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नई दिल्ली। सरकार की फैक्ट चेक यूनिट ने बताया है कि ठगी करने वाले लोगों को वॉइसमेल भेज रहे हैं, और खुद को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) का अधिकारी बता रहे हैं। ये लोगों को डराते हैं कि आपका अकाउंट या कार्ड ब्लॉक हो जाएगा। इसी को चलते सरकार ने चेतावनी जारी की है। सरकारी की फैक्ट चेक एजेंसी PIB फैक्ट चेक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “सावधान रहें! यह पूरी तरह से फ्रॉड है।”
ठगी कैसे चल रही है?ठग खुद को RBI का अधिकारी बताते हैं और झूठी-मूठी कोई गंभीर समस्या गिना देते हैं, जैसे आपका अकाउंट मनी लॉन्ड्रिंग में फंसा है या कार्ड ब्लॉक हो गया है।इन ठगों का एक ही उद्देश्य होता है कि आपको डराकर पासवर्ड, OTP, कार्ड नंबर या कोई भी निजी बैंकिंग जानकारी लेना। जो लोग फंस जाते हैं, उनके अकाउंट से सीधे पैसे गायब हो जाते हैं या सारी निजी जानकारी लीक हो जाती है।सरकार ने क्या सलाह दी है?-PIB फैक्ट चेक ने लोगों से कहा है कि कोई भी संदिग्ध मैसेज या कॉल जो केंद्र सरकार या RBI की तरफ से आया हुआ लगे, उसकी तुरंत जांच करें। खास सलाह ये है:-बिना मांगे आए कॉल या वॉइसमेल पर भूलकर भी तुरंत रिएक्ट न करें, खासकर जब बैंक अकाउंट में तुरंत कुछ करने को बोला जाए।-अपना बैंकिंग पासवर्ड, OTP, कार्ड नंबर, CVV या कोई भी निजी जानकारी कभी किसी को न बताएं, चाहे सामने वाला RBI का ही बड़ा अफसर ही क्यों न बता रहा हो।-अगर कुछ शक हो तो तुरंत ऑफिशियल चैनल पर रिपोर्ट करें। PIB फैक्ट चेक टीम से संपर्क कर सकते हैं। PIB फैक्ट चेक टीम का व्हाट्सऐप नंबर +91 87997 11259 और ईमेल [email protected] है।अपने अकाउंट को सुरक्षित रखेंठगी करने के तरीके रोज बदल रहे हैं, इसलिए जागरूक रहना ही सबसे बड़ा हथियार है। RBI और सरकार बार-बार बता चुकी है कि रिज़र्व बैंक कभी फोन करके या वॉइसमेल भेजकर किसी का अकाउंट ब्लॉक करने या पैसे ट्रांसफर करने की धमकी नहीं देता। इसलिए, सतर्क रहिए, सही जानकारी रखिए और अपने पैसे-बैंक अकाउंट को इन ठगों से बचाइए। -
नई दिल्ली। सरकार ने शुक्रवार को बड़ा ऐलान किया। सरकार ने कहा कि चारों नए लेबर कोड आज यानी 21 नवंबर से पूरे देश में लागू हो जाएंगे। ये लेबर कोड हैं- वेज कोड (2019), इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड (2020), सोशल सिक्योरिटी कोड (2020) और ऑक्यूपेशनल सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशंस कोड (2020)। इस कदम से पुराने 29 लेबर कानूनों को एक साथ जोड़ दिया गया है, जिससे भारत का लेबर सिस्टम अब नई तरह की नौकरियों और कामकाज के तरीकों के हिसाब से तैयार हो गया है।सरकार के मुताबिक ये सुधार पुराने कानूनों को आधुनिक बनाने, मजदूरों की भलाई को मजबूत करने और ऐसा माहौल बनाने के लिए हैं जिसमें भविष्य के लिए तैयार वर्कफोर्स और मजबूत इंडस्ट्री दोनों बन सकें।
क्यों जरूरी थे ये सुधारभारत के ज्यादातर लेबर कानून 1930 से 1950 के दशक में बने थे, जब अर्थव्यवस्था और काम करने का तरीका बिल्कुल अलग था। PIB की प्रेस रिलीज के मुताबिक, सालों से ये बिखरे हुए कानून कन्फ्यूजन पैदा करते थे, कंप्लायंस मुश्किल था और मजदूरों को मिलने वाली सुरक्षा भी पुरानी हो चुकी थी। दुनिया के बड़े-बड़े देशों ने अपने लेबर सिस्टम को अपडेट कर लिया, लेकिन भारत अभी भी पुराने कानूनों पर चल रहा था। अब चार लेबर कोड लागू करने से ये सालों पुराना गैप भर गया है और औपनिवेशिक काल के ढांचे की जगह एक नया, एकीकृत और आधुनिक लेबर सिस्टम आ गया है।सरकार का कहना है कि नए कोड से मजदूरों को बेहतर सुरक्षा मिलेगी, कंपनियों के लिए नियम आसान होंगे और एक प्रतिस्पर्धी, आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था बनाने में मदद मिलेगी।किन सेक्टरों के मजदूरों को क्या फायदा होगा?फिक्स्ड टर्म एम्प्लॉयी (FTE)फिक्स्ड टर्म वाले कर्मचारियों को अब परमानेंट स्टाफ जितनी ही सुविधाएं मिलेंगी—छुट्टी, मेडिकल, सोशल सिक्योरिटी सबग्रेच्युटी सिर्फ एक साल की सर्विस के बाद मिलेगी, पहले पांच साल लगते थेबराबर काम का बराबर वेतन और कॉन्ट्रैक्ट लेबर का ज्यादा इस्तेमाल रोकने का प्रावधानगिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स-पहली बार ‘गिग वर्क’, ‘प्लेटफॉर्म वर्क’ और ‘एग्रीगेटर’ की परिभाषा कानून में आई-एग्रीगेटर कंपनियां अपनी सालाना कमाई का 12 फीसदी तक (लेकिन गिग वर्कर्स को दी गई पेमेंट का अधिकतम 5 फीसदी) योगदान देंगी-आधार से लिंक यूनिवर्सल अकाउंट नंबर से पूरे देश में सुविधाएं पोर्टेबल हो जाएंगीकॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स-फिक्स्ड टर्म वाले नियम से नौकरी और सोशल सिक्योरिटी बेहतर होगी-एक साल लगातार सर्विस के बाद ग्रेच्युटी मिलेगी-प्रिंसिपल एम्प्लॉयर को सोशल सिक्योरिटी और हेल्थ बेनिफिट देना जरूरी-हर साल मुफ्त हेल्थ चेकअप मिलेगामहिला कर्मचारी-जेंडर के आधार पर भेदभाव कानूनन प्रतिबंधित-एक ही काम के लिए बराबर वेतन पक्का-महिलाएं रात की शिफ्ट में और हर सेक्टर में (अंडरग्राउंड माइनिंग भी) काम कर सकेंगी, बस सहमति और सुरक्षा जरूरी-शिकायत कमेटी में महिलाओं का प्रतिनिधित्व अनिवार्य-परिवार की परिभाषा में सास-ससुर भी शामिल-युवा और नए जॉइन करने वाले कर्मचारीन्यूनतम मजदूरी की गारंटी-अपॉइंटमेंट लेटर देना जरूरी-छुट्टी के दिनों का भी वेतन मिलेगा-केंद्र सरकार फ्लोर वेज तय करेगी-MSME में काम करने वाले मजदूर-सोशल सिक्योरिटी कोड के तहत सभी योग्य कर्मचारी कवर-न्यूनतम मजदूरी, बेसिक सुविधाएं, स्टैंडर्ड वर्किंग आवर्स और डबल ओवरटाइम-वेतन समय पर देना अनिवार्यबीड़ी और सिगार वर्कर्सन्यूनतम मजदूरी पक्कीदिन में 8-12 घंटे और हफ्ते में 48 घंटे से ज्यादा काम नहींओवरटाइम अपनी मर्जी से और डबल रेट परसाल में सिर्फ 30 दिन काम करने पर भी बोनस का हकलेबर कोड में और क्या-क्या नया है?पूरे देश के लिए नेशनल फ्लोर वेज, ताकि न्यूनतम जीने लायक मजदूरी मिलेजेंडर न्यूट्रल मौके, ट्रांसजेंडर लोगों के खिलाफ भेदभाव पर रोकएक लाइसेंस, एक रजिस्ट्रेशन, एक रिटर्न—कंप्लायंस बहुत आसाननेशनल ओएसएच बोर्ड बनेगा जो पूरे देश में एक जैसे सेफ्टी और हेल्थ स्टैंडर्ड बनाएगा500 से ज्यादा कर्मचारियों वाली कंपनियों में सेफ्टी कमेटी जरूरीफैक्ट्री की परिभाषा में कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई गई ताकि छोटी यूनिट्स पर बोझ कम होये नए लेबर कोड आज से पूरे देश में लागू हो चुके हैं। -
