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नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर पश्चिम भारत इन दिनों भीषण गर्मी की चपेट में है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) की ताजा भविष्यवाणी के अनुसार, 12 और 13 जून को भीषण लू और धूल भरी आंधी के साथ बारिश की संभावना जताई गई है। इसके साथ ही मौसम विभाग ने इन दो दिनों के लिए विशेष चेतावनी जारी की है।
आज तापमान 44 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावनामौसम विभाग के अनुसार, 12 जून को अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 28 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है। हवा में नमी की मात्रा 25 प्रतिशत के आसपास रहेगी।गरज-चमक के साथ बारिश और धूल भरी हवाओं के साथ हीट वेव चलने की चेतावनीइस दिन गरज-चमक के साथ बारिश और धूल भरी हवाओं के साथ हीट वेव चलने की चेतावनी दी गई है। इसके लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है, जिससे लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।13 जून की रात से मिल सकती है राहत13 जून को भी तापमान 44 डिग्री सेल्सियस तक रहने की संभावना है, लेकिन इस दिन गरज-चमक के साथ तेज हवाएं (40-50 किमी प्रति घंटे) चलने और बारिश की संभावना के कारण तापमान में आंशिक गिरावट हो सकती है।नागरिकों को सावधानी बरतने की सलाहमौसम विभाग ने इस दिन के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है और नागरिकों को सावधानी बरतने की सलाह दी है। 14 जून से तापमान में गिरावट शुरू हो सकती है। उस दिन अधिकतम तापमान 41 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 28 डिग्री रह सकता है।बारिश की संभावना के बावजूद उस दिन किसी प्रकार की चेतावनी जारी नहीं की गई है। इसके बाद, 15 से 18 जून तक मौसम में स्थिरता रहने की संभावना है, जहां आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे और बारिश की हल्की गतिविधि संभव है। अधिकतम तापमान 38 डिग्री के आसपास रहने की उम्मीद है।मौसम विभाग ने नागरिकों को लू से बचाव के लिए दोपहर के समय बाहर निकलने से परहेज करने, अधिक पानी पीने और आवश्यक सावधानी बरतने की सलाह दी है। विशेषकर बुजुर्ग, बच्चे और बीमार व्यक्तियों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। उत्तर भारत इस समय भीषण गर्मी से जूझ रहा है, लेकिन 13 जून की रात से मौसम में बदलाव के संकेत हैं। इसके बाद गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद है। हालांकि, लोगों को अगले दो दिन विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। - नयी दिल्ली. आयुष मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के नजदीक आने के साथ ही फिल्म, संगीत और सार्वजनिक सेवा से जुड़े जाने-पहचाने चेहरे इस ‘‘आंदोलन'' में शामिल हो रहे हैं, जिससे दैनिक जीवन में योग के स्थान को मजबूती मिल रही है। पुडुचेरी की पूर्व उपराज्यपाल और सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी किरण बेदी ने अपने समर्थन संदेश में कहा, ‘‘योग आत्म-देखभाल और सामाजिक देखभाल का दूसरा नाम है।'' अभिनेता अनुपम खेर ने एक वीडियो संदेश साझा कर सभी को ‘‘योग करने'' के लिए प्रोत्साहित किया।वहीं, अभिनेता अनिल कपूर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स' पर अपने विचार साझा करते हुए कहा, ‘‘योग प्रेरित करता है, स्वस्थ करता है और एकजुट करता है। आइए, योग महोत्सव की भावना के माध्यम से एक स्वस्थ आज और कल को अपनाएं।'' पहलवान और प्रेरक वक्ता संग्राम सिंह ने कहा, ‘‘योग का अर्थ है मिलन - आत्मा का परमात्मा से संबंध। यह हमें प्रकृति के साथ जोड़ता है और हमारी शारीरिक एवं आंतरिक आत्मा के बीच की खाई को पाटता है। शरीर, मन और आत्मा को एकीकृत कर योग तनाव, चिंता और अवसाद से मुक्त रहने में हमारी मदद करता है।'' मंत्रालय ने कहा कि एक राष्ट्रीय आयोजन के रूप में शुरू हुआ यह उत्सव अब एक जनांदोलन बन गया है और अब देश भर के प्रतिष्ठित लोग इसका हिस्सा बन रहे हैं। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि प्रामाणिकता और जीवंत अनुभव पर आधारित ये संदेश युवाओं को भारत की समृद्ध कल्याण परंपराओं को फिर से खोजने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। गायक कैलाश खेर ने कहा कि भारत में हुए अनेक परिवर्तनों के बीच विश्व ने योग के शाश्वत उपहार को स्वीकार किया है और अपनाया है। शास्त्रीय नृत्यांगना सोनल मानसिंह ने कहा, ‘‘योग मेरी जीवन यात्रा में गहन अंतर्दृष्टि और आध्यात्मिक उत्थान का मार्ग रहा है।'' अभिनेता मनोज जोशी ने कहा, ‘‘हमारे आधुनिक, त्वरित गति जीवन में, यदि हम आयुर्वेदिक और योग सिद्धांतों के अनुसार अपनी दिनचर्या की योजना बनाते हैं, तो यह हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए लाभकारी होगा। उन्होंने लोगों से प्रतिदिन योग करने का भी आग्रह किया।'' अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी ने ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘योग हमारे भीतर और हमारे आसपास सद्भाव का पोषण करता है। जैसा कि हम योग महोत्सव (आईडीवाई) की भावना के माध्यम से आईडीवाई 2025 को चिह्नित करते हैं, आइए हम सामूहिक रूप से आने वाली पीढ़ियों के लिए कल्याण की इस विरासत को बढ़ावा दें।'' अभिनेत्री रकुल प्रीत सिंह ने अपने इंस्टाग्राम पर लिखा, ‘‘प्राचीन भारत से लेकर वैश्विक मंच तक, योग प्रेरणा देता है, उपचार करता है और एकजुट करता है।'' मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, ‘‘इन प्रभावशाली लोगों ने इस आंदोलन में नयी ऊर्जा भर दी है और अपने लाखों प्रशंसकों से योग को न केवल एक अभ्यास के रूप में, बल्कि जीवन के एक तरीके के रूप में अपनाने का आग्रह किया है। उनके जीवंत सोशल मीडिया संदेशों और व्यक्तिगत विचारों ने इस अभियान की दृश्यता को कई पीढ़ियों तक बढ़ाया है।'' इसने कहा कि उनकी एकीकृत पहुंच से देश भर में उत्साह की लहर पैदा हो रही है, विशेष रूप से डिजिटल माध्यमों के उपयोगकर्ताओं और युवा दर्शकों के बीच, तथा इससे 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की दुनिया में उत्सुकता बढ़ रही है। बयान में कहा गया, ‘‘जब भारत अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का एक दशक मना रहा है, इन महान हस्तियों का समर्थन देश भर में बढ़ती भावना को दर्शाता है: योग केवल एक व्यायाम नहीं है, यह जीवन और संतुलन का उत्सव है।
- नयी दिल्ली. केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी ने बुधवार को कहा कि मई में भारत की कुल हरित ऊर्जा क्षमता सालाना आधार पर 17.13 प्रतिशत बढ़कर 226.74 गीगावाट हो गई। जोशी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत के नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र ने अभूतपूर्व वृद्धि देखी है। सौर ऊर्जा से लेकर पवन ऊर्जा तक, हमारा देश एक उज्ज्वल और अधिक टिकाऊ भविष्य का मार्ग प्रशस्त कर रहा है।'' मंत्री ने कहा कि मई में नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता सालाना आधार पर 17.13 प्रतिशत बढ़कर 226.74 गीगावाट हो गई, जो पिछले साल इसी महीने 193.58 गीगावाट थी। कुल क्षमता में से, सौर ऊर्जा क्षमता मई, 2024 की तुलना 31.49 प्रतिशत बढ़कर 110.83 गीगावाट हो गई, जो एक साल पहले इसी महीने में 84.28 गीगावाट थी। पवन ऊर्जा क्षमता 10.49 प्रतिशत बढ़कर 51.29 गीगावाट हो गई। एक साल पहले यह 46.42 गीगावाट थी। जोशी ने कहा कि स्वच्छ ऊर्जा भारत की प्रगति और गौरव की यात्रा को आकार दे रही है।
