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नयी दिल्ली/ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को 20 कलाकारों को ललित कला अकादमी राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया और कहा कि कला सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध करने तथा समाज को अधिक संवेदनशील बनाने का एक सशक्त माध्यम है। पुरस्कार समारोह के साथ ही अकादमी में 64वीं राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी का समापन भी हुआ, जिसमें चित्रकला, मूर्तिकला, फोटोग्राफी और इंस्टालेशन जैसे विषयों में देश भर से 283 कलाकृतियां प्रदर्शित की गईं। मुर्मू ने कहा, ‘‘भारतीय परंपरा में कला को आध्यात्मिक साधना का एक रूप माना गया है। हमारे समाज में कलाकारों को विशेष सम्मान दिया जाता है। आपकी कला न केवल सौंदर्य अभिव्यक्ति का माध्यम है, बल्कि हमारी सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध करने और समाज को अधिक संवेदनशील बनाने का एक सशक्त माध्यम भी है।'' उन्होंने कहा कि प्रदर्शनी में दिखायी कलाकृतियों से यह स्पष्ट है कि भारतीय कला निरंतर विकसित हो रही है और नए आयाम प्रस्तुत कर रही है। मुर्मू ने कहा, ‘‘हमारे कलाकार अपने विचारों, दृष्टि और रचनात्मकता के माध्यम से एक नए भारत की छवि प्रस्तुत कर रहे हैं।'' अभिषेक शर्मा, एस. सोनम ताशी, विजय एम ढोरे, भास्कर जॉयती गोगोई, आशीष घोष, गिरिराज शर्मा, आनंद जयसवाल, केसीएस प्रसन्ना, कनु प्रिया, तापती भौमिक मजूमदार और वेणुगोपाल वीजी सहित सम्मानित कलाकारों को दो लाख रुपये की पुरस्कार राशि, एक स्मृति चिह्न और एक प्रमाण पत्र दिया गया। यह पहली बार है जब ललित कला अकादमी ने कलाकारों में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने और भारत की रचनात्मक अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्रदर्शित कलाकृतियों को बिक्री के लिए रखा। राष्ट्रपति ने कहा कि कलाकृतियों का उचित मूल्यांकन उन लोगों को प्रेरित करेगा, जो कला को पेशे के रूप में अपनाना चाहते हैं। मुर्मू ने कहा, ‘‘अपनी कला को मूर्त रूप देने के लिए कलाकारों को अपना समय, ऊर्जा और संसाधन समर्पित करने चाहिए। कलाकृतियों का उचित मूल्यांकन न केवल कलाकारों को प्रोत्साहित करेगा, बल्कि उन लोगों को भी प्रेरित करेगा जो कला को एक पेशे के रूप में अपनाना चाहते हैं। मुझे यह जानकर खुशी हुई कि इस वर्ष अकादमी कलाकृतियों की बिक्री को बढ़ावा दे रही है। इससे कलाकारों को आर्थिक सहायता मिलेगी और हमारी रचनात्मक अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।'' उन्होंने कहा, ‘‘मैं कला प्रेमियों से भी अपील करती हूं कि वे न केवल इन कलाकृतियों की सराहना करें, बल्कि इन्हें अपने घरों में भी लाएं। भारत की आर्थिक मजबूती के साथ-साथ इसकी सांस्कृतिक ताकत भी पहचान का एक मज़बूत प्रतीक बननी चाहिए। इसके लिए हम सभी को मिलकर काम करना होगा।'' संस्कृति मंत्रालय के सचिव विवेक अग्रवाल के अनुसार, प्रदर्शनी के दौरान 74 कलाकारों की कलाकृतियां कुल 1.35 करोड़ रुपये में बिकीं। पुरस्कार समारोह में संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी शामिल हुए, जिन्होंने कहा कि यह प्रदर्शनी ‘‘आधुनिकता के साथ सामंजस्य में परंपरा और आधुनिकता के विकास का प्रमाण है।'' शेखावत ने कहा, ‘‘कला न केवल हमें एक सूत्र में बांधती है और भारत की विविधतापूर्ण भूमि को एक सूत्र में पिरोती है, बल्कि हमें विश्व से जुड़ने का अवसर भी प्रदान करती है। साथ ही कला के माध्यम से हम वैश्विक पटल पर अपनी एक विशिष्ट पहचान भी बनाते हैं।''