नई दिल्ली। देश के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा खास लचीला पदार्थ तैयार किया है जो शरीर की सामान्य हरकतों जैसे दिल की धड़कन, सांस लेना, उंगलियों की हलचल या चलाने से खुद ही बिजली बना सकता है। यह उपलब्धि बेंगलुरु स्थित सेंटर फॉर नैनो एंड सॉफ्ट मैटर साइंसेज सीईएनएस के वैज्ञानिकों ने हासिल की है, जो विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की स्वायत्त संस्था है।
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अनुसार, वैज्ञानिकों ने टंग्स्टन ट्राइऑक्साइड नाम के विशेष नैनो कणों को पीवीडीएफ नाम की लचीली प्लास्टिक सामग्री में मिलाकर एक नया मिश्रित पदार्थ बनाया है, जो दबाव और खिंचाव जैसी गतिविधियों को बिजली में बदलने की क्षमता रखती है। शोध टीम ने इन नैनो कणों को चार अलग-अलग आकारों में तैयार कर जांच की, जिनमें फूल जैसी आकृति वाले कण सबसे प्रभावी पाए गए।इनकी सतह पर अधिक विद्युत आवेश होता है, जिससे ये प्लास्टिक में सबसे अच्छी तरह घुलमिल जाते हैं और ज्यादा बिजली पैदा करते हैं। शोधकर्ताओं ने सिर्फ पदार्थ तैयार नहीं किया, बल्कि यह भी तय किया कि प्लास्टिक में नैनो कणों की कितनी मात्रा रहने से ऊर्जा उत्पादन सबसे ज्यादा होगा। इसके बाद टीम ने इसका उपयोग करके छोटे-छोटे स्वयं ऊर्जा पैदा करने वाले उपकरण भी बनाए और उनका सफल परीक्षण किया।इन उपकरणों ने हल्की से हल्की गतिविधि जैसे उंगली का मोड़ना या टेबल पर हल्की थाप से भी साफ और स्थिर विद्युत संकेत पैदा किए। यह शोध अंतरराष्ट्रीय पत्रिका एसीएस अप्लाइड इलेक्ट्रॉनिक मटेरियल्स में प्रकाशित हुआ है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह तकनीक वास्तविक जीवन में कई क्षेत्रों में बड़ा बदलाव ला सकती है।विशेष रूप से स्वास्थ्य क्षेत्र में, जहां मरीज की दिल की धड़कन, सांस, नाड़ी और चलने जैसी गतिविधियों की लगातार निगरानी बेहद जरूरी होती है, यह तकनीक बिना किसी बाहरी बिजली स्रोत के यह काम कर सकती है। नया पदार्थ स्मार्ट कपड़ों, फिटनेस बैंड़ों, मोशन सेंसरों और चिकित्सा उपकरणों में इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे शरीर में पहने जाने वाले उपकरण का आकार और वजन कम होगा, बैटरी बदलने की जरूरत खत्म होगी और लगातार कामकाज संभव हो सकेगा। इसके अलावा यह तकनीक भविष्य में ऊर्जा बचत और हरकत से ऊर्जा बनाने वाले स्मार्ट वस्त्रों और उपकरणों में भी इस्तेमाल की जा सकेगी। -
नई दिल्ली। भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बीआर गवई 23 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं। इससे पहले उन्होंने शुक्रवार को प्रेसिडेंशियल रेफरेंस पर सुप्रीम कोर्ट की हालिया राय में अपनाई गई ‘स्वदेशी व्याख्या’ पर अपने विचार रखे। उन्होंने बताया कि शीर्ष अदालत ने विदेशी कानूनों की बजाए भारतीय फैसलों और भारतीय न्याय परंपरा को तरजीह दी।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने टिप्पणी की कि अब फैसलों में ‘भारतीयता की नई हवा’ चलने लगी है। इस पर मुख्य न्यायाधीश गवई ने कहा: कल के फैसले में हमने एक भी विदेशी उदाहरण का उपयोग नहीं किया, बल्कि पूरी तरह स्वदेशी व्याख्या पर भरोसा किया। एसजी मेहता ने कहा कि 5-जजों की कॉन्स्टिट्यूशन बेंच ने अमेरिकी और ब्रिटिश सिस्टम को भारत के संवैधानिक ढांचे से बहुत ध्यान से अलग किया है।सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि आपने कहा कि हमारा अपना ज्यूरिस्प्रूडेंस है और जजमेंट ने सिर्फ 110 पेज में सब कुछ जवाब दे दिया। यह एक नई बात है। जजमेंट एक जजमेंट होना चाहिए, न कि लॉ रिव्यू के लिए कोई आर्टिकल। यह बातचीत सुप्रीम कोर्ट के कोर्टरूम नंबर 1 में सेरेमोनियल बेंच प्रोसिडिंग्स के दौरान हुई, जो सीजेआई गवई के रिटायरमेंट से पहले का आखिरी कार्यदिवस था।जस्टिस सूर्यकांत 24 नवंबर को भारत के 53वें चीफ जस्टिस के तौर पर चार्ज लेंगे। उन्होंने जस्टिस गवई की ‘एक हाई स्टैंडर्ड’ सेट करने के लिए तारीफ की और ‘कानून के राज के प्रति उनकी अटूट लगन’ की तारीफ की। जस्टिस गवई ने पहले सुप्रीम कोर्ट के सबसे सीनियर जज को भारत का चीफ जस्टिस (सीजेआई) अपॉइंट करने के पुराने रिवाज के मुताबिक, जस्टिस कांत को अपना सक्सेसर रिकमेंड किया था।कोर्ट में हल्के-फुल्के माहौल था यह खचाखच भरा हुआ था। ऐसे जब एक वकील ने सीजेआई गवई के सम्मान में उन पर फूल बरसाने की कोशिश की, तो कोर्टरूम में हंसी की लहर दौड़ गई। जैसे ही उन्होंने एक पैकेट खोला और पंखुड़ियां बिखेरने की तैयारी की, सीजेआई ने तुरंत दखल दिया, ‘नहीं, नहीं, मत फेंको… इसे किसी को दे दो।’ -
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI), राजमार्ग इंफ्रा इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट को एक सार्वजनिक इनविट के रूप में स्थापित करने के लिए प्रक्रिया चला रहा है। सड़क परिसंपत्तियों के मुद्रीकरण को मज़बूत करने और राष्ट्रीय राजमार्ग अवसंरचना के विकास में निवेश के अवसरों का विस्तार करने की दिशा में इसे एक बड़े कदम के रूप में देखा जा रहा है। राजमार्ग इंफ्रा इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स प्राइवेट लिमिटेड (RIIMPL) का शुभारंभ राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अध्यक्ष संतोष कुमार यादव ने मुंबई में किया।