- नयी दिल्ली. केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) ने अस्थायी (कैजुअल) उद्घोषकों की नियुक्ति संबंधी अधिसूचना के खिलाफ रेडियो जॉकी (आरजे) एसोसिएशन की याचिका पर आकाशवाणी और अन्य को नोटिस जारी किये हैं। न्यायिक सदस्य मनीष गर्ग ने वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद की इस दलील का संज्ञान लिया कि ऑल इंडिया रेडियो ब्रॉडकास्टिंग प्रोफेशनल्स एसोसिएशन में करीब 20 अस्थायी उद्घोषक या आरजे शामिल हैं और ‘लंबे समय' से काम कर रहे हैं, तथा ‘‘समान स्थिति वाले व्यक्तियों'' के नियमितीकरण का मामला उच्चतम न्यायालय में लंबित है। अधिकरण ने कहा कि एसोसिएशन ने भी मामले में खुद को पक्षकार बनाने के लिए उच्चतम न्यायालय में अर्जी दायर की है। कैट ने 10 जून को पारित आदेश में कहा कि चार अप्रैल की अधिसूचना ‘‘वर्तमान मूल आवेदन के फैसले के अधीन होगी''। न्यायाधिकरण ने कहा, ‘‘प्रतिवादियों को नोटिस जारी करें। चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल किया जाए।'' कैट ने ऑल इंडिया रेडियो या आकाशवाणी, केंद्र और प्रसार भारती को पक्षकार बनाया है।सुनवाई के दौरान प्रतिवादियों के वकील ने दलील दी कि याचिका ‘‘समय पूर्व'' दाखिल की गई है, क्योंकि रिक्ति अधिसूचना पर आगे विचार किया जा रहा है और आवेदकों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा, क्योंकि वे ‘‘विशिष्ट वर्ग'' से संबंधित हैं। खुर्शीद ने इस दलील का विरोध करते हुए कहा कि अधिसूचना ‘‘मौजूदा अस्थायी उद्घोषकों के साथ नये अस्थायी उद्घोषकों को जोड़ने जा रही है, जिससे इनकी लंबी सूची में और इजाफा हो रहा है''। कैट ने इसके बाद मामले की अलगी सुनवाई 29 जुलाई के लिए टाल दी।
- नयी दिल्ली. एकीकृत रक्षा स्टाफ के मुखिया एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित ने बुधवार को कहा कि भारत को अपनी निगरानी क्षमताओं पर विचार करने के साथ तेजी से विकसित हो रहे खतरे के परिदृश्य, विशेष रूप से ‘‘हमारे उत्तर में पड़ोसियों'' द्वारा की गई उल्लेखनीय प्रगति को समझना होगा। उन्होंने चीन के सैन्य अंतरिक्ष कार्यक्रम में विस्तार का भी हवाला दिया। यहां एक सेमिनार में अपने संबोधन में एयर मार्शल दीक्षित ने यह भी कहा कि चीनी उपग्रहों ने हाल ही में पृथ्वी की निचली कक्षाओं में ‘‘परिष्कृत हवाई युद्ध कौशल'' का प्रदर्शन किया है। वह सुब्रतो पार्क में विचार मंच सीएपीएस (सेंटर फॉर एयर पावर स्टडीज) और इंडियन मिलिट्री रिव्यूज़ (आईएमआर) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में ‘निगरानी और इलेक्ट्रो-ऑप्टिक्स' विषय पर बोल रहे थे। चीन का सैन्य अंतरिक्ष कार्यक्रम ‘‘वर्ष 2010 में मात्र 36 उपग्रहों से बढ़कर वर्ष 2024 तक एक हजार से अधिक का हो गया, जिसमें 360 से अधिक उपग्रह आईएसआर मिशन के लिए समर्पित होंगे।'' आईएसआर का तात्पर्य खुफिया जानकारी, निगरानी और टोह से है।एयर मार्शल दीक्षित ने कहा, ‘‘जब हम अपनी निगरानी क्षमताओं पर विचार कर रहे हैं, तो हमें तेजी से विकसित हो रहे खतरे के परिदृश्य को समझना होगा, विशेष रूप से हमारे उत्तरी पड़ोसियों द्वारा की गई उल्लेखनीय प्रगति को।'' हालांकि, उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता पर जोर दिया और कहा कि इन चुनौतियों को स्वीकार किए जाने के साथ ही ‘‘हमें अपनी उल्लेखनीय उपलब्धियों का जश्न भी मनाना चाहिए।'' अधिकारी ने कहा, ‘‘हमारी सफलता का मूल आधार एकीकृत वायु कमान एवं नियंत्रण प्रणाली (आईएसीसीएस) है, जो भारतीय इंजीनियरिंग की उत्कृष्ट एवं रणनीतिक दूरदर्शिता का प्रमाण है।''
- देहरादून. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को हेलीकॉप्टर सेवा संचालकों को स्पष्ट निर्देश दिए कि सुरक्षा संबंधी मानकों से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड में सेवाएं दे रही हेलीकॉप्टर सेवा संचालकों, यूकाडा, एएआईबी एवं डीजीसीए के साथ यहां एक समीक्षा बैठक के दौरान गत वर्षों में हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं के ऑडिट व निरंतर समीक्षा के भी निर्देश दिए ताकि इनकी पुनरावृति न हो। यात्रियों की सुरक्षा को सबसे बड़ा दायित्व बताते हुए उन्होंने कहा कि हेलीकॉप्टर सेवा लेने वाले यात्रियों के अधिकाधिक आंकड़ों से आत्ममुग्ध हुए बिना सुरक्षा मानकों को शीर्ष प्राथमिकता दी जाए। इस साल अब तक 66,000 से भी अधिक लोग हेलीकॉप्टर शटल सेवा का लाभ उठा चुके हैं।उन्होंने कहा कि इसके लिए हेलीकॉप्टर की नियमित फिटनेस जांच, हेलीकॉप्टर टिकट बुकिंग हेतु ठोस व प्रभावी मानक संचालन प्रक्रिया बनाने एवं उच्च हिमालयी क्षेत्रों में चलने वाले हेलीकॉप्टर के इंजन के सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन किया जाए। मुख्यमंत्री ने खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टर सेवाओं में बाधाओं, मौसम की सटीक जानकारी एवं सुरक्षा के दृष्टिगत केदारघाटी के साथ ही अन्य सभी चारधामों में 'वैदर कैमरा' लगाने के निर्देश भी दिए। धामी ने यूकाडा को भविष्य में केवल डबल इंजन वाले हेलीकॉप्टर संचालित करने हेतु एक ठोस नीति तैयार करने को भी कहा। मुख्यमंत्री ने यूकाडा एवं संबंधित हितधारकों को वैष्णो देवी में संचालित की जा रही हेलीकॉप्टर सेवा मॉडल का अध्ययन करने, अत्यधिक अनुभवी पायलटों को ही रखे जाने के निर्देश भी दिए। धामी ने हेलीकॉप्टर सेवा संचालकों को यात्रियों के साथ संवेदनशील व्यवहार करने की भी नसीहत दी ताकि दुनियाभर से आने वाले पर्यटक उत्तराखंड से सुखद अनुभव लेकर जाएं। मुख्यमंत्री ने भविष्य में हेलीकॉप्टर सेवाओं की बढ़ती मांग को देखते हुए यूकाडा को राज्य में अगले 10 वर्षों के लिए इन सेवाओं की कार्ययोजना बनाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने बताया कि प्रदेश में अनेक हेलीपैड निर्माणाधीन हैं। इस साल भी आठ मई को उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री धाम जा रहा एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था जिसमें छह लोगों की मौत हो गयी थी। गत शनिवार को भी केदारनाथ जा रहे एक हेलीकॉप्टर को उड़ान भरते ही तकनीकी खराबी आ जाने के कारण सड़क पर आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी। इसमें पायलट को चोटें आयीं, हालांकि उसमें सवार पांच श्रद्धालु सुरक्षित बच गए।
- कौशांबी. उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले की एक अदालत ने टॉफी में जहर देखकर तीन बच्चियों की हत्या करने के दोषी व्यक्ति को बुधवार को आजीवन कठोर कारावास की सजा सुनाई और उस पर 35,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) अनिल कुमार चौधरी ने बताया कि 17 अगस्त, 2023 को वादी राजकुमार प्रजापति ने कड़ा धाम थाना पर तहरीर देकर बताया था कि उसकी बेटी वर्षा रानी (8) छत पर सो रही थी। सुबह उसके पड़ोसी आरोपी शिव शंकर ने अपनी छत से टॉफी में जहर मिलाकर उसकी बेटी के बिस्तर पर फेंक दी। तहरीर के मुताबिक, वर्षा रानी ने टॉफी उठा ली और नीचे आकर उसके चचेरे भाई वासुदेव की दो बेटियों साधना (08) और शालिनी (06) के साथ बांटकर खा ली जिसके बाद तीनों की हालत बिगड़ने लगी। तीनों की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। चौधरी ने बताया कि इस मामले में दोषी पाए गए आरोपी शिव शंकर को बुधवार को अपर जिला न्यायाधीश शिरीन जैदी की अदालत ने आजीवन कठोर कारावास की सजा सुनाई और उस पर 35,000 रुपये का जुर्माना लगाया।
