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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को खगोल विज्ञान और खगोल भौतिकी पर 18वें अंतरराष्ट्रीय ओलंपियाड को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने परंपरा और इनोवेशन के संगम को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि भारत रिसर्च के क्षेत्र में अरबों डॉलर का निवेश कर रहा है।
64 देशों के 300 से ज्यादा सितारों से जुड़ना मेरे लिए खुशी की बातउन्होंने भारत के ऐतिहासिक योगदान को याद किया। 18वें अंतरराष्ट्रीय ओलंपियाड को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “64 देशों के 300 से ज्यादा सितारों से जुड़ना मेरे लिए खुशी की बात है। भारत एक ऐसा देश है जहां परंपरा और नवाचार साथ चलते हैं, जहां आध्यात्म और विज्ञान मिलते हैं और जहां जिज्ञासा रचनात्मकता से मिलती है। भारत सदियों से आकाश का अध्ययन करता रहा है और बड़े सवालों के जवाब तलाशता रहा है।”5वीं शताब्दी में आर्यभट्ट ने ‘शून्य’ की खोज की थीउन्होंने 5वीं शताब्दी के गणितज्ञ और खगोलशास्त्री आर्यभट्ट के काम का उल्लेख करते हुए कहा, “उदाहरण के लिए, 5वीं शताब्दी में आर्यभट्ट ने ‘शून्य’ की खोज की थी। उन्होंने सबसे पहले कहा था कि पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमती है। वाकई में, उन्होंने शून्य से शुरू किया और इतिहास बना दिया।”पुणे में हमारा जायंट मीटरवेव रेडियो टेलीस्कोप दुनिया के सबसे संवेदनशील टेलीस्कोपों में से एक हैउन्होंने भारत की आधुनिक उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए लद्दाख में 4,500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित विश्व की सबसे ऊंची खगोलीय वेधशालाओं में से एक का जिक्र किया। उन्होंने कहा, “आज हम लद्दाख में दुनिया की सबसे ऊंची खगोलीय वेधशालाओं में से एक की मेजबानी कर रहे हैं। समुद्र तल से 4,500 मीटर की ऊंचाई पर यह तारों के इतना करीब है कि मानो उनसे हाथ मिला सके। पुणे में हमारा जायंट मीटरवेव रेडियो टेलीस्कोप दुनिया के सबसे संवेदनशील टेलीस्कोपों में से एक है। यह पल्सर, क्वासर और आकाशगंगाओं के रहस्यों को समझने में हमारी मदद कर रहा है।”भारत गर्व के साथ स्क्वायर किलोमीटर ऐरे और एलआईजीओ-भारत जैसी वैश्विक मेगा-विज्ञान परियोजनाओं में योगदान दे रहा हैप्रधानमंत्री ने कहा, “भारत गर्व के साथ स्क्वायर किलोमीटर ऐरे और एलआईजीओ-भारत जैसी वैश्विक मेगा-विज्ञान परियोजनाओं में योगदान दे रहा है। दो साल पहले, हमारे चंद्रयान-3 ने इतिहास रचा। हम चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सफलतापूर्वक उतरने वाले पहले देश बने। हमने आदित्य-एल1 सौर वेधशाला के साथ सूर्य पर भी नजरें गड़ाई हैं, जो सौर ज्वालाओं, तूफानों और सूर्य के मिजाज पर नजर रखता है। पिछले महीने ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए अपना ऐतिहासिक मिशन पूरा किया। यह सभी भारतीयों के लिए गर्व का क्षण था और आप सभी जैसे युवा खोजकर्ताओं के लिए प्रेरणादायी है।”भारत वैज्ञानिक जिज्ञासा को बढ़ावा देने और युवा दिमागों को सशक्त बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्धउन्होंने कहा, “भारत वैज्ञानिक जिज्ञासा को बढ़ावा देने और युवा दिमागों को सशक्त बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। अटल टिंकरिंग लैब्स में 1 करोड़ से अधिक छात्र प्रयोगों के माध्यम से एसटीईएम अवधारणाओं को समझ रहे हैं, जिससे सीखने और इनोवेशन की संस्कृति बन रही है। ज्ञान को सुलभ बनाने के लिए हमने ‘वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन’ योजना शुरू की है, जो लाखों छात्रों और शोधकर्ताओं को प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं तक मुफ्त पहुंच प्रदान करती है।हम दुनिया भर के आप जैसे युवा दिमागों को भारत में अध्ययन, शोध और सहयोग के लिए आमंत्रित करते हैंआपको यह जानकर खुशी होगी कि भारत एसटीईएम क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी में अग्रणी है। विभिन्न पहलों के तहत अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र में अरबों डॉलर का निवेश किया जा रहा है। हम दुनिया भर के आप जैसे युवा दिमागों को भारत में अध्ययन, शोध और सहयोग के लिए आमंत्रित करते हैं। कौन जानता है, अगला बड़ा वैज्ञानिक खोज शायद ऐसे सहयोग से ही हो। - नई दिल्ली। संसद में मंगलवार को दी गई जानकारी के अनुसार, सरकार अभी भी वाशिंगटन के साथ भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) पर चर्चा में शामिल है, जिसका उद्देश्य टैरिफ स्थिरता और दीर्घकालिक व्यापार पूर्वानुमान के माध्यम से व्यापार और निवेश का विस्तार करना है।भारत से अमेरिका को निर्यात की जाने वाली कुछ वस्तुओं पर 7 अगस्त से 25 प्रतिशत की दर से रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया गया हैभारत से अमेरिका को निर्यात की जाने वाली कुछ वस्तुओं पर 7 अगस्त से 25 प्रतिशत की दर से रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया गया है। अनुमान है कि अमेरिका को भारत के कुल व्यापारिक निर्यात का लगभग 55 प्रतिशत इस रेसिप्रोकल टैरिफ के अधीन है।अभी तक अमेरिका को भारतीय निर्यात पर फार्मास्यूटिकल्स और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों में कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगाया गया हैइसके अलावा, वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि 27 अगस्त, 2025 से भारत से निर्यात की जाने वाली कुछ वस्तुओं पर 25 प्रतिशत की एडिशनल शुल्क दर लागू की गई है। उन्होंने आगे कहा, “अभी तक अमेरिका को भारतीय निर्यात पर फार्मास्यूटिकल्स और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों में कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगाया गया है।”सरकार, अमेरिका के रेसिप्रोकल टैरिफ के प्रभाव का आकलन करने के लिए निर्यातकों व उद्योग समेत सभी हितधारकों से बातचीत कर रही हैराज्य मंत्री के अनुसार, उत्पाद विभेदीकरण, मांग, गुणवत्ता और कॉन्ट्रैक्चुअल अरेंजमेंट जैसे विभिन्न कारकों का संयोजन, कपड़ा क्षेत्र सहित भारत के निर्यात पर रेसिप्रोकल टैरिफ के प्रभाव को निर्धारित करेगा। राज्य मंत्री ने जोर देकर कहा, “सरकार अमेरिका द्वारा लगाए गए रेसिप्रोकल टैरिफ के प्रभाव के आकलन पर प्रतिक्रिया लेने के लिए निर्यातकों और उद्योग सहित सभी हितधारकों के साथ बातचीत कर रही है। सरकार किसानों, श्रमिकों, उद्यमियों, निर्यातकों, एमएसएमई और उद्योग के सभी वर्गों के कल्याण की रक्षा और संवर्धन को सर्वोच्च महत्व देती है।”भारत-अमेरिका व्यापार समझौता वार्ता मार्च 2025 में शुरू की गई थीभारत-अमेरिका व्यापार समझौता वार्ता मार्च 2025 में शुरू की गई थी। वार्ता के पांच दौर हो चुके हैं, जिनमें से अंतिम 14-18 जुलाई को वाशिंगटन, डीसी में हुआ था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा की गई नवीनतम शुल्क कार्रवाई को अनफेयर, अनजस्टिफाइड और अनरीजनेबल बताया गया है।भारत के 1.4 अरब लोगों की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के समग्र उद्देश्य से किए जाते हैंसरकार ने एक बयान में कहा था, “हमने इन मुद्दों पर अपनी स्थिति पहले ही स्पष्ट कर दी है, जिसमें यह तथ्य भी शामिल है कि हमारे आयात बाजार के कारकों पर आधारित हैं और भारत के 1.4 अरब लोगों की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के समग्र उद्देश्य से किए जाते हैं।” बयान के अनुसार, “इसलिए, यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि अमेरिका ने भारत पर उन कदमों के लिए अतिरिक्त शुल्क लगाने का विकल्प चुना है जो कई अन्य देश भी अपने राष्ट्रीय हित में उठा रहे हैं।”
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नई दिल्ली। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने देश के एथनॉल ब्लेंडिंग प्रोग्राम पर उठ रही चिंताओं का आज मंगलवार को जवाब देते हुए स्पष्ट किया है कि 20 प्रतिशत एथनॉल मिश्रित पेट्रोल (E-20) वाहन की माइलेज या आयु पर कोई बड़ा नकारात्मक असर नहीं डालता। मंत्रालय ने कहा कि एथनॉल जैसे बायोफ्यूल भारत के स्वच्छ ऊर्जा की ओर बदलाव में अहम हैं और यह 2070 तक नेट जीरो लक्ष्य हासिल करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
