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रायपुर। उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवा और मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराने वाले छत्तीसगढ़ के छह शासकीय अस्पतालों को केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (NQAS – National Quality Assurance Standard) प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है। इनमें चार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और दो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शामिल हैं। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की विशेषज्ञों की टीम द्वारा विगत अप्रैल, मई और जून में इन अस्पतालों में मरीजों के लिए उपलब्ध सेवाओं की गुणवत्ता के परीक्षण के बाद राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण पत्र जारी किया गया है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सरगुजा जिले के उदयपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और महासमुंद के बागबहरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण पत्र से नवाजा गया है। जांजगीर-चांपा जिले के जर्वे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, बस्तर के कुम्हरावंड प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सरगुजा के बटईकेला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और कांकेर के बागोदर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को भी भारत सरकार द्वारा यह प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के विशेषज्ञों द्वारा मरीजों के लिए अस्पताल में उपलब्ध सेवाओं की गुणवत्ता के परीक्षण में उदयपुर सीएचसी को 87 प्रतिशत और बागबहरा सीएचसी को 85 प्रतिशत अंक मिले हैं। वहीं जर्वे पीएचसी को 82 प्रतिशत, बागोदर पीएचसी को 80 प्रतिशत, बटईकेला पीएचसी को 76 प्रतिशत और कुम्हरावंड पीएचसी को 75 प्रतिशत अंक मूल्यांकन में प्राप्त हुए हैं। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र प्रदान करने के पूर्व विशेषज्ञों की टीम द्वारा अस्पताल की सेवाओं और संतुष्टि स्तर का विभिन्न मानकों पर परीक्षण किया जाता है। इनमें उपलब्ध सेवाएं, मरीजों के अधिकार, इनपुट, सपोर्ट सर्विसेस, क्लिनिकल सर्विसेस, इन्फेक्शन कंट्रोल, गुणवत्ता प्रबंधन और आउटकम जैसे पैरामीटर शामिल हैं। इन कड़े मानकों पर खरा उतरने वाले अस्पतालों को ही केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा गुणवत्ता प्रमाण पत्र जारी किए जाते हैं। -
कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा ने निरीक्षण कर लिया जायजा
तारामंडल के जरिए चांद, सूरज, आकाश देख सकेंगे जमीन पर
जिले का पहला तारामंडल का निर्माण हो रहा है भिलाई में, शीघ्र ही होगा प्रारंभ
भिलाई/ नगर पालिक निगम भिलाई क्षेत्र अंतर्गत खुर्सीपार आईटीआई कैंपस में 500 महिलाओं को रोजगार देने के लिए गारमेंट फैक्ट्री निर्माण पर तेज गति से काम किया जा रहा है। आज कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा, निगम आयुक्त रोहित व्यास एवं आईएएस लक्ष्मण तिवारी ने कार्य का निरीक्षण कर जायजा लिया। निरीक्षण में कार्य को शीघ्रता से करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए। लगभग 3300 स्क्वायर फिट में गारमेंट फैक्ट्री का निर्माण किया जा रहा है। जिसमें शौचालय की व्यवस्था तथा किड्स जोन भी होगा। वाटर कूलर भी लगाए जाएंगे। महिलाओं को गारमेंट फैक्ट्री के संचालन के लिए 45 दिवस की ट्रेनिंग भी दी जाएगी, ट्रेनिंग के पश्चात ही प्राइमरी शेड से मेन शेड में महिलाओं को कार्य हेतु भेजा जाएगा। गारमेंट फैक्ट्री को सुरक्षित रखने के लिए चारों ओर से बाउंड्री वाल का निर्माण किया जाएगा। गारमेंट फैक्ट्री में कपड़े के लिए मशीन स्थापित किए जाएंगे तथा इसके संचालन के लिए भी निगम के द्वारा व्यवस्था की जाएगी। कलेक्टर श्री मीणा ने सभी कार्य को साथ में करते हुए पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं, उन्होंने गारमेंट फैक्ट्री के पास महिलाओं के सुविधाओं के लिए कैंटीन प्रारंभ करने कहा है। इसके अलावा खुर्सीपार जोन क्षेत्र में मंगल भवन में बीपीओ के कार्यों का जायजा कलेक्टर ने लिया गया। कार्य की प्रगति देखी गई तथा गुणवत्तापूर्ण कार्य करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए। गौरतलब है कि युवाओं को रोजगार देने के लिए बीपीओ खोला जा रहा है। नगर के समीप उद्यान में तारामंडल का निर्माण किया जा रहा है जहां लोग चांद, सूरज, तारे, अकाश एवं खगोलीय घटनाओं को इसके जरिए देख सकेंगे। जिले का यह पहला तारामंडल भिलाई में होगा। कलेक्टर ने कार्य को तेजी से पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने उद्यान में तारामंडल के समीप आकर्षक लैंडस्कैपिंग के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया है, ताकि यहां आने वाले लोगों को उद्यान सुंदर प्रतीत हो सके। निरीक्षण के दौरान जोन अपर आयुक्त अशोक दिवेदी, स्वास्थ्य अधिकारी धर्मेंद्र मिश्रा, जोन आयुक्त राजेंद्र नायक, पूजा पिल्ले, अधीक्षण अभियंता संजय बागड़े, कार्यपालन अभियंता विनीता वर्मा एवं आर एस राजपूत, उप अभियंता चंद्रकांत साहू एवं कृष्णा जंघेल आदि मौके पर मौजूद रहे। -
दुर्ग / मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जे.पी. मेश्राम के निर्देशानुसार जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ.एस.के.जामगड़े के नेतृत्व में सघन मिशन इन्द्रधनुष 5.0 अभियान अगस्त, सितम्बर, एवं अक्टूबर 2023 को तीन चरणों में चलाया जाना है। इस संबंध में आयोजित बैठक में जिले के जिला परिवार कल्याण अधिकारी, जिला मलेरिया अधिकारी, समस्त नोडल अधिकारी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, खण्ड चिकित्सा अधिकारी, शहरी खण्ड चिकित्सा अधिकारी, खण्ड विस्तार प्रशिक्षण अधिकारी, मितानिन जिला समन्वयक, एवं अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम के बारे में विस्तार से डॉ.रश्मि भोसले आर.सी.एच. कन्सलटेन्ट एवं श्रीमती राखी सोेनी डी.डी.एम. एवं श्री कृष्ण कुमार साहू वैक्सीन कोल्ड चैन मेनेजर के द्वारा सघन मिषन इन्द्रधनुष 5.0 अभियान एवं यू-विन की सम्पूर्ण जानकारी विस्तार से दी गई। नियमित टीकाकरण के सुदृढ़ीकरण तथा डिजीटलाईजेशन हेतु भारत सरकार द्वारा यू-विन प्रारंभ किया गया है। जिसके अंतर्गत नियमित टीकाकरण के सत्र के प्लानिंग एवं सत्र के क्रियान्वयन टीकाकरण की रिपोर्टिग, टीकाकरण पश्चात सर्टिफिकेट, लाभार्थियांे का ड्यू लिस्ट तैयार करना, यू-डब्लूआईएन पोर्टल के माध्यम से ऑन लाईन से किया जाना है। गर्भवती महिलाओं के मुख्य उद्देश्य यू-विन नाम से कार्यक्रम की शुरूआत की गई। सघन मिषन इंद्र धनुष 5.0 के पूर्व हेड काउंट सर्वे माह जुलाई में किया जायेगा। सघन मिषन इ्रद्र धनुष 5.0 अभियान में मुख्य रूप से मिजल्स, रूबेला वैक्सीन, न्यूमोकोकल कॉजूगेट वैक्सीन साथ ही इस वर्ष प्रारंभ इन एक्टीवेटेड पोलियो वैक्सीन के कवरेज को बढ़ाने हेतु एक दिवसीय जिला स्तरीय प्रशिक्षण कराया गया। जिससे टीकाकरण की उपलब्धी शतप्रतिशत के साथ ही लाभार्थियों को इसका लाभ मिल सके।