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नई दिल्ली। यात्रियों को तत्काल टिकट निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से सुलभ कराने और उनके हितों की रक्षा के लिए भारतीय रेलवे ने तत्काल टिकट बुकिंग प्रणाली में महत्वपूर्ण संशोधनों की घोषणा की है। रेल मंत्रालय के अनुसार, 1 जुलाई से आईआरसीटीसी की वेबसाइट और ऐप पर केवल आधार सत्यापित उपयोगकर्ता ही तत्काल टिकट बुक कर सकते हैं। एसी और नॉन-एसी क्लास के लिए पहले 30 मिनट में कोई एजेंट बुकिंग नहीं होगी। वहीं,15 जुलाई से ऑनलाइन तथा यात्री आरक्षण प्रणाली काउंटर और अधिकृत एजेंटों के माध्यम से तत्काल बुकिंग के लिए ओटीपी आधारित सत्यापन अनिवार्य होगा।
इनका उद्देश्य उपयोगकर्ता सत्यापन बढ़ाना और योजना का दुरुपयोग रोकना है। नए प्रावधान में निम्नलिखित व्यवस्था की गई है-1. ऑनलाइन तत्काल बुकिंग के लिए आधार सत्यापन-एक जुलाई 2025 से, भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) की आधिकारिक वेबसाइट और मोबाइल ऐप द्वारा तत्काल टिकट बुकिंग केवल आधार सत्यापित उपयोगकर्ताओं के लिए ही उपलब्ध होंगे। इसके अलावा, 15 जुलाई 2025 से ऑनलाइन तत्काल बुकिंग के लिए आधार ओटीपी सत्यापन अनिवार्य हो जाएगा।2. यात्री आरक्षण प्रणाली काउंटर (पीआरएस काउंटर) और एजेंटों द्वारा बुकिंग में सिस्टम-आधारित ओटीपी सत्यापन-कम्प्यूटरीकृत यात्री आरक्षण प्रणाली (पीआरएस) काउंटरों और अधिकृत एजेंटों के माध्यम से तत्काल टिकटों की बुकिंग के दौरान उपयोगकर्ता के मोबाइल नंबर पर ओटीपी सत्यापन की आवश्यकता होगी।यह प्रावधान भी 15 जुलाई 2025 से लागू होगा।3. अधिकृत एजेंटों के लिए बुकिंग समय की पाबंदी-रेल आरक्षण के शुरूआती समय में बल्क (एक साथ बहुत सारे) बुकिंग रोकने के लिए, भारतीय रेलवे के अधिकृत टिकटिंग एजेंटों को बुकिंग विंडो के पहले 30 मिनट के दौरान तत्काल टिकट बुक करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। एसी क्लासों के लिए, यह प्रतिबंध सुबह 10 बजे से 10 बजकर 30 मिनट तक और गैर-एसी क्लास के लिए, सुबह 11 बजे से 11 बजकर 30 मिनट तक लागू होगा।ये बदलाव तत्काल बुकिंग में पारदर्शिता बढ़ाने और सुनिश्चित करने के लिए लागू किए जा रहे हैं कि योजना का लाभ वास्तविक उपयोगकर्ताओं को मिले।रेलवे सूचना प्रणाली केन्द्र (सीआरआईएस) और आईआरसीटीसी को इस बारे में आवश्यक प्रणालीगत संशोधन करने और सभी रेलवे जोन और संबंधित विभागों को सूचित करने के निर्देश दिये गये हैं।रेल मंत्रालय ने सभी यात्रियों से इन परिवर्तनों पर ध्यान देने का अनुरोध किया है।इसके अतिरिक्त, असुविधा से बचने के लिए आईआरसीटीसी उपयोगकर्ताओं को अपने प्रोफाइल आधार नम्बर के साथ जोड़ने का आग्रह किया है। -
नई दिल्ली। अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन (एएमए) के 178 साल के इतिहास में पहली बार संगठन की कमान एक भारतीय मूल के व्यक्ति ने संभाल ली। डॉ. श्रीनिवास मुक्कमाला को अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन का अध्यक्ष चुना गया है। उन्हें लोग प्यार से बॉबी मुक्कमाला कहते हैं। वो एमडी होने के साथ बेहतरीन ओटोलरींगोलॉजिस्ट हैं।
श्रीनिवास मुक्कमाला ने 180वें अध्यक्ष के रूप में पदभार संभालाअमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन की वेबसाइट के अनुसार, हयात रीजेंसी शिकागो में 10 जून की रात समारोहपूर्वक समारोह में श्रीनिवास मुक्कमाला ने 180वें अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाला। उन्होंने कहा कि यह उनके लिए भावुक क्षण हैं। वह इसे व्यक्त नहीं कर सकते। बस यह दिल को छू लेने वाला और विस्मयकारी अवसर है।पिछले साल नवंबर में 53 वर्षीय डॉ. बॉबी मुक्कमला के मस्तिष्क के बाएं ओर 8-सेमी टेम्पोरल लोब ट्यूमर का पता चला। तीन सप्ताह बाद उनकी सर्जरी हुई। ट्यूमर का 90 प्रतिशत हिस्सा हटाया गया। विकिरण और कीमोथेरेपी से बचने में इसने मदद की। उनके चिकित्सकों ने संकेत दिया कि वह 20 साल तक जीवित रह सकते हैं। डॉ. बॉबी दो बच्चों के पिता हैं।भारतीय मूल के डॉ. मुक्कमला ने कहा- ” मैं आज रात यहां कुशल चिकित्सकों की प्रतिभा के कारण हूं”उन्होंने इस अवसर पर अपनी सर्जरी के पलों को याद किया। भारतीय मूल के डॉ. मुक्कमला ने कहा, ” मैं आज रात यहां कुशल चिकित्सकों की प्रतिभा के कारण हूं। इसमें मेरे परिवार और दोस्तों का चिरस्थायी प्यार और धैर्य शामिल है। हो सकता है हमारी स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में अभी भी खामियां हों। उसके बावजूद उसमें बहुत अच्छाइयां हैं। इसलिए मैं आपके सामने जीवित खड़ा हूं। मेरे जैसे लोगों के लिए अभी भी दुनिया में अमेरिकी चिकित्सा सबसे अच्छी है।डॉ. श्रीनिवास मुक्कमाला की पत्नी नीता कुलकर्णी प्रसूति-स्त्री रोग विशेषज्ञ हैंडॉ. मुक्कमला परिवार के साथ मिशिगन के फ्लिंट में रहते हैं। उन्होंने कई दशक गरीब लोगों का मुफ्त इलाज किया है। उन्होंने कहा कि फ्लिंट अमेरिकी चिकित्सा में सबसे अधिक दबाव वाले मुद्दों का प्रतीक है। उनकी पत्नी नीता कुलकर्णी प्रसूति-स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं। डॉ. मुक्कमला ने कहा कि फ्लिंट में जीवन प्रत्याशा आसपास के उपनगरों की तुलना में लगभग 12 वर्ष कम है। वह फ्लिंट में ऐसे रोगियों को देखते हैं, जो रोग विशेषज्ञ से मिलने के लिए महीनों तक इंतजार करते हैं। -
नई दिल्ली। भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने 9 से 11 जून तक ब्रसेल्स की आधिकारिक यात्रा की। यात्रा के दौरान, उन्होंने बेल्जियम के राजा फिलिप और प्रधानमंत्री बार्ट डी वेवर से मुलाकात की और उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मैक्सिम प्रिवोट के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को यूरोपीय संघ के शीर्ष नेताओं के साथ कई बैठकें कीं और यूरोपीय संघ-भारत रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने तथा व्यापक और सार्थक व्यापार समझौते की दिशा में प्रगति के तरीकों पर चर्चा की। वहीं, यूरोपीय संघ ने पहलगाम में हुए भीषण आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की और आतंकवाद से अपने नागरिकों की रक्षा करने के भारत के अधिकार की बात दोहराई।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि विदेश मंत्री जयशंकर ने भारत के साथ संबंधों के लिए प्रतिनिधिमंडल, विदेश मामलों की समिति और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार समिति के यूरोपीय संसद के प्रमुख सदस्यों से भी मुलाकात की। बेल्जियम पक्ष के साथ अपनी द्विपक्षीय बैठकों के दौरान, विदेश मंत्री ने भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का संदेश सौंपा और राजा फिलिप को अपने तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से शुभकामनाएं दीं। राजा फिलिप ने मार्च 2025 में प्रधानमंत्री मोदी के साथ अपनी टेलीफोन पर हुई बातचीत को याद किया।प्रधानमंत्री बार्ट डी वेवर के साथ बैठक में विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चावहीं, मंगलवार को प्रधानमंत्री बार्ट डी वेवर के साथ अपनी बैठक में, विदेश मंत्री ने विभिन्न क्षेत्रों में बेल्जियम के साथ अपनी घनिष्ठ साझेदारी को मजबूत करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। प्रधानमंत्री डी वेवर ने पीएम मोदी को बेल्जियम आने का अपना निमंत्रण भी दोहराया। प्रधानमंत्री डी वेवर के साथ हुए मुलाकात के बारे में विदेश मंत्री ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “बेल्जियम के प्रधानमंत्री डी वेवर से मुलाकात करके बहुत खुशी हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित कीं। व्यापार, सुरक्षा एवं रक्षा, निवेश, स्वच्छ ऊर्जा, सेमीकंडक्टर और नवाचार में हमारे सहयोग को आगे बढ़ाने पर चर्चा की गई।”