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 भारत में 2040 तक कैंसर रोगियों की संख्या 20 लाख तक पहुंच सकती है: केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह

दिल्ली. प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा को बताया कि दुनिया भर में कैंसर मामलों में चीन और अमेरिका के बाद भारत तीसरे स्थान पर है और 2040 तक देश में कैंसर के मामलों की संख्या लगभग 20 लाख हो सकती है। सिंह ने उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए बताया कि जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने महिलाओं में गर्भाशय (सर्वाइकल) कैंसर के उपचार के लिए पहली बार एचपीवी वैक्सीन विकसित की है और सरकार इसे किफायती दर पर या मुफ्त में अधिक बड़ी आबादी तक उपलब्ध कराने के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा, “यह सच है कि पूरी दुनिया में कैंसर के मामले बढ़े हैं। अगर आप वैश्विक आंकड़े देखें तो हर साल दुनिया में दो करोड़ कैंसर रोगी होते हैं, यानी हर साल लगभग दो करोड़ कैंसर मरीज।
भारत में ही हमारे पास लगभग 14 से 15 लाख, यानी करीब 15 लाख मामले हैं।'' सिंह ने कहा कि यह आंकड़ा 2040 तक बढ़कर लगभग 20 लाख होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि कैंसर की व्यापकता के लिहाज से भारत चीन और अमेरिका के बाद तीसरे स्थान पर हैं।” उन्होंने कहा कि इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं जिसमें देश के भीतर बीमारियों के स्वरूप में बदलाव होना शामिल है। उन्होंने कहा कि 1980 के दशक तक भारत संक्रामक रोगों से ग्रस्त था, इसके बाद गैर-संक्रामक रोगों का दौर आया। उन्होंने कहा कि आज की स्थिति में भारत दोनों से प्रभावित हैं। उन्होंने कहा, “विडंबना यह है कि इनमें से कैंसर सहित कई बीमारियां, जो जीवन के उतरार्द्ध के दशकों में होती थीं, अब प्रारंभिक दशकों में हो रही हैं। जो कैंसर पहले अधिक उम्र में होता था, वह अब कम उम्र में भी हो सकता है। यही स्थिति हार्ट अटैक की भी है, जो पहले जीवन के बाद के चरण में होते थे, अब कम उम्र में हो रहे हैं।” उन्होंने कहा कि भले ही समाज को इस बात पर गर्व है कि भारत की 70 प्रतिशत आबादी 40 वर्ष से कम उम्र की है, लेकिन सच्चाई का दूसरा पहलू यह भी है कि 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के नागरिकों की संख्या भी बढ़ी है, और इससे रोगों का बोझ भी बढ़ता है। उपचार के संबंध में मंत्री ने कहा कि सरकार ने देश के लगभग हर जिला अस्पताल में कैंसर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम शुरू किया है।
उन्होंने कहा कि यह एक विविधताओं वाला देश है और कैंसर की प्रकृति भी अलग-अलग होती है। उन्होंने कहा कि उदाहरण के लिए, उत्तर-पूर्व में सिर और गर्दन के कैंसर के मामले पाए जाते हैं। उन्होंने कहा, “वैक्सीन के बारे में, जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने पहली बार एचपीवी वैक्सीन विकसित की है, जिसे सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम में निवारक भूमिका निभाने वाला बताया जा रहा है, और कहा जाता है कि यह भारत में युवा महिलाओं में अधिक प्रचलित है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ इस बात पर बातचीत की जा रही है कि इसे अधिक व्यापक आबादी तक किफायती कीमत पर या मुफ्त में कैसे उपलब्ध कराया जाए। सिंह ने कांग्रेस सदस्य रजनी अशोकराव पाटिल के पूरक प्रश्न का उत्तर देते हुए यह बात कही। पाटिल ने पूछा था कि गरीब मरीजों के लिए आवश्यक कैंसर दवाओं की समय पर उपलब्धता और उनकी किफायती कीमत सुनिश्चित करने के लिए सरकार कौन से ठोस कदम उठा रही है?
 

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