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- - छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव के अवसर पर स्कूल शिक्षा द्वारा किया जा रहा है विभिन्न गतिविधियों का आयोजनबालोद। छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के 25 वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य में राज्य शासन द्वारा आयोजित रजत जयंती वर्ष के अवसर पर बालोद जिले में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों में निरंतर विभिन्न प्रकार के गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। इसी कड़ी में शुक्रवार को जिले के स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय दल्लीराजहरा में शिक्षकों एवं विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य पर व्याख्यान एवं योगाभ्यास कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में चिकित्सालय प्रभारी डाॅ. अमीत द्विवेदी, डाॅ. एंजिल आभा कुुजुर, डॉ. पूनमचंद सोनकर, श्री आजाद साहू, श्रीमती त्रिवेणी साहू, श्रीमती राधिका नेताम सहित बड़ी संख्या में शिक्षक-शिक्षिका एवं विद्यार्थीगण उपस्थित थे।
- बालोद। राज्य शासन की महत्वाकांक्षी गोधाम योजना के अंतर्गत गौधाम के संचालन हेतु इच्छुक स्वयंसेवी संस्था (एनजीओ), ट्रस्ट, फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी, सहकारी समितियों से पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड में गौधाम संचालन हेतु आवेदन करने की तिथि 30 सितंबर से बढ़ाकर 15 अक्टूबर तक कर दी गई है। उल्लेखनीय है कि गोधाम योजना के अंतर्गत उपयुक्त स्थानों पर निराश्रित, घुमंतु तथा कृषक पशु परिरक्षण अधिनियम 2004 (यथा संशोधित), कृषक पशु परिरक्षण अधिनियम 2014 अंतर्गत जब्त किए गए गौवंश के पशुओं के संरक्षण, संर्वधन किया जाएगा। उप सचंालक पशु चिकित्सा सेवायें ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत ऐसी शासकीय भूमि जिसमें सुरक्षित बाड़ा, पशु शेड, पर्याप्त पानी की सुविधा, बिजली तथा हरा चारा उत्पादन हेतु चारागाह की भूमि की सुविधा होगी। उन स्थानों पर जिला प्रशासन के प्रस्ताव के आधार पर राज्य गौसेवा आयोग की स्वीकृति उपरांत चयनित संस्थाओं को गोधाम की स्थापना हेतु स्वीकृति प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत प्रथम चरण में प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग के आसपास ग्रामीण क्षेत्रों में गौधाम की स्थापना किया जाएगा। इसके साथ ही गौधाम के संचालन हेतु चिन्हांकित भूमि के समीप पंजीकृत गौशाला समिति द्वारा सहमति व्यक्त करने पर छत्तीसगढ़ राज्य गौसेवा आयोग की क्रियान्वयन समिति के द्वारा प्राथमिकता पर लिया जाएगा। गौधाम के संचालन हेतु गौसेवा पशु नस्ल सुधार एवं संचालन के क्षेत्र मे संलग्न संस्थाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके साथ ही इच्छुक स्वयंसेवी संस्था (एनजीओ), ट्रस्ट, फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी, सहकारी समितियों को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड में गौधाम संचालन हेतु 15 अक्टूबर तक निर्धारित प्रारूप में प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। इसके पश्चात् परीक्षण उपरांत जिला प्रशासन द्वारा चयनित संस्था का नाम राज्य गौसेवा आयोग को गौधाम स्थापना हेतु अनुमोदन प्रस्तुत किया जाएगा। उन्होंने बताया कि गौधाम के संचालन हेतु गौ सेवा, पशु नस्ल सुधार एवं संचालन के क्षेत्र में संलग्न संस्थाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।
- -प्रतिभागियों का पंजीयन की अंतिम तिथि 20 अक्टूबररायपुर । प्रकृति और जैव विविधता संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए बटरफ्लाई एवं मोथ सर्वे 2025 का आयोजन बारनवापारा वन्यजीव अभ्यारण्य किया जाएगा। यह आयोजन 6 से 8 नवम्बर तक होगा, इस तीन दिवसीय सर्वेक्षण का उद्देश्य तितलियों और पतंगों की प्रजातियों की पहचान, उनके प्राकृतिक आवास का अध्ययन तथा आम नागरिकों में जैव विविधता संरक्षण की भावना को बढ़ावा देना है।वनमण्डलाधिकारी बलौदाबाजार श्री धम्मशील गणवीर ने बताया कि वन मंत्री श्री केदार कश्यप के निर्देशानुसार यह सर्वेक्षण न केवल जैव विविधता के संरक्षण में मदद करेगा, बल्कि पर्यावरण शिक्षा और जागरूकता बढ़ाने की दिशा में भी एक सार्थक प्रयास है। उन्होंने कहा कि बारनवापारा अभ्यारण्य की प्राकृतिक सुंदरता के बीच यह आयोजन प्रतिभागियों को प्रकृति से जोड़ने का अनूठा अनुभव देगा।उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम का आयोजन पर्यावरण जागरूकता एवं प्रकृति संरक्षण गतिविधियों के अंतर्गत किया जा रहा है। यह आयोजन विद्यार्थियों, शोधार्थियों और प्रकृति प्रेमियों के लिए खुला है। पंजीयन शुल्क सामान्य प्रतिभागियों के लिए 2,500 रुपए तथा विद्यार्थियों के लिए 2,000 रुपए रखा गया है। केवल 40 प्रतिभागियों को ही इसमें शामिल होने का अवसर मिलेगा। पंजीयन की अंतिम तिथि 20 अक्टूबर 2025 निर्धारित की गई है।वनमण्डलाधिकारी बलौदाबाजार श्री धम्मशील गणवीर ने बताया कि इस आयोजन में प्रतिभागियों को बारनवापारा अभ्यारण्य की समृद्ध वन संपदा और तितलियों-पतंगों के पारिस्थितिक महत्व को समझने का अवसर मिलेगा। साथ ही प्रतिभागियों के लिए कई रोचक गतिविधियां जैसे तितलियों पर कलात्मक पेंटिंग, प्रकृति एवं वन्यजीव विषय पर चित्रकला और वन्यजीवों से जुड़ी प्रेरक कहानियाँ भी रखी गई हैं।
- रायपुर । मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत महासमुंद श्री हेमंत नंदनवार ने ग्राम पंचायत बांसकुड़ा के सचिव श्री जगदीश ध्रुव को अपने पदीय कर्तव्यों के प्रति उदासीनता, लापरवाही तथा वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों की अवहेलना के कारण तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है। पंचायत कार्यों की निरंतरता बनाए रखने हेतु ग्राम पंचायत छपोराडीह के सचिव श्री किशोर कुमार ध्रुव को ग्राम पंचायत बांसकुड़ा का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