इस अवसर पर, संतोष कुमार यादव ने कहा, ” राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने परिसंपत्ति मुद्रीकरण में एक मजबूत कीर्तिमान स्थापित किया है। हाल के वर्षों में, हमने टोल-ऑपरेट-ट्रांसफर (टीओटी) मॉडल के माध्यम से 48,995 करोड़ रुपये मूल्य की परिसंपत्तियों का सफलतापूर्वक मुद्रीकरण किया है और निजी इनविट के चार दौरों में लगभग 43,638 करोड़ रुपये जुटाए हैं, इससे प्रमुख घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय निवेशक आकर्षित हुए हैं।उन्होंने कहा कि अगले तीन से पांच वर्षों में, लगभग 1,500 किलोमीटर पूर्ण और चालू राष्ट्रीय राजमार्गों को सार्वजनिक इनविट (सार्वजनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट) में शामिल किया जाएगा। इससे जनता के लिए निवेश के पर्याप्त अवसर खुलेंगे। मुझे विश्वास है कि यह पहल देश में राष्ट्रीय राजमार्ग अवसंरचना के निर्माण में जनभागीदारी का एक नया अध्याय लिखेगी।राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के सदस्य (वित्त), एनआरवीवीएमके राजेंद्र कुमार को निवेश प्रबंधक कंपनी का प्रबंध निदेशक और सीईओ (अतिरिक्त प्रभार) के रूप में नियुक्त किया गया है।राजमार्ग इंफ्रा इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स प्राइवेट लिमिटेड एक सहयोगी उद्यम है। इसमें भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, एनएबीएफआईडी, एक्सिस बैंक, बजाज फिनसर्व वेंचर्स लिमिटेड, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, आईडीबीआई बैंक, इंडसइंड बैंक और यस बैंक सहित प्रमुख बैंकों और वित्तीय संस्थानों की इक्विटी भागीदारी है।इस साझेदारी का उद्देश्य मुख्य रूप से खुदरा और घरेलू निवेशकों को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग परिसंपत्तियों की मुद्रीकरण क्षमता की जानकारी उपलब्ध कराते हुए एक उच्च-गुणवत्ता वाला, दीर्घकालिक निवेश उत्पाद तैयार करना है। -
नयी दिल्ली. पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की पत्नी सुदेश को बृहस्पतिवार को रसोई में गिरने से पीठ में चोट लगने के बाद एम्स के आपातकालीन केंद्र में भर्ती कराया गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सुदेश (70) के साथ वाहन में धनखड़ भी थे।
एक अधिकारी ने बताया, “वह रसोई में गिर गईं और उनकी पीठ में चोट लग गई। डॉक्टर उनका परीक्षण कर रहे हैं।” जुलाई में पद छोड़ने के बाद धनखड़ छतरपुर स्थित एक फार्महाउस में रह रहे हैं। -
नयी दिल्ली. केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बुधवार को बताया कि एनसीडीसी ने पिछले वित्त वर्ष में सहकारी समितियों को 92,500 करोड़ रुपये वितरित किए, जो 2020-21 के स्तर से लगभग चार गुणा अधिक है। शाह यहां राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) की 92वीं आम परिषद की बैठक को संबोधित कर रहे थे।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, शाह ने कहा कि इस मंत्रालय की स्थापना के बाद से सहकारी क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति हुई है। उन्होंने कहा कि एनसीडीसी इस बदलाव का प्रमुख आधार बनकर उभरा है।
शाह ने कहा, सरकार सहकारिता आंदोलन के माध्यम से किसानों, ग्रामीण परिवारों, मछुआरों, छोटे उत्पादकों और उद्यमियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध है और आत्मनिर्भरता की दिशा में देश के प्रयासों में सहकारिता महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।" मंत्री ने बताया कि सहकारी समितियों को सशक्त बनाने और उनके लिए वित्तीय सहायता सुलभ बनाने के लिए स्थापित एनसीडीसी ने अपने कुल संवितरण को बढ़ाकर 2024-25 में 95,200 करोड़ रुपये कर दिया है, जो 2020-21 में 24,700 करोड़ रुपये था। शाह ने कहा कि भारत को विकसित अर्थव्यवस्था बनाने के लिए सहकारिता एक श्रेष्ठ मॉडल है, क्योंकि यह ग्रामीण क्षेत्रों की भागीदारी और आजीविका सुनिश्चित करता है। उन्होंने कहा कि बीते चार साल में एनसीडीसी ने 40 प्रतिशत से अधिक चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर दर्ज की है और 807 करोड़ रुपये का सर्वोच्च शुद्ध लाभ अर्जित किया है। -
आगरा. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बेटे डोनाल्ड ट्रंप जूनियर ने बृहस्पतिवार को यहां आगरा में ताजमहल का दीदार किया और कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच लगभग एक घंटा इस विश्व धरोहर में बिताया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि ट्रंप जूनियर अपराह्न करीब साढ़े तीन बजे ताज महल पहुंचे और परिसर के अंदर डायना बेंच समेत विभिन्न स्थानों पर तस्वीरें खिंचवाईं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि ट्रंप जूनियर ने ताजमहल के इतिहास और निर्माण में गहरी रुचि दिखाई तथा अपने गाइड से इसकी वास्तुकला के बारे में विस्तृत प्रश्न पूछे। गाइड नितिन सिंह इस दौरान ट्रंप जूनियर के साथ थे।
अधिकारियों ने बताया कि सिंह वही गाइड हैं, जिन्होंने 2020 में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यात्रा के दौरान उन्हें यह स्मारक दिखाया था। अमेरिका के राष्ट्रपति के बेटे के इस दौरे के लिए कड़े सुरक्षा बंदोबस्त किए गए थे।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हिफाजत के लिए स्थानीय पुलिस के अलावा, अमेरिकी सुरक्षाकर्मियों को भी तैनात किया गया था। ट्रंप जूनियर के परिसर में प्रवेश करते ही केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था संभाल ली, जिससे स्मारक के अंदर निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित हुई। उन्होंने बताया कि डोनाल्ड ट्रंप जूनियर के आगमन से पहले प्रशासन ने विशेष सफाई अभियान भी चलाया। अधिकारियों ने बताया कि ट्रंप जूनियर उदयपुर में एक हाई-प्रोफाइल डेस्टिनेशन वेडिंग में भी शामिल हो सकते हैं। -
बेंगलुरु. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बुधवार को घोषणा की कि उसने सीई20 क्रायोजेनिक इंजन के ‘बूट-स्ट्रैप मोड स्टार्ट' परीक्षण का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया है, जो प्रक्षेपण यान मार्क 3 (एलवीएम 3) रॉकेट के ऊपरी हिस्से को शक्ति प्रदान करता है। इसरो ने बताया कि यह परीक्षण 7 नवंबर को महेंद्रगिरि स्थित इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स स्थित उच्च-ऊंचाई परीक्षण (एचएटी) केंद्र में निर्वात परिस्थितियों में 10 सेकंड के लिए किया गया। अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार, सीई20 क्रायोजेनिक इंजन उड़ान के दौरान चालू होने पर 19 से 22 टन के बीच के ‘थ्रस्ट' (ऊपर की ओर ले जाने के) स्तर पर संचालन के लिए पहले से ही सक्षम है और इसे गगनयान मिशन में उपयोग के लिए मंजूरी दी गई है। अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि वर्तमान प्रारूप के साथ, प्रत्येक रीस्टार्ट के लिए बाहरी सहायता प्रणालियों की आवश्यकता होती है, जिससे यान की पेलोड क्षमता कम हो जाती है। अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा, ‘‘इसलिए, बूट-स्ट्रैप मोड स्टार्ट प्राप्त करना - जहां इंजन बाहरी सहायता के बिना स्थिर संचालन के लिए तैयार होता है - आवश्यक है।