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लेह/लद्दाख को राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर बुधवार को यहां जारी आंदोलन हिंसक हो गया। इस दौरान सड़कों पर आगजनी और झड़पें हुई, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई और 22 पुलिसकर्मियों समेत कम से कम 45 लोग घायल हो गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और छठी अनुसूची के विस्तार की मांग को लेकर जारी आंदोलन के हिंसक रूप लेने के बाद जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने 15 दिन से जारी अपनी भूख हड़ताल बुधवार को समाप्त कर दी। कई घायलों की हालत गंभीर होने के कारण मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है।
सुबह की शुरुआत लद्दाख की राजधानी में पूर्ण बंद के साथ हुई। सैकड़ों लोग सड़कों पर उतर आए। भाजपा कार्यालय में तोड़फोड़ की गई और कई वाहनों को आग लगा दी गई। लद्दाख की राजधानी में पूर्ण बंद के बीच आग की लपटें और काला धुआं देखा जा सकता था।
अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों द्वारा व्यापक हिंसा शुरू करने के बाद स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस को गोलीबारी और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। प्रशासन ने लद्दाख के लेह जिले में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी। अधिकारियों ने बताया कि निषेधाज्ञा के तहत पांच या इससे अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। कांग्रेस नेता एवं पार्षद फुंटसोग स्टैनजिन त्सेपाग पर मंगलवार को धरना स्थल पर कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने के लिए मामला दर्ज किया गया। लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) की युवा शाखा ने विरोध प्रदर्शन और बंद का आह्वान किया था क्योंकि 10 सितंबर से 35 दिन की भूख हड़ताल पर बैठे 15 लोगों में से दो की हालत मंगलवार शाम बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यह अनशन उनकी चार सूत्री मांगों - राज्य का दर्जा, छठी अनुसूची का विस्तार, लेह और कारगिल के लिए अलग लोकसभा सीट और नौकरियों में आरक्षण - के समर्थन में केंद्र पर बातचीत फिर से शुरू करने के लिए दबाव बनाने के लिए था। वांगचुक ने ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रदर्शनकारियों में से दो, 72 वर्षीय एक पुरुष और 62 वर्षीय एक महिला को मंगलवार को अस्पताल ले जाया गया था और कहा कि संभवतः यह हिंसक विरोध का तात्कालिक कारण था। स्थिति तेजी से बिगड़ने पर उन्होंने अपील की और घोषणा की कि वे अपना अनशन समाप्त कर रहे हैं।
वांगचुक ने आंदोलन स्थल पर बड़ी संख्या में एकत्र अपने समर्थकों से कहा, ‘‘मैं लद्दाख के युवाओं से हिंसा तुरंत रोकने का अनुरोध करता हूं क्योंकि इससे हमारे उद्देश्य को नुकसान पहुंचता है तथा स्थिति और बिगड़ती है। हम लद्दाख और देश में अस्थिरता नहीं चाहते।'' उन्होंने कहा, ‘‘यह लद्दाख और मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से सबसे दुखद दिन है क्योंकि पिछले पांच वर्षों से हम जिस रास्ते पर चल रहे हैं वह शांतिपूर्ण था... हमने पांच मौकों पर भूख हड़ताल की और लेह से दिल्ली तक पैदल चले लेकिन आज हम हिंसा और आगजनी की घटनाओं के कारण शांति के अपने संदेश को विफल होते हुए देख रहे हैं।'' उन्होंने प्रशासन से आंसू गैस के गोले दागना बंद करने की भी अपील की तथा सरकार से अधिक संवेदनशील होने का आग्रह किया। वांगचुक ने कहा, ‘‘हम अपना अनशन तुरंत समाप्त कर रहे हैं... यदि हमारे युवा अपनी जान गंवाते हैं तो भूख हड़ताल का उद्देश्य पूरा नहीं होगा।" उन्होंने कहा, ‘‘अब ठंडे दिमाग से बातचीत को आगे बढ़ाने का समय आ गया है। हम अपना आंदोलन अहिंसक रखेंगे और मैं सरकार से भी कहना चाहता हूं कि वह हमारे शांति संदेश को सुने... जब शांति के संदेश की अनदेखी की जाती है, तो ऐसी स्थिति पैदा होती है।'' वांगचुक ने कहा कि यह स्थिति युवाओं में हताशा का नतीजा है, क्योंकि उन्हें रोजगार