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- नयी दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को स्वतंत्रता दिवस पर लगातार 12वीं बार लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री का यह संबोधन ऐसे समय पर हो रहा है जब ‘ऑपरेशन सिंदूर' को कुछ महीने ही हुए हैं और विपक्षी दल चुनाव में कथित गड़बड़ियों को लेकर एकजुट होकर उनकी सरकार पर सवाल उठा रहे हैं। मोदी इस अवसर पर राष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक विकास और अपने कार्यकाल में कल्याणकारी मॉडल के विस्तार पर भारत के अडिग रुख को रेखांकित कर सकते हैं। साथ ही वह व्यापार पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत के प्रति प्रतिकूल रुख से उत्पन्न आर्थिक और विदेशी संबंधों की अनिश्चितता के माहौल पर भी बोल सकते हैं। प्रधानमंत्री पिछले काफी समय से 2047 तक ‘विकसित भारत' बनाने में मदद के लिए स्वदेशी तकनीक और स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देकर देश को ‘आत्मनिर्भर' बनाने पर बार-बार जोर दे रहे हैं और देश के 79वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से उनके भाषण में इसी बात को दोहराया जा सकता है। हाल में लगातार दो बार प्रधानमंत्री बनने के इंदिरा गांधी के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ने के बाद, मोदी अपने 12वें स्वतंत्रता दिवस संबोधन के साथ, लाल किले की प्राचीर से दिए गए इंदिरा के लगातार 11 भाषणों को पीछे छोड़ते हुए, इस मामले में प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के बाद दूसरे स्थान पर होंगे। इंदिरा गांधी जनवरी 1966 से मार्च 1977 तक, और फिर जनवरी 1980 से अक्टूबर 1984 में अपनी हत्या तक, प्रधानमंत्री पद पर रहीं। कुल मिलाकर, उन्होंने 15 अगस्त को प्रधानमंत्री के रूप में 16 भाषण दिए हैं। पंद्रह अगस्त को मोदी के भाषणों में हमेशा उस समय के प्रमुख मुद्दे और उनके कार्यकाल में देश के विकास पर चर्चा होती है, और वे अकसर नीतिगत पहलों या नई योजनाओं की घोषणा भी अपने संबोधन में करते हैं। पिछले साल 15 अगस्त को अपने 98 मिनट के संबोधन में, उन्होंने वर्तमान ‘सांप्रदायिक' और ‘भेदभाव' को बढ़ावा देने वाली संहिता के बजाय एक ‘धर्मनिरपेक्ष' नागरिक संहिता और एक साथ चुनाव कराने की स्पष्ट वकालत की थी। उन्होंने घोषणा की थी कि अगले पांच वर्षों में देश में 75,000 और मेडिकल सीटें सृजित की जाएंगी।महिलाओं के विरुद्ध अपराध जैसी सामाजिक बुराइयों को भी उनके कुछ भाषणों में प्रमुखता से उठाया गया है और स्वच्छता तथा महिलाओं व पारंपरिक रूप से वंचित समुदायों के सशक्तीकरण के लिए उनके प्रयासों का भी प्रमुखता से उल्लेख किया गया है। राजनीतिक पर्यवेक्षक विदेश नीति के मोर्चे पर उनके किसी भी संकेत का बेसब्री से इंतजार करेंगे, ऐसे समय में जब भारत और अमेरिका के बीच आमतौर पर मजबूत रहे रिश्ते इस समय तनाव में हैं। भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम में मध्यस्थता के ट्रंप के बार-बार किए जा रहे दावों और व्यापार को लेकर भारत पर दबाव बनाने के लिए टैरिफ के इस्तेमाल के कारण रिश्तों में तनाव आ गया है। संसद का मानसून सत्र जारी है और विपक्ष के हंगामे के कारण कार्यवाही अवरुद्ध है। विपक्ष ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण पर चर्चा की मांग की है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रधानमंत्री चुनावी धांधली के विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हैं या नहीं। मोदी के स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद और नक्सलवाद के खिलाफ उनकी सरकार का कड़ा रुख भी प्रमुख रहा है और इस साल भी कुछ अलग होने की संभावना नहीं है। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के लिए नागरिकों से सुझाव मांगे थे, और यह उत्सुकता से देखा जाएगा कि क्या इनमें से कुछ सुझाव उनके भाषण में शामिल होते हैं।
- जम्मू, ।जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में मचैल माता मंदिर के मार्ग पर एक दूरदराज के गांव में बृहस्पतिवार को बादल फटने से कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई और बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। यह बादल चशोती में फटा जो मंदिर के मार्ग पर स्थित ऐसा अंतिम गांव है जहां किसी वाहन से पहुंचा जा सकता है। चशोती में दोपहर 12 बजे से अपराह्न एक बजे के बीच उस समय बादल फटा जब बड़ी संख्या में लोग मचैल माता मंदिर की यात्रा के लिए एकत्र हुए थे। चशोती से मंदिर तक की 8.5 किलोमीटर की पैदल यात्रा शुरू होती है। अधिकारियों ने बताया कि 12 शव बरामद किए गए हैं और मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है।चशोती किश्तवाड़ से लगभग 90 किलोमीटर दूर 9,500 फुट की ऊंचाई पर स्थित है।श्रद्धालुओं के लिए आयोजित लंगर को बादल फटने से भारी नुकसान हुआ। बादल फटने से अचानक बाढ़ आ गई।केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि उन्होंने किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा से इस संबंध में बात की है। उन्होंने ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘चशोती क्षेत्र में बादल फटने की एक बड़ी घटना हुई है, जिससे भारी जनहानि होने की आशंका है। प्रशासन कार्रवाई में तुरंत जुट गया है और बचाव दल घटनास्थल के लिए रवाना हो गया है।'' उन्होंने कहा कि क्षति का आकलन किया जा रहा है और आवश्यक बचाव एवं चिकित्सा प्रबंधन व्यवस्था की जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि इस घटना के बाद मंदिर की वार्षिक यात्रा स्थगित कर दी गई है तथा प्राधिकारी सभी संसाधन जुटाने और बड़े पैमाने पर बचाव एवं राहत अभियान चलाने के लिए घटनास्थल रवाना हो गए हैं। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के दो दल उधमपुर से किश्तवाड़ भेजे गए हैं।अधिकारियों ने बताया कि किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नरेश सिंह भी बचाव अभियान की निगरानी के लिए प्रभावित क्षेत्र रवाना हो गए हैं। उपायुक्त ने कहा, ‘‘इलाके में बड़े पैमाने पर बचाव अभियान शुरू कर दिया गया है।''उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस घटना में हुई जानमाल की हानि पर दुख व्यक्त किया।उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘किश्तवाड़ के चशोती में बादल फटने की घटना से व्यथित हूं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। असैन्य, पुलिस, सेना, एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) और एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन बल) अधिकारियों को बचाव एवं राहत अभियान को और तेज करने तथा प्रभावितों को हर संभव सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए।'' अधिकारियों ने बताया कि पहाड़ी की तलहटी में बसी घनी बस्ती में अचानक आई बाढ़ ने कई घरों को प्रभावित किया है। विपक्ष के नेता सुनील कुमार शर्मा ने कहा कि उन्हें बादल फटने की बड़ी घटना होने की सूचना मिली है।उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि फिलहाल किसी के पास सटीक आंकड़े हैं, लेकिन आशंका है कि इलाके में भारी नुकसान हुआ है।'' शर्मा ने कहा कि वहां भारी नुकसान होने की आशंका है। उन्होंने कहा, ‘‘यात्रा जारी रहने के कारण इलाके में काफी भीड़ है।
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नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज गुरुवार को अमृत उद्यान समर एनुअल्स एडिशन 2025 का शुभारंभ किया। इसके साथ यह भव्य उद्यान 16 अगस्त से 14 सितंबर तक आम जनता के लिए खोल दिया गया। इस दौरान आगंतुक 42 से अधिक किस्मों के रंग-बिरंगे ग्रीष्मकालीन फूलों, थीम आधारित बागों और प्राकृतिक सुंदरता से सजे विशेष क्षेत्रों का आनंद ले सकेंगे। यहां लोग सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक घूम सकते हैं, जबकि आखिरी प्रवेश शाम 5:15 बजे तक होगा। वहीं सोमवार को रखरखाव के लिए उद्यान बंद रहेगा।
