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अयोध्या . भगवान राम के प्रति भक्ति और तीन दशक से भी अधिक समय पहले की गई प्रतिज्ञा से प्रेरित होकर 73 वर्षीय एक व्यक्ति ने बृहस्पतिवार को गुजरात के मेहसाणा से उत्तर प्रदेश के अयोध्या तक 1,338 किलोमीटर लंबी पैदल यात्रा पूरी की। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र मीडिया सेंटर की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि मेहसाणा जिले के मोदीपुर गांव के निवासी जयंतीलाल हरजीवनदास पटेल, 1990 में वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में सोमनाथ-अयोध्या रथ यात्रा के दौरान लिए गए अपने संकल्प को पूरा करने के लिए 40 दिनों की पैदल यात्रा के बाद अयोध्या पहुंचे। पटेल ने अपने गृह राज्य गुजरात में भी इस यात्रा में भाग लिया था। उन्होंने 30 अगस्त को अपनी यात्रा शुरू की। बयान में कहा गया है कि प्रतिदिन 33 से 35 किलोमीटर पैदल चलकर और रात में विश्राम करके, उन्होंने रास्ते में मंदिरों, सार्वजनिक पार्कों और गेस्ट हाउस में रुककर यह दूरी तय की। रिश्तेदार अक्सर उन्हें मोबाइल फोन के जरिए अगले पड़ावों के बारे में बताते रहते थे ताकि उन्हें अगले पड़ाव की योजना बनाने में मदद मिल सके। राम लला की प्राण-प्रतिष्ठा और अयोध्या परिसर में राम मंदिर और आठ अन्य तीर्थस्थलों पर ध्वजारोहण समारोह की घोषणा के साथ, पटेल ने तय किया कि अब अपने दशकों पुराने संकल्प को पूरा करने का समय आ गया है। बयान में कहा गया है कि अयोध्या पहुंचने पर, उन्होंने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय से मिलने के लिए कारसेवकपुरम का भी दौरा किया।
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नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से बात की और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की गाजा शांति योजना के तहत हुई प्रगति पर उन्हें बधाई दी। मोदी ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि उन्होंने पुनः पुष्टि की कि किसी भी तरह का आतंकवाद विश्व में कहीं भी अस्वीकार्य है। मोदी ने कहा, ‘‘हम बंधकों की रिहाई और गाजा के लोगों को मानवीय सहायता बढ़ाने पर हुए समझौते का स्वागत करते हैं।'' इससे पहले मोदी ने ट्रंप से भी बात की और गाजा शांति योजना पर उन्हें बधाई दी।
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नयी दिल्ली. कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बृहस्पतिवार को कहा कि अस्थिर भू-राजनीतिक स्थिति में जहां व्यापार एवं शुल्क हथियार बन गए हैं... भारत अपने राष्ट्रीय हितों से समझौता नहीं करेगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि देश को वैश्विक बाजारों पर निर्भर हुए बिना खाद्य सुरक्षा को और मजबूत करना चाहिए। पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की 120वीं वार्षिक आम बैठक को संबोधित करते हुए चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्पष्ट कर दिया है कि भारत, ‘विश्व में भाई' की भूमिका निभाने में विश्वास रखता है और दुनिया के बारे में चिंतित है लेकिन देश का हित सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा, ‘‘ ऐसी अस्थिर भू-राजनीतिक स्थिति में जहां राष्ट्र एक-दूसरे से लड़ रहे हैं, जहां व्यापार एवं शुल्क को हथियार माना जा रहा है, जहां राष्ट्र अपनी मनमानी से दुनिया पर शासन कर रहे हैं... ऐसी स्थिति में, भारत को अपना रास्ता चुनना होगा। हम किसी के दबाव में नहीं आएंगे। अपने देश के हितों की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है और यह वैश्विक शांति के लिए आवश्यक है। भारत जैसे जिम्मेदार देश को आगे आना चाहिए।'' मंत्री ने कहा कि भारत की 46 प्रतिशत आबादी अपनी आजीविका के लिए सीधे तौर पर कृषि पर निर्भर है। इस पर निर्भरता को कम करने के लिए जारी प्रयासों के बावजूद इस क्षेत्र को मजबूत करना महत्वपूर्ण हो जाता है। उन्होंने कहा, ‘‘ मौजूदा स्थिति में खाद्यान्न के लिए वैश्विक बाजार पर निर्भर नहीं रहा जा सकता। इसलिए हमें आत्मनिर्भर बनना होगा।'' पीएल480 कार्यक्रम के तहत अमेरिकी खाद्य सहायता पर भारत की पिछली निर्भरता का जिक्र करते हुए चौहान ने कहा कि देश ने एक लंबा सफर तय किया है। उन्होंने कहा, ‘‘ एक समय ऐसा भी था जब अतीत में किसी प्रधानमंत्री को लोगों से सप्ताह में एक बार उपवास रखने के लिए कहना पड़ता था। अब 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दिया जा रहा है। गोदाम इस समय चावल और गेहूं से भरे हुए हैं।'' चौहान ने न केवल खाद्य सुरक्षा के लिए बल्कि किसानों की आय सुनिश्चित करने के लिए भी कृषि को और मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सरकार उत्पादकता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करते हुए छह प्रमुख क्षेत्रों में काम कर रही है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘ चावल और गेहूं के मामले में हम वैश्विक औसत पर हैं, लेकिन दलहन एवं तिलहन के मामले में हम पीछे हैं। हमें दलहन और खाद्य तेलों के मामले में आत्मनिर्भर बनना चाहिए।'' उन्होंने कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) बेहतर गुणवत्ता वाले बीज विकसित करने के लिए काम कर रही है। चूंकि भारत में आनुवंशिक रूप से संशोधित फसलों की अनुमति नहीं है, इसलिए ‘हाइब्रिड' बीज विकसित करने के लिए जीनोम संपादन विधि का उपयोग किया जा रहा है और इसमें ‘‘उत्साहजनक सफलता'' मिल रही है। चौहान ने छोटे किसानों को ध्यान में रखते हुए मशीनीकरण और खाद्य प्रसंस्करण को मजबूत करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया और कहा कि ‘विकसित भारत' के निर्माण में सभी की भूमिका है।
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर बातचीत की और उन्हें ‘ऐतिहासिक’ गाजा शांति समझौते की सफलता पर बधाई दी। दोनों नेताओं के बीच यह फोन कॉल ऐसे समय हुआ जब इजराइल और हमास ट्रंप द्वारा प्रस्तावित शांति समझौते के पहले चरण पर सहमत हुए हैं। इस बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता में हुई हाल की प्रगति की भी समीक्षा की और आगे संपर्क में बने रहने पर सहमति जताई।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “अपने मित्र, राष्ट्रपति ट्रंप से बात की और ऐतिहासिक गाजा पीस प्लान की सफलता पर उन्हें बधाई दी। व्यापार वार्ता में हुई अच्छी प्रगति की भी समीक्षा की। आने वाले हफ्तों में निकट संपर्क में रहने पर सहमति बनी।” यह एक महीने के अंतराल में दोनों नेताओं के बीच दूसरी बातचीत थी। इससे पहले 16 सितंबर को ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी को उनके 75वें जन्मदिन पर फोन कर शुभकामनाएं दी थीं।विशेषज्ञों के मुताबिक महीनों के तनाव के बाद भारत और अमेरिका के बीच रिश्ते अब स्थिर होते दिख रहे हैं। दोनों देशों ने व्यापार वार्ता को फिर से शुरू किया है। सितंबर के अंत में, वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जैमीसन ग्रीर से मुलाकात की थी।वाणिज्य मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने अमेरिकी सरकार के साथ सौदे के विभिन्न पहलुओं पर ‘रचनात्मक बैठकें’ कीं। बयान में आगे कहा गया, “दोनों पक्षों ने संभावित व्यापार समझौते की रूपरेखा पर विचार-विमर्श किया और पारस्परिक रूप से लाभकारी सौदे को जल्द अंतिम रूप देने पर सहमति जताई। -
मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बृहस्पतिवार को चार डिप्टी गवर्नर के विभागों में फेरबदल किया और अपने 32 विभागों को उनके बीच वितरित कर दिया। आरबीआई ने बयान में कहा कि एम राजेश्वर राव की सेवानिवृत्ति के बाद बृहस्पतिवार को डिप्टी गवर्नर के रूप में कार्यभार संभालने वाले शिरीष चंद्र मुर्मू संचार, सरकार और बैंक खातों, विनियमन और प्रवर्तन विभागों की जिम्मेदारी संभालेंगे। अन्य तीन डिप्टी गवर्नर टी रबी शंकर, स्वामीनाथन जानकीरमन और पूनम गुप्ता हैं।
गुप्ता मौद्रिक नीति विभाग का कार्यभार संभालेंगी। उन्हें आर्थिक एवं नीति अनुसंधान और वित्तीय स्थिरता विभाग सहित पांच अन्य विभागों का कार्यभार भी सौंपा गया है। शंकर को मुद्रा प्रबंधन, सूचना प्रौद्योगिकी, भुगतान एवं निपटान प्रणाली, वित्तीय प्रौद्योगिकी और विदेशी मुद्रा सहित 12 विभाग सौंपे गए हैं। बयान के अनुसार, जानकीरमन 10 विभागों का कार्यभार संभालेंगे। इनमें पर्यवेक्षण, वित्तीय समावेशन एवं विकास तथा निरीक्षण विभाग शामिल हैं। -
