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नई दिल्ली। फिल्म अभिनेता धर्मेंद्र के निधन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शोक व्यक्त किया। उन्होंने धर्मेंद्र को एक आइकॉनिक पर्सनेलटी बताया।
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि धर्मेंद्र जी के जाने से भारतीय सिनेमा का एक पूरा दौर खत्म हो गया है। वे सिर्फ एक सितारे नहीं थे, बल्कि ऐसे शानदार अभिनेता थे जिन्होंने हर किरदार में जान डाल दी। अलग-अलग तरह की भूमिकाएं जिस तरह उन्होंने निभाई, उससे करोड़ों लोगों का दिल जुड़ गया। धर्मेंद्र जी की सादगी, विनम्रता और उनकी अपनापन भरी मुस्कान सबको बेहद पसंद थी। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार, दोस्तों और उनके अनगिनत प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति।एक्टर धर्मेंद्र को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि, ‘धर्मेंद्र सिर्फ एक अच्छे एक्टर ही नहीं थे, बल्कि एक अच्छे और सीधे-सादे इंसान भी थे। मेरा उनसे पर्सनल कनेक्शन था. वह देश और किसानों के लिए कमिटेड थे।’धर्मेंद्र ने दमदार अभिनय के दम पर दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई। उन्होंने अपने करियर में कई पुरस्कार भी जीते। साल 2012 में उन्हें भारत सरकार के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। इसके अलावा, उन्होंने कई फिल्मफेयर पुरस्कार भी अपने नाम किए। उन्होंने कई बार आलोचकों और दर्शकों की प्रशंसा भी हासिल की। उनके योगदान के कारण उन्हें बॉलीवुड के सबसे महान और प्रतिष्ठित अभिनेताओं में गिना जाता है। -
नई दिल्ली। जस्टिस सूर्यकांत सोमवार को भारत के नए मुख्य न्यायाधीश बने। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने उन्हें पद की शपथ दिलाई। शपथ लेने के बाद वह देश के लिए 53वें मुख्य न्यायाधीश बन गए हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने सोमवार को नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में भारत के नए मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत को पद की शपथ दिलाई।
पूर्व मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई समेत कई गणमान्य रहे मौजूद
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, पूर्व मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई समेत कई गणमान्य मौजूद रहे।जस्टिस सूर्यकांत ने सीजेआई भूषण आर गवई की ली जगहजस्टिस सूर्यकांत ने सीजेआई भूषण आर गवई की जगह ली है। राष्ट्रपति मुर्मू ने सीजेआई गवई की सिफारिश के बाद ‘संविधान के आर्टिकल 124 के क्लॉज (2) द्वारा दी गई शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए’ जस्टिस सूर्यकांत को भारत का अगला चीफ जस्टिस नियुक्त किया।जस्टिस सूर्यकांत के बारे में…जस्टिस सूर्यकांत का जन्म 10 फरवरी, 1962 को हरियाणा के एक मिडिल क्लास परिवार में हुआ था। उन्होंने 1984 में हिसार से अपनी लॉ यात्रा शुरू की और फिर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में प्रैक्टिस करने के लिए चंडीगढ़ चले गए। इस दौरान उन्होंने कई तरह के संवैधानिक, सर्विस और सिविल मामलों को संभाला, जिसमें यूनिवर्सिटी, बोर्ड, कॉर्पोरेशन, बैंक और यहां तक कि खुद हाईकोर्ट को भी रिप्रेजेंट किया।जुलाई 2000 में उन्हें हरियाणा का सबसे कम उम्र का एडवोकेट जनरल बनाया गया। इसके बाद, 2001 में उन्हें सीनियर एडवोकेट बनाया गया और 9 जनवरी 2004 को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का परमानेंट जज बनाया गया।बाद में, उन्होंने अक्टूबर 2018 से 24 मई 2019 को सुप्रीम कोर्ट में अपनी पदोन्नति तक हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के तौर पर काम किया। नवंबर 2024 से वे सुप्रीम कोर्ट लीगल सर्विसेज कमेटी के चेयरमैन के तौर पर काम कर रहे हैं। -
सांगली. स्मृति मंधाना के पिता श्रीनिवास के बीमार पड़ने के कारण भारतीय महिला टीम की इस दिग्गज क्रिकेटर और संगीतकार पलाश मुच्छल की शादी को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। मंधाना और पलाश की शादी रविवार (23 नवंबर) को होनी थी।
मंधाना अपने पिता से भावनात्मक रूप से जुड़ी हुई हैं, जो उनके क्रिकेट करियर में लगातार उनका साथ देते रहे हैं। मंधाना के प्रबंधक तुहिन मिश्रा ने बताया कि विश्व कप विजेता क्रिकेटर के पिता को रविवार सुबह अचानक स्वास्थ्य संबंधी समस्या हो गई। मिश्रा ने कहा, ‘‘ स्मृति मंधाना के पिता श्रीनिवास मंधाना आज सुबह नाश्ता करते समय तबीयत बिगड़ने लगी। हमने सोचा कि वह जल्द ही ठीक हो जाएंगे, लेकिन उनकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। इसलिए हमने एम्बुलेंस बुलाई और उन्हें अस्पताल ले जाया गया। वह चिकित्सकों की निगरानी में है।'' मिश्रा ने कहा कि पिता की स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए मंधाना ने उनके ठीक होने तक अपनी शादी स्थगित करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, ‘‘ मंधाना अपने पिता के बहुत करीब हैं। इसलिए उन्होंने शादी को तब तक के लिए स्थगित करने का फैसला किया है जब तक उनके पिता ठीक नहीं हो जाते।'' मिश्रा ने बताया, चिकित्सकों ने कहा कि उन्हें (मंधाना के पिता) फिलहाल अस्पताल में रहना होगा। हम भी सदमे में हैं और उम्मीद करते हैं कि वह जल्दी ठीक हो जाएं क्योंकि यह सभी के लिए एक बड़ा मौका है।'' उन्होंने कहा, ‘‘ ऐसे में मंधाना चाहती है कि पहले उनके पिता ठीक हो जाएं और वह बाद में शादी करेंगी। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि इस समय परिवार की निजता का सम्मान करें।'' इस बहुप्रतीक्षित विवाह समारोह से पहले उनके गृहनगर सांगली में एक सप्ताह तक चलने वाला समारोह पहले से ही चल रहा था। -
लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि मेरी यही कामना है कि अयोध्या में धर्म-ध्वजा की पुनर्स्थापना से प्रदेश में सुख, शांति और समृद्धि के नये युग का आरंभ हो। योगी आदित्यनाथ ने रविवार को अपने आधिकारिक ‘एक्स' खाते पर एक पोस्ट में कहा, “मेरे प्रिय प्रदेश वासियों, 25 नवंबर, 2025 को श्री अयोध्या धाम का नाम पुनः इतिहास के पृष्ठ पर स्वर्णिम अक्षरों में अंकित होगा।'' उन्होंने कहा कि “आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में श्री अयोध्या धाम में हो रहा हर कार्य प्रभु श्री राम के जीवन मूल्यों से प्रेरित है।'' पोस्ट में उन्होंने कहा, ‘‘मेरी यही कामना है कि धर्म-ध्वजा की पुनर्स्थापना से प्रदेश में सुख, शांति और समृद्धि के नये युग का आरंभ हो। जय श्री राम।'' प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 25 नवंबर को अयोध्या में एक भव्य समारोह में धर्म ध्वजा की स्थापना होगी। इसी पोस्ट में योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशवासियों को संबोधित एक पत्र साझा किया और कहा, ‘‘धर्म ध्वजा की पुनर्स्थापना से अयोध्या वैश्विक आध्यात्मिक केंद्र का स्वरूप लेगी। भव्य राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह अनुष्ठान एक यज्ञ की पूर्णाहुति ही नहीं अपितु एक नए युग का आरंभ है।” उन्होंने कहा कि मोदी जी के मार्गदर्शन से अयोध्या में हो रहा हर कार्य प्रभु श्री राम के जीवन मूल्यों से प्रेरित है। योगी ने कहा कि अयोध्या के वैभव को पुनः प्राप्त करने के पीछे असंख्य संतो, राम भक्तों और योद्धाओं के बलिदान की गौरव गाथा है। योगी ने कहा, “अयोध्या विजन-2047 आज तीव्र गति से साकार हो रहा है। नई कनेक्टिविटी, अत्याधुनिक आधारभूत संरचना, तीव्र गति से हो रहा पर्यटन विकास, स्मार्ट सिटी और सोलर सिटी आदि के चलते वैश्विक स्तर पर अयोध्या नगरी एक टिकाऊ एवं समावेशी आधुनिक शहर के रूप में स्थापित हो रही है।” उन्होंने कहा, “करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए श्री अयोध्या धाम तक पहुंचना पहले से कहीं अधिक सहज, सुरक्षित और सुगम हुआ है। प्रभु श्री राम की नगरी का विश्व मानचित्र पर सांस्कृतिक राजधानी के रूप में उदय हो रहा है, जहां विरासत का सम्मान भी है और अभूतपूर्व विकास भी है।” योगी ने कहा, “मेरी यही कामना है कि धर्म ध्वजा की पुनर्स्थापना से प्रदेश में सुख, शांति और समृद्धि के नये युग का आरंभ हो। आइए हम सभी मिलकर राम राज्य के आदर्शों से प्रेरित एक नव उत्तर प्रदेश के निर्माण का संकल्प लें।
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रविवार को जी20 समिट के दौरान IBSA (भारत, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका) नेताओं की बैठक में आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकजुटता की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद जैसी गंभीर चुनौती पर किसी भी तरह के दोहरे मापदंड की कोई जगह नहीं है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने तीन देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) स्तर पर नियमित बैठकों की स्थापना का सुझाव भी दिया, ताकि सुरक्षा सहयोग को और मजबूत किया जा सके।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि IBSA तीन महाद्वीपों और तीन प्रमुख लोकतांत्रिक अर्थव्यवस्थाओं को जोड़ता है और यह एक महत्वपूर्ण मंच है जो एकजुटता, सहयोग और मानवता का संदेश देता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान वैश्विक संस्थाएं 21वीं सदी की वास्तविकताओं को पूरी तरह नहीं दर्शाती हैं। इस संदर्भ में उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि IBSA को इस मुद्दे पर एकजुट संदेश देना चाहिए।पीएम मोदी ने कई नए प्रस्ताव भी रखे। इनमें “IBSA डिजिटल इनोवेशन अलायंस” और “IBSA फंड फॉर क्लाइमेट-रेसिलिएंट एग्रीकल्चर” शामिल हैं। उन्होंने कहा कि डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, स्वास्थ्य प्लेटफॉर्म और महिला नेतृत्व वाली तकनीकी पहल को साझा करने के लिए IBSA एक अग्रणी भूमिका निभा सकता है। इससे डिजिटल अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा मिलेगा और वैश्विक दक्षिण के लिए स्केलेबल समाधान तैयार होंगे।प्रधानमंत्री ने IBSA के विकास और वैश्विक कल्याण में योगदान की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि मिलेट्स, प्राकृतिक कृषि, हरित ऊर्जा और पारंपरिक चिकित्सा जैसे क्षेत्रों में सहयोग करके IBSA वैश्विक स्तर पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। पीएम मोदी ने बताया कि IBSA फंड ने 40 देशों में 50 परियोजनाओं को लागू किया, जिनमें शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण और सौर ऊर्जा शामिल हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज की दुनिया कई मोर्चों पर विभाजित प्रतीत होती है, ऐसे समय में IBSA एकजुटता, सहयोग और मानवता का संदेश दे सकता है। उन्होंने इसे तीन लोकतांत्रिक देशों की जिम्मेदारी और ताकत बताया। - हाथरस. हाथरस जिले में मंदिर से पूजा कर लौट रहे मां- बेटे की रविवार को सड़क हादसे में मौत हो गई। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस के मुताबिक, यह हादसा हाथरस गेट कोतवाली क्षेत्र में इगलास मार्ग पर तब हुआ जब एक डंपर ने शिक्षा मित्र ललितेश शर्मा (40) और उनके 14 वर्षीय बेटे उदय शर्मा को टक्कर मार दी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि वह पति तेजस शर्मा और बेटे के साथ मंदिर गईं थीं और वहां पूजा करने के बाद लौट रही थीं। उनके मुताबिक, डंपर की टक्कर लगने के बाद सड़क पर घायल पड़े मां-बेटे को मौके पर मौजूद लोगों ने जिला बागला अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टर ने दोनों को मृत्यु घोषित कर दिया। पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) योगेंद्र कृष्ण नारायण ने बताया कि दोनों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। सीओ ने बताया कि पुलिस ने डंपर को जब्त कर चालक को हिरासत में ले लिया है और तहरीर के आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी।
- लखनऊ. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉक्टर मोहन राव भागवत ने रविवार को कहा कि नैतिक भ्रम, संघर्ष और शांति की कमी से जूझ रहे विश्व के लिए भगवद् गीता कालातीत मार्गदर्शन प्रदान करती है। यहां जनेश्वर मिश्र पार्क में रविवार को आयोजित ''दिव्य गीता प्रेरणा उत्सव'' को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए भागवत ने कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य केवल औपचारिकता मात्र नहीं है, बल्कि लोगों को गीता के अनुसार जीवन जीने के लिए प्रेरित करना है। उन्होंने कहा, “हम यहां इसलिए हैं क्योंकि गीता को केवल सुनाना नहीं, बल्कि उसे जीना है। इसके 700 श्लोकों को पढ़ना, मनन करना और अपने दैनिक जीवन में उतारना जरूरी है।”कुरुक्षेत्र के युद्धक्षेत्र में अर्जुन की दुविधा और वर्तमान वैश्विक स्थिति के बीच समानताएं दर्शाते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख ने कहा कि भौतिक प्रगति के बावजूद आज विश्व “भटक गया है, थक गया है और दिशाहीन है।” उन्होंने कहा, “यहां धन और आराम तो है, लेकिन शांति नहीं है, संतोष नहीं है, नैतिक स्पष्टता नहीं है।” भागवत ने कहा कि भारत के प्राचीन ज्ञान ने हजारों वर्षों तक विश्व का मार्गदर्शन किया है और गीता उस ज्ञान का सार है। उन्होंने कहा, “जिस प्रकार कृष्ण ने अर्जुन का भ्रम दूर किया, उसी प्रकार गीता आज मानवता को उसकी चुनौतियों का सामना करने में मदद कर सकती है।” भागवत ने कहा कि गीता हमें समस्याओं से भागने के बजाय उनका सामना करते हुए साहसी बनने की प्रेरणा देती है। उन्होंने कहा, “कृष्ण अर्जुन से कहते हैं - ‘भागो मत। दृढ़ रहो, समस्या का सामना करो और अहंकार या भय के बिना कार्य करो'।” संघ प्रमुख ने कहा कि सच्ची ताकत निस्वार्थ भाव से अपना कर्तव्य निभाने में निहित है।उन्होंने कहा, “स्वार्थपूर्ण इरादे से किए गए महान कार्य कोई लाभ नहीं पहुंचाते। दूसरों के कल्याण के लिए किए गए छोटे-छोटे कार्य भी अपार मूल्य रखते हैं।” भागवत ने यह भी कहा कि भारत की सभ्यतागत पहचान हजारों वर्षों से गौरव और प्रतिकूलता दोनों को झेलती रही है। उन्होंने कहा, “भारत कभी विश्वगुरु था। इसने सदियों तक आक्रमणों को सहन किया और अब भी कायम है। फिर से उठ खड़े होने के लिए, हमें अपने सार को समझना होगा।” आरएसएस प्रमुख ने लोगों से गीता का अध्ययन करने, उसका अर्थ समझने और धीरे-धीरे उसकी शिक्षाओं को अपने जीवन में उतारने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “अगर हम गीता को अपनाएंगे, तो हमारा जीवन बदलेगा, समाज बदलेगा और भारत पुनः विश्वगुरु बनने की ओर अग्रसर होगा।” भागवत ने गीता के ज्ञान को सरल और व्यावहारिक व्याख्याओं के माध्यम से सुलभ बनाने की पहल की सराहना की।
- नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रविवार को जी20 शिखर सम्मेलन के तीसरे सत्र को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि दुनिया को उभरती और महत्वपूर्ण तकनीकों के निर्माण और उपयोग के तरीकों पर गहन पुनर्विचार करने की जरूरत है। यह सत्र “सभी के लिए न्यायसंगत भविष्य क्रिटिकल मिनरल्स, सम्मानजनक रोजगार और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस” विषय पर आयोजित किया गया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि तकनीकी विकास का मॉडल मानव-केंद्रित होना चाहिए, न कि केवल वित्त-केंद्रित। उन्होंने बताया कि तकनीक वैश्विक होनी चाहिए, खुले स्रोत पर आधारित होनी चाहिए और सभी देशों को समान लाभ पहुंचाना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ने इसी सोच को अपनाकर अंतरिक्ष, एआई और डिजिटल पेमेंट जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है।प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रणनीति पर जोर देते हुए कहा कि देश का ध्यान समान पहुंच, बड़े स्तर पर स्किलिंग और जिम्मेदार एआई उपयोग पर केंद्रित है। उन्होंने बताया कि भारत की एआई मिशन उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग क्षमता बढ़ा रहा है ताकि एआई का लाभ हर नागरिक तक पहुंच सके।पीएम मोदी ने दुनिया से एक वैश्विक एआई कॉम्पैक्ट बनाने की अपील की, जिसमें पारदर्शिता, मानव निगरानी, सुरक्षा-आधारित डिजाइन और एआई के दुरुपयोग को रोकने जैसे सिद्धांत शामिल हों। उन्होंने कहा कि “एआई मानव क्षमताओं को बढ़ाए, लेकिन अन्तिम निर्णय हमेशा इंसानों के हाथ में होना चाहिए।”प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि भारत फरवरी 2026 में “एआई इम्पैक्ट समिट” की मेजबानी करेगा, जिसका विषय -‘सर्वजनहिताय, सर्वजनसुखाय’ होगा यानी ‘सभी के हित और सभी के सुख के लिए’। उन्होंने सभी जी20 देशों को इसमें शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। तेजी से बदलती तकनीकों के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दुनिया को “आज की नौकरियों” से आगे बढ़कर “भविष्य की क्षमताओं” पर ध्यान देना होगा। उन्होंने प्रतिभा गतिशीलता पर भारत की अगुवाई में हुए प्रगति को आगे बढ़ाते हुए आने वाले वर्षों में एक ग्लोबल फ्रेमवर्क फॉर टैलेंट मोबिलिटी बनाने का प्रस्ताव रखा।अपने संबोधन के अंत में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत वैश्विक कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। भारत हमेशा ऐसी विकास प्रणाली का समर्थन करता है जो टिकाऊ हो, ऐसा व्यापार जो विश्वास पर आधारित हो, ऐसी फाइनेंस प्रणाली जो न्यायपूर्ण हो और ऐसी प्रगति जो सभी को समृद्धि दे।
- -यह ऑपरेशन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नशामुक्त भारत के विजन की दिशा में एजेंसियों के बीच सीमलैस समन्वय का एक शानदार उदाहरण था-हमारी सरकार Top-to-bottom और bottom-to-top अप्रोच से ड्रग कार्टेल को खत्म कर रही है-नई दिल्ली में ₹262 करोड़ कीमत के 328 kg मेथामफेटामाइन की जब्ती और दो लोगों को गिरफ्तारी से बहुत बड़ी कामयाबी मिली-यह दिल्ली में हुई मेथामफेटामाइन की सबसे बड़ी ज़ब्ती में से एक है-ऑपरेशन “Crystal Fortress” NCB द्वारा सिंथेटिक ड्रग कार्टेल और उनके ट्रांस-नेशनल नेटवर्क को खत्म करने के प्रति सरकार के सफल प्रयासों को दर्शाता हैनई दिल्ली। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने ऑपरेशन “Crystal Fortress” के तहत मेगा ट्रांस-नेशनल मेथामफेटामाइन कार्टेल के भंडाफोड़ के लिए NCB और दिल्ली पुलिस की संयुक्त टीम को बधाई दी। X पर एक पोस्ट में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि हमारी सरकार बहुत तेज़ी से ड्रग कार्टेल को खत्म कर रही है। उन्होंने कहा कि ड्रग्स की जांच के लिए Top-to-bottom और bottom-to-top अप्रोच को सख्ती से अपनाते हुए, नई दिल्ली में ₹262 करोड़ कीमत का 328 kg मेथामफेटामाइन की ज़ब्ती और दो लोगों को गिरफ्तारी से एक बड़ी कामयाबी मिली। श्री शाह ने कहा कि यह ऑपरेशन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नशामुक्त भारत के विज़न की दिशा में कई एजेंसियों के बीच सीमलैस तालमेल का एक शानदार उदाहरण था। NCB और दिल्ली पुलिस की संयुक्त टीम को बधाई।एक बड़ी कामयाबी में, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (OPS ब्रांच) ने स्पेशल सेल (CI) दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर 20.11.2025 को ऑपरेशन क्रिस्टल फोर्ट्रेस के तहत छतरपुर, दिल्ली के एक घर से करीब 328 किलोग्राम हाई-क्वालिटी मेथामफेटामाइन ज़ब्त कर एक ट्रांस-नेशनल ट्रैफिकिंग नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। ऑपरेशन क्रिस्टल फोर्ट्रेस एक समन्वित और इंटेलिजेंस-ड्रिवन अभियान था जो सिंथेटिक ड्रग की अधिक मात्रा वाले नेटवर्क को टारगेट कर रहा था।यह अहम कार्रवाई पिछले कुछ महीनों से खुफिया जानकारी और तकनीकी इंटरसेप्ट्स के आधार पर लगातार की जा रही जांच का नतीजा है, जिससे एक ट्रैफिकिंग चेन का पता चला और यह बड़ी कामयाबी मिली।पकड़े गए दो लोगों, जिनमें नागालैंड की एक महिला भी शामिल है और जिसके घर से बड़ी मात्रा में ज़ब्ती की गई थी, को नागालैंड पुलिस के सहयोग से गिरफ्तार कर लिया गया है। इसके अलावा, दूसरे लोगों की पहचान भी हो गई है। इनमें विदेश से काम करने वाला गिरोह का सरगना भी शामिल है। वह पिछले साल दिल्ली में NCB द्वारा 82.5 किलोग्राम हाई-ग्रेड कोकीन ज़ब्ती के मामले में भी वांछित है। इंटरनेशनल एनफोर्समेंट पार्टनर्स के साथ मिलकर, उसे कानूनी कार्रवाई का सामना करने के लिए भारत लाने के प्रयास किए जा रहे हैं।यह दिल्ली में मेथमफेटामाइन की सबसे बड़ी ज़ब्ती में से एक है। शुरुआती जांच से पता चला है कि यह कार्टेल कई कूरियर, सेफ-हाउस और लेयर्ड हैंडलर के ज़रिए काम कर रहा था और दिल्ली को भारत और विदेशी बाज़ार में इसके डिस्ट्रीब्यूशन के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था।ऑपरेशन “क्रिस्टल फोर्ट्रेस” सिंथेटिक ड्रग कार्टेल और उनके ट्रांस-नेशनल नेटवर्क को खत्म करने के प्रति NCB की प्रतिबद्धता को दिखाता है। ड्रग ट्रैफिकिंग से लड़ने के लिए, देशवासी NCB की मदद करें। कोई भी व्यक्ति MANAS- नेशनल नारकोटिक्स हेल्पलाइन टोल फ्री नंबर-1933 पर कॉल कर नशीले पदार्थों की बिक्री से जुड़ी जानकारी शेयर कर सकता है।