उद्यान में प्रवेश निःशुल्क है, लेकिन इसके लिए पहले से पंजीकरण जरूरी है, जो राष्ट्रपति भवन की वेबसाइट से ऑनलाइन या गेट नंबर 35 (नॉर्थ एवेन्यू रोड) के बाहर लगे सेल्फ-सर्विस कियोस्क पर बुक किया जा सकता है। 15 एकड़ में फैला अमृत उद्यान राष्ट्रपति भवन की “आत्मा” माना जाता है। पहले इसमें ईस्ट लॉन, सेंट्रल लॉन, लॉन्ग गार्डन और सर्कुलर गार्डन शामिल थे, जिन्हें बाद में पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम और राम नाथ कोविंद के कार्यकाल में और विस्तारित किया गया। अब यहां थीम-आधारित कई हिस्से हैं, जैसे- बाल वाटिका (225 साल पुराने शीशम के पेड़, ट्रीहाउस और बोन्साई गार्डन, सर्कुलर गार्डन, बहती जलधारा, कैस्केड, मूर्तिकला फव्वारे, स्टेपिंग स्टोन्स, रिफ्लेक्टिंग पूल, रिफ्लेक्सोलॉजी पाथ, पंचतत्व ट्रेल, जंगल जैसी सैरगाह, प्लूमेरिया गार्डन शामिल हैं।इस बार के समर एडिशन में 42 से अधिक प्रकार के ग्रीष्मकालीन मौसमी फूल खिलेंगे, जो इस विरासत स्थल को और रंगीन बनाएंगे। वहीं मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक चाबियां, पर्स, हैंडबैग, पानी की बोतलें, बच्चों के दूध की बोतलें और छाते ले जाने की अनुमति है, जबकि अन्य सामान प्रतिबंधित है। पूर्व में मुगल गार्डन नाम प्रसिद्ध अमृत उद्यान राष्ट्रपति भवन परिसर में स्थित है और दुनिया के सबसे खूबसूरत बागानों में गिना जाता है, जो भारत की बागवानी विरासत का प्रतीक है। -
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के चशोती इलाके में गुरुवार को बादल फटने के बाद अचानक आई बाढ़ में भारी नुकसान की आशंका जताई जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर कहा मेरी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में बादल फटने और बाढ़ से प्रभावित सभी लोगों के साथ हैं। स्थिति पर कड़ी नज़र रखी जा रही है। बचाव और राहत कार्य जारी है। ज़रूरतमंदों को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।
वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि केंद्र सरकार हर परिस्थिति में जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ मजबूती से खड़ी है। उन्होंने किश्तवाड़ में बादल फटने की घटना के बाद जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से फोन पर बात की है।गृह मंत्री अमित शाह ने एक्स पर बताया कि स्थानीय प्रशासन राहत और बचाव कार्य कर रहा है। एनडीआरएफ की टीमें तुरंत घटनास्थल पर पहुंच गई हैं। हम स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं और हर परिस्थिति में जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ मजबूती से खड़े हैं। जरूरतमंद लोगों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने किश्तवाड़ के चशोती इलाके में बादल फटने की घटना पर कहा कि वहां सभी बचाव दल पहुंच गए हैं। वे वहां काम कर रहे हैं और जो भी सहयोग और सहायता आवश्यक है, वह सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। हम सभी एक दूसरे के साथ संपर्क में हैं। यदि किसी मरीज़ को इलाज के लिए दूसरे अस्पताल में भर्ती कराना पड़े तो उसकी भी व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि हेलीकॉप्टर के लिए मौसम अनुकूल नहीं हैं।जम्मू के डिविजनल कमिश्नर रमेश कुमार ने कहा, “हमें किश्तवाड़ में बादल फटने की सूचना मिली। SDRF, स्थानीय पुलिस और स्थानीय प्रशासन वहां पहुंच गए हैं। NDRF की टीम भी वहां पहुंचने वाली है। सेना और वायुसेना को भी सक्रिय कर दिया गया है। सभी मेडिकल टीमों को भी सक्रिय कर दिया गया है। तलाशी अभियान जारी है। राहत और बचाव कार्य जारी है, हम पूरी तत्परता से काम कर रहे हैं, मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं।इसके अलावा, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की 2 टीमों को वहां भेजा गया है। स्थानीय विधायक सुनील शर्मा ने बताया कि यह घटना उस जगह पर हुई, जहां श्री मचैल यात्रा के लिए चार पहिया वाहन खड़े होते हैं और कई अस्थायी दुकानें लगी हुई हैं। एडीसी किश्तवाड़ के अनुसार, श्री मचैल यात्रा अगली सूचना तक स्थगित कर दी गई है।स्थानीय पुलिस-प्रशासन के अलावा एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और अन्य एजेंसियां बड़े पैमाने पर राहत व बचाव कार्य जुटी हैं। एनडीआरएफ ने एक बयान में कहा कि उपकरणों से लैस दो टीमों के लगभग 180 सदस्यों को उधमपुर बेस से रवाना किया गया है। - तिरुपति (आंध्र प्रदेश). बेंगलुरु के एक श्रद्धालु ने श्री वेंकटेश्वर अन्न प्रसादम ट्रस्ट को एक करोड़ रुपये का दान दिया है जबकि एक अन्य श्रद्धालु ने हीरे और वैजयंती पत्थरों से जड़ा 148 ग्राम वजनी स्वर्ण लक्ष्मी लॉकेट भगवान वेंकटेश्वर को अर्पित किया है। मंदिर प्रशासन ने बुधवार को यह जानकारी दी। तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, कल्याण रमन कृष्णमूर्ति द्वारा दी गई दान राशि का उपयोग पहाड़ी मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए निःशुल्क भोजन योजना में किया जाएगा। कृष्णमूर्ति ने टीटीडी के अतिरिक्त कार्यकारी अधिकारी चि. वेंकैया चौधरी को तिरुमला स्थित उनके कैंप कार्यालय में दान राशि का डिमांड ड्राफ्ट सौंपा। इसी तरह, के.एम. श्रीनिवास मूर्ति ने लगभग 25 लाख रुपये मूल्य का 148 ग्राम वजनी स्वर्ण लक्ष्मी लॉकेट अर्पित किया, जो भगवान श्री भोगा श्रीनिवास मूर्ति की प्रतिमा को सजाने के लिए इस्तेमाल होगा। उन्होंने यह लॉकेट श्रीवारी मंदिर परिसर स्थित रंगनायकुला मंडपम में वेंकैया चौधरी को सौंपा। टीटीडी, आंध्रप्रदेश के तिरुपति स्थित विश्व के सबसे धनवान हिंदू मंदिर, श्री वेंकटेश्वर मंदिर का आधिकारिक संरक्षक है।++++++++++++++++++++++++++++++
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नयी दिल्ली. रेल मंत्रालय ने विभिन्न जोन से कहा है कि यदि मांग और औचित्य हो तो वे ई-नीलामी के जरिये विभिन्न स्टेशन पर एकल ब्रांड, कंपनी के स्वामित्व वाली प्रीमियम दुकान के लिए स्थान आवंटित कर सकते हैं। मंत्रालय ने 11 अगस्त, 2025 को जारी एक आधिकारिक पत्र में हवाई अड्डों की तर्ज पर प्रीमियम एकल ब्रांड दुकानें खोलने के संबंध में दिशा-निर्देशों के लिए दक्षिण मध्य रेलवे के प्रस्ताव का जवाब दिया। इसमें कहा गया कि मामले की जांच करने के बाद यह निर्णय लिया गया है कि दुकानें मौजूदा नीति के तहत आवंटित की जा सकती हैं न कि नामांकन के आधार पर। मंत्रालय ने कहा, ‘‘संबंधित मंडल/जोन यात्रियों की संख्या, स्थान की उपलब्धता, यात्री जनसांख्यिकी और अन्य प्रासंगिक स्टेशन-विशिष्ट विशेषताओं के आधार पर प्रीमियम स्थानों और उपयुक्त उत्पाद/सेवा श्रेणियों की पहचान करेंगे।'' रेलवे ने स्पष्ट किया है कि दुकानों का आवंटन ई-नीलामी नीति के अनुसार किया जाएगा। उसने कहा, ‘‘ऐसे ठेके देने के लिए, ई-नीलामी मॉड्यूल के भीतर एक समर्पित ‘‘प्रीमियम स्टोर्स'' खंड बनाया जा सकता है। सफल बोलीदाता आउटलेट के लिए ब्रांड/ब्रांडों का निर्णय ले सकता है।'' पत्र में कहा गया कि जोन सुनिश्चित करेंगे कि ऐसी दुकानें स्टेशन के माहौल और भारतीय रेलवे की छवि को बेहतर बनाएं। मंत्रालय ने कहा, ‘‘संबंधित मंडल आवश्यकतानुसार अनुबंध की विशेष शर्तें तैयार कर सकते हैं। इससे पहले, दक्षिण मध्य रेलवे (एससीआर) ने मंत्रालय को पत्र लिखकर कहा था कि उसके कई स्टेशन के पुनर्विकास कार्य, प्रमुख उन्नयन और एबीएसएस (अमृत भारत स्टेशन योजना) को चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 के दौरान पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। एससीआर ने कहा, ‘‘यात्रियों को प्रदान की जा रही विश्व स्तरीय सुविधाओं के अनुरूप, यात्रा में इस्तेमाल समान की कंपनियों (सैमसोनाइट/अमेरिकन टूरिस्टर/वीआईपी आदि), परिधान (एरो/वैन ह्यूसेन/पीटर इंग्लैंड/बीबा आदि), जूते और स्पोर्ट्स गियर (नाइकी/एडिडास/रीबॉक आदि) और अन्य वस्तुओं जैसे विभिन्न गैर-खानपान श्रेणियों के प्रीमियम सिंगल ब्रांड की दुकानों को स्टेशन पर खोलने की अनुमति देने की आवश्यकता है, जैसा कि हवाई अड्डों पर यात्रियों को दी जाती है।'' एससीआर ने इसी के साथ इस संबंध में मंत्रालय से दिशानिर्देश जारी करने का भी अनुरोध किया था।