नयी दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने दिवाली से पहले एक सितंबर से शहर भर में 7,800 किलोग्राम से अधिक अवैध पटाखे जब्त किए हैं। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि अब तक 32 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। यह अभियान विभिन्न पुलिस जिलों और इकाइयों द्वारा चलाया गया है जिनमें अपराध शाखा और एएटीएस टीमें भी शामिल हैं। यह अभियान दिवाली के दौरान प्रदूषण को कम करने के लिए पटाखों की बिक्री, भंडारण और उपयोग पर सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों और दिल्ली सरकार द्वारा लगाए गए पूर्ण प्रतिबंध के अनुरूप है।
पुलिस के अनुसार, सबसे बड़ी बरामदगी 25 सितंबर को हुई, जब पश्चिमी दिल्ली के राजौरी गार्डन की टीम ने विशाल एन्क्लेव के एक घर से 3,580 किलोग्राम पटाखे जब्त किए। एक परिवार के तीन सदस्यों-सुशील कक्कड़, उपासना और शिवम को पटाखे जमा करने और उनकी पैकेजिंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। एक पुलिस अधिकारी ने बताया, "यह खेप मेरठ, गुरुग्राम और गाजियाबाद से दिल्ली में बेचने के लिए मंगवाई गई थी। पटाखे घर के रसोई सहित हर कोने में रखे गए थे जो सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा था।'' इससे पहले 16 सितंबर को, पुलिस ने बदरपुर के मोलादबंद इलाके में एक छत पर बने कमरे से 225 किलोग्राम पटाखे जब्त किए थे और धर्मवीर सिंह को गिरफ्तार किया था, जिसने कथित तौर पर हरियाणा के पलवल से यह सामान खरीदा था। उत्तरी दिल्ली के विजय नगर में 27 सितंबर को दो लोगों- ललित कुमार गुलाटी और मुकुल वासन को गिरफ्तार कर 164 किलोग्राम पटाखे बरामद किए गए। बिंदापुर के मटियाला गांव में दो अक्टूबर को एक और बड़ी बरामदगी हुई, जब 693 किलोग्राम पटाखे बरामद किए गए। आरोपी दिलबाग सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने मंडोली में एक और गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए भगवती प्रसाद, उसके बेटे तरुण सिंघल और आपूर्तिकर्ता राजीव गोयल को गिरफ्तार किया और प्रतिबंधित पटाखे जब्त किए गए। अभियान के एक अन्य चरण में, अपराध शाखा और जिला पुलिस इकाइयों ने द्वारका, रोहिणी, उत्तम नगर, शास्त्री नगर, मुकुंदपुर और शाहदरा में छापेमारी की, जिसमें 1,645 किलोग्राम प्रतिबंधित पटाखे जब्त किए गए और छह लोगों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने कहा कि यह खेप हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से खरीदी गयी थी। इन छापों के बाद, एक से छह अक्टूबर के बीच शाहदरा में 1,200 किलोग्राम और पटाखे जब्त किए गए और छह गिरफ्तारियां हुईं। अपराध शाखा ने इसी से संबंधित एक मामले में पांच अक्टूबर को बामनोली चौक के पास एक टेंपो को रोका, जिसमें से 394 किलोग्राम पटाखे बरामद किए और चालक सहित दो अन्य को गिरफ्तार किया गया। इस सप्ताह, अपराध शाखा ने संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर के एक गोदाम से 192 किलोग्राम अवैध पटाखे जब्त किए और हिमाचल प्रदेश निवासी पवन कुमार को गिरफ्तार किया। पुलिस ने कहा कि वह अवैध व्यापार में शामिल नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए निरीक्षण और जांच जारी रखेगी। एक अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "बरामद खेप के स्रोत का पता लगाने और दिल्ली में प्रतिबंधित सामग्री की बिक्री को रोकने के लिए कई टीमों का गठन किया गया है।" उन्होंने कहा कि सितंबर से अब तक की गई संयुक्त छापेमारी में शहर के विभिन्न जिलों से 7,876.5 किलोग्राम प्रतिबंधित पटाखे जब्त किए गए हैं और 32 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। -
देहरादून। उत्तराखंड में मानसून के दौरान आपदाओं के कारण बार-बार बाधित हुई चारधाम यात्रा बर्फबारी और लगातार खराब मौसम के बावजूद अब फिर से रफ्तार पकड़ चुकी है। केदारनाथ और बदरीनाथ मंदिर में उमड़ रहे श्रद्धालुओं की संख्या नये रिकॉर्ड कायम कर रही है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, बुधवार को केदारनाथ और बदरीनाथ यात्रा के संबंध में नये रिकॉर्ड बने। इसके अनुसार, केदारनाथ में जहां इस साल दर्शन करने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या बुधवार को 16.56 लाख के पार चली गई, वहीं बदरीनाथ में यह आंकड़ा 14.53 लाख से अधिक हो गया। आंकड़ों के मुताबिक, पिछला रिकॉर्ड 2024 में बना था, जब पूरे यात्राकाल में 16.52 लाख से अधिक तीर्थयात्री दर्शन के लिए केदारनाथ मंदिर पहुंचे थे, जबकि बदरीनाथ के दर्शन के लिए 14.35 लाख श्रद्धालु गए थे। बुधवार को शाम सात बजे तक एक ही दिन में कुल 19,731 तीर्थयात्रियों ने चारों धाम (बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री) और हेमकुंड साहिब के दर्शन किए। बदरीनाथ मंदिर में 5,042, केदारनाथ मंदिर में 5,614, गंगोत्री धाम में 6,217 और यमुनोत्री धाम में 2,360 तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए, जबकि 498 तीर्थयात्री हेमकुंड साहिब पहुंचे। पांच अगस्त को धराली आपदा के बाद से अतिवृष्टि, बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं के कारण चारधाम यात्रा में गिरावट का रुझान देखने को मिला था। 20 दिन के अंतराल में उत्तराखंड में आई धराली, स्यानाचट्टी, थराली सहित कई अन्य आपदाओं के कारण चारधाम यात्रा लगभग पटरी से उतर गई थी। सितंबर के पहले हफ्ते में भी खराब मौसम की चेतावनी के कारण यात्रा को चार दिनों तक स्थगित रखा गया था। हालांकि, पांच सितंबर के बाद तीर्थयात्रा ने धीमी गति से ही सही रफ्तार पकड़नी शुरू कर दी और 10 सितंबर को एक दिन में लगभग 8,000 श्रद्धालु इन तीर्थस्थलों के दर्शन के लिए पहुंच गए। धराली आपदा से एक दिन पहले चार अगस्त तक 41.61 लाख तीर्थयात्री चारधाम यात्रा कर चुके थे। अब यात्रा के फिर से रफ्तार पकड़ने के बाद चारधाम तथा हेमकुंड साहिब के दर्शन के लिए इस सीजन में आने वाले कुल श्रद्धालुओं की संख्या बढ़कर 47.39 लाख तक पहुंच गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में यह आंकड़ा बढ़कर 50 लाख तक पहुंच सकता है, क्योंकि चारधाम यात्रा समाप्त होने में अभी काफी समय बाकी है। केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के कपाट 23 अक्टूबर को, जबकि गंगोत्री धाम के कपाट दीवाली के अगले दिन 22 अक्टूबर को और बदरीनाथ धाम के कपाट 25 नवंबर को बंद होंगे। इसी के साथ इस साल की चारधाम यात्रा समाप्त हो जाएगी।
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मुंबई । शिरीष चंद्र मुर्मू ने बृहस्पतिवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर का पदभार संभाल लिया। मुर्मू विनियमन एवं प्रवर्तन सहित चार विभागों का कार्यभार संभालेंगे। वह एम राजेश्वर राव का स्थान लेंगे। राव बृहस्पतिवार को सेवानिवृत्त हो गए।आरबीआई ने बयान में कहा कि मुर्मू को तीन साल की अवधि के लिए या अगले आदेश तक (जो भी पहले हो) डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया गया है। मुर्मू इस पहले केंद्रीय बैंक में कार्यकारी निदेशक के पद पर तैनात थे।
एक अलग बयान में आरबीआई ने कहा कि संजय कुमार हंसदा को तीन मार्च, 2025 से कार्यकारी निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है। मुर्मू 1991 में रिजर्व बैंक में शामिल हुए और विभिन्न पदों पर कार्य किया।उन्होंने पूर्व में बैंक ऑफ इंडिया और देना बैंक के निदेशक मंडल में आरबीआई के नामित निदेशक के रूप में कार्य किया है, साथ ही ईसीजीसी लिमिटेड के निदेशक मंडल में भी कार्य किया है। -