- -21 जुलाई को ‘टॉपर्स टॉक’ में रायपुर आ रहें यूपीएससी के टॉप रैंकर्स-’स्थानीय प्रतिभागियों को मिलेंगी टिप्स, होगी परीक्षा के हर पहलू पर बात’रायपुर /यूपीएससी परीक्षा क्रेक करने का सपना देखने वाले छत्तीसगढ़ के परीक्षार्थियों के लिए 21 जुलाई का दिन विशेष होने वाला है। छत्तीसगढ़ के प्रतिभागियों को इस दिन यूपीएससी की सिविल सर्विसेस परीक्षाओं के टॉपर्स से मिलने, बात करने का सुनहरा मौका मिलने वाला है। 21 जुलाई को यूपीएससी परीक्षा में पहले तीन स्थानों पर चयनित टॉपर्स रायपुर आ रहें है। यूपीएससी की 2022 सिविल सेवा परीक्षा की टॉपर इशिता किशोर के साथ सेकेण्ड टॉपर गरिमा लोहिया और नौवाँ स्थान प्राप्त करने वाली कनिका गोयल भी रायपुर आ रहीं हैं। 2022 की परीक्षा में 17वीं रैंक पाने वाले अविनाश कुमार, छत्तीसगढ से सर्वोच्च रैंक पाने वाले अभिषेक चतुर्वेदी और 2021 की परीक्षा से भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयनित प्रखर चंद्राकर भी इन टॉपर्स के साथ रहेंगे।कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर भुरे ने इस बारे में बताया कि जिला प्रशासन द्वारा छत्तीसगढ़ में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर आईएएस, आईपीएस जैसे पदों पर चयनित होने की इच्छा रखने वाले परीक्षार्थियों को प्रोत्साहित करने के लिए 21 जुलाई को टॉपर्स टॉक आयोजित की जा रही है। दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में सुबह 10 बजे से होने वाली इस टॉपर्स टॉक में स्थानीय प्रतियोगियों को चयनित टॉपर्स से यूपीएससी क्रेक करने की टिप्स मिलेंगी। यूपीएससी की सिविल सर्विसेस परीक्षा को क्रेक करने के लिए पढ़ने के तरीके, पढ़ने का सिलेबस, समय प्रबंधन, दैनिक दिनचर्या से लेकर मनोरंजन, खाने पीने से लेकर अन्य सभी विषयों पर टॉपर्स के सुझाव स्थानीय प्रतिभागियों को मिलेंगे।डॉ. भुरे ने बताया कि टॉपर्स टॉक के आयोजन का मुख्य उद्देश्य छत्तीसगढ़ के यूपीएससी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले प्रतिभागियों को प्रोत्साहित करना है। राजधानी रायपुर में इस टॉपर्स टॉक से यूपीएससी जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए माहौल निर्मित होगा और अधिक से अधिक युवा इन परीक्षाओं के लिए आकर्षित होंगे। टॉपर्स से प्रेरणा और टिप्स लेकर परीक्षाओं की तैयारियों के लिए माहौल बनेगा जिससे छत्तीसगढ़ से देश की सबसे प्रतिष्ठित सेवाओं में ज्यादा से ज्यादा परीक्षार्थी सफल हो सकेंगे।
- -भर्ती के लिए बनी नियमावली-सभी पद स्कूल शिक्षा विभाग से प्रतिनियुक्ति पर ही भरे जा सकेंगेरायपुर / स्वामी आत्मानंद हिन्दी माध्यम के 318 स्कूलों में 9117 पदों पर भर्ती की जाएगी। इसको लेकर प्रक्रिया शुरू हो गई है। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आत्मानंद स्कूलों में विभिन्न पदों की भर्ती के लिए नियमावली जारी कर दी गई है। सभी पद स्कूल शिक्षा विभाग से प्रतिनियुक्ति पर ही भरे जाएंगे। प्रत्येक स्कूल हेतु कलेक्टर की अध्यक्षता में एक सोसायटी का गठन किया गया है। इन स्कूल के संचालन हेतु गठित सोसायटी को भर्ती एवं स्कूल संचालन के अधिकार हस्तांतरित किए गए हैं।स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिन्दी स्कूलों में प्राचार्य, उप प्राचार्य, व्याख्याता, प्रधान पाठक (प्राइमरी एवं मीडिल स्कूल), शिक्षक, व्यायाम शिक्षक, कम्प्यूटर शिक्षक, सहायक शिक्षक, सहायक शिक्षक विज्ञान (प्रयोगशाला), ग्रंथपाल, लेखापाल एवं सहायक ग्रेड-02, सहायक ग्रेड-03, भृत्य, चौकीदार एवं अंशकालीन सफाई कर्मी के पद पर भर्ती की जाएगी। इसके लिए राज्य शासन द्वारा सोसायटी को पद अंतरित कर दिए गए हैं। उल्लेखनीय है कि राज्य शासन द्वारा पूर्व में लिए गए निर्णय के अनुसार प्रदेश में शिक्षा सत्र 2022-23 से 32 स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिन्दी माध्यम विद्यालयों का संचालन कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति को सौंपा गया था।स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा स्कूल संचालन के संबंध में सोसायटी की नियमावली तय की गई है, जिसके अनुसार विद्यालय के संचालन के लिए पंजीकृत सोसायटी के राज्य शासन द्वारा अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा और सोसायटी अन्य स्त्रोतों से भी धन जुटा सकेगी। विद्यालय के संचालन हेतु आवश्यक पद शासन की अनुमति से समिति द्वारा निर्मित किए जा सकेंगे। राज्य शासन द्वारा सोसायटी को अंतरित किए गए सभी पदों को सोसायटी केवल राज्य शासन के स्कूल शिक्षा विभाग से प्रतिनियुक्ति पर ही भर सकेगी। इन पदों पर सोसायटी द्वारा सीधी भर्ती अथवा संविदा नियुक्ति नहीं की जाएगी। इन स्कूलों में वर्तमान में पदस्थ कर्मचारियों को प्रतिनियुक्ति पर लेना सोसायटी के लिए अनिवार्य नहीं होगा। यदि सोसायटी इन कर्मचारियों को स्कूल के लिए उपयुक्त पाती है और यह कर्मचारी सोसायटी में प्रतिनियुक्ति पर कार्य करना चाहते हैं तो सोसायटी उन्हें प्रतिनियुक्ति पर ले सकेगी, अन्यथा सोसायटी राज्य शासन स्कूल शिक्षा विभाग के अन्य कर्मचारी को प्रतिनियुक्ति पर ले सकेगी।गौरतलब है कि प्रदेश में सत्र 2022-23 से 32 स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट माध्यम विद्यालयों का संचालन कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति को सौंपा गया था। इस योजना की सफलता को देखते हुए राज्य शासन ने निर्णय लिया है कि अब प्रदेश में 318 स्कूलों को स्वामी आत्मानंद हिन्दी माध्यम उत्कृष्ट के रूप में विकसित किया जाएगा। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी सूची के अनुसार इन 318 स्कूलों में से सबसे अधिक दंतेवाड़ा जिले में 54, बस्तर जिले में 43, कोरबा में 37, कांकेर और रायगढ़ जिले में 30-30, बीजापुर जिले में 22, सुकमा जिले में 18, दुर्ग और बिलासपुर जिले में 13-13 स्कूलों को स्वामी आत्मानंद हिन्दी माध्यम उत्कृष्ट विद्यालय के रूप में विकसित किया जाएगा। इसी प्रकार जिला बालोद में 10, बलौदाबाजार में 8, जांजगीर-चांपा और सांरगढ़-बिलाईगढ़ में 6-6, कोण्डागांव में 5, जशपुर और बलरामपुर में 4-4, सरगुजा और सूरजपुर में 3-3, गरियाबंद, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही और नारायणपुर में 2-2, धमतरी, कोरिया और कबीरधाम जिले में 1-1 स्कूलों को स्वामी आत्मानंद हिन्दी माध्यम उत्कृष्ट विद्यालय के रूप में विकसित किया जाएगा।
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-मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना के तहत वित्तीय सहभागिता एवं नीलगिरी के वृक्षारोपण के उत्पाद की वापस खरीदी हेतु हुआ समझौता
-वर्ष 2023-24 में कुल 13,000 कृषकों के 22,000 एकड़ निजी भूमि में 1 करोड़ 86 लाख 14 हजार नग क्लोनल नीलगिरी पौधा रोपण का लक्ष्यरायपुर,।/राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी ‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना’ अंतर्गत छत्तीसगढ़ में वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल 13,000 कृषकों के 22,000 एकड़ निजी भूमि में 1 करोड़ 86 लाख 14 हजार नग क्लोनल नीलगिरी पौधा रोपण का लक्ष्य है। इसके सफल क्रियान्वयन के लिए वित्तीय सहभागिता तथा नीलगिरी वृक्षारोपण के उत्पाद की वापस खरीदी के संबंध में वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग छत्तीसगढ़ और सहयोगी संस्था/निजी कम्पनियों के मध्य द्विपक्षीय करारनामा में आज 13 जुलाई को हस्ताक्षर किया गया।गौरतलब है कि ‘मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना’ के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में वन क्षेत्र के बाहर कृषकों तथा अन्य हितग्राहियों की निजी भूमि पर प्रति वर्ष 36,000 एकड़ की दर से पांच वर्षाे में 1,80,000 एकड़ में क्लोनल नीलगिरी एवं अन्य वृक्षों का वाणिज्यिक वृक्षारोपण का लक्ष्य है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य सहयोगी संस्था तथा निजी कम्पनियों के वित्तीय सहभागिता से कृषकों और अन्य हितग्राहियों की निजी भूमि पर वाणिज्यिक प्रजातियों के वृक्षारोपण को बढ़ावा देना है, इसके माध्यम से योजना के हितग्राहियों के उत्पाद की वापस खरीदी सुनिश्चित करते हुए उनकी आय में बढ़ोत्तरी करना है। साथ ही राज्य में काष्ठ, प्लाईवुड एवं पल्पवुड आधारित उद्योगों को बढ़ावा देते हुए अतिरिक्त कर के रूप में शासन के राजस्व में वृद्धि लाना है।मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना प्रारंभ करने के संबंध में, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के साथ सहयोगी संस्था एवं निजी कम्पनी के प्रतिनिधि श्री अजय नियोडिंग, वाईस प्रेसिडेंट, ओरियंट पेपर मिल अमलाई तथा श्री सुनील पाण्डेय, वाईस प्रेसिडेंट आईटीसी लिमिटेड पीएसपीडी भद्राचलम द्वारा आज कार्यालय प्रधान मुख्य वन संरक्षक, अरण्य भवन, अटल नगर, नवा रायपुर में द्विपक्षीय करारनामा में हस्ताक्षर किया गया। उनके द्वारा कृषकों की निजी भूमि में वृक्षारोपण हेतु क्लोनल नीलगिरी पौधा प्रदाय किया जा रहा है। - रायगढ़ । आज सुबह पुलिस कार्यालय में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री सदानंद कुमार एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री संजय महादेवा द्वारा छत्तीसगढ़ पुलिस राज्य स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता में हॉकी और एथलेटिक में विजयी होकर स्वर्ण और रजत पदक के साथ रायगढ़ लौटे खिलाड़ी पुलिसकर्मियों को पुष्पगुच्छ और मेडल पहनाकर उनका सम्मान किया गया और उन्हें माह सितंबर में होने वाले ऑल इंडिया गेम्स के लिए शुभकामनाएं दिया गया है ।