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नयी दिल्ली. खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने बुधवार को बताया कि संसद में सुचारू रूप से पारित होने के बाद ऐतिहासिक राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक अगले छह महीने में लागू कर दिया जाएगा और प्रारंभिक कार्य पहले ही शुरू हो चुके हैं जिसमें नियमों का मसौदा तैयार करना और बुनियादी ढांचे की पहचान करना शामिल है। संसद के दोनों सदनों में विधेयक पारित होने के बाद मांडविया ने विधेयक के उस प्रावधान को ‘मानक सुरक्षा' के रूप में उचित ठहराया जो सरकार को असाधारण परिस्थितियों में भारतीय टीमों और व्यक्तिगत खिलाड़ियों की अंतरराष्ट्रीय भागीदारी पर ‘उचित प्रतिबंध लगाने' का विवेकाधीन अधिकार देता है। मांडविया ने कहा, ‘‘यह विधेयक जल्द से जल्द लागू किया जाएगा। अगले छह महीनों के भीतर शत प्रतिशत कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रक्रियाएं पूरी कर ली जाएंगी।'' इस विधेयक के पारित होने से भारत खेल कानून लागू करने वाला 21वां देश बन जाएगा। इसके सबसे अहम प्रावधानों के कार्यान्वयन के लिए एक राष्ट्रीय खेल बोर्ड (एनएसबी) की स्थापना की जरूरत होगी जो राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) को मान्यता प्रदान करेगा और विवादों के समाधान के लिए एक राष्ट्रीय खेल पंचाट (एनएसटी) तथा एनएसएफ चुनावों की देखरेख के लिए एक राष्ट्रीय खेल चुनाव पैनल (एनएसईपी) का गठन किया जाएगा। खेल मंत्री ने कहा, ‘‘पदों को बनाने के लिए और अन्य प्रशासनिक अनुमोदन के लिए कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग तथा व्यय विभाग की स्थापित प्रक्रियाओं का पालन किया जाएगा। '' उन्होंने आगे कहा, ‘‘इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि दोनों संस्थान (एनएसबी और एनएसटी) यथाशीघ्र वैधानिक और प्रक्रियात्मक जरूरतों के अनुरूप पूरी तरह से संचालित हो जाएं। '' उन्होंने यह भी दोहराया कि यह विधेयक ‘स्वतंत्रता के बाद से खेलों में सबसे बड़ा सुधार' है। इस विधेयक का एनएसएफ और खिलाड़ियों दोनों ने व्यापक समर्थन दिया है। भारतीय ओलंपिक संघ पहले इसे लेकर संशय में था लेकिन उसने भी खेल मंत्री के साथ गहन चर्चा के बाद इसका समर्थन किया है। विधेयक के पारित होने के साथ ही अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में भारत की भागीदारी पर अंतिम फैसला सरकार का होगा जिसकी अघोषित सहमति औपचारिक रूप ले चुकी है। यह मुद्दा अक्सर तब उठता है जब चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के साथ सीमा पर तनाव होता है जैसा इस साल पहलगाम आतंकी हमले के बाद से देखने को मिला है। मांडविया ने कहा कि विधेयक में सरकार के विवेकाधिकार को किसी विशेष देश को ध्यान में रखकर संहिताबद्ध नहीं किया गया है। मांडविया ने कहा, ‘‘सरकार को अंतरराष्ट्रीय भागीदारी रोकने का अधिकार देने वाला प्रावधान वैश्विक स्तर पर खेल कानूनों में देखा जाने वाला एक मानक सुरक्षा उपाय है जिसका उपयोग असाधारण परिस्थितियों में किया जाता है। '' उन्होंने कहा, ‘‘इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा खतरों, राजनयिक बहिष्कारों और वैश्विक आपात स्थितियां शामिल होती हैं जो किसी विशेष देश के खिलाफ नहीं है। '' खेल मंत्री ने कहा, ‘‘व्यवहारिक रूप से पाकिस्तान के साथ खेल टूर्नामेंट से संबंधित फैसले विशेष रूप से द्विपक्षीय संबंधों को प्रभावित करने वाली बड़ी घटनाओं के बाद व्यापक सरकारी नीति और सुरक्षा आकलनों द्वारा लिए जाते हैं। '' उन्होंने उदाहरण दिया कि 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के बाद से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय क्रिकेट बंद हो गया था। मांडविया ने कहा, ‘‘2008 के मुंबई हमलों के बाद से पाकिस्तान में सीनियर पुरुष क्रिकेट दौरे नहीं हुए हैं और ‘हाई-प्रोफाइल' मुकाबलों को भी अकसर तटस्थ स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया है। इस तरह के फैसले विदेश मंत्रालय और सुरक्षा एजेंसियों के परामर्श से लिए जाते हैं। '' उन्होंने कहा, ‘‘यह अधिनियम ऐसी स्थितियों में निर्णायक और वैधानिक रूप से कार्य करने की सरकार की क्षमता को औपचारिक रूप देता है। साथ ही यह सुनिश्चित करता है कि कोई भी निर्णय ओलंपिक चार्टर और संबंधित अंतरराष्ट्रीय खेल संस्था के कानूनों के तहत भारत की प्रतिबद्धताओं के अनुरूप रहें। '' उन्होंने कहा, ‘‘यह वैश्विक खेल प्रतिबद्धताओं को निभाते हुए राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने में मोदी सरकार की स्पष्टता को दर्शाता है। '' खिलाड़ियों के साथ बातचीत के दौरान उनकी विशिष्ट मांगों के बारे में पूछने पर मांडविया ने कहा, ‘‘वे प्रतिनिधित्व चाहते थे। महिला एथलीट प्रतिनिधित्व चाहती थीं, उन्होंने पूछा कि हम कहां हैं? और यह एक जायज सवाल था क्योंकि महिला एथलीट लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं। '' विधेयक यह सुनिश्चित करता है कि किसी भी एनएसएफ की कार्यकारी समिति में कम से कम चार महिलाएं और दो उत्कृष्ट योग्यता वाले एथलीट शामिल होने चाहिए, जिसकी संख्या 15 तक सीमित है। खेल मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि नए कानून के कारण भारत के खेल परिदृश्य में सकारात्मक परिवर्तन आएगा। उन्होंने कहा कि अगले एजेंडे में अगले दो दशकों में भारत को विश्व स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करने वाले शीर्ष पांच देशों की सूची में लाने के लिए पदक रणनीति बनाना शामिल है।
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नयी दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी के द्वारका में स्थित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन एवं प्रदर्शनी स्थल ‘यशोभूमि' को वास्तुकला उत्कृष्टता के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चुना गया है। सीपी कुकरेजा आर्किटेक्ट्स ने बुधवार को जारी बयान में कहा कि ‘यशोभूमि' को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ सभागार परिसरों में से एक होने के लिए ‘इंटरनेशनल आर्किटेक्चर अवार्ड 2025' से सम्मानित किया जाएगा। यह पुरस्कार ‘द शिकॉगो एथेनेयम: म्यूजियम ऑफ आर्किटेक्चर एंड डिजाइन' और ‘द यूरोपियन सेंटर फॉर आर्किटेक्चर, आर्ट, डिजाइन एंड अर्बन स्टडीज' के सहयोग से प्रदान किया जाएगा। पुरस्कार समारोह 20 सितंबर को यूनान के एथेंस शहर में आयोजित होगा। यशोभूमि के 225 एकड़ में फैले परिसर को सीपी कुकरेजा और स्पेन की फर्म आईडीओएम के सहयोग से डिजाइन किया गया था।
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नयी दिल्ली. राष्ट्रपति भवन के पास स्थित प्रसिद्ध अमृत उद्यान 16 अगस्त से 14 सितंबर तक जनता के लिए खुला रहेगा, जिसमें अन्य आकर्षणों के साथ-साथ ‘बबलिंग ब्रुक' लोगों का ध्यान अपनी ओर खीचेंगी। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। राष्ट्रपति की उप प्रेस सचिव नविका गुप्ता ने बताया कि इस उद्यान में बैबलिंग ब्रुक गार्डन एक नया और शांत आश्रय है, जहां पानी का हल्का प्रवाह और जीवंत हरियाली लोगों को सुकून भरा माहौल प्रदान करती है। अधिकारियों ने बताया कि अमृत उद्यान अब दिव्यांगजन के अनुकूल भी बना दिया गया है, जहाँ रैंप, विशेष रूप से डिजाइन किए गए स्टैंड्स पर गमलों में पौधे प्रदर्शित किए गए हैं ताकि स्पर्श के माध्यम से अनुभव किया जा सके। गुप्ता ने कहा, ‘‘इस वर्ष आगंतुकों को एक नई सुविधा ‘बबलिंग ब्रुक' का अनुभव मिलेगा।''