नीति आयोग (NITI Aayog) के एक अध्ययन के अनुसार, गन्ने से बना एथनॉल पेट्रोल के मुकाबले 65% और मक्का-आधारित एथनॉल 50% तक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन कम करता है, जिससे पर्यावरण को बड़ा लाभ होता है। मंत्रालय के मुताबिक इस कार्यक्रम ने पिछले 11 वर्षों(2014 से जुलाई 2025) में देश को 1.44 लाख करोड़ रुपये से अधिक का विदेशी मुद्रा बचत कराई है। 245 लाख मीट्रिक टन कच्चे तेल का आयात टाला और करीब 736 लाख मीट्रिक टन CO2 उत्सर्जन कम किया जो लगभग 30 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है। वहीं 20% ब्लेंडिंग से इस साल किसानों को लगभग 40,000 करोड़ रुपये का भुगतान होगा और करीब 43,000 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा बचेगी। इसके अलावा इस पहल से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिला, गन्ना बकाया समाप्त हुआ, मक्का की खेती को मजबूती मिली और विदर्भ जैसे क्षेत्रों में किसानों की आत्महत्याएं कम करने में मदद मिली है।ई-20 के वाहन प्रदर्शन पर असर को लेकर मंत्रालय ने बताया कि इस मुद्दे पर 2020 में ही विचार कर इंटर-मिनिस्ट्रियल कमेटी (IMC) ने अध्ययन कराया था, जिसमें इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (IOCL), ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ARAI) और सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) शामिल थे। अध्ययन में पाया गया कि ई-20 का ऑक्टेन रेटिंग लगभग 108.5 है, जो पेट्रोल के 84.4 से ज्यादा है, जिससे बेहतर एक्सेलेरेशन, स्मूथ राइड क्वालिटी और ई-10 के मुकाबले 30% तक कम कार्बन उत्सर्जन मिलता है।मंत्रालय ने माइलेज घटने के दावों को खारिज करते हुए कहा कि ईंधन दक्षता कई कारकों पर निर्भर करती है जैसे- ड्राइविंग स्टाइल, वाहन का रखरखाव, टायर प्रेशर और एसी का इस्तेमाल। 2009 से ही कई गाड़ियां ई-20 कम्पैटिबल हैं और अब तक कोई बड़ी शिकायत नहीं आई है। मंत्रालय की ओर से ब्राजील का उदाहरण देते हुए बताया गया कि वहां वर्षों से E-27 ईंधन इस्तेमाल हो रहा है और टॉयोटा, होंडा, ह्युंडई जैसी कंपनियां बिना किसी परेशानी के वहां काम कर रही हैं।पुरानी गाड़ियों में सिर्फ कुछ रबर पार्ट्स या गैसकेट बदलने की जरूरत हो सकती है, जो सर्विसिंग के दौरान मामूली खर्च में संभव है। सुरक्षा मानक ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (BIS) और ऑटोमोटिव इंडस्ट्री स्टैंडर्ड्स के अनुसार तय हैं। कीमत के मामले में मंत्रालय ने बताया कि 31 जुलाई 2025 तक एथनॉल की औसत खरीद कीमत 71.32 रुपये प्रति लीटर है, जिसमें ट्रांसपोर्टेशन और GST शामिल हैं। वहीं 2024-25 में C-हेवी शीरे से बना एथनॉल 57.97 रुपये और मक्का आधारित एथनॉल 71.86 रुपये प्रति लीटर में खरीदा गया। कीमतें बढ़ने के बावजूद तेल कंपनियां मिश्रण लक्ष्य पूरा कर रही हैं ताकि ऊर्जा सुरक्षा, किसानों की आय और पर्यावरण संरक्षण सुनिश्चित हो।बीमा से जुड़े दावों पर मंत्रालय ने कहा कि ई-20 के इस्तेमाल से वाहन का बीमा अमान्य नहीं होता और इस तरह की अफवाहें बेबुनियाद हैं। ऑटोमोबाइल कंपनियां मालिकों को पूरा सहयोग दे रही हैं और अधिकृत सर्विस स्टेशन जरूरी ट्यूनिंग या पार्ट्स बदलाव कर सकते हैं। भविष्य की योजना को लेकर मंत्रालय ने कहा कि ई-20 से आगे का कोई भी फैसला सभी हितधारकों से व्यापक चर्चा के बाद ही लिया जाएगा।- -
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs)-असम राइफल्स (AR), सीमा सुरक्षा बल (BSF), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP), राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) और सशस्त्र सीमा बल (SSB) के लिए आधुनिकीकरण प्लान-IV योजना शुरू की है। यह केंद्रीय क्षेत्र योजना 1 जनवरी 2022 से 31 मार्च 2026 तक लागू होगी और इसके लिए 1523 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित है। इसका उद्देश्य हथियार, संचार, सुरक्षात्मक उपकरण, निगरानी और सीमा प्रबंधन प्रणाली, प्रशिक्षण सामग्री, बख्तरबंद वाहन और विशेष परिवहन वाहनों जैसे अत्याधुनिक उपकरणों को शामिल कर प्रत्येक CAPF की दक्षता और प्रदर्शन को बढ़ाना है।
इसके साथ ही, केंद्र सरकार ने राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों की क्षमता बढ़ाने और साइबर अपराधों से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं। गृह मंत्रालय ने इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) की स्थापना की है और राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (https://cybercrime.gov.in) लॉन्च किया है। वर्ष 2021 में सिटीजन फाइनेंशियल साइबर फ्रॉड रिपोर्टिंग एंड मैनेजमेंट सिस्टम (CFCFRMS) भी शुरू किया गया, जिससे अब तक 5,489 करोड़ रुपये से अधिक की राशि 17.82 लाख से अधिक शिकायतों में बचाई जा चुकी है। साथ ही, हेल्पलाइन 1930 भी चालू है। साइबर अपराध से तुरंत निपटने के लिए साइबर फ्रॉड मिटिगेशन सेंटर (CFMC) स्थापित किया गया है, जहां बैंकों, वित्तीय संस्थानों, टेलीकॉम कंपनियों और राज्यों की पुलिस के प्रतिनिधि मिलकर काम करते हैं। अब तक 9.42 लाख से अधिक SIM कार्ड और 2,63,348 IMEI ब्लॉक किए जा चुके हैं। नेशनल साइबर फॉरेंसिक लैबोरेट्री (इंवेस्टिगेशन) ने 12,460 मामलों में जांच में मदद की है। देश में 605 मोबाइल फॉरेंसिक यूनिट/लैब भी संचालित हो रही हैं।इंटर-ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (ICJS) के तहत CCTNS, e-Forensics, e-Prosecution, e-Courts और e-Prisons सिस्टम का इंटीग्रेशन किया गया है। जून 2025 तक, 17,712 पुलिस स्टेशन, 117 फॉरेंसिक लैब, 751 अभियोजन जिला, 3,637 कोर्ट कॉम्प्लेक्स और 1,373 जेल इसमें शामिल हैं। CAPFs के कल्याण के लिए भी बड़े कदम उठाए गए हैं। 2019 से अब तक 16,364 नए मकान बनाए गए हैं, जिससे कुल मकानों की संख्या 1,33,845 और आवास संतुष्टि स्तर 48.80% हो गया है। CAPFs eAwas पोर्टल के जरिए अब तक 6,59,155 कर्मियों ने पंजीकरण कराया है और 1,31,519 को मकान आवंटित हुए हैं।भत्तों में अतिरिक्त रेलवे वारंट/LTC, जम्मू-कश्मीर में पोस्टिंग पर अतिरिक्त HRA (16%), हवाई यात्रा सुविधा, ड्रेस भत्ता, हाउसिंग मुआवजा, शिक्षा रियायतें आदि शामिल हैं। कल्याण योजनाओं में 25 लाख रुपये दुर्घटनात्मक मृत्यु पर और 35 लाख रुपये आतंकवादी हमले या दुश्मन कार्रवाई में शहीदी पर एक्स-ग्रेशिया भुगतान शामिल है। प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना के तहत हर साल 2,000 छात्रवृत्तियां दी जाती हैं (1,000 लड़कों और 1,000 लड़कियों के लिए), जिनमें लड़कियों को 3,000 रुपये और लड़कों को 2,500 रुपये प्रतिमाह मिलते हैं। वहीं 26 MBBS और 3 BDS सीटें CAPF कर्मियों के बच्चों के लिए आरक्षित हैं। CAPF पुनर्वास योजना के तहत सेवानिवृत्त कर्मियों के लिए निजी सुरक्षा एजेंसियों में पुनर्नियोजन की सुविधा है।स्वास्थ्य सेवाओं के लिए आयुष्मान CAPF योजना 23 जनवरी 2021 को शुरू की गई थी। आज यह देशभर में लागू है और 41 लाख से अधिक आयुष्मान CAPF कार्ड जारी हो चुके हैं। CAPF, AR और NSG कर्मियों व उनके परिवारों को 2,006 CGHS और 32,100 AB-PMJAY अस्पतालों में कैशलेस इलाज मिल रहा है। यह अहम जानकारी आज मंगलवार को गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में लिखित उत्तर में दी। -
नई दिल्ली। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने पर एक साल तक चलने वाले विशेष कार्यक्रमों और पहलों का आयोजन करेगा। यह शताब्दी वर्ष उत्सव 1 अक्टूबर 2025 से शुरू होकर 1 अक्टूबर 2026 तक चलेगा। यह फैसला हाल ही में यूपीएससी अध्यक्ष अजय कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया।