मंत्रालय ने बताया की उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मैक्सिम प्रेवोट के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता में, दोनों मंत्रियों ने चल रहे सहयोग की प्रगति की समीक्षा की और व्यापार और निवेश, सेमीकंडक्टर, नवीकरणीय ऊर्जा, रक्षा और सुरक्षा, तथा फार्मास्यूटिकल्स सहित प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए नए रास्ते तलाशे। बेल्जियम पक्ष ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के प्रति अपनी एकजुटता और समर्थन की अभिव्यक्ति को भी दोहराया।विदेश मंत्री ने ब्रसेल्स के यूरोपीय संघ के शीर्ष नेताओं के साथ कई बैठकें कींआपको बता दें, विदेश मंत्री जयशंकर ने कल बुधवार को ब्रसेल्स के यूरोपीय संघ के शीर्ष नेताओं के साथ कई बैठकें कीं और यूरोपीय संघ-भारत रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने तथा व्यापक और सार्थक व्यापार समझौते की दिशा में प्रगति के तरीकों पर चर्चा की। एस जयशंकर ने बुधवार को यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन और यूरोपीय संसद की अध्यक्ष रॉबर्टा मेत्सोला से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने व्यापार, प्रौद्योगिकी और सुरक्षा सहित कई मोर्चों पर भारत और यूरोप के बीच सहयोग पर चर्चा की।सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर इसकी जानकारी साझा करते हुए उन्होने लिखा कि आज सुबह ब्रुसेल्स में यूरोपीय संघ की अध्यक्ष रॉबर्टा मेट्सोला के साथ गर्मजोशी भरी बातचीत हुई। भारत-यूरोपीय संघ संसदीय संबंधों को और मजबूत बनाने, लोकतंत्र और बहुलवाद के हमारे साझा मूल्यों पर निर्माण करने पर चर्चा की गई। व्यापार, प्रौद्योगिकी और सुरक्षा में हमारी साझेदारी को आगे बढ़ाने पर उनकी सकारात्मक भावनाओं की सराहना करता हूँ।आपको बता दें, यूरोपीय संसद की अध्यक्ष रॉबर्टा मेत्सोला के साथ विदेश मंत्री की बैठक में भारत-यूरोपीय संघ संसदीय सहयोग को और मजबूत करने की बढ़ती गति और संभावनाओं पर ध्यान केंद्रित किया गया। उन्होंने मेत्सोला को लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला की शुभकामनाएं दीं और उन्हें भारत आने का निमंत्रण दोहराया।भारत-यूरोपीय संघ सहयोग को और मजबूत करने पर बातचीतवहीं, एस जयशंकर की ब्रसेल्स यात्रा के बाद विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ब्रसेल्स यात्रा के दौरान जयशंकर ने उन्होंने यूरोपीय संघ की उच्च प्रतिनिधि और उपाध्यक्ष काजा कालास के साथ प्रथम भारत-यूरोपीय संघ सामरिक वार्ता की सह-अध्यक्षता की तथा रक्षा उद्योग और अंतरिक्ष के लिए यूरोपीय आयुक्त एंड्रियस कुबिलियस, व्यापार और आर्थिक सुरक्षा के लिए यूरोपीय आयुक्त मारोस सेफकोविक और अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी के लिए यूरोपीय आयुक्त जोजफ सिकेला से मुलाकात की। यूरोपीय संघ की राष्ट्रपति वॉन डेर लेयेन से मुलाकात के दौरान विदेश मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से शुभकामनाएं दीं। दोनों पक्षों ने इस वर्ष के अंत तक एक संतुलित, महत्वाकांक्षी और पारस्परिक रूप से लाभकारी एफटीए को संपन्न करने की अपनी साझा महत्वाकांक्षा को दोहराया। उन्होंने व्यापार, प्रौद्योगिकी, रक्षा और सुरक्षा, कौशल, प्रतिभा गतिशीलता और कनेक्टिविटी के क्षेत्रों सहित संबंधों में बढ़ती गति पर संतोष व्यक्त किया और अगले भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन के लिए आगे के रास्ते पर चर्चा की। इसके अलावा, आगामी शिखर सम्मेलन से पहले व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद (टीटीसी) की अगली बैठक आयोजित करने पर सहमति हुई।यूरोपीय संघ ने पहलगाम में हुए भीषण आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा कीमंत्रालय ने कहा कि भारत-यूरोपीय संघ रणनीतिक वार्ता पहले की वार्षिक मंत्रिस्तरीय बैठकों को आगे बढ़ाती है और द्विपक्षीय वार्ता संरचना को मजबूत करती है। दोनों पक्षों ने रक्षा और सुरक्षा, आतंकवाद निरोध, समुद्री सुरक्षा और साइबर मुद्दों सहित कई मुद्दों पर व्यापक चर्चा की, तथा इन क्षेत्रों में उभरती चुनौतियों से निपटने के लिए सहयोग को और बढ़ाने की साझा प्रतिबद्धता पर जोर दिया। विदेश मंत्री और एचआरवीपी ने प्रस्तावित भारत-यूरोपीय संघ सुरक्षा और रक्षा साझेदारी, सूचना सुरक्षा समझौते, एक व्यापक अंतरिक्ष वार्ता के शुभारंभ और सामरिक साझेदारी के लिए भविष्य की रूपरेखा तैयार करने पर चर्चा की। इसके अलावा, उन्होंने प्रमुख क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रमों पर अपने विचार साझा किए। यूरोपीय संघ ने पहलगाम में हुए भीषण आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की और आतंकवाद से अपने नागरिकों की रक्षा करने के भारत के अधिकार की बात दोहराई।भारत-यूरोपीय संघ एफटीए वार्ता की प्रगति पर चर्चावहीं, यूरोपीय आयुक्तों के साथ अपनी बैठकों में, विदेश मंत्री ने आयुक्त सेफकोविक के साथ भारत-यूरोपीय संघ एफटीए वार्ता की प्रगति पर चर्चा की, आयुक्त कुबिलियस के साथ अंतरिक्ष और रक्षा औद्योगिक सहयोग और आयुक्त सिकेला के साथ भारत-यूरोपीय संघ कनेक्टिविटी साझेदारी पर चर्चा की। यात्रा के दौरान त्रिपक्षीय सहयोग के लिए एक रूपरेखा स्थापित करने पर एक प्रशासनिक व्यवस्था पर हस्ताक्षर किए गए, जिसका उद्देश्य तीसरे देशों में विकास परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए दोनों पक्षों की ताकत और विशेषज्ञता का लाभ उठाना है।विदेश मंत्रालय ने बताया कि यात्रा के दौरान, विदेश मंत्री जयशंकर ने ‘एक नई वैश्विक व्यवस्था’ विषय पर जर्मन मार्शल फंड ब्रसेल्स फोरम को संबोधित किया, तथा बेल्जियम और लक्जमबर्ग में भारतीय समुदाय के प्रतिनिधियों के साथ विचार-विमर्श किया तथा प्रमुख मीडिया से बातचीत की। -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि प्रौद्योगिकी गरीबों को सशक्त बनाने का बड़ा माध्यम है। इसकी ताकत के प्रयोग से अनगिनत लाभ हुए हैं। जन सामान्य से जुड़ी सेवाओं में अभूतपूर्व पारदर्शिता आई है। प्रधानमंत्री मोदी ने आज गुरुवार को एक्स हैंडल पर यह टिप्पणी डिजिटल इंडिया के 11 वर्ष के अवसर पर माय गवर्नमेंट इंडिया (MyGovIndia) के पोस्ट पर की है।
प्रौद्योगिकी की शक्ति का लाभ उठाने से लोगों को हुए अनगिनत लाभउन्होंने लिखा, ”प्रौद्योगिकी की शक्ति का लाभ उठाने से लोगों को अनगिनत लाभ हुए हैं। सेवा वितरण और पारदर्शिता में बहुत वृद्धि हुई है। इसके अलावा, प्रौद्योगिकी सबसे गरीब लोगों के जीवन को सशक्त बनाने का एक साधन बन गई है। भारत के युवाओं की मदद से हम इनोवेशन और टेक्नोलॉजी के अनुप्रयोग में उल्लेखनीय प्रगति कर रहे हैं। यह आत्मनिर्भर बनने और वैश्विक तकनीकी महाशक्ति बनने के हमारे प्रयासों को भी मजबूत कर रहा है।”माय गवर्नमेंट इंडिया के एक्स हैंडल पर किए गए पोस्ट पर दिया जवाबमाय गवर्नमेंट इंडिया (MyGovIndia) के एक्स हैंडल पर कहा गया है,” 11 साल पहले, एक खामोश डिजिटल क्रांति शुरू हुई-जिसने भारत के जुड़ने, शासन करने और विकास करने के तरीके को नया आकार दिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में डिजिटल इंडिया पहल ने प्रौद्योगिकी को सशक्तिकरण के एक उपकरण में बदल दिया है। अंतराल को पाटा है। अवसरों के द्वार खोले हैं। हर नागरिक के लिए शासन को अधिक सुलभ और पारदर्शी बनाया है।”माय गवर्नमेंट इंडिया की एक्स पोस्ट पर लिखा गया पोस्टमाय गवर्नमेंट इंडिया की एक्स पोस्ट पर लिखा गया, ” दूरदराज के गांवों में इंटरनेट की पहुंच से लेकर दुनिया में अग्रणी वास्तविक समय के डिजिटल भुगतान तक, यह परिवर्तन केवल संख्याओं के बारे में नहीं है-यह लोगों, प्रगति और संभावना के बारे में है। यह डिजिटल इंडिया के 11 वर्ष में समावेशी विकास, नवाचार और डिजिटल पावरहाउस के रूप में भारत के उभरने की कहानी है। भारत की तकनीकी यात्रा क्रांतिकारी है।” -