मुंबई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को वैश्विक कंपनियों का भारत की वृद्धि गाथा का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित करते हुए कहा कि देश दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था है। प्रधानमंत्री मोदी ने यहां ‘ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2025' को संबोधित करते हुए कहा कि प्रौद्योगिकी केवल सुविधा का साधन नहीं, बल्कि समानता का माध्यम भी है। उन्होंने कहा, ‘‘इस समावेशी दृष्टिकोण ने भारत की बैंकिंग प्रणाली को बदल दिया है। पहले बैंकिंग एक विशेषाधिकार थी, लेकिन डिजिटल प्रौद्योगिकी ने इसे सशक्तीकरण का साधन बना दिया है। आज डिजिटल भुगतान हर व्यक्ति के जीवन का हिस्सा है और इसका श्रेय ‘जैम तिकड़ी' यानी जन धन, आधार और मोबाइल को जाता है।'' मोदी ने कहा कि भारत की वित्तीय-प्रौद्योगिकी (फिनटेक) क्षमता को वैश्विक स्तर पर पहचान मिल रही है। उन्होंने कहा कि भारत न केवल अन्य देशों के साथ प्रौद्योगिकी साझा कर रहा है, बल्कि इसे विकसित करने में भी उनकी मदद कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मैं सभी देशों, खासकर ब्रिटेन को भारत के साथ साझेदारी के लिए आमंत्रित करता हूं। सभी वैश्विक निवेशक भारत की वृद्धि गाथा का हिस्सा बनें। हमें ऐसा फिनटेक विश्व बनाना है जहां प्रौद्योगिकी, लोग और धरती सबका समान रूप से विकास हो। नवाचार का लक्ष्य केवल वृद्धि नहीं, बल्कि अच्छाई भी होना चाहिए और वित्त का मतलब सिर्फ संख्या नहीं बल्कि मानव प्रगति भी है।''
भारत के फिनटेक समुदाय के प्रयासों की सराहना करते हुए, उन्होंने कहा, ‘‘हमारे स्वदेशी समाधान वैश्विक प्रासंगिकता प्राप्त कर रहे हैं। चाहे वह क्यूआर नेटवर्क हो, ओपन कॉमर्स हो या ओपन फाइनेंस फ्रेमवर्क, हमारे स्टार्टअप वृद्धि को दुनिया भर में मान्यता मिल रही है।'' मोदी ने कहा कि इस वर्ष के पहले छह महीनों में, भारत वैश्विक स्तर पर शीर्ष तीन सबसे अधिक वित्त पोषित वित्तीय प्रौद्योगिकी परिवेश में शामिल रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि भारत का डिजिटल ढांचा एक नए खुले परिवेश को जन्म दे रहा है। ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) छोटे दुकानदारों और एमएसएमई के लिए वरदान साबित हो रहा है, जिससे उन्हें नए बाजारों तक पहुंचने में मदद मिल रही है।'' उन्होंने कहा कि इसी तरह, ओपन क्रेडिट इनेबलमेंट नेटवर्क (कर्ज के लिए डिजिटल परिवेश) ने छोटे उद्यमियों के लिए ऋण तक पहुंच को आसान बना दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत जो कर रहा है, वह खासकर ‘ग्लोबल साउथ' के देशों के लिए उम्मीद की किरण है। भारत अपने डिजिटल नवाचार के माध्यम से दुनिया में डिजिटल सहयोग और डिजिटल साझेदारी को बढ़ाना चाहता है। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, हम वैश्विक जनहित के लिए अपने अनुभव और ‘ओपन सोर्स प्लेटफॉर्म' (सार्वजनिक रूप से सुलभ) दोनों को साझा कर रहे हैं।'' प्रधानमंत्री ने कृत्रिम मेधा (एआई) के बारे में कहा कि आज दुनिया में एआई के लिए विश्वास और सुरक्षा नियमों को लेकर बहस चल रही है। हालांकि, भारत ने इसके लिए पहले ही एक भरोसे की परत बना ली है और भारत का एआई मिशन डेटा और गोपनीयता दोनों मुद्दों को संभालने की क्षमता रखता है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने हमेशा नैतिक एआई के लिए एक वैश्विक ढांचे का समर्थन किया है।
प्रधानमंत्री ने भारत को लोकतंत्र की जननी बताते हुए कहा, ‘‘हम जब लोकतंत्र की बात करते हैं तो यह केवल चुनाव या नीति निर्माण तक सीमित नहीं है। भारत ने लोकतांत्रिक भावना को शासन का मजबूत स्तंभ बनाया है। इसका सर्वोत्तम उदाहरण प्रौद्योगिकी है।'' उन्होंने कहा कि पिछले दशक में भारत ने प्रौद्योगिकी का लोकतांत्रीकरण किया है और आज भारत सर्वाधिक प्रौद्योगिकीय रूप से समावेशी समाज में से एक है। इस अवसर पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केअर स्टार्मर ने कहा कि भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) दोनों देशों के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को बढ़ावा देगा। स्टार्मर ने व्यापक आर्थिक व्यापार समझौते (सीईटीए) को ऐतिहासिक बताते हुए कहा, ‘‘इससे हमारे सकल घरेलू उत्पाद में अरबों पाउंड, आपके सकल घरेलू उत्पाद में सैकड़ों अरब रुपये और वेतन में भी अरबों रुपये जुड़ेंगे।'' उन्होंने कहा कि यूरोपीय संघ छोड़ने के बाद से यह ब्रिटेन द्वारा किया गया सबसे बड़ा समझौता है और ‘‘मुझे लगता है कि यह कहना उचित होगा कि यह भारत द्वारा किया गया अब तक का सबसे महत्वाकांक्षी व्यापार समझौता है।'' स्टार्मर ने कहा कि यह व्यापार समझौता अतुलनीय अवसरों का वादा करता है।
ब्रिटेन और भारत को स्वाभाविक साझेदार बताते हुए, स्टार्मर ने कहा, ‘‘हम दोनों फिनटेक में विश्व में अग्रणी हैं। हमारे पास दुनिया में दूसरे और तीसरे सबसे बड़े फिनटेक क्षेत्र हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘पिछले चार वर्षों में ही हमारी व्यापारिक सेवाएं दोगुनी हो गई हैं और अब हमारा व्यापार समझौता हमें और भी आगे बढ़ने के लिए एक मंच प्रदान करता है।'' उन्होंने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि वित्त और फिनटेक के लिए ब्रिटेन आपका नंबर एक पसंदीदा साझेदार बने।''
इस मौके पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा, ‘‘फिनटेक वास्तव में एक बदलावकारी शक्ति है जो वित्त का लोकतांत्रीकरण करके और हमारे नागरिकों और कंपनियों को सशक्त बनाकर भारत और ब्रिटेन दोनों में हमारी अर्थव्यवस्थाओं को आकार दे रही है। ब्रिटेन और भारत, फिनटेक स्टार्टअप की संख्या और इस क्षेत्र में आने वाले निवेश के पैमाने के मामले में शीर्ष देशों में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में भारत-ब्रिटेन साझेदारी पहले से ही एक बहुत मजबूत आधार पर टिकी हुई है। ‘‘फिनटेक में हमारे दोनों देशों के बीच तालमेल भी स्पष्ट है। हम भारत में ब्रिटेन की कई फिनटेक कंपनियों को आते देख रहे हैं, जो अभिनव सीमापार भुगतान समाधान प्रदान करने के लिए यूपीआई के साथ एकीकृत हो रही हैं।'' मल्होत्रा ने कहा कि भविष्य में सहयोग और साझेदारी के काफी अवसर हैं।उन्होंने कहा, ‘‘ये सहयोग द्विपक्षीय लाभों से परे भी लाभ प्रदान कर सकते हैं। ये वैश्विक स्तर पर डिजिटल वित्त में समावेश, दक्षता और विश्वास के लिए नए मानक स्थापित कर सकते हैं।' -
नयी दिल्ली। कोयला एवं खान मंत्री जी किशन रेड्डी ने बृहस्पतिवार को कहा कि सितंबर में बारिश के कारण खनन गतिविधियां बाधित हुईं और इससे सार्वजनिक क्षेत्र की कोयला उत्पादक कंपनी कोल इंडिया लि. (सीआईएल) के उत्पादन में गिरावट आई। हालांकि, मंत्री ने स्पष्ट किया कि देश में कोयले की कोई कमी नहीं है।आईसीसी के वार्षिक पूर्ण अधिवेशन के अवसर पर संवाददाताओं से बातचीत में मंत्री ने कहा कि सितंबर में बारिश के कारण कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) का उत्पादन घट गया। देश के कोयला उत्पादन में सीआईएल का योगदान 80 प्रतिशत से अधिक है। उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार, मानसून के दौरान भारी बारिश और जलजमाव के कारण कोयला खनन में संचालन संबंधी कठिनाइयां उत्पन्न होती हैं, जिससे कोयला उत्पादन में गिरावट आती है। कोयला क्षेत्र की इस दिग्गज कंपनी ने सितंबर में उत्पादन में 3.9 प्रतिशत की वार्षिक गिरावट दर्ज की और यह 4.89 करोड़ टन रहा। पिछले वित्त वर्ष के इसी माह में कंपनी का उत्पादन 5.94 करोड़ टन था।
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अयोध्या। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 25 नवंबर को अयोध्या में राम मंदिर के शिखर पर 21 फुट ऊंची धर्म ध्वजा फहराएंगे। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि इस कार्यक्रम के साथ मंदिर निर्माण का काम आधिकारिक तौर पर पूरा हो जाएगा। मिश्रा ने पत्रकारों से बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी के अयोध्या आगमन के कार्यक्रम की पुष्टि की और दावा किया कि यह समारोह “ऐतिहासिक” होगा। उन्होंने कहा कि ध्वजारोहण के जरिये प्रधानमंत्री दुनिया को संदेश देंगे कि इंतजार की घड़ियां अब खत्म हो गई हैं और आस्था का लंबे समय पहले देखा गया सपना साकार हो गया है। ध्वजारोहण समारोह 25 नवंबर को राम विवाह पंचमी की शुभ तिथि पर आयोजित किया जाएगा। इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने पांच अगस्त 2020 को राम मंदिर का भूमिपूजन किया था और 22 जनवरी 2024 को राम लला के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में शामिल हुए थे। मिश्रा ने पुष्टि की कि मुख्य मंदिर का निर्माण कार्य “लगभग पूरा” हो चुका है। उन्होंने कहा कि बाहरी दीवार का निर्माण भी अंतिम चरण में है और शेषावतार मंदिर, सप्त मंडपम तथा पुष्करणी (पवित्र तालाब) का निर्माण कार्य पूरा किया जा चुका है। मिश्रा ने बताया कि मंदिर के पास श्रद्धालुओं के लिए जूता स्टैंड बनाने का काम भी अंतिम दौर में है और इसके नवंबर तक पूरा होने की उम्मीद है। मुख्य कार्यक्रम से पहले 21 से 25 नवंबर तक अयोध्या और काशी के विद्वान संत मंदिर में पांच दिवसीय वैदिक अनुष्ठान का आयोजन करेंगे। निर्माण समिति की बैठक में निष्कर्ष निकाला गया कि निर्माण कार्य की प्रगति संतोषजनक है। इस बैठक में मंदिर न्यास के महासचिव चंपत राय, न्यासी अनिल मिश्रा और निर्माण प्रभारी गोपाल राव शामिल हुए।