शताब्दी वर्ष के दौरान यूपीएसएसी एक स्मारक लोगो और टैगलाइन जारी करेगा, साथ ही कई नई पहल और सुधार भी शुरू करेगा। आयोग ने अपने कर्मचारियों से सुझाव भी मांगे हैं, ताकि उन्हें इस उत्सव में सक्रिय भागीदार बनाया जा सके। कई मूल्यवान सुझावों पर पहले ही विचार किया जा रहा है। अजय कुमार ने कहा कि यूपीएसी अपनी स्थापना से ही पारदर्शिता, निष्पक्षता और मेरिट-आधारित चयन का प्रतीक रहा है, जिसने कड़े और निष्पक्ष प्रक्रिया के जरिए वरिष्ठ सरकारी पदों के लिए सबसे योग्य उम्मीदवारों का चयन सुनिश्चित किया है। उन्होंने यह भी कहा कि यह केवल जश्न का अवसर नहीं है, बल्कि आत्ममंथन, नवाचार और अगले 100 वर्षों के लिए विजन तय करने का समय भी है।गौरतलब है कि भारत में लोक सेवा आयोग की स्थापना 1 अक्टूबर 1926 को भारत सरकार अधिनियम, 1919 के प्रावधानों और ली आयोग (1924) की सिफारिशों के आधार पर हुई थी। 1937 में इसका नाम फेडरल पब्लिक सर्विस कमीशन रखा गया और 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू होने पर इसे संघ लोक सेवा आयोग नाम दिया गया।संविधान के अनुच्छेद 320 के तहत यूपीएससी को सिविल सेवाओं और पदों पर नियुक्त से जुड़े सभी मामलों में परामर्श अनिवार्य है। आयोग का मुख्य काम संघ सेवाओं में नियुक्तियों के लिए परीक्षाएं आयोजित करना, चयन साक्षात्कार के जरिए सीधी भर्ती करना, पदोन्नति, प्रतिनियुक्ति या अवशोषण के जरिए अधिकारियों की नियुक्ति की देखरेख करना शामिल है। इसके अलावा, यह विभिन्न सरकारी सेवाओं और पदों के लिए भर्ती नियम बनाता और संशोधित करता है, अनुशासनात्मक मामलों की सुनवाई करता है और राष्ट्रपति द्वारा भेजे गए मामलों पर सलाह देता है। -
नयी दिल्ली. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को ओडिशा, पंजाब और आंध्र प्रदेश में कुल 4,594 करोड़ रुपये के निवेश से चार सेमीकंडक्टर परियोजनाओं की स्थापना को मंजूरी दी। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए फैसले की जानकारी संवाददाताओं को देते हुए कहा कि ये प्रस्ताव ‘इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन' के तहत स्वीकृत किए गए हैं। इस मिशन के तहत सेमीकंडक्टर विनिर्माण इकाइयों की स्थापना में वित्तीय मदद देने के लिए 76,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। वैष्णव ने कहा, "मंत्रिमंडल ने चार सेमीकंडक्टर संयंत्रों को स्वीकृति दी है जिनकी स्थापना ओडिशा, पंजाब एवं आंध्र प्रदेश में की जाएगी।" वैष्णव ने कहा कि ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में सिलिकॉन कार्बाइड सेमीकंडक्टर संयंत्र स्थापित किया जाएगा। इस पर सिकसेम प्राइवेट लिमिटेड 2,066 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इस संयंत्र की वार्षिक क्षमता 9.6 करोड़ सेमीकंडक्टर चिपों के विनिर्माण की होगी। उन्होंने कहा, ‘‘सिलिकॉन कार्बाइड बेहद मजबूत सामग्री है और यह उच्च तापमान पर भी काम कर सकती है। इसका इस्तेमाल मिसाइल, उपग्रह, दूरसंचार टावर, रॉकेट और रेल इंजन में किया जाता है।'' ओडिशा में ही एक 3डी ग्लास निर्माण संयंत्र भी स्थापित होगा जिस पर 1,943 करोड़ रुपये का निवेश होगा। हेटेरोजीनस इंटीग्रेशन पैकेजिंग सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड के इस संयंत्र में अमेरिकी प्रौद्योगिकी कंपनियां इंटेल एवं लॉकहीड मार्टिन सहित अन्य का निवेश होगा। इसकी उत्पादन क्षमता पांच करोड़ यूनिट की होगी। मंत्रिमंडल ने आंध्र प्रदेश में चिप पैकेजिंग संयंत्र को मंजूरी दी है, जिसे एडवांस्ड सिस्टम इन पैकेज टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड 468 करोड़ रुपये के निवेश से लगाएगी। इसकी वार्षिक क्षमता 9.6 करोड़ चिप के विनिर्माण की होगी। मंत्रिमंडल ने पंजाब में 117 करोड़ रुपये के निवेश वाली सेमीकंडक्टर परियोजना को भी मंजूरी दी है जिसकी स्थापना इलेक्ट्रॉनिक पुर्जे बनाने वाली कंपनी सीडीआईएल करेगी। इस संयंत्र में सालाना 15.8 करोड़ चिपों का विनिर्माण किया जा सकेगा। वैष्णव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में उठाए गए विभिन्न कदमों से पिछले 11 वर्षों में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र छह गुना बढ़कर 12 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। इस दौरान इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात आठ गुना बढ़कर 3.3 लाख करोड़ रुपये और मोबाइल उत्पादन 28 गुना बढ़कर 5.5 लाख करोड़ रुपये हो गया है। उन्होंने बताया कि भारत दो-चार सितंबर तक ‘सेमिकॉन इंडिया 2025' की मेजबानी करेगा जिसमें सिंगापुर, मलेशिया, जापान एवं कोरिया साझेदार देश होंगे।
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नयी दिल्ली. वित्त मंत्रालय ने नए आयकर विधेयक में अग्रिम कर की कम अदायगी पर ब्याज वसूली संबंधी प्रावधान को लेकर मंगलवार को एक सुधार अधिसूचना जारी की। इस अधिसूचना में निर्धारित तारीख तक अग्रिम कर की कम अदायगी करने पर तीन प्रतिशत ब्याज की वसूली का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही इस प्रावधान को आयकर अधिनियम, 1961 के मौजूदा प्रावधानों के अनुरूप बना दिया गया है। मौजूदा नियमों के तहत जिन करदाताओं पर 10,000 रुपये या उससे अधिक का कर देय होता है, उन्हें अग्रिम कर चार किस्तों में चुकाना होता है। इन किस्तों के लिए 15 जून, 15 सितंबर, 15 दिसंबर और 15 मार्च की तारीखें नियत होती हैं। सोमवार को लोकसभा में पारित आयकर (संख्या 2) विधेयक, 2025 में प्रावधान था कि अगर तिमाही की नियत तिथि के अगले दिन ही अग्रिम कर राशि में कमी पूरी कर दी जाए तो एक माह का एक प्रतिशत ब्याज ही लगेगा। सलाहकार कंपनी नांगिया एंडरसन एलएलपी में साझेदार संदीप झुनझुनवाला ने कहा कि यह प्रावधान मौजूदा कर कानून के अनुरूप नहीं था और अब सुधार अधिसूचना के जरिये स्पष्टता लाकर मौजूदा प्रावधान के अनुरूप संशोधित कर दिया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘यदि अग्रिम कर की राशि में कमी नियत तिथि से एक दिन भी आगे पूरी की जाती है तो कम से कम तीन महीने का ब्याज देना होगा।'' आयकर (संख्या 2) विधेयक, 2025 कानून की शक्ल लेने पर छह दशक पुराने आयकर अधिनियम, 1961 की जगह लेगा। इसमें अध्यायों एवं शब्दों की संख्या को घटाकर कर कानून को सरल बनाया जाएगा।
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नयी दिल्ली. संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने पर साल भर चलने वाले कार्यक्रम और गतिविधियों का आयोजन करेगा। एक आधिकारिक बयान में मंगलवार को यह जानकारी दी गई। शताब्दी समारोह एक अक्टूबर से शुरू होगा और एक अक्टूबर, 2026 तक जारी रहेगा। बयान के मुताबिक, इस संबंध में निर्णय हाल ही में यूपीएससी अध्यक्ष अजय कुमार की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में लिया गया। कुमार ने कहा, “स्थापना के बाद से यूपीएससी पारदर्शिता, निष्पक्षता और योग्यता का प्रतीक रहा है। यूपीएससी सरकारी सेवाओं में वरिष्ठ स्तर के पदों के लिए कठोर और निष्पक्ष प्रक्रिया के माध्यम से सबसे योग्य उम्मीदवारों का चयन सुनिश्चित करता है।” समारोह के हिस्से के रूप में यूपीएससी राष्ट्र के प्रति आयोग की सेवा का प्रतीक एक लोगो और एक टैगलाइन जारी करने की योजना बना रहा है। शताब्दी वर्ष के दौरान विभिन्न नयी पहल और सुधारों को लागू करने की भी योजना बनाई जा रही है।
भारत सरकार अधिनियम, 1919 के प्रावधानों और ली आयोग (1924) की सिफारिशों के बाद एक अक्टूबर, 1926 को भारत में लोक सेवा आयोग की स्थापना की गई। बाद में इसका नाम संघीय लोक सेवा आयोग (1937) रखा गया और 26 जनवरी, 1950 को भारतीय संविधान को अपनाने के साथ इसका नाम बदलकर संघ लोक सेवा आयोग कर दिया गया। यूपीएससी, सरकारी नौकरियों के लिए विभिन्न भर्ती परीक्षाएं आयोजित करता है, जिनमें भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारियों का चयन करने के लिए प्रतिवर्ष आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा भी शामिल है। -