- रायपुर। छत्तीसगढ़ के सुदूर वनांचल क्षेत्र नारायणपुर जिले के ग्राम कुंदला स्थित आंगनबाड़ी केन्द्र आज बाल शिक्षा और सर्वांगीण विकास की नई मिसाल बन गया है। यहाँ नन्हें बच्चों की हँसी और सीखने की लय ने पूरे गाँव के माहौल को जीवंत कर दिया है। हर सुबह जब सूरज की किरणें गाँव की गलियों में उतरती हैं, तो आंगनबाड़ी केन्द्र के द्वार पर बच्चों के कदमों की आहट सुनाई देती है। पाँच वर्ष की मनीषा कुमेटी और अंकुश पोयाम जैसे बच्चे स्लेट-चॉक लेकर उत्साह से केन्द्र पहुँचते हैं। यहाँ कार्यकर्ता उन्हें खेल-खेल में अक्षर, गिनती और रंगों की पहचान सिखाते हैं। “एक, दो, तीन” की गूंज और बच्चों की हँसी से पूरा केन्द्र आनंदित रहता है।यह केन्द्र केवल शिक्षण का माध्यम नहीं, बल्कि अनुशासन, सहयोग, सम्मान और आत्मविश्वास जैसी मानवीय मूल्यों का पाठ भी पढ़ा रहा है। पहले जहाँ बच्चे विद्यालय आने से झिझकते थे, अब वे स्वयं उत्साह से भाग लेते हैं। माता-पिता भी बच्चों की प्रगति पर गर्व महसूस कर रहे हैं। आंगनबाड़ी केन्द्र कुंदला में हो रहे नवाचारों ने यह सिद्ध कर दिया है कि प्रारंभिक बाल शिक्षा की सशक्त नींव गाँवों से ही रखी जा सकती है। यह केन्द्र बाल शिक्षा, पोषण और सामाजिक विकास का प्रेरक उदाहरण बनकर उभरा है।महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि हर बच्चे तक गुणवत्तापूर्ण प्रारंभिक शिक्षा और पोषण सेवाएँ पहुँचें। कुंदला जैसे केन्द्रों की उपलब्धियाँ यही दिखाती हैं कि आंगनबाड़ी अब सचमुच “बच्चों की पहली पाठशाला” बन रही हैं।
- -सोलर पम्प से किसान ले रहे दोहरी फसल का लाभरायपुर । छत्तीसगढ़ में किसानों को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से राज्य शासन द्वारा सौर सुजला योजना का सफलतापूर्वक संचालन किया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत किसानों को सोलर पम्प उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिससे अब वर्षा पर निर्भर रहने वाले खेतों में भी सिंचाई की सुविधा सुलभ हो गई है। परिणामस्वरूप किसान अब वर्ष में दोहरी फसल लेकर अपनी आय दोगुनी कर रहे हैं।जिले के विकासखण्ड रामचन्द्रपुर के ग्राम झारा के किसान श्री मुनेश्वर प्रसाद यादव ने सौर सुजला योजना से लाभ लेकर अपनी खेती को नई दिशा दी है। उनके पास 5 एकड़ भूमि है, जिसमें पहले केवल 2 एकड़ ही सिंचित थी। क्रेडा विभाग की सहायता से सोलर पम्प लगवाने के बाद अब पूरी भूमि पर सिंचाई संभव हो गई है। श्री यादव अब धान के साथ-साथ साग-सब्जियों की खेती भी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पहले खरीफ सीजन में लगभग 60 हजार रुपये की आमदनी होती थी, जबकि सोलर पम्प लगने के बाद अब वार्षिक आय बढ़कर करीब 1 लाख रुपये तक पहुँच गई है।उन्होंने कहा कि पहले वर्षा आधारित खेती से जोखिम और नुकसान की आशंका बनी रहती थी, परंतु सौर सुजला योजना से सिंचाई की निर्बाध सुविधा मिलने के बाद खेती अब अधिक लाभदायक हो गई है। अब वे रबी और खरीफ दोनों सीजन में फसलें ले रहे हैं और साग-सब्जी उत्पादन से अतिरिक्त आमदनी अर्जित कर रहे हैं। वर्तमान में सौर सुजला योजना फेस-9 के अंतर्गत बलरामपुर जिले को 300 सोलर पम्प लगाने का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। इच्छुक किसान आधार कार्ड, भूमि का खसरा, रकबा, प्रमाणित नक्शा, जाति प्रमाण पत्र, पासबुक की छायाप्रति, स्थापना स्थल के फोटोग्राफ्स तथा आवेदन शुल्क (3 एचपी पम्प के लिए 3000 रुपए, 5 एचपी के लिए 4800 रुपए) के साथ अपने ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, क्रेडा या उप संचालक कृषि कार्यालय में संपर्क कर योजना का लाभ ले सकते हैं।
- -किसान प्रेमचंद के जीवन में लाई नई उम्मीद और आत्मनिर्भरतारायपुर। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना आज देशभर के किसानों के जीवन में स्थायित्व, आत्मनिर्भरता और आर्थिक सशक्तिकरण का प्रतीक बन चुकी है। इस योजना के अंतर्गत किसानों को प्रति वर्ष 6 हजार की आर्थिक सहायता सीधे उनके बैंक खातों में दी जाती है, जिससे वे खेती-किसानी से जुड़े आवश्यक कार्यों को सुचारू रूप से संचालित कर पा रहे हैं।सक्ति जिले के ग्राम अंजोरीपाली निवासी किसान श्री प्रेमचंद मैत्री भी इस योजना के नियमित लाभार्थी हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें योजना की प्रत्येक किस्त समय पर प्राप्त होती है, जिससे वे बीज, खाद, कीटनाशक एवं कृषि उपकरणों की खरीद में इसका उपयोग करते हैं। इससे न केवल उनकी खेती की उत्पादकता बढ़ी है, बल्कि फसलों की गुणवत्ता में भी सुधार आया है।किसान श्री मैत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना ने ग्रामीण किसानों के आर्थिक जीवन में स्थिरता और विश्वास की नई लहर पैदा की है। पहले जहां छोटे किसानों को खेती के लिए पूंजी जुटाने में कठिनाई होती थी, वहीं अब इस योजना से उन्हें न केवल वित्तीय सहायता मिल रही है बल्कि वे आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाने के लिए भी प्रेरित हो रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह योजना हमारे जैसे छोटे किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। प्रत्येक किस्त से खेती के लिए आवश्यक संसाधनों की पूर्ति होती है, जिससे कृषि कार्यों की निरंतरता बनी रहती है और किसानों में आत्मविश्वास बढ़ा है।
- रायपुर ।राष्ट्रीय पोषण माह 2025 के दौरान छत्तीसगढ़ में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयासों से माताओं और बच्चों के स्वास्थ्य में अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। दुर्ग जिले के ग्राम भानपुरी की श्रीमती पुष्पा ठाकुर की कहानी इसका सुंदर उदाहरण है।पुष्पा की यह पहली गर्भावस्था थी। शुरुआत में उन्हें उल्टी, कमजोरी और भूख न लगने जैसी समस्याएं थीं। जानकारी की कमी के कारण वह सही खानपान नहीं ले पा रही थीं। इस दौरान महिला एवं बाल विकास विभाग की पर्यवेक्षक श्रीमती सोनल सोनी और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती शशि देवांगन ने उनके घर जाकर नियमित रूप से सलाह दी और परिवार को भी गर्भवती महिला की देखभाल के बारे में समझाया।‘पोषण खजाना’ के तहत मिलने वाले पौष्टिक आहार, रेडी-टू-ईट फूड, हरी सब्जियाँ, दालें, दूध और फल के साथ आयरन व कैल्शियम की गोलियों के नियमित सेवन से पुष्पा का स्वास्थ्य धीरे-धीरे सुधर गया। पहले उनका वजन 40 किलोग्राम और हीमोग्लोबिन 9 ग्राम था, जो गर्भावस्था के अंत तक बढ़कर वनज 52 किलोग्राम और हीमोग्लोबिन 10.9 ग्राम तक पहुंच गया। नियमित जांच और आंगनबाड़ी दीदी की देखभाल से पुष्पा को गर्भावस्था में कोई परेशानी नहीं हुई। 27 सितंबर 2025 को राष्ट्रीय पोषण माह के दौरान ही उन्होंने शासकीय अस्पताल दुर्ग में 2.700 किलोग्राम वजनी स्वस्थ बेटी को जन्म दिया।मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि मां और शिशु का स्वास्थ्य हमारी सर्वाेच्च प्राथमिकता है। पोषण के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ निरंतर प्रगति कर रहा है। महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा कि पोषण खजाना जैसी योजनाएं ग्रामीण माताओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रही हैं। हमारा लक्ष्य है कि हर गर्भवती और धात्री महिला को पर्याप्त पोषण मिले।
