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 लेह में सार्वजनिक परिवहन में चलाई जाएंगी हरित हाइड्रोजन-चालित बसें : मोदी

 नयी दिल्ली।  नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के अपने प्रयासों के तहत केंद्र सरकार लद्दाख के लेह क्षेत्र में पायलट आधार पर हाइड्रोजन से चलने वाली बसों का परिचालन शुरू करेगी। यह पहली बार होगा जब भारत में सार्वनिक परिवहन के लिए फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल किया जाएगा। शुरुआती चरण में पांच फ्यूल सेल बसें लेह में दौड़ेंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'उज्ज्वल भारत उज्ज्वल भविष्य' समारोह के समापन अवसर पर 5,200 करोड़ रुपये मूल्य की एनटीपीसी की कई हरित ऊर्जा परियोजनाओं की आधारशिला वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से रखी। उन्होंने तेलंगाना के रामागुंडम में 100 मेगावाट क्षमता की फ्लोटिंग (जल क्षेत्र में स्थित) सौर परियोजना और केरल के कयामकुलम में 92 मेगावाट क्षमता की फ्लोटिंग सौर परियोजना का उद्घाटन भी किया।
प्रधानमंत्री ने राजस्थान के नोख में 735 मेगावाट की सौर परियोजना, लेह और गुजरात में हरित हाइड्रोजन परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया गया कि लेह में ‘हरित हाइड्रोजन वाहन परियोजना' एक पायलट परियोजना है और इसके तहत शहर में पांच फ्यूल सेल बसें चलाई जाएंगी। एनटीपीसी कवास टाउनशिप में ‘हरित हाइड्रोजन मिश्रण पायलट परियोजना' भारत में इस तरह की पहली परियोजना होगी और यह प्राकृतिक गैस के इस्तेमाल में कमी लाने में मददगार होगी। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि लद्दाख और गुजरात में दो हरित हाइड्रोजन परियोजनाओं की शनिवार से शुरुआत हो रही है। उन्होंने बताया कि लद्दाख में बनाया जा रहा संयंत्र देश में वाहनों के लिए हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करेगा। यह पहली परियोजना होगी जो देश में हरित हाइड्रोजन आधारित परिवहन के वाणिज्यिक इस्तेमाल को संभव बनाएगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि लद्दाख देश का ऐसा पहला स्थान बनेगा जहां फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक वाहन चलेंगे और इससे लद्दाख को शून्य कार्बन उत्सर्जन वाला क्षेत्र बनाने में मदद मिलेगी। मोदी ने कहा कि शनिवार को शुरू की गई परियोजनाएं देश में हरित ऊर्जा और ऊर्जा सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि ये परियोजनाएं भारत के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों और हरित वाहनों की आकांक्षा और प्रतिबद्धता को भी मजबूत करेंगी। उन्होंने 'नवीनीकृत वितरण क्षेत्र योजना' भी पेश की जिसमें वितरण कंपनियों की परिचालन सक्षमता एवं वित्तीय वहनीयता बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। इस योजना के तहत पांच साल के लिए तीन लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय सौर रूफटॉप पोर्टल की शुरुआत भी की जो आवासीय इमारतों की छतों पर सौर इकाइयां लगाने में मदद करेगा।

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