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  केंद्रीय कृषि मंत्री  शिवराज सिंह चौहान ने  ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान का शुभारंभ किया

-मत्स्य पालन भारत की खाद्य सुरक्षा का अभिन्न अंग – श्री शिवराज सिंह चौहान
-तकनीकों को किसानों तक प्रभावी रूप से पहुंचाने की आवश्यकता है – श्री शिवराज सिंह
-किसानों की आय में बढ़ोतरी के लिए मजबूत मत्स्य क्षेत्र विकसित होना चाहिए- श्री चौहान
-कार्यक्रम में 600 से अधिक किसान एवं स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं शामिल हुईं
 भुवनेश्वर । भारतीय कृषि क्षेत्र में एक ऐतिहासिक पहल के रूप में, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज भुवनेश्वर स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद  केंद्रीय मीठाजल मत्स्य पालन संस्थान (ICAR-CIFA), काउसल्यागंगा में 'विकसित कृषि संकल्प अभियान (VKSA-2025)' का विधिवत शुभारंभ किया। यह अभियान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य कृषि एवं मत्स्य पालन क्षेत्र में नवीनतम वैज्ञानिक तकनीकों को किसानों तक पहुंचाकर एक टिकाऊ और समृद्ध भारत का निर्माण करना है।
अपने उद्घाटन भाषण में श्री चौहान ने VKSA-2025 की दूरदर्शी सोच को रेखांकित करते हुए बताया कि यह अभियान देश के 1.5 करोड़ से अधिक किसानों तक पहुंचने का लक्ष्य रखता है। उन्होंने कहा कि यह अभियान न केवल तकनीकी प्रचार-प्रसार और क्षमता निर्माण पर केंद्रित है, बल्कि किसानों से सीधा संवाद स्थापित कर उन्हें नवाचारों से जोड़ने का माध्यम भी बनेगा। श्री चौहान ने मत्स्य पालन को भारत की खाद्य सुरक्षा का अभिन्न अंग बताते हुए ICAR-CIFA द्वारा विकसित सभी तकनीकों को किसानों तक प्रभावी रूप से पहुंचाने की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि उनकी आय में बढ़ोतरी हो और एक मजबूत मत्स्य क्षेत्र विकसित हो सके।
इस अवसर पर ओडिशा सरकार के उपमुख्यमंत्री एवं कृषि, किसान सशक्तिकरण व ऊर्जा मंत्री श्री कनक वर्धन सिंह देव, मत्स्य एवं पशु संसाधन विकास मंत्री श्री गोकुलानंद मलिक, एकामरा विधायक श्री बाबू सिंह एवं पिपिली विधायक श्री अश्रित पटनायक उपस्थित रहे।
ICAR की ओर से महानिदेशक एवं सचिव (DARE) डॉ. एम. एल. जाट, उपमहानिदेशक (मत्स्य विज्ञान) डॉ. जे. के. जेना, उपमहानिदेशक (कृषि विस्तार) डॉ. राजबीर सिंह और ICAR-ATARI कोलकाता के निदेशक डॉ. प्रदीप डे प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
डॉ. एम. एल. जाट ने VKSA-2025 को एक परिवर्तनकारी प्री-खरीफ अभियान करार देते हुए कहा कि यह पहल वैज्ञानिक शोध को किसानों की ज़मीनी ज़रूरतों से जोड़ने का प्रभावी माध्यम है।
कार्यक्रम में 600 से अधिक किसान एवं स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं शामिल हुईं और वैज्ञानिकों के साथ संवाद कर कृषि व मत्स्य पालन से संबंधित उन्नत तकनीकों, सतत खेती के तरीकों और एकीकृत दृष्टिकोणों की जानकारी प्राप्त की। इस दौरान, मत्स्य पालन क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि के रूप में ICAR-CIFA द्वारा विकसित “CIFA Argu VAX–I” नामक एक नवाचारात्मक मछली टीके का लोकार्पण माननीय कृषि मंत्री द्वारा किया गया। यह टीका मछलियों में परजीवी संक्रमण की रोकथाम कर मत्स्यपालकों की आर्थिक हानि को कम करने में सहायक सिद्ध होगा।
कार्यक्रम के दौरान एक प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया, जिसमें स्वयं सहायता समूहों (SHGs), कृषि विज्ञान केंद्र (KVK), खोरधा और ICAR-CIFA द्वारा विकसित उत्पादों और नवाचारों को प्रदर्शित किया गया। यह आयोजन समुदाय की भागीदारी और जमीनी स्तर पर नवाचार की शक्ति को दर्शाता है।
कार्यक्रम का सफल समापन उपमहानिदेशक (कृषि विस्तार) डॉ. राजबीर सिंह के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिन्होंने सभी गणमान्य अतिथियों, प्रतिभागियों और सहयोगियों को इस अभियान की शुरुआत को ऐतिहासिक और प्रभावशाली बनाने के लिए धन्यवाद दिया।
यह अभियान 29 मई से 12 जून 2025 तक देशभर में चलाया जाएगा, जिसका उद्देश्य एक समावेशी, सशक्त और भविष्य-उन्मुख कृषि प्रणाली का निर्माण करना है।

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