नई दिल्ली। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM) ने देशभर में 79.91 करोड़ से अधिक आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट्स (ABHAs) बनाकर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने आज मंगलवार को राज्यसभा में यह जानकारी दी। इस मिशन का उद्देश्य एक मजबूत डिजिटल हेल्थ इकोसिस्टम बनाना है, जो प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक स्वास्थ्य सेवाओं में सहज निरंतरता सुनिश्चित करे। इसके साथ ही टेलीमेडिसिन जैसी तकनीकों के इस्तेमाल से यह खासतौर पर दूर-दराज और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को बढ़ा रहा है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 5 अगस्त 2025 तक कुल 79,91,18,072 हेल्थ अकाउंट बनाए गए हैं। इसके अलावा, हेल्थ फैसिलिटी रजिस्ट्री (HFR) में 4,18,964 स्वास्थ्य सुविधाएं पंजीकृत हुई हैं और हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स रजिस्ट्री (HPR) में 6,79,692 स्वास्थ्य पेशेवर जुड़े हैं। साथ ही 67.19 करोड़ स्वास्थ्य रिकॉर्ड्स को ABHAs से जोड़ा जा चुका है।यह डिजिटल प्लेटफॉर्म नागरिकों को एक यूनिक हेल्थ आईडी प्रदान करता है, जिससे वे अपने मेडिकल रिकॉर्ड को सुरक्षित तरीके से देख, एक्सेस और हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स के साथ साझा कर सकते हैं। रिकॉर्ड साझा करना केवल नागरिक की स्पष्ट और सूचित सहमति से ही संभव है, जिससे गोपनीयता और डेटा सुरक्षा सुनिश्चित होती है।नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (NHA), जो ABDM की कार्यान्वयन एजेंसी ने एक पब्लिक डैशबोर्ड भी उपलब्ध कराया है, जिससे केंद्र और राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के अधिकारी मुख्य प्रदर्शन संकेतकों के माध्यम से प्रगति की निगरानी कर सकते हैं। इस पहल की निगरानी केंद्रीय और राज्य स्तर पर की जाती है, जिसमें नागरिक-केंद्रित दृष्टिकोण और व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा पर विशेष जोर दिया जाता है।- -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में ‘इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन’ (ISM) के तहत चार नए सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी गई है। इन परियोजनाओं में लगभग 4,600 करोड़ रुपये का निवेश होगा और इनसे 2,034 कुशल पेशेवरों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा, साथ ही इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण में कई अप्रत्यक्ष रोजगार भी सृजित होंगे। इन चार नई स्वीकृत परियोजनाओं के साथ, ISM के तहत मंजूर परियोजनाओं की कुल संख्या 10 हो गई है, जिनमें कुल 1.60 लाख करोड़ रुपये का निवेश छह राज्यों में हो रहा है।
इन परियोजनाओं में ओडिशा के भुवनेश्वर के इंफो वैली में SiCSem प्राइवेट लिमिटेड और 3D Glass Solutions Inc. की इकाइयां लगेंगी। वहीं SiCSem, यूके की Clas-SiC Wafer Fab Ltd. के साथ मिलकर देश का पहला व्यावसायिक कंपाउंड सेमीकंडक्टर फैब स्थापित करेगा, जो सिलिकॉन कार्बाइड (SiC) आधारित डिवाइस बनाएगा। इसकी सालाना क्षमता 60,000 वेफर्स और 9.6 करोड़ पैकेज्ड यूनिट्स होगी, जिनका इस्तेमाल मिसाइल, रक्षा उपकरण, इलेक्ट्रिक वाहन, रेलवे, फास्ट चार्जर, डेटा सेंटर, घरेलू उपकरण और सोलर इन्वर्टर में होगा।वहीं 3D Glass Solutions Inc. इंफो वैली में एक उन्नत पैकेजिंग और एम्बेडेड ग्लास सब्सट्रेट यूनिट स्थापित करेगी, जो दुनिया की सबसे उन्नत पैकेजिंग तकनीक भारत में लाएगी। इसमें ग्लास इंटरपोजर, सिलिकॉन ब्रिज, और 3D हेटरोजीनियस इंटीग्रेशन (3DHI) मॉड्यूल जैसी तकनीकें शामिल होंगी। इसकी सालाना क्षमता 69,600 ग्लास पैनल सब्सट्रेट, 5 करोड़ असेंबल्ड यूनिट और 13,200 3DHI मॉड्यूल होगी। इनका उपयोग रक्षा, हाई-परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ऑटोमोटिव, फोटोनिक्स और को-पैकेज्ड ऑप्टिक्स में होगा।वहीं आंध्र प्रदेश में एडवांस सिस्टम इन पैकेज टेक्नोलॉजी (ASIP) दक्षिण कोरिया की APACT Co. Ltd. के साथ मिलकर एक सेमीकंडक्टर यूनिट स्थापित करेगी, जिसकी सालाना क्षमता 9.6 करोड़ यूनिट्स होगी। इसका उत्पादन मोबाइल फोन, सेट-टॉप बॉक्स, ऑटोमोबाइल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों में किया जाएगा।पंजाब के मोहाली में Continental Device India Ltd. (CDIL) अपने मौजूदा संयंत्र का विस्तार करेगा, जहां उच्च-शक्ति वाले डिस्क्रीट सेमीकंडक्टर डिवाइस जैसे MOSFETs, IGBTs, Schottky Bypass Diodes और ट्रांजिस्टर बनाए जाएंगे। यह विस्तार सालाना 15.838 करोड़ यूनिट्स का उत्पादन करेगा, जिनका इस्तेमाल ऑटोमोबाइल इलेक्ट्रॉनिक्स, ईवी चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर, रिन्यूएबल एनर्जी, पावर कन्वर्जन, औद्योगिक उपयोग और संचार ढांचे में होगा।सरकार का मानना है कि ये परियोजनाएं भारत के सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम को एक नई ऊंचाई देंगी, क्योंकि इनमें देश का पहला व्यावसायिक कंपाउंड फैब और अत्याधुनिक ग्लास-आधारित सब्सट्रेट पैकेजिंग यूनिट शामिल है। यह पहल भारत में उभरती चिप डिजाइन क्षमताओं को भी मजबूती देगी, जहां सरकार 278 शैक्षणिक संस्थानों और 72 स्टार्ट-अप्स को डिजाइन इन्फ्रास्ट्रक्चर सहायता दे रही है। अब तक 60,000 से अधिक छात्र इस प्रतिभा विकास कार्यक्रम से लाभान्वित हो चुके हैं। -
नई दिल्ली। देश के न्यायिक इतिहास में दुर्लभ और संवैधानिक रूप से महत्वपूर्ण घटनाक्रम के तहत, आज मंगलवार को लोकसभा ने औपचारिक रूप से इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पढ़कर सुनाया। इसके साथ ही संविधान के अनुच्छेद 124(4), 217 और 218 के तहत उन्हें पद से हटाने की कार्यवाही का रास्ता साफ हो गया है।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन में बताया कि उन्हें 31 जुलाई 2025 को यह प्रस्ताव प्राप्त हुआ था, जिस पर पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और विपक्ष के नेता सहित कुल 146 लोकसभा सदस्यों और 63 राज्यसभा सदस्यों के हस्ताक्षर हैं।यह मामला मार्च 2025 में सामने आए उस विवाद से जुड़ा है, जब दिल्ली स्थित उनके सरकारी आवास पर आग लगने की घटना के दौरान जले हुए नोटों के बंडल बरामद हुए थे। हालांकि, उस समय जस्टिस वर्मा घर पर मौजूद नहीं थे, लेकिन बाद में तीन सदस्यीय आंतरिक न्यायिक जांच ने निष्कर्ष निकाला कि वे इस नकदी पर ‘नियंत्रण’ रखते थे। इस रिपोर्ट के आधार पर भारत के मुख्य न्यायाधीश ने उनकी बर्खास्तगी की सिफारिश की थी।संसद में प्रस्ताव पढ़ते हुए स्पीकर ओम बिरला ने यह भी घोषणा की कि न्यायाधीश (जांच) अधिनियम, 1968 और संबंधित नियमों के तहत आरोपों की जांच के लिए एक वैधानिक समिति का गठन किया गया है। इस समिति में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरविंद कुमार, मद्रास हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस मनिंदर मोहन श्रीवास्तव और कर्नाटक हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता वीवी आचार्य शामिल हैं। समिति शीघ्र ही अपनी रिपोर्ट सौंपेगी, तब तक प्रस्ताव लंबित रहेगा।जस्टिस वर्मा ने जांच रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए इसे प्रक्रिया में खामी और संवैधानिक अतिक्रमण बताया था, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने पिछले सप्ताह उनकी याचिका खारिज कर दी। अदालत ने जांच प्रक्रिया को पारदर्शी और संवैधानिक बताते हुए उनके इस रुख की आलोचना की कि पहले उन्होंने जांच में भाग लिया और बाद में उसकी वैधता पर सवाल उठाए।