नहीं मिल रहा है। उन्होंने दावा किया कि लद्दाख में कोई लोकतंत्र नहीं है और जनता से किया गया छठी अनुसूची का वादा भी पूरा नहीं किया गया है। संविधान की छठी अनुसूची शासन, राष्ट्रपति और राज्यपाल की शक्तियों, स्थानीय निकायों के प्रकार, वैकल्पिक न्यायिक तंत्र और स्वायत्त परिषदों के माध्यम से प्रयोग की जाने वाली वित्तीय शक्तियों के संदर्भ में विशेष प्रावधान करती है। छठी अनुसूची चार पूर्वोत्तर राज्यों त्रिपुरा, मेघालय, मिजोरम और असम की जनजातीय आबादी के लिए है। गृह मंत्रालय और लद्दाख के प्रतिनिधियों, जिनमें एलएबी और करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) के सदस्य शामिल हैं, के बीच छह अक्टूबर को वार्ता का एक नया दौर निर्धारित है। दोनों संगठन पिछले चार वर्षों से अपनी मांगों के समर्थन में संयुक्त रूप से आंदोलन कर रहे हैं और अतीत में सरकार के साथ कई दौर की वार्ता भी कर चुके हैं। अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शन के आह्वान पर लेह शहर में बंद रहा और एनडीएस स्मारक मैदान में बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुए तथा बाद में छठी अनुसूची और राज्य के समर्थन में नारे लगाते हुए शहर की सड़कों पर मार्च निकाला। उन्होंने बताया कि स्थिति तब और बिगड़ गई जब कुछ युवकों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और ‘हिल काउंसिल' के मुख्यालय पर पथराव किया। उन्होंने बताया कि शहरभर में बड़ी संख्या में तैनात पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। युवाओं के समूहों ने एक वाहन और कुछ अन्य वाहनों में आग लगा दी, और भाजपा कार्यालय को भी निशाना बनाया। उन्होंने परिसर और एक इमारत में मौजूद फर्नीचर और कागजात में आग लगा दी। इस बीच उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता ने कहा कि लद्दाख के हिंसा प्रभावित लेह जिले में और अधिक जानमाल की हानि रोकने के लिए कर्फ्यू लगाया गया है। उन्होंने कहा कि लद्दाख में शांतिपूर्ण माहौल बिगाड़ने की साजिश के तहत हिंसा भड़काई गई।
गुप्ता ने कहा कि हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान की जाएगी और देश के कानून के अनुसार उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। लगभग चार महीने तक रुकी रही वार्ता के बाद, केंद्र ने 20 सितंबर को एलएबी और केडीए को वार्ता के लिए आमंत्रित किया था। पूर्व सांसद एवं एलएबी के अध्यक्ष थुपस्तान छेवांग, जिन्होंने 27 मई को अंतिम दौर की वार्ता के बाद निकाय से इस्तीफा दे दिया था, पुनः अध्यक्ष पद पर आसीन हो गये हैं और वार्ता के दौरान उनके संयुक्त प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने की संभावना है। कांग्रेस ने एलएबी से बाहर होने का फैसला तब किया जब कुछ घटकों ने यह विचार व्यक्त किया कि अगले महीने ‘लेह हिल काउंसिल' के चुनावों के मद्देनजर एलएबी प्रतिनिधिमंडल को गैर-राजनीतिक होना चाहिए। -
भुवनेश्वर। ओडिशा में बुधवार को सभी 30 जिलों में सामान्य से लगभग 60 प्रतिशत अधिक बारिश होने से सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। अधिकारियों ने बताया कि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने 27 सितंबर तक और अधिक बारिश का अनुमान जताया है, जिसके कारण राज्य सरकार ने सभी जिलों को अलर्ट पर रखा है। उन्होंने बताया कि कम दबाव वाले क्षेत्र के कारण राज्य भर में पहले ही भारी बारिश हो चुकी है, लेकिन मौसम विभाग ने बृहस्पतिवार को एक और कम दबाव वाला क्षेत्र बनने का अनुमान जताया है, जिसकी वजह से अधिकारियों ने एहतियाती कदम उठाए हैं। विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) कार्यालय ने सभी जिलाधिकारियों को लिखे पत्र में कहा, “ ‘ऑरेंज' और ‘येलो' अलर्ट वाले जिलों को किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए प्रशासनिक मशीनरी तैयार रखनी चाहिए।” भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कोरापुट, नवरंगपुर और नुआपाड़ा जिलों में एक या दो स्थानों पर 30-40 किमी प्रति घंटे की गति से हवा चलने तथा गरज के साथ भारी से बहुत भारी बारिश होने का ‘ऑरेंज अलर्ट' (कार्रवाई के लिए तैयार रहें) जारी किया है। इसी प्रकार, मौसम कार्यालय ने बृहस्पतिवार सुबह साढ़े आठ बजे तक 27 अन्य जिलों के लिए बारिश और गरज के साथ बिजली गिरने और 30-40 किमी प्रति घंटे की गति से हवा चलने का ‘येलो अलर्ट' (सावधान रहें) जारी किया। आईएमडी ने यह भी कहा कि समुद्र की स्थिति बहुत खराब होने की आशंका है और मछुआरों को 24 से 28 सितंबर तक ओडिशा के तटों और बंगाल की खाड़ी में नहीं जाने की चेतावनी दी है। मौसम विज्ञान केंद्र, भुवनेश्वर की निदेशक मनोरमा मोहंती ने कहा कि राज्य में अगले चार दिनों तक बारिश संबंधी गतिविधियां जारी रहेंगी। इस बीच, संबलपुर, कोरापुट, मलकानगिरी, नुआपाड़ा और बोलनगीर जिलों से प्राप्त खबरों के अनुसार, संबलपुर, बोलनगीर, पटनागढ़, नुआपाड़ा और कुछ अन्य कस्बों सहित कई क्षेत्रों में जलजमाव की स्थिति है।
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-शावकों के जीवित रहने की दर वैश्विक औसत से बेहतर: अधिकारी
नयी दिल्ली/ भारत और चीते लाने के लिए कुछ अफ्रीकी देशों के साथ बातचीत कर रहा है और उम्मीद है कि इस साल दिसंबर तक 8-10 चीतों को ले आया जाएगा। ये चीते संभवतः बोत्सवाना से आएंगे। सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि भारत जिन अन्य देशों को चीते लाने के संभावित स्रोत के रूप में देख रहा है, उनमें नामीबिया भी शामिल है। इस देश से पहले भी चीते आए थे। प्रोजेक्ट चीता से जुड़े अधिकारियों ने कहा कि भारत का अपने जंगलों में चीतों की संख्या बढ़ाने का महत्वाकांक्षी कदम "बहुत सफल" रहा है और इस कार्यक्रम ने दुनिया में पहली बार एक बड़े मांसाहारी जानवर के अंतरमहाद्वीपीय स्थानांतरण की प्रारंभिक चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया है। चूंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सितंबर 2022 में अपने जन्मदिन पर नामीबिया से लाये आठ चीतों को कुनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़ा था। फरवरी 2023 में दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते लाकर उनकी संख्या बढ़ायी गयी। चीतों ने यहां कई बार प्रजनन किया है। सूत्रों ने कहा कि यह इस बात का प्रमाण है कि वे भारतीय परिस्थितियों के अनुकूल रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि वर्तमान में 27 चीतों में से 16 भारत में जन्मे हैं। उन्होंने बताया कि कुनो में शावकों के जीवित रहने की दर 61 प्रतिशत से अधिक है, जबकि वैश्विक स्तर पर यह दर 40 प्रतिशत है। एक अधिकारी ने कहा कि यह एक बड़ी सफलता है। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक बाधाओं के बाद परियोजना की प्रगति का श्रेय राजनीतिक इच्छाशक्ति को जाता है जो दूसरे देशों के साथ बातचीत करने में भी महत्वपूर्ण थी। इसके अलावा उन्होंने वन्यजीव संरक्षण में भारत की विशेषज्ञता, स्थानीय लोगों का समर्थन और सरकार के प्रमुख कार्यक्रम के प्रति समग्र प्रतिबद्धता को भी इसका श्रेय दिया। स्थानांतरित किये गये चीतों में से 11 जीवित बचे हैं, जिनमें छह मादा और पांच नर हैं।
एक अधिकारी ने कहा, "हम हर साल 10-12 चीतों को नए स्थानों पर लाने और उनकी मौजूदा संख्या को बनाए रखने की योजना बना रहे | -
नई दिल्ली। भारतीय चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर और पंजाब में राज्यसभा के लिए उपचुनावों की घोषणा की है। आयोग ने बताया कि जम्मू-कश्मीर की 4 राज्यसभा सीटों और पंजाब की एक सीट पर उपचुनाव के लिए 24 अक्टूबर को मतदान होगा। चुनाव आयोग ने कहा कि मतगणना भी उसी दिन होगी।
