि अधिक से अधिक कृषक इससे जुड़े और एक बड़े समुदाय में आर्थिक और सामाजिक परिवर्तन दृष्टिगत हो। उन्होंने कृषको से आग्रह किया भूमिगत जल संरक्षण की दृष्टि से अपनी कृषि में कुंआ निर्माण कार्य को भी प्राथमिकता देवें ताकि भविष्य को देखते हुए भूमिगत जल स्तर एक मानक में बना रहे। इस दौरान कृषकों ने भी कृषि से संबंधित मांगों एवं समस्याओं से कलेक्टर को अवगत कराया। जिसके संबंध में कलेक्टर ने अधिकारियों को निराकरण करने को कहा।
इसके साथ ही कलेक्टर ने ग्राम समलूर में महिला स्व सहायता समूह एकता महिला ग्राम संगठन द्वारा निर्मित किये जा रहे जैव उत्पाद, खाद-दवा संसाधन केन्द्र का भी अवलोकन किया। ज्ञातव्य है कि उक्त स्व सहायता समूह द्वारा राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन अंतर्गत विभिन्न प्रकार के जैव उत्पाद जैसे जीवामृत,घन जीवामृत,नीमास्त्र,ब्रह्मास्त्र एवं मछली दवा (फिश टॉनिक) जैसे प्राकृतिक खेती के अनुकूल जैविक उत्पाद का निर्माण किया जा रहा है। इस अवसर पर कलेक्टर ने समूहो के सदस्यों से जैव उत्पाद के निर्माण की प्रक्रिया, बिक्री हेतु बाजार प्रबंधन के विषय में जानकारी ली और उन्हें प्रोत्साहित करते हुए प्रशासन द्वारा हर संभव मदद हेतु आश्वस्त किया। समूहों के सदस्यों ने कलेक्टर को बताया कि इस समूह के अंतर्गत 30 सदस्य जुड़े हुए है। जो सभी प्रकार के जैविक खाद दवा का निर्माण करने में सहयोग करते है। साथ ही उन्होंने उत्पाद के विक्रय हेतु मुख्य मार्ग दुकान आबंटित करने की भी मांग रखी। इसके लिए कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को उचित कार्यवाही करने को निर्देशित किया।
अत: में कलेक्टर ने पशुधन विकास विभाग को निर्देशित किया कि कृषक वर्ग में पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए पशु सखियों के माध्यम व्यापक विभागीय प्रचार-प्रसार करने के साथ-साथ उनके के लिए प्रशिक्षण सत्र, पशुओं में होने वाली बीमारियों के उपचार,देखभाल के बारे में जागरूक किया जाना सुनिश्चित करे।
 

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