अगर समिति आरोपों को सही पाती है, तो महाभियोग प्रस्ताव को संसद के दोनों सदनों में विशेष बहुमत से पारित करना होगा, अर्थात उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों के दो-तिहाई मत तथा कुल सदस्यों का बहुमत। इसके बाद ही प्रस्ताव राष्ट्रपति के अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा। स्वतंत्र भारत में यह तीसरा मौका है जब किसी कार्यरत न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया शुरू की गई है। - नयी दिल्ली. जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लि. (जेएफएसएल) ने सोमवार को कहा कि करदाता अपने रिटर्न दाखिल करने के लिए जियोफाइनेंस ऐप की सहायता ले सकते हैं। कंपनी ने अपने मंच पर ‘प्लानिंग' और ‘फाइलिंग' सुविधा की पेशकश की है। जेएफएसएल ने एक बयान में कहा कि कर योजना और आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करना आसान, स्मार्ट और अधिक किफायती बनाने के उद्देश्य से, यह नयी विशेषता ऑनलाइन कर फाइलिंग और सलाहकार सेवा, टैक्सबडी के साथ मिलकर विकसित की गयी है। कर फाइलिंग सुविधा उपयोगकर्ताओं को या तो स्वयं रिटर्न दाखिल करने या विशेषज्ञ-सहायता प्राप्त फाइलिंग का विकल्प चुनने की अनुमति देती है। इसमें स्वयं से कर रिटर्न भरने पर 24 रुपये और कर विशेषज्ञ की मदद से कर रिटर्न दाखिल करने पर 999 रुपये से शुरू होने वाली योजनाएं शामिल हैं। मॉड्यूल में दो मुख्य विशेषताएं शामिल हैं... ‘टैक्स प्लानर' और ‘टैक्स फाइलिंग'।इसमें कहा गया है कि कर फाइलिंग सुविधा पुरानी और नई कर व्यवस्थाओं के बीच भ्रम जैसी आम चुनौतियों का समाधान करने के लिए डिजाइन की गई है, जिससे ग्राहकों को 80सी और 80डी जैसी धाराओं के तहत कटौती सुनिश्चित करके कर बचाने में मदद मिलती है और महंगे बिचौलियों पर अत्यधिक निर्भरता खत्म होती है। इसमें कहा गया है कि ‘टैक्स प्लानर' व्यक्तिगत कटौती मैपिंग, आवास किराया भत्ता मूल्यांकन और व्यवस्था तुलना की पेशकश करके व्यक्तियों को उनकी भविष्य की कर देनदारियों का अनुमान लगाने और उन्हें कम करने में मदद करता है।
- नयी दिल्ली. सरकार विश्व हाथी दिवस के अवसर पर तमिलनाडु के कोयंबटूर में मंगलवार को एक विशेष कार्यशाला का आयोजन करेगी, जिसका उद्देश्य मानव-हाथी संघर्ष जैसे संवेदनशील विषय पर गंभीर चर्चा और समाधान ढूंढना है। इस कार्यशाला में हाथी के पर्यावास वाले विभिन्न राज्यों को एक साझा मंच प्रदान किया जाएगा, जहां वे अपनी चुनौतियों को साझा करेंगे और संघर्ष को कम करने के प्रभावी उपायों पर विचार-विमर्श करेंगे। कार्यशाला का आयोजन केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय और तमिलनाडु वन विभाग द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा। इसका उद्घाटन केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव द्वारा किया जाएगा और इसमें पर्यावरण राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह भी मौजूद होंगे। ‘‘भारत में हाथी गलियारों'' पर 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में विश्व के लगभग 60 प्रतिशत जंगली हाथी रहते हैं तथा यहां 33 हाथी अभयारण्य और 150 चिह्नित हाथी गलियारे हैं। वर्ष 2017 में अंतिम संख्या आकलन प्रक्रिया में हाथियों की संख्या 29,964 बतायी गई थी, जबकि 2022 के आंकड़े अभी घोषित होने बाकी हैं। राज्यसभा में प्रस्तुत सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2019 से 2023 के बीच भारत में हाथियों के हमलों में 2,869 लोग मारे गए। ओडिशा में सबसे अधिक 624 मौतें हुईं, इसके बाद झारखंड (474), पश्चिम बंगाल (436), असम (383) और छत्तीसगढ़ (303) का स्थान रहा। पर्यावरण मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि विशेषज्ञ, नीति निर्माता, संरक्षणवादी और वन अधिकारी सर्वोत्तम पद्धति पर विचार-विमर्श करेंगे, जिसमें आवास प्रबंधन और गलियारे के रखरखाव से लेकर अधिक मानव-हाथी संघर्ष वाले क्षेत्रों में जागरूकता पैदा करना और क्षमता निर्माण शामिल हैं। हाथी संरक्षण पर एक राष्ट्रव्यापी जागरूकता कार्यक्रम भी शुरू किया जाएगा, जिसमें लगभग 5,000 स्कूलों के 12 लाख बच्चे शामिल होंगे।
- मुंबई. कनाडा में हास्य कलाकार कपिल शर्मा के रेस्तरां पर गोलीबारी के बाद मुंबई पुलिस ने उन्हें सुरक्षा मुहैया करायी है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने कपिल शर्मा को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराई है, ताकि उनकी हिफाजत सुनिश्चित की जा सके। हालांकि, अधिकारी ने हास्य कलाकार के लिए किए गए सुरक्षा इंतजाम के बारे में कोई अन्य जानकारी नहीं दी। उन्होंने कहा, ‘‘ हम सभी एहतियाती कदम उठा रहे हैं, ताकि शहर में कोई अप्रिय घटना न घटे।''जब उनसे यह पूछा गया कि क्या अभिनेता के परिवार के सदस्यों को भी सुरक्षा प्रदान की गई है, तब उन्होंने कहा कि वह इस बारे में विस्तृत जानकारी साझा नहीं कर सकते हैं। ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में हाल ही में खुले कपिल शर्मा के रेस्तरां ‘कैप्स कैफे' पर आठ अगस्त को गोलीबारी की गई थी। यह एक महीने से भी कम समय में इस रेस्तरां पर गोलीबारी की दूसरी घटना थी। इससे पहले, ‘कैप्स कैफे' को 10 जुलाई को निशाना बनाया गया था, जिसके बाद मुंबई पुलिस ओशिवरा में हास्य कलाकार के घर पहुंची थी। कनाडा में कपिल शर्मा के रेस्तरां का उद्घाटन चार जुलाई को हुआ था।सोशल मीडिया पर प्रसारित एक ऑडियो क्लिप के बारे में पूछे जाने पर पुलिस अधिकारी ने कहा कि पुलिस ने इसका संज्ञान लिया है। इस वीडियो में खुद को लॉरेंस बिश्नोई गिरोह का सदस्य बता रहे एक व्यक्ति ने रेस्तरां पर हमले की जिम्मेदारी ली है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर प्रसारित होने वाले 50 प्रतिशत से ज्यादा पोस्ट की सत्यापन की जरूरत होती है, चाहे वे असली हों या एआई द्वारा उत्पन्न। उन्होंने कहा कि ऐसी चीजें अक्सर मीडिया का ध्यान खींचने के लिए की जाती हैं।
- नयी दिल्ली. निर्वाचन आयोग ने कांग्रेस और उसके नेता राहुल गांधी द्वारा यहां विरोध मार्च के दौरान किए गए ‘वोट चोरी' के दावों को सोमवार को ‘‘तथ्यात्मक रूप से गलत'' करार दिया। निर्वाचन आयोग ने विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस' (इंडिया) द्वारा किए गए दावों पर एक “फैक्टचेक” जारी किया। इंडिया गठबंधन ने दिन में बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के खिलाफ विरोध मार्च का नेतृत्व किया था। निर्वाचन आयोग ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) में पारदर्शिता के अपने दावे के समर्थन में दस्तावेजों की एक सूची साझा की। इन साक्ष्य में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), कांग्रेस और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) जैसे राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के वीडियो भी शामिल हैं। निर्वाचन आयोग ने बिहार में मसौदा मतदाता सूची प्रकाशित होने से पहले, उसके दौरान और बाद में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ हुई अपनी बैठकों का विवरण भी साझा किया तथा कहा कि वह एसआईआर प्रक्रिया के संचालन के दौरान जमीनी स्तर पर उच्चतम पारदर्शिता के लिए प्रतिबद्ध है। आयोग ने मसौदा मतदाता सूचियों के प्रकाशन के बाद से प्रतिदिन जारी किए जा रहे बुलेटिन का लिंक साझा करते हुए कहा, ‘‘शुद्ध मतदाता सूची लोकतंत्र को मजबूत करती है।
- नयी दिल्ली. चेहरे के जरिये आधार सत्यापन छह महीने से भी कम समय में दोगुना होकर 200 करोड़ पहुंच गया है। एक अधिकारिक बयान में सोमवार को यह जानकारी दी गई। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआइई) ने बयान में कहा कि शुरुआत में 2024 के मध्य तक 50 करोड़ लेन-देन हुए थे। फिर जनवरी 2025 में ये बढ़कर 100 करोड़ हो गए। और अब छह महीने से भी कम समय में यह संख्या दोगुनी होकर 200 करोड़ हो गई है। यूआईडीएआई के प्रमुख भुवनेश कुमार ने बताया कि देश के गांवों से लेकर शहरों तक, सरकार, बैंक और सेवा देने वाली कंपनियां मिलकर चेहरे के जरिये आधार सत्यापन को सफल बनाने में लगे हैं। इसका मकसद है कि हर भारतीय कहीं भी, कभी भी अपनी पहचान तुरंत और सुरक्षित तरीके से साबित कर सके। उन्होंने कहा कि इतने कम समय में 200 करोड़ की संख्या पहुंचना बताता है कि लोगों और सेवा देने वालों को आधार के सुरक्षित और आसान सत्यापन प्रणाली पर कितना भरोसा है।