छत्तीसगढ़ पुलिस राज्य स्तरीय खेल प्रतियोगिता 2023 में पुलिस रेंज और छसबल की टीमों के बीच विभिन्न खेलों का आयोजन रायपुर में हुआ जिसमें बिलासपुर रेंज की हॉकी टीम में जिला पुलिस बल रायगढ़ के 7 खिलाड़ी शामिल थे । इस हॉकी टीम का कैप्टन रोशन एक्का (आरक्षक थाना चक्रधरनगर), वाइस कैप्टन विनोज लकड़ा (थाना कोतवाली रायगढ़) के साथ टीम में प्रधान आरक्षक अनूप तिग्गा (चौकी रैरूमाखुर्द) आरक्षक एलियस केरकेट्टा (थाना लैलूंगा), जेरोम खलखो (डीसीबी), सत्यवान लकड़ा (थाना भूपदेवपुर), अरविंद लकड़ा (थाना लैलूंगा) के साथ रेंज के अन्य जिलों के पुलिसकर्मी शामिल थे । बिलासपुर रेंज की हॉकी टीम ने प्रतियोगिता में बस्तर रेंज, सरगुजा रेंज, दुर्ग छसबल के साथ मैच खेल कर फाइनल में मध्य रायपुर छसबल बल पर 4-1 से विजयी रही । हॉकी खिलाड़ी आरक्षक विनोज लकड़ा मिड फील्डर और आरक्षक रोशन एक्का सेंटर फॉरवर्ड पोजीशन से खेलते हैं, प्रतियोगिता में इनका शानदार प्रदर्शन रहा, दोनों खिलाड़ियों का सितंबर 2023 में ऑल इंडिया पुलिस मीट गेम्स में छत्तीसगढ़ पुलिस की हॉकी टीम में चयन हुआ है।वहीं जिला पुलिस रायगढ़ में पदस्थ एथलेटिक्स का नेशनल खिलाड़ी आरक्षक अचिन्त गबेल (थाना अजाक) प्रतियोगिता के 1500 मीटर दौड़ में द्वितीय स्थान प्राप्त कर रजत पदक हासिल किया । जिले का होनहार खिलाड़ी अचिन्त गबेल राष्ट्रीय खेलों में 6 स्वर्ण, 3 रजत और 3 बार कांस्य पदक प्राप्त कर चुका है । अचिन्त गबेल का भी ऑल इंडिया पुलिस मीट गेम्स में 10 किलोमीटर क्रॉस कंट्री दौड़ सिलेक्शन हुआ है । सम्मान कार्यक्रम दौरान कार्यालय के मुख्य लिपिक श्री जे.पी. चेलकर और समस्त स्टाफ ने प्रतियोगिता में बेहतरीन प्रदर्शन के लिये बधाई और ऑल इंडिया गेम्स के लिए शुभकामनाएं दिया गया है ।
- -60 से 120 रुपए कीमत में मिल रही रंग-बिरंगी गेड़ी, बच्चों से लेकर बड़ों में दिख रहा उत्साह-बसोड़ कारीगरों से विशेष रूप से तैयार करवाया गया है गेड़ी-कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा के सीईओ जनपदों को निर्देश, स्थानीय स्तर पर भी गेड़ी करवाएं उपलब्धरायगढ़ / छत्तीसगढ़ के पहले त्यौहार के रूप में मनाए जाने वाली हरेली शहरवासियों के लिए इस बार कुछ खास होने वाली हैं। क्योंकि इस दफे हरेली तिहार की विशेष पहचान 'गेड़ी' चढऩे का आनंद गांवों और शहरों के लोग उठा सकेंगे। वन विभाग द्वारा विशेष रूप से बसोड़ कारीगरों से गेड़ी तैयार करवाया गया है। जो विक्रय के लिए रायगढ़ के सी-मार्ट में उपलब्ध है।राज्य में हरेली के दिन किसान अपनी कृषि कार्य के पहले चरण में बोनी कर अच्छी फसल की कामना करते हुए पर्व को हर्षोल्लास से मनाते हैं। इस दिन मुख्यत: किसान बैल, नांगर, ट्रेक्टर एवं अन्य कृषि औजारों की पूजा करता हैं। इस दरम्यान ग्रामीण अंचल में कई प्रकार के खेल आयोजन के साथ बच्चों से लेकर बड़ों तक बांस, लकड़ी से बने गेड़ी का आनंद उठाते हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा राज्य के पारम्परिक रीति-रिवाज, खान-पान के साथ यहां की संस्कृति, स्थानीय खेल को संरक्षित करने की दिशा में वृहद स्तर पर कार्य किया जा रहा हैं। इसी क्रम में मुख्यमंत्री श्री बघेल के मंशानुरूप शासन से सस्ते दर पर बसोड़ कारीगरों और वन प्रबंधन समितियों के माध्यम से वन विभाग द्वारा पहली बार गेड़ी का निर्माण कराया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में हरेली के दिन खेल प्रतियोगिताओं के साथ छत्तीसगढिय़ां ओलम्पिक भी हरेली के दिन प्रारंभ होगी।कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा के निर्देशन में हरेली त्यौहार को खास बनाने, वन विभाग रायगढ़ एवं धरमजयगढ़ द्वारा बड़ी मात्रा में गेड़ी बनाया जा रहा हैं। ताकि ग्रामीण अंचल के साथ शहरवासी भी गेड़ी का आनंद ले सकें। जिससे गेड़ी जैसी लोकप्रिय खेल सामग्री विक्रय के लिए अब सी-मार्ट में आसानी से उपलब्ध है। इसके साथ ही कलेक्टर श्री सिन्हा ने सभी सीईओ जनपद को स्थानीय स्तर पर भी वन विभाग द्वारा तैयार करवाई गई गेड़ी उपलब्ध करवाने को कहा हैं। ताकि ग्रामीण छत्तीसगढिय़ां ओलम्पिक के साथ हरेली पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाया जा सके।सी-मार्ट में गेड़ी देखकर हुयी खुशी, बेटी के लिए खरीदी गेड़ीरायगढ़ की श्रीमती ज्योति साहू अपनी बेटी के लिए सी-मार्ट में गेड़ी खरीदने आयी थी। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि राज्य शासन द्वारा पारंपरिक छत्तीसगढिय़ां पर्व को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वे बचपन में गेड़ी का आनंद उठा चुकी है, लेकिन आज के बच्चे गेड़ी को जानते भी नहीं है। लेकिन जिला प्रशासन की पहल पर आज गेड़ी सी-मार्ट में उपलब्ध है, जिसके कारण बच्चों के साथ बड़ों में भी गेड़ी के प्रति उत्साह देखी जा रही है।हरेली में गेड़ी खरीदी को लेकर दिख रहा उत्साह, अच्छी हो रही खरीदीसी-मार्ट के मैनेजर श्री पुष्पेंद्र साहू ने बताया कि जिले के धरमजयगढ़ एवं रायगढ़ वन मंडल से गेड़ी आ रही रही हैं। जिसकी कीमत 60 एवं 120 रुपए है। वर्तमान में 150 से अधिक गेड़ी का विक्रय किया जा चुका हैं, इसमें सभी उम्र के लोग गेड़ी खरीदने आ रहे हैं। इसके साथ ही छत्तीसगढिय़ां ओलम्पिक के लिए बड़ी संख्या में जनपदों से ऑर्डर आ रहे हैं। गेड़ी के अलावा यहां भौरा, बांटी, रस्सी भी उपलब्ध किया गया हैं।
- रायपुर। उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवा और मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराने वाले छत्तीसगढ़ के छह शासकीय अस्पतालों को केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (NQAS – National Quality Assurance Standard) प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है। इनमें चार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और दो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शामिल हैं। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की विशेषज्ञों की टीम द्वारा विगत अप्रैल, मई और जून में इन अस्पतालों में मरीजों के लिए उपलब्ध सेवाओं की गुणवत्ता के परीक्षण के बाद राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण पत्र जारी किया गया है।केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सरगुजा जिले के उदयपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और महासमुंद के बागबहरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण पत्र से नवाजा गया है। जांजगीर-चांपा जिले के जर्वे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, बस्तर के कुम्हरावंड प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सरगुजा के बटईकेला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और कांकेर के बागोदर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को भी भारत सरकार द्वारा यह प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है।केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के विशेषज्ञों द्वारा मरीजों के लिए अस्पताल में उपलब्ध सेवाओं की गुणवत्ता के परीक्षण में उदयपुर सीएचसी को 87 प्रतिशत और बागबहरा सीएचसी को 85 प्रतिशत अंक मिले हैं। वहीं जर्वे पीएचसी को 82 प्रतिशत, बागोदर पीएचसी को 80 प्रतिशत, बटईकेला पीएचसी को 76 प्रतिशत और कुम्हरावंड पीएचसी को 75 प्रतिशत अंक मूल्यांकन में प्राप्त हुए हैं।उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र प्रदान करने के पूर्व विशेषज्ञों की टीम द्वारा अस्पताल की सेवाओं और संतुष्टि स्तर का विभिन्न मानकों पर परीक्षण किया जाता है। इनमें उपलब्ध सेवाएं, मरीजों के अधिकार, इनपुट, सपोर्ट सर्विसेस, क्लिनिकल सर्विसेस, इन्फेक्शन कंट्रोल, गुणवत्ता प्रबंधन और आउटकम जैसे पैरामीटर शामिल हैं। इन कड़े मानकों पर खरा उतरने वाले अस्पतालों को ही केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा गुणवत्ता प्रमाण पत्र जारी किए जाते हैं।