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नयी दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने शनिवार को देश को एकजुट करने में सरदार वल्लभभाई पटेल के योगदान की सराहना की और आरोप लगाया कि कांग्रेस की ‘‘साजिश'' के कारण भारत के पहले उप-प्रधानमंत्री को आजादी के बाद चार दशकों तक इतिहास में वह सम्मान नहीं मिल सका जिसके वह ‘‘सच्चे हकदार'' थे। नड्डा ने कहा कि अगर किसी ने सरदार पटेल को देश के इतिहास में ‘‘सही और उचित स्थान'' दिया है, तो वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हैं। भाजपा अध्यक्ष ने पटेल की जयंती के उपलक्ष्य में ‘‘ऐट 150 यूनिटी मार्च' को हरी झंडी दिखाने के बाद एक कार्यक्रम में ये टिप्पणियां कीं। पटेल भारत के पहले गृह मंत्री भी रहे। नड्डा ने कहा, ‘‘अंग्रेज चाहते थे कि भारत कमजोर और विभाजित रहे। हमें उस मानसिकता से भी मुक्ति मिली। हमारा देश 562 रियासतों में बंटा हुआ था। हम विदेशी शासन के अधीन रहे क्योंकि हम विभाजित थे।'' उन्होंने कहा कि सरदार पटेल ने दो साल के भीतर इन रियासतों को एकजुट कर एक राष्ट्र बनाया। केंद्रीय मंत्री नड्डा ने कहा, ‘‘उन्होंने एक विभाजित भूमि को एक मजबूत और एकजुट भारत - ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत' में बदल दिया। लेकिन दुर्भाग्य से इतिहास और देश में उन्हें जो सम्मान मिलना चाहिए था, उसकी कांग्रेस के शासनकाल में कांग्रेस नेताओं ने दुर्भावनापूर्ण और स्वार्थी कारणों से अनदेखी की।'' भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि आजादी के बाद चार दशकों (1950 से 1991) तक कांग्रेस सत्ता में रही, फिर भी तब के किसी भी प्रधानमंत्री ने सरदार पटेल को भारत रत्न नहीं दिया। नड्डा ने आरोप लगाया, ‘‘यह सुनिश्चित करने के लिए षड्यंत्र रचे गए कि इतिहास में उन्हें वह सम्मान न मिले जिसके वह हकदार थे।'' उन्होंने कहा कि अगर किसी ने यह सुनिश्चित किया है कि सरदार पटेल को इतिहास में उनका उचित स्थान मिले, तो वह प्रधानमंत्री मोदी हैं। नड्डा ने कहा, ‘‘वास्तव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सरदार पटेल को सच्ची श्रद्धांजलि दी। उनके नेतृत्व में केवडिया में सरदार पटेल की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा का निर्माण किया गया।
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हैदराबाद. तेलंगाना के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) बी शिवधर रेड्डी के समक्ष शनिवार को 37 माओवादियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। इनमें से तीन शीर्ष स्तर के माओवादी थे। रेड्डी ने संवाददाताओं को बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों में तीन राज्य समिति सदस्य, तीन संभागीय समिति सदस्य, नौ क्षेत्र समिति सदस्य और 22 अन्य भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के सदस्य शामिल हैं। डीजीपी ने बताया कि तीन राज्य समिति के सदस्य कोय्यदा सांबैया (49) उर्फ आजाद, अप्पासी नारायण उर्फ रमेश (70), और मुचाकी सोमादा हैं। सांबैया और नारायण तेलंगाना समिति से संबंधित हैं, जबकि सोमादा माओवादियों की दंडकारण्य विशेष क्षेत्रीय समिति का हिस्सा था। आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों ने एक एके-47 राइफल, दो एसएलआर राइफल, चार 303 राइफल, एक जी3 राइफल और 346 राउंड गोलियां सौंपी। शिवधर रेड्डी ने कहा कि माओवादियों ने मुख्यधारा में शामिल होने की मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी की अपील पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि निरंतर माओवादी विरोधी अभियान, वैचारिक मतभेद और संगठन के भीतर आंतरिक दरार ने उनके आत्मसमर्पण के निर्णय को प्रभावित किया। आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों पर कुल 1.40 करोड़ रुपये का नकद इनाम है, जिसमें सांबैया और नारायण पर 20-20 लाख रुपये का इनाम है। डीजीपी ने भाकपा (माओवादी) के सभी कार्यकर्ताओं से आगे आने और मुख्यधारा में शामिल होने का आग्रह किया।
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नयी दिल्ली. सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने शनिवार को कहा कि ऑपरेशन सिंदूर एक ‘‘विश्वसनीय ऑर्केस्ट्रा'' था, जिसमें प्रत्येक संगीतकार (सशस्त्र बलों के पक्ष) ने ‘‘सटीकता और समन्वय'' के साथ भूमिका निभाई और इसी कारण केवल 22 मिनट में भारतीय सशस्त्र बल नौ आतंकवादी ठिकानों को नष्ट कर सके। दिल्ली स्थित एक प्रबंधन संस्थान के दीक्षांत समारोह में अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि यह सैन्य अभियान बदलती स्थिति का पूर्वानुमान लगाने की “दूरदर्शिता” को दर्शाता है। उन्होंने कहा, ‘‘यह प्रतिक्रिया उस क्षण में नहीं, बल्कि वर्षों की कल्पना के माध्यम से बनी थी कि किस प्रकार खुफिया जानकारी, सटीकता और प्रौद्योगिकी को कार्रवाई में परिवर्तित किया जा सकता है।'' भारत ने सात मई की सुबह सैन्य अभियान शुरू किया था और पाकिस्तान तथा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में कई आतंकवादी ढांचों को नष्ट किया था। पाकिस्तान ने भी भारत के खिलाफ अभियान शुरू किया था और उसके बाद भारत द्वारा की गई सभी जवाबी कार्रवाई भी ‘ऑपरेशन सिंदूर' के तहत की गई। दोनों परमाणु-सशस्त्र पड़ोसियों के बीच लगभग 88 घंटे तक चला सैन्य संघर्ष 10 मई की शाम को सहमति बनने के बाद रुक गया था। सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘ऑपरेशन सिंदूर एक भरोसेमंद ऑर्केस्ट्रा की तरह था, जिसमें प्रत्येक संगीतकार (सशस्त्र बलों के पक्ष) ने ‘‘सटीकता और समन्वय'' के साथ भूमिका निभाई । इस तरह हम 22 मिनट में नौ आतंकवादी ठिकानों को तबाह कर सके और 80 घंटों में यह सुनिश्चित कर सके कि लड़ाई खत्म हो। लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि अगर हमने पूरी टीम पर भरोसा न किया होता, तो निर्णय लेने का समय ही नहीं मिलता।'' नयी दिल्ली प्रबंधन संस्थान (एनडीआईएम) द्वारा आयोजित समारोह में अपने संबोधन में जनरल द्विवेदी ने स्नातक छात्रों से कहा कि वे ‘‘बुद्धिमत्ता, विनम्रता और शक्ति'' के साथ नेतृत्व करें। उन्होंने कहा, ‘‘तो आज जब आप आगे बढ़ रहे हैं, याद रखें कि दुनिया कभी स्थिर नहीं रहती, बाजार बदलते रहेंगे, तकनीक विकसित होती रहेगी और आपकी खुद की महत्वाकांक्षाएं भी बदलेंगी। फिर भी, इन सब के बीच आपकी सबसे बड़ी ताकत छिपी है-सीखने का साहस, बदलने की क्षमता और उद्देश्य के साथ नेतृत्व करने का नजरिया। बदलाव वह नहीं है जो हमारे साथ होता है, बल्कि वह है जिसे हम इसके जरिए बनने का चुनाव करते हैं।'' जनरल के संबोधन का विषय था ‘परिवर्तन का मार्ग: वास्तविक स्थिरता'। उन्होंने उभरते वैश्विक गतिशीलता, विघटनकारी शक्ति के रूप में प्रौद्योगिकी और आगे की राह के लिए चिंतन पहलुओं पर बात की। उन्होंने कहा, ‘‘जैसे-जैसे 21वीं सदी आगे बढ़ी, दीर्घकालिक शांति प्रतिस्पर्धा, विरोध और संघर्ष के विवादास्पद परिदृश्य में बदल गई। आज दुनिया भर में 55 से अधिक संघर्ष जारी हैं, जिनमें प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से 100 से अधिक देश शामिल हैं, जिससे शांति और संघर्ष के बीच की सीमा धुंधली होती जा रही है।'' सेना प्रमुख ने कहा कि जैसे-जैसे युद्धक्षेत्र धुंधले होते गए, वैसे-वैसे बाजार भी धुंधले होते गए।