उन्होंने कहा कि ‘बबलिंग ब्रुक' के चारों ओर हरियाली है तथा इसमें जीवंत फूल लगे हुए हैं जो रंगों की बौछार करते हैं तथा फूलों और पत्थरों के बीच से बहते हुए पानी के माध्यम से लोगों को शांत अनुभव मिलता है और वे प्रकृति के साथ और ज्यादा जुड़ सकते हैं। गुप्ता ने बताया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति भवन को अधिक सुलभ और नागरिक-केंद्रित बनाने के निरंतर दृष्टिकोण के तहत, अमृत उद्यान जनता के लिए 16 अगस्त से 14 सितंबर तक खुला रहेगा। पहले अमृत उद्यान सिर्फ सर्दियों में खुलता था, हालांकि वर्ष 2023 में पहली बार इसे गर्मियों में खोला गया था। गुप्ता ने बताया कि मुर्मू बृहस्पतिवार को उद्यान के ग्रीष्मकालीन वार्षिकोत्सव का उद्घाटन करेंगी। -
नयी दिल्ली. विदेश मंत्री एस. जयशंकर अगले सप्ताह अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ महत्वपूर्ण वार्ता करने के लिए मास्को की यात्रा करेंगे। यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब रूस से कच्चे तेल की खरीद को लेकर हाल में अमेरिका के साथ भारत के संबंधों में कुछ तनाव आया है। जयशंकर की रूस यात्रा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल की रूस यात्रा और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन तथा कई शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात के कुछ दिनों बाद हो रही है। विदेश मंत्री की मास्को यात्रा से परिचित लोगों ने बताया कि दोनों पक्ष इस वर्ष के अंत में पुतिन की भारत यात्रा के विभिन्न पहलुओं को भी अंतिम रूप दे सकते हैं। रूस के विदेश मंत्रालय के उप प्रवक्ता अलेक्सी फडेयेव ने मास्को में कहा कि दोनों देशों के विदेश कार्यालयों के प्रमुख “द्विपक्षीय एजेंडे के सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों” पर चर्चा करेंगे। उपरोक्त सूत्रों ने बताया कि जयशंकर रूस की दो दिवसीय यात्रा पर होंगे और इस दौरान वह पुतिन से मुलाकात करने के अलावा विदेश मंत्री लावरोव के साथ व्यापक मुद्दों पर बातचीत भी कर सकते हैं। विदेश मंत्री द्वारा व्यापार और आर्थिक, वैज्ञानिक-तकनीकी तथा सांस्कृतिक सहयोग पर भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग के 26वें सत्र की सह-अध्यक्षता करने की भी उम्मीद है। बातचीत में रूसी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व प्रथम उप प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव द्वारा किये जाने की संभावना है। मास्को में रूसी नेताओं के साथ जयशंकर की बैठकों में रूस से भारत की निरंतर ऊर्जा खरीद पर चर्चा होने की संभावना है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले सप्ताह एक सरकारी आदेश जारी किया, जिसमें नयी दिल्ली द्वारा रूसी तेल की निरंतर खरीद के लिए दंड के रूप में भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाया गया। अतिरिक्त शुल्कों से भारत पर कुल शुल्क 50 प्रतिशत तक बढ़ गया।
रूस से कच्चे तेल की खरीद का बचाव करते हुए भारत यह कहता रहा है कि उसकी ऊर्जा खरीद राष्ट्रीय हित और बाजार की गतिशीलता से प्रेरित है। फरवरी 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण के बाद पश्चिमी देशों द्वारा मास्को पर प्रतिबंध लगाने और उसकी आपूर्ति बाधित करने के बाद भारत ने रियायती दर पर बेचे जाने वाले रूसी तेल को खरीदना शुरू कर दिया। परिणामस्वरूप, 2019-20 में कुल तेल आयात में मात्र 1.7 प्रतिशत हिस्सेदारी से, 2024-25 में रूस की हिस्सेदारी बढ़कर 35.1 प्रतिशत हो गई और अब यह भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता है। जयशंकर की मास्को यात्रा के दौरान दोनों पक्षों के बीच यूक्रेन विवाद पर भी विचार-विमर्श होने की संभावना है। भारत लगातार बातचीत और कूटनीति के माध्यम से रूस-यूक्रेन संघर्ष को समाप्त करने का आह्वान करता रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले वर्ष जुलाई में मास्को की यात्रा की थी और पुतिन से कहा था कि यूक्रेन संघर्ष का समाधान युद्ध के मैदान में संभव नहीं है और बमों और गोलियों के बीच शांति प्रयास सफल नहीं होते। -
हैदराबाद. ‘कॉमिक कॉन इंडिया' का 13वां संस्करण 31 अक्टूबर से हैदराबाद में शुरू होगा, जिसमें ‘पॉप' संस्कृति की दुनिया से जुड़ी कई प्रमुख हस्तियां शामिल होंगी। हर साल आयोजित होने वाला यह कार्यक्रम देशभर के प्रशंसकों को ‘‘कॉमिक्स, कॉस्प्ले, गेमिंग, फिल्म, टेलीविजन, एनीमेशन'' से जुड़ी विधाओं का उत्सव मनाने के लिए एक मंच प्रदान करता है। हैदराबाद में प्रशंसक दो नवंबर तक अपने पसंदीदा अंतरराष्ट्रीय मेहमानों से मिलने, खास कॉमेडी और संगीत कार्यक्रम देखने, देश के बेहतरीन ‘कॉस्प्लेयर' से मिलने का आनंद ले सकेंगे। ‘कॉमिक कॉन इंडिया' की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) शेफाली जॉनसन ने एक बयान में कहा, "हैदराबाद भारत के सबसे जीवंत सांस्कृतिक और रचनात्मक केंद्रों में से एक के रूप में तेजी से उभरा है। तकनीकी क्षेत्र में तेज़ी से हो रही प्रगति, उत्साही युवा प्रशंसक वर्ग और वैश्विक पॉप संस्कृति के प्रति बढ़ती रुचि के साथ यह शहर कॉमिक कॉन इंडिया के 2025-2026 के भव्य सीजन की शुरुआत के लिए एक आदर्श स्थल है।'' उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि हैदराबाद में इस बार अब तक की सबसे बड़ी भागीदारी देखने को मिलेगी।
‘नॉडविन गेमिंग' के सह-संस्थापक और प्रबंध निदेशक अक्षत राठी ने कहा कि वे हर शहर में मशहूर हस्तियों और मेहमानों की बेहतरीन श्रृंखला लेकर आ रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम देशभर के प्रशंसकों को और भी बेहतर अनुभव प्रदान करने की दिशा में काम कर रहे हैं। वैश्विक पॉप संस्कृति की हस्तियों से लेकर भारत के सबसे उत्साही कॉस्प्ले समुदाय तक, रोमांचक ई-स्पोर्ट्स मुकाबलों से लेकर विशेष पैनल और लॉन्च तक, कॉमिक कॉन इंडिया 2025-2026 वास्तव में उस पूरी पॉप संस्कृति का उत्सव होगा जिसे प्रशंसक पसंद करते हैं।'' पिछले वर्ष हैदराबाद कॉमिक कॉन 2024 में 40,000 से अधिक प्रशंसक शामिल हुए थे। इस वर्ष भी ‘कॉमिक कॉन वी - मुंबई. भारतीय रिजर्व बैंक चार अक्टूबर से बैंकों में चेक जमा किए जाने के कुछ ही घंटों के भीतर उसके समाशोधन के लिए एक नई व्यवस्था शुरू कर रहा है। इससे चेक जमा करने के कुछ ही घंटे में खाते में पैसा आ जाएगा। चेक को कुछ ही घंटों में स्कैन, प्रस्तुत और पास किया जाएगा और यह बैंक कार्यदिवस के दौरान निरंतर आधार पर किया जाएगा। समाशोधन चक्र वर्तमान टी प्लस 1 यानी चेक जमा करने के बाद एक दिन से घटकर कुछ घंटे रह जाएगा। चेक ट्रंकेशन सिस्टम (सीटीएस) वर्तमान में चेक का प्रसंस्करण दो कार्यदिवसों तक के चक्र में करता है।सीटीएस चेक समाशोधन की एक इलेक्ट्रॉनिक विधि है। यह चेक को भौतिक रूप से लाने-ले जाने की व्यवस्था को समाप्त करती है। इसके बजाय, इसमें चेक से इलेक्ट्रॉनिक चित्र और आंकड़े लेकर उसे भुगतान करने वाले बैंक को भेजा जाता है। यह प्रक्रिया समाशोधन प्रक्रिया को तेज करती है और सुरक्षा बढ़ाती है। आरबीआई ने चेक समाशोधन की दक्षता में सुधार लाने और प्रतिभागियों के लिए निपटान जोखिम को कम करने तथा ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाने के लिए सीटीएस को बैच में प्रसंस्करण की वर्तमान व्यवस्था को ‘ऑन-रियलाइजेशन-सेटलमेंट' यानी वास्तविक समय पर चेक को इलेक्ट्रॉनिक रूप से भेजे जाने के साथ निरंतर समाशोधन में परिवर्तित करने का निर्णय लिया है। रिजर्व बैंक ने सीटीएस में निरंतर समाशोधन और प्राप्ति पर निपटान की शुरुआत के लिए एक परिपत्र जारी किया है। आरबीआई ने कहा, ‘‘सीटीएस को दो चरणों में निरंतर समाशोधन और प्राप्ति पर निपटान में बदलने का निर्णय लिया गया है। पहला चरण चार अक्टूबर, 2025 को और दूसरा चरण तीन जनवरी, 2026 को लागू किया जाएगा।'' सुबह 10:00 बजे से शाम चार बजे तक एक ही प्रस्तुति सत्र होगा।