- -छत्तीसगढ़ रीजनल साइंस सेंटर में मनाया गया स्थापना दिवस-रीजनल साइंस सेंटर की वेबसाइट का हुआ विमोचन-विज्ञान प्रश्नोत्तरी, विज्ञान प्रादर्श प्रदर्शनी, वैज्ञानिक व्याख्यान एवं विज्ञान चित्र प्रतियोगिता का हुआ आयोजनरायपुर /छत्तीसगढ़ रीजनल साइंस सेंटर के 12वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधायक श्री सत्यनारायण शर्मा ने विज्ञान लोकव्यापीकरण की महत्वपूर्ण भूमिका को इंगित करते हुए इसे जन-मानस तक पहुंचाने में साइंस सेन्टर की महती भूमिका की सराहना की। उन्होंने विद्यार्थियों को विज्ञान के क्षेत्र में नवाचार हेतु प्रेरित किया। इस अवसर उन्होंने रीजनल साइंस सेंटर की वेबसाइट का भी विमोचन किया गया।मुख्य अतिथि विधायक श्री सत्यनारायण शर्मा ने साइंस सेंटर के 12 वर्ष पूर्ण होेने पर अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि बच्चों में विज्ञान के प्रति हमारी रूचि कैसे बढ़े, विज्ञान विषय को रूचिकर कैसे बनाएं। इस दिशा में साइंस सेंटर काम कर रहा है। कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद, कोलकाता के पूर्व महानिदेशक श्री जी. एस. रौतेला ने की। कार्यक्रम में विभिन्न शालाओं से आये 500 छात्र-छात्राओं ने अन्य अन्य कार्यक्रम यथा- विज्ञान प्रश्नोत्तरी, विज्ञान प्रादर्श प्रदर्शनी, वैज्ञानिक व्याख्यान एवं विज्ञान चित्र प्रतियोगिता आयोजित की गई। प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र तथा चयनित उत्कृष्ट विद्यार्थियों को वर्ग अनुसार पुरस्कार विधायक श्री सत्यनारायण शर्मा एवं महानिदेशक श्री एस.एस. बजाज द्वारा प्रदान किया।छत्तीसगढ़ रीजनल साईंस सेन्टर का मुख्य उद्देश्य समाज के वैज्ञानिक संकाय को प्रोत्साहित करना तथा उनमें तार्किक वैज्ञानिक सोच विकसित करना है। छत्तीसगढ़ रीजनल साईंस सेन्टर अपने विभिन्न क्रियाकलापों, उपलब्ध प्रतिक्रियात्मक प्रदर्शनियों जैसे परिमापन, छत्तीसगढ़ के संसाधन एवं मनोरंजन विज्ञान गैलरियों, अस्थायी प्रदर्शनी हॉल, बच्चों का कोना, विज्ञान प्रदर्शन कोना, तारामण्डल, 3-डी रंगमंच सुविधा, विज्ञान उद्यान, वाचनालय-सह-संगोष्ठी हॉल तथा अन्य जनोपयोगी सुविधाएं का उपयोग करते हुये अपने उद्देश्यों के पूर्ति के लिये स्थापना वर्ष से सतत प्रयासरत है। कार्यक्रम में महानिदेशक श्री एस.एस. बजाज द्वारा विज्ञान लोकव्यापीकरण के क्षेत्र में प्रदेश स्तर पर सतत कार्य करने हेतु केन्द्र की प्रतिबद्धता व्यक्त की एवं अतिथियों एवं छात्र-छात्राओं को धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।गौरतलब है कि विज्ञान के क्षेत्र में समसामयिक अनुसंधान के प्रति जन जागरुकता विकसित करने तथा जन मानस के प्रति विज्ञान के प्रति रुचि जागृत करने में विज्ञान केन्द्रों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। वर्ष 1950 में पं. जवाहर लाल नेहरू, भारत के प्रथम प्रधानमंत्री तत्कालीन समय के प्रसिद्ध उद्योगपति श्री जी.डी. बिड़ला एवं विश्व के प्रसिद्ध भौतिकीविद प्रो. के. सी. कृष्णनन एवं डॉ. बी.सी. रॉय ने भारत में विज्ञान संग्रहालय के स्थापना की नींव रखी। इस तारतम्य में राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के तहत् 1978 में स्थापित किया गया जो कि पूरे भारत में फैले 26 विज्ञान केन्द्रों की स्थापना एवं संचालन में महती भूमिका है। इसी श्रृंखला में राज्य के जनमानस में विज्ञान के प्रति रूचि जागृत करने एवं सम-सामयिक अनुसंधान के प्रति जागरूकता विकसित करने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ रीजनल साईंस सेन्टर की स्थापना की गई।
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-बारह महीने पानी से लबालब रहता है ऐतिहासिक बूढ़ा देव तालाब
-ग्रामीणों को मिल रहा लाभ-महिलाओं की आर्थिक स्थिति हो रही सुदृढ़रायपुर / राज्य के तालाबों का उपयोग अब गांवों की आर्थिक तरक्की के लिए होने लगा है। तालाबों का मछली पालन, बतख पालन, सिंघाड़े की खेती, जल पर्यटन और अन्य गतिविधियों जैसे विभिन्न उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जा रहा है। यह रोजगार मूलक भी है। अमृत सरोवर निर्माण से उमरगांव एक सामाजिक मिलन स्थल के रूप में भी स्थापित होने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।ऐतिहासिक बूढ़ा तालाब अब ग्रामीणों के आय स्त्रोत का एक जरिया बन चुका है। कुछ वर्षाें पहले तक जिस तालाब का जलस्तर लगातार घट रहा था, आज वह बारह महीने पानी से लबालब रहता है। धमतरी जिला के नगरी विकासखंड स्थित ग्राम पंचायत उमरगांव स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान जंगल सत्याग्रह और झंडा सत्याग्रह जैसे महान योगदानों का हिस्सा रहा है। आदिवासी बाहुल्य उमरगांव में आदिदेव बूढ़ादेव के नाम से इस तालाब का निर्माण कराया गया था, जो धीरे-धीरे अपना अस्तित्व खोता जा रहा था। तालाब का जलस्तर लगातार गिर रहा था, परंतु आज अमृत सरोवर योजना से बूढ़ादेव तालाब को नया जीवन मिल गया है।धमतरी जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती रोक्तिमा यादव ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार गांवों में अमृत सरोवर योजना के तहत तालाबों के जीर्णोद्धार और निर्माण किया जा रहा है। गर्मी के दिनों में पेयजल, सिंचाई संबंधित जल व्यवस्था और भूमिगत जल का स्तर बनाये रखने के लिए किया जा रहा है। इस योजना से सरोवर पानी संग्रहण हेतु कारगर सिद्ध हो रहे हैं। निर्माण कार्य में ग्रामीणों विशेषकर महिलाओं की सक्रिय भागीदारी रही है। महिलाओं को व्यवसाय के प्रति स्वावलंबी बनाने के लिए निर्मित अमृत सरोवर में मछली पालन की ओर उन्मुख किया जा रहा है। महिलाओं में भी व्यवसाय के प्रति आत्मविश्वास बढ़ा है। आज महिलाएं कंधे से कंधा मिलाकर कार्य कर रही है। विश्वास और आत्मनिर्भरता की कहानी खुदबखुद गढ़ रही हैै।वित्तीय वर्ष 2022-23 में मनरेगा योजना के तहत कुल 1.40 एकड़ क्षेत्र के लिए 12.88 लाख रूपये की लागत से आदिदेव बूढ़ादेव को अमृत सरोवर योजना से जीर्णाेद्धार किया गया। अमृत सरोवर का मतलब ही है सरोवर में लबालब पानी भरा रहे। इस योजना के माध्यम से 150 श्रमिकों ने उक्त निर्माण कार्य से 3165 मानव दिवस अर्जित किया और उन्हें मजदूरी भी प्राप्त हुई। बूढ़ा तालाब अब ग्रामीणों की निस्तारी का एक स्त्रोत बनने के साथ ही आमदनी का जरिया भी बन गया है। ग्रामीण परिवेश में खासतौर पर ऐसे सरोवरों में मछली पालन व सिंघाड़ा का उत्पादन कर समूह की महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त एवं समृद्ध हो रही है।ग्राम पंचायत सरपंच श्री सुरेश नेताम ने बताया कि बूढ़ादेव तालाब अमृत सरोवर निर्माण होने से जल संग्रहण की सुविधा में बढ़ोत्तरी हुई है। इनलेट और आउटलेट निर्माण से सरोवर का कायाकल्प हुआ है। तालाब के किनारे नीम, बरगद, पीपल एवं अन्य छायादार पौधों का रोपण होने से हर राहगीर को छांव मिलेगा। वर्षों का सपना अमृत सरोवर निर्माण से साकार हुआ। अब ग्रामीणों को निस्तारी सुविधा में कठिनाई नहीं होगी। - रायपुर, / मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के ग्राम पंचायत बिर्रा आगमन पर स्थानीय निवासियों, जनप्रतिनिधियों द्वारा हसौद के प्रसिद्ध पेड़े से तौलकर उनका स्वागत किया गया। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरण दास महंत, गृहमंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, संसदीय सचिव एवं विधायक बिलाईगढ़ श्री चंद्रदेव राय, विधायक चंद्रपुर श्री रामकुमार यादव, खनिज विकास निगम अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन, तेलघानी विकास बोर्ड के अध्यक्ष श्री संदीप साहू, गौसेवा आयोग के अध्यक्ष राजेश्री महंत डॉ. रामसुंदर दास, शाकम्भरी बोर्ड के अध्यक्ष श्री रामकुमार पटेल, जिला अध्यक्ष श्री राघवेंद्र सिंह, डॉ. चौलेश्वर चन्द्राकर, गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