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बेंगलुरु. बेंगलुरु में बुधवार को कुछ अज्ञात लोगों ने खुद को कथित तौर पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अधिकारी बताकर एटीएम नकदी वैन को रोका और करीब सात करोड़ रुपये लेकर फरार हो गए। पुलिस ने यह जानकारी दी। ऐसा माना जा रहा है कि शहर में संभवत: इस तरह की यह पहली घटना है। जे.पी. नगर में स्थित बैंक शाखा से नकदी लेकर जा रही वैन से लूटपाट अशोक स्तंभ के पास हुई।
पुलिस ने शुरू में कहा था कि अपराधियों ने आयकर अधिकारी होने का दिखावा किया था। कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने कहा कि बेंगलुरू में ऐसी घटना संभवत: पहले कभी नहीं हुई। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि भारत सरकार का स्टिकर लगी एक कार में सवार होकर कुछ लोग आए और दस्तावेजों का सत्यापन करने की बात कहते हुए नकदी ले जा रहे वाहन को रोक लिया। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इसके बाद संदिग्धों ने नकदी लेकर वैन के कर्मचारियों को जबरन अपनी कार में बिठा लिया। अधिकारी ने बताया कि वे कथित तौर पर डेयरी सर्कल की ओर गए, जहां उन्होंने कर्मचारियों को उतार दिया और लगभग सात करोड़ रुपये नकदी लेकर फरार हो गए। उन्होंने कहा कि वाहन का मार्ग पता लगाने तथा इसमें शामिल लोगों की पहचान करने के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। परमेश्वर ने आश्वासन दिया कि अपराधियों को जल्द से जल्द पकड़ लिया जाएगा।
बेंगलुरु शहर के पुलिस आयुक्त सीमांत कुमार सिंह ने मीडिया को बताया कि घटना बुधवार दोपहर सिद्धपुरा थाना क्षेत्र में हुई। उन्होंने कहा कि लगभग सात करोड़ रुपये लूटे जाने की बात बताई जा रही है, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हुई है, क्योंकि कैश वैन के चालक ने सही जानकारी साझा नहीं की है। प्रारंभिक जानकारी का हवाला देते हुए अधिकारी ने कहा कि पैसा सीएमएस कैश वैन से जबरदस्ती एक वाहन में स्थानांतरित कर लिया गया। पुलिस ने बताया कि घटना के संबंध में सीएमएस इनो सिस्टम लिमिटेड के शाखा प्रबंधक की शिकायत के आधार पर भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। -
नयी दिल्ली. केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने पुराने वाहनों के नवीनीकरण शुल्क में वृद्धि के कुछ महीने बाद अब 20 साल से अधिक पुराने मोटर वाहनों का फिटनेस परीक्षण शुल्क बढ़ा दिया है ताकि लोगों को इन्हें रखने से हतोत्साहित किया जा सके। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से 11 नवंबर को जारी की गई नवीनतम अधिसूचना में कहा गया है कि अब वाणिज्यिक वाहनों के लिए फिटनेस परीक्षण शुल्क की नयी दरें 15 साल के बजाय 10 साल से लागू होगीं। मंत्रालय ने फिटनेस परीक्षण के लिए तीन समूह - 10-15 साल, 15-20 साल और 20 साल से ऊपर- बनाए हैं।
अधिसूचना के अनुसार, 20 साल से अधिक पुराने हल्के मोटर वाहनों (एलएमवी) के नवीनीकरण शुल्क को 10,000 रुपये से बढ़ाकर 15,000 रुपये कर दिया गया है। इस अधिसूचना में 20 साल से अधिक पुराने भारी ट्रकों और बसों के फिटनेस परीक्षण शुल्क में भी भारी वृद्धि की गई है। अब उन्हें फिटनेस परीक्षण के लिए 3,500 रुपये के बजाय 25,000 रुपये का भुगतान करना होगा। इसी समूह में मध्यम कमर्शियल वाहनों को अब 20,000 रुपये का भुगतान करना होगा, और 20 साल से अधिक पुराने हल्के मोटर वाहनों का फिटनेस परीक्षण अब 15,000 रुपये में होगा। बीस साल से अधिक पुराने दोपहिया वाहनों के फिटनेस परीक्षण शुल्क में भी वृद्धि की गई है। यह शुल्क पहले 600 रुपये था, अब 2,000 रुपये होगा। परिवहन मंत्रालय ने इस वर्ष अगस्त में एक अधिसूचना में पुराने वाहनों के नवीनीकरण शुल्क में वृद्धि की थी। अगस्त में, उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली-एनसीआर में 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से ज्यादा पुराने पेट्रोल वाहनों के मालिकों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई न करने का आदेश दिया था। -
गुवाहाटी. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने बुधवार को असम और पूर्वोत्तर भारत के युवाओं से अपील की कि वे संगठन के बारे में पूर्वाग्रहों या दुष्प्रचार के आधार पर अपनी राय न बनाएं। भागवत ने अपनी तीन दिवसीय असम यात्रा के अंतिम दिन युवा नेतृत्व सम्मेलन को संबोधित करते हुए आरएसएस के सिद्धांतों, आदर्शों व कार्यप्रणाली पर प्रकाश डाला, साथ ही संगठन के बारे में चल रहे वाद-विवाद और चर्चाओं का जवाब दिया। उन्होंने कहा, “आरएसएस अब सार्वजनिक चर्चाओं का विषय बन गया है, लेकिन ये चर्चाएं तथ्यों पर आधारित होनी चाहिए।” भागवत ने दावा किया कि अंतरराष्ट्रीय मंचों और डिजिटल स्रोतों पर संघ के बारे में 50 प्रतिशत से अधिक जानकारी या तो गलत है या अधूरी है। उन्होंने विभिन्न मीडिया संस्थानों पर आरएसएस के बारे में जानबूझकर गलत सूचना फैलाने का अभियान चलाने का आरोप लगाया। आरएसएस के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार के दृष्टिकोण का जिक्र करते हुए भागवत ने कहा कि संघ का मुख्य उद्देश्य भारत को 'विश्वगुरु' बनाना है। उन्होंने कहा, “राष्ट्र का उत्थान तभी हो सकता है जब समाज का उत्थान हो। एकजुट समाज ही एक प्रगतिशील राष्ट्र का नेतृत्व कर सकता है।” उन्होंने युवाओं से विकसित देशों के इतिहास का अध्ययन करने का आग्रह किया और कहा कि अध्ययन के दौरान वे पाएंगे कि उन्होंने विकास के पहले सौ वर्ष के दौरान समाजों में एकता और गुणात्मक शक्ति कायम करने पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने कहा, "भारतीय समाज को भी इसी तरह विकसित होने की आवश्यकता है और यह विचार आरएसएस के सामाजिक परिवर्तन के पांच प्रमुख सिद्धांतों में परिलक्षित होता है, जो इसके शताब्दी वर्ष के अवसर पर अपनाए गए हैं।" भागवत ने कहा कि एक राष्ट्र के रूप में भारत की महानता भाषाई, क्षेत्रीय व आस्था-आधारित विविधताओं का सम्मान करने और उन्हें स्वीकार करने की उसकी दीर्घकालिक परंपरा में निहित है। विविधता के महत्व पर बात करते हुए उन्होंने कहा पाकिस्तान समेत भारत से अलग होने वालों ने अंततः इन परंपराओं को खो दिया। उन्होंने दावा किया कि हिंदू विविधता का सम्मान करते हैं और ऐसे समाज का निर्माण करना आरएसएस का प्राथमिक उद्देश्य है। उन्होंने कहा, "जब तक भारतीय समाज संगठित और गुणवान नहीं होगा, तब तक देश का भाग्य नहीं बदलेगा।"