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नयी दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों से कहा कि आतंकवादी सीमा पार से घुसपैठ के लिए बर्फबारी का फायदा उठाने की कोशिश कर सकते हैं, ऐसे में जम्मू-कश्मीर में कड़ी निगरानी रखी जाए। इस केंद्र शासित प्रदेश की उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि सुरक्षा बलों को यह सुनिश्चित करने के लिए ‘‘पूरी तरह तैयार रहना चाहिए'' कि आतंकवादी जम्मू-कश्मीर में सीमा पार घुसपैठ के लिए बर्फबारी का फायदा न उठा सकें। इस समीक्षा बैठक में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन, खुफिया ब्यूरो (आईबी) के निदेशक तपन डेका, सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी, जम्मू-कश्मीर के पुलिस प्रमुख नलिन प्रभात, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक जीपी सिंह और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। गृहमंत्री ने ‘एक्स' पर ट्वीट किया, ‘‘(मैंने) उपराज्यपाल और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा की समीक्षा की। हम जम्मू-कश्मीर में आतंकी समर्थक तंत्र की कमर तोड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं।'' गृह मंत्री ने लिखा, ‘‘हमारे सुरक्षा बलों के लिए क्षेत्र में शांति और सुरक्षा को खतरे में डालने के किसी भी प्रयास को कुचलने की पूरी स्वतंत्रता बनी रहेगी। मोदी जी के आतंकवाद मुक्त जम्मू-कश्मीर के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए सतर्कता और तालमेल को और बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।'' गृह मंत्री ने कहा कि सुरक्षा एजेंसियों के प्रयासों से जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी नेटवर्क लगभग पंगु हो गया है। उन्होंने पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की तथा आश्वासन दिया कि आतंकवाद मुक्त जम्मू-कश्मीर की दिशा में प्रयासों को जारी रखने के लिए सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराये जाते रहेंगे। शाह की अध्यक्षता में जम्मू-कश्मीर पर पिछली समीक्षा बैठक एक सितंबर को हुई थी।
अप्रैल में पहलगाम आतंकवादी हमला होने के बाद जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि केंद्र-शासित प्रदेश में पर्यटन जल्द सामान्य हो जाए। - नई दिल्ली। ‘ पीएम मोदी 11 अक्टूबर को पूसा, दिल्ली में आयोजित एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम में महत्वाकांक्षी ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ और ‘दलहन आत्मनिर्भरता मिशन’ की शुरुआत करेंगे। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री कृषि अवसंरचना कोष, पशुपालन, मत्स्य पालन एवं खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास भी करेंगे।केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में जाने से पहले पीएम मोदी प्राकृतिक खेती, दलहन मिशन, धन-धान्य योजना के अंतर्गत आने वाले विभिन्न किसानों से अलग-अलग संवाद पूसा के खुले क्षेत्र में खेतों के बीच करेंगे। पीएम के इस कार्यक्रम से 731 कृषि विज्ञान केंद्र, आईसीएआर के 113 संस्थान, मंडियां, किसान समृद्धि केंद्र, पंचायतें भी जुड़ेगी, जहां पर कार्यक्रम होगा, साथ ही ब्लॉक और जिलों में भी कार्यक्रम होंगे, इनके अलावा हर राज्य का एक प्रमुख कार्यक्रम होगा, इन सबसे लगभग 1 करोड़ किसान सीधे कहीं न कहीं से जुड़कर प्रधानमंत्री से प्रेरणा प्राप्त करेंगे और लगभग सवा करोड़ किसान भाई-बहन ऑनलाइन भी जुड़ेंगे।शिवराज सिंह ने कहा कि ये दो नई प्रमुख योजनाएं आत्मनिर्भरता और उत्पादकता बढ़ाने की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है, जिनका पीएम शुभारंभ करने वाले हैं ।केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में कृषि और किसान कल्याण के प्रमुख लक्ष्यों; देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना, किसानों की आय बढ़ाना, पोषणयुक्त अनाज उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्धता से काम किया जा रहा है। सरकार खाद्यान्न उत्पादन बढ़ाने को लेकर तत्परता से काम कर रही है। 2014 से अब-तक खाद्यान्न उत्पादन में 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। गेहूं, चावल, मक्का, मूंगफली, सोयाबीन के उत्पादन में रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ोतरी हुई है। आज गेहूं और चावल में हम पूरी तरह आत्मनिर्भर हैं, वहीं 4.39 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा कृषि उत्पादों का निर्यात किया गया है, लेकिन दलहन के मामले में अभी और प्रयास करने की जरूरत है। शिवराज सिंह ने कहा कि आज जब आत्मनिर्भरता बहुत महत्वपूर्ण हो गई है, हमारा देश अब खाद्यान्न के लिए किसी पर निर्भर नहीं रह सकता।शिवराज सिंह ने कहा कि अभी दालों का उत्पादन 242 लाख टन है, इसे बढ़ाकर 350 लाख टन दलहन का उत्पादन करना है। प्रति हेक्टेयर उत्पादकता हमारी कम है अभी 880 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर (यह औसत है, कई किसान इससे ज़्यादा उत्पादन करते हैं)। इस औसत को बढ़ाकर हमें 1130 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर ले जाना है। इसके लिए हमने जो रणनीति बनाई है पहला, अनुसंधान और विकास दालों के ऐसे बीज जिनकी उत्पादकता ज्यादा हो और जो रोग-प्रतिरोधी हों। गेहूं और धान की तुलना में अगर दालों को देखें तो दलहन की फसल ज्यादा सर्दी सहन नहीं कर पाती, अरहर खराब हो जाती है, कीटों का प्रकोप ज्यादा होता है, इसलिए उच्च उत्पादकता वाली, कीट-प्रतिरोधी और जलवायु-अनुकूल किस्मों का विकास और उन्हें किसानों तक पहुंचाने का काम हमें करना पड़ेगा। भारत दालों का सबसे बड़ा उत्पादक भी है उपभोक्ता भी है लेकिन बावजूद इसके सबसे ज्यादा दालों का आयात भारत ही करता है, इसलिए दालों में आत्मनिर्भरता के लिए ‘दलहन मिशन’ की योजना बनाई गई है। इस मिशन के तहत बुवाई क्षेत्रफल में बढ़ोतरी, उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य 2030-31 तक दालों के बुवाई क्षेत्रफल में बढ़ोतरी करना है।केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने बताया कि दलहन से जुड़े लक्ष्य प्राप्त करने के लिए अनुसंधान और विकास की रणनीति बनाई गई है। उच्च उत्पादकता वाली, कीट प्रतिरोधी और जलवायु अनुकूल किस्मों का विकास करने पर बल दिया जा रहा है। ऐसी किस्में किसानों तक सही समय पर पहुंचे, यह भी सुनिश्चित किया जाएगा। अच्छे बीज किसानों तक ‘मिनी किट्स’ के रूप में पहुंचाए जाएंगे। 126 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज किसानों को वितरित किए जाएंगे। 88 लाख नि:शुल्क बीज किट बांटे जाएंगे।केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दलहन बुवाई वाले क्षेत्रों में ही यदि प्रोसेसिंग का काम हो जाए तो किसानों को उत्पादन के ठीक दाम भी मिलेंगे और प्रोसेसिंग का काम भी वही संपन्न हो जाएगा। 1,000 प्रसंस्करण इकाइयों जिन पर सरकार 25 लाख रुपए की सब्सिडी देगी, उन्हें भी स्थापित करने का लक्ष्य है। केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा राज्यों की सहभागिता के साथ पूरा कृषि अमला एक राष्ट्र-एक कृषि-एक टीम के लक्ष्य के तहत काम करेगा।केंद्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना पर जानकारी देते हुए कहा कि पूरे देश में हर क्षेत्र की उत्पादकता एक जैसी नहीं है। अलग-अलग फसलों की उत्पादकता अलग-अलग राज्यों में भी अलग है। यहां तक कि एक राज्य में जिलों की उत्पादकता भी विभिन्न है, इसलिए सरकार ने तय किया है कि कम उत्पादकता वाले जिले छांटे जाएंगे और उनमें उत्पादकता बढ़ाने के लिए कुछ विशेष प्रयत्न किए जाएंगे।केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कम उत्पादकता वाले जिलों को यदि औसत स्तर पर भी ले आए तो देश के कुल उत्पादन में बढ़ोतरी होगी। जरूरतें भी पूरी होंगी और उन जिलों के किसानों की आय भी बढ़ेगी। फिलहाल ऐसे 100 जिले चयन किए गए हैं, जिन पर केंद्रित होकर काम किया जाएगा और योजना के तहत इन जिलों में उत्पादकता बढ़ाने के लिए प्रयत्न किए जाएंगे। प्रयत्नों में सिंचाई की व्यवस्था में विस्तार, भंडारण की व्यवस्था, दीर्घकालिक और अल्पकालिक ऋणों की सुविधाओं में विस्तार, फसलों में विविधिकरण शामिल हैं। प्रधानमंत्री धन-धान्य योजना, आकांक्षी जिलों के लिए बनाए मॉडल पर भी आधारित है। नीति आयोग डैशबोर्ड के माध्यम से निगरानी करेगा। उन्होंने कहा कि 11 अक्टूबर लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती के अवसर पर पीएम मोदी द्वारा देशभर में कृषि और ग्रामीण विकास से जुड़ी कई महत्वपूर्ण उपलब्धियों को भी रेखांकित किया जाएगा। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री कृषि क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले किसानों, किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ), सहकारी समितियों और तकनीकी नवाचारों वाले किसानों को सम्मानित करेंगे। इस अवसर पर कई महत्वपूर्ण उपलब्धियों को रेखांकित किया जाएगा, जैसे 10,000 FPOs से जुड़े 50 लाख से अधिक किसान, जिनमें 1,100 ‘करोड़पति एफपीओ’ 1 करोड़ रुपए से अधिक का वार्षिक कारोबार कर रहे हैं। राष्ट्रीय प्राकृतिक कृषि मिशन के अंतर्गत 1 लाख से अधिक किसानों का जैविक प्रमाणीकरण हुआ है, वहीं 10,000 नई प्राथमिक कृषि ऋण समितियों का कंप्यूटरीकरण और इन्हें जन सेवा केंद्र, प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र तथा उर्वरक विक्रेताओं के रूप में परिवर्तन करने का काम महत्वपूर्ण है। 10,000 नई बहुउद्देशीय पीएसीएस के माध्यम से डेयरी और मत्स्य पालन की प्राथमिक सहकारी समितियों स्थापित, साथ ही 4275 ग्रामीण भारत के बहुउद्देशीय एआई तकनीशियन का प्रमाणन जैसी पहल महत्वपूर्ण है।
- गुवाहाटी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि राज्य पुलिस ने बृहस्पतिवार को कछार जिले से दो मादक पदार्थ तस्करों को गिरफ्तार किया और 2.16 करोड़ रुपये मूल्य की खांसी की दवा जब्त की। शर्मा ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि खुफिया सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने एक वाहन को रोका और खांसी की दवा की 21,600 बोतलें जब्त कीं। उन्होंने कहा, ‘‘विश्वसनीय सूचना के आधार पर कछार पुलिस ने रोंगपुर में पड़ोसी राज्य से आ रहे एक वाहन को रोका... असम पुलिस का स्पष्ट संदेश है- मादक पदार्थों के खिलाफ असम।'' इस संबंध में आवश्यक कानूनी कार्यवाही शुरू कर दी गई है।
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गुरुवार को कहा कि भारत और यूनाइटेड किंगडम (यूके) के बीच हो रहा व्यापार समझौता दोनों बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के साझा विकास और समृद्धि का रोडमैप है। यह समझौता न केवल मार्केट एक्सेस को बढ़ाएगा बल्कि दोनों देशों के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को मजबूती देगा और लाखों युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा।
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में आयोजित भारत-यूके सीईओ फोरम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि वर्तमान में भारत और यूके के बीच द्विपक्षीय व्यापार लगभग 56 अरब डॉलर का है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने इस व्यापार को 2030 तक दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। प्रधानमंत्री ने विश्वास जताया कि यह लक्ष्य निर्धारित समय से पहले ही पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत राजनीतिक स्थिरता और व्यापक मांग के साथ निवेश के लिए आदर्श स्थान है, जहां इन्फ्रास्ट्रक्चर, वित्त, फार्मास्यूटिकल्स और अन्य कई क्षेत्रों में बड़े अवसर मौजूद हैं।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था निरंतर सुधारों की दिशा में बढ़ रही है और स्थिरता व आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रही है। उन्होंने यह भी बताया कि भविष्य के व्यापार और विकास के लिए रेयर अर्थ मिनरल्स (दुर्लभ खनिज) जैसे रणनीतिक सेक्टर्स बहुत महत्वपूर्ण होंगे, क्योंकि ये औद्योगिक विकास और ऊर्जा सुरक्षा के लिए आवश्यक हैं।इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके ब्रिटिश समकक्ष कीर स्टार्मर ने संयुक्त रूप से सीईओ फोरम में भाग लिया। इस बैठक में दोनों देशों के प्रमुख व्यापारिक और वित्तीय नेता एक साथ उपस्थित थे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उद्योग जगत के नेताओं और नीति निर्माताओं के अथक प्रयासों से भारत और ब्रिटेन ने व्यापार और आर्थिक सहयोग की एक मजबूत नींव तैयार की है।प्रधानमंत्री मोदी ने महाराष्ट्र राजभवन में प्रधानमंत्री कीर स्टारमर से मुलाकात के बाद कहा, “भारत और ब्रिटेन स्वाभाविक साझेदार हैं। हमारी बढ़ती साझेदारी वैश्विक स्थिरता और आर्थिक प्रगति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है।” दोनों नेताओं ने हिंद-प्रशांत और पश्चिम एशिया क्षेत्र में शांति और स्थिरता पर भी चर्चा की। साथ ही उन्होंने यह भी दोहराया कि संघर्षग्रस्त क्षेत्रों में शांति बहाल करने के लिए बातचीत और कूटनीति ही सर्वोत्तम रास्ता है। -
नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा कि पीएम मोदी के परिवर्तनकारी नेतृत्व में भारत 2027 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की तरफ बढ़ रहा है।
राष्ट्रीय राजधानी में भारत मंडपम में पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) के 120वें वार्षिक सत्र को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केवल आर्थिक विकास पर्याप्त नहीं है। इसे पर्यावरण संरक्षण और मूल्य आधारित सामाजिक व्यवस्था के साथ-साथ चलना चाहिए।ऑटोमोबाइल सेक्टर में दुनिया में तीसरे स्थान परउन्होंने आगे कहा कि बीते 11 वर्षों में भारत के ऑटोमोबाइल सेक्टर में बड़ा बदलाव आया है और यह जापान को पछाड़कर दुनिया में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है, जो कि 2014 में 7वें स्थान पर था।केंद्रीय मंत्री के मुताबिक, “अब 22 लाख करोड़ रुपए से अधिक के टर्नओवर के साथ, भारत तेजी से दुनिया का ऑटोमोबाइल हब बन रहा है, और बायोफ्यूल, इथेनॉल, मेथनॉल, बायोडीजल, एलएनजी और हाइड्रोजन में तेजी से प्रगति कर रहा है।” उन्होंने सरकार द्वारा कृषि में किए जा रहे वैल्यू एडिशन के बारे में भी चर्चा की।मक्के से इथेनॉल उत्पादनकेंद्रीय मंत्री ने कहा कि मक्के से इथेनॉल उत्पादन की अनुमति देने से न केवल किसानों की आय बढ़ी है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिला है। मक्के से इथेनॉल उत्पादन को मंजूरी देने से उत्तर प्रदेश और बिहार में किसानों की आय में काफी वृद्धि हुई है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था के 45,000 करोड़ रुपए से अधिक का फायदा हुआ है।सरकार का ध्यान खाद्य उत्पादन और किसान कल्याणइसी कार्यक्रम में एक अन्य सत्र में बोलते हुए, केंद्रीय कृषि मंत्री कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भारत की लगभग 46 प्रतिशत आबादी कृषि क्षेत्र में कार्यरत है और सरकार का ध्यान खाद्य उत्पादन और किसान कल्याण में आत्मनिर्भरता पर केंद्रित है।उन्होंने कहा, “खाद्य सुरक्षा को किसानों की समृद्धि के साथ-साथ चलना चाहिए। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारे किसान न केवल देश का पेट भरें, बल्कि सम्मान और स्थिरता के साथ कमाई भी करें।”उन्होंने प्रति हेक्टेयर उत्पादकता बढ़ाने, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के माध्यम से बीजों की गुणवत्ता को बेहतर बनाने और छोटे व सीमांत किसानों को सशक्त बनाने के लिए मशीनीकरण में तेजी लाने की आवश्यकता पर जोर दिया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश का लक्ष्य खाद्य सुरक्षा से आगे बढ़कर कृषि के सभी पहलुओं में पोषण सुरक्षा और आत्मनिर्भरता को भी शामिल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत ने चावल और गेहूं का अधिशेष उत्पादन हासिल कर लिया है और अगला लक्ष्य दलहन और तिलहन में आत्मनिर्भरता हासिल करना है। -
नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कृषि और किसान कल्याण विभाग का मुख्य उद्देश्य देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना, किसानों की आय बढ़ाना और पोषणयुक्त अनाज उपलब्ध कराना है। इसके लिए विभाग छह प्रमुख आयामों पर काम कर रहा है- उत्पादन बढ़ाना, लागत घटाना, किसानों को उचित दाम दिलाना, नुकसान की भरपाई करना, कृषि का विविधीकरण बढ़ाना और प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करना।
शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि वर्ष 2014 से अब तक भारत में खाद्यान्न उत्पादन में लगभग 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। गेहूं, चावल, मक्का और सोयाबीन के उत्पादन में रिकॉर्ड हासिल किए गए हैं और देश इन फसलों में आत्मनिर्भर बन चुका है। उन्होंने कहा कि भारत ने अब तक 4 लाख करोड़ रुपये से अधिक का कृषि निर्यात भी किया है।उन्होंने कहा कि भारत अभी भी दालों में आत्मनिर्भर नहीं है, जबकि यह विश्व का सबसे बड़ा दाल उत्पादक और उपभोक्ता देश है। इस कमी को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में दलहन मिशन शुरू किया गया है। चौहान ने बताया कि 2030-31 तक दालों का क्षेत्रफल 275 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 310 लाख हेक्टेयर किया जाएगा। वर्तमान में दाल उत्पादन 242 लाख टन है, जिसे बढ़ाकर 350 लाख टन करने का लक्ष्य रखा गया है। इसी तरह उत्पादकता को 881 किलो प्रति हेक्टेयर से बढ़ाकर 1,030 किलो प्रति हेक्टेयर करने का लक्ष्य है।केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इसके लिए एक व्यापक रणनीति तैयार की गई है। इसमें अनुसंधान और विकास (R&D) को प्राथमिकता दी जाएगी ताकि ऐसी किस्में विकसित की जा सकें जो अधिक उत्पादक, रोग-प्रतिरोधी और जलवायु अनुकूल हों। किसानों को इन बीजों की 126 लाख क्विंटल प्रमाणित बीजों के रूप में आपूर्ति की जाएगी और 86 लाख मुफ्त मिनी किट्स भी वितरित की जाएंगी।शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि दालों के दाम बढ़ाने के लिए 1,000 प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित की जाएंगी, जिनके लिए सरकार 25 लाख रुपये तक की सब्सिडी देगी। इसमें केंद्र और राज्य सरकारें, कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) और प्रगतिशील किसान मिलकर काम करेंगे। इसके साथ ही उत्पादकता बढ़ाने के लिए 100 जिलों का चयन किया गया है, जहां पीएम धन धान्य कृषि योजना के अंतर्गत सिंचाई, भंडारण, ऋण सुविधा और फसल विविधीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।उन्होंने बताया कि नीति आयोग एक डैशबोर्ड बनाकर 11 विभागों की 36 योजनाओं की निगरानी करेगा। इन योजनाओं का औपचारिक शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर को पूसा संस्थान में करेंगे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए अब तक 10,000 किसान उत्पादक संगठन (FPO) बनाए जा चुके हैं, जिनमें से 1,100 एफपीओ का टर्नओवर 1 करोड़ रुपये से अधिक है। कुल 52 लाख किसान एफपीओ के शेयरधारक हैं और इन संगठनों का कुल टर्नओवर 15,000 करोड़ रुपये से अधिक है। प्रधानमंत्री मोदी कार्यक्रम के दौरान ऐसे उत्कृष्ट एफपीओ को सम्मानित करेंगे।शिवराज सिंह चौहान ने आगे बताया कि रासायनिक खादों से मुक्त खेती को बढ़ावा देने के लिए अब तक 15 लाख किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए नामांकित किया गया है। इनमें से 6.20 लाख हेक्टेयर भूमि पर प्राकृतिक खेती की जाएगी और डेढ़ लाख किसानों को प्रमाण पत्र दिए जा रहे हैं। कोविड काल में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा घोषित एक लाख करोड़ रुपये के कृषि अवसंरचना कोष (AIF) के अंतर्गत अब तक 1 लाख 17 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाएं स्वीकृत की जा चुकी हैं। -
नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव और छह राज्यों के आठ विधानसभा क्षेत्रों और जम्मू-कश्मीर के लिए उपचुनावों की घोषणा के बाद, इन चुनावों को सुचारू रूप से कराने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। चुनाव आयोग ने गुरुवार को बताया कि बिहार में चुनाव के विभिन्न चरणों की सुचारू और व्यवस्थित प्रगति सुनिश्चित करने के लिए लगभग 8.5 लाख चुनाव अधिकारियों को तैनात किया गया है।
आयोग ने कहा कि तैनात किए जाने वाले कर्मियों में लगभग 4.53 लाख मतदान कर्मी, 2.5 लाख पुलिस अधिकारी, 28,370 मतगणना कर्मी, 17,875 माइक्रो ऑब्जर्वर, 9,625 सेक्टर अधिकारी, मतगणना के लिए 4,840 माइक्रो ऑब्जर्वर और 90,712 आंगनवाड़ी सेविकाएं भी तैनात की जा सकती हैं।90,712 बीएलओ और 243 ईआरओ सहित चुनाव मशीनरी मतदाताओं के लिए फोन कॉल पर और ईसीआईनेट ऐप पर बुक-ए-कॉल टू बीएलओ सुविधा के माध्यम से उपलब्ध है।आयोग ने बयान में कहा कि डीईओ/आरओ स्तर पर कोई भी शिकायत/प्रश्न दर्ज करने के लिए कॉल सेंटर नंबर +91 (एसटीडी कोड) 1950 भी उपलब्ध है।चुनाव आयोग ने आगे कहा कि तैनात सभी कार्मिकों को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 28ए के प्रावधानों के अनुसार चुनाव आयोग में प्रतिनियुक्ति पर माना जाएगा। चुनाव आयोग ने बिहार की 243 विधानसभा सीटों के लिए एक-एक जनरल ऑब्जर्वर नियुक्त किया है, जो आयोग के लिए निगरानी का काम करेंगे। इसके अलावा, 38 पुलिस ऑब्जर्वर और 67 खर्च ऑब्जर्वर भी तैनात किए गए हैं।ऑब्जर्वर अपने-अपने क्षेत्रों में रहेंगे और राजनीतिक दलों व उम्मीदवारों से नियमित रूप से मिलकर उनकी समस्याओं का समाधान करेंगे। बुधवार को चुनाव आयोग ने घोषणा की कि बिहार विधानसभा चुनाव में 85 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग मतदाता, दिव्यांगजन और सेवा मतदाता अपने वोट डाक मतपत्र (पोस्टल बैलट) के जरिए डाल सकेंगे।चुनाव आयोग के अनुसार, यह सुविधा जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 60(सी) के तहत प्रदान की जाएगी। -
नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव और सात राज्यों की 8 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की घोषणा के साथ ही 6 अक्टूबर से चुनावी प्रदेशों में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। इसी के तहत चुनाव आयोग ने एक महत्वपूर्ण प्रेस नोट जारी किया है। आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को चेताया है कि वे प्रचार में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित गलत और भ्रामक वीडियो का इस्तेमाल न करें।
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि आदर्श आचार संहिता के नियम सिर्फ जमीनी प्रचार तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि सोशल मीडिया और इंटरनेट पर साझा की जा रही सामग्री पर भी पूरी तरह लागू होते हैं। आयोग ने कहा कि किसी भी पार्टी या उम्मीदवार की आलोचना केवल उनकी नीतियों, कार्यक्रमों, पूर्व रिकॉर्ड और कार्यों तक सीमित रहनी चाहिए। निजी जीवन पर टिप्पणी करना पूरी तरह निषिद्ध है।इसके अलावा, किसी भी राजनीतिक दल या उनके कार्यकर्ताओं के खिलाफ बिना पुष्टि के आरोप या जानकारी को तोड़-मरोड़ कर पेश करना गलत है और इसे सख्ती से रोका जाएगा। चुनाव आयोग ने गहरी चिंता जताई है कि कुछ लोग एआई टूल्स की मदद से ‘डीप फेक’ वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर गलत सूचना फैला रहे हैं, जिससे चुनावी माहौल को दूषित किया जा सकता है।ऐसे मामलों से निपटने के लिए आयोग ने सभी दलों, उनके नेताओं, उम्मीदवारों और स्टार प्रचारकों को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि अगर वे कोई एआई-जनरेटेड या डिजिटल रूप से बदला गया कंटेंट पोस्ट करें तो उस पर साफ-साफ टैग लगाना अनिवार्य होगा। टैग में ‘एआई-जेनरेटेड’, ‘डिजिटली एनहांस्ड’ या ‘सिंथेटिक कंटेंट’ जैसे शब्द स्पष्ट रूप से लिखे जाने चाहिए ताकि जनता को कोई भ्रम न हो।आयोग ने कहा है कि सोशल मीडिया पर निगरानी के लिए कड़े इंतजाम किए गए हैं और हर गतिविधि पर पैनी नजर रखी जा रही है। आयोग ने साफ कर दिया है कि एमसीसी और इससे संबंधित सभी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। चुनाव की निष्पक्षता और पारदर्शिता को बनाए रखने के लिए सभी राजनीतिक दलों को इन नियमों का पालन करना अनिवार्य है। -
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में कफ सिरप के कारण 20 बच्चों की मौत के बाद दवा कंपनी के मालिक रंगनाथन को गिरफ्तार कर लिया गया है। चेन्नई पुलिस की सहायता से मध्य प्रदेश पुलिस ने यह कार्रवाई की।