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- यूपीएससी चयनित आईएएस, आईपीएस टॉपर्स बीआईटी के ऑडिटोरियम में 16 जुलाई दिन रविवार को देंगे निशुल्क टिप्स
- तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स हो सकते हैं शामिलदुर्ग / यूपीएससी एवं प्रशासनिक सेवा की तैयारी करने वालों के लिए बड़ी खुशखबरी है। जिला प्रशासन एवं नगर निगम भिलाई के संयुक्त तत्वाधान में भिलाई टॉक का आयोजन किया जा रहा है। इसमें यूपीएससी चयनित अनुभवी एवं टॉपर्स प्रशासनिक सेवा की तैयारी कर रहे युवाओं को बेहतर टिप्स देंगे और अपने पूरे अनुभवों को साझा करेंगे। 16 जुलाई दिन रविवार को बीआईटी के ऑडिटोरियम में यूपीएससी की तैयारी करने वालो को यूपीएससी चयनित अनुभवी अभिषेक चतुर्वेदी, अंशिका जैन, आईएएस प्रखर चंद्राकर व आईपीएस आकाश कुमार पूरे अनुभवों को स्टूडेंट्स को साझा करेंगे। यही नहीं स्टूडेंट्स इनसे सवाल भी कर सकते है, प्रश्नोत्तरी भी होगी ताकि कोई भी संशय हो उसे दूर किया जा सके। कार्यशाला में भाग लेने के लिए बीआईटी के ऑडिटोरियम में ही 9ः30 बजे से पंजीयन होगा तथा 10ः00 बजे से कार्यशाला प्रारंभ होगी। यूपीएससी की तैयारी करने वाला कोई भी छात्र, छात्रा इसमें शामिल हो सकता है। कार्यशाला में पैनल डिस्कशन भी होगा। कार्यशाला में कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा एवं पुलिस अधीक्षक शलभ कुमार सिन्हा भी शामिल होंगे। यूपीएससी की तैयारी के लिए एक्सपर्ट अपनी राय भी देंगे और कैसे तैयारी करना है इसके बारे में बताएंगे। पढ़ाई की तकनीक एवं टाइम मैनेजमेंट के बारे में भी बताया जाएगा। जनरल नॉलेज एवं करंट अफेयर के टिप्स भी दिए जाएंगे। तैयारी के लिए नोट्स किस प्रकार से तैयार किए जाएंगे और रिवीजन कैसे करना है ये भी एक्सपोर्ट बताएंगे। - -हर्बल केंद्र शुरू कर नोहर बना आत्मनिर्भररायपुर। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के प्रयासों से मुख्यमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम से न केवल रोजगार के माध्यम खुले हैं, बल्कि युवा पीढ़ी को व्यवसाय शुरू करने में बल भी मिल रहा है। योजना का लाभ उठाते हुए युवा अपने जुनून एवं इच्छानुसार व्यवसाय करते हुए सामाजिक एवं आर्थिक गतिविधियों को बढ़ा रहे हैं। योजना के तहत अनुदानित दर पर सरकार के द्वारा ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। इसी क्रम में महासमुंद जिले के बागबाहरा विकासखण्ड के ग्राम खेमड़ा निवासी नोहर चक्रधारी ने 12वीं की पढ़ाई करने के बाद हर्बल मार्केटिंग सीखा। उनके मन में यह इच्छा थी कि उनका स्वयं की हर्बल जड़ी बूटी की दुकान हो, लेकिन वह इतने सक्षम नहीं थे कि दुकान खोल सके।नोहर चक्रधारी ने बताया कि मैं एक दिन बहुत परेशान था और ऋण के बारे में बता करने बैंक गया । वहां बैंक के मैनेजर ने बताया कि छत्तीसगढ़ ग्रामोद्योग विभाग के माध्यम से मुख्यमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत 35 प्रतिशत अनुदान राशि के साथ ऋण प्रदाय किया जाता है। तो उन्होंने भी विभाग के अधिकारी से सम्पर्क कर अपना ऋण प्रकरण फार्म नियमानुसार भरकर विभाग में जमा कर दिया। विभाग द्वारा आवेदन बैंक को प्रेषित कर दिया। शाखा प्रबंधक द्वारा जांच के बाद दो लाख का ऋण स्वीकृत कर दिया गया, जिससे नोहर चक्रधारी ने अपनी हर्बल जड़ी-बूटी की दुकान खोली।नोहर बताते है कि मुख्यमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम उनके लिए आत्मनिर्भर बनाने में मील का पत्थर साबित हुई। वर्ष 2022 से हर्बल जड़ी-बूटी की दुकान शुरू कर मैं आत्मनिर्भर तो हुआ ही साथ ही आर्थिक रूप से मजबूत हो गया। हर्बल केंद्र से मैं 15 से 20 हजार रुपए तक कमा लेता हूं और बैंक की किश्ते नियमित अदा कर रहा हूं। मैंने कभी सोचा नहीं था कि मेरी खुद का हर्बल जड़ी बूटी का दुकान होगी। आज वह सपना साकार हुआ और मेरे आगे बढ़ने के रास्ते खुले। मैं और मेरा परिवार अब खुश हैं तथा मुख्यमंत्री जी को साधुवाद देता हूं जिससे मैं यहां तक पहुंचा और मुझे एक नई राह मिली।
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- चाय वाले की बेटी ने भेदा एनआईटी का लक्ष्य, रायपुर में करेगी इंजीनियरिंग की पढ़ाई
- एनआईटी में चयनित कु. शालिनी ने जताया मुख्यमंत्री का आभार- “हमर लक्ष्य" कार्यक्रम अंतर्गत जेईई एडवांस परीक्षा में दिखे अच्छे परिणामरायपुर । छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में स्थित कोरर एक दूरस्थ क्षेत्र है। यहां के बच्चों ने कभी नहीं सोचा था कि वो एक दिन अपना असंभव सा लगने वाला लक्ष्य पूरा करेंगे। कोरर की रहने वाली शालिनी कहती हैं यदि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने हमर लक्ष्य योजना की शुरूआत नहीं की होती तो आज एनआईटी में पढ़ने का उनका सपना कभी पूरा नहीं हो सकता था।कहते हैं न प्रतिभा किसी पहचान की मोहताज नहीं होती और न ही वह स्थान देखती है। वर्तमान परिवेश में प्रतिभायें पिछड़े एवं ग्रामीण ईलाकों से भी निकल रही है और अपना परिचय दे रही है। ऐसी ही कहानी है कांकेर जिले के कोरर की जहां की कुमारी शालिनी औरेया का एनआईटी मैकेनिकल में चयन हुआ है। शालिनी से बात करने पर उसने बताया कि उसके पिता कोरर में एक सामान्य चाय का ठेला चलाते है। उनकी इच्छा थी कि उनकी बेटी अच्छी शिक्षा प्राप्त करे लेकिन आर्थिक स्थिति इस काम में बाधा डाल रही थी। शालिनी ने बताया कि उसने 12वीं तक की पढ़ाई शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूल कोरर में ही पूरी की और उसे 88 प्रतिशत प्राप्त हुए। इसके बाद उसने जिला प्रशासन द्वारा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी हेतु संचालित “हमर लक्ष्य” कोचिंग सेंटर में अपनी कोचिंग प्रारंभ की। शालिनी की इस सफलता को प्रोत्साहित करते हुए जिला प्रशासन ने उसकी पढ़ाई का पूरा खर्च उठाने की जिम्मेदारी ली है। इस सहयोग के मिल जाने से शालिनी ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की इस योजना ने मेरे उड़ान के हौसले में पंख लगा दिया है जिसके लिए मैं मुख्यमंत्री का सदैव आभारी रहूंगी।मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज अपने निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कांकेर जिले में आयोजित स्वामी आत्मानन्द शासकीय अंग्रेजी माध्यम आदर्श महाविद्यालय कांकेर का लोकार्पण, “हमर लक्ष्य" कार्यक्रम अंतर्गत एनआईटी रायपुर में चयनित छात्रों को कॉलेज फीस हेतु सहायता राशि का वितरण एवं बेरोजगारी भत्ता योजनान्तर्गत हितग्राहियों को नियुक्ति पत्र वितरण, हितग्राहियों एवं विद्यार्थियों से संवाद कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से कांकेर जिले के कोरर की निवासी कुमारी शालिनी औरेया ने मुख्यमंत्री से बातचीत की। कुमारी शालिनी का चयन एनआईटी रायपुर में इंजीनियरिंग की पढ़ाई हेतु चयन हुआ है।उल्लेखनीय है कि राज्य शासन द्वारा शिक्षा की गुणवत्ता के लिए विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। शासन द्वारा स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी एवं हिन्दी माध्यम के विद्यालय खोले जा रहे हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए भी मदद दी जा रही है। कांकेर जिले में शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। बोर्ड परीक्षा की तैयारी के साथ-साथ जेईई, एनडीए एवं नीट की परीक्षा के लिए भी विद्यार्थियों को मार्गदर्शन दिया जा रहा है, जिसे अच्छे परिणाम आ रहें हैं। जेईई की परीक्षा में कांकेर जिले के विद्यार्थियों ने उल्लेखनीय उपलब्धि हांसिल की हैं। कक्षा 12वीं मे अध्ययनरत गणित विषय के विद्यार्थियों को जेईई एडवांश की परीक्षा में शामिल होने के लिए जिले में पहली बार कोचिंग दी गई और पहले ही प्रयास में 71 बच्चे क्वालीफाईड हुए, जिसमें 64 बच्चे आदिवासी हैं। क्वालीफाईड बच्चों में से 39 बालक एवं 32 बालिकाएं शामिल थी। - -घुरऊ राम ने मुख्यमंत्री का जताया आभार, कहा सरकार की योजनाओं का मिला लाभरायपुर।मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर प्रदेश सरकार द्वारा युवाओं को रोजगार से जोड़ने और आगे की पढ़ाई के लिए सहयोग प्रदान करने के उद्देश्य से बेरोजगारी भत्ता योजना की शुरूआत की गयी है। योजना के अंतर्गत हितग्राहियों को भत्ता देने के साथ ही उन्हें रोजगार से जोड़ने हेतु भी प्रयास किये जा रहे है, जिससे लाभान्वित होकर प्रदेश के युवा न सिर्फ प्रदेश में बल्कि प्रदेश के बाहर भी जाकर रोजगार प्राप्त कर रहे है।ऐसी ही कहानी है कांकेर जिले के बेरोजगार युवक घुरउराम निषाद की, जिसने विज्ञान विषय लेकर 12वीं कक्षा उत्तीर्ण तो कर ली लेकिन आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण वह आगे की पढ़ाई और अन्य परीक्षाओं की तैयारी नहीं कर पा रहा था। घुरउ ने बताया कि वह अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए रोजी-मजदूरी का काम भी करता है।मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के समक्ष आज आज वर्चुअल कार्यक्रम में घुरउराम ने बताया कि वे बेरोजगारी भत्ता प्राप्त कर रहे थे , कुछ दिनों पूर्व उसे जिला प्रशासन द्वारा बेरोजगारी भत्ता प्राप्त करने वाले युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए आयोजित प्लेसमेंट कैंप की जानकारी प्राप्त हुई। उसने प्लेसमेंट कैंप में भाग लेकर अपनी योग्यता संबंधी दस्तावेज बाहर से आये निजी संस्थान के प्रतिनिधियों को दिखाये और उसका चयन हैदराबाद की एक कंपनी कैम्पस्टोन फैसोलिटिस मैनेजमेंट लिमिटेड में हो गया और उसे 14 हजार रूपये प्रतिमाह प्राप्त होंगे। चयन होने पर घुरउराम ने कहा कि इन पैसों का उपयोग वह अपने घर के भरण-पोषण और अपनी आगे की पढ़ाई के लिए करेगा। घुरऊ राम ने प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को धन्यवाद ज्ञापित किया।गौरतलब है कि कांकेर जिलमें अब तक 112 बेरोजगारी भत्ता प्राप्त हितग्राहियों को नियोजन प्रदान किया जा चुका है।18 जुलाई को मेगा रोजगार मेला का आयोजन किया जा रहा है जिसमे 2000 हितग्राहियों को रोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है
- -वर्ष 2022-23 में 6 हजार 800 जोड़ों का विवाह संपन्न-गरीब परिवारों की बेटियों के विवाह से माता-पिता के सपने हुए पूरे-विवाह के लिए सहायता राशि बढ़कर हुई 50 हजाररायपुर / मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना से कई गरीब परिवारों की बेटियों के विवाह से उनके माता-पिता के सपने साकार होने लगे हैं। पिछले साढ़े चार साल में 25 हजार 302 बेटियों का विवाह राज्य सरकार के सहयोग से संपन्न हुआ है। योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2022-23 में 6 हजार 800 जोड़ों का विवाह महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा कराया गया है।उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत प्रति जोड़ा सहायता राशि 25 हजार रूपए से बढ़ाकर 50 हजार रूपए कर दी गई है। योजना के तहत 21 हजार रूपये तक की आर्थिक सहायता सामग्री के रूप में, 21 हजार रूपये का बैंक ड्राफ्ट तथा सामूहिक विवाह आयोजन व्यवस्था पर अधिकतम 8 हजार रूपये तक व्यय का प्रावधान भी किया गया है। इसके लिए बजट में 38 करोड़ रूपए का प्रावधान रखा गया है। इस वर्ष 01 अप्रैल से बढ़ी हुई राशि से विवाह संपन्न कराए जा रहे हैं। योजना के तहत बढ़ाई गई राशि से अब तक 555 जोड़ों का विवाह संपन्न कराया गया है। इससे कई परिवारों का बेटियों का विवाह का सपना पूरा हो रहा है।मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने योजना के तहत राशि में दो बार वृद्धि की है। श्री बघेल ने मुख्यमंत्री के रूप में पदभार ग्रहण करने के बाद प्रस्तुत पहले बजट में ही बेटियों के विवाह को प्राथमिकता देते हुए वर्ष 2019 में विवाह अंतर्गत दी जाने वाली अनुदान राशि को 15 हजार रूपए से बढ़ाकर 25 हजार रूपए कर दिया था। अब यह राशि बढ़ाकर 50 हजार रूपए कर दी गई है। वर्ष 2019 की तुलना में निर्धारित बजट राशि भी 19 करोड़ रूपए से दोगुना बढ़ाकर 38 करोड़ रूपए कर दी गई है। इससे कई परिवारों में बेटियों के विवाह को लेकर चिंता दूर हुई है।
- -मिल रहा महिलाओं को रोजगार, दूर हो रहा कुपोषणरायपुर /महिला समूह द्वारा बनाए जा रहे मूंगफली की चिक्की से बच्चों में पोषण स्तर बढ़ाने पर भी मदद मिल रही है। यह चिक्की विटामिन-ई मैग्नीशियम से भरपूर है। दंतेवाड़ा जिले में महिला समूह द्वारा उत्पादित मूंगफली की चिक्की आंगनबाढ़ी केंद्र के बच्चों को दी जा रही है। बच्चें भी इसे काफी पसंद कर रहे हैं। जिला प्रशासन की पहल पर मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के तहत महिला बाल विकास विभाग की 2 परियोजनाओं में मूंगफली चिक्की की सप्लाई की जा रही है। जल्द ही 8 परियोजनाओं में इसे लागू किया जाएगा ।मूंगफली से चिक्की बनाने के काम की शुरूआत बड़े कारली की स्व-सहायता समूह की दीदीयां और राजीव युवा मितान के युवाओं के साथ मिलकर हुई। चिक्की का काम में मिली सफलता और स्थानीय बाजार और आंगनबाड़ी केंद्रों मे इसकी मांग को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा महिला समूह को बड़ेगुडरा एवं गीदम परियोजना के आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों के लिए मूंगफली की चिक्की सप्लाई का काम सौंपा गया। समूह द्वारा अब तक 25 हजार 665 नग 1 लाख 53 हजार 990 रूपए की चिक्की आपूर्ति की गई है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री सुपोषण योजना में 3 वर्ष से लेकर 6 वर्ष तक की आयु के बच्चों को तथा गर्भवती महिलाओं और 6 माह तक के दूध पीने वाले बच्चों की माताओं को उबला अंडा और सोयाबीन की बड़ी दी जाती है। इसके अलावा बच्चों को मूंगफली की लड्डू भी दिए जाते है। दूध, केला, अंडा बच्चों के लिए पौष्टिक आहार होता है।
- रायपुर / छत्तीसगढ़ भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) द्वारा भू-संपदा ( विनियमन और विकास) अधिनियम 2016 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए धारा 36 एवं 37 के तहत् रियल एस्टेट प्रोजेक्ट ‘‘बेबीलॉन केपिटल’’ तेलीबंधा रायपुर के प्रोजेक्ट में दुकानों के क्रय-विक्रय पर प्रतिबंध लगाया गया है।गौरतलब है कि भू-संपदा (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 की धारा-3 (1) में वर्णित प्रावधानों के तहत रेरा में पंजीयन किये बिना प्रमोटर द्वारा किसी भी रियल एस्टेट प्रोजेक्ट में यथास्थित भू-खण्ड, अपार्टमेंट या भवन आदि को किसी भी रीति में विज्ञापित विपणित, बुक, विक्रय या विक्रय करने की प्रस्थापना अथवा क्रय के लिए व्यक्तियों को आमंत्रित नहीं किया जा सकता है। रियल एस्टेट प्रोजेक्ट ‘‘बेबीलॉन केपिटल’’ तेलीबंधा रायपुर के प्रोजेक्ट में दुकानों के क्रय-विक्रय के लिए रेरा में पंजीयन नहीं हुआ है।रियल एस्टेट प्रोजेक्ट ‘बेबीलॉन केपिटल तेलीबांधा के प्रमोटर मेसर्स होटल बेबीलॉन केपिटल प्राईवेट लिमिटेड के डायरेक्टर परमजीत सिंह खनूजा के विरूद्ध प्रकरण क्रमांक-एम-पीआरओ-2023-01935 की सुनवाई के दौरान यह तथ्य संज्ञान में आने पर भू-संपदा (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए धारा-36 एवं धारा-37 अंतर्गत प्रोजेक्ट में दुकानों के क्रय-विक्रय पर प्रतिबंध लगाया गया है।
- रायपुर, / आगामी खरीफ विपणन वर्ष 2023-2024 में धान खरीदी और कस्टम मिलिंग की नीति की समीक्षा कर सुझाव देने हेतु गठित मंत्रिमंडलीय उप समिति की बैठक 18 जुलाई को होगी । यह बैठक छत्तीसगढ़ विधानसभा स्थित सभाकक्ष में दोपहर 1.30 बजे से आहूत की गई है।मंत्रिमंडलीय उप समिति की बैठक में मंत्रीगणों के अलावा कृषि, वित्त, राजस्व, सहकारिता, खाद्य विभाग के साथ ही छत्तीसगढ़ स्टेट सिविल सप्लाईज कॉर्पोरेशन, छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन, चिप्स, अपैक्स बैंक और एनआईसी के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे।गौरतलब है कि राज्य सरकार द्वारा आगामी खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में प्रदेश के पंजीकृत किसानों से 125 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का अनुमानित लक्ष्य रखा गया है। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार की किसान हितैषी नीतियों एवं फैसलों के कारण विगत चार सालों में किसानों की संख्या और रकबा में लगातार वृद्धि हुई है। कृषि उत्पादन भी तेजी के साथ बढ़ा है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की विशेष पहल पर धान खरीदी के साथ-साथ धान का उठाव के कारण धान का निष्पादन आसानी से संपन्न हुआ है। इस वर्ष भी किसानों को सहुलियत प्रदान करने और धान विक्रय के लिए आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक तैयारियां की जा रही है।