बैंकों की शाखाओं द्वारा प्राप्त चेकों को स्कैन करके प्रस्तुति अवधि के दौरान तुरंत और लगातार समाशोधन के लिए भेजा जाएगा। आरबीआई के अनुसार, ‘‘प्रस्तुत किए गए प्रत्येक चेक के लिए, आहर्ता बैंक या तो सकारात्मक पुष्टि (भुगतान किये जाने वाले चेक के लिए) या नकारात्मक पुष्टि (भुगतान नहीं किये जाने चेक के लिए) करेगा।'' चरण एक (चार अक्टूबर, 2025 से दो जनवरी, 2026 तक) के दौरान, आहर्ता बैंकों को पुष्टि के लिए निर्धारित सत्र (शाम 7:00 बजे) के अंत तक, उनके पास प्रस्तुत चेकों की पुष्टि (सकारात्मक/नकारात्मक) करनी होगी, अन्यथा उन्हें स्वीकृत माना जाएगा और निपटान के लिए शामिल किया जाएगा। चरण दो (तीन जनवरी, 2026 से) में, चेकों की मद समाप्ति समय को टी प्लस 3 ‘क्लियर' घंटों में बदल दिया जाएगा। आरबीआई ने एक उदाहरण देते हुए कहा कि आहर्ता बैंकों द्वारा सुबह 10:00 बजे से 11:00 बजे के बीच प्राप्त चेकों की पुष्टि उन्हें दोपहर 2:00 बजे (सुबह 11:00 बजे से 3 घंटे) तक सकारात्मक या नकारात्मक रूप से करनी होगी। जिन चेकों की पुष्टि आहर्ता बैंक द्वारा निर्धारित तीन घंटों में नहीं की जाती है, उन्हें दोपहर दो बजे स्वीकृत माना जाएगा और निपटान के लिए शामिल किया जाएगा। आरबीआई ने कहा कि निपटान पूरा होने पर, समाशोधन निगम प्रस्तुतकर्ता बैंक को सकारात्मक और नकारात्मक पुष्टि की जानकारी देगा। चेक प्रस्तुत करने वाला बैंक इसे प्रसंस्कृत करेगा और ग्राहकों को तुरंत भुगतान जारी करेगा। लेकिन यह भुगतान सफल निपटान के एक घंटे भीतर होगा। यह सामान्य सुरक्षा उपायों पर निर्भर करेगा। आरबीआई ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वे अपने ग्राहकों को चेक समाशोधन प्रक्रिया में बदलावों के बारे में पूरी तरह से अवगत करायें। बैंकों को निर्धारित तिथियों पर सीटीएस में निरंतर समाशोधन में भाग लेने के लिए तैयार रहने को भी कहा गया है।
- नयी दिल्ली. सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के 60 साल के इतिहास में पहली बार कैडर समीक्षा को सरकार ने बुधवार को मंजूरी दे दी, जिससे कांस्टेबल और इंस्पेक्टर रैंक के बीच बल में करीब 4,000 कर्मियों की वृद्धि होगी। बीएसएफ के एक प्रवक्ता ने बताया कि ‘ग्रुप बी' और ‘ग्रुप सी' के कर्मचारियों से संबंधित इस निर्णय के परिणामस्वरूप कुल 23,710 कर्मियों को तत्काल पदोन्नति मिलेगी। लगभग 2.65 लाख कर्मियों वाले बीएसएफ का गठन वर्ष 1965 में किया गया था। इस बल का मुख्य कार्य देश के आंतरिक सुरक्षा क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के कर्तव्यों का निर्वहन करने के अलावा पश्चिम में पाकिस्तान और पूर्व में बांग्लादेश के साथ लगती भारतीय सीमाओं की रक्षा करना है। प्रवक्ता ने कहा, ‘‘भारत सरकार ने कांस्टेबल से लेकर इंस्पेक्टर तक बीएसएफ ‘ग्रुप बी' और ‘ग्रुप सी' कर्मचारियों की पहली कैडर समीक्षा को मंजूरी दे दी है और इसका क्रियान्वयन शुरू हो चुका है।'' वित्त मंत्रालय से अनुमोदन के बाद गृह मंत्रालय द्वारा यह आदेश जारी किया गया और अधिकारियों ने कहा कि कर्मियों के दो सेवा समूहों के कैडर पुनर्गठन से जवान और अधीनस्थ अधिकारी रैंक में 3,994 पदों की शुद्ध वृद्धि हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि इस निर्णय से कुल 23,710 कर्मियों को पदोन्नति मिलेगी, जिनमें से विभिन्न रैंकों में 8,116 कर्मियों के लिए आदेश बुधवार को बल मुख्यालय द्वारा जारी किए गए।
- नयी दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी में 15 अगस्त को 79वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के लिए मेहमानों को भेजे गए आधिकारिक निमंत्रण पत्रों पर भारत की निर्णायक सैन्य कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर' का लोगो और इंजीनियरिंग की अद्वितीय कला प्रतिष्ठित चिनाब पुल की आकृति की छवि छपी हुई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 15 अगस्त को लाल किला परिसर में स्वतंत्रता दिवस समारोह का नेतृत्व करेंगे। अधिकारियों ने बताया कि इस अवसर पर ‘ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता का भी जश्न मनाया जाएगा। रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान में कहा, ‘‘इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का जश्न मनाया जाएगा। लाल किला परिसर स्थित ज्ञानपथ पर लगाए गए ‘व्यू कटर' पर ऑपरेशन सिंदूर का लोगो प्रदर्शित किया जाएगा।'' इसमें कहा गया, ‘‘निमंत्रण पत्रों पर भी ऑपरेशन सिंदूर का लोगो छपा हुआ है। इसके साथ ही इस पर चिनाब पुल की आकृति की छवि भी छपी हुई है, जो ‘नये भारत' के उदय का प्रतीक है।'' भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए नरसंहार के जवाब में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में स्थित नौ आतंकवादी ठिकानों पर सात मई की सुबह सटीक हमला कर इन्हें ध्वस्त कर दिया था। स्वतंत्रता दिवस समारोह का निमंत्रण पत्र अंग्रेजी और हिंदी भाषा में जारी किया गया है। निमंत्रण पत्रों के ऊपर दाएं कोने में ऑपरेशन सिंदूर का लोगो है जबकि विश्व का सबसे ऊंचे चिनाब पुल की आकृति की छवि निमंत्रण पत्रों के निचले हिस्से पर है। ये निमंत्रण मुख्यतः रक्षा मंत्रालय की आमंत्रण वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन जारी किए जा रहे हैं। इसी बीच, दिल्ली में स्वतंत्रता दिवस समारोह से पहले बुधवार को सुरक्षा तैयारियों की गहन समीक्षा की गई और अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे लाल किले के पास मांसाहारी भोजनालयों में कचरे का उचित तरीके से निपटान सुनिश्चित करें, जिससे पक्षी वहां न पहुंच सकें और आसमान में हेलीकॉप्टर की आवाजाही सुचारु रहे। राष्ट्रीय राजधानी में भी स्वतंत्रता दिवस के मद्देनजर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये हैं। अधिकारियों के अनुसार, दिल्ली पुलिस आयुक्त एस.बी.के. सिंह ने स्वतंत्रता दिवस समारोह की तैयारियों के संबंध में अधिकारियों के साथ एक बैठक की। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘बैठक में एक प्रमुख निर्देश यह दिया गया है कि लाल किले के आसपास के क्षेत्रों में पक्षियों को दाना खिलाने का कोई स्थान न बचा रहे। दिल्ली पुलिस ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के साथ समन्वय करते हुए मांसाहारी भोजनालयों से कहा है कि वे खाने के कूड़े को ठीक से नष्ट करें ताकि पक्षियों का झुंड आकर्षित न हों।''
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नयी दिल्ली. इटर्नल लिमिटेड ने बुधवार को कहा कि उसने बच्चे के जन्म के समय मिलने वाले 26 सप्ताह के अवकाश के लिए एक नया ढांचा पेश किया है। इसके तहत इन अवकाशों का इस्तेमाल कर्मचारी अब तीन साल में कर पाएंगे और इसमें बच्चे के जन्म से पहले अवकाश लेने का विकल्प भी है। इटर्नल के पास खाद्य सामग्री की आपूर्ति करने वाले ऑनलाइन मंच जोमैटो और ‘क्विक कॉमर्स' ब्लिंकिट का स्वामित्व है। कंपनी ने बयान में कहा कि यह नीति लैंगिक भेदभाव के बिना सभी माता-पिता का समर्थन करती है चाहे वे बच्चे को जन्म दें या न दें ..चाहे वे बच्चे का गोद लें या सरोगेसी का रास्ता चुनें। इटर्नल की उपाध्यक्ष (मानव संसाधन) निहारिका मोहंती ने कहा, ‘‘ यह नई नीति न केवल आधुनिक ‘पैरेन्टिंग' के बारे में हमारी विकसित होती समझ को दर्शाती है, बल्कि एक ऐसा वातावरण बनाने की हमारी प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है जहां प्रत्येक व्यक्ति कार्यस्थल और घर दोनों जगह समर्थित और सशक्त महसूस करे।'' कंपनी ने कहा कि उसकी नीति में यह परिवर्तन इटर्नल के अभिभावक समुदाय के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद आया है, जिसमें यह बात सामने आई है कि परिवार की जरूरतें जन्म के तुरंत बाद की अवधि से कहीं अधिक होती हैं। बयान के अनुसार, ‘‘ शोध से पता चलता है कि करीब 75 प्रतिशत कामकाजी माता-पिता न केवल शुरुआती महीनों में बल्कि अपने बच्चे के तीन साल के होने तक करियर की जिम्मेदारियों और पारिवारिक जीवन के बीच फंसे हुए महसूस करते हैं।''