- -अब लखपति नहीं, करोड़पति बनने का देखें सपना: विधायक श्री राजवाड़ेरायपुर। कोरिया जिला पंचायत परिसर में जिलास्तरीय मेगा लिंकेज एवं क्रेडिट कैंप का भव्य आयोजन किया गया। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में जिले के विभिन्न शासकीय, अशासकीय एवं निजी बैंकों के प्रतिनिधि शामिल हुए।कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए बैकुंठपुर विधायक श्री भईयालाल राजवाड़े ने कहा कि स्व-सहायता समूहों और बिहान ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने महिलाओं से कहा, अब लखपति बनना लक्ष्य नहीं, करोड़पति बनने का सपना देखना होगा। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की महिला सशक्तिकरण योजनाओं की सराहना की, जिनके परिणामस्वरूप आज कोरिया जिले की महिलाएं सफलता की नई ऊंचाइयां छू रही हैं।कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी ने कहा कि हितग्राहियों और बैंक प्रतिनिधियों के बीच बेहतर समन्वय जरूरी है ताकि ऋण अदायगी समय पर हो और भविष्य में भी सहयोग बना रहे। उन्होंने कहा कि इस मेगा बैंक लिंकेज एवं क्रेडिट कैंप का उद्देश्य महिलाओं को सशक्त करना, उन्हें स्वास्थ्य, शिक्षा और स्वरोजगार से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाना है।कार्यक्रम में अधिकारियों ने बताया कि जिले के 16 बैंकों द्वारा कुल 2,123 प्रकरणों में 99 करोड़ 32 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से 2,015 प्रकरणों में 80 करोड़ 64 लाख रुपये का वितरण किया गया है। उन्होंने बताया कि भारतीय स्टेट बैंक ने सबसे अधिक 402 प्रकरणों में लगभग 25 करोड़ रुपये का ऋण वितरण किया है। लाभार्थियों को बिहान, मुद्रा, कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन, उद्यानिकी, आदिवासी वित्त आदि योजनाओं के तहत ऋण दिए गए।इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्री मोहित पैकरा, जिला पंचायत के सीईओ डॉ. आशुतोष चतुर्वेदी, उपाध्यक्ष श्रीमती वंदना राजवाड़े, जिला व जनपद पंचायतों के प्रतिनिधि, विभिन्न विभागों के अधिकारी, बैंकर्स, बड़ी संख्या में हितग्राही एवं महिला समूहों की सदस्याएं उपस्थित थीं।
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-ग्रामीणों को समय पर मिलने लगा राशन
रायपुर। राज्य शासन के प्रयास से गरियाबंद जिले की ग्राम पंचायत मालगांव में उचित मूल्य की दुकान सह गोदाम निर्माण से खाद्यान्न के सुरक्षित भंडारण में सुविधा मिली है। वहीं अब ग्रामीणों को समय पर राशन भी मिलने लगा है। गौरतलब है कि मालगांव के ग्रामीणों एवं किसानों ने लंबे समय से उचित मूल्य की दुकान एवं गोदाम निर्माण की मांग कर रहे थे। ग्रामीणों की इस मांग को गंभीरता से लेते हुए पंचायत ने प्रस्ताव तैयार कर जनपद पंचायत को भेजा। तकनीकी स्वीकृति के बाद यह प्रस्ताव जिला पंचायत को प्रशासकीय स्वीकृति हेतु भेजा गया।उचित मूल्य की दुकान, जिसे आमतौर पर राशन की दुकान कहा जाता है, सरकार की सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण कड़ी है। इसके माध्यम से ग्रामीणों को सस्ते दर पर चावल, गेहूं, चीनी और मिट्टी का तेल उपलब्ध कराया जाता है। ग्राम पंचायत मालगांव की ग्राम सभा में ग्रामीणों और किसानों के सुझाव पर उचित मूल्य की दुकान सह गोदाम निर्माण की आवश्यकता महसूस की गई। सभी सदस्यों की सहमति से पंचायत ने प्रस्ताव पारित किया। राशन दुकान निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद अब ग्रामीणों को राशन वितरण में काफी सुविधा मिल रही है। पहले उचित मूल्य की दुकान के लिए अलग भवन न होने से राशन में नमी आने, खाद्यान्न खराब होने तथा वितरण में विलंब जैसी समस्याएँ थीं। अब नए भवन के निर्माण से खाद्यान्न का भंडारण सुरक्षित हो पा रहा है तथा समय पर राशन वितरण संभव हो सका है। इससे ग्रामीणों में संतोष और प्रसन्नता का माहौल है। इस पर ग्रामीणों ने राज्य सरकार के प्रति आभार जताया है। - -मनरेगा से निर्मित तालाब ने पानी की समस्या का समाधान कर खोले आजीविका के रास्ते-बैगा बाहुल्य वनांचल ग्राम दुर्जनपुर में ग्रामीणों को मिला रोजगार और मछलीपालन का साधनरायपुर। ग्रामीण क्षेत्रों में वर्षा जल को संजोय रखने के लिए डबरी, कूप, तालाबों का निर्माण बड़े पैमाने पर किया जाता है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से तालाब गहरीकरण कर जल समस्या का स्थायी समाधान किया जा रहा है।कबीरधाम जिले के विकासखण्ड बोड़ला का बैगा बाहूल्य ग्राम पंचायत दुर्जनपुर का आश्रित मोहल्ला इन्द्रिपानी विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा बाहुल्य बस्ती है, जो पंचायत मुख्यालय से करीब 3 किमी दूर स्थित है। यहाँ 65 परिवार रहते है जिनकी कुल जनसंख्या 257 है। पानी की गंभीर समस्या के कारण ग्रामीणों को निस्तारी के लिए काफी कठिनाई होती थी। जिसके लिए जल संरक्षण की आवश्यकता को देखते हुए तालाब गहरीकरण का कार्य कराया गया।ग्रामीणो ने जल समस्या से निजात पाने के लिए ग्राम सभा में तालाब गहरीकरण करने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया। जिसके बाद कार्य की स्वीकृति महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से की गई। कार्य स्वीकृति के बाद ग्रामीणों ने मिलकर तालाब गहरीकरण के कार्य समय-सीमा में पूर्ण किया। निर्माण कार्य में लगे ग्रामीणों को मजदूरी की राशि उनके बैंक खाते में प्राप्त हुई। महिला स्व सहायता समूह के लिए उन्हें मत्स्य पालन विभाग से मछली बीज उपलब्ध कराये गये। उल्लेखनीय है कि वनांचल ग्राम पंचायत दुर्जनपुर विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा बाहूल्य एवं दूर्गम पहाड़ी क्षेत्र में बसा है जहां वर्षा जल के संरक्षण में समस्या होता है। तालाब हेतु पर्याप्त जगह का चिन्हांकन बड़ी समस्या थी। जिसे सभी ग्रामीणों के प्रयास से हल किया गया एवं महात्मा गांधी नेरगा के मैदानी अमलो के सहयोग के कार्य का संपादन किया गया। वर्षा जल का बेवजह बह जाना ग्रामीणों के लिए बहुत बड़ी समस्या रही क्योंकि ग्रामीण कृषि के लिए वर्षा जल पर ही निर्भर थे। वर्षा जल पर निर्भरता के कारण बारहमासी फसल लेने में ग्रामीण असमर्थ थे।कार्य का परिणामदुर्जनपुर में वर्षा जल संरक्षण के लिए यह तालाब गहरीकरण कार्य वरदान के रूप में सामने आया। जहां पहले वर्षा जल का बेवजह बह जाना ग्रामीणों के लिए बहुत बड़ी समस्या रही वही अब तालाब के बनने से समस्या खत्म हो गई है और पानी रुकने लगा। 