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14 ने किया जमा 35 को 3 दिन के भीतर टैक्स की राशि जमा करने मोहलत, अन्यथा निगम एक्ट के तहत होगी कार्यवाही और एफआईआर दर्ज करने की भी होगी प्रक्रिया*
भिलाई नगर/ नगर पालिक निगम भिलाई क्षेत्र अंतर्गत 49 करदाताओं के द्वारा टैक्स जमा करने के लिए चेक का उपयोग किया गया था लेकिन खाते में पर्याप्त राशि नहीं रखी गई थी। जिसके चलते निगम के खाते में राशि जमा नहीं हो पाई है। ऐसे करदाताओं को नोटिस जारी किया गया था और राशि जमा करने कहा गया था इनमें से 14 करदाताओं ने टैक्स की राशि जमा कर दी है परंतु 35 ऐसे करदाता है जिन्होंने अभी तक टैक्स की राशि जमा नहीं की है। इन करदाताओं को 3 दिन की मोहलत मयब्याज टैक्स की राशि जमा करने के लिए दी जा रही है उसके बाद भी टैक्स नहीं दिया गया तो निगम अधिनियम की सुसंगत धाराओं के तहत कार्यवाही की जाएगी और संबंधित व्यक्ति के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया भी की जाएगी। बता दे कि भिलाई निगम में टैक्स की राशि जमा करने के लिए कुछ करदाताओं ने चेक का उपयोग किया है परंतु खाता में पर्याप्त बैलेंस नहीं होने के चलते निगम के खाते में इस राशि का आहरण नहीं किया जा सका है। ऐसे सभी करदाताओं को निगमायुक्त रोहित व्यास के निर्देश पर नोटिस जारी किया गया था। आयुक्त ने ऐसे करदाताओं के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। इसी परिपेक्ष में ऐसे करदाताओं की सूची तैयार की गई है। सूची के मुताबिक सुनीता यादव, जय शेखरन, अनिल कुमार, श्याम चरण पांडे, सुनीता यादव, खजाना सिंह, गायत्री सिंह, फत्तू, भावना जैन, अशोक कुमार गुप्ता, सोमनाथ गुप्ता, रविंद्र सिंह कुशवाहा, आशा यादव, भावना जैन, वेंकटेश्वरलू, रवेंद्र सिंह कुशवाहा, राजेश अग्रवाल, मुरलीधर, ठाकुर सिंह, रविंद्र सिंह कुशवाहा, आशा देवी, राजू भल्ला, मंजीत सिंह बग्गा, वीरेंद्र कुमार वर्मा, मंजू जयसवाल, मंजू जयसवाल, हिंसा राम वर्मा, अलका नंदा, शेखलाल अशरफी, उपकार सिंह, कमलादेवी गणेशनी, श्यामलाल, नजमा खातून, सुमा पाल के द्वारा राशि निगम कोष में जमा नहीं की गई है इन्हें तीन दिवस के भीतर टैक्स की राशि ब्याज सहित निगम कोष में जमा करनी होगी अन्यथा इन करदाताओं के विरुद्ध निगम एक्ट के तहत कार्यवाही की जाएगी और एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया भी की जाएगी। -
तालाबों का हो रहा सौंदर्यीकरण
धमतरी ।बुजुर्गों का कहना है कि ’’घुरवा के दिन बहुरथे’’। ये बात आज सार्थक होती नजर आ रही है। जीवन में अच्छे दिन आने से सफलता की सीढ़ी आसानी से प्राप्त हो रही है। गांव में इसी तरह तालाबों का कायाकल्प होने से उनकी महत्ता बढ़ जाती है। ऐसी ही एक जीती जागती कहानी है जिले के नगरी विकासखंड के ग्राम पंचायत उमरगांव की जो जंगल सत्याग्रह और झण्डा सत्याग्रह के स्वंतत्रता संग्राम सेनानियों की मातृभूमि है। इतिहास के कालखंड में उमरगांव का नाम अंकित है। आदिवासी बाहुल्य गांव उमरगांव के रहवासियों ने लगभग बारह वर्ष पूर्व आदिदेव बूढ़ादेव के नाम से तालाब निर्माण कराया।
जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकरी श्रीमति रोक्तिमा यादव ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार गांव में अमृत सरोवर का निर्माण गर्मी के दिनों में पेयजल संकट, सिंचाई संबंधित जल व्यवस्था और भूमिगत जलस्तर को बनाये रखने के लिए किया जा रहा है। इस योजना से सरोवर में पानी संग्रहण हेतु कारगर सिद्ध हो रहे हैं। निर्माण कार्य में ग्रामीणों विशेषकर महिलाओं की सक्रिय भागीदारी रही है। महिलाओं को व्यवसाय के प्रति स्वावलंबी बनाने के लिए निर्मित अमृत सरोवर में मछली पालन की ओर उन्मुख किया जा रहा है। महिलाओं में भी व्यवसाय के प्रति आत्मविश्वास बढ़ा है। आज महिलाएं कंधे से कंधा मिलाकर कार्य कर रही है। विश्वास और आत्मनिर्भरता की कहानी खुदबखुद गढ़ रही हैै।
वहीं अमृत सरोवर में सिंचाई, मछली पालन, बतख पालन, सिंघाड़े की खेती, जल पर्यटन और अन्य गतिविधियों जैसे विभिन्न उद्देश्यों के लिए पानी का उपयोग करके आजीविका सृजन का स्त्रोत होगा। अमृत सरोवर निर्माण से उस ग्राम में एक सामाजिक मिलन स्थल के रूप में भी परिवर्तित हो रहा है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में मनरेगा योजना के तहत कुल 1.40 एकड़ क्षेत्र के लिए 12.88 लाख रूपये की लागत से आदिदेव बूढ़ादेव को अमृत सरोवर के नाम से जीर्णाेद्धार किया गया। अमृत सरोवर का मतलब ही है सरोवर में लबालब पानी भरा रहे। योजना की माने तो 150 श्रमिकों ने उक्त निर्माण कार्य से 3165 मानव दिवस अर्जित किया गया। किये गये कार्य का मजदूरी भुगतान हुआ है लेकिन ग्रामवासी अमृत सरोवर की चर्चा हमेशा करते रहते हैं जैसे उन्हें कोई उपलब्धि हासिल हुई हो। आज जल की महत्ता दिनोदिन बढ़ती जा रही है। जल है तो कल है। जल है तो निस्तारी के अतिरिक्त आमदनी का जरिया बनाने का साधन है। ग्रामीण परिवेश में खासतौर पर ऐसे सरोवरों में मछली पालन व सिंघाड़ा का उत्पादन कर समूह की महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हो हो रही है।
ग्राम पंचायत सरपंच श्री सुरेश नेताम ने बताया कि बूढ़ादेव तालाब अमृत सरोवर निर्माण होने से जल संग्रहण की सुविधा में बढ़ोत्तरी हुई। सरोवर में इनलेट और आउटलेट निर्माण से कायाकल्प हुआ है। तालाब के किनारे नीम, बरगद, पीपल एवं अन्य छायादार पौधों का रोपण होने से हर राहगीर को छाया मिलेगा। वर्षों का सपना अमृत सरोवर निर्माण से साकार हुआ। अब ग्रामीणों को निस्तारी सुविधा में कठिनाई नहीं होगी। -
हर्बल केंद्र शुरू कर नोहर बना आत्मनिर्भर
रायपुर। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के प्रयासों से मुख्यमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम से न केवल रोजगार के माध्यम खुले हैं, बल्कि युवा पीढ़ी को व्यवसाय शुरू करने में बल भी मिल रहा है। योजना का लाभ उठाते हुए युवा अपने जुनून एवं इच्छानुसार व्यवसाय करते हुए सामाजिक एवं आर्थिक गतिविधियों को बढ़ा रहे हैं। योजना के तहत अनुदानित दर पर सरकार के द्वारा ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। इसी क्रम में महासमुंद जिले के बागबाहरा विकासखण्ड के ग्राम खेमड़ा निवासी नोहर चक्रधारी ने 12वीं की पढ़ाई करने के बाद हर्बल मार्केटिंग सीखा। उनके मन में यह इच्छा थी कि उनका स्वयं की हर्बल जड़ी बूटी की दुकान हो, लेकिन वह इतने सक्षम नहीं थे कि दुकान खोल सके।
नोहर चक्रधारी ने बताया कि मैं एक दिन बहुत परेशान था और ऋण के बारे में बता करने बैंक गया । वहां बैंक के मैनेजर ने बताया कि छत्तीसगढ़ ग्रामोद्योग विभाग के माध्यम से मुख्यमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत 35 प्रतिशत अनुदान राशि के साथ ऋण प्रदाय किया जाता है। तो उन्होंने भी विभाग के अधिकारी से सम्पर्क कर अपना ऋण प्रकरण फार्म नियमानुसार भरकर विभाग में जमा कर दिया। विभाग द्वारा आवेदन बैंक को प्रेषित कर दिया। शाखा प्रबंधक द्वारा जांच के बाद दो लाख का ऋण स्वीकृत कर दिया गया, जिससे नोहर चक्रधारी ने अपनी हर्बल जड़ी-बूटी की दुकान खोली।
नोहर बताते है कि मुख्यमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम उनके लिए आत्मनिर्भर बनाने में मील का पत्थर साबित हुई। वर्ष 2022 से हर्बल जड़ी-बूटी की दुकान शुरू कर मैं आत्मनिर्भर तो हुआ ही साथ ही आर्थिक रूप से मजबूत हो गया। हर्बल केंद्र से मैं 15 से 20 हजार रुपए तक कमा लेता हूं और बैंक की किश्ते नियमित अदा कर रहा हूं। मैंने कभी सोचा नहीं था कि मेरी खुद का हर्बल जड़ी बूटी का दुकान होगी। आज वह सपना साकार हुआ और मेरे आगे बढ़ने के रास्ते खुले। मैं और मेरा परिवार अब खुश हैं तथा मुख्यमंत्री जी को साधुवाद देता हूं जिससे मैं यहां तक पहुंचा और मुझे एक नई राह मिली। -