नयी दिल्ली. देश के शीर्ष शिक्षण संस्थानों आईआईटी, आईआईएम और प्रमुख नीति व प्रबंधन संस्थानों के छात्र इस वर्ष की जगन्नाथ रथ यात्रा में ओडिशा के पुरी जिले में जमीनी स्तर पर प्रशासन के साथ मिलकर काम करेंगे। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। पुरी जिला प्रशासन द्वारा शुरू की गई 'पब्लिक सिस्टम्स एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर इंटर्नशिप' के तहत ये छात्र जमीनी स्तर पर काम करेंगे और रथ यात्रा के दौरान भीड़ प्रबंधन, सार्वजनिक बुनियादी ढांचे, आयोजन की योजना और विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं का अध्ययन करेंगे। पुरी के जिलाधिकारी सिद्धार्थ शंकर स्वैन ने कहा, "जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा विशाल आयोजन, आस्था और प्रशासनिक समन्वय का उत्कृष्ट उदाहरण है। अब समय आ गया है कि देश के प्रतिभाशाली युवा राष्ट्र निर्माण की वास्तविकता को नजदीक से अनुभव करें।" उन्होंने बताया कि 10 से 15 दिनों की इस इंटर्नशिप अवधि के दौरान चयनित विद्यार्थियों को स्वच्छता ढांचे, आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली, सेवा शिविर संचालन और डिजिटल नागरिक सहभागिता जैसे विषयों पर जमीनी स्तर की जिम्मेदारियां सौंपी जाएंगी। जगन्नाथ रथ यात्रा 27 जून, 2025 से शुरू हो कर पांच जुलाई, 2025 को संपन्न होगी।
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कोलकाता. पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर जिले के दीघा और हुगली जिले के महेश में नवनिर्मित जगन्नाथ मंदिर में बुधवार को पवित्र 'स्नान यात्रा' उत्सव शुरू हुआ जो वार्षिक रथ यात्रा से पहले अनुष्ठानों की शुरुआत का प्रतीक है। इस वर्ष रथयात्रा 27 जून को शुरू होगी।
दीघा के जगन्नाथ मंदिर का उद्घाटन 30 अप्रैल को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने किया था। राज्य के सबसे पुराने जगन्नाथ मंदिर स्थल महेश में भी 'स्नान यात्रा' शुरू हो गई। भगवान जगन्नाथ के स्नान अनुष्ठान को देखने के लिए दोनों स्थानों पर सैकड़ों भक्त एकत्रित हुए। कोलकाता स्थित अंतरराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ (इस्कॉन) के प्रवक्ता राधारमण दास ने बताया कि दीघा में श्री जगन्नाथ, बलदेव और सुभद्रा की मूर्तियों को 108 पवित्र तीर्थ स्थलों से एकत्रित जल और अन्य पवित्र पदार्थों से स्नान कराया जाएगा। राज्य सरकार ने दीघा स्थित जगन्नाथ मंदिर के संचालन की जिम्मेदारी इस्कॉन को दी है। दास ने कहा कि बनर्जी ने इस अवसर पर प्रसाद के रूप में अपने कोलकाता स्थित आवास के पेड़ों से आम और कटहल भेजे हैं। -
जम्मू. वार्षिक अमरनाथ यात्रा में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में करीब तीन दर्जन निवास केंद्र और छह रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) पंजीकरण काउंटर स्थापित किये जा रहे हैं। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। इस वर्ष 38 दिनों तक चलने वाली वार्षिक यात्रा तीन जुलाई को दो मार्गों -अनंतनाग जिले में 48 किलोमीटर लंबे पारंपरिक पहलगाम मार्ग और गांदरबल जिले में 14 किलोमीटर लंबे छोटे लेकिन अधिक खड़ी चढ़ाई वाले बालटाल मार्ग- से शुरू होगी। कठुआ के जिला उपायुक्त राकेश मिन्हास ने बताया, ‘‘हमारा लक्ष्य लखनपुर को बहु-सुविधा केन्द्र में तब्दील करना है। हमने यात्रियों की सेवा के लिए 36 ठहरने के केन्द्र, छह आरएफआईडी पंजीकरण काउंटर, पर्याप्त संख्या में स्वच्छ शौचालय और मनोरंजन क्षेत्र स्थापित किए हैं।'' मिन्हास ने मंगलवार को अमरनाथ यात्रा की तैयारियों का जायजा लेने और उन्हें अंतिम रूप देने के लिए लखनपुर गलियारे का व्यापक निरीक्षण किया था। उन्होंने बताया कि अब तक 3.50 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने अमरनाथ यात्रा के लिए अपना पंजीकरण कराया है और देश भर से हजारों तीर्थयात्रियों के प्रतिदिन लखनपुर पहुंचने की उम्मीद है। इस बीच उधमपुर जिले में सुचारु यात्रा संपन्न कराने और सुरक्षा तैयारियों का जायजा लेने के लिए उच्च स्तरीय बैठक की गई। एक पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि बैठक की अध्यक्षता उधमपुर जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अमोद अशोक नागपुरे ने की। इस दौरान सुरक्षा, खुफिया जानकारी साझा करने, यातायात व्यवस्था, चिकित्सा सहायता, आपात सेवा और सामरिक जरूरतों पर विस्तृत चर्चा की गई।
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शाहजहांपुर (उप्र). शाहजहांपुर जिले में अपना अस्तित्व खो चुकी पौराणिक महत्व की भैंसी नदी को लखनऊ की कुकरैल नदी की तर्ज पर पुनर्जीवित किया जाएगा। नदी के ज्यादातर हिस्से को पाटकर उस पर खेती की जा रही है जिससे उसका अस्तित्व खत्म हो गया है।
जिला प्रशासन ने सरकारी धन के बजाय जन सहयोग से भैंसी नदी के पुनरुद्धार का फैसला किया है और इसके लिये सर्वे का काम भी पूरा कर लिया गया है। जिलाधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने बुधवार को बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में विलुप्त हो चुकी नदियों में से कम से कम एक नदी के पुनरुद्धार का आदेश दिया गया है। इसी क्रम में हमने भैंसी नदी को चुना है जिसका अपना पौराणिक महत्व भी बताया जाता है।” जिलाधिकारी ने बताया कि स्थिति की पड़ताल करने पर यह मालूम हुआ है कि कभी जिले में लगभग 80 किलोमीटर क्षेत्र में बहने वाली इस महत्वपूर्ण नदी के ज्यादातर हिस्से को पाटकर उस पर खेती की जा रही है जिससे उसका अस्तित्व ही खत्म हो गया है। जिलाधिकारी ने कहा कि वस्तु स्थिति का निरीक्षण करने के लिए उन्होंने पिछले दिनों संबंधित अधिकारियों और समाजसेवियों के साथ नदी क्षेत्र का भ्रमण किया था। इसके पुनरुद्धार के लिए सोमवार को ड्रोन के जरिए सर्वे पूरा कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि नदी क्षेत्र पर अतिक्रमण करने वाले लोगों की पहचान करके उन्हें अपना अवैध कब्जा हटाने की नोटिस जारी किया जाएगा और नहीं हटाने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। जिलाधिकारी ने कहा कि भैंसी नदी के प्रवाह क्षेत्र में कई औद्योगिक इकाइयों का गंदा पानी फेंका जा रहा है जिससे वहां तालाब बन गए हैं, इन इकाइयों के प्रबंधन को नोटिस जारी किए जा रहे हैं। सिंह ने बताया कि भैंसी नदी को पुनर्जीवित करने के लिए खुदाई का काम 12 जून को शुरू होगा।
उन्होंने कहा कि इरादा है कि यह कार्य सरकारी धन का उपयोग करने के बजाय जन सहयोग से मिले धन से किया जाए। सिंह ने बताया कि लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की विशेष पहल पर कुकरैल नदी का पुनरुद्धार किया गया था, अब कुकरैल की ही तर्ज पर भैंसी नदी के पुनरुद्धार का काम भी शुरू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि भैंसी नदी पीलीभीत से निकलने वाली गोमती की यह सहायक नदी है।