9 लाख 80 हजार रुपए की लागत से हुए कार्य मे 5084 मानव दिवस का रोजगार ग्रामीणों को मिला जिसके लिए ग्रामीणों को 9 लाख 65 हजार 960 रुपए का मजदूरी भुगतान प्राप्त हुआ। जल संचय की समस्या से निजात पाने के बाद ग्रामीण अब तालाब से व्यवसाय भी करने लगे है। ग्रामीण महिलाओं द्वारा संचालित बूढ़ी माई महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा मछली पालन का कार्य किया जा रहा है। मछली पालन से समूह की महिलाओं को आर्थिक लाभ हो रहा है। समूह को मत्स्य विभाग से समन्वय कर 28 किलो मछली बीज उपलब्ध कराया गया। मत्स्य पालन शुरू करने से अभी तक 23,000 की आय अर्जित हुआ है और यह लगातार जारी है। जिसके बाद समूह निरंतर मछली पालन का कार्य रहीं है। तालाब से मछलीपालन व सिंचाई का कार्य सुगम हो गया है। ग्राम पंचायत दुर्जनपुर के इन्द्रिपानी मोहल्ले में तालाब गहरीकरण और मत्स्य पालन ने गांव की तस्वीर बदल दी। अब यहां पानी की समस्या दूर हुई है, परिवारों को स्थायी आजीविका का साधन मिला और सामूहिक संगठनों की शक्ति बढ़ी है।ग्राम पंचायत दुर्जनपुर के इन्द्रिपानी मोहल्ले में तालाब गहरीकरण और मत्स्य पालन के पहल ने गांव की तस्वीर बदल दी। अब पानी की समस्या दूर हुई है, परिवारों को स्थायी आजीविका का साधन मिला है और सामूहिक संगठनों की शक्ति बढ़ी है। जिसने ग्रामीणों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाई। ग्राम के बैगा हितग्राही बताते है कि पहले बरसात के बाद हमारी जमीन खाली रहती थी, पानी बह जाने से खरिफ की फसले के अलावा रबि के फसल लेने मे असमर्थ थे। लेकिन तालाब निर्माण के बाद सिंचाई का साधन मिला है जिससे बारहमासी फसल लेने में समक्ष हो गये है।महिला समूह के सदस्य बताते है कि तालाब से मछली पालन करके हमें सालभर आय मिल रही है। समूह की महिलाओं की आमदनी बढ़ने से परिवार और बच्चों की जरूरतें आसानी से पूरी हो रही हैं। गांव के आस पास के अन्य ग्राम पंचायतों में जाकर मछली बेच रहे है जिससे आमदनी अधिक बढ़ी है।
- -गांव में भू-जल स्तर में सुधार और निस्तारी के लिए पर्याप्त जगह उपलब्धरायपुर ।गरियाबंद जिले स्थित ग्राम पंचायत डुमरबहाल में डेम निर्माण से स्थानीय किसानों की समस्या का समाधान हुआ है। वहीं अब गांव में भू-जल स्तर में सुधार होने के साथ ही निस्तारी के लिए भी पर्याप्त जगह उपलब्ध हो गई है।गौरतलब है कि डुमरबहाल ग्राम जनपद पंचायत देवभोग से 12 किलोमीटर और जिला पंचायत से 142 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। डुमरबहाल गांव का क्षेत्रफल 1421.25 एकड़ और आबादी लगभग 2400 है। गांव में खेती-किसानी का रकबा पर्याप्त होने के बावजूद पानी की कमी के कारण किसान अपनी फसल का अच्छे से लाभ नहीं ले पाते थे। ग्राम सभा के माध्यम से महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत चेक डेम निर्माण की जानकारी ग्रामीणों को दी गई। साथ ही बताया गया कि चेक डेम निर्माण होने से बारिश का पानी संचयित किया जा सकेगा। इस पानी का उपयोग फसल की सिंचाई में किया जा सकता है, जिससे फसल को पर्याप्त नमी मिलती है और कम वर्षा या अंतराल के दिनों में भी फसलों को सिंचित किया जा सकता है।पूर्व में गांव के आसपास के खेत बंजर थे और निस्तारी के लिए पर्याप्त जगह नहीं थी। गर्मियों के दिनों में तापमान लगभग 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच जाता था, जिससे भू-जल स्तर में कमी आ जाती थी। इस समस्या को देखते हुए ग्रामीणों ने महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत चेक डेम निर्माण के लिए आवेदन ग्राम पंचायत में जमा कराया। ग्राम पंचायत के प्रस्ताव के आधार पर जिला पंचायत ने प्रशासकीय स्वीकृति दी और जनपद पंचायत ने कार्य आदेश जारी किया गया। तकनीकी सहायक ने खेत में 10 मीटर लंबाई, 2 मीटर चौड़ाई और 1.50 मीटर गहराई का ले-आउट तैयार किया। श्रमिकों के नियोजन के साथ निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ और चेक डेम निर्माण कार्य पूर्ण हो गया। चेक डेम बनने से अब पानी का स्तर बढ़ गया है और निस्तारी के लिए पर्याप्त जगह भी उपलब्ध हो गई है। इससे ग्रामीण किसानों को फसल सिंचाई में सुविधा मिली और जल संरक्षण में भी सहायता हुई।
- -हेठसेमर के पहाड़ी कोरवाओं को मिली विकास के रास्ते की सौगात-कभी पगडंडियों, पहाड़ों और दुर्गम रास्तों के भरोसे डर में गुजरते थे रास्ते, अब है बारहमासी सड़करायपुर ।राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहलाने वाले विशेष पिछड़ी जनजाति समुदाय में आने वाले पहाड़ी कोरवा अपनी विलक्षण संस्कृति और सरल स्वभाव के लिए प्रसिद्ध हैं। इस जनजाति के लोग पहाड़ी क्षेत्रों में ऊंचे पहाड़ों पर दूर-दूर अपने घर बनाकर निवास करते हैं, परन्तु समय के साथ यह विशेषता ही उनके लिए चुनौतियां लेकर आईं हैं। दुर्गम ऊंचे पहाड़ों में निवास करने के कारण शासकीय योजनाओं का लाभ उन तक पहुंचाना कष्टकर हो रहा था। पहाड़ी कोरवाओं को शासकीय जनहितकारी योजनाओं का लाभ मिले इस हेतु प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना लायी गई थी, पर विस्तृत भू-भाग में पहाड़ी क्षेत्रों में सीमित जनसंख्या स्तर के कारण वे इसके लाभ से वंचित थे।प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के द्वारा सभी तक शासन की पहुंच सुनिश्चित करने एवं सभी के समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए विशेष रूप से प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम जनमन) विशेष पिछड़ी जनजातियों के क्षेत्रों के विकास के लिए लायी गई। इसके मापदण्डों में परिवर्तन कर सौ लोगों की जनसंख्या होने पर भी उन्हें मुख्य मार्ग से जोड़ने का कार्य किया गया। जिसके तहत जशपुर जिले के बगीचा विकासखण्ड के पहाड़ी कोरवा ग्राम हेठसेमर को सन्ना-रौनी मुख्य मार्ग से जोड़ा गया। जिसमें 3.67 करोड़ रुपए की लागत से पांच किमी लंबी सड़क का निर्माण किया गया। इस रास्ते में दुर्गम पहाड़ और उथले पाट भी शामिल थे, इन सभी समस्याओं का समाधान निकालते हुए रोड़ का निर्माण कार्य पूरा किया गया।सड़क निर्माण होने से हेठसेमर में बसे पहाड़ी कोरवा जनजातियों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार के नए द्वार खुल गए हैं। सड़क बनने से पहले बारिश के मौसम में कच्ची पगडंडी, दुर्गम पहाड़ी, जहरीले जानवरों की उपस्थिति और छोटे छोटे नालों से हेठसेमर तक पहुँचना दूभर हो जाता था, बारहमासी सड़क के बन जाने से अब बच्चों एवं ग्रामीणों को शिक्षा तथा स्वास्थ्य सुविधाओं के लिये सुलभ आवागमन प्राप्त हो रहा है। उत्पादक किसानों को कृषि उपज एवं अन्य दैनिक वस्तुओं के लिए सोचना नहीं पड़ता। जिससे शासन की योजनाओं का लाभ भी ग्रामीण अब बढ़ चढ़ कर ले रहे हैं। जिससे रोजगार के भी नए रास्ते खुल गए है। सड़क के बन जाने से सामाजिक उन्नति भी हुई है, शादी-विवाह, धार्मिक कार्यक्रम एवं मेला-मंडई जैसे आयोजनों में लोगों का आवागमन बढ़ने से सामाजिक संपर्क को भी प्रोत्साहन मिला है। इसके साथ ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधा हेतु आपातकालीन चिकित्सा वाहन की सुगम-सुविधा प्राप्त हो रही है, जिससे सर्पदंश, आकस्मिक दुर्घटना, मातृत्व स्वास्थ्य जैसी दशाओं में तुरन्त स्वास्थ्य सुविधाएं उनके दरवाजे पर ही उपलब्ध हो रही है।
