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व्यवसायी गोपाल खेमका की हत्या, सात साल पहले उनके बेटे की कर दी गयी थी हत्या

पटना.  बिहार के जाने-माने व्यवसायी गोपाल खेमका की यहां उनके आवास के निकट मोटरसाइकिल सवार हमलावर ने गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी। सात साल पहले हाजीपुर में बदमाशों ने उनके बेटे की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
 पुलिस ने बताया कि शुक्रवार रात करीब 11 बजकर 40 मिनट पर गांधी मैदान इलाके में गोपाल खेमका की हत्या कर दी गयी। अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा के लिए एक बैठक की और उस दौरान उन्होंने संबंधित अधिकारियों को गोपाल खेमका हत्याकांड की जांच शीघ्र पूरी करने का निर्देश दिया। पुलिस अधीक्षक (पटना मध्य) दीक्षा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘स्थानीय थाने के अधिकारी एवं गश्ती वाहनों में सवार पुलिसकर्मी तुरंत मौके पर पहुंचे। फॉरेंसिक विशेषज्ञ साक्ष्य एकत्र कर रहे हैं। जांच जारी है।'' उन्होंने कहा, ‘‘सीसीटीवी फुटेज खंगाली जा रही हैं। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि गोपाल खेमका को मोटरसाइकिल सवार एक अज्ञात हमलावर ने गोली मारी।'' मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, ‘‘मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि कानून व्यवस्था राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और लापरवाही बरतने पर पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई।'' बयान में कहा गया, ‘‘नीतीश ने संबंधित अधिकारियों को खेमका की हत्या के मामले की जांच जल्द से जल्द पूरी करने का निर्देश दिया।'' उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने व्यवसायी के शोकाकुल परिजनों से मुलाकात की।
 उन्होंने कहा, ‘‘यह सिर्फ हत्या नहीं है, बल्कि कानून व्यवस्था को चुनौती देने का प्रयास है। दुख की इस घड़ी में हम सभी पीड़ित परिवार के साथ हैं। इस जघन्य कृत्य में शामिल लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा। कानून को अपने हाथ में लेने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। जरूरत पड़ी तो मुठभेड़ का सहारा लिया जाएगा।'' उन्होंने कहा, ‘‘राज्य में फरार अपराधियों की संपत्ति भी ध्वस्त की जा रही है। पुलिस और प्रशासन को अपराधियों से निपटने के लिए खुली छूट दी गई है।'' गोपाल खेमका के कुछ रिश्तेदारों और परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मी घटना के करीब दो घंटे बाद मौके पर पहुंचे। हालांकि, बिहार के पुलिस महानिदेशक विनय कुमार ने  इस आरोप से इनकार किया। कुमार ने कहा, ‘‘पुलिस कार्रवाई में देरी का कोई सवाल ही नहीं है। दरअसल, घटना की जानकारी शुक्रवार देर रात करीब 12.30 बजे पुलिस तक पहुंची। शुक्रवार रात 11 बजकर 40 मिनट पर गोलीबारी होने के बाद परिवार के सदस्य उन्हें (खेमका) कंकड़बाग इलाके में एक निजी अस्पताल ले गए, जिसमें करीब 30 से 35 मिनट लगे। अस्पताल के अधिकारियों ने ही पुलिस को सूचना दी। वरिष्ठ अधिकारी रात करीब 12 बजकर 40 मिनट पर घटनास्थल पर पहुंचे।'' उन्होंने बताया कि वरिष्ठ अधिकारी रात करीब 12.40 बजे अपराध स्थल पर पहुंचे।
 पुलिस महानिदेशक ने बताया कि व्यवसायी की हत्या मामले की जांच की निगरानी के लिए एसआईटी का गठन किया गया है, जिसमें विशेष कार्य बल और मध्य पुलिस जिले के अधिकारी शामिल हैं। कुमार ने कहा कि हत्या के पीछे पुरानी रंजिश की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
 उन्होंने कहा, ‘‘तकनीकी और वैज्ञानिक साक्ष्यों के विश्लेषण और जांच के आधार पर पुलिस को हत्यारे और उससे जुड़े लोगों से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं। जांच चल रही है।'' उन्होंने कहा, ‘‘गोपाल खेमका के बेटे की भी 2018 में हाजीपुर में जमीन से जुड़े एक विवाद के कारण हत्या कर दी गई थी। इसके मद्देनजर गोपाल खेमका को भुगतान के आधार पर सुरक्षा प्रदान की गई थी। अप्रैल 2024 में इसे वापस ले लिया गया और उसके बाद उन्होंने कभी सुरक्षा की मांग नहीं की। कल की घटना के बाद पुलिस ने उनके दूसरे बेटे को सुरक्षा प्रदान की है, जो पेशे से डॉक्टर है।'' बिहार वाणिज्य एवं उद्योग मंडल के उपाध्यक्ष आशीष शंकर ने  कहा, ‘‘यह घटना गंभीर चिंता का विषय है। यह राज्य की कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान लगाती है। गोलीबारी गांधी मैदान थाने से कुछ मीटर की दूरी पर हुई, लेकिन पुलिस को मौके पर पहुंचने में कई घंटे लग गए।'' उन्होंने कहा, ‘‘यह घटना हमें उन सालों की याद दिलाती है, जब ऐसी घटनाओं को आम बात माना जाता था।''
 विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस घटना को लेकर ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘पटना में थाने से चंद कदम की दूरी पर बिहार के एक बड़े व्यवसायी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। बिहार में हर महीने सैकड़ों व्यवसायी/कारोबारी मारे जा रहे हैं, लेकिन लोग इसे जंगलराज नहीं कह रहे हैं। इसे सरकार की ‘मीडिया मैनेजमेंट' और छवि निर्माण की कवायद कहा जाता है।'' कांग्रेस की बिहार इकाई के प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा कि इस घटना ने एक बार फिर राज्य में कानून-व्यवस्था की दयनीय स्थिति को उजागर कर दिया है। राठौड़ ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार बिगड़ती कानून-व्यवस्था को रोकने में विफल रही है।'' पूर्णिया से निर्दलीय लोकसभा सदस्य राजेश रंजन उर्फ ​​पप्पू यादव ने ‘एक्स' पर लिखा, “कोई भी सुरक्षित नहीं है। राज्य में मौजूदा राजग सरकार द्वारा अपराधियों को संरक्षण दिया जा रहा है। नीतीश जी, कृपया बिहार को बख्श दीजिए।”
 

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