भर्ती अधिसूचना : कैट ने आरजे की याचिका पर आकाशवाणी को नोटिस जारी किया
नयी दिल्ली. केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) ने अस्थायी (कैजुअल) उद्घोषकों की नियुक्ति संबंधी अधिसूचना के खिलाफ रेडियो जॉकी (आरजे) एसोसिएशन की याचिका पर आकाशवाणी और अन्य को नोटिस जारी किये हैं। न्यायिक सदस्य मनीष गर्ग ने वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद की इस दलील का संज्ञान लिया कि ऑल इंडिया रेडियो ब्रॉडकास्टिंग प्रोफेशनल्स एसोसिएशन में करीब 20 अस्थायी उद्घोषक या आरजे शामिल हैं और ‘लंबे समय' से काम कर रहे हैं, तथा ‘‘समान स्थिति वाले व्यक्तियों'' के नियमितीकरण का मामला उच्चतम न्यायालय में लंबित है। अधिकरण ने कहा कि एसोसिएशन ने भी मामले में खुद को पक्षकार बनाने के लिए उच्चतम न्यायालय में अर्जी दायर की है। कैट ने 10 जून को पारित आदेश में कहा कि चार अप्रैल की अधिसूचना ‘‘वर्तमान मूल आवेदन के फैसले के अधीन होगी''। न्यायाधिकरण ने कहा, ‘‘प्रतिवादियों को नोटिस जारी करें। चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल किया जाए।'' कैट ने ऑल इंडिया रेडियो या आकाशवाणी, केंद्र और प्रसार भारती को पक्षकार बनाया है।
सुनवाई के दौरान प्रतिवादियों के वकील ने दलील दी कि याचिका ‘‘समय पूर्व'' दाखिल की गई है, क्योंकि रिक्ति अधिसूचना पर आगे विचार किया जा रहा है और आवेदकों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा, क्योंकि वे ‘‘विशिष्ट वर्ग'' से संबंधित हैं। खुर्शीद ने इस दलील का विरोध करते हुए कहा कि अधिसूचना ‘‘मौजूदा अस्थायी उद्घोषकों के साथ नये अस्थायी उद्घोषकों को जोड़ने जा रही है, जिससे इनकी लंबी सूची में और इजाफा हो रहा है''। कैट ने इसके बाद मामले की अलगी सुनवाई 29 जुलाई के लिए टाल दी।
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