उन्होंने कहा कि आज व्याकरण की किताब के छह अध्याय पारंपरिक रेन और मार्टिन की अंग्रेजी व्याकरण की किताब से अलग हैं। उन्होंने कहा कि इसमें ‘‘सहयोग (कोऑपरेशन), सहकारिता (कॉलेबोरेशन), सह-अस्तित्व (को-एक्सिस्टेंस), प्रतिस्पर्धा (कम्पीटिशन), प्रतिद्वंद्विता (कॉन्टेस्टेशन) और संघर्ष (कॉन्फ्लिक्ट) शामिल हैं। उन्होंने कहा,‘‘तो, ये ‘6सी' हैं, जिन्हें हमें एक साथ जानना होगा। क्योंकि, हमारे रणनीतिक आदान-प्रदान में भी, हम ‘6सी' से निपटते हैं और भविष्य में आप भी इनसे निपटेंगे।'' सेना प्रमुख ने सैन्य विकास में तकनीक के महत्व को रेखांकित किया।
जनरल द्विवेदी ने कहा कि आज वह ‘‘लगभग 1.3 करोड़ सैनिकों, सेवानिवृत्त सैनिकों और उनके परिवारों के समुदाय'' का नेतृत्व कर रहे हैं, जो भारतीय जनसंख्या का एक प्रतिशत है। उन्होंने अशांति के समय में अवसर तलाशने की भी बात कही। -
मुंबई. भाजपा नेता चित्रा वाघ ने पूछा है कि क्या दूसरी भाषा बोलने वालों के लिए नफरत भड़काने वाले नेता ठाणे जिले में 18 वर्षीय युवक की मौत की जिम्मेदारी लेंगे। कल्याण के रहने वाले अर्नव खैरे ने अपने घर पर कथित तौर पर फंदे से लटककर जान दे दी। लोकल ट्रेन में झगड़े के बाद कुछ यात्रियों ने उस पर हमला कर दिया था, जिसके बाद उसने यह कदम उठाया। झगड़े के दौरान खैरे से कथित तौर पर पूछा गया था कि वह मराठी में क्यों नहीं बोलता है। किसी भी राजनीतिक पार्टी का नाम लिए बिना, विधानपरिषद सदस्य वाघ ने शुक्रवार को कहा कि कुछ नेताओं ने अपने राजनीतिक फायदे के लिए "दूसरी भाषाओं के बारे में नफरत का जहर बोया है।" उन्होंने कहा, "अर्नव इस तरह के जहर का पहला शिकार है। उसकी क्या गलती थी? वह प्रथम श्रेणी (डिब्बे) में सफ़र करता था, लेकिन उसका पास खत्म हो गया था, इसलिए उसने द्वितीय श्रेणी का टिकट लिया। सिर्फ़ इसलिए कि उसने कुछ हिंदी शब्द बोला, उसे बुरी तरह पीटा गया। एक भाषा को दूसरी भाषा के ख़िलाफ़ खड़ा करने की राजनीति इसकी वजह है।" उन्होंने पूछा, "ये तथाकथित नेता अपने बच्चों को अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में, विदेशों में भेजते हैं। क्या ये बच्चे पार्टियों में जाते समय मराठी बोलते हैं?" वाघ ने कहा कि ऐसी नफरत फैलाने से बड़ा कोई "पाप" नहीं हो सकता, जिसकी वजह से एक मराठी लड़के की जान चली गई। उन्होंने कहा कि भाषा को लेकर उन्माद रूकना चाहिए।
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नई दिल्ली। दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी की मुलाकात चर्चा का विषय बनी रही। दोनों नेताओं ने एक-दूसरे का मुस्कुराकर नमस्ते कहकर अभिवादन किया और हाथ मिलाकर एक-दूसरे का हालचाल पूछे। उनकी यह मुलाकात भारत और इटली के बीच बढ़ती दोस्ती और मजबूत साझेदारी को दर्शाती है।
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी के दक्षिण अफ्रीका पहुंचने पर राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। इसके बाद कार्यक्रम स्थल पर पीएम मोदी और पीएम मेलोनी का आमना-सामना हुआ। दोनों देशों के रिश्ते पिछले कुछ वर्षों में लगातार मजबूत हुए हैं। जून 2025 में कनाडा के कनानास्किस में हुए 51वें जी7 समिट के दौरान भी दोनों नेताओं की मुलाकात हुई थी, जहां द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी थी।वहीं सितंबर 2025 में प्रधानमंत्री मोदी ने पीएम मेलोनी को एक असाधारण नेता बताया था और उनकी ऑटोबायोग्राफी ‘I Am Giorgia’ की भारतीय संस्करण की प्रस्तावना लिखते हुए दोनों देशों की साझा सांस्कृतिक सोच-विरासत संरक्षण, समुदाय की शक्ति और नारीत्व के उत्सव का उल्लेख किया था। इस पुस्तक की प्रस्तावना में मोदी ने भारत-इटली रिश्तों को मजबूत करने की प्रतिबद्धता जाहिर की थी।इटैलियन न्यूज एजेंसी एडनक्रोनोस के अनुसार, मेलोनी ने भी पीएम मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा था कि उनकी प्रस्तावना में लिखे शब्दों ने उन्हें गहराई से प्रभावित किया है। उन्होंने कहा कि यह शब्द दोनों देशों के बीच भरोसे और मजबूत रिश्तों को और स्पष्ट करते हैं।इटली की प्रधानमंत्री मेलोनी ने प्रधानमंत्री मोदी को उनके 75वें जन्मदिन पर बधाई भी दी थी और एक तस्वीर साझा की थी। पीएम मोदी ने मेलोनी का धन्यवाद करते हुए भारत-इटली संबंधों को और मजबूत करने की आशा जताई थी।दोनों नेताओं ने 10 सितंबर को टेलीफोन पर बातचीत भी की थी, जिसमें भारत-इटली स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप को और मजबूत करने पर सहमति जताई गई। मेलोनी ने 2026 में भारत द्वारा आयोजित किए जाने वाले ‘AI Impact Summit’ के लिए भी अपना समर्थन दिया था। -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शनिवार को G20 समिट में वैश्विक विकास के मौजूदा मानकों पर गहराई से पुनर्विचार करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने “Inclusive and sustainable economic growth leaving no one behind” नामक सत्र को संबोधित करते हुए यह बात कही। PM मोदी ने कहा कि वर्षों से G20 ने दुनिया की अर्थव्यवस्था और विकास के ढांचे को दिशा दी है, लेकिन वर्तमान मॉडल ने बड़ी आबादी को संसाधनों से वंचित कर दिया है और प्रकृति के अति-दोहन को बढ़ावा दिया है। उन्होंने विशेष रूप से कहा कि इन चुनौतियों का सबसे अधिक असर अफ्रीका में महसूस किया जाता है। यह पहली बार है जब G20 समिट अफ्रीका में आयोजित हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में तीन नई और महत्वपूर्ण वैश्विक पहलें पेश की। पहली पहल ‘ग्लोबल ट्रेडिशनल नॉलेज रिपोजिटरी’ (Global Traditional Knowledge Repository) है। PM मोदी ने बताया कि दुनिया की कई समुदाय पारंपरिक, प्रकृति-संतुलित और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध जीवनशैली का पालन करते हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि G20 के तहत एक वैश्विक भंडार बनाया जाए, जिसमें ऐसे ज्ञान और अनुभव को दर्ज किया जाए। यह पहल भविष्य की पीढ़ियों तक टिकाऊ जीवन शैली से जुड़े समय-परीक्षित मॉडल पहुंचाने में मदद करेगी। उन्होंने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा इस वैश्विक प्लेटफार्म की आधारशिला बन सकती है।दूसरी पहल ‘G20-Africa Skills Multiplier Initiative’ है, जिसमें PM मोदी ने कहा कि अफ्रीका का विकास पूरी दुनिया के हित में है। इस कार्यक्रम के तहत train-the-trainers मॉडल लागू किया जाएगा। सभी G20 सदस्य देश मिलकर इसे वित्तीय और तकनीकी सहयोग देंगे। लक्ष्य है कि अगले 10 वर्षों में अफ्रीका में 10 लाख प्रशिक्षित ट्रेनर्स तैयार किए जाएं, जो आगे लाखों युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देंगे।तीसरी और अहम घोषणा ‘G20 Initiative on Countering the Drug-Terror Nexus’ की थी। PM मोदी ने कहा कि ड्रग तस्करी और आतंकवाद एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं और यह वैश्विक सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है। यह पहल वित्तीय, सुरक्षा और प्रशासनिक तंत्रों को एकजुट करके ड्रग-तस्करी के नेटवर्क को रोकने, अवैध धन के प्रवाह को रोकने और आतंकवाद की आर्थिक सप्लाई को कमजोर करने में मदद करेगी। PM मोदी की इन तीनों पहलों का उद्देश्य वैश्विक विकास को अधिक समावेशी, टिकाऊ और सुरक्षित बनाना है।- -