भागवत ने कहा कि गुरु नानक और श्रीमंत शंकरदेव जैसे महान आध्यात्मिक गुरू देश की विविधता का पूरा सम्मान करते थे और उन्होंने अपनी शिक्षाओं के माध्यम से एकता के संदेश को बढ़ावा दिया। उन्होंने कहा, "संघ का उद्देश्य जमीनी स्तर पर एक गैर-राजनीतिक और सामाजिक नेतृत्व विकसित करना है। व्यक्तियों के जीवन में बदलाव से समाज में परिवर्तन होता है और जब समाज बदलता है, तो व्यवस्थाएं भी बदलती हैं।" भागवत ने युवाओं को यह अनुभव करने के लिए भी आमंत्रित किया कि कैसे आरएसएस शाखाओं की गतिविधियां व्यक्तियों के गुण और चरित्र को बेहतर बनाने पर केंद्रित होती हैं। बाद में एक संवाद सत्र में भाग लेते हुए भागवत ने कहा कि आरएसएस का मुख्य लक्ष्य एक सशक्त भारत का निर्माण करना है और एक बार देश सशक्त हो जाए, तो शेष भारत के साथ पूर्वोत्तर क्षेत्र को लेकर विभिन्न चिंताएं स्वतः ही समाप्त हो जाएंगी। उन्होंने युवाओं से अपने समय, रुचि, स्थान और क्षमता के अनुसार आरएसएस की गतिविधियों में शामिल होने का भी आह्वान किया। भागवत बृहस्पतिवार को मणिपुर के लिए रवाना होंगे। -
अयोध्या (उप्र) .अयोध्या स्थित श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में आगामी 25 नवंबर को आयोजित होने वाले ध्वजारोहण समारोह की तैयारियां जोरों पर हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बुधवार को बताया कि 25 नवंबर को होने वाले ध्वजारोहण समारोह की जोदार तैयारियां की जा रही हैं और इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी शामिल होंगे। मिश्र ने बताया कि राम बारात और उससे जुड़े कार्यक्रमों में किसी भी तरह की असुविधा न हो इसके लिए व्यवस्थाएं की जा रही हैं। उनके मुताबिक, आगामी 26 नवंबर को बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को बिना किसी परेशानी के दर्शन की सुविधा उपलब्ध कराने के लिये रामलला का गर्भगृह 16 घंटे से ज्यादा समय तक खुला रहेगा। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी कर्मचारियों को तीर्थयात्रियों के साथ व्यवस्थित और विनम्र व्यवहार सुनिश्चित करने के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण देने के निर्देश दिये हैं। मिश्र ने राम मंदिर पर ध्वजारोहण की तैयारियों के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि मुख्य मंदिर के शिखर पर ध्वज लगाने के लिए तकनीकी और हस्तगत दोनों ही प्रणालियों को सुदृढ़ किया गया है। उनके मुताबिक, परिसर के सातों मंदिरों के ध्वज त्रिकोणीय होंगे और उन पर केवल 'ओम' का चिह्न होगा और वे मुख्य मंदिर के ध्वज से छोटे होंगे। उन्होंने बताया कि ध्वजारोहण के दो सफल परीक्षण पहले ही पूरे हो चुके हैं तथा सभी मंदिरों के शिखरों पर लगे ध्वज स्थायी रहेंगे और उन्हें वर्ष में केवल एक या दो बार ही बदलने के लिए उतारा जाएगा। मिश्र ने बताया कि जिन प्रमुख व्यक्तियों को जनवरी 2024 में मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान शामिल नहीं किया जा सका था, उन्हें ध्वजारोहण कार्यक्रम में आमंत्रित किया जाएगा।
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नयी दिल्ली. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बृहस्पतिवार से छत्तीसगढ़, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के तीन दिवसीय दौरे पर होंगी। राष्ट्रपति कार्यालय ने यह जानकारी दी। मुर्मू बृहस्पतिवार को अंबिकापुर में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा आयोजित जनजातीय गौरव दिवस समारोह में शामिल होंगी। राष्ट्रपति सचिवालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, 21 नवंबर को वह तेलंगाना के सिकंदराबाद के बोलारम में ‘राष्ट्रपति निलयम' में भारतीय कला महोत्सव 2025 का उद्घाटन करेंगी। भारतीय कला महोत्सव के दूसरे संस्करण में गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, गोवा, दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव की समृद्ध सांस्कृतिक, पाककला और कलात्मक परंपराओं को प्रदर्शित किया जाएगा। बयान में कहा गया, "22 नवंबर को राष्ट्रपति प्रशांति निलयम, पुट्टपर्थी में श्री सत्य साईं बाबा के शताब्दी समारोह के उपलक्ष्य में विशेष सत्र में भाग लेंगी।"
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कोयंबटूर. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि भारत जैविक खेती का वैश्विक केन्द्र बनने की राह पर है और उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह देश की स्वदेशी और पारंपरिक पद्धति है। बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की शानदार जीत के बाद मोदी ने अपने यहां आगमन पर लोगों द्वारा गमछा लहराने का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसा लग रहा था कि ‘‘बिहार की हवाएं'' उनसे पहले ही तमिलनाडु में आ गई हों। तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) अगले साल विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के नेतृत्व वाले गठबंधन से मुकाबला करेगा। विपक्षी गठबंधन एम के स्टालिन के नेतृत्व वाली सरकार को सत्ता से हटाने के लिए प्रयास कर रहा है। दक्षिण भारत प्राकृतिक कृषि शिखर सम्मेलन 2025 और एक प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने नौ करोड़ किसानों को सहायता देने के लिए पीएम-किसान योजना की 21वीं किस्त जारी की। इस किस्त की कुल राशि 18,000 करोड़ रुपये से अधिक है। सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के अत्यधिक इस्तेमाल से मिट्टी की उर्वरता में कमी आई है और जैविक खेती को पूरी तरह से समर्थन दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि फसल विविधीकरण और जैविक खेती मृदा संबंधी समस्याओं का समाधान है। उन्होंने कहा कि साथ ही जैविक खेती जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने में भी मदद करती है।