- नयी दिल्ली. देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने तत्काल भुगतान सेवा (आईएमपीएस) के जरिये धन हस्तांतरण पर शुल्क ढांचा संशोधित कर दिया है। यह बदलाव 15 अगस्त से प्रभावी होगा। एसबीआई की वेबसाइट पर उपलब्ध सूचना के मुताबिक, शाखा के जरिये आईएमपीएस लेनदेन पर लगने वाले शुल्क में कोई बदलाव नहीं किया गया है लेकिन 25,000 रुपये से अधिक राशि के ऑनलाइन लेनदेन पर अब नाममात्र शुल्क लगेगा। अब 25,000 रुपये से एक लाख रुपये तक के हस्तांतरण पर दो रुपये, एक से दो लाख रुपये पर छह रुपये और दो से पांच लाख रुपये भेजने पर 10 रुपये का शुल्क (जीएसटी अतिरिक्त) लगेगा। हालांकि वेतन पैकेज खाताधारकों को ऑनलाइन आईएमपीएस लेनदेन पर पूरी छूट मिलती रहेगी। कॉरपोरेट ग्राहकों के लिए संशोधित शुल्क आठ सितंबर, 2025 से लागू होंगे। इसके साथ ही चालू खाता श्रेणी (गोल्ड, डायमंड, प्लेटिनम, रोडियम, सरकारी विभाग, स्वायत्त/ वैधानिक निकाय) को ऑनलाइन आईएमपीएस पर शुल्क से छूट मिलती रहेगी।
- नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना के तहत प्रशिक्षण हासिल कर रहे युवा 79वें स्वतंत्रता दिवस पर विशेष अतिथि होंगे। कॉरपोरेट मामलों का मंत्रालय (एमसीए) राष्ट्रीय राजधानी में स्वतंत्रता दिवस समारोह के लिए विशेष अतिथि के रूप में प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना (पीएमआईएस) से जुड़े देश भर से 100 से अधिक प्रशिक्षुओं की मेजबानी करेगा। एमसीए ने बुधवार को एक बयान में कहा कि ये प्रशिक्षु 14-16 अगस्त तक तीन दिवसीय कार्यक्रम में भाग लेंगे, जिसका उद्देश्य उन्हें एक समृद्ध और समग्र अनुभव प्रदान करना है। मंत्रालय 14 अगस्त को कॉरपोरेट मामलों के राज्यमंत्री हर्ष मल्होत्रा और एमसीए सचिव दीप्ति गौर मुखर्जी के साथ पीएमआईएस प्रशिक्षुओं की एक विशेष बातचीत का आयोजन करेगा। ये प्रशिक्षु वर्तमान में विभिन्न क्षेत्रों में शीर्ष भारतीय कंपनियों प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।पायलट आधार पर पीएमआईएस अक्टूबर, 2024 में शुरू की गयी। इसमें अबतक देश भर की 350 से अधिक अग्रणी कंपनियां शामिल हो चुकी हैं और 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के युवाएं प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं। इस आयोजन का एक प्रमुख आकर्षण डिजिटल सार-संग्रह है, जो देश भर के प्रशिक्षुओं की 79 प्रेरक कहानियों का एक संग्रह है। यह उनके विकास, सीखने और प्रभाव की यात्रा को प्रदर्शित करता है। पीएमआईएस को शैक्षणिक शिक्षा और कार्यस्थल की जरूरतों के बीच की खाई को पाटकर भारत के युवाओं की रोजगार काबिलियत को बढ़ाने के लिए लाया गया है। यह कंपनियों के संचालन और नवाचारों का प्रत्यक्ष अनुभव प्रदान करके उद्यमशीलता की सोच को प्रोत्साहित करने का भी प्रयास करता है।
- भुवनेश्वर. ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा कि राज्य सरकार ने पुरी जगन्नाथ मंदिर के ‘महाप्रसाद' की ऑनलाइन बिक्री के कुछ संगठनों के प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया है। हरिचंदन ने यहां सोमवार को संवाददाताओं से कहा कि कुछ संगठनों ने हाल में श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) से पुरी मंदिर के ‘महाप्रसाद' और ‘सूखा प्रसाद' को ऑनलाइन मंचों के माध्यम से श्रद्धालुओं तक पहुंचाने का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा, ‘‘दुनियाभर के श्रद्धालुओं को प्रसाद उपलब्ध कराना एक अच्छा विचार था, लेकिन सरकार और एसजेटीए ने प्रसाद की शुद्धता को बनाए रखने के लिए इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है।'' उन्होंने कहा, ‘‘हमें डर है कि अगर ‘महाप्रसाद' को इस तरीके से श्रद्धालुओं तक पहुंचाया गया तो इसकी शुद्धता कायम रह पाएगी या नहीं।'' हरिचंदन ने कहा कि सरकार ऐसी किसी भी पहल का समर्थन या प्रचार नहीं करती है।उन्होंने कहा, न तो हमारे पास ऐसा कोई प्रस्ताव है और न ही हम किसी को ‘महाप्रसाद' को ऑनलाइन बेचने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।'' कानून मंत्री ने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे ‘महाप्रसाद' ग्रहण करने के लिए पुरी जगन्नाथ मंदिर आएं। उन्होंने कहा कि ‘महाप्रसाद' के लिए संशोधित दर जल्द लागू की जाएगी। मंत्री का यह बयान मीडिया की उन खबरों के बाद आया है जिनमें भगवान जगन्नाथ के ‘महाप्रसाद' की बिना अनुमति ऑनलाइन बिक्री का आरोप लगाया गया है।
- नयी दिल्ली. उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि मतदाता सूची में नागरिकों या गैर-नागरिकों को शामिल करना या बाहर करना निर्वाचन आयोग के अधिकार क्षेत्र में है तथा बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) में नागरिकता के निर्णायक प्रमाण के रूप में आधार, मतदाता कार्ड को स्वीकार नहीं करने के उसके रुख का समर्थन किया। संसद के अंदर और बाहर एसआईआर पर बढ़ते घमासान के बीच, शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि विवाद ‘‘मोटे तौर पर विश्वास की कमी का मामला'' प्रतीत होता है, क्योंकि निर्वाचन आयोग ने दावा किया कि कुल 7.9 करोड़ मतदाताओं में से करीब 6.5 करोड़ लोगों को कोई दस्तावेज दाखिल करने की आवश्यकता नहीं थी, क्योंकि वे या उनके माता-पिता 2003 की मतदाता सूची में शामिल थे। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने एसआईआर कराने के निर्वाचन आयोग के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई शुरू करते हुए यह टिप्पणी की। एक याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी द्वारा निर्वाचन आयोग पर एसआईआर में पांच करोड़ लोगों के "अनुमानित रूप से नाम काटने'' का आरोप लगाने के बाद, पीठ ने संकेत दिया कि अगर उसे कुछ भी संदिग्ध लगता है, तो वह उन सभी को मतदाता सूची में शामिल करने का निर्देश दे सकती है। याचिकाएं दायर करने वालों में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस सहित विपक्षी दलों के नेता भी शामिल हैं। पीठ ने याचिकाकर्ताओं से तीखे सवाल पूछे और कहा कि किसी जीवित व्यक्ति को मृत या मृत व्यक्ति को जीवित घोषित करने में, अनजाने में हुई किसी भी त्रुटि को सुधारा जा सकता है। पीठ ने सिंघवी से कहा, ‘‘नागरिकता देने या छीनने का कानून संसद द्वारा पारित किया जाता है, लेकिन नागरिकों और गैर-नागरिकों को मतदाता सूची में शामिल करना और बाहर करना निर्वाचन आयोग के अधिकार क्षेत्र में है।'' शीर्ष अदालत ने निर्वाचन आयोग के इस निर्णय से सहमति जताई कि आधार और मतदाता पहचान पत्र को नागरिकता के निर्णायक प्रमाण के रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा और कहा कि इसके समर्थन में अन्य दस्तावेज भी होने चाहिए। पीठ ने सिंघवी से कहा, ‘‘निर्वाचन आयोग का यह कहना सही है कि आधार को नागरिकता के निर्णायक सबूत के तौर पर स्वीकार नहीं किया जा सकता, इसे सत्यापित करना होगा। आधार अधिनियम की धारा नौ में स्पष्ट रूप से ऐसा कहा गया है।'' वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि 2003 (बिहार में अंतिम गहन पुनरीक्षण का वर्ष) और 2025 के बीच 22 वर्ष की अवधि में कई लोगों ने पांच से छह चुनावों में मतदान किया था, लेकिन चुनाव से दो महीने पहले अचानक यह कहा जाने लगा कि इन लोगों के नाम सूची में नहीं होंगे। सिंघवी ने निर्वाचन आयोग पर पांच