आग से तबाह विशाल मेगा मार्ट से दो शव बरामद
नयी दिल्ली. मध्य दिल्ली के करोल बाग स्थित विशाल मेगा मार्ट में शुक्रवार शाम लगी आग में दो लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी। पुलिस के अनुसार, कुमार धीरेंद्र प्रताप (25) के रूप में पहचाने गए व्यक्ति का शव लिफ्ट के अंदर मिला। पुलिस ने आशंका जतायी है कि आग के दौरान फंस जाने के कारण उसकी मौत दम घुटने से हुई। दूसरे पुरुष का झुलसा हुआ शव इमारत में आग बुझाने के दौरान मिला। पुलिस ने कहा कि दूसरे शव की पहचान अभी नहीं की जा सकी है। अग्निशमन विभाग और पुलिस के अनुसार, शुक्रवार शाम 6:44 बजे पदम सिंह रोड पर स्थित चार मंजिला व्यावसायिक इमारत की दूसरी मंजिल से आग लगने की सूचना मिली। पुलिस और प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आग लगने के समय कम से कम 50 लोग परिसर के अंदर मौजूद थे। एक सुरक्षा गार्ड ने धुआं देखा और अलार्म बजाकर सभी को तुरंत बाहर निकलने के लिए कहा। घटना के दौरान मौजूद 32 वर्षीय अभिषेक ने कहा, ‘‘वहां अफरा-तफरी मच गई। गार्ड शोर मचाता रहा कि ‘भागो भागो, आग लग गई है'। लोग सीढ़ियों का उपयोग करके बाहर भागे और कुछ आपातकालीन द्वार से बाहर निकलने में कामयाब रहे।'' हालांकि, धीरेंद्र ने लिफ्ट के जरिये गया और अंदर फंस गया। उसके अंतिम क्षण उसके बड़े भाई को भेजे गए हताश भरे लिखित संदेश में दर्ज हैं। शाम 6:51 बजे उसने सबसे पहले लिखा, ‘‘भैया... हम लिफ्ट में हैं। गैस के बीच फंस गये हैं। करोल बाग मेगा मार्ट।'' उसका अंतिम संदेश था, ‘‘अब सांस फूल रही है। कुछ करो।'' इसके बाद कोई संदेश नहीं भेजा गया। अग्निशमन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि आग ने मुख्य रूप से दूसरी मंजिल को प्रभावित किया, जहां काफी मात्रा में ज्वलनशील पदार्थ का भंडार था। एक अग्निशमन अधिकारी ने कहा, ‘‘बड़ी मात्रा में कपड़े और पैकेजिंग सामग्री की उपस्थिति के कारण आग तेजी से फैल गई। परिसर में धुआं भर गया, जिससे बचाव कार्य और भी मुश्किल हो गया।'' आग पर काबू पाने के लिए 13 दमकल गाड़ियां और करीब 90 अग्निशमन कर्मियों को तैनात किया गया। आग बुझाने का काम कई घंटों तक चला जो शनिवार की सुबह तक जारी रहा। अधिकारियों ने कहा कि इमारत के अंदर अपर्याप्त वेंटिलेशन ने आग बुझाने के प्रयास को और भी चुनौतीपूर्ण बना दिया और अंदर धुआं लंबे समय तक बना रहा। हालांकि आग लगने का सही कारण का अभी तक पता नहीं चल पाया है, लेकिन प्रारंभिक जांच में शॉर्ट सर्किट को संभावित कारण बताया जा रहा है। दिल्ली अग्निशमन सेवा और फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) की एक टीम ने साक्ष्य एकत्र करने के लिए घटनास्थल का दौरा किया। जांच में शामिल एक अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘प्रारंभिक जांच में एक इलेक्ट्रिक पैनल के पास जलने के निशान दिखाई दिए हैं। हालांकि, हम स्रोत की पुष्टि करने के लिए विस्तृत रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।'' उन्होंने कहा कि लापरवाही से संबंधित धाराओं सहित भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि घटना के समय सुरक्षा प्रोटोकॉल- जैसे कि कार्यात्मक अग्नि निकास, बुझाने वाले यंत्र और अलार्म- मौजूद थे या नहीं। सूत्रों के अनुसार, अधिकारी मॉल प्रबंधन और इमारत के मालिक से अग्नि सुरक्षा अनुपालन के बारे में पूछताछ कर सकते हैं। फिलहाल धीरेंद्र प्रताप का परिवार गमगीन है। मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले धीरेंद्र खुदरा स्टोर में काम करते थे और दिल्ली में रिश्तेदारों के साथ रह रहे थे। उनके भाई को जब उनका संदेश मिला तो वे तुरंत मौके पर पहुंचे, लेकिन उन्हें समय पर कोई मदद नहीं मिल पाई। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि मॉल के अंदर, आस-पास की दुकानों और यातायात चौराहों के सीसीटीवी फुटेज को जांचा जा रहा है। ऐसा न केवल अंदर मौजूद लोगों की गतिविधियों का पता लगाने के लिए, बल्कि यह भी जानने के लिए किया जा रहा है कि कहीं इसका संबंध किसी आपराधिक लापरवाही या दुर्भावना पूर्ण कृत्य से तो नहीं है।
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