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पुट्टपर्थी (आंध्र प्रदेश). प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को आध्यात्मिक गुरु श्री सत्य साई बाबा को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनकी शिक्षाएं और सेवा दुनिया भर में लाखों अनुयायियों का मार्गदर्शन करती रहेंगी। मोदी ने सत्य साई बाबा के जन्म शताब्दी समारोह में उनकी स्मृति में एक सिक्का और डाक टिकटों का एक सेट भी जारी किया। मोदी ने कहा, "श्री सत्य साई बाबा का शताब्दी समारोह महज एक उत्सव नहीं, बल्कि एक दिव्य वरदान है। यद्यपि साई बाबा भौतिक रूप से हमारे बीच नहीं हैं, फिर भी उनका प्रेम और सेवा भावना करोड़ों लोगों के लिए मार्गदर्शक शक्ति है।" उन्होंने कहा कि 140 देशों में "सत्य साई बाबा के लाखों भक्तों को नई रोशनी, दिशा मिल रही है और वे आगे बढ़ रहे हैं।" उन्होंने कहा कि श्री सत्य साई बाबा ने सेवा को मानव जीवन के केन्द्र में रखा।
मोदी ने कहा कि आध्यात्मिक गुरु की जन्म शताब्दी सार्वभौमिक प्रेम, शांति और सेवा का उत्सव बन गई है।
प्रधानमंत्री ने कहा, "हमारी सभी विविध आध्यात्मिक और दार्शनिक परंपराएं अंततः एक ही विचार की ओर ले जाती हैं, चाहे कोई भक्ति, ज्ञान या कर्म के मार्ग पर चले।" गरीबों के कल्याण के लिए अपनी सरकार की विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि अब उन पर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर चर्चा हो रही है। इसके अलावा, 'लोकल फॉर वोकल' पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि इससे देश को 'विकसित भारत' बनने में मदद मिलेगी। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू, उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण, पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर, अभिनेत्री ऐश्वर्या राय बच्चन, श्री सत्य साई सेंट्रल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी आर जे रत्नाकर और अन्य ने भाग लिया। समारोह के तहत मोदी ने यहां सत्य साई बाबा की महासमाधि पर उन्हें श्रद्धांजलि भी दी। -
कोयंबटूर (तमिलनाडु). प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार को प्राकृतिक कृषि शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करने के लिए यहां पहुंचे और उनका भव्य स्वागत किया गया। अपने आगमन के बाद प्रधानमंत्री ने एक रोड शो किया और लोग तथा पार्टी कार्यकर्ता उनके स्वागत के लिए सड़क के दोनों ओर खड़े थे। उनके स्वागत में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए और लोगों ने प्रधानमंत्री के वाहन पर पुष्प वर्षा की।
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नई दिल्ली। मणिपुर में जातीय हिंसा के बीच सुरक्षाबलों ने पिछले 48 घंटों में जोरदार कार्रवाई की है। असम राइफल्स ने स्थानीय पुलिस के साथ संयुक्त अभियान चलाकर तीन प्रतिबंधित उग्रवादी संगठनों के सक्रिय कैडरों को गिरफ्तार किया और हथियारों-गोला-बारूद का भारी जखीरा बरामद किया है।
रविवार को इंफाल वेस्ट जिले के मोइरांग पोक क्षेत्र में असम राइफल्स और इंफाल वेस्ट पुलिस कमांडो ने संयुक्त ऑपरेशन में यूएनएलएफ (पाम्बेई गुट) के एक सक्रिय कैडर को पकड़ा। उसके पास से एक आईफोन 12 प्रो, सिम कार्ड और आधार कार्ड बरामद हुआ। आरोपी को पटसोई पुलिस स्टेशन सौंप दिया गया।उसी दिन क्वाकेथेल क्षेत्र में असम राइफल्स, इंफाल वेस्ट पुलिस और थौबल कमांडो की संयुक्त टीम ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के एक वरिष्ठ कैडर को दबोच लिया। यह अब तक की सबसे बड़ी बरामदगी में से एक थी। बरामद सामान में एक एम-16 राइफल, आठ एलआर राइफल, एक .303 लाइट मशीन गन, दो .303 राइफल, 199 राउंड कार्बाइन गोली, 30 राउंड एसएलआर गोली, 52 मैगजीन, तीन मोटर बम, अन्य जंगी सामान और एक स्मार्टफोन शामिल हैं।इसी दिन लैरेनसाजिक इलाके में असम राइफल्स और पुलिस कमांडो ने पीआरईपीएके (प्रोग्रेसिव) के एक सक्रिय कैडर को गिरफ्तार किया। उसके कब्जे से एक स्मार्टफोन और दो सिम कार्ड बरामद हुए। उसे लामसांग पुलिस स्टेशन के हवाले कर दिया गया।इससे एक दिन पहले 15 नवंबर, शनिवार को न्गाइरांगबाम क्षेत्र में असम राइफल्स और इम्फाल वेस्ट पुलिस कमांडो ने एक संदिग्ध विद्रोही ठिकाने पर छापा मारा। वहां से एक सिंगल-बैरल गन, एक बोल्ट-एक्शन राइफल, पांच 9एमएम पिस्टल, 60 जिंदा कारतूस, पांच हैंड ग्रेनेड, दो देसी बम, दो बाओ फेंग वॉकी-टॉकी सेट, एक मोटोरोला हैंडसेट और अन्य युद्ध सामग्री बरामद की गई। सारा सामान पटसोई पुलिस को सौंपा गया।असम राइफल्स ने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल पर इन सभी कार्रवाइयों की जानकारी साझा करते हुए लिखा कि मणिपुर में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं।सुरक्षा बलों के अधिकारियों ने बताया कि पिछले कुछ महीनों में उग्रवादी संगठनों ने फिर से हथियार उठाने की कोशिश की थी। ये लगातार सफलता इस बात का संकेत हैं कि सुरक्षा बल राज्य में कानून-व्यवस्था पूरी तरह काबू में रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। - चंडीगढ़। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने इस वर्ष हेरोइन और हथियारों की तस्करी के लिए पाकिस्तान से आए 255 ड्रोन को मार गिराया। सीमा सुरक्षा बल (पंजाब फ्रंटियर) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को कहा कि बीएसएफ ने आगामी कोहरे के मौसम को देखते हुए सीमा पार से तस्करी की गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए निगरानी बढ़ा दी है। अमृतसर में संवाददाताओं के साथ बातचीत में बीएसएफ के महानिरीक्षक अतुल फुलजेले ने कहा कि कोहरे के मौसम में दृश्यता कम हो जाती है, जिसका फायदा तस्कर ड्रोन के जरिए उठा सकते हैं। फुलजेले ने कहा, ‘‘हमने इस समस्या के समाधान के लिए आवश्यक प्रबंध कर लिए हैं। कोहरे के दौरान विशेष निगरानी उपकरणों का उपयोग किया जाएगा और हम नदी क्षेत्रों की कड़ी निगरानी बनाए रखेंगे, जिससे हमारी समग्र निगरानी व्यवस्था सुदृढ़ होगी।
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नयी दिल्ली/ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि ब्रिटिश काल में थॉमस मैकाले ने भारत की सांस्कृतिक नींव को उखाड़ फेंकने के लिए एक अभियान शुरू किया था, लेकिन अब भारतीयों को उसके द्वारा पैदा की गई गुलामी की मानसिकता से देश को मुक्त कराने का संकल्प लेना चाहिए। मोदी ने छठा रामनाथ गोयनका व्याख्यान देते हुए कहा कि भारत की सांस्कृतिक और शैक्षिक नींव के खिलाफ मैकाले द्वारा किए गए अपराध को 2035 में 200 वर्ष पूरे हो जाएंगे। मोदी ने कहा, ‘‘मैं पूरे देश से अपील करना चाहता हूं कि अगले दशक में, हमें मैकाले द्वारा भारत पर थोपी गई गुलामी की मानसिकता से खुद को मुक्त करने का संकल्प लेना होगा। आने वाले 10 साल बेहद महत्वपूर्ण हैं।''