जानकारी सामने आई है कि कंपनी मालिक रंगनाथन को तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई से गिरफ्तार किया गया है। मासूम बच्चों की मौत के बाद कंपनी मालिक रंगनाथन फरार था। पुलिस लगातार उसकी तलाश कर रही थी। इसी कड़ी में पुलिस ने गुरुवार सुबह उसे अरेस्ट कर लिया। रंगनाथन को आगे की जांच के लिए सुंगुवरछत्रम ले जाया जा रहा है।गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में 20 बच्चों की जिस ‘कोल्ड्रिफ’ कफ सिरप से मौत हुई थी, वह श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स ने बनाई थी। जांच में खुलासा हुआ कि सिरप में डायएथिलीन ग्लाइकॉल की मात्रा तय सीमा से ज्यादा थी, जिससे बच्चों के गुर्दे (किडनी) फेल हो गए। इस घातक लापरवाही के बाद राज्य सरकार ने श्रीसन फार्मा के सभी उत्पादों पर प्रतिबंध लगा दिया।मामले में सिरप लिखने वाले डॉक्टर प्रवीण सोनी को भी गिरफ्तार कर लिया गया। उनकी जमानत याचिका भी अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एडीजे), परासिया ने खारिज कर दी। मृतकों में छिंदवाड़ा जिले के 18 और बैतूल जिले के 2 बच्चे शामिल हैं।घटना के बाद मामले में सीएमएचओ डॉ. नरेश गोनारे और सिविल सर्जन को पद से हटा दिया गया, जबकि डॉ. सुशील कुमार दुबे को सीएमएचओ का प्रभार सौंपा गया। मध्य प्रदेश पुलिस ने मौतों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया। इसके अलावा, तमिलनाडु की दवा कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज किया।मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल का कहना है कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि कोई भी अपराधी बच न पाए। इस मामले में जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। -
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपना ईमेल प्लेटफॉर्म बदलते हुए Gmail से Zoho Mail पर स्विच कर लिया है। यह स्वदेशी तकनीक तेजी से लोकप्रिय हो रही है और डिजिटल आत्मनिर्भरता के मार्ग पर एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
अमित शाह ने अपने सोशल मीडिया हैंडल X पर यह जानकारी साझा की। उन्होंने लिखा, “नमस्ते सभी को, मैंने Zoho Mail पर स्विच कर लिया है। कृपया मेरा नया ईमेल पता [email protected] नोट करें। भविष्य में ईमेल द्वारा संपर्क करने के लिए इसी पते का उपयोग करें।”Zoho, जो कि पूरी तरह भारत में विकसित एक तकनीकी प्लेटफॉर्म है, वैश्विक सॉफ़्टवेयर परिदृश्य को बदल रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य को गति दे रहा है।कुछ दिन पहले, केंद्रीय रेल एवं आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी Zoho Mail अपनाया और इसे दस्तावेज़, स्प्रेडशीट और प्रेजेंटेशन साझा करने के लिए एक अच्छा मंच बताया। उन्होंने लोगों से देशी उत्पादों को अपनाने का आह्वान किया।इसके अलावा, शिक्षा मंत्रालय ने हाल ही में अपने सभी अधिकारियों को Zoho Office Suite का उपयोग करने का निर्देश दिया है। इस कदम के पीछे उद्देश्य वैश्विक सॉफ़्टवेयर जैसे Microsoft Office और Google Workspace पर निर्भरता कम करना और Zoho के प्लेटफॉर्म — Zoho Writer, Zoho Sheet और Zoho Show — को अपनाना है।सरकारी सर्कुलर में कहा गया है कि अधिकारियों को इस नए प्लेटफॉर्म से परिचित होना चाहिए, और इस दिशा में NIC के CMIS विभाग से सहायता उपलब्ध होगी। ध्यान देने योग्य है कि Zoho सॉफ़्टवेयर ‘सॉल्यूशन’ को चेन्नई के श्रीधर वेम्बु द्वारा विकसित किया गया है। -
नई दिल्ली। नीति आयोग ने बुधवार को एआई फॉर इनक्लूसिव सोसाइटल डेवलपमेंट नामक एक ऐतिहासिक रिपोर्ट जारी की गई है। इसके मुताबिक भारत के 49 करोड़ असंगठित श्रमिकों के जीवन और आजीविका को एआई और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों के जरिए बदलाव लाने के लिए तैयार की गई है। यह रिपोर्ट डेलॉइट के सहयोग से तैयार की गई है और देश के एआई परिदृश्य में एक नया मोड़ लेकर आई है। जहां वैश्विक स्तर पर एआई चर्चा मुख्यतः श्वेतपोश नौकरियों और औपचारिक अर्थव्यवस्था पर केंद्रित रही है, वहीं यह रिपोर्ट भारत के असंगठित क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करती है, जो देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का लगभग आधा हिस्सा योगदान करता है, लेकिन औपचारिक सुरक्षा और उत्पादकता तंत्र से अभी भी बाहर है।
इस अवसर पर कौशल विकास एवं उद्यमिता (स्वतंत्र प्रभार) और शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने कहा कि भारत के असंगठित श्रमिकों को सशक्त बनाना सिर्फ आर्थिक प्राथमिकता नहीं, बल्कि एक नैतिक दायित्व भी है। एआई और फ्रंटियर टेक्नोलॉजी की मदद से यह मिशन सुनिश्चित करेगा कि हर श्रमिक चाहे वह किसान हो, कारीगर या स्वास्थ्यकर्मी — डिजिटल अर्थव्यवस्था में आगे बढ़ने के लिए आवश्यक कौशल, उपकरण और अवसर प्राप्त करे।इस रणनीति का मुख्य केंद्र “मिशन डिजिटल श्रमसेतु है, जो एक राष्ट्रीय पहल के रूप में हर असंगठित श्रमिक तक एआई को सुलभ, किफायती और प्रभावी बनाने का लक्ष्य रखती है। इस मिशन के तहत एआई, ब्लॉकचेन, इमर्सिव लर्निंग और अन्य उभरती तकनीकों का उपयोग कर वित्तीय असुरक्षा, सीमित बाजार पहुंच, कौशल की कमी और सामाजिक सुरक्षा के अभाव जैसी बाधाओं को दूर किया जाएगा।नीति आयोग के सीईओ बी. वी. आर. सुब्रह्मण्यम ने इस मौके पर कहा कि अगर हमें वास्तव में भारत के 49 करोड़ असंगठित श्रमिकों के जीवन को बदलना है, तो सहयोग वैकल्पिक नहीं बल्कि अनिवार्य है। सरकार, उद्योग, शिक्षा जगत और नागरिक समाज को मिलकर काम करना होगा तभी स्थायी सशक्तिकरण संभव है।नीति आयोग की डिस्टिंग्विश्ड फेलो और फ्रंटियर टेक हब की प्रमुख देबजानी घोष ने कहा कि भारत के 30 ट्रिलियन डॉलर के विकसित भारत 2047 विजन को हासिल करने के लिए असंगठित क्षेत्र को सशक्त बनाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि एआई अपने आप लोगों का जीवन नहीं बदलेगा। यह रोडमैप असंगठित श्रमिकों की आवाज, उनकी चुनौतियों और आकांक्षाओं को एआई संवाद के केंद्र में रखता है।अध्ययन में यह चेतावनी दी गई है कि यदि तत्काल और समन्वित कार्रवाई नहीं की गई, तो 2047 तक असंगठित श्रमिकों की औसत वार्षिक आय मात्र 6,000 डॉलर पर रुक सकती है, जो भारत के उच्च-आय वाले राष्ट्र बनने के लिए आवश्यक 14,500 डॉलर प्रति व्यक्ति आय लक्ष्य से काफी कम है। रिपोर्ट के लॉन्च कार्यक्रम में जयंत चौधरी, डॉ. वी. के. पॉल (सदस्य, नीति आयोग), बी. वी. आर. सुब्रह्मण्यम (सीईओ, नीति आयोग), एस. कृष्णन (सचिव, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय), देबाश्री मुखर्जी (सचिव, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय) और देबजानी घोष सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।इस कार्यक्रम में कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (CII), नैसकॉम फाउंडेशन, वर्ल्ड बैंक, बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन, सत्त्व कंसल्टिंग, हकदर्शक और पिरामल फाउंडेशन जैसे उद्योग एवं विकास सहयोगी संगठनों ने भी भाग लिया। नीति आयोग का यह रोडमैप उसकी आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है।-( -
नई दिल्ली। केरल और कर्नाटक के बीच यात्रा को आसान बनाने के लिए केंद्र सरकार ने एर्नाकुलम से त्रिशूर, पलक्कड़ होते हुए बेंगलुरु तक नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन सेवा को मंजूरी दे दी है। यह केरल के लिए तीसरी वंदे भारत ट्रेन होगी, जिसकी शुरुआत नवंबर के मध्य तक होने की उम्मीद है। इस नई ट्रेन सेवा की घोषणा केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने की। उन्होंने यह निर्णय भाजपा के केरल राज्य अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर के प्रस्ताव पर विचार करने के बाद लिया।