- -पंचायती राज मंत्रालय के निदेशक ने घाटकवाली में देखा पेसा कानून का जमीनी प्रभावरायपुर। भारत सरकार के पंचायती राज मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में पेसा (पंचायत उपबंध-अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) कानून के ग्राम स्तरीय क्रियान्वयन की जमीनी सफलता को नजदीक से समझा है। मंत्रालय के निदेशक श्री रमित मौर्य ने हाल ही में बस्तर के ग्राम घाटकवाली का विस्तृत भ्रमण कर वहाँ की ग्राम सभा की व्यवस्थाओं, निर्णय प्रक्रिया और समितियों के प्रभावी कार्यप्रणाली का गहन अवलोकन किया।पेसा के तहत सशक्त समितियों का प्रदर्शनयह भ्रमण घाटकवाली की ग्राम सभा की स्वशासन क्षमता का प्रमाण बन गया। श्री मौर्य ने ग्राम सभा द्वारा गठित विभिन्न समितियों की कार्यप्रणाली को समझा, जिन्होंने पेसा कानून के तहत अपने अधिकारों का उपयोग करते हुए महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। समितियों ने खास तौर पर शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने, पर्यावरण संरक्षण के लिए नियम बनाने, सामुदायिक वन संसाधन का प्रबंधन एवं वनोपज का समुचित दोहन कर स्थानीय आजीविका को सशक्त बनाने और विवादों का समाधान कर गाँव में शांति बनाए रखने जैसे कार्यों की विस्तृत जानकारी साझा की।पारदर्शिता, समानता और सहभागिता का अनुभवभ्रमण के दौरान, गाँव के ग्रामीणों ने सीधे तौर पर स्थानीय शासन में अपने अनुभवों को साझा किया। उन्होंने बताया कि पेसा कानून ने ग्राम सभा में पारदर्शिता बढ़ाई है और समानता सुनिश्चित करने सहित हर ग्रामीण की सहभागिता सुनिश्चित किया है। निदेशक श्री रमित मौर्य ने ग्रामवासियों के साथ संवाद करते हुए पेसा कानून के व्यावहारिक पहलुओं, स्थानीय आदिवासी परंपराओं और ग्राम सभा के प्रशासनिक ढांचे को निकट से समझा। इस दौरान क्षेत्र के पंचायत पदाधिकारी, ग्रामसभा के सदस्य और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों सहित बड़ी सख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।
- - नागम विद्यालय में शिक्षकों की पदस्थापना से बच्चों में उत्साह, अभिभावकों ने जताया आभाररायपुर ।छत्तीसगढ़ सरकार की शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की नीति से सुदूर वनांचल क्षेत्रों के स्कूलों में शिक्षकों की कमी की पूर्ति होती जा रही है। युक्ति युक्तकरण के फलस्वरूप अब वनांचलों आदिवासी क्षेत्रों के स्कूलों में शिक्षक पदस्थ हो जाने से बच्चों की पढ़ाई गति पकड़ रही है साथ ही उनका भविष्य संवरने की नींव पड़ गई है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की युक्तियुक्तकरण नीति ने प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को गुणवत्ता, समानता और प्रभावशीलता की नई ऊंचाई पर पहुंचाया है।इसी नीति के तहत सरगुजा जिले के लूण्ड्रा विकासखंड के सुदूर वनांचल ग्राम नागम की शासकीय प्राथमिक शाला, जो वर्षों से शिक्षक विहीन थी, अब बच्चों की पढ़ाई की आवाज़ों से गूंज उठी है। विद्यालय में दो सहायक शिक्षकों में सुश्री ज्ञानलता लकड़ा और श्री वासुकी मिर्री की पदस्थापना के बाद अब यहां के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल रही है। पहले जहां शिक्षक की कमी के कारण विद्यालय लगभग बंद जैसा था, अब वहीं कक्षाएं नियमित रूप से संचालित हो रही हैं। बच्चों में पढ़ाई को लेकर नया उत्साह देखने को मिल रहा है। सहायक शिक्षक ज्ञानलता लकड़ा ने बताया कि नागम के शासकीय प्राथमिक शाला में 40 बच्चे पढ़ते हैं, ये सभी बच्चे बहुत जिज्ञासु और सीखने के इच्छुक हैं। हमारा प्रयास है कि सभी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जाए, जिससे उनका सर्वांगीण विकास हो सके।युक्तियुक्तकरण नीति की अभिभावकों ने की सराहनाविद्यालय में शिक्षकों की पदस्थापना से अभिभावकों में खुशी की लहर है। अभिभावक ने कहा कि पहले हमारे बच्चों को पढ़ाई के लिए दूसरे गांव भेजना पड़ता था, अब गांव में ही शिक्षक आ गए हैं। इससे बच्चों का भविष्य सुरक्षित हुआ है। उन्होंने मुख्यमंत्री और शिक्षा विभाग का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अब हमारे बच्चे रोज स्कूल जा रहे हैं, उन्हें स्कूल में पौष्टिक मध्यान्ह भोजन मिल रहा है जिससे बच्चों का पढ़ाई में मन लगा रहा हैं। यह बदलाव हमारे गांव के लिए बहुत बड़ा तोहफा है।विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने बताया कि युक्तियुक्तकरण नीति के तहत विकासखंड स्तर के सभी विद्यालयों में शिक्षकों की संतुलित तैनाती सुनिश्चित की गई है,ताकि शासकीय स्कूल में पढ़ रहे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण बेहतर शिक्षा मिले और बच्चों का भविष्य सुदृढ़ हो। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की युक्तियुक्तकरण नीति ने न केवल शिक्षा व्यवस्था में संतुलन स्थापित किया है बल्कि सुदूर अंचलों तक शिक्षा की रोशनी पहुंचाकर सबके लिए समान शिक्षा का अधिकार के संकल्प को साकार किया है।
- -पर्यटक मधेश्वर पहाड़ सहित जिले के अन्य खूबसूरत पर्यटन स्थलों का कर सकेंगे दर्शनरायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में जशपुर जिले की प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण और समृद्ध जनजातीय संस्कृति को राष्ट्रीय ही नहीं, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने के लिए सतत प्रयास किए जा रहे हैं। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अधोसंरचना विकास सहित अनेक कार्यक्रमों को संचालन किया जा रहा है। जिला प्रशासन ने एक अभिनव पहल करते हुए शुक्रवार को जशपुर दर्शन 2025 की शुरूआत करते हुए वाहन को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना किया। पर्यटक मधेश्वर पहाड़ सहित जिले के अन्य खूबसूरत पर्यटन स्थलों का कर सकेंगे दर्शनमुख्यमंत्री की इस पहल से जहां जशपुर की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को नई पहचान मिल रही है, वहीं स्थानीय युवाओं और समुदाय के लिए आजीविका के नए अवसर भी सृजित हो रहे हैं। इसी कड़ी में कलेक्टर के मार्गदर्शन में जिले में पर्यटकों को आकर्षित करने हेतु विभिन्न नवाचारी कार्यक्रमों और गतिविधियों का सफल संचालन किया जा रहा है, जिससे जशपुर पर्यटन मानचित्र पर एक प्रमुख गंतव्य के रूप में उभर रहा है।