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब कोई राष्ट्र स्वयं का सम्मान करने में विफल रहता है, तो वह ‘मेड इन इंडिया' विनिर्माण ढांचे समेत अपने स्वदेशी पारिस्थितिकी तंत्र को अस्वीकार कर देता है। पर्यटन का उदाहरण देते हुए मोदी ने कहा कि हर देश में लोग अपनी ऐतिहासिक विरासत पर गर्व करते हैं, जबकि आजादी के बाद भारत में अपनी ही विरासत को नकारने के प्रयास हुए। उन्होंने कहा, विरासत पर गर्व के बिना, उसके संरक्षण की कोई प्रेरणा नहीं मिलती है और संरक्षण के बिना, ऐसी विरासत ईंट-पत्थर के खंडहर मात्र बनकर रह जाती है। अपनी विरासत पर गर्व करना पर्यटन के विकास के लिए एक पूर्वापेक्षा है।'' स्थानीय भाषाओं के मुद्दे पर, मोदी ने आश्चर्य व्यक्त किया कि ऐसा कौन सा देश है जिसने अपनी भाषाओं का अनादर किया हो।
प्रधानमंत्री ने कहा, जापान, चीन और दक्षिण कोरिया जैसे देशों ने कई पश्चिमी पद्धतियों को अपनाया, लेकिन अपनी मूल भाषाओं से कभी समझौता नहीं किया। यही कारण है कि नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) स्थानीय भाषाओं में शिक्षा पर विशेष ज़ोर देती है।'' उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार अंग्रेज़ी भाषा के विरोध में नहीं है, बल्कि भारतीय भाषाओं का दृढ़ता से समर्थन करती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैकाले ने भारत का आत्मविश्वास तोड़ा और हीनता की भावना पैदा की।
मोदी ने कहा, यही वह घड़ी थी जब इस धारणा के बीज बोए गए कि प्रगति और महानता केवल विदेशी तरीकों से ही प्राप्त की जा सकती है।'' उन्होंने कहा कि आज़ादी के बाद यह मानसिकता और भी गहरी हो गई। मोदी ने कहा, भारत की शिक्षा, अर्थव्यवस्था और सामाजिक आकांक्षाएं तेज़ी से विदेशी मॉडलों के अनुरूप होती गईं। स्वदेशी प्रणालियों पर गर्व कम होता गया और महात्मा गांधी द्वारा रखी गई स्वदेशी नींव को काफ़ी हद तक भुला दिया गया। शासन के मॉडल विदेशों में खोजे जाने लगे और नवाचार की तलाश विदेशी धरती पर की जाने लगी।'' प्रधानमंत्री ने कहा कि मैकाले द्वारा शुरू की गई बुराइयों और सामाजिक दुष्प्रवृत्तियों को आगामी दशक में समाप्त किया जाना चाहिए। -
फरीदाबाद(हरियाणा). केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी से सटे हरियाणा के फरीदाबाद में आयोजित उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की 32वीं बैठक की अध्यक्षता की और क्षेत्र के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की। उत्तरी क्षेत्रीय परिषद में हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, राजस्थान राज्य और दिल्ली, जम्मू कश्मीर, लद्दाख एवं चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी (हरियाणा), सुखविंदर सिंह सुक्खू (हिमाचल प्रदेश), भगवंत मान (पंजाब), भजनलाल शर्मा (राजस्थान), रेखा गुप्ता (दिल्ली), उमर अब्दुल्ला (जम्मू-कश्मीर), पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (जम्मू-कश्मीर) और वीके सक्सेना (दिल्ली) ने बैठक में हिस्सा लिया। उन्होंने बताया कि बैठक में शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी, बिजली, महिलाओं और बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों के मामलों की त्वरित जांच जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई। अधिकारियों ने बताया कि बैठक की शुरुआत में लाल किले के पास 10 नवंबर को हुए कार धमाके में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए एक मिनट का मौन रखा गया। उन्होंने बताया कि बैठक में केंद्र, राज्य सरकारों और केन्द्र शासित प्रदेशों के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए। एक अधिकारी ने बताया कि क्षेत्रीय परिषदें केंद्र और सदस्य राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के बीच, सदस्य राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के बीच तथा क्षेत्र के भीतर मुद्दों और विवादों को सुलझाने और उनमें प्रगति के लिए एक उत्कृष्ट मंच प्रदान करती हैं। उन्होंने बताया कि क्षेत्रीय परिषद की बैठक में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों के मामलों की त्वरित जांच और उनके त्वरित निस्तारण के लिए फास्ट ट्रैक विशेष अदालतों (एफटीएससी) के कार्यान्वयन सहित राष्ट्रीय महत्व के व्यापक मुद्दों पर चर्चा की गई। उत्तरी क्षेत्रीय परिषद राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 की धारा 15 से 22 के तहत स्थापित पांच क्षेत्रीय परिषदों में से एक है। केंद्रीय गृह मंत्री उत्तरी क्षेत्रीय परिषद के पदेन अध्यक्ष होते हैं। एक सदस्य राज्य का मुख्यमंत्री (प्रत्येक वर्ष बारी-बारी से) उपाध्यक्ष के रूप में कार्य करता है। प्रत्येक सदस्य राज्य का राज्यपाल दो मंत्रियों को परिषद के सदस्य के रूप में नामित करता है। प्रत्येक क्षेत्रीय परिषद ने मुख्य सचिव स्तर पर एक स्थायी समिति भी गठित की है। प्रक्रिया के तहत राज्यों द्वारा प्रस्तावित मुद्दों को पहले संबंधित क्षेत्रीय परिषद की स्थायी समिति के समक्ष विचार के लिए प्रस्तुत किया जाता है। स्थायी समिति द्वारा विचार-विमर्श किये जाने के बाद, शेष मुद्दों को आगे के मंथन के लिए क्षेत्रीय परिषद की बैठक में प्रस्तुत किया जाता है। अधिकारी ने बताया कि क्षेत्रीय परिषदों की भूमिका परामर्शक होती है। उन्होंने बताया लेकिन पिछले कुछ वर्षों में, ये परिषदें विभिन्न क्षेत्रों में आपसी समझ और सहयोग के स्वस्थ संबंधों को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण कारक साबित हुई हैं।