- रुद्रप्रयाग. रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन ने भारी बारिश की चेतावनी को देखते हुए केदारनाथ यात्रा को अगले तीन दिनों के लिए 14 अगस्त तक रोक दिया है। रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी प्रतीक जैन ने बताया कि देहरादून में मौसम विज्ञान केंद्र ने 12, 13 और 14 अगस्त को रुद्रप्रयाग सहित प्रदेश भर में कई जगहों पर भारी वर्षा का पूर्वानुमान व्यक्त किया है। उन्होंने कहा, ‘‘भारी बारिश की चेतावनी को देखते हुए यात्रियों की सुरक्षा के दृष्टिगत केदारनाथ धाम की यात्रा को एहतियातन अगले तीन दिनों के लिए अस्थायी रूप से रोका गया है।'' जिलाधिकारी ने कहा कि राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के दिशा-निर्देशों के अनुसार, इस दौरान सभी विभागों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि चेतावनी प्रणाली का परीक्षण किया गया है और राष्ट्रीय राजमार्गों के ‘डेंजर जोन' (खतरे वाले क्षेत्र) में 24 घंटे जेसीबी व पोकलैंड मशीनें तैनात की गई हैं, ताकि मार्ग बाधित होने पर तुरंत खोलने की कार्रवाई हो सके। उन्होंने कहा कि नदी के जलस्तर पर लगातार निगरानी रखी जा रही है और नदी किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की गई है।
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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने जल आपूर्ति और भूजल प्रबंधन के क्षेत्र में बड़ी सफलता हासिल की है। राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की रिपोर्ट के मुताबिक जल जीवन मिशन (JJM) के तहत, 7 अगस्त 2025 तक 12.45 करोड़ अतिरिक्त ग्रामीण घरों को जल कनेक्शन दिया गया है। वहीं कुल 19.36 करोड़ ग्रामीण घरों में से 15.68 करोड़ (81%) घरों में नल से जल आपूर्ति हो रही है। इससे पहले अगस्त 2019 में केवल 3.23 करोड़ (17%) ग्रामीण घरों में नल से जल कनेक्शन उपलब्ध था।
चूंकि पेयजल राज्यों का विषय है, इसकी योजना, डिजाइन, अनुमोदन और क्रियान्वयन राज्य सरकारें करती हैं। केंद्र सरकार तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान करती है। वहीं जल जीवन मिशन के लिए राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को आवंटन ग्रामीण जनसंख्या (30%), एससी/एसटी ग्रामीण जनसंख्या (10%), रेगिस्तानी/सूखा प्रभावित क्षेत्र (30%), रासायनिक प्रदूषण वाले बस्तियों की जनसंख्या (10%) और शेष घरों में जल कनेक्शन (20%) जैसे मानकों के आधार पर तय किया जाता है। इसके लिए केंद्र व राज्यों के बीच जल जीवन मिशन में फंड शेयरिंग पैटर्न क्रमश: 100% (विधानसभा रहित केंद्रशासित प्रदेश), 90:10 (पूर्वोत्तर व हिमालयी राज्य), और 50:50 (अन्य राज्य) है।इस मिशन के तहत, केंद्र से अनुदान दो बराबर किस्तों में जारी होता है, जो “जस्ट इन टाइम” सिद्धांत के तहत राज्यों के फंड उपयोग के आकलन के बाद जारी किया जाता है। कार्यान्वयन की निगरानी के लिए आधार-लिंकिंग, एसेट का जियो-टैगिंग, थर्ड-पार्टी निरीक्षण, सेंसर-आधारित IoT मॉनिटरिंग, और ग्राम स्तर पर पानी की मात्रा व गुणवत्ता की जांच की व्यवस्था की गई है। 2022 की कार्यात्मकता आकलन में पाया गया कि 86% घरों में नल कनेक्शन कार्यरत हैं, जिनमें से 85% को पर्याप्त मात्रा में, 80% को नियमित समय पर, और 87% को मानक गुणवत्ता वाला पानी मिल रहा है।वहीं शहरी क्षेत्रों में भी जल प्रबंधन पर जोर दिया जा रहा है। AMRUT मिशन के तहत 189 लाख नल कनेक्शन और AMRUT 2.0 के तहत 407 लाख कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। इन परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा वीडियो कॉन्फ्रेंस, फील्ड विजिट और ऑनलाइन पोर्टल के जरिए की जाती है। NITI Aayog ने 2020 में इस योजना के सकारात्मक प्रभाव की पुष्टि की थी।इसके अलावा भूजल प्रबंधन में भी सफलता देखने मिली है। अटल भूजल योजना (ABY), जिसकी कुल लागत 6,000 करोड़ रुपए है, 1 अप्रैल 2020 से 7 राज्यों – गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के 80 जिलों के 229 जल -संकटग्रस्त ब्लॉकों में लागू की जा रही है। अब तक 83 ब्लॉकों में भूजल स्तर में सुधार दर्ज हुआ है जिनमें गुजरात के (13), हरियाणा (14), कर्नाटक (20), मध्य प्रदेश (4), महाराष्ट्र (14), राजस्थान (13) और उत्तर प्रदेश (5) के ब्लॉक शामिल हैं। एबीवाई में प्रदर्शन-आधारित फंड आवंटन, पारदर्शी मॉनिटरिंग, राज्यस्तरीय स्टीयरिंग कमेटी, थर्ड-पार्टी वेरिफिकेशन, और वित्तीय ऑडिट की व्यवस्था है। जल संसाधन से संबंधित डेटा सार्वजनिक पोर्टल और मोबाइल ऐप पर उपलब्ध है।केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री वी. सोमन्ना ने सोमवार को राज्यसभा में बताया कि इन योजनाओं ने न केवल जल की पहुंच बढ़ाई है, बल्कि ग्रामीण व शहरी जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार किया है, और जल संरक्षण के प्रति जनभागीदारी को प्रोत्साहित किया है।- -
नई दिल्ली। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEF&CC) व तमिलनाडु वन विभाग के सहयोग से 12 अगस्त को कोयंबटूर में विश्व हाथी दिवस 2025 का आयोजन किया जाएगा। यह वार्षिक आयोजन हाथी के संरक्षण और उनके दीर्घकालिक अस्तित्व को सुनिश्चित करने के वैश्विक संकल्प को दोहराने का अवसर होगा। गौरतलब है कि भारत में दुनिया के जंगली हाथियों की लगभग 60% आबादी पाई जाती है। ‘भारत में हाथी गलियारे’ रिपोर्ट के मुताबिक यहां 33 हाथी अभयारण्य और 150 चिन्हित हाथी गलियारे हैं। मजबूत कानूनी संरक्षण, सशक्त संस्थागत ढांचा और व्यापक जनसमर्थन के कारण भारत को मानव कल्याण और वन्यजीव संरक्षण में संतुलन बनाने वाला अग्रणी देश माना जाता है। वहीं भारत में हाथियों को राष्ट्रीय विरासत पशु का दर्जा प्राप्त है और वे भारतीय परंपरा और संस्कृति का अहम हिस्सा हैं।
तमिलनाडु, जो जैविक और सांस्कृतिक दृष्टि से समृद्ध है, हाथियों की बड़ी आबादी को संजोए हुए है और मानव-हाथी संघर्ष कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कोयंबटूर का यह कार्यक्रम वन अधिकारियों, नीति-निर्माताओं, नागरिक समाज के प्रतिनिधियों और वन्यजीव विशेषज्ञों के लिए संरक्षण रणनीतियों और संघर्ष समाधान पर विचार-विमर्श का मंच बनेगा। कार्यक्रम का उद्घाटन केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव करेंगे। इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री कृति वर्धन सिंह और तमिलनाडु के वन एवं खादी मंत्री आर. एस. राजाकन्नप्पन भी उपस्थित रहेंगे। इसमें MoEF&CC, तमिलनाडु वन विभाग, रेल मंत्रालय और अन्य राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी भी भाग लेंगे।वहीं कार्यक्रम के हिस्से के रूप में, कोयंबटूर में मानव-हाथी संघर्ष (HEC) पर एक विशेष कार्यशाला भी आयोजित की जाएगी। इस कार्यशाला का उद्देश्य हाथी रेंज वाले राज्यों को मानव-हाथी सहअस्तित्व से जुड़ी चुनौतियों को साझा करने और संघर्ष कम करने के उपायों पर चर्चा करना है। यह पहल ‘प्रोजेक्ट एलिफेंट’ के तहत चल रहे प्रयासों का हिस्सा है, जो सामुदायिक भागीदारी और वैज्ञानिक तरीकों के माध्यम से इंसानों और हाथियों के बीच टकराव को कम करने पर केंद्रित है।बता दें कि हाल के वर्षों में भोजन और पानी की तलाश में हाथियों के मानव बस्तियों में घुसने की घटनाएं बढ़ी हैं, जिससे नए और प्रभावी समाधानों की आवश्यकता बढ़ गई है। कार्यशाला में विशेषज्ञ, नीति-निर्माता, संरक्षणकर्मी और वन अधिकारी आवास प्रबंधन, गलियारे का रखरखाव, जागरूकता बढ़ाने और उच्च संघर्ष वाले क्षेत्रों में क्षमता निर्माण जैसे विषयों पर चर्चा करेंगे।इसके अलावा, हाथी संरक्षण के प्रति जनजागरूकता बढ़ाने के लिए एक राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम भी शुरू किया जाएगा, जिसमें लगभग 12 लाख स्कूली बच्चों को जोड़ा जाएगा। यह अभियान करीब देश के 5,000 स्कूलों में चलाया जाएगा, जो इस दिशा में व्यापक सार्वजनिक भागीदारी और प्रतिबद्धता को दर्शाता है।- -
नई दिल्ली। लोकसभा में सोमवार को विपक्षी सदस्यों के विरोध और नारेबाजी के बीच दो बड़े वित्तीय विधेयक, आयकर विधेयक 2025 और कराधान कानून (संशोधन) विधेयक 2025 पारित किया गया। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इन दोनों विधेयकों को पेश किया। उन्होंने सदन से इन पर विचार करने और पारित करने का आग्रह किया। शाम 4 बजे की कार्यवाही के दौरान दोनों विधेयक ध्वनिमत से पारित हो गए।