गांव का हरेली तिहार और नागमथ
धमतरी। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ की परंपरा, तीज त्यौहार, बोली, खान पान के सम्मान में हर संभव कोशिश की है। इस बार 17 जुलाई को छत्तीसगढ़ में हरेली तिहार मनाया जायेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में गेड़ी के बिना हरेली तिहार अधूरा है। बच्चों के लिए बाजार में गेड़ी बिक्री का प्रचलन स्थान विशेष में होता था। अब राज्य शासन के वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने लोगों तक गेड़ी की उपलब्धता के लिए धमतरी शहर के नगरी रोड में स्थित सी मार्ट में गेड़ी बिक्री की व्यवस्था की है। सी मार्ट से इच्छुक व्यक्ति गेड़ी खरीद सकते हैं। वनमण्डलाधिकारी श्री मयंक पाण्डेय ने बताया कि गेड़ी की कीमत मात्र 50 रूपये है। इसके साथ ही ग्रामीण अंचलों में वन विभाग के वन परिक्षेत्राधिकारी कार्यालय में भी गेड़ी विक्रय के लिए रखीं गईं हैं, जहां से ग्रामीण गेड़ी क्रय कर सकते हैं।
परंपरा अनुसार वर्षों से छत्तीसगढ़ के गावों में अक्सर हरेली तिहार के पूर्व बढ़ई के घर में गेड़ी का ऑर्डर रहता था और बच्चों के जिद पर अभिभावक जैसे-तैसे गेड़ी भी बनाया करते थे। अब सी मार्ट में गेड़ी बिक्री के लिए उपलब्ध होने से अभिभावक भी मनपसंद गेड़ी खरीद सकते हैं और पहले की अपेक्षा और अधिक हर्षाेल्लास से त्यौहार मना सकते हैं।
गेड़ियां बांस से बनाई जाती हैं
गेड़ी चढ़कर ग्रामीण-जन और कृषक-समाज वर्षा ऋतु का स्वागत करता है। वर्षा ऋतु में गांवों में सभी तरफ कीचड़ होता है, लेकिन गेड़ी चढ़कर कहीं भी आसानी से आया-जाया जा सकता है। गेड़ियां बांस से बनाई जाती है। दो बांस में बराबरी दूरी पर कील लगाई जाती है। एक और बांस के टुकड़ों को बीच से फाड़कर उसे दो भागों में बांटा जाता है, उसे रस्सी से फिर से जोड़कर दो पउवा बनाया जाता है। यह पउवा असल में पैरदान होता है, जिसे लंबाई में पहले काटे गए दो बांसों में लगाई गई कीलों के उपर बांध दिया जाता है। गेड़ी पर चलते समय रच-रच की ध्वनि निकलती है, जो वातावरण को और आनंददायक बना देती है ।
गांव का हरेली तिहार
गांव में लगभग सभी की जमीन होती है और वे किसान हैं। हरेली तिहार के दिन सुबह से ही तालाब के पनघट में किसान परिवार बड़े बुजुर्ग बच्चे सभी अपने गाय बैल बछड़े को नहलाते हैं और खेती किसानी औजारों हल, कुदाली, फावड़ा को भी साफ कर घर के आंगन में पूजा के लिए सजाते हैं। माताएं गुड़ का चीला बनाती हैं। कृषि औजारों को धूप-दीप से पूजा के बाद नारियल, गुड़ का चीला का भोग लगाया जाता है। अपने अपने घरों में आराध्य देवी देवताओं के मान्यता के अनुसार पूजा करते हैं। गांव के ठाकुर देव की पूजा की जाती है और उनको नारियल अर्पण करते हैं।
नागमथ का प्रदर्शन
गांव के किसी स्थल में शाम को गुरु के सानिध्य में हल्के मंत्र साधना करने वाले गांव के सभी चेला, झांज, मंजीरा, ढोलक, गीत आदि गुरु के साथ कनेर के डंगाल और फूलों से सजे नवनिर्मित स्थल में पूजा करते हैं, जिसे ’नागमथ’ के नाम से जाना जाता है। गांव के सभी इच्छुक बड़े बुजुर्ग, बच्चे, युवा, बालक, बालिका, महिला, पुरुष उपस्थित होते हैं। इस अवसर में किसी चेला को किसी देवता की सवारी आता है और वो वर्तमान अपनी पहचान से बेसुध गाने और संगीत, ढोलक, मंजीरा के लय के अनुसार आधा घंटा के करीब पूजा स्थल के इर्द गिर्द कई प्रकार के मनोभाव प्रकट करता है, जिसकी जानकारी गुरु और अन्य को जब होती है कि इस देवता की सवारी है, तब उसके सामने उनके पसंद का फल देकर या उस देवता से सबंधित गीत को उन्मादी ऊंचे लय से गाया बजाया जाता है तब देवता की सवारी वाले चेला के पीछे दो लोग उसको पीछे से पकड़ने के लिए रहते हैं। उनको मालूम रहता है कि चेला गाने के हिसाब से ऊंचे लय के संगीत के समय झुके हुए दोनो हाथ पैर या बैठे हुए मुद्रा से ऊपर की ओर उठते हुए पीछे की ओर गिरेगा। बेसुध चेला के कानो में गुरु या अन्य वरिष्ठ साधकों द्वारा मंत्र सुनाया जाता है, जिससे वह अपने पुराने अस्तित्व में सामान्य हो जाता है और पूजा कर गुरु से आशीर्वाद प्राप्त करता है। यह प्रदर्शन सावन माह में ही गुरु के सान्निध्य में दूसरे अवसर में भी किया जाता है। -
एनआईटी में चयनित कु. शालिनी ने जताया मुख्यमंत्री का आभार
“हमर लक्ष्य" कार्यक्रम अंतर्गत जेईई एडवांस परीक्षा में दिखे अच्छे परिणाम
रायपुर। छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में स्थित कोरर एक दूरस्थ क्षेत्र है। यहां के बच्चों ने कभी नहीं सोचा था कि वो एक दिन अपना असंभव सा लगने वाला लक्ष्य पूरा करेंगे। कोरर की रहने वाली शालिनी कहती हैं यदि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने हमर लक्ष्य योजना की शुरूआत नहीं की होती तो आज एनआईटी में पढ़ने का उनका सपना कभी पूरा नहीं हो सकता था।
कहते हैं न प्रतिभा किसी पहचान की मोहताज नहीं होती और न ही वह स्थान देखती है। वर्तमान परिवेश में प्रतिभायें पिछड़े एवं ग्रामीण ईलाकों से भी निकल रही है और अपना परिचय दे रही है। ऐसी ही कहानी है कांकेर जिले के कोरर की जहां की कुमारी शालिनी औरेया का एनआईटी मैकेनिकल में चयन हुआ है। शालिनी से बात करने पर उसने बताया कि उसके पिता कोरर में एक सामान्य चाय का ठेला चलाते है। उनकी इच्छा थी कि उनकी बेटी अच्छी शिक्षा प्राप्त करे लेकिन आर्थिक स्थिति इस काम में बाधा डाल रही थी। शालिनी ने बताया कि उसने 12वीं तक की पढ़ाई शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूल कोरर में ही पूरी की और उसे 88 प्रतिशत प्राप्त हुए। इसके बाद उसने जिला प्रशासन द्वारा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी हेतु संचालित “हमर लक्ष्य” कोचिंग सेंटर में अपनी कोचिंग प्रारंभ की। शालिनी की इस सफलता को प्रोत्साहित करते हुए जिला प्रशासन ने उसकी पढ़ाई का पूरा खर्च उठाने की जिम्मेदारी ली है। इस सहयोग के मिल जाने से शालिनी ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की इस योजना ने मेरे उड़ान के हौसले में पंख लगा दिया है जिसके लिए मैं मुख्यमंत्री का सदैव आभारी रहूंगी।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज अपने निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कांकेर जिले में आयोजित स्वामी आत्मानन्द शासकीय अंग्रेजी माध्यम आदर्श महाविद्यालय कांकेर का लोकार्पण, “हमर लक्ष्य" कार्यक्रम अंतर्गत एनआईटी रायपुर में चयनित छात्रों को कॉलेज फीस हेतु सहायता राशि का वितरण एवं बेरोजगारी भत्ता योजनान्तर्गत हितग्राहियों को नियुक्ति पत्र वितरण, हितग्राहियों एवं विद्यार्थियों से संवाद कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से कांकेर जिले के कोरर की निवासी कुमारी शालिनी औरेया ने मुख्यमंत्री से बातचीत की। कुमारी शालिनी का चयन एनआईटी रायपुर में इंजीनियरिंग की पढ़ाई हेतु चयन हुआ है।
उल्लेखनीय है कि राज्य शासन द्वारा शिक्षा की गुणवत्ता के लिए विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। शासन द्वारा स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी एवं हिन्दी माध्यम के विद्यालय खोले जा रहे हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए भी मदद दी जा रही है। कांकेर जिले में शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। बोर्ड परीक्षा की तैयारी के साथ-साथ जेईई, एनडीए एवं नीट की परीक्षा के लिए भी विद्यार्थियों को मार्गदर्शन दिया जा रहा है, जिसे अच्छे परिणाम आ रहें हैं। जेईई की परीक्षा में कांकेर जिले के विद्यार्थियों ने उल्लेखनीय उपलब्धि हांसिल की हैं। कक्षा 12वीं मे अध्ययनरत गणित विषय के विद्यार्थियों को जेईई एडवांश की परीक्षा में शामिल होने के लिए जिले में पहली बार कोचिंग दी गई और पहले ही प्रयास में 71 बच्चे क्वालीफाईड हुए, जिसमें 64 बच्चे आदिवासी हैं। क्वालीफाईड बच्चों में से 39 बालक एवं 32 बालिकाएं शामिल थी।