अधिकारी ने कहा कि पुनरुद्धार कार्य के तहत इस नदी को उसके उद्गम स्थल भैंसापुर से खोदा जाएगा और इस कार्य को उसके पूरे प्रवाह क्षेत्र में किया जाएगा, इसके बाद नदी के दोनों ओर सघन वृक्षारोपण करवाया जाएगा ताकि फिर से नदी पर कोई अतिक्रमण न कर पाए। भैंसी नदी के पौराणिक महत्व के बारे में स्वामी शुकदेवानंद कॉलेज के इतिहास विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर विकास खुराना बताते हैं कि इस नदी का उद्गम भैंसापुर झील से हुआ है और यह गोमती नदी की सहायक नदी है। उन्होंने कहा कि इस नदी को गंगा नदी का प्रतिरूप माना जाता है. इसके तट पर अनेक धार्मिक सांस्कृतिक आयोजन भी होते थे। खुराना बताते हैं कि ब्रिटिश गजेटियर में उल्लेख है कि शाहजहांपुर उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा नदियों तथा जल स्रोतों का जिला है परंतु दुर्भाग्य है कि इस जिले में आठ मुख्य नदियां है जिनमे गर्रा, रामगंगा, गंगा, बहगुल और खन्नौत जीवित हैं तथा 16 सहायक नदियों में से मात्र पांच नदियों का ही अस्तित्व दिखाई देता है। पर्यावरणविद् डॉक्टर नमिता सिंह ने इसे जिले में नदी पारिस्थितिकी को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करार देते हुए कहा कि भैंसी नदी को पुनर्जीवित करने के काम में उनकी संस्था भी श्रमदान के अलावा वृक्षारोपण के रूप में सहयोग करेगी। - नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी बुधवार को आगरा पहुंचे। यहां पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र की एनडीए सरकार की उपलब्धियों को बताया। साथ ही लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के ‘सरेंडर’ वाले विवादित बयान पर पलटवार भी किया।देश की समृद्धि, सुरक्षा, सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक गौरव चारों आयामों में पीएम मोदी के नेतृत्व में अभूतपूर्व युगांतकारी परिवर्तन हुए हैंभाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार के 11 साल की उपलब्धियों की प्रशंसा की।उन्होंने कहा, “पीएम मोदी के नेतृत्व में भाजपा और एनडीए की सरकार के 11 साल पूरे हुए। यह कार्यकाल बदली देश में बदली हुई सरकार नहीं बल्कि बदले हुए युग का प्रतीक है। इस कार्यकाल में हमारे देश की समृद्धि, सुरक्षा, सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक गौरव चारों आयामों में पीएम मोदी के नेतृत्व में अभूतपूर्व युगांतकारी परिवर्तन हुए हैं।”विकास की बात करें तो 34 किलोमीटर प्रतिदिन नेशनल हाइवे का निर्माण हो रहा हैउन्होंने कहा, “विकास क्षेत्र की बात करें तो 34 किलोमीटर प्रतिदिन नेशनल हाइवे का निर्माण हो रहा है। रेलवे रूट का पूरी तरह से विद्युतीकरण हो गया है। एयरपोर्ट की संख्या दोगुनी से अधिक हुई है। 23 एम्स हो गए हैं। आठ नई आईआईटी और सात नए आईआईएम बने हैं। 490 से अधिक विश्वविद्यालय बने हैं। करीब 325 नए मेडिकल कॉलेज बने हैं।”राहुल गांधी के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि ऐसे बयान तो पाकिस्तान के आर्मी चीफ और रक्षा मंत्री ने भी नहीं दिए होंगेउन्होंने लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष एवं कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के बयान पर भी पलटवार किया। त्रिवेदी ने कहा, “अभी तक कांग्रेस नेताओं के बयान पाकिस्तान की मीडिया, पाकिस्तान की सोशल मीडिया, पाकिस्तानी संसद, पाकिस्तानी मिलिट्री ब्रीफिंग की सुर्खियां बन रहे थे, मगर जो बयान राहुल गांधी ने दिया है, वो पाकिस्तान के आर्मी चीफ, रक्षा मंत्री ने नहीं बोला। यहां तक कि किसी आतंकी संगठन या आतंकवादियों ने भी ऐसा नहीं कहा। मसूद अजहर, हाफिज सईद ने भी नहीं कहा।”राहुल गांधी पाकिस्तान की मीडिया की सुर्खियां बटोरने के लिए हाफिज से भी बड़े मुहाफिज बनने की कोशिश कर रहे हैं
उन्होंने आगे कहा, “राहुल गांधी पाकिस्तान की मीडिया की सुर्खियां बटोरने के लिए हाफिज से भी बड़े मुहाफिज बनने की कोशिश कर रहे हैं और दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि वह नेता प्रतिपक्ष के पद को धारण करने की योग्यता और परिपक्वता पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर रहे हैं।”
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नई दिल्ली। भारतीय सैन्य टुकड़ी बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास खान क्वेस्ट के लिए बुधवार को मंगोलिया के उलानबटार पहुंची। भारतीय सेना के जवान यहां मंगोलियाई सैनिकों व अन्य देशों की सेना के साथ एक बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास ‘खान क्वेस्ट’ में भाग लेंगे। यह सैन्य अभ्यास इस महीने 14 जून से 28 जून तक आयोजित किया जाएगा। अभ्यास खान क्वेस्ट का पिछला संस्करण मंगोलिया में 27 जुलाई से 9 अगस्त 2024 तक आयोजित किया गया था।
खान क्वेस्ट अभ्यास भागीदार देशों को संयुक्त अभियानों के प्रचालन के लिए रणनीति, तकनीक और प्रक्रियाओं में अपनी सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों को साझा करने में सक्षम बनाएगा। यह अभ्यास भाग लेने वाले देशों के सैनिकों के बीच अंतर-संचालन, सौहार्द और भ्रातृत्व विकसित करने में मदद करेगा।रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह अभ्यास पहली बार वर्ष 2003 में संयुक्त राज्य अमेरिका और मंगोलियाई सशस्त्र बलों के बीच एक द्विपक्षीय कार्यक्रम के रूप में आरंभ हुआ था। इसके बाद, वर्ष 2006 से यह अभ्यास बहुराष्ट्रीय शांति स्थापना अभ्यास में परिवर्तित हो गया और वर्तमान वर्ष इसका 22 वां संस्करण है।भारतीय सेना के 40 कर्मियों वाले दल में मुख्य रूप से कुमाऊं रेजिमेंट की एक बटालियन के सैनिक तथा अन्य सेनाओं के कर्मी शामिल हैं। दल में एक महिला अधिकारी तथा दो महिला सैनिक भी शामिल होंगी।अभ्यास खान क्वेस्ट का उद्देश्य बहुराष्ट्रीय वातावरण में प्रचालन करते हुए भारतीय सशस्त्र बलों को शांति अभियानों के लिए तैयार करना है, जिससे संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अध्याय VII के अंतर्गत शांति समर्थन अभियानों में अंतर-संचालन और सैन्य तत्परता में वृद्धि हो। अभ्यास में उच्च स्तर की शारीरिक फिटनेस, संयुक्त योजना और संयुक्त सामरिक अभ्यास पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।अभ्यास के दौरान किए जाने वाले सामरिक अभ्यासों में अपरिवर्ती और गतिशील चेक प्वाइंटों की स्थापना, घेराबंदी और तलाशी अभियान, गश्त, शत्रु क्षेत्रों से नागरिकों की निकासी, काउंटर इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस ड्रिल, युद्ध संबंधित प्राथमिक उपचार और हताहतों की निकासी आदि शामिल होंगे। खान क्वेस्ट अभ्यास भागीदार देशों को संयुक्त अभियानों के प्रचालन के लिए रणनीति, तकनीक और प्रक्रियाओं में अपनी सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों को साझा करने में सक्षम बनाएगा। यह अभ्यास भाग लेने वाले देशों के सैनिकों के बीच अंतर-संचालन, सौहार्द और भ्रातृत्व विकसित करने में मदद करेगा। - नयी दिल्ली,। केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के 11 साल पूरा होने के उपलक्ष्य में विभिन्न मुद्दों पर लोगों की प्रतिक्रिया जानने के लिए नमो ऐप पर शुरू किए गए सर्वेक्षण में एक दिन में पांच लाख से अधिक प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुईं। आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि 77 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने सर्वेक्षण पूरा कर लिया है। उन्होंने कहा कि ये इस ‘राष्ट्रीय संवाद' में योगदान देने के लिए उच्च स्तर की सहभागिता और रुचि को दर्शाता है। सबसे अधिक प्रतिक्रियाएं उत्तर प्रदेश से प्राप्त हुईं, उसके बाद महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात और हरियाणा का स्थान है। उन्होंने बताया कि भारत के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य