मीराबाई चानू ने 49 किग्रा में खिताब बरकरार रखा, भारत को राष्ट्रमंडल खेलों का पहला स्वर्ण पदक दिलाया
-- प्रधानमंत्री मोदी ने चानू को दी बधाई
बर्मिंघम। मीराबाई चानू ने उम्मीद के मुताबिक राष्ट्रमंडल खेलों की भारोत्तोलन प्रतियोगिता की महिला 49 किग्रा स्पर्धा में दबदबा बनाते हुए शनिवार को यहां अपना खिताब बरकरार रखा और भारत को बर्मिंघम खेलों का पहला स्वर्ण पदक दिलाया।
ओलंपिक रजत पदक विजेता चानू ने कुल 201 किग्रा (88 किग्रा और 113 किग्रा) वजन उठाकर दबदबा बनाते हुए राष्ट्रमंडल खेलों का नया रिकॉर्ड बनाया। मॉरिशस की मेरी हानित्रा रोइल्या रानाइवोसोआ कुल 172 किग्रा वजन उठाकर चानू से काफी पीछे दूसरे स्थान पर रही जबकि कनाडा की हना कामिन्स्की ने 171 किग्रा वजन उठाकर कांस्य पदक जीता। चानू ने स्नैच वर्ग में राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप और राष्ट्रमंडल खेलों का रिकॉर्ड तोड़ा। उन्होंने क्लीन एवं जर्क तथा कुल वजन में भी नया रिकॉर्ड बनाया। अपने वजन वर्ग में खिताब की प्रबल दावेदार 27 साल की चानू ने स्नैच में 80 किग्रा और क्लीव एवं जर्क में 105 किग्रा वजन उठाकर शुरुआत की। उन्होंने पहले प्रयास के वजन को हालांकि बदलकर 84 किग्रा किया। चानू प्रतियोगिता में 88 किग्रा के निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन और क्लीन एवं जर्क में 119 किग्रा के विश्व रिकॉर्ड सहित कुल 207 किग्रा के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ उतरी थी। चुनौती पेश करने वाली खिलाड़ियों में चानू की निकटतम प्रतिद्वंद्वी नाइजीरिया की स्टेला किंगस्ले का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 168 किग्रा (72 किग्रा और 96 किग्रा) था जो उनके और अन्य खिलाड़ियों के अंतर को स्पष्ट करता है। इस स्पर्धा में चानू की प्रतिस्पर्धा अन्य से अधिक स्वयं से थी और वह अपने प्रदर्शन में सुधार के इरादे से उतरी थी। चानू ने स्नैच में पहले प्रयास में आसानी से वजन उठाया और फिर दूसरे प्रयास में 88 किग्रा वजन उठाने में सफल रही। उन्होंने तीसरे प्रयास और अंतिम प्रयास में 90 किग्रा वजन उठाने की कोशिश की लेकिन नया निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दर्ज नहीं करा पाईं। वह हालांकि क्लीन एवं जर्क के लिए उतरने से पहले रानाइवोसोआ पर 12 किग्रा की बढ़त बना चुकी थी। क्लीन एवं जर्क स्पर्धा की शुरुआत में ही बांग्लादेश की मारिया अख्तर 70 किग्रा वजन उठाने में नाकाम रही और इस दौरान वहीं गिर गईं। चानू की निकटतम प्रतिद्वंद्वियों ने उनसे 15 किग्रा कम वजन उठाने का प्रयास किया जिससे स्पर्धा का नतीजा तय हो गया था। रजत और कांस्य पदक के लिए किंगस्ले, कामिन्स्की और रानाइवोसोआ के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली।
नाइजीरिया की किंगस्ले को निराशा हाथ लगी क्योंकि उनके 98 किग्रा के प्रयास को वैध नहीं माना गया क्योंकि वह समय से पहले ही जश्न मनाने लगी। चानू ने क्लीन एवं जर्क में पहले प्रयास में आसानी से 109 किग्रा उठाया और फिर दूसरे प्रयास में 113 किग्रा वजन उठाने में सफल रहीं। चानू ने 119 किग्रा के अपने विश्व रिकॉर्ड की बराबरी का जोखिम नहीं उठाया और अंतिम प्रयास में 115 किग्रा वजन उठाने की कोशिश की लेकिन नाकाम रहीं।
प्रधानमंत्री मोदी ने चानू को दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीराबाई चानू को स्वर्ण जीतने पर बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट किया, ''असाधारण मीराबाई चानू ने एक बार फिर भारत को गौरवान्वित किया! हर भारतीय इस बात से खुश है कि उन्होंने बर्मिंघम खेलों में एक स्वर्ण पदक जीता और एक नया राष्ट्रमंडल रिकॉर्ड बनाया। उनकी सफलता कई भारतीयों को प्रेरित करती है, विशेषकर नए एथलीटों को।''
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