देश में नियोजित लोगों की संख्या बढ़कर 64.33 करोड़ हुई: केंद्रीय मंत्री करंदलाजे
नयी दिल्ली। केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने गुरुवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आंकड़ों का हवाला देते हुए संसद में यह बताया कि देश में नियोजित लोगों की संख्या 2017-18 में 47.5 करोड़ थी, जो बढ़कर 2023-24 में 64.33 करोड़ हो गई। श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह भी बताया कि नवीनतम वार्षिक आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) रिपोर्टों के अनुसार, 2019-20, 2020-21, 2021-22, 2022-23 और 2023-24 के दौरान 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए अनुमानित महिला श्रमिक संख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर) क्रमशः 28.7 प्रतिशत, 31.4 प्रतिशत, 31.7 प्रतिशत, 35.9 प्रतिशत और 40.3 प्रतिशत था। इस बीच, बुधवार को श्रम मंत्रालय ने मीडिया में आई उस खबर को खारिज कर दिया, जिसमें आधिकारिक बेरोजगारी आंकड़ों के सटीक होने पर संदेह जताया गया था। मंत्रालय ने बताया कि सर्वेक्षण को भारत में रोजगार और बेरोजगारी के आंकड़ों के एक अनुभवजन्य और सांख्यिकीय रूप से मजबूत स्रोत के रूप में विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त है। सर्वेक्षण के आंकड़ों के अनुसार, 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) 2017-18 के 49.8 प्रतिशत से बढ़कर 2023-24 में 60.1 प्रतिशत हो गई। इसी अवधि के दौरान, श्रमिक जनसंख्या अनुपात 46.8 प्रतिशत से बढ़कर 58.2 प्रतिशत हो गया, जबकि बेरोजगारी दर 6 प्रतिशत से घटकर 3.2 प्रतिशत हो गई। मंत्रालय ने बताया कि ये संकेतक कार्यबल के उत्पादक रोजगार में अधिक समावेशन का संकेत देते हैं।
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