विधायक श्रीमती रायमुनी भगत, जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री यश प्रताप सिंह जूदेव, नगर पालिका अध्यक्ष श्री अरविंद भगत, जनपद पंचायत अध्यक्ष श्री गंगाराम भगत, कलेक्टर श्री रोहित व्यास ने जशपुर पुरातत्व संग्रहालय से जशपुर दर्शन के लिए वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सहित जनर्पतिनिधि, गणमान्य नागरिक मौजूद रहे। आज पहले दिन समर्थ आवासीय दिव्यांग प्रशिक्षण केंद्र जशपुर के छात्र पर्यटन स्थलों का दर्शन करेंगे।जशपुर दर्शन में करीब से देख सकेंगे जशपुर की प्राकृतिक सुंदरताजशपुर दर्शन 2025, इस माह 10 से 15 अक्टूबर तक चलेगा। एक दिन की इस खास यात्रा में पर्यटकों को जशपुर की खूबसूरती को करीब से जानने का मौका मिलेगा। इसके अंर्तगत पर्यटकों को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में लार्जेस्ट नेचुरल फैक्सिमिली ऑफ शिवलिंग के रूप में दर्ज मधेश्वर पहाड़ का दर्शन करने के अवसर प्राप्त होगा। इसके अलावा रानीदाह जलप्रपात, पुरातत्व संग्रहालय, शारदा धाम, देशदेखा, मयाली वाटर स्पोर्ट्स, सारूडीह चाय बगान और गुल्लू जलप्रपात जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों की सैर भी कराई जाएगी। पर्यटकों की सुविधा के लिए इस यात्रा का पैकेज शुल्क प्रति व्यक्ति मात्र 1000 रखा गया है। वहीं पूरी गाड़ी बुकिंग करने पर 5000 रुपए का शुल्क निर्धारित किया गया है। बुकिंग एवं विस्तृत जानकारी के लिए मोबाइल नंबर +91-9329074651 पर संपर्क किया जा सकता है।
- -ग्राम दौजरी के श्री रितेश चंद्रवंशी के घर की छत पर लगा सोलर पैनल-बिजली बिल से राहत, हो रही अतिरिक्त आयरायपुर । प्रधानमंत्री सूर्यघर मुक्त बिजली योजना ने कबीरधाम जिले के दौजरी गाँव में एक नई क्रांति ला दी है। यह योजना अब केवल शहरी नहीं, बल्कि ग्रामीण अंचलों में भी लोगों को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने का अवसर दे रही है। गाँव-गाँव में लोग अपनी छतों पर सोलर पैनल लगाकर न केवल बिजली बिल से राहत पा रहे हैं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के अभियान में अपनी भूमिका अदा कर रहे है।इस परिवर्तन की एक जीती-जागती मिसाल हैं कबीरधाम जिला के दौजरी गाँव के निवासी श्री रितेश चंद्रवंशी। उन्होंने बिना देर किए प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना का लाभ लिया और अपने घर की छत पर सोलर पैनल स्थापित कराया। सौर ऊर्जा से उनके घर की बिजली की ज़रूरतें अब पूरी हो रही हैं, जिससे उन्हें हर महीने होने वाली 2000 से अधिक की बिजली बिल की बचत हो रही है। उनके लिए यह योजना सिर्फ़ बचत का साधन नहीं, बल्कि एक स्थायी समाधान बन गई है। रितेश ने बताया कि उन्हें केंद्र सरकार से 78,000 और राज्य सरकार से 30,000 की सब्सिडी मिली, जिससे सोलर सिस्टम लगवाना किफायती और आसान हो गया। वे कहते हैं अब न तो बिजली बिल की चिंता है, न बिजली कटने की परेशानी। उल्टा सूरज की रोशनी से आमदनी हो रही है। सरकार का यह कदम गांव के लोगों के लिए वरदान साबित हो रहा है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की दूरदृष्टि और शासन की प्राथमिकता में शामिल ऊर्जा आत्मनिर्भरता की यह पहल ग्रामीण अंचल में नई चेतना फैला रही है। इस योजना के तहत उपभोक्ताओं की खपत के अनुसार 45,000 से 1,08,000 तक की सब्सिडी दी जा रही है, जिससे 1 से 3 किलोवाट के सोलर सिस्टम अब मध्यमवर्गीय और निम्न आय वर्ग के परिवारों की पहुंच में हैं।श्री रितेश बताते है कि पहले हर महीने बिजली बिल का बोझ दिमाग पर रहता था, लेकिन अब सौर ऊर्जा से हमें न केवल आर्थिक राहत मिली है, बल्कि यह जानकर खुशी होती है कि हम पर्यावरण संरक्षण में भी सहयोग दे रहे हैं। श्री रितेश की यह पहल अब पूरे गाँव के लिए एक प्रेरणास्रोत बन गई है। उनकी सफलता को देखकर दौजरी और आसपास के क्षेत्रों के कई लोग भी अब इस योजना के तहत सोलर पैनल लगवाने के लिए आगे आ रहे हैं। बिजली विभाग को लगातार ऑनलाइन आवेदन मिल रहे हैं, जो स्पष्ट रूप से जिले में इस योजना के प्रति लोगों के भारी उत्साह को दर्शाता है। जिला प्रशासन और बिजली विभाग भी आम नागरिकों को योजना की सही जानकारी देने और आवेदन प्रक्रिया में मदद करने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। कबीरधाम जिला अब स्वच्छ ऊर्जा और आत्मनिर्भरता की दिशा में तेज़ी से कदम बढ़ा रहा है। प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना यहाँ के लोगों के लिए उज्जवल भविष्य की नई किरण साबित हो रही है।
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दुर्ग/ फसल को कीटव्याधियों से बचाने तथा कृषकों को उचित मार्गदर्शन देने के उद्देश्य से कृषि विभाग ने वैज्ञानिकों की सलाह पर आधारित, प्रभावित क्षेत्रों के किसानों के लिए कीट और रोग नियंत्रण हेतु तत्काल कार्रवाई योजना (दवा और मात्रा) जारी की है। जिसके अनुसार दुर्ग संभाग में कुल 1123.31 हजार हेक्टे. क्षेत्र में खरीफ फसल लगायी गयी है तथा फसल स्थिति अच्छी है। फसलों की मैदानी अमलों द्वारा सतत् मॉनिटरिंग की जा रही है तथा कीटव्याधियों के प्रकोप की स्थिति में नियंत्रण हेतु कृषकों को उचित कीटनाशक दवा की कृषि वैज्ञानिक अनुशंसित मात्रा अनुसार उपयोग करने की सलाह एवं मार्गदर्शन प्रदान किया जा रहा है।
संभाग के संयुक्त संचालक कृषि से प्राप्त जानकारी के अनुसार आज की स्थिति में दुर्ग संभाग में 953.50 हजार हेक्टे. क्षेत्र में धान फसल में तनाछेदक, पत्तीमोड़क, भूरा माहू, पेनिकल माइट्स आदि कीट एवं फफुंद जनित ब्लास्ट, शीथ ब्लाईट एवं बैक्टीरियल लीफ ब्लाईट रोग से प्रभावित 82539 हेक्टे. रकबे की जानकारी संज्ञान में आयी है, जिसके नियंत्रण हेतु इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के कृषि वैज्ञानिकों द्वारा अनुशंसा अनुसार तनाछेदक में हाइड्रोक्लोराइड 50 डब्ल्यूपी मात्रा 1 किलो/हेक्टे., क्लोरेन्ट्रानिलीप्रोल 150 मि.ली./हेक्टे, पत्तीमोड़क में फिपरोनिल 5एससी 800 मि.ली./हेक्टे भूरा माहू पाईमेट्रोजिन 50 डब्ल्यूपी मात्रा 300 ग्राम/हेक्टे, पेनिकल माइट्स हेतु हेक्सीथायाजोक्स 5.45 ईसी 500 मि.ली.$ प्रोपीकोनाजोन 25 ईसी 500 मि.ली./हेक्टे आदि कीट एवं फफुंद जनित रोग यथा ब्लास्ट एवं शीथ ब्लाईट हेतु ट्राईसाइक्लोजोल 300 ग्राम/हेक्टे, तथा बैक्टीरियल लीफ ब्लाईट नियंत्रण हेतु स्ट्रेप्टोसाइक्लिन 30 ग्राम/हेक्टे. दवा का उपयोग 500 लीटर पानी के साथ घोल तैयार कर प्रति हेक्टेयर छिड़काव करने हेतु कृषकों को सलाह दिया गया है। वर्तमान में कीटव्याधि प्रकोप नियंत्रण की स्थिति में है तथा फसलों को किसी प्रकार का नुकसान नहीं होने की जानकारी जिलों के मैदानी अमलों द्वारा प्राप्त हुई है। -