से 1,41,150 से अधिक प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुईं, महाराष्ट्र से 65,775, तमिलनाडु से 62,580, गुजरात से 43,590, और हरियाणा से 29,985 प्रतिक्रियायें प्राप्त हुईं हैं। एक अधिकारी ने कहा, "यह अनूठा सर्वेक्षण लोगों को लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सक्रिय रूप से शामिल करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिससे उन्हें प्रमुख राष्ट्रीय मुद्दों और सरकारी पहलों पर अपनी राय व्यक्त करने का अधिकार मिलता है।" मोदी ने सोमवार को जन मन सर्वेक्षण की घोषणा की। इसी दिन उन्होंने 2024 में अपने तीसरे कार्यकाल के लिए पद की शपथ ली थी। यह लोगों को सरकार के साथ अपनी प्रतिक्रिया और राय सीधे साझा करने के लिए एक मंच प्रदान करता है। अधिकारियों ने कहा कि सर्वेक्षण सुनिश्चित करता है कि लोगों की आवाज़ सुनी जाए और भविष्य की नीतियों को आकार देने में उन पर विचार किया जाए। सर्वेक्षण में पूछे गए सवालों में पिछले दशक में आतंकवाद के खिलाफ भारत के दृष्टिकोण के विकास, राष्ट्रीय सुरक्षा खतरों के खिलाफ सरकार की कार्रवाइयों को देखते हुए एक नागरिक के रूप में कितना सुरक्षित महसूस होता है, और क्या आपको लगता है कि भारत की आवाज़ को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अधिक सुना और सम्मान दिया जा रहा है, आदि पर प्रतिक्रिया मांगी गई है। इसमें सरकार की कुछ निर्धारित पहलों जैसे स्किल इंडिया, मेक इन इंडिया और महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास के प्रयासों पर भी प्रतिक्रिया मांगी गई है।
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गाजियाबाद. जिले के लोनी बॉर्डर थाना क्षेत्र के बेहटा हाजीपुर-बंथला नहर मार्ग पर मंगलवार सुबह एक सूटकेस से एक महिला का शव मिला। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस के मुताबिक, महिला की उम्र करीब 25 साल लगती है और इसकी अभी पहचान नहीं हो सकी है।
अधिकारियों ने बताया कि पुलिस नियंत्रण कक्ष को मिली सूचना पर लोनी बॉर्डर थाने की एक टीम मौके पर पहुंची और सूटकेस बरामद किया, जिसमें महिला का शव था। सहायक पुलिस आयुक्त (अंकुर विहार) अजय कुमार सिंह के अनुसार, प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि मृतका हिंदू समुदाय से थी, क्योंकि उसने पैरों में बिछियां पहन रखी थीं और उसने सिंदूर लगाया हुआ था। सिंह ने कहा, "उसकी नाक से खून बहने के निशान दिखे, लेकिन शरीर पर कोई बाहरी चोट नहीं देखी गई। उनके मुताबिक, आवश्यक कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
अधिकारी ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का सही कारण पता चल सकेगा। पुलिस ने बताया कि मृतका की पहचान का पता लगाने के प्रयास जारी हैं। -
नयी दिल्ली. कृत्रिम मेधा (एआई) क्षेत्र की कं दिग्गज कंपनी ओपनएआई के एआई टूल चैटजीपीटी को मंगलवार को वैश्विक स्तर पर व्यवधान का सामना करना पड़ा जिससे दुनिया भर में फैले लाखों उपयोगकर्ता इसका देर तक इस्तेमाल नहीं कर पाए। चैटजीपीटी की सेवाओं पर सबसे ज्यादा असर भारत और अमेरिका के उपयोगकर्ताओं पर देखने को मिला। यहां के हजारों उपयोगकर्ताओं ने बाकायदा व्यवधान की शिकायतें दर्ज कराईं। डिजिटल गतिविधियों पर नजर रखने वाले मंच 'डाउनडिटेक्टर' ने कहा कि अपराह्न तीन बजे के करीब चैटजीपीटी टूल के इस्तेमाल में दिक्कतें आनी शुरू हुईं और इसका असर तेजी से बढ़ता गया। अकेले भारत में ही तकनीकी व्यवधान की लगभग 800 शिकायतें दर्ज कराई गईं। भारत से दर्ज कराई गई 88 प्रतिशत शिकायतें चैटबॉट के सवालों के जवाब न देने से संबंधित थीं। वहीं आठ प्रतिशत लोगों ने मोबाइल ऐप के साथ समस्याओं की सूचना दी जबकि तीन प्रतिशत ने एपीआई से संबंधित समस्याओं का सामना किया। चैटजीपीटी के इस्तेमाल का प्रयास करने वाले उपयोगकर्ताओं को बार-बार खेद जताने वाले संदेश देखने को मिल रहे थे। इनमें "हम्म...कुछ गलत हो गया है" और "नेटवर्क में गड़बड़ी हुई। कृपया अपना कनेक्शन जांचें और दोबारा प्रयास करें।" जैसे संदेश शामिल हैं। जल्द ही यह व्यवधान सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बन गया। परेशान उपयोगकर्ताओं ने इस बारे में मीम्स साझा किए, निराशा जताई और रोजमर्रा के काम के लिए एआई टूल पर बढ़ती निर्भरता को भी बयां किया। चैटजीपीटी का विकास करने वाली कंपनी ओपनएआई ने इस तकनीकी व्यवधान को स्वीकार करने के साथ ही कहा कि चैटजीपीटी और उसका टेक्स्ट-टू-वीडियो मंच सोरा दोनों ही इससे प्रभावित हुए हैं। ओपनएआई ने कहा, "कुछ उपयोगकर्ता सूचीबद्ध सेवाओं में उच्च त्रुटि दर और देरी का अनुभव कर रहे हैं। हम इस मामले की जांच जारी रखे हुए हैं।" हालांकि, इसने तकनीकी व्यवधान की समस्या दूर करने के लिए कोई विशिष्ट समयसीमा नहीं बताई।
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लोगों ने पकड़ कर पीटा
नागपुर/ नागपुर में नशे में धुत एक व्यक्ति ने आत्महत्या कर चुकी 19 वर्षीय प्रेमिका के अंतिम संस्कार के दौरान चिता में कूदने की कोशिश की, जिसके बाद वहां मौजूद लोगों ने उसकी पिटाई कर दी। एक पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी।
न्यू कांपटी पुलिस स्टेशन के अधिकारी ने बताया कि यह घटना सोमवार की शाम को चार बजे कन्हान नदी के किनारे शांति घाट पर हुई। अधिकारी ने बताया, ‘‘27 वर्षीय एक युवक अनुराग ने कथित तौर पर आत्महत्या कर चुकी अपनी प्रेमिका की जलती हुई चिता में कूदने की कोशिश की। अंतिम संस्कार में शामिल लोगों ने उसे चिता में गिरने से रोक लिया। उन्होंने उसकी पिटाई की, जिससे वह घायल हो गया। प्रेम संबंध के कारण अवसाद में आकर लड़की ने अपनी जान दे दी।'' उन्होंने कहा कि युवक पर हमले से संबंधित आगे की कार्रवाई उसके बयान देने के लिए चिकित्सकीय रूप से 'फिट' होने के बाद की जाएगी। -
नयी दिल्ली. भारत में डिजिटल भुगतान तेजी से बढ़ रहा है और लेन-देन की इस क्रांति ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार के 11 साल पूरे होने पर जारी एक पुस्तिका में कहा गया है कि भारत की डिजिटल भुगतान प्रणाली वैश्विक स्तर पर विभिन्न देशों से जुड़ गई है। इसमें कहा गया, ''भारत में डिजिटल भुगतान क्रांति ने दुनिया भर का ध्यान खींचा है। मार्च 2025 में, यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) पर लगभग 24.77 लाख करोड़ रुपये के 1,830.151 करोड़ यूपीआई लेनदेन किए गए।'' यूपीआई प्रणाली का उपयोग अब करीब 46 करोड़ व्यक्ति और 6.5 करोड़ व्यापारी करते हैं।
