निर्वाचन आयोग ने 345 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को सूची से हटाने की कार्यवाही शुरू की
नयी दिल्ली. भारत निर्वाचन आयोग ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने 345 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (आरयूपीपी) को सूची से हटाने की कार्यवाही शुरू कर दी है, जो 2019 से पिछले छह वर्षों में एक भी चुनाव लड़ने की आवश्यक शर्त को पूरा करने में भी विफल रहे हैं। आयोग ने बताया कि इन राजनीतिक दलों के कार्यालय का भी कहीं भौतिक तौर पर पता नहीं लगाया जा सका। इसने कहा कि ये 345 राजनीतिक दल देश भर के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से हैं।
अधिकारियों ने बताया कि 2001 से अब तक चुनाव आयोग ने निष्क्रिय आरयूपीपी को समाप्त करने की प्रक्रिया ‘‘तीन से चार'' बार पूरी की है। इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने चुनाव आयोग को राजनीतिक दलों की ‘‘मान्यता समाप्त'' करने से यह कहते हुए रोक दिया था कि ऐसा करना कानून के तहत विहित नहीं है। हालांकि, आयोग ने ‘‘पार्टियों को सूची से हटाने'' का एक तरीका खोज लिया है। आयोग के एक पूर्व पदाधिकारी ने बताया कि सूची से हटाए गए दलों को चुनाव प्राधिकरण द्वारा नई मान्यता दिए बिना ही फिर से सूचीबद्ध किया जा सकता है। देश में 2,800 से अधिक आरयूपीपी के अलावा छह राष्ट्रीय और 67 राज्य स्तर पर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल हैं। अधिकारियों ने बताया कि आयोग के संज्ञान में आया है कि वर्तमान में आयोग के पास पंजीकृत 2,800 से अधिक आरयूपीपी में से कई ऐसे राजनीतिक दल आवश्यक शर्तों को पूरा करने में विफल रहे हैं। यह कदम बिहार चुनाव से पहले उठाया गया है। सूची से हटाई गई पार्टियां चुनाव लड़ने के लिए अपने उम्मीदवार नहीं उतार सकतीं।
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