-बेहतर परीक्षा परिणाम हेतु प्राचार्यों को कार्ययोजना पर कार्य करने के निर्देश*
दुर्ग,/ लोक शिक्षण संचालनालय छ.ग. से प्राप्त दिशा-निर्देश के अनुसार आज जिले के समस्त प्राचार्यों की बैठक आहूत की गई। बैठक में संचालक द्वारा दिए गए निर्देशानुसार शिक्षा गुणवक्ता, परख, आपार आईडी एवं यूडीआईएसई प्रविष्टी के संबंध में विस्तर से समीक्षा की गई। जिले के द्वारा शिक्षा गुणवक्ता हेतु तैयार की गई कार्ययोजना को साझा करते हुए प्रत्येक बिन्दु पर विस्तार से चर्चा की गई तथा सभी प्राचार्यों ने कार्ययोजना अनुसार कार्य कर परीक्षा परिणाम को बेहतर करने का आश्वासन दिया। बैठक में यह भी निर्देश दिए गए कि शिक्षा गुणवक्ता के परिप्रेक्ष्य में किसी भी प्राचार्य एवं शिक्षक की अनियमितता कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। गुणवक्ता सुधार एवं बेहतर परिणाम के लिए जिले से विभिन्न मानिटरिंग दलों का गठन कर नियमित प्रभावी मानिटरिंग की व्यवस्था की गई है। -
सभापति सूर्यकान्त ने नगर निगम के सभी 70 पार्षदो से अपने निज आवासो की छत पर पीएम सूर्य घर योजना अंतर्गत सोलर पैनल लगवाने की विनम्र अपील की, वार्डवासियों को इस योजना का अधिकाधिक लाभ दिलवाने प्रोत्साहित करने का किया आव्हान
रायपुर - रायपुर नगर पालिक निगम के सभापति श्री सूर्यकात राठौड ने प्रदेश की मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व वाली छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी जनकल्याणकारी योजना पीएम सूर्यघर के अंतर्गत भारत गणराज्य के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के समाज हितैषी आव्हान पर रायपुर शहर में रमण मंदिर स्थित अपने निज आवास की छत पर 5 किलो वॉट क्षमता का सोलर पैनल लगवाया है। सोलर पैनल लगवाये जाने के समय छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत पावर वितरण कंपनी के कार्यपालन अभियता श्री योगेश साहू एवं सहायक अभियंता श्री मुकेश त्रिपाठी सभापति के निज आवास की छत पर उपस्थित थे।सूर्य घर नगर निगम सभापति श्री सूर्यकात राठौड ने रायपुर नगर निगम के सभी 70 वार्ड पार्षदो से अपने निज आवासो की छत में पीएम सूर्यघर योजना के अंतर्गत महत्वाकाक्षी समाज हितैषी शासकीय योजना अतर्गत सोलर पैनल लगवाकर योजना से अधिकाधिक वांछित तरीके से लाभान्वित होने और अधिक से अधिक वार्डवासियों को पीएम सूर्यघर योजना की जानकारी देकर उससे समाज हित में अधिक से अधिक सख्या में लाभान्वित करने की विनम्र अपील की है। -
दक्षिण विधायक सुनील सोनी ने ग्रामीण विधायक मोतीलाल साहू सभापति सूर्यकांत राठौड, जोन 10 अध्यक्ष सचिन बी. मेधानी सहित गणमान्यजनो, आमजनो के साथ मिलकर आकाक्षीय शौचालय निर्माण हेतु भूमिपूजन कर कार्यारम्भ करके दी शानदार सौगात
रायपुर- रायपुर नगर पालिक निगम के जोन क्रमांक 10 अतर्गत लेफ्टिनेंट अरविंद दीक्षित वार्ड क्रमांक 56 के अंतर्गत आदर्श नगर में शीघ्र नागरिको को जीवन में स्वस्थ परिवेश एवं सुविधायुक्त वातावरण देने आकाक्षीय शौचालय का निर्माण 28 लाख 20 हजार रू. की स्वीकृत लागत से किया जायेगा।
आदर्श नगर पहुंचकर रायपुर दक्षिण विधायक श्री सुनील सोनी ने रायपुर ग्रामीण विधायक श्री मोतीलाल साहू, नगर निगम सभापति श्री सूर्यकांत राठौड, वार्ड 56 पार्षद एवं जोन 10 जोन अध्यक्ष श्री सचिन बी मेघानी सहित विशिष्टजनो, गणमान्यजनो, आमजनो के साथ मिलकर श्रीफल फोडकर और कुदाल चलाकर आकाक्षीय शौचालय निर्माण कार्य प्रारंभ करवाते हुए नागरिको को शानदार सौगात दी।रायपुर दक्षिण विधायक श्री सुनील सोनी ने नगर निगम जोन 10 जोन कमिश्नर श्री विवेकानंद दुबे को स्वीकृति अनुसार निर्धारित स्थल पर नये आकांक्षीय शौचालय का निर्माण तत्काल प्रारंभ करवाकर तय समय सीमा के भीतर गुणवत्ता युक्त तरीके से सतत मॉनिटरिंग कर प्राथमिकता से पूर्ण करना एवं नागरिको को जीवन में स्वस्थ परिवेश सहित सुविधायुक्त वातावरण शीघ्र प्रदान किया जाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैँ। - -मुख्यमंत्री ने 1.98 लाख विद्यार्थियों के खाते में 84.66 करोड़ रूपए की शिष्यवृत्ति एवं छात्रवृति ऑनलाईन अंतरित की-एसटी, एससी, ओबीसी, अल्पसंख्यक तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के विद्यार्थियों के लिए नई सुविधा-तकनीकी एवं प्रोफेशनल पाठ्यक्रम में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को भी अब ऑनलाईन मिलेगी छात्रवृत्ति-नयी व्यवस्था में माह जून, सितंबर, अक्टूबर एवं दिसंबर में अंतरित की जाएगी राशिरायपुर ।मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर राज्य के शैक्षणिक संस्थानों, आश्रम-छात्रावासों और तकनीकी एवं प्रोफेशनल पाठ्यक्रम में पढ़ाई करने वाले अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के विद्यार्थियों को शिष्यवृत्ति एवं छात्रवृत्ति का भुगतान अब उनके बैंक खाते में ऑनलाईन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री साय ने आज मंत्रालय, महानदी भवन में आयोजित कार्यक्रम में इन वर्गों के 1.98 लाख विद्यार्थियों के बैंक खातों में 84.66 करोड़ रूपए की शिष्यवृत्ति एवं छात्रवृत्ति ऑनलाईन अंतरित की।प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा ने बताया कि प्री. मैट्रिक, पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति तथा शिष्यवृत्ति भुगतान के लिए नयी व्यवस्था में माह जून, सितंबर, अक्टूबर एवं दिसंबर में विद्यार्थियों को ऑनलाईन भुगतान किया जाएगा। इस पहल से छात्रों को शैक्षणिक अध्ययन के दौरान होने वाली आर्थिक समस्या से निजात मिलेगी। छात्रवृत्ति पहले विद्यार्थियों को दिसंबर एवं फरवरी-मार्च में वर्ष में एक बार छात्रवृति एवं शिष्यवृति की राशि प्रदान की जाती थी।प्रमुख सचिव श्री बोरा ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री साय के नेतृत्व में सुशासन की दिशा में लगातार हो रहे इन प्रयासों से शासन-प्रशासन को पूर्व की तुलना में अपेक्षाकृत अधिक जवाबदेही एवं पारदर्शी बनाया गया है। श्री बोरा ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री साय के हाथों आज आश्रम-छात्रावासों के 1 लाख 86 हजार 50 विद्यार्थियों को शिष्यवृति की द्वितीय किश्त की राशि 79 करोड़ 27 लाख रूपए एवं पो. मैट्रिक छात्रवृत्ति के 12 हजार 142 विद्यार्थियों को 5 करोड़ 38 लाख 81 हजार रूपए विद्यार्थियों के बैंक खातों में राशि अंतरित की गई है।