करोड़ लोगों को अवैध घोषित करने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘पांच करोड़ लोगों की नागरिकता पर संदेह नहीं किया जा सकता।'' पीठ ने कहा कि यदि कुछ भी संदिग्ध पाया गया तो वह 2025 की सूची में शामिल सभी लोगों को मतदाता सूची में शामिल करने का निर्देश दे सकती है। सिंघवी ने इस बात पर सहमति जताई कि निर्वाचन आयोग के पास मतदाता सूची में नागरिकों या गैर-नागरिकों को शामिल करने या बाहर करने का अधिकार है, लेकिन उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग नागरिकता का निर्धारण नहीं कर सकता। उन्होंने कहा, ‘‘निर्वाचन आयोग का उद्देश्य कभी भी नागरिकता का पुलिसकर्मी बनना नहीं है... यहां जो हो रहा है वह वास्तव में नाम हटाना है। निर्वाचन आयोग नागरिकता का निर्धारक नहीं बन सकता।'' राजद नेता मनोज झा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि निवासियों के पास आधार, राशन कार्ड और मतदाता पहचान पत्र होने के बावजूद, निर्वाचन अधिकारियों ने इन दस्तावेजों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। पीठ ने कहा, ‘‘क्या आपकी दलील यह है कि जिन लोगों के पास कोई दस्तावेज़ नहीं है, लेकिन वे बिहार में हैं, इसलिए उन्हें राज्य का मतदाता माना जाना चाहिए? इसकी अनुमति दी जा सकती है। उन्हें कुछ दस्तावेज़ दिखाने या जमा करने होंगे।'' जब सिब्बल ने कहा कि लोगों को अपने माता-पिता के जन्म प्रमाणपत्र और अन्य दस्तावेज खोजने में कठिनाई हो रही है, तो न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा, ‘‘यह बहुत ही चलताऊ बयान है कि बिहार में किसी के पास दस्तावेज नहीं हैं। अगर बिहार में ऐसा होता है, तो देश के अन्य हिस्सों में क्या होगा?'' पीठ ने कहा, ‘‘यदि 7.9 करोड़ मतदाताओं में से 7.24 करोड़ मतदाताओं ने एसआईआर पर जवाब दिए हैं, तो इससे एक करोड़ मतदाताओं के लापता होने या मताधिकार से वंचित होने का सिद्धांत ध्वस्त हो जाता है।'' गैर सरकारी संगठन ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स' (एडीआर) की ओर से पेश हुए अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने इस प्रक्रिया के पूरा होने की समयसीमा और उन 65 लाख मतदाताओं के आंकड़ों पर सवाल उठाया, जिन्हें मृत या विस्थापित या अन्य निर्वाचन क्षेत्रों में पंजीकृत घोषित किया गया था। राजनीतिक कार्यकर्ता योगेन्द्र यादव ने निर्वाचन आयोग द्वारा दिए गए आंकड़ों पर सवाल उठाया और कहा कि 7.9 करोड़ मतदाताओं के बजाय कुल वयस्क जनसंख्या 8.18 करोड़ है और एसआईआर प्रक्रिया का उद्देश्य मतदाताओं को हटाना है। यादव ने निजी रूप से अदालत से अपनी बात कही।उन्होंने कहा, ‘‘वे (निर्वाचन आयोग) किसी भी ऐसे व्यक्ति को नहीं ढूंढ़ पाए जिसका नाम जोड़ा गया हो और बूथ स्तर के अधिकारी नाम हटाने के लिए घर-घर गए।'' उन्होंने इसे ‘‘पूरी तरह से मताधिकार से वंचित करने'' का मामला बताया। यादव ने अदालत में तीन व्यक्तियों को पेश किया, जिनके बारे में उन्होंने कहा कि उन्हें निर्वाचन आयोग ने मृत घोषित कर दिया। इस पर निर्वाचन आयोग की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी ने आपत्ति जताई। द्विवेदी ने अदालत कक्ष में इस तरह की ‘नौटंकी' पर आपत्ति जताई और कहा कि यदि यादव इतने चिंतित हैं तो वह उनके नाम शामिल करके रिकॉर्ड को अद्यतन करने में निर्वाचन आयोग की मदद कर सकते हैं। पीठ ने कहा कि यदि अनजाने में कोई त्रुटि हो जाए तो उसमें सुधार किया जा सकता है, क्योंकि यह अभी केवल मसौदा तैयार करने का चरण है। द्विवेदी ने कहा कि इस तरह की प्रक्रिया में ‘‘कहीं कहीं कुछ त्रुटियां होना स्वाभाविक है'' और यह दावा कि मृत व्यक्तियों को जीवित और जीवित को मृत घोषित कर दिया गया, हमेशा सही किया जा सकता है क्योंकि यह केवल एक मसौदा सूची है। मसौदा मतदाता सूची एक अगस्त को प्रकाशित की गई थी और अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर को प्रकाशित होने वाली है, जबकि विपक्ष का दावा है कि यह प्रक्रिया करोड़ों पात्र नागरिकों को उनके मताधिकार से वंचित कर देगी। निर्वाचन आयोग के हलफनामे में बिहार में एसआईआर कवायद को यह कहते हुए उचित ठहराया गया है कि यह मतदाता सूची से ‘‘अयोग्य व्यक्तियों को हटाकर'' चुनाव की शुचिता को बढ़ाता है।
- नयी दिल्ली. नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की मंगलवार को संसद में पेश रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय रेल ने वित्त वर्ष 2022-23 में यात्री एवं माल परिवहन से 2,39,982.56 करोड़ रुपये कमाए जो उसके एक साल पहले की तुलना में 25.51 प्रतिशत अधिक है। कैग की रिपोर्ट के मुताबिक, आलोच्य अवधि में रेल मंत्रालय का कुल व्यय 4,41,642.66 करोड़ रुपये रहा, जो वित्त वर्ष 2021-22 की तुलना में 11.34 प्रतिशत अधिक है। इसमें 2,03,983.08 करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय और 2,37,659.58 करोड़ रुपये राजस्व व्यय शामिल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, रेलवे के कुल कार्यशील व्यय का 72.22 प्रतिशत हिस्सा कर्मचारियों के वेतन, पेंशन एवं पट्टे पर लिए गए कोच/ इंजन के किराया भुगतान पर गया। कैग ने कहा कि रेलवे के माल भाड़े में कोयले की हिस्सेदारी 50.42 प्रतिशत रही।वित्त वर्ष 2022-23 में 2,517.38 करोड़ रुपये का शुद्ध अधिशेष दर्ज किया गया, जबकि वित्त वर्ष 2021-22 में उसे 15,024.58 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। हालांकि यात्री परिचालन में हुए 5,257.07 करोड़ रुपये के घाटे की भरपाई माल ढुलाई के लाभ से पूरी की गई। कैग ने रेलवे के उत्तर पश्चिम, दक्षिण पूर्व मध्य और दक्षिण पश्चिम रेलवे खंडों के कुछ बजट और लेखा नियंत्रण मामलों में अनियमितताओं की भी ओर इशारा किया, जिसमें बंद हो चुकी परियोजनाओं के मद में धन आवंटन और अनुमानों से अधिक खर्च शामिल हैं।
- बदायूं (उप्र) . बदायूं जिले के इस्लामनगर इलाके में एक दारोगा के घर में डकैती के दौरान विरोध करने पर उसकी बुजुर्ग मां की कथित तौर पर धारदार हथियार से हमला करके हत्या कर दी गई। पुलिस सूत्रों ने बताया कि हापुड़ जिले में तैनात दारोगा मनवीर सिंह की 70 वर्षीय मां रातरानी सोमवार की रात मौसमपुर गांव स्थित अपने घर में अकेली थी। पुलिस सूत्रों ने बताया कि इसी दौरान कुछ अज्ञात बदमाश घर में कथित तौर पर घुस आये और लूटपाट शुरू कर दी। सूत्रों ने बताया कि विरोध करने पर बदमाशों ने कथित तौर पर धारदार हथियार से बुजुर्ग महिला की गर्दन रेत दी और उनकी मौके पर ही मौत हो गयी। उन्होंने बताया कि लुटेरे रातरानी की सोने की बालियां, एक चेन और कुछ अन्य कीमती सामान लूट ले गये। उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगों ने संदेह होने पर पुलिस को सूचना दी और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि हत्या संभवत: रात के समय हुई होगी। उन्होंने बताया कि रातरानी आज सुबह अपने घर से बाहर नहीं आई और संदेह होने पर ग्रामीणों ने अंदर देखा तो उनका शव दिखा। उन्होंने बताया कि मामले की जांच के लिए पुलिस की दो टीम गठित की गई हैं और कई लोगों से पूछताछ की जा रही है। उन्होंने बताया कि शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है।
