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  जीवन में हमेशा दुखी रहते हैं ये 5 आदतों वाले लोग

कितनी बार आपने अंदर से खुश महसूस किया है? थोड़ा ठहरकर सोचेंगे तो इस सवाल का जवाब बेहतर दे पाएंगे। क्योंकि अक्सर हम ऊपर से तो खुश दिखाई पड़ते हैं या यूं कहें खुश रहने का दिखावा करते हैं लेकिन दिल से खुश हुए लंबा अरसा बीत जाता है। कई बार तो लोगों को उदास या दुखी रहने की मानों आदत सी ही हो जाती है। अब आदमी दुनियाभर की लड़ाई तो जीत ले लेकिन खुद से खुद की ये जंग काफी मुश्किल हो जाती है। उतार चढ़ाव तो सभी के जीवन में आते हैं और सुख-दुख का लंबा फेज आना भी स्वाभाविक है। लेकिन हमेशा दुखी रहना अगर आपका स्वभाव बन जाए तो यह बिल्कुल भी ठीक नहीं। दरअसल कई बार हमारी ही कुछ आदतें ही हमारे ऐसे स्वभाव की वजह बनती हैं। आज  हम आपको ऐसी ही नेगेटिव आदतों के बारे में बता रहे हैं ताकि आप इन्हें जल्द से जल्द छोड़कर अपनी लाइफ को खुशनुमा और बेहतर बना पाएं।
खुद को हमेशा दूसरे से कंपेयर करना
जीवन में हर किसी को एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ है। लोगों को लगता है कि लाइफ में कुछ बेहतर करना है तो सबसे आगे खड़े रहना जरूरी है। इसके लिए लोग हमेशा अपनी तुलना किसी दूसरे से करते रहते हैं और अधिकतर मामलों में खुद को कमतर ही आंकते हैं। सोशल मीडिया के जमाने में तो यह और भी ज्यादा कॉमन हो गया है। इस लगातार हो रहे कंपैरिजन से मानसिक अशांति, तनाव और दुख के अलावा दूसरा कुछ हासिल नहीं होता। इसलिए यह समझना जरूरी है कि हर इंसान अलग है, उसकी कहानी अलग है और उसके हालात अलग हैं। खुद की तुलना दूसरों से करने के बजाए अपने आप से करें तो पाएंगे कि आप बेहतर हो रहे हैं और काफी खुश भी हैं।
हर चीज को ले कर जरूरत से ज्यादा सोचना
वो कहावत तो आपने सुनी ही होगी कि चिंता चिता के समान है। बात एकदम सौ आने सच है। थोड़ा बहुत चिंता में डूबे रहना स्वाभाविक है और कई मामलों में जरूरी भी है ताकि हम बेहतर काम कर सकें। लेकिन अगर आपका स्वभाव तिल जैसी समस्याओं को ले कर पहाड़ जैसा सोचने वाला है, तो यकीन मानिए जीवन में खुश रहना आपके लिए बहुत बड़ा चैलेंज बन जाएगा। लाइफ में हमेशा यह रूल याद रखिए कि जिस चीज में आप कुछ नहीं कर सकते उसकी चिंता कैसी और अगर कुछ कर सकते हैं तो अपना बेहतर दें और बाकी ऊपर वाले पर छोड़ दें।
हमेशा खुद को 'विक्टिम' बताना
सुख-दुख सभी की लाइफ का हिस्सा हैं और हर किसी को अपने-अपने हिस्से का दुख खुद उठाना ही पड़ता है। लेकिन अगर आपको अक्सर यह लगता रहता है कि सब कुछ बुरा सिर्फ आपके साथ ही होता है या पूरी दुनिया मिलकर मानों आपके खिलाफ ही साजिश में लगी हुई है, तो ये 'विक्टिम मेंटेलिटी' आपको हमेशा दुखी ही रखेगी। मेरी तो किस्मत ही खराब है या कोई मुझे खुश ही नहीं देखना चाहता, इस सोच से बाहर निकलें और खुद को खुश रखने की जिम्मेदारी खुद उठाएं। विक्टिम बनकर नहीं बल्कि एक पॉजिटिव और सेल्फ लव से भरा हुआ इंसान बनकर।
दूसरों से जलते रहना या अक्सर शिकायत करना
दोस्त को नौकरी में तरक्की मिल गई, सहेली ने अपनी गोवा ट्रिप का फोटो पोस्ट कर दिया, सोशल मीडिया पर भी हर कोई खुश दिख रहा है लेकिन आप क्यों नहीं? बस यही सोचकर आपने दूसरों से मन ही मन कुढ़ना शुरू कर दिया और जलन की भावना आपके मन में बैठ गई। एक बार यह हो गया तो यकीन मानिए खुश रहना आपके लिए नामुमकिन सा हो जाएगा क्योंकि नई वजह आपको रोज बिना तलाशे ही मिल जाएगी। खुद को हैप्पी और पॉजिटिव रखना है तो दूसरों की खुशी में खुश होना सीखिए और जीवन से सौ शिकायतें ले कर बैठने के अलावा सॉल्यूशन ढूंढने और चीजों को बेहतर बनाने में समय लगाइए।
पास्ट में अटक कर रह जाना और खुद पर काम ना करना
हर किसी को अपना पास्ट प्रेजेंट से बेहतर ही लगता है। मजे की बात है कि कल जब आप फ्यूचर में होंगे तो इस बात के काफी आसार हैं कि आपको अपना ये पास्ट उस प्रेजेंट से बेहतर ही लगेगा। इसलिए बेहतर है जो हुआ उसे अच्छी यादों की तरह समेटें और आगे बढ़ें। खुद को और इंप्रूव करें और कहीं एक जगह अटक कर ना रह जाएं। वरना आप पुराना वक्त सोचते सोचते इस वक्त को कोसने और दुखी रहने में ही गंवा देंगे और फिर आने वाला भविष्य भी कुछ ऐसा ही रहेगा।

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