प्रमुख सचिव श्री बोरा ने बताया कि विद्यार्थियों को शिष्यवृत्ति और छात्रवृत्ति ऑनलाईन भुगतान की शुरूआत मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के हाथों पहली बार 10 जून 2025 को की गई थी। राज्य में संचालित सभी प्री. मैट्रिक छात्रावास एवं आश्रमों को शैक्षणिक सत्र प्रारंभ होने के पूर्व ही शिष्यवृति की प्रथम किश्त राशि 77 करोड़ रूपए एवं पोस्ट मैट्रिक छात्रावासों में अध्ययनरत छात्रों हेतु भोजन सहाय की प्रथम किश्त के रूप में राशि 8.93 करोड़ रूपए, इस प्रकार कुल 85 करोड़ रूपए की राशि जारी कर एक अभिनव पहल की गई थी। साथ ही इसके दूसरे चरण में 17 जून 2025 को 8370 विद्यार्थियों को छात्रवृति की राशि 6.2 करोड़ रूपए का ऑनलाइन अंतरण किया गया था।इस अवसर पर आदिम जाति विकास मंत्री श्री रामविचार नेताम, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री केदार कश्यप, स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल, वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी, राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा, स्कूल शिक्षा मंत्री श्री गजेन्द्र यादव, अनुसूचित जाति विकास मंत्री गुरू खुशवंत साहेब, पर्यटन मंत्री श्री राजेश अग्रवाल, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध सिंह, आदिम जाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक विकास विभाग के आयुक्त डॉ. सारांश मित्तर भी उपस्थित थे।
- *0 पूर्व केबिनेट मंत्री पश्चिम विधायक राजेश मूणत और महापौर मीनल चौबे ने एमआईसी सदस्यो, जोन 7 अध्यक्ष, वार्ड पार्षद सहित 30 लाख के नये विकास कार्यों को प्रारम्भ करवाकर दी शानदार सौगात 0*रायपुर - नगर पालिक निगम रायपुर के जोन कमांक 7 के अंतर्गत स्वामी आत्मानंद वार्ड क्रमांक 38 में चौबे कालोनी में शीघ्र दशहरा उद्यान निर्माण और पेवर निर्माण कार्य 23 लाख रू. की स्वीकृत लागत से और दशहरा उद्यान चौबे कालोनी के पास स्ट्रीट लाईटिंग कर समुचित प्रकाश व्यवस्था देने का कार्य 7 लाख रू. की स्वीकृत लागत से नगर निगम जोन 7 लोककर्म विभाग द्वारा किया जायेगा।आज प्रदेश के पूर्व केबिनेट मंत्री रायपुर पश्चिम विधायक श्री राजेश मूणत और नगर पालिक निगम रायपुर की महापौर श्रीमती मीनल चौबे ने दशहरा मैदान चौबे कालोनी पहुंचकर नगर निगम लोककर्म विभाग अध्यक्ष श्री दीपक जायसवाल, पर्यावरण एवं उद्यानिकी विभाग अध्यक्ष श्री भोला राम साहू, जोन 7 अध्यक्ष श्रीमती श्वेता विश्वकर्मा, स्वामी आत्मानद वार्ड पार्षद श्री आनद अग्रवाल सहित चौबे कालोनी के रहवासी गणमान्यजनो, सामाजिक कार्यकर्ताओ, महिलाओ, नवयुवको, आमजनो, नगर निगम जोन 7 के अधिकारियों कर्मचारियों की उपस्थिति में श्रीफल फोडकर और कुदाल चलाकर एकमुश्त 30 लाख के नये विकास कार्यों का भूमिपूजन करते हुए कार्यारंभ कर नगरवासियो को एक और शानदार सौगात दी।प्रदेश के पूर्व केबिनेट मंत्री रायपुर पश्चिम विधायक श्री राजेश मूणत एव महापौर श्रीमती मीनल चौबे ने जोन 7 अधिकारियों को स्वीकृति अनुसार दशहरा मैदान चौबे कालोनी में दशहरा उद्यान निर्माण व पेवर निर्माण कार्य और दशहरा उद्यान के पास स्ट्रीट लाईट लगाने का कार्य प्रारंभ करवाकर सतत मॉनिटरिंग करते हुए गुणक्त्ता सहित जनहित में जनसुविधा विस्तार की दृष्टि से प्राथमिकता से तय समय सीमा के भीतर पूर्ण करवाना सुनिश्चित करने के
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रायपुर - आज रायपुर नगर पालिक निगम की महापौर श्रीमती मीनल चौबे ने दीपावली पर्व पर शहर के मुख्य बाजार मार्ग गोलबाजार चिकनी मन्दिर के पास नगर निगम द्वारा की गयी कार्यवाही से प्रभावित पसरा व्यापारियों को वहाँ त्योहारी सीजन में भारी यातायात को देखते हुए बूढ़ापारा में पुराना धरना स्थल में दीपावली पर्व तक बैठने की अस्थायी व्यवस्था दिए जाने के निर्देश रायपुर नगर निगम के अधिकारियों को दिए हैँ, ताकि मुख्य मार्ग में त्योहारी सीजन में नागरिकों को गोलबाजार में मुख्य बाजार मार्ग में यातायात जाम की समस्या ना होने पाए..
महापौर श्रीमती मीनल चौबे ने नगर निगम जोन 4 जोन अध्यक्ष श्री मुरली शर्मा, नगर निवेशक श्री आभाष मिश्रा, स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर तृप्ति पाणीग्रही, उपायुक्त बाजार श्रीमती जागृति साहू, कार्यपालन अभियंता श्री शेखर सिंह, उप अभियंता श्री हिमांशु चंद्राकर की उपस्थिति में बूढ़ापारा पुराना धरना स्थल का निरीक्षण किया और नगर निगम रायपुर की कार्यवाही से प्रभावित गोलबाजार चिकनी मन्दिर के पास के पसरा व्यापारियों को दीपावली पर्व तक पुराना धरना स्थल क्षेत्र में अस्थायी रूप से जनहित में त्योहारी सीजन में बैठने की व्यवस्था देने के सम्बन्ध में अधिकारियों को निर्देशित किया. - महासमुंद / कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री विनय कुमार लंगेह के निर्देश के परिपालन में आज जिला स्तरीय गठित संयुक्त टीम द्वारा दो औद्योगिक केन्द्रों का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान प्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र श्री शशिकांत सिंह, श्रम पदाधिकारी श्रम विभाग,श्री डी०एन० पात्र, निरीक्षक, विधिक माप विज्ञान विभाग श्री सिद्धार्थ दुबे उपस्थित रहे।निरीक्षण के दौरान मेसर्स राधेश्याम आईल इण्डस्ट्रीज सरायपाली में विधिक माप विज्ञान विभाग की जांच में धर्मकांटा नियमानुसार सत्यापित पाया गया, इसकी जांच हेतु पर्याप्त संख्या में बाट रखने हेतु निर्देशित किया गया। जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र द्वारा जांच में कोई भी कमियां नहीं पाई गई। श्रम विभाग द्वारा न्यूनतम वेतन अधिनियम 1948, समान पारिश्रमिक अधिनियम 1976, वेतन भुगतान अधिनियम 1936, संविदा श्रमिक अधिनियम 1970 के अन्तर्गत जांच/निरीक्षण किया गया। प्रबंधन द्वारा प्रमुख नियोजक का लाइसेंस एवं ठेकेदार द्वारा भी लाइसेंस नही लिया जाना पाया गया व सूचनाएं प्रदर्शित किया जाना नहीं पाया गया तथा ओवर टाईम का रिकॉर्ड रखा जाना नहीं पाया गया। इस संबंध में प्रबंधन एवं ठेकेदार को नोटिस जारी किया जा रहा है।इसी प्रकार विकासखण्ड सरायपाली अंतर्गत क्लीनमैक्स इनवायरो एनर्जी सॉल्यूशन लिमिटेड केना का निरीक्षण किया गया है। जिसमें जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र तथा विधिक माप विज्ञान विभाग की जांच में कोई भी कमियां नहीं पाया गया। श्रम विभाग द्वारा न्यूनतम वेतन अधिनियम 1948, समान पारिश्रमिक अधिनियम 1976, वेतन भुगतान अधिनियम 1936, संविदा श्रमिक अधिनियम 1970 के अन्तर्गत जांच / निरीक्षण किया गया। जिसमें 01 ठेकेदार द्वारा लाइसेंस नहीं लिया जाना पाया गया व सूचनाएं प्रदर्शित नहीं पाया गया तथा अन्य रिकार्ड प्रस्तुत नहीं किया गया। इस संबंध में प्रबंधन एवं ठेकेदार को नोटिस जारी किया जा रहा है।


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