- नयी दिल्ली. सरकार ने मंगलवार को संसद में कहा कि 2016 से 1.25 करोड़ से अधिक विशिष्ट दिव्यांगता पहचान (यूडीआईडी) कार्ड जारी किए गए हैं। लोकसभा में सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री बी.एल. वर्मा ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि दिव्यांगजनों का राष्ट्रीय डेटाबेस बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई यूडीआईडी परियोजना के लिए अब तक 1.62 करोड़ से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें से 22.3 लाख आवेदन विभिन्न कारणों से अस्वीकृत कर दिए गए और लगभग 15 लाख आवेदन मूल्यांकन की प्रतीक्षा में हैं। यूडीआईडी कार्ड की शुरूआत 2016 में की गई थी।उन्होंने बताया कि यूडीआईडी कार्ड जारी करने की प्रक्रिया में लगने वाला औसत समय 2022-23 में 84 दिनों से घटकर चालू वित्त वर्ष में केवल 21 दिन रह गया है। हालांकि, अक्टूबर 2024 से आवेदनों में शैक्षिक योग्यता संबंधी जानकारी एकत्र नहीं की जा रही है, जिसके कारण 13.4 लाख से ज्यादा कार्ड बिना किसी विवरण के जारी किए जा रहे हैं। आंकड़ों से पता चलता है कि 1.03 करोड़ से अधिक कार्डधारक साक्षर हैं और लगभग 9.1 लाख निरक्षर हैं। उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक 12.2 लाख से ज्यादा साक्षर कार्डधारक हैं, उसके बाद महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश का स्थान है।
- नयी दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को अरुणाचल प्रदेश के लोगों को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा राज्य में 700 मेगावाट की बिजली परियोजना को मंजूरी दिए जाने पर बधाई दी और कहा कि इससे पूर्वोत्तर के विकास को गति मिलेगी तथा विकास और समृद्धि के नए अवसर उत्पन्न होंगे। उन्होंने आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पंजाब में चार नयी सेमीकंडक्टर इकाइयों को मंजूरी दिए जाने की भी सराहना की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में अरुणाचल प्रदेश के शि योमी जिले में 700 मेगावाट की तातो-2 जलविद्युत परियोजना के निर्माण के लिए 8146.21 करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दी गई। परियोजना को 72 महीने में पूरा करने का लक्ष्य है। शाह ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘आज केंद्रीय मंत्रिमंडल में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा 8,146.21 करोड़ रुपये की लागत वाली 700 मेगावाट की तातो-2 जलविद्युत परियोजना को मंज़ूरी दिए जाने पर अरुणाचल प्रदेश के लोगों को बधाई। यह परियोजना राज्य की विशाल जलविद्युत क्षमता का दोहन करेगी और क्षेत्र के विकास को गति प्रदान करेगी, जिससे विकास और समृद्धि के नए अवसर पैदा होंगे।'' उन्होंने नयी सेमीकंडक्टर इकाइयों की मंजूरी पर कहा कि भारत सेमीकंडक्टर विनिर्माण में आत्मनिर्भरता प्राप्त कर रहा है। शाह ने एक अन्य पोस्ट में कहा, ‘‘आज केंद्रीय मंत्रिमंडल में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा चार नयी सेमीकंडक्टर इकाइयों को मंजूरी दिए जाने पर आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पंजाब के हमारे बहनों और भाइयों को बधाई। ये इकाइयां भारत को वैश्विक प्रौद्योगिकी राजधानी के रूप में उभरने की नींव रखेंगी और हमारे युवाओं के लिए रोज़गार के व्यापक अवसर पैदा करेंगी।'' मंत्रिमंडल के फैसले के मुताबिक चार सेमीकंडक्टर परियोजनाओं में कुल 4,594 करोड़ रुपये का निवेश होगा।लखनऊ मेट्रो की ‘फेज-1बी' को मंजूरी मिलने पर शाह ने कहा एक अन्य पोस्ट में कहा, ‘‘माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने लखनऊ मेट्रो फेज-1बी को मंजूरी दी। 11.165 किमी लंबी यह मेट्रो लाइन मोदी सरकार की देश के हर कोने में कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने की दिशा में प्रमुख पहल है। इससे लखनऊ वासियों को यात्रा में सुगमता होगी और उद्योग-व्यापार व रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा।''
- जबलपुर. मध्यप्रदेश के जबलपुर में दो बेटों ने अपने 55 वर्षीय पिता के कथित तौर पर हाथ बांधकर उन्हें नहर में फेंक दिया, जिससे उनकी मौत हो गई। पुलिस ने इस संबंध में हत्या का एक मामला दर्ज करके दोनों आरोपी बेटों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के मुताबिक यह घटना मझगवां थाना क्षेत्र के ग्राम अगरिया में रविवार देर रात को हुई और पीड़ित का शव मंगलवार को बरामद किया गया। मझगवां थाना प्रभारी हर दयाल सिंह ने बताया कि गिरनी कुमार चक्रवर्ती (55) का शव अगरिया गांव से 10 किलोमीटर दूर नहर में तैरता मिला। उन्होंने कहा कि पुलिस ने आवश्यक कार्रवाई के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है। सिंह ने बताया कि शव की शिनाख्त होने के बाद पुलिस को गिरनी कुमार चक्रवर्ती के एक रिश्तेदार ने बताया कि चाचा (गिरनी) को उनके दोनों आरोपी बेटे रविवार की रात को हाथ बांधकर ले जा रहे थे। रिश्तेदार ने बताया कि पूछने पर उसके चचेरे भाइयों ने उसे बताया कि वह चाचा को सिद्ध बाबा छोड़ने जा रहे हैं। सिंह ने कहा कि इसके बाद पुलिस ने दोनों आरोपी बेटों संतोष चक्रवर्ती (28) और अजय चक्रवर्ती (25) को अभिरक्षा में लेकर पूछताछ की तो उन्होंने पिता की हत्या करना स्वीकार कर लिया। पुलिस के मुताबिक पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि उनके पिता अक्सर शराब के नशे में घर के सदस्यों के साथ मारपीट किया करते थे और उनकी इन हरकतों से परेशान होकर उन्होंने इस घटना को अंजाम दिया। पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने स्वीकार किया कि उन्होंने पहले अपने पिता को मारा-पीटा और उनके दोनों हाथों को बांधकर उन्हें नहर में फेंक दिया।
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नई दिल्ली। भारतीय रेलवे देश भर के 6,115 रेलवे स्टेशनों पर मुफ्त वाई-फाई सुविधाएं प्रदान कर रहा है। यह जानकारी सरकार द्वारा मंगलवार को संसद को दी गई। रेलवे स्टेशनों पर मुफ्त वाई-फाई सेवा सरकार के डिजिटल इंडिया कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य शहरी-ग्रामीण डिजिटल अंतर को समाप्त करना है।
भारतीय रेलवे के लगभग सभी रेलवे स्टेशनों पर दूरसंचार सेवा प्रदाताओं द्वारा 4जी/5जी कवरेज प्रदान किया जा रहा हैरेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा को बताया, “भारतीय रेलवे के लगभग सभी रेलवे स्टेशनों पर दूरसंचार सेवा प्रदाताओं द्वारा 4जी/5जी कवरेज प्रदान किया जा रहा है। इन नेटवर्क का उपयोग यात्री डेटा कनेक्टिविटी के लिए भी कर रहे हैं, जिससे उन्हें बेहतर अनुभव मिल रहा है। इसके अलावा, रेलवे द्वारा 6,115 स्टेशनों पर मुफ्त वाई-फाई सेवाएं भी प्रदान की गई हैं।”वाई-फाई सेवा का लाभ उठाने के लिए यात्रियों को अपने स्मार्टफोन पर वाई-फाई मोड चालू करना होगा और ‘रेलवायर’ वाई-फाई से कनेक्ट करना होगाइन स्टेशनों पर यात्री मुफ्त वाई-फाई के माध्यम से एचडी वीडियो देख सकते हैं, मनोरंजन सामग्री डाउनलोड कर सकते हैं और ऑफिस वर्क कर सकते हैं। वाई-फाई सेवा का लाभ उठाने के लिए यात्रियों को अपने स्मार्टफोन पर वाई-फाई मोड चालू करना होगा और ‘रेलवायर’ वाई-फाई से कनेक्ट करना होगा। उन्हें एसएमएस ओटीपी के लिए अपना मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा और इसके बाद यात्री की डिवाइस में वाई-फाई कनेक्टिविटी आ जाएगी।रेलवे अब प्रमुख स्टेशनों के साथ टियर-2 और टियर-3 शहरों के कई स्टेशनों पर भी वाई-फाई सुविधा दे रहा हैरेलवे की ओर से वाई-फाई की सुविधा नई दिल्ली, मुंबई सेंट्रल, चेन्नई सेंट्रल, पुणे, कोलकाता, अहमदाबाद, हैदराबाद जैसे सभी प्रमुख स्टेशनों के साथ कई टियर 2 और टियर 3 शहर में मौजूद स्टेशनों पर भी दी जा रही है। इसमें सूरत, वडोदरा, राजकोट, मेरठ, भोपाल आदि जैसे टियर 2 शहरों के साथ-साथ रोहतक और कटक जैसे टियर 3 शहर भी शामिल हैं।भारतीय रेलवे स्टेशनों पर मुफ्त वाई-फाई, रेल मंत्रालय के अधीन पीएसयू रेलटेल अपने ‘रेलवायर’ ब्रांड से प्रदान करता हैभारतीय रेलवे स्टेशनों पर मुफ्त वाई-फाई रेल मंत्रालय के अधीन एक सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम (पीएसयू) रेलटेल द्वारा अपने ‘रेलवायर’ ब्रांड के माध्यम से प्रदान किया जाता है। रेलटेल ने पहले इस परियोजना के विस्तार के लिए गूगल और टाटा ट्रस्ट्स जैसे संगठनों के साथ साझेदारी की थी, लेकिन अब सरकारी कंपनी रेलवायर के प्रबंधन और पहुंच का काम स्वयं संभाल रही है।