नई दिल्ली। दक्षिण अफ्रीका में आयोजित G20 शिखर सम्मेलन में जारी ‘लीडर्स डिक्लरेशन’ में भारत की 2023 G20 अध्यक्षता की प्रमुख उपलब्धियां स्पष्ट रूप से सामने आईं। इस वर्ष के घोषणा-पत्र में भारत की प्राथमिकताओं को न केवल दोहराया गया बल्कि ग्लोबल साउथ की आवाज को भी और मजबूती से उठाया गया।
घोषणा-पत्र में आतंकवाद के सभी रूपों की कड़ी निंदा की गई है। यह वही मुद्दा है जिस पर भारत लगातार एक मजबूत वैश्विक सहमति की मांग करता रहा है। डिजिटल परिवर्तन को आगे बढ़ाते हुए दस्तावेज में डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) की बढ़ती भूमिका पर जोर दिया गया। इसमें भारत की इस मांग को भी शामिल किया गया कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) जैसी उभरती तकनीकों का उपयोग सुरक्षित, भरोसेमंद और पारदर्शी तरीके से होना चाहिए।महिला-नेतृत्व वाले विकास, जो भारत की अध्यक्षता का एक मुख्य स्तंभ था, को भी घोषणा-पत्र में व्यापक समर्थन मिला है। इसमें महिलाओं और लड़कियों की भागीदारी और सशक्तिकरण बढ़ाने पर फिर जोर दिया गया है। आपदा प्रबंधन और लचीलापन बढ़ाने पर दक्षिण अफ्रीका का फोकस भी सीधे भारत की अध्यक्षता से जुड़ा है। भारत द्वारा बनाए गए डिसास्टर रिस्क रिडक्शन वर्किंग ग्रुप के परिणाम इस वर्ष भी आगे बढ़ाए गए, और भारत की प्रमुख पहल-कोएलिशन फॉर डिसास्टर रेसिलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर (CDRI) को विशेष मान्यता दी गई।खाद्य सुरक्षा पर भी भारत का प्रभाव स्पष्ट दिखा, जब 2023 में भारत में अपनाए गए डेक्कन हाई-लेवल प्रिंसिपल्स को फिर से दोहराया गया। स्वास्थ्य क्षेत्र में घोषणा-पत्र ने पारंपरिक और पूरक चिकित्सा पद्धतियों के महत्व को स्वीकार किया-जो नई दिल्ली घोषणा-पत्र की एक बड़ी उपलब्धि रही थी। वहीं जलवायु वित्त (क्लाइमेट फाइनेंस) के क्षेत्र में भारत को बड़ी सफलता मिली। दस्तावेज में कहा गया कि जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने के लिए विकासशील देशों को 2030 तक लगभग ‘5.8–5.9 ट्रिलियन डॉलर’ की आवश्यकता होगी। साथ ही, भारत की LiFE (Lifestyle for Sustainable Development) पहल को भी वैश्विक रूप से बढ़ावा देने का आह्वान किया गया।संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में व्यापक सुधार की भारत की मांग को भी घोषणा-पत्र में जगह मिली है, जिसमें इस महत्वपूर्ण संस्था को और प्रतिनिधिक बनाने पर जोर दिया गया है। कुल मिलाकर, दक्षिण अफ्रीका के इस घोषणा-पत्र में कई हिस्से भारत की नई दिल्ली G20 घोषणा के समान हैं, जिससे यह साफ होता है कि भारत वैश्विक एजेंडा और ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाने में निरंतर नेतृत्व कर रहा है। -
नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर के यात्रियों के लिए नमो भारत ट्रेन अब सिर्फ सफर का जरिया ही नहीं, बल्कि जिंदगी के खास पलों को यादगार बनाने का नया माध्यम भी साबित होने जा रही है। रीजनल रेल सेवा संचालित करने वाली एनसीआरटीसी (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम) ने एक अनोखी पहल की शुरुआत की है, जिसके तहत लोग अपने विशेष अवसरों- जैसे जन्मदिन, प्री-वेडिंग शूट, निजी समारोह या खुशी का कोई और यादगार पल सीधे नमो भारत ट्रेन के अंदर सेलिब्रेट कर सकेंगे।
कार्यक्रम का आयोजन स्टेशन पर खड़े कोच में या परिचालन के दौरान ट्रैक पर चलती ट्रेन में दोनों तरीकों से संभव होगाइस पहल के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति, इवेंट ऑर्गेनाइजर या फोटो/वीडियो प्रोडक्शन टीम नमो भारत के कोच की एडवांस बुकिंग कर सकती है। आयोजन ट्रेन के स्टेशन पर खड़े कोच में या परिचालन के दौरान ट्रैक पर चलती ट्रेन में दोनों तरीकों से संभव होगा। इसके लिए निर्धारित शुल्क 5,000 प्रति घंटे से शुरू होता है।समारोह सुबह 6 बजे से रात 11 बजे तक आयोजित, ट्रेन संचालन और यात्रियों को बिना असुविधा सुनिश्चित किया जाएगासाथ ही, बुकिंग वाले समय के पहले और बाद में 30-30 मिनट का अतिरिक्त स्लॉट भी दिया जाएगा ताकि सजावट लगाने और हटाने में सुविधा मिल सके। समारोह सुबह 6 बजे से रात 11 बजे के बीच आयोजित किए जा सकते हैं और पूरी व्यवस्था इस तरह प्रबंधित की जाएगी कि सामान्य ट्रेन संचालन और यात्रियों को कोई असुविधा न हो।नमो भारत का आधुनिक डिज़ाइन, आकर्षक इंटीरियर और 160 किमी/घंटा गति इसे समारोहों के लिए विशेष बनाते हैंएनसीआरटीसी ने बताया कि नमो भारत के आकर्षक इंटीरियर, आधुनिक डिजाइन और 160 किलोमीटर/घंटा की उच्च गति इसे समारोहों के लिए खास और यादगार लोकेशन बनाते हैं। आनंद विहार, गाजियाबाद और मेरठ साउथ जैसे स्टेशनों पर इसकी पहुंच लोगों को अपने समारोह के लिए एक अनोखा और प्रीमियम वातावरण प्रदान करती है।इन समारोहों के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आयोजन एनसीआरटीसी स्टाफ और सिक्योरिटी की निगरानी में होंगेइसके अतिरिक्त, दुहाई डिपो में स्थित मॉक-अप कोच भी शूट और आयोजनों के लिए उपलब्ध है। इन समारोहों के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आयोजन एनसीआरटीसी स्टाफ और सिक्योरिटी की निगरानी में होंगे। आयोजनकर्ताओं को सजावट की पूरी स्वतंत्रता होगी, जिसे ट्रेन अथॉरिटी के निर्धारित मानकों के अनुरूप रखा जाना अनिवार्य होगा।देशभर के युवा फिल्म निर्माताओं ने नमो भारत की अवसंरचना पर आधारित शॉर्ट फिल्म प्रतियोगिता में प्रतिभा दिखाईउल्लेखनीय है कि एनसीआरटीसी ने पहले भी नमो भारत के स्टेशनों और ट्रेनों को फिल्म, डॉक्यूमेंट्री और टीवी विज्ञापनों की शूटिंग के लिए किराए पर उपलब्ध कराने संबंधी नीति लागू की है। हाल ही में आयोजित फिल्म प्रतियोगिता में देशभर के युवा फिल्म निर्माताओं ने नमो भारत की अवसंरचना पर आधारित शॉर्ट फिल्मों में प्रतिभा दिखाई थी।अब इस नई पहल के साथ लोग अपनी खुशियां नमो भारत के साथ जोड़कर इसकी कहानी का हिस्सा बन सकेंगेएनसीआरटीसी का मानना है कि हर दिन नमो भारत से सफर करने वाले हजारों यात्रियों के पास अपनी-अपनी कहानियां होती हैं मुलाकातों की, सपनों की और सफर के अनुभवों की। अब इस नई पहल के साथ लोग अपनी खुशियां नमो भारत के साथ जोड़कर इसकी कहानी का हिस्सा बन सकेंगे। -
नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि इजरायल के साथ भारत की पार्टनरशिप में टेक्नोलॉजी और इनोवेशन महत्वपूर्ण हिस्सा होंगे।