राजीव चंद्रशेखर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट साझा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री वैष्णव को धन्यवाद दिया। उन्होंने लिखा, “एर्नाकुलम से त्रिशूर और पलक्कड़ होते हुए बेंगलुरु तक वंदे भारत ट्रेन सेवा को मंजूरी देने के लिए केंद्र सरकार का आभारी हूं। बेंगलुरु में बड़ी संख्या में मलयाली लोग काम करते हैं, विशेष रूप से आईटी क्षेत्र में। लंबे समय से इस रूट पर अतिरिक्त ट्रेन सेवा की मांग की जा रही थी।” उन्होंने बताया कि यह मुद्दा एक महीने पहले रेल मंत्री वैष्णव के ध्यान में लाया गया था, और उन्होंने तुरंत कार्रवाई करते हुए नई सेवा को मंजूरी दी। चंद्रशेखर ने कहा, “रेल मंत्री ने आश्वासन दिया है कि ट्रेन सेवा नवंबर के मध्य तक शुरू हो जाएगी।”रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी एक्स पर इसकी पुष्टि करते हुए कहा, “केरल भाजपा टीम और जिला अध्यक्षों के साथ वर्चुअल मीटिंग में एर्नाकुलम-बेंगलुरु वंदे भारत एक्सप्रेस के प्रस्ताव पर चर्चा की गई, और इसे नवंबर मध्य तक शुरू करने की योजना बनाई गई है।” उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में यात्रा को सुगम बनाने के लिए 488 त्योहार विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं। यह घोषणा त्योहारों के मौसम में यात्रियों के लिए बड़ी राहत लेकर आई है। एर्नाकुलम से बेंगलुरु रूट पर यात्रा के दौरान अक्सर ट्रैफिक अधिक रहता है और निजी परिवहन के लिए यात्रियों को महंगा किराया देना पड़ता है। नई वंदे भारत सेवा से इस समस्या में काफी राहत मिलेगी। -
नयी दिल्ली. बच्चों को दी जाने वाली खांसी की दवाइयों की गुणवत्ता को लेकर चिंता के बीच विशेषज्ञों का मानना है कि आयुर्वेदिक उपचार पूरी तरह से सुरक्षित और प्रभावी विकल्प है। भारतीय चिकित्सा पद्धतियों से जुड़े अखिल भारतीय चिकित्सक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. आर.पी. पाराशर ने कहा कि आयुर्वेदिक कफ सिरप, जड़ी-बूटियां और घरेलू उपचार दो साल से अधिक उम्र के बच्चों को बिना किसी डर के दिए जा सकते हैं। यह टिप्पणी मध्यप्रदेश में कथित जहरीले कफ सिरप के सेवन से कई बच्चों की मौत के बीच की गई है।
स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (डीजीएचएस) ने तीन अक्टूबर को सभी राज्यों को एक परामर्श जारी कर दो वर्ष से कम आयु के बच्चों को खांसी और सर्दी की दवाइयां देने पर प्रतिबंध लगा दिया था। परामर्श के अनुसार, आमतौर पर पांच साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप नहीं देने की सलाह दी जाती है। पांच साल से ज्यादा उम्र के बच्चों को किसी भी प्रकार की दवा देने के बाद उसका सावधानीपूर्वक नैदानिक मूल्यांकन, कड़ी निगरानी और उचित खुराक, कम से कम अवधि और कई दवाओं के संयोजन से बचने के सख्त पालन के बाद किया जाना चाहिए। परामर्श में बच्चों के लिए कफ सिरप के विवेकपूर्ण और तर्कसंगत नुस्खे पर भी जोर दिया गया।
डा. पाराशर ने बताया कि छह माह से कम उम्र के बच्चों को खांसी, जुकाम या ठंड लगने पर उनकी छाती पर हल्के गर्म घी या तेल से मालिश करनी चाहिए। उन्होंने कहा, "बच्चों की माताओं को ऐसे खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए जिसकी प्रकृति ठंडी होती हैं और शरीर में 'कफ' और 'दोष' बढ़ाते हैं। छह महीने से अधिक उम्र के बच्चों को तुलसी, अदरक, लौंग, काली मिर्च और खजूर के साथ दूध उबालकर पिलाया जा सकता है।" उन्होंने बताया कि यह दूध उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएगा और खांसी-जुकाम से तुरंत राहत प्रदान करेगा। आयुर्वेदिक कफ सिरप तुलसी, मुलेठी, काकड़सिंगी, भारंगी, पुष्करमूल, बहेड़ा, पुदीना, पिप्पली, काली मिर्च, दालचीनी, तेजपत्ता जैसी जड़ी-बूटियों से बनाए जाते हैं। डा. पाराशर ने बताया कि इनका बच्चों पर कोई दुष्प्रभाव नहीं होता। इसके अलावा, बच्चों को सितोपलादि चूर्ण और तालिशादि चूर्ण शहद में मिलाकर दिया जा सकता है या वासावलेह और अगस्त्य हरीतकी जैसी औषधियाँ भी दी जा सकती हैं। उन्होंने बताया कि ये सभी औषधियां बच्चों के लिए पूरी तरह सुरक्षित और प्रभावी हैं।
दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एम्स) के निदेशक डा. प्रदीप कुमार प्रजापति ने बताया कि आहार और जीवनशैली में मामूली बदलाव से खांसी और जुकाम से बचा जा सकता है या उसका इलाज किया जा सकता है। प्रजापति ने कहा, "मौसम में बदलाव के दौरान होने वाली एलर्जी के कारण बच्चे कई बार खांसी और जुकाम से पीड़ित हो जाते हैं। खान-पान और जीवनशैली में मामूली बदलाव से खासकर एलर्जी के कारण होने वाली खांसी और जुकाम से बचा जा सकता है और उसका इलाज भी किया जा सकता है। ऐसी स्थिति में हल्दी वाला गर्म दूध काफी फायदेमंद साबित होता है। कई मामलों में भाप लेना पर्याप्त होता है।" -
नयी दिल्ली. जाने-माने उद्योगपति गौतम अदाणी ने बुधवार को नवी मुंबई में अपने समूह के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की तुलना ‘कमल' से करते हुए कहा कि यह आर्थिक गतिविधिययों को गति देने के साथ भारत के भविष्य का प्रवेश द्वार साबित होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (एनएमआईएएल) के उद्घाटन के तुरंत बाद लिंक्डइन पर लिखे अपने लेख में अदाणी ने इसे भारत के बुनियादी ढांचे और राष्ट्र निर्माण की यात्रा में एक ऐतिहासिक क्षण बताया। उन्होंने हवाई अड्डे को ‘भारत के दूरदर्शी नेतृत्व और सार्वजनिक-निजी भागीदारी की ताकत का प्रमाण' बताया। उन्होंने कहा कि परियोजना का तेजी से कार्यान्वयन देश की महत्वाकांक्षा और गतिशीलता का प्रतीक है। परियोजना को 20,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 50 महीनों से कम समय में पूरा किया गया है।
मुंबई के परिवहन नेटवर्क से रणनीतिक रूप से जुड़ा, नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा मौजूदा छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के साथ मिलकर भीड़भाड़ को कम करने और क्षेत्र में आर्थिक वृद्धि को गति देने में मददगार होगा। इस हवाई अड्डे से 2,00,000 से अधिक नौकरियां पैदा होने तथा पर्यटन, व्यापार और नए व्यावसायिक गलियारों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। इससे भारत के 10,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य में योगदान मिलेगा। हवाई अड्डे का निर्माण करने वाले अदाणी समूह के चेयरमैन अदाणी ने हवाई अड्डे पर किए गए पर्यावरण अनुकूल पहल का जिक्र करते हुए इसे ‘आत्मनिर्भरता का प्रतीक' बताया, जो भारत की विरासत और भविष्य की आकांक्षाओं को बताता है। उन्होंने राष्ट्र निर्माण के प्रति अदाणी समूह की प्रतिबद्धता दोहरायी, जिसमें विमानन, लॉजिस्टिक, पर्यावरण अनुकूल कदम और डिजिटल बुनियादी ढांचे में निवेश बढ़ाने की योजना है। अदाणी ने कहा, ‘‘भारत की सेवा करना हमेशा हमारा सबसे बड़ा सम्मान होगा।''
उन्होंने नए हवाई अड्डे के निर्माण और संचालन के कार्य को ‘पवित्र जिम्मेदारी' बताते हुए कहा कि पिछले पांच साल में हर कदम पर ‘गहरी श्रद्धा, विनम्रता और मूल्य' के साथ इस दायित्व को निभाया है। अदाणी ने कहा कि नया हवाई अड्डा, ‘‘महाराष्ट्र की धरती से उभरा, कमल के समान है, हमारी विरासत में गहराई से निहित एक प्रतीक है।'' उन्होंने कहा कि यह आधुनिक भारत के सार को दर्शाता है... अपने ज्ञान में प्राचीन, फिर भी अपनी महत्वाकांक्षा में गतिशील और असीम। अदाणी ने कहा, ‘‘पर्यावरण अनुकूल उपायों को केंद्र में रखते हुए, यह समूह की हरित भविष्य के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है। इन रनवे से रवाना होने वाली हर उड़ान 1.4 अरब भारतीयों का आशीर्वाद लेकर आएगी और हर आगमन दुनिया को याद दिलाएगा कि यह समय भारत का है।'' उन्होंने कहा कि नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा एक मील का पत्थर है। ‘‘यह हमारी मातृभूमि के लिए प्रगति और समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करने के हमारे संकल्प को और पुष्ट करता है।'' अदाणी ने कहा कि भारत पृथ्वी पर उन गिने-चुने स्थानों में से एक है जहां देश का निर्माण केवल एक व्यावसायिक प्रयास नहीं, बल्कि राष्ट्र सेवा का एक रूप है। उन्होंने कहा, ‘‘जब हमने सितंबर, 2021 में इसकी नींव रखी थी, तो हम एक सपना लेकर आए थे - भारत की महत्वाकांक्षा और मुंबई की ऊर्जा को प्रतिबिंबित करने वाला एक विश्व स्तरीय प्रवेश द्वार बनाना। पचास महीने से भी कम समय में, 20,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ, भारत की सबसे बड़ी नई विमानन परियोजना रिकॉर्ड समय में बनकर तैयार हो गई है। यह नए भारत की गति, पैमाने और भावना का प्रमाण है।'' उन्होंने कहा कि मुंबई में भीड़भाड़ कम करके और एक नए आर्थिक इंजन के रूप में काम करके, यह समृद्धि का द्वार खोलेगा जो पूरे क्षेत्र के समुदायों को सशक्त बनाएगा और भारत की 10,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था की ओर यात्रा में योगदान देगा।

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