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एयरफोर्स डे: हिंडन एयरबेस पर गरजा राफेल, तेजस और शिनूक ने भी दिखाया दम

 नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना आज अपना 88वां स्थापना दिवस मना रही है। इसकी स्थापना आठ अक्तूबर 1932 को हुई थी। गाजियाबाद के हिंडन में वायुसेना अड्डे में वायुसेना दिवस परेड समारोह का मुख्य आकर्षण विभिन्न विमानों का शानदार प्रदर्शन रहा। प्रसिद्ध आकाशगंगा दल के जांबाज जवानों ने ध्वज के साथ  वायुसेना के विमानों से करतब दिखाये। फ्लाईपास्ट में विंटेज विमान, आधुनिक परिवहन विमान और अग्रिम पंक्ति के लड़ाकू विमान शामिल हुए। शानदार हवाई करतब के साथ समारोह सम्पन्न हुआ।
इस बार के आयोजन में कुल 56 एयरक्राफ्ट ने हिस्सा लिया। इनमें 19 फ़ाइटर, 19 हेलीकॉप्टर, 7 ट्रांसपोर्ट, 9 सूर्य किरण एरोबैटिक टीम के हॉक और 2 विंटेज शामिल रहे। एयरफोर्स के बेड़े में इस बार   राफेल को भी शामिल किया गया। राफेल के अलावा वायुसेना के अन्य लड़ाकू विमानों तेजस, मिराज, सुखोई और शिनूक, स्वदेशी रुद्र ने भी अपनी ताकत दिखाई।  इस बार के समारोह में खास बात ये रही कि सभी फाइटर जेट्स 5-5 की फॉर्मेशन में उड़ान भरते नजर आए। जबकि पहले ये विमान 3-3 की फॉर्मेशन में ही उड़ते थे। वायुसेना के भारी परिवहन विमान  ग्लोवमास्टर और सुपर हर्कुलिस भी हिंडन एयरबेस के आसमान में अपनी गरिमामय चाल से उड़ते नजऱ आए।  
 राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर वायु सेना के सभी कर्मियों को शुभकामनाएं दी हैं। ट्वीट में राष्ट्रपति रामनाथ  कोविंद ने कहा कि राफेल, अपाचे और चिनूक को शामिल करने के साथ आधुनिकीकरण की प्रक्रिया भारतीय वायुसेना को और भी अधिक सामरिक बल देगी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले वर्षों में, भारतीय वायु सेना प्रतिबद्धता और क्षमता के साथ उच्च मानकों को बनाए रखेगी।
 उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि देश के वायु सैनिक पेशेवर, उत्कृष्टता और साहस के लिए जाने जाते हैं।
 भारतीय वायु सेना के सभी बहादुर योद्धाओं को वायु सेना दिवस के अवसर पर बधाई देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये बहादुर योद्धा न केवल देश के आसमान को सुरक्षित रखते हैं, बल्कि कई बार मानवता की सेवा में अग्रणी भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा, भारत माता की रक्षा के लिए उनका साहस, पराक्रम और समर्पण सभी को प्रेरित करता है।
 रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वायु योद्धाओं और उनके परिवारों के लिए अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि 88 साल के समर्पण, त्याग और उत्कृष्टता ने भारतीय वायुसेना की यात्रा को चिह्नित किया है जो आज एक शानदार और अजेय है। उन्होंने कहा, सरकार आधुनिकीकरण और स्वदेशीकरण के जरिए भारतीय वायुसेना की लड़ाकू क्षमता को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने आज कहा कि वायुसेना ने अपनी प्रतिबद्धता और संचालन क्षमता का बखूबी प्रदर्शन किया है और आवश्यकता पडऩे पर किसी भी विपरीत स्थिति से प्रभावशाली ढंग से निपटेगी।
 आज वायुसेना दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह में श्री भदौरिया ने कहा कि वायुसेना ने किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए बड़ी जल्दी सभी आवश्यक तैनाती की है। श्री भदौरिया ने कहा कि वायुसेना ने थलसेना की सहायता के लिए सभी आवश्यक तैनाती और अन्य मदद सक्रियता से उपलब्ध कराई है। देश की उत्तरी सीमा पर हाल के सैन्य टकराव का उल्लेख करते हुए वायुसेना प्रमुख ने तुरन्त जवाबी कार्रवाई करने पर सैनिकों की सराहना की।  वायुसेना की तैयारियों पर श्री भदौरिया ने कहा कि उभरते सुरक्षा परिदृय के लिए सशक्त वायुसेना की बहुत आवश्यकता है ताकि वह सभी मोर्चों पर हर तरह के युद्ध में सक्षम हो। उन्होंने कहा कि वायुसेना सभी क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बनने के लिए स्वदेशी उपकरणों की दिशा में बढ रही है तथा  वायु-अंतरिक्ष के क्षेत्र में स्वदेशी प्रौद्योगिकी के विकास पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि वायुसेना पांचवीं पीढी के लड़ाकू विमान बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। कोविड-19 महामारी की स्थिति पर वायुसेना प्रमुख ने कहा कि सैनिकों की प्रतिबद्धता से यह सुनिश्चित हुआ है कि वायुसेना  पूरी तरह से सक्षम कार्रवाई करने की क्षमता बनाये रख सकी। उन्होंने कहा कि वायुसेना ने फंसे हुए भारतीयों को वापस लाने और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए परिवहन हेलिकॉप्टर तैनात किए थे।
 

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