केंद्रीय मंत्री ने में पेरेज सेंटर फॉर पीस एंड इनोवेशन में मीडिया से बात करते हुए कहा, “मेरा मानना है कि हम अपने स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए इजरायल के साथ मिलकर काम कर सकते हैं और भारत की बड़ी अर्थव्यवस्था को देखते हुए इसे प्रतिस्पर्धी कीमतों पर डीप टेक और हाई क्वालिटी इनोवेशन के लेवल तक ले जाने की उम्मीद कर सकते हैं। हम इजरायल के साथ एक गहरी पार्टनरशिप की उम्मीद कर रहे हैं, जिसकी आबादी में हर हजार व्यक्तियों पर एक स्टार्टअप है।”उन्होंने कहा कि भारत आने वाले वर्षों में दुनिया की स्टार्टअप कैपिटल बनना चाहता है।केंद्रीय मंत्री गोयल ने पेरेज सेंटर फॉर पीस एंड इनोवेशन को लेकर कहा, “मुझे यहां आने का अवसर मिला ताकि मैं समझ सकूं कि इतना छोटा देश इतने बड़े इनोवेशन कैसे कर सकता है। इन्होंने बाधाओं को अवसरों में बदला है। जिस तरह से उन्होंने अपनी डिफेंस और खेती की जरूरतों और हेल्थ और क्लाइमेट चेंज के लिए मॉडर्न टेक्नोलॉजी के बीच तालमेल बिठाया है। उससे मैं बेहद प्रभावित हुआ हूं।”गोयल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी एक पोस्ट के जरिए पेरेज सेंटर फॉर पीस एंड इनोवेशन के उनके दौरे की जानकारी दी। उन्होंने एक्स पर लिखा, “आज जाफा स्थित पेरेज सेंटर फॉर पीस एंड इनोवेशन का दौरा किया। यह एक इंस्पायरिंग हब है, जो क्रिएटिविटी, टेक्नोलॉजी और सामाजिक प्रभाव को लेकर इजरायल की यात्रा को दर्शाता है। प्रदर्शनी में इस बात की बहुमूल्य जानकारी दी गई कि इनोवेशन किस प्रकार ग्रोथ और डेवलपमेंट को गति दे सकता है।”इससे पहले उन्होंने इजरायल के अर्थव्यवस्था और उद्योग मंत्री द्वारा आयोजित एक समारोह में भाग लिया। केंद्रीय मंत्री गोयल ने एक्स पर लिखा, “दोनों देशों के लीडिंग बिजनेस एसोसिएशन और व्यापार निकायों को एक साथ लाने को लेकर प्रसन्न हूं।” -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र अपनी तीन दिवसीय दक्षिण अफ्रीकी यात्रा पर जोहान्सबर्ग पहुंच गए हैं। यहां एक होटल में भारतीय प्रवासियों ने पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया। इस दौरान पीएम मोदी अप्रवासी भारतीयों से मिले और उनसे बातचीत की।
पीएम मोदी ने अप्रवासी भारतीयों से बातचीत का एक वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर किया है। पीएम मोदी ने एक्स पर कहा कि भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच सांस्कृतिक जुड़ाव सचमुच हृदयस्पर्शी और शाश्वत है। जोहान्सबर्ग में मेरे युवा मित्रों ने गणपति प्रार्थना, शांति मंत्र और अन्य दिव्य प्रार्थनाएं बड़ी श्रद्धा से गाईं। ऐसे क्षण हमारे लोगों के बीच के अटूट बंधन की पुष्टि करते हैं।पीएम मोदी ने कहा कि जोहान्सबर्ग में भारतीय समुदाय द्वारा दिए गए गर्मजोशी भरे स्वागत से मैं बहुत प्रभावित हूं। यह स्नेह भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच के अटूट बंधन को दर्शाता है। ये संबंध, जो इतिहास में निहित हैं और साझा मूल्यों से और भी मजबूत होते जा रहे हैं। पीएम मोदी ने आगे लिखा, “दक्षिण अफ्रीका में भारत की जीवंत सांस्कृतिक विविधता का प्रदर्शन!”भारतीय समुदाय के सदस्यों ने ‘एकजुट भारत की लय’ शीर्षक से आयोजित एक लघु सांस्कृतिक कार्यक्रम में भारत के 11 राज्यों के लोक नृत्यों का प्रदर्शन करने में अग्रणी भूमिका निभाई। यह सराहनीय है कि भारतीय समुदाय अपनी जड़ों से जुड़ा हुआ है। पीएम जोहान्सबर्ग में दक्षिण अफ्रीका की ओर से आयोजित होने वाले ‘G-20 लीडर्स’ समिट में हिस्सा लेंगे।इससे पहले पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी साझा करते हुए लिखा कि G-20 शिखर सम्मेलन से संबंधित कार्यक्रमों के लिए जोहान्सबर्ग पहुंच गया हूं। प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर विश्व नेताओं के साथ उपयोगी चर्चा की आशा है। हमारा ध्यान सहयोग को मजबूत करने, विकास प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाने और सभी के लिए बेहतर भविष्य सुनिश्चित करने पर रहेगा।‘G-20 लीडर्स’ समिट का आयोजन जोहान्सबर्ग में होगा। यह विकासशील देशों में आयोजित होने वाला लगातार चौथा G20 समिट होगा। समिट में पीएम मोदी ‘G-20’ एजेंडा पर भारत का दृष्टिकोण पेश करेंगे। उनके समिट के तीनों सत्रों में संबोधित करने की उम्मीद है। - लखनऊ ।उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि उनकी सरकार की पहली प्राथमिकता जनता, खासकर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना रही है।शुक्रवार को लखनऊ में फिक्की एफएलओ (फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री लेडीज ऑर्गनाइजेशन) के राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए आदित्यनाथ ने कहा, “यह स्वाभाविक है कि किसी समाज को उसकी आधी आबादी की अनदेखी करके आत्मनिर्भर नहीं बनाया जा सकता।”उन्होंने कहा कि जब भाजपा राज्य में सत्ता में आई थी, तब असुरक्षा का माहौल था और कानून-व्यवस्था दयनीय थी।उन्होंने कहा, “न तो व्यापारी, उद्योगपति और न ही बाजार की बेटियां सुरक्षित थीं। उस समय (जब हम सत्ता में आए थे) हमारी पहली प्राथमिकता सुरक्षा थी।”उन्होंने कहा, “महत्वपूर्ण बात यह है कि जब व्यक्ति ही सुरक्षित नहीं है, तो पूंजी (धन) कैसे सुरक्षित रह सकती है? जब व्यापारी, बेटियां और बाजार असुरक्षित हों, तो हम किस विकास की बात करें?”उन्होंने कहा कि पिछले आठ-साढ़े आठ वर्ष में राज्य सरकार ने जिस “जीरो टॉलरेंस” की नीति पर काम किया है, उसके तहत उत्तर प्रदेश ने एक लंबी छलांग लगाई है और “आज उत्तर प्रदेश देश में एक आदर्श राज्य के रूप में जाना जाता है।”
- नयी दिल्ली। राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआई) ने अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक विमान में छुपाया गया सोना जब्त करने के बाद तस्करी के एक नेटवर्क का पर्दाफाश किया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि 14 नवंबर को डीआरआई ने जेद्दा से आए एक यात्री के पास 1,246.48 ग्राम सोना जब्त किया था जो 24 कैरेट का था। जब्त सोने की कीमत करीब 1.62 करोड़ रुपये है।बयान में कहा गया है कि सफेद टेप में लिपटा सोना एक यात्री सीट के नीचे ‘लाइफ जैकेट पाउच’ के अंदर छुपाया गया था।इसके बाद जांच के दौरान, अहमदाबाद में कैफे चलाने वाले एक व्यक्ति की पहचान गिरोह के प्रमुख समन्वयक के रूप में हुई।बयान के अनुसार, जांच से पता चला कि एक प्रतिष्ठित विमानन कंपनी के दो कर्मचारी – एक वरिष्ठ कार्यकारी (सुरक्षा) और एक सहायक प्रबंधक (सुरक्षा) – तस्करी के प्रयास में शामिल पाए गए। जांच से पता चला कि गिरोह ने पिछले दो महीनों में 10 से अधिक बार लगभग 16 करोड़ रुपये मूल्य के सोने की तस्करी की है।
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नयी दिल्ली । दिल्ली के महरौली इलाके में छापेमारी के दौरान आठ लोगों को गिरफ्तार कर पुलिस ने साइबर धोखाधड़ी में कथित रूप से शामिल एक अवैध अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। राष्ट्रीय राजधानी में सक्रिय साइबर अपराध गिरोहों पर नकेल कसने के लिए शुरू किए गए ‘साइहॉक’ अभियान के तहत यह कार्रवाई की गई।कॉल सेंटर महरौली स्थित एक इमारत में था।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि छापेमारी के दौरान, पुलिस को गिरोह का पता चला जो कथित तौर पर तकनीकी सहायता प्रतिनिधि बनकर विदेशी नागरिकों को ठग रहा था।यह गिरोह ‘एप्लीकेशन’ के माध्यम से पीड़ितों के सिस्टम तक ‘रिमोट एक्सेस’ प्राप्त करते थे तथा ‘तकनीकी सहायता’ प्रदान करने के नाम पर पैसे ऐंठते थे। पुलिस ने बताया कि कॉल सेंटर मोहित जुनेजा द्वारा चलाया जा रहा था और इसमें शामिल अन्य लोगों की पहचान सार्थक शर्मा, हितेश, रेहान, प्रणव, अभिषेक, मानव तनेजा के रूप में की गई। -