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सबरीमला (केरल). मलयालम माह ‘वृश्चिकम' के प्रथम दिन सोमवार को सैकड़ों श्रद्धालु यहां स्थित भगवान अयप्पा मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे। यह महीना वार्षिक मंडलम-मकरविलक्कु तीर्थयात्रा सत्र की शुरुआत का प्रतीक है। पारंपरिक रूप से काले परिधान पहने और सिर पर ‘इरुमुदिकेट्टू' (पवित्र गठरी) लिए तीर्थयात्री भगवान अयप्पा की पूजा-अर्चना के लिए घंटों कतार में खड़े रहे। जैसे ही नवनियुक्त ‘मेलसंथी' (मुख्य पुजारी) ई. डी. प्रसाद नंबूदरी ने मंदिर के कपाट खोले, श्रद्धालुओं ने एक स्वर में भगवान अयप्पा की स्तुति की। त्रावणकोर देवस्वओम बोर्ड (टीडीबी) ने एक बयान में बताया कि मंदिर ‘तंत्री' कांतारारू महेश मोहनारू की उपस्थिति में खोला गया। टीडीबी के अधिकारियों ने बताया कि सुबह से ही दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ है।
बयान में कहा गया कि मंदिर के खुलने के समय देवस्वओम बोर्ड के सचिव पी. एन. गणेश्वरन पोट्टी, सबरीमला के कार्यकारी अधिकारी ओ. जी. बीजू और अन्य लोग मौजूद थे। तड़के तीन बजे जब मंदिर खुला, तो ‘नदपंडाल' (पथ) और ‘सोपानम' (पवित्र सीढ़ियां) पर भक्तों की लंबी कतारें देखी गईं। गर्भगृह के खुलने के बाद निर्माल्य अभिषेकम्, गणपति होमम् और नेय्याभिषेकम् जैसे अनुष्ठान किए गए। टीडीबी प्राधिकारियों ने बताया कि मंदिर अपराह्न एक बजे बंद होने के बाद अपराह्न तीन बजे फिर से खुलेगा और अंत में रात 11 बजे भगवान अयप्पा की लोरी ‘हरिवरसनम' के साथ बंद होगा। वार्षिक मंडलम-मकरविलक्कु तीर्थयात्रा सत्र दो महीने से अधिक समय तक चलेगा। टीडीबी ने कहा कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए तीर्थयात्रियों की दैनिक संख्या 90,000 तक सीमित कर दी गई है। -
नयी दिल्ली. प्रस्तावित भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) का पहला चरण लगभग पूरा होने वाला है और इसमें अमेरिकी बाजार पहुंच संबंधी मुद्दों के अलावा भारतीय वस्तुओं पर डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए गए 50 प्रतिशत के भारी शुल्क का समाधान भी शामिल होगा। एक सरकारी अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। अमेरिका ने भारत पर 25 शुल्क और रूसी कच्चे तेल की खरीद पर अमेरिकी बाजार में प्रवेश करने वाली भारतीय वस्तुओं पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क लगाया है। अधिकारी ने कहा, ‘‘हम द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर अमेरिका के साथ बातचीत कर रहे हैं। इसके दो चरण हैं। एक चरण की बातचीत में समय लगेगा। दूसरा चरण एक पैकेज है जो शुल्कों को संबोधित कर सकता है। हम दोनों पहलुओं पर काम कर रहे हैं। शुल्कों को संबोधित करने वाला पैकेज लगभग पूरा होने के करीब है और हमें इसे जल्द ही प्राप्त हो जाना चाहिए।'' अधिकारी ने कहा कि इस समझौते से भारत पर 25 प्रतिशत जुर्माने के मुद्दे का समाधान होने की उम्मीद है, अन्यथा इस समझौते का कोई मतलब नहीं होगा। बीटीए में कई चरण हैं और यह पहला चरण शुल्क संबंधी मुद्दों को हल करेगा।
समझौते की घोषणा दोनों देशों की सहमति से तय तारीख पर की जाएगी। भारत की सरकारी पेट्रोलियम कंपनियों द्वारा 2026 में अमेरिका से रसोई गैस (एलपीजी) आयात करने के लिए एक साल के समझौते पर हस्ताक्षर करने के मुद्दे पर अधिकारी ने कहा, ‘‘इस पर लंबे समय से काम चल रहा था। यह अमेरिका के साथ व्यापार को बनाए रखने के समग्र संदर्भ में है। यह किसी वार्ता पैकेज का हिस्सा नहीं है, लेकिन निश्चित रूप से अमेरिका के साथ व्यापार को संतुलित करने के हमारे प्रयास का हिस्सा है। -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को 16वें वित्त आयोग के सदस्यों के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया ने किया। इससे पहले दिन में, डॉ. पनगढ़िया के नेतृत्व वाले 16वें वित्त आयोग ने 2026-31 की अवधि के लिए अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपी।
सरकार द्वारा 31 दिसंबर, 2023 को 16वें वित्त आयोग का गठन किया गया था, जिसके अध्यक्ष नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ. पनगढ़िया थे। आयोग में चार सदस्य हैं और सचिव ऋत्विक पांडे, दो संयुक्त सचिव और एक आर्थिक सलाहकार इसका समर्थन करते हैं। रिपोर्ट मूल रूप से 31 अक्टूबर तक देनी थी। बाद में सरकार ने आयोग का कार्यकाल एक महीने बढ़ाकर 30 नवंबर तक कर दिया।राष्ट्रपति भवन ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया के नेतृत्व में सदस्यों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और 2026-31 के लिए आयोग की रिपोर्ट सौंपी।” 16वें वित्त आयोग की सिफारिशें 1 अप्रैल, 2026 से शुरू होने वाली पांच साल की अवधि के लिए केंद्र और राज्यों के बीच करों के वितरण से संबंधित हैं। -
नई दिल्ली। बिहार में नवनिर्वाचित विधायक नए आवास में रहेंगे। भवन निर्माण विभाग द्वारा पटना में विधायक एवं विधान पार्षद आवास परिसर में नवनिर्वाचित विधायकों के आवासन के लिए लगभग 44.41 एकड़ भूखंड में 246 आवासों का निर्माण किया गया है। विधायकों के लिए विभिन्न चरणों में आवासीय परिसर को तैयार किया गया है।
नए परिसर में जरूरी कार्यों को पूर्ण कर लिया गया है। बताया गया कि प्रत्येक आवास का निर्माण क्षेत्रफल लगभग 3693 वर्गफीट है। आवास परिसर में विधायकों के आवासन के अलावा एमएलए हॉस्टल, कैंटीन, कम्युनिटी सेंटर आदि की भी सुविधाएं रहेंगी। भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि द्वारा बताया गया कि विधायकों के लिए 246 आवासों का निर्माण किया गया है। आवासों को विधानसभा क्षेत्र के अनुसार आवंटित किया जाएगा, जिस पर निर्वाचन क्षेत्र संख्या और विधानसभा सभा क्षेत्र का नाम लिखा हुआ है।आवास के निर्माण होने से विधायकों को कई तरह की सुविधाएं मिलेंगी। क्षेत्रीय जनता के साथ संपर्क स्थापित करने में पहले से आसानी होगी। आम लोगों से मिलकर उनकी समस्याओं को सुन सकेंगे। इसके अलावा कार्यालय के कार्यों में भी सहूलियत होगी। उन्होंने कहा कि आवासन परिसर को जीरो डिस्चार्ज की अवधारणा को ध्यान में रखकर निर्माण किया गया है।सीवेज डिस्चार्ज को ट्रीटमेंट के बाद बागवानी के लिए पानी का उपयोग किया जाएगा। वर्षा जल संचयन की भी व्यवस्था है। इसके अलावा, बिजली बचत के लिए एलईडी स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था की गई है। परिसर को सुंदर एवं मनमोहक बनाने के लिए परिसर की सड़कों के किनारे तथा कॉमन स्थलों पर चम्पा, गुलमोहर, महोगनी आदि के पौधे लगाए गए हैं।


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