आयकर विधेयक, 2025 छह दशक पुराने आयकर अधिनियम, 1961 की जगह लेगा। इसमें भाजपा सांसद बैजयंत पांडा की अध्यक्षता वाली संसदीय चयन समिति की 285 से अधिक सिफारिशें शामिल की गई हैं। इस विधेयक में कर कानून की भाषा को आसान बनाया गया है, कटौतियों को स्पष्ट किया गया है और अलग-अलग प्रावधानों के बीच क्रॉस-रेफरेंसिंग को मजबूत किया गया है। खासकर मकान संपत्ति से होने वाली आय के मामलों में स्पष्टता दी गई है, जिसमें मानक कटौती और होम लोन पर प्री-कंस्ट्रक्शन ब्याज से जुड़े प्रावधान भी शामिल हैं। इसमें ‘पूंजीगत संपत्ति’, ‘लघु और छोटे उद्यम’ और ‘लाभार्थी स्वामी’ जैसे शब्दों की स्पष्ट परिभाषाएं दी गई हैं। पेंशन योगदान और वैज्ञानिक अनुसंधान व्यय के कर उपचार को भी एकसमान किया गया है। यह विधेयक 1 अप्रैल, 2026 से लागू होगा।वहीं कराधान कानून (संशोधन) विधेयक, 2025 में लक्षित सुधार किए गए हैं। इसमें एकीकृत पेंशन योजना (UPS) के ग्राहकों को कर छूट दी गई है, जो अब राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) के बराबर लाभ प्राप्त करेंगे। इसके अलावा, भारत में निवेश करने वाले सऊदी अरब के पब्लिक इनवेस्टमेंट फंड और उसकी सहायक कंपनियों को आयकर अधिनियम की धारा 10(23FE) के तहत प्रत्यक्ष कर छूट दी गई है। साथ ही, आयकर खोज मामलों में ब्लॉक असेसमेंट से जुड़ी प्रक्रियाओं को और स्पष्ट किया गया है, ताकि तलाशी अभियान के दौरान चल रहे असेसमेंट और री-असेसमेंट मामलों को सरल और तेज तरीके से निपटाया जा सके। ये विधेयक सरकार के कर ढांचे को आधुनिक बनाने की दिशा में एक अहम कदम हैं।- -
नई दिल्ली। इस साल खरीफ फसलों की बुआई का कुल क्षेत्र 995.63 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो पिछले साल के 957.15 लाख हेक्टेयर से 38.48 लाख हेक्टेयर अधिक है। कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के मुताबिक यह वृद्धि अच्छे और समय पर हुए मानसून के कारण हुई है, जिससे विशेष रूप से गैर-सिंचित क्षेत्रों में खेती को बढ़ावा मिला है। धान की बुआई में सबसे अधिक बढ़ोतरी दर्ज की गई है। 8 अगस्त 2025 तक धान का रकबा 364.8 लाख हेक्टेयर हो गया, जो पिछले साल 325.36 लाख हेक्टेयर था।
वहीं दालों (उड़द, मूंग आदि) का रकबा मामूली बढ़कर 106.68 लाख हेक्टेयर हो गया, जबकि पिछले साल यह 106.52 लाख हेक्टेयर था। मोटे अनाज (ज्वार, बाजरा, रागी) का क्षेत्रफल 178.73 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो पिछले साल 170.96 लाख हेक्टेयर था। गन्ने की खेती भी बढ़कर 57.31 लाख हेक्टेयर हो गई, जो पिछले साल 55.68 लाख हेक्टेयर थी।किसानों को बेहतर दाम देने और उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने वर्ष 2025-26 के लिए 14 खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि को मंजूरी दी है। सबसे अधिक MSP बढ़ोतरी निगरसीड (₹820 प्रति क्विंटल) के लिए की गई है, इसके बाद रागी (₹596 प्रति क्विंटल), कपास (₹589 प्रति क्विंटल) और तिल (₹579 प्रति क्विंटल) के लिए बढ़ोतरी की गई है।- - ब्रह्मपुर. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ओडिशा के गंजाम जिले में रविवार को राज्य के पहले समुद्री जल विलवणीकरण संयंत्र का उद्घाटन किया। छतरपुर के पास माटीखाल में स्थापित यह संयंत्र उत्क्रम परासरण यानी रिवर्स ऑस्मोसिस (आरओ) तकनीक का इस्तेमाल करके समुद्री जल को ताजा पानी में तब्दील कर देगा। इसे इंडियन रेयर अर्थ्स लिमिटेड (आईआरईएल) की एक इकाई, ओडिशा सैंड्स कॉम्प्लेक्स (ऑस्कॉम) ने विकसित किया है। अधिकारियों ने बताया कि इस संयंत्र से रोजाना लगभग चार लाख लीटर पानी की आपूर्ति की जाएगी, जिससे करीब 7,000 लोगों को लाभ होगा। प्रधान ने कहा कि इस संयंत्र के चालू होने से समुद्री तट के किनारे बसे दो गांवों की पानी की समस्या का समाधान हो जाएगा। उन्होंने कहा, “भूजल में लवणता के कारण ग्रामीणों को पेयजल की समस्या का सामना करना पड़ रहा था।” ओस्कॉम प्रमुख सीवीआर मूर्ति ने बताया कि औद्योगिक और पेयजल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए 4.5 एमएलडी क्षमता के संयंत्र की स्थापना पर कुल 135 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। उन्होंने बताया कि आस-पास के गांवों के साथ-साथ ओस्कॉम कर्मचारियों को भी पानी उपलब्ध कराया जाएगा।मूर्ति के मुताबिक, “ओसकॉम इस संयंत्र से 1.5 एमएलडी पानी का इस्तेमाल करेगा, जबकि 1.5 एमएलडी पानी की गांवों को आपूर्ति करेगा। बाकी 1.5 एमएलडी पानी आपात स्थिति में उपयोग के लिए संरक्षित किया जाएगा।” अधिकारियों के अनुसार, भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बीएआरसी) ने समुद्री जल के खारेपन को दूर करने की तकनीक उपलब्ध कराई है। उन्होंने बताया कि बीएआरसी के परमाणु ऊर्जा विभाग ने इस संयंत्र की स्थापना के लिए धनराशि प्रदान की है। अधिकारियों ने बताया कि जिला प्रशासन ने टैंक बनवाए और हर घर तक पाइप बिछाए।
- चेन्नई. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अगले कुछ महीनों में अमेरिका निर्मित 6,500 किलोग्राम वजन वाले संचार उपग्रह का प्रक्षेपण करेगा। इसरो के अध्यक्ष वी. नारायणन ने रविवार को यह जानकारी दी। नारायणन ने चेन्नई के पास कट्टनकुलथुर में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि 30 जुलाई को जीएसएलवी-एफ16 रॉकेट के जरिये नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार (निसार) मिशन के ऐतिहासिक प्रक्षेपण के बाद इसरो अमेरिका निर्मित एक और उपग्रह को अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित करेगा। कट्टनकुलथुर में एसआरएम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान के 21वें दीक्षांत समारोह के दौरान महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने नारायणन को डॉक्टर ऑफ साइंस की मानद उपाधि से नवाजा। इसरो प्रमुख ने अपने संबोधन में याद दिलाया कि भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी की स्थापना 1963 में हुई थी और उस समय देश विकसित देशों से छह-सात साल पीछे था। उन्होंने कहा, “उसी साल अमेरिका ने एक छोटा रॉकेट दान किया था, जिससे भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत हुई थी। वह 21 नवंबर 1963 का दिन था।” नारायणन ने कहा कि 1975 में अमेरिका की ओर से उपलब्ध कराए गए उपग्रह डेटा के माध्यम से इसरो ने छह भारतीय राज्यों के 2,400 गांवों में 2,400 टेलीविजन सेट लगाकर ‘जनसंचार' का परीक्षण किया था। उन्होंने कहा, “उसके (एक साधारण शुरुआत) बाद 30 जुलाई 2025 का दिन भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक ऐतिहासिक दिन था। हमने निसार उपग्रह प्रक्षेपित किया है। यह दुनिया का अब तक का सबसे महंगा उपग्रह है। एल बैंड एसएआर पेलोड अमेरिका ने और एस बैंड पेलोड इसरो ने प्रदान किया। उपग्रह को भारतीय प्रक्षेपक (जीएसएलवी) के जरिये सटीक रूप से अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित किया गया। और आज, हम उन्नत देशों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं।” नारायणन ने कहा कि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की एक टीम ने जीएसएलवी-एफ16/निसार मिशन के सटीक प्रक्षेपण के लिए इसरो के अपने समकक्षों की सराहना की। उन्होंने कहा, “एक ऐसा देश, जिसने अमेरिका से मिले एक छोटे-से रॉकेट से अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत की थी, अगले कुछ महीनों में भारतीय धरती से अपने खुद के प्रक्षेपक का इस्तेमाल करके अमेरिका निर्मित 6,500 किलोग्राम वजन वाले संचार उपग्रह का प्रक्षेपण करने जा रहा है। यह कितनी महत्वपूर्ण प्रगति है।” नारायणन ने कहा कि 50 साल पहले जिस देश के पास उपग्रह प्रौद्योगिकी नहीं थी, आज उसकी अंतरिक्ष एजेंसी इसरो अपने प्रक्षेपकों का इस्तेमाल करके 34 देशों के कुल 433 उपग्रहों को प्रक्षेपित कर चुकी है। उन्होंने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी हमने अपने उपग्रहों के माध्यम से भारत के सभी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की। हम जो भी योगदान दे सकते थे, हमने दिया।” कुछ महत्वपूर्ण अभियानों का जिक्र करते हुए नारायणन ने कहा कि चंद्रयान-1 मिशन के माध्यम से इसरो चंद्रमा की सतह पर पानी के अणु की पहचान करने में सक्षम हुआ था और चंद्रयान-3 के जरिये भारत ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग' करने की उपलब्धि हासिल की थी। एक ही प्रक्षेपण यान का उपयोग करके 34 उपग्रहों को अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित करने के रूस के रॉकेट मिशन का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि भारत ने एक ही रॉकेट का इस्तेमाल करके 104 उपग्रहों को इच्छित कक्षा में स्थापित करके उस रिकॉर्ड को तोड़ दिया।