नई दिल्ली। सरकार की ओर से शुक्रवार को कहा गया कि ई-केवाईसी जॉब कार्ड वेरिफिकेशन का सबसे सटीक और आसान तरीका है। ग्रामीण विकास मंत्रालय के अनुसार, इसका मकसद महात्मा गांधी नेशनल रूरल एम्प्लॉयमेंट गारंटी एक्ट (मनरेगा) को पारदर्शी और असरदार तरीके से लागू करना है, जिससे ग्रामीण परिवारों को इसका फायदा मिल सके। लगभग 99.67 प्रतिशत सक्रिय मनरेगा श्रमिक पहले से ही आधार से जुड़े हुए हैं। मनरेगा योजना के तहत 2.69 लाख ग्राम पंचायतों को कवर किया जाता है, जिसमें 26 करोड़ से ज्यादा पंजीकृत श्रमिक है।
मंत्रालय ने कहा, “जॉब कार्ड वेरिफिकेशन एक लगातार चलने वाला प्रोसेस है, जबकि जॉब कार्ड रिन्यूअल 5 साल में एक बार करना जरूरी है। इन कानूनी प्रक्रियाओं को आसान बनाने और सपोर्ट करने के लिए, राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों से आग्रह किया गया है कि वे मौजूदा प्रोसेस को फॉलो करने के बाद जॉब कार्ड वेरिफिकेशन और उसके बाद रिन्यूअल के लिए एनएमएमएस ऐप (नेशनल मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम) में पहले से मौजूद ई-केवाईसी फीचर का इस्तेमाल करें।” इस आसान उपाय का मकसद राज्यों को समय पर, पारदर्शी और अच्छे तरीके से वेरिफिकेशन पूरा करने में मदद करना है।99.67 प्रतिशत सक्रिय श्रमिक के आधार को पहले से ही सीड किया जा चुका है, इसलिए ई-केवाईसी फीचर का इस्तेमाल जॉब कार्ड के वेरिफिकेशन के एक आसान, भरोसेमंद, सही और असरदार तरीके के तौर पर किया जा सकता है। ई-केवाईसी के दौरान, ग्राम रोजगार सहायक/वर्कसाइट सुपरवाइजर/मेट/कोई भी दूसरा जीपी स्तर का कर्मचारी मनरेगा श्रमिक की फोटो लेता है (एनएमएमस ऐप पर ई-केवाईसी फीचर के जरिए) जिसे रियल टाइम में उसकी आधार डिटेल्स के साथ डिजिटली वेरिफाई किया जाता है।एक श्रमिक के जरिए यह प्रोसेस एक मिनट के समय में पूरा हो जाता है। मंत्रालय ने कहा कि सरकार जमीनी स्तर पर स्कीम को लागू करने में ट्रांसपेरेंसी और अकाउंटेबिलिटी पक्का करने और हर असली वर्कर के अधिकारों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है, जिससे उन्हें बिना किसी रुकावट के एक्ट के तहत उनका सही वेतन वाला काम मिलता रहे। -
नई दिल्ली। ग्रामीण विकास मंत्रालय ने बताया कि मनरेगा (MGNREGA) के कार्यान्वयन को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि ग्रामीण परिवारों को समय पर और सही लाभ मिल सके। देशभर में 2.69 लाख ग्राम पंचायतों के माध्यम से मनरेगा को चलाया जा रहा है और इसमें 26 करोड़ से अधिक पंजीकृत श्रमिक शामिल हैं। मंत्रालय के मुताबिक 99.67% सक्रिय मनरेगा श्रमिकों के आधार नंबर पहले ही जॉब कार्ड से जुड़ चुके हैं, जिससे अब e-KYC प्रक्रिया और भी आसान व तेज हो गई है।
मनरेगा कानून के मुताबिक ग्राम पंचायत को आवेदन मिलने के 15 दिनों के भीतर जॉब कार्ड जारी करना होता है, जिसमें यूनिक जॉब कार्ड नंबर, पंजीकरण संख्या, बीमा पॉलिसी नंबर और आधार नंबर जैसी जानकारी शामिल रहती है। वहीं, जॉब कार्ड का नवीनीकरण हर 5 साल में आवश्यक है। जॉब कार्ड जारी करना, उनका सत्यापन और नवीनीकरण ये सभी जिम्मेदारियां राज्य सरकारों और ग्राम पंचायतों की होती हैं।वहीं मंत्रालय ने राज्यों से कहा है कि जॉब कार्ड के सत्यापन और नवीनीकरण के लिए NMMS ऐप (National Mobile Monitoring System) की e-KYC सुविधा का उपयोग करें। यह प्रक्रिया बेहद सरल है और एक श्रमिक की e-KYC सिर्फ एक मिनट में पूरी हो जाती है। ग्राम रोजगार सहायक, वर्कसाइट सुपरवाइजर या पंचायत स्तर का कोई भी कर्मचारी NMMS ऐप के माध्यम से श्रमिक का फोटो लेता है, जिसे आधार डेटाबेस से तुरंत डिजिटल रूप से मिलान किया जाता है। अब तक 56% सक्रिय श्रमिकों की e-KYC पूरी हो चुकी है।राज्यों को सलाह दी गई है कि नेटवर्क जैसी तकनीकी समस्याओं को दूर कर प्रक्रिया को और आसान बनाया जाए। e-KYC वर्कसाइट पर, ग्राम पंचायत द्वारा आयोजित विशेष शिविरों में, या राज्य द्वारा तय किसी भी स्थान पर की जा सकती है। यह कदम मनरेगा में पारदर्शिता, दक्षता और सेवा वितरण को मजबूत करेगा। मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि जॉब कार्ड या श्रमिकों के नाम हटाने की प्रक्रिया के लिए 24 जनवरी 2025 को विस्तृत स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) जारी की गई थी। इसमें निष्पक्षता, जवाबदेही और गलत/मनमानी डिलीशन को रोकने के लिए साफ और एकसमान निर्देश दिए गए हैं। इस SOP का पालन करना राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है, जबकि मंत्रालय इसकी निगरानी करता है।ग्रामीण विकास मंत्रालय ने दोहराया कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि सभी इच्छुक ग्रामीण परिवारों को मनरेगा के तहत उनका हक मिले, बिना किसी रुकावट के, और योजना पूरी पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ लागू हो। - नई दिल्ली। भारतीय थल सेना ने ‘टेक एब्जॉर्प्शन ईयर’ में स्वदेशीकरण को अभूतपूर्व गति दी है। आयातित हथियारों और उपकरणों पर निर्भरता तेजी से कम हो रही है। अब तक 1,050 से ज्यादा महत्वपूर्ण स्पेयर पार्ट्स और 60 से अधिक बड़ी असेंबलिंग पूरी तरह स्वदेशी बन चुकी हैं।इसके अलावा मौजूदा हथियारों और सिस्टम के लिए 1,035 असेंबलिंग-सब असेंबलिंग और 3,517 स्पेयर पार्ट्स भी भारतीय कंपनियों ने सफलतापूर्वक विकसित कर लिए हैं। कुल मिलाकर 5,600 से ज्यादा पार्ट्स अब विदेश से मंगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे न सिर्फ रखरखाव और अपग्रेड आसान हुआ है, बल्कि युद्ध के समय सप्लाई चेन पर विदेशी दबाव का खतरा भी खत्म हो रहा है। न सिर्फ सिर्फ पार्ट्स, बल्कि अत्याधुनिक तकनीक भी अब देश में बन रही है। थर्मल इमेजर के लिए क्रायो-कूलर, ड्रोन और अनमैन्ड एरियल व्हीकल के लिए फ्लाइट कंट्रोलर और इलेक्ट्रिकल स्पीड कंट्रोलर, ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम जैसे हाई-टेक कंपोनेंट अब भारतीय फैक्ट्रियों में तैयार हो रहे हैं।ये सारे काम इन-हाउस रिसर्च, डीआरडीओ, बड़े रक्षा उद्योगों के साथ-साथ छोटी-मध्यम कंपनियों और स्टार्ट-अप्स के सहयोग से हो रहे हैं। सेना ने सैकड़ों नई भारतीय कंपनियों को अपने सप्लायर बेस में शामिल किया है, जिससे रोजगार भी बढ़ रहा है और तकनीकी क्षमता भी। सेना के अधिकारियों का कहना है कि ये कदम सीधे तौर पर ऑपरेशनल तैयारियों को मजबूत कर रहे हैं। अब युद्ध या आपात स्थिति में किसी विदेशी देश से पार्ट्स मंगवाने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। यह पहल प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत अभियान और विकसित भारत 2047 के विजन से पूरी तरह जुड़ी हुई है।रक्षा मंत्रालय ने बताया कि आने वाले सालों में और हजारों पार्ट्स को स्वदेशी बनाने का लक्ष्य है। इससे न सिर्फ अरबों रुपये की विदेशी मुद्रा बचेगी, बल्कि भारतीय रक्षा उद्योग विश्व स्तर पर नई ऊंचाइयों तक पहुंचेगा।





















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