सरकार ने बताया कि छोटे से छोटे लेनदेन के लिए भी डिजिटल भुगतान किया जा रहा है, जिसमें से लगभग 50 प्रतिशत को छोटे या अत्यधिक छोटे भुगतान के रूप में वर्गीकृत किया गया है। प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के बारे में पुस्तिका में कहा गया कि मोदी सरकार ने पारदर्शिता सुनिश्चित करने और राजकाज में भ्रष्टाचार रोकने के लिए प्रभावी रूप से प्रौद्योगिकी और डिजिटल उपकरणों का उपयोग किया है। विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं में डीबीटी और आधार प्रमाणीकरण की शुरूआत से लाखों फर्जी लाभार्थियों की पहचान और सरकार के लिए भारी बचत हुई है। सरकार ने डीबीटी के माध्यम से 2015 से मार्च 2023 के बीच लाभ के वितरण के कारण 3.48 लाख करोड़ रुपये से अधिक की बचत की है। पिछले 11 वर्षों के दौरान, करोड़ों परिवारों को बैंक खाते, बीमा सहित सबसे बुनियादी सुविधाओं तक पहुंच मिली है। पुस्तिका के अनुसार, पिछले 11 वर्षों में 55.22 करोड़ जन धन खाते खोले गए हैं, जबकि 51 करोड़ लोगों को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के दायरे में लाया गया है। - मुंबई. विमानन सुरक्षा नियामक नागरिक विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने चार धाम यात्रा के दौरान हेलीकॉप्टरों से जुड़ी एक के बाद एक घटनाओं को देखते हुए उत्तराखंड में शटल सेवाओं में शामिल हेलीकॉप्टर परिचालनों की विशेष ऑडिट/बढ़ी हुई निगरानी के आदेश दिए हैं। एक आधिकारिक बयान में सोमवार को यह जानकारी दी गयी। इसमें कहा गया है कि एहतियाती उपाय के तौर पर डीजीसीए आवश्यकता पड़ने पर चार धाम के लिए हेलीकॉप्टर परिचालन में कटौती की आवश्यकता की भी समीक्षा कर रहा है। केदारनाथ जा रहे केस्ट्रेल एविएशन के एक हेलीकॉप्टर को उड़ान के दौरान तकनीकी खराबी आने के बाद उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में राजमार्ग पर आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी थी। सात जून को पायलट सहित छह लोग इस दुर्घटना में बाल-बाल बच गए थे। डीजीसीए ने केदारनाथ में उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूसीएडीए) द्वारा उपलब्ध कराए गए लाइव कैमरा फीड्स की सक्रिय रूप से निगरानी करके चार धाम हेलीकॉप्टर संचालन पर अपनी निगरानी भी तेज कर दी है। नियामक ने कहा कि हाल ही में उत्तराखंड में चार धाम यात्रा के दौरान हेलीकॉप्टर परिचालन से जुड़ी कई घटनाओं ने इन परिचालनों की सुरक्षा निगरानी को और मजबूत करने की आवश्यकता को रेखांकित किया है। बयान के अनुसार, इनमें से प्रत्येक घटना के लिए सुरक्षा जांच शुरू कर दी गई है, ताकि यांत्रिक विफलताओं, परिचालन संबंधी त्रुटियों और मौसम संबंधी चुनौतियों सहित इसके लिए जिम्मेदार कारकों की पहचान की जा सके। इसके अतिरिक्त, इसने कहा कि सभी हेलीकॉप्टर संचालकों को निर्देश जारी किए गए हैं, जिनके तहत अगली सूचना तक केवल बाहरी परिस्थितियों (ओजीई) के आधार पर संचालन की अनुमति होगी। डीजीसीए ने कहा, “एहतियाती उपाय के रूप में, डीजीसीए आवश्यकता पड़ने पर चार धाम के लिए हेलीकॉप्टर परिचालन को कम करने की आवश्यकता की भी समीक्षा कर रहा है।
- नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को सोशल मीडिया पर भारत के रक्षा क्षेत्र में पिछले 11 वर्षों में की गई अभूतपूर्व वृद्धि की सराहना की। इसमें आधुनिकीकरण और आत्मनिर्भरता पर दोहरे फोकस को रेखांकित किया गया।प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “पिछले 11 वर्षों में हमारे रक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं, जिसमें आधुनिकीकरण और रक्षा उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर बनने पर स्पष्ट ध्यान दिया गया है। यह देखकर खुशी होती है कि भारत के लोग भारत को मजबूत बनाने के संकल्प के साथ कैसे एकजुट हुए हैं! #11YearsOfRakshaShakti”।पीएम मोदी का यह पोस्ट 2014 से भारत की रक्षा क्षमताओं में आए बदलाव को उजागर करने वालागौरतलब हो, पीएम मोदी का यह पोस्ट 2014 से भारत की रक्षा क्षमताओं में आए बदलाव को उजागर करने वाले एक व्यापक राष्ट्रीय अभियान का हिस्सा था, जो प्रधानमंत्री मोदी के प्रधानमंत्री के रूप में पहले कार्यकाल की शुरुआत के साथ मेल खाता है।भारत की रक्षा यात्रा में आया एक मौलिक बदलावइससे स्पष्ट होता है कि रक्षा क्षेत्र में भारी आयात पर निर्भर रहने से लेकर एक उल्लेखनीय हथियार निर्यातक बनने तक, भारत की रक्षा यात्रा में एक मौलिक बदलाव आया है।रक्षा मंत्रालय और वरिष्ठ अधिकारियों ने भी पीएम मोदी के इस कदम की प्रशंसा कीरक्षा मंत्रालय और वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रधानमंत्री की भावना को दोहराते हुए स्वदेशीकरण और नवाचार की दिशा में देश के कदम की प्रशंसा की। इस संबंध में रक्षा मंत्रालय की ओर से एक्स (X) पर एक पोस्ट में इस परिवर्तन के बारे में विस्तार से बताया गया है। जिसमें लिखा है कि “पिछले 11 वर्षों में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में, भारत का रक्षा क्षेत्र आयात पर निर्भर से वैश्विक निर्यातक में बदल गया है, जो आत्मनिर्भरभारत और मेकइनइंडिया द्वारा संचालित है। ब्रह्मोस मिसाइल और उन्नत पनडुब्बियों जैसे स्वदेशी नवाचारों ने हमारी सुरक्षा और वैश्विक स्थिति को मजबूत किया है। रक्षा निर्यात अब 100 से अधिक देशों तक पहुंच गया है, जो आत्मनिर्भरता में ऐतिहासिक वृद्धि को दर्शाता है। जैसा कि हम रक्षाशक्ति के 11 वर्ष मना रहे हैं, हम एक सुरक्षित, मजबूत भारत की ओर बढ़ते कदमों को सलाम करते हैं।”इस अवधि के दौरान प्रमुख उपलब्धियों में रक्षा निर्यात में रिकॉर्ड वृद्धि शामिलइस अवधि के दौरान प्रमुख उपलब्धियों में रक्षा निर्यात में रिकॉर्ड वृद्धि शामिल है, जो हाल के वर्षों में 21,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गई है, ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की सफल तैनाती, आईएनएस विक्रांत जैसे स्वदेशी विमानवाहक पोतों का कमीशन और एचएएल तेजस जैसे स्वदेशी लड़ाकू जेट का विकास शामिल है। ‘रक्षा शक्ति के 11 वर्ष’ का जश्न सरकार द्वारा विदेशी आपूर्तिकर्ताओं पर निर्भरता कम करने और आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया जैसी प्रमुख पहलों के तहत स्वदेशी रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने पर जोर देने को रेखांकित करता है।
- नई दिल्ली। प्रधानमंत्री रहते नरेंद्र मोदी के 11 साल पूरे होने पर देशभर के साधु-संतों ने उन्हें बधाई दी। उन्होंने पीएम मोदी के 11 साल के कार्यकाल को स्वर्णिम काल बताया। गुजरात प्रांत संत समिति के अध्यक्ष अविचल दास ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 11 साल का जो कार्यकाल पूरा हुआ, उसे स्वर्णिम काल के रूप में देखते हैं।मोदी काल में हुआ है भारत का नवनिर्माणराजस्थान से डॉ. हरीश चंद्र शास्त्री ने कहा, “पीएम मोदी के 11 साल का कार्यकाल बहुत ही प्रशंसनीय है। इस दौरान भारत का नवनिर्माण हुआ है। भारत की आर्थिक स्थिति भी सुधरी है और देश दुनिया में चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया। अयोध्या में भगवान श्री राम के भव्य मंदिर का निर्माण हुआ है।”पीएम मोदी के कार्यकाल में भारत हर क्षेत्र में अग्रणी रहामध्य प्रदेश शिवपुरी से महामंडलेश्वर पुरुषोत्तम दास ने कहा, “पीएम मोदी के 11 साल पूरे होने की बधाई। पीएम मोदी की देन है कि आज हमारा देश पूरे विश्व में प्रतिष्ठित पहचान बनाने में सफल हुआ है। पीएम मोदी के कार्यकाल में भारत हर क्षेत्र में अग्रणी रहा। पहलगाम हमले के बाद जो सबक सिखाया गया, उसे पूरे विश्व ने देख लिया है।”पीएम मोदी ने सनातन को शीर्ष पर पहुंचाने का काम कियासीता राम दास महाराज ने कहा, “पीएम मोदी का 11 साल गौरव वर्ष रहे हैं। भारत की स्थिति पूरे विश्व में सुधार हुई है। देश के सनातन को शीर्ष पर पहुंचाने का काम किया है। सभी लोग उत्साहित और आनंदमयी हैं। भारत के जनमानस के लिए गौरव का विषय है।11 वर्षों में हम ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ के मंत्र को लेकर आगे बढ़े और इसमें कामयाब भी हुएउल्लेखनीय है कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बने हुए 9 जून को 11 साल पूरे हो गए। भाजपा नेता पीएम मोदी के नेतृत्व में देश के 11 साल के कार्यकाल की जमकर तारीफ कर रहे हैं। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके एनडीए सरकार के 11 साल की खूबियां गिनाईं। उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्षों में हम ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ के मंत्र को लेकर आगे बढ़े और इसमें कामयाब भी हुए।