- उत्तरकाशी. गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर गंगनानी से आगे लिमचागाड़ में रविवार को बेली पुल का निर्माण पूरा हो गया जिससे आपदाग्रस्त धराली और हर्षिल तक जल्द सड़क संपर्क बहाल करने का मार्ग प्रशस्त हो गया। वहीं 177 अन्य श्रद्धालुओं एवं स्थानीय लोगों को हेलीकॉप्टर के जरिये हर्षिल से निकाला गया है। उधर, मंगलवार को आयी आपदा के बाद धराली में मलबे में लापता लोगों की तलाश के लिए बचाव दलों ने छठे दिन खोजी कुत्तों, ‘विक्टिम लोकेटिंग' व ‘थर्मल इमेजिंग' कैमरा जैसे अत्याधुनिक उपकरणों की मदद से खोजबीन अभियान तेज कर दिया। अधिकारियों ने यहां बताया कि लिमचागाड़ में आपदा में बह गए 30 मीटर लंबे पुल के स्थान पर सीमा सड़क संगठन ने लोक निर्माण विभाग के सहयोग से दिन-रात एक करके बेली पुल निर्माण का चुनौतीपूर्ण कार्य रविवार शाम को पूरा कर लिया। बेली पुल एक ऐसा पुल होता है, जिसे पहले से तैयार पुर्जों को जोड़कर जल्दी से बनाया जा सकता है।उन्होंने बताया कि युद्धस्तर पर कार्य करके तीन दिनों की अल्प अवधि में पुल बना दिए जाने से गंगोत्री मार्ग पर डबरानी पुल तक सड़क संपर्क बहाल हो गया है। उन्होंने कहा कि इसके जरिये इसके आगे के हिस्सों में क्षतिग्रस्त सड़क का तेजी से पुनर्निर्माण होगा और राहत एवं पुनर्वास कार्यों में तेजी आएगी। अतिवृष्टि और बादल फटने के कारण गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग लिमचागाड़ सहित अनेक स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गया था। आपदा के बाद तीन दिनों तक उत्तरकाशी में डेरा डाले रहे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचकर धराली में जारी राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की। बाद में मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि धराली और हर्षिल तक मंगलवार या बुधवार तक सड़क मार्ग बन जाने की पूरी उम्मीद है। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में बिजली बहाल हो गयी है, टेलीफोन लाइन सुचारू हो गयी हैं और राशन कपड़े आदि सभी जरूरी चीजें वहां पर्याप्त मात्रा में पहुंच गयी हैं। धामी ने कहा कि ऐसे 107 परिवार हैं, जिनके मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं या जिनके परिजन की मृत्यु हुई है। उन्होंने कहा कि अभी फौरी तौर पर पांच लाख रुपये की तात्कालिक आर्थिक सहायता जारी की गयी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदाग्रस्त क्षेत्र में सभी एजेंसियों ने समन्वय से कार्य किया और गगांत्री धाम, हर्षिल आदि क्षेत्रों में आए तीर्थयात्रियों समेत सभी को बाहर निकाला गया है। उन्होंने कहा, ‘‘अभी तक हेली सेवा के माध्यम से 1200 से अधिक लोगों को बाहर निकाला गया है। अब भी हमारी हेली सेवा चल रही है।'' उन्होंने बताया कि राजस्व सचिव की अध्यक्षता में बनायी गयी समिति नुकसान का पूरा आकलन करेगी, जिसमें भवनों का नुकसान, पशुहानि, कृषि और बागवानी सभी प्रकार के नुकसान का आकलन होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘‘इससे पहले हम जोशीमठ में आयी आपदा में भी पुनर्वास का काम कर चुके हैं और हमारा प्रयास है कि हर आपदा पीड़ित को सहायता मिले। हमें हर वर्ष आपदा का किसी न किसी रूप में सामना करना पड़ता है और उनसे बचाव के लिए प्रदेश में स्थित महत्वपूर्ण संस्थानों से वहन क्षमता से लेकर पर्यावरण तक का आकलन करवाया जाएगा।'' उत्तरकाशी जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, रविवार को हर्षिल से हेलीकॉप्टर के जरिए 124 श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों को मातली तथा 53 लोगों को चिन्यालीसौड़ पहुंचाया गया। सात अगस्त से हेली अभियान शुरू होने के बाद से अब तक कुल 1273 श्रद्धालुओं तथा अन्य लोगों को हर्षिल से बाहर निकालकर मातली हेलीपैड, चिन्यालीसौड़ हवाई पटटी तथा देहरादून पहुंचाया जा चुका है। हालांकि, रविवार सुबह बारिश के कारण हेलीकॉप्टर संचालन पौने 10 बजे शुरू हो पाया। अधिकारियों ने बताया कि मातली हेलीपैड से हेलीकॉप्टर के जरिए बड़ी मात्रा में खाद्य एवं राहत सामग्री हर्षिल हेलीपैड तक भेजी जा रही है और वापसी में आपदा प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को मातली लाया जा रहा है। राज्य सरकार के हेलीकॉप्टरों के अलावा, सेना के चिनूक, एमआई-17, एएलएच-1 और चीता हेलीकॉप्टर बचाव अभियान संचालित कर रहे हैं। बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा में ध्वस्त हुए कल्प केदार मंदिर का निर्माण किया जाएगा।मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को धराली आपदा में बेघर हुए परिवारों से निरंतर संपर्क रखते हुए तात्कालिक रूप से उनके रहने, भोजन, दवाइयों सहित सभी सुविधाएं देने के निर्देश दिए। इस दौरान मुख्यमंत्री ने धराली के ग्राम प्रधान सहित अन्य ग्रामीणों से बात भी की, जिन्होंने मुख्यमंत्री का स्वयं उनके साथ तीन दिन तक रहने तथा उनका हौसला बनाए रखने के लिए आभार जताया। उधर, धराली में मलबे के ढेर में लापता लोगों की तलाश के लिए विभिन्न एजेंसियों द्वारा बचाव एवं राहत अभियान युद्धस्तर पर चलाया जा रहा है। उत्तराखंड के गृह सचिव शैलेश बगौली ने अधिकारियों को धराली में प्रतिदिन 2000 लीटर डीजल तथा प्रभावित लोगों के लिए रसोई गैस सिलेंडर की आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि जब तक सड़कों की मरम्मत नहीं हो जाती और उनका संचालन शुरू नहीं होता तब तक प्रभावित लोगों तक खाद्य तथा अन्य जरूरी सामान पहुंचाने के लिए घोड़े और खच्चरों का उपयोग किया जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कोटक महिंद्रा बैंक द्वारा धराली में प्रभावित लोगों के राहत एवं पुनर्वास के लिए भेजी जा रही आपदा राहत सामग्री से भरे करीब आधा दर्जन ट्रक रवाना किये। पांच अगस्त को बादल फटने के बाद खीर गंगा नदी में अचानक आई भीषण बाढ़ के कारण धराली में मची तबाही में कई होटल और मकान जमींदोज हो गए थे। जिला प्रशासन ने अब तक चार लोगों की मौत और कई अन्य के लापता होने की पुष्टि की है।
- जन्माष्टमी के लिए इस्कॉन का जबरदस्त प्लानपटना/ श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को लेकर पटना के इस्कॉन में तैयारियां शुरू हो गई हैं. इस साल दो दिवसीय कार्यक्रम होगा, जिसमें 16 अगस्त को जन्माष्टमी महोत्सव मनाया जाएगा और 17 अगस्त को संस्थापक श्रील प्रभुपाद का जन्मदिन. प्रभुपाद के जन्मदिन को ‘प्रभुपाद आविर्भाव महोत्सव’ के रूप में मनाया जाएगा.पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष कई विशेष तैयारियां चल रही हैं और पूरे कार्यक्रम को भव्य बनाने की योजना है. भगवान के दरबार को सजाने के लिए रूस, यूक्रेन, इंग्लैंड और साउथ अफ्रीका सहित 8 देशों से फूल मंगाए जा रहे हैं. इन देशों के भक्त भी शामिल होंगे.भगवान के नए आभूषण और वस्त्र वृंदावन और मायापुर से लाए जा रहे हैं. इनसे भगवान का श्रृंगार किया जाएगा. भक्तों की सुविधा को देखते हुए मंदिर परिसर में वाटरप्रूफ पंडाल लगाया जाएगा, ताकि मौसम का कोई असर भक्तों पर न पड़े.जन्माष्टमी की रात 12 बजे 251 चांदी के कलश और शंख से भगवान का विशेष महाभिषेक किया जाएगा. इसके साथ ही, भगवान की दिव्य लीलाओं का मंचन भी होगा. लगातार भजन कीर्तन का सिलसिला चलता रहेगा. सभी भक्त भगवान की भक्ति में लीन दिखाई देंगे.