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 इन बीमारियों का रामबाण इलाज है धातकी
 धातकी एक औषधीय पौधा है। यह पौधा भारत के हर राज्य में मिल जाता है।  अप्रैल में इसमें फूल आते हैं।  धातकी के फल, फूल, जड़, तना आदि का कई बीमारियों के उपचार में इस्तेमाल किया जाता  है।  यह पौधा टूटी हड्डियों को जोडऩे  और दांतों की समस्याओं को खत्म करने में बहुत मदद करता है। 
 धातकी को   हिंदी में धातकी, धायफूल, धावा, धाय, अंग्रेजी में रेड बेल बुश, संस्कृत में धातकी, धातृपुष्पी औ बहुपुष्पी कहा जाता है। तो वहीं, तमिल में धातरी जर्गी, नेपाल में दाहिरी, पंजाबी में धा कहा जाता है। 
धातकी के औषधीय प्रयोग  
नकसीर  
गर्मियों में अक्सर लोगों को नकसीर की समस्या हो जाती है। जिसमें उन्हें नाक से खून बहने लगता है। धातकी के फूलों का रस निचोड़कर नाक में डालने से नकसीर की समस्या खत्म हो जाती है। 
 दांतों की समस्या को करे खत्म
दांत कमजोर होना, मुंह से बदबू आना, पायरिया होना, मसूड़ों का कमजोर होना आदि समस्याओं में धातकी बहुत लाभदायक है।  दातों में दर्द या कोई अन्य समस्या है तो धातकी के पत्ते और फूलों को समान मात्रा में लेकर काढ़ा बना लें। इस काढ़े से सुबह शाम गरारे करें। इस गरारे करने दांतों के सभी रोग  खत्म होते हैं।
 प्लीहा रोग  
प्लीहा रोग किसी इंफेक्शन, लिवर की बीमारी या ब्लड कैंसर जैसी बीमारियों के कारण होता है। इन रोगों में प्लीहा बढऩे के लक्षण दिखाई देते हैं। प्लीहा शरीर के अंदर बाईं ओर पसलियों के नीचे पाया जाता है। प्लीहा रोग होने पर भी धातकी फायदा करता है। इसके लिए 2-3 ग्राम धातकी चुर्ण को 50 ग्राम गुड़ के साथ खाने से प्लीहा रोग ठीक हो जाते है।  
 पेट के कीड़े मारे
बच्चों के पेट में अक्सर कीड़े होते हैं। इन कीड़ों को मारने में भी धातकी फायदा करता है। जिन बच्चों के पेट में कीड़े हो गए हैं, वे 3 ग्राम की मात्रा में खाली पेट ताजे जल के साथ धातकी के चूर्ण का सेवन करें। धातकी से पेट के कीड़े मर जाते हैं।
 दस्त 
 दस्त में शरीर में पानी की कमी हो जाती है। गर्मी में अगर आपको भी दस्त हो जाएं तो धातकी का चूर्ण आपके लिए बहुत फायदेमंद है। इसके लिए 5 ग्राम धातकी चूर्ण एक कप म_े के साथ दिन में तीन बार पिएं। इससे दस्त में आराम मिलेगा। 
 दाद, खाज से दिलाए निजात
शरीर के किसी भी अंग में दाद व जलन को दूर करने के लिए धातकी के फूलों को गुलाब जल में पीसकर लेप करें। इससे समस्या से निजात मिलती है। 
 पित्तज बुखार 
धातकी के फूलों का चूर्ण गुलकंद के साथ सुबह शाम दूध के साथ लेने से इस बुखार से आराम मिलता है। 
 घाव भरने में मददगार
अगर किसी को चोट लग गई है और घाव गहरा हो गया है और घाव जल्दी नहीं भर रहा हो तो उसको भरने के लिए इसके फूलों का चूर्ण जख्म पर लगाने से जख्म जल्दी भर जाता है। 
(नोट-ऊपर दिए गए उपाय किसी चिकित्सक की सलाह लेकर ही करें)

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