चुनाव आयोग की ओर से जारी कार्यक्रम के अनुसार, जम्मू-कश्मीर से राज्यसभा की चार सीटों के लिए अधिसूचना 6 अक्टूबर को जारी की जाएगी। नामांकन दाखिल करने की आखिरी तिथि 13 अक्टूबर होगी, जबकि नामांकन 16 अक्टूबर तक वापस लिए जा सकेंगे। यही प्रक्रिया पंजाब की एक राज्यसभा सीट के लिए होगी।आयोग ने जानकारी दी कि राज्यसभा सीटों के लिए उपचुनाव में वोटिंग 24 अक्टूबर को सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक जारी रहेगी। उसी दिन 5 बजे वोटों की गिनती शुरू होगी। जम्मू-कश्मीर में पिछले करीब 4 साल से राज्यसभा की सीटें खाली हैं। गुलाम नबी आजाद, शमशेर सिंह मन्हास, नजीर अहमद लावे और फयाज अहमद मीर, इन चार राज्यसभा सांसदों का कार्यकाल फरवरी 2021 में समाप्त हुआ था। इन सीटों के लिए चुनाव पहले नहीं हो सके थे, क्योंकि जम्मू-कश्मीर अक्टूबर 2024 तक राष्ट्रपति शासन के अधीन था। अब जबकि केंद्र शासित प्रदेश में एक निर्वाचित विधानसभा है, चुनाव आयोग ने राज्यसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा की है।जम्मू-कश्मीर में पिछला राज्यसभा चुनाव फरवरी 2015 में हुआ था, जब यह एक पूर्ण राज्य था। अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया गया। अब पहली बार केंद्र शासित प्रदेश के रूप में जम्मू-कश्मीर में राज्यसभा के लिए चुनाव होंगे।2015 के राज्यसभा चुनाव में भाजपा-पीडीपी गठबंधन ने 3 सीटें और नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन ने एक सीट जीती थी। हालांकि, सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर से खाली राज्यसभा सीटों का मुद्दा लगातार उठाती रही है।पंजाब की राज्यसभा की सीट जुलाई में सांसद संजीव अरोड़ा के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी। अरोड़ा अब पंजाब सरकार में मंत्री हैं। वे उपचुनाव में पिछले दिनों लुधियाना पश्चिम विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी के टिकट पर जीते थे। -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को 10,91,146 रेलवे कर्मचारियों को 78 दिनों के उत्पादकता से जुड़े बोनस (पीएलबी) के रूप में 1865.68 करोड़ रुपए के भुगतान को मंजूरी दे दी। रेलवे कर्मचारी को पीएलबी का भुगतान हर साल दुर्गा पूजा/दशहरा की छुट्टियों से पहले किया जाता है।
आधिकारिक बयान के अनुसार, इस वर्ष भी लगभग 10.91 लाख अराजपत्रित रेलवे कर्मचारियों को 78 दिनों के वेतन के बराबर पीएलबी राशि का भुगतान किया जा रहा है। पीएलबी का भुगतान रेलवे के प्रदर्शन में सुधार की दिशा में काम करने के लिए रेलवे कर्मचारियों को प्रेरित करने हेतु एक प्रोत्साहन के रूप में कार्य करता है।प्रत्येक पात्र रेलवे कर्मचारी के लिए 78 दिनों के वेतन के बराबर पीएलबी की अधिकतम देय राशि 17,951 रुपए है। उपरोक्त राशि का भुगतान विभिन्न श्रेणियों के रेलवे कर्मचारियों जैसे-ट्रैक मेंटेनर, लोको पायलट, ट्रेन मैनेजर (गार्ड), स्टेशन मास्टर, पर्यवेक्षक, तकनीशियन, तकनीशियन हेल्पर, पॉइंट्समैन, मिनिस्ट्रियल स्टाफ और अन्य ग्रुप ‘सी’ कर्मचारियों को किया जाएगा। आपको बता दें, वर्ष 2024-25 में रेलवे का प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा। रेलवे ने 1614.90 मिलियन टन का रिकॉर्ड माल लादा तथा लगभग 7.3 बिलियन यात्रियों को ढोया। - अहमदाबाद/ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को अपने लोकसभा क्षेत्र गांधीनगर में जलभराव की समस्या से निपटने के उपायों पर चर्चा के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की। गुजरात दौरे पर आए शाह ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों को अगले कुछ वर्षों में उनके निर्वाचन क्षेत्र में जलभराव की समस्या का समाधान करने के निर्देश दिए हैं। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया गया है कि अधिकारियों ने राज्य की राजधानी में हुई बैठक में इस समस्या के समाधान के लिए एक कार्ययोजना उनके सामने प्रस्तुत की। शाह ने प्रस्तुति की समीक्षा की और आवश्यक निर्देश दिए। बाद में, कलोल कस्बे में एक कार्यक्रम में शाह ने कहा, ‘‘गांधीनगर लोकसभा क्षेत्र में जलभराव की समस्या के समाधान के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। अगले साल तक इस समस्या का काफी हद तक समाधान हो जाएगा।'' केंद्रीय मंत्री ने गांधीनगर जिले के कलोल कस्बे में 114 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन या शिलान्यास भी किया। भारतीय जनता पार्टी की एक विज्ञप्ति में बताया गया कि बाद में गृह मंत्री अपने गृह नगर मनसा गए और मां बहूचर मंदिर में पूजा-अर्चना की।
- पुरी/ ओडिशा के पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर में कीमती वस्तुएं मंगलवार को वापस रत्न भंडार में स्थानांतरित कर दी गई हैं, जो भंडार की मरम्मत के लिए एक साल पहले बाहर निकाली गई थीं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया के दौरान मंदिर में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर पाबंदी लगाई गई थी। उन्होंने कहा कि चार घंटे में यह प्रक्रिया पूरी हो गई। श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक अरबिंदा पाढी ने कहा, “कीमती सामान और गहने स्थानांतरित करने की प्रक्रिया पूर्वाह्न 10.55 बजे शुरू हुई और अपराह्न 2:55 बजे पूरी हो गई। यह काम ‘श्री जगन्नाथ मंदिर नियमावली-1960' और राज्य सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार किया गया है।” पिछले साल रत्न भंडार से बाहर निकाले जाने के बाद, कीमती सामान को मंदिर परिसर में एक अस्थायी ‘स्ट्रांग रूम' में रखा गया था। सात जुलाई को, एएसआई ने 'रत्न भंडार' के नवीनीकरण का काम पूरा किया था।पाढी ने कहा कि 'रत्न भंडार' के दोनों कक्ष बंद थे और आंतरिक कक्ष की चाबियां प्रक्रिया के अनुसार जिला ट्रेजरी में जमा की गई थीं। उन्होंने कहा, “सभी काम अच्छी तरह से किए गए और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए वीडियोग्राफी की गई।”स्थानांतरण के समय रत्न भंडार समिति के सदस्य उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश विश्वनाथ रथ के नेतृत्व में मंदिर में उपस्थित थे। जिला कलेक्टर दिव्या ज्योति परिदा और एसपी प्रतीक सिंह भी मौजूद थे।
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत आवंटित 4.12 करोड़ घरों में से (4 अगस्त तक) कुल 2.82 करोड़ घर पूरे हो चुके हैं। यह जानकारी सरकार की ओर से बुधवार को एक आधिकारिक दस्तावेज में दी गई। प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के तहत, सरकार ने शुरुआत में वित्त वर्ष 2016-17 से वित्त वर्ष 2023-24 तक 2.95 करोड़ घरों का लक्ष्य रखा था।
केंद्र ने ग्रामीण आवास योजना का 4.95 करोड़ घर तक विस्तार अगले पांच वर्षों के लिए मंजूर कियाग्रामीण आवास की निरंतर मांग को देखते हुए, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2 करोड़ घरों के अतिरिक्त लक्ष्य के साथ इस योजना को अगले पांच वर्षों (वित्त वर्ष 2024-25 से वित्त वर्ष 2028-29) के लिए जारी रखने को मंजूरी दे दी, जिससे कुल लक्ष्य 4.95 करोड़ हो गया।4 अगस्त 2025 तक राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को 4.12 करोड़ घरों का लक्ष्य आवंटित किया गयाआधिकारिक दस्तावेज में कहा गया, “4 अगस्त 2025 तक, मंत्रालय द्वारा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कुल 4.12 करोड़ घरों का लक्ष्य आवंटित किया गया है, जिनमें से 3.85 करोड़ घरों को मंजूरी दी जा चुकी है और 2.82 करोड़ से ज्यादा घरों का निर्माण पूरा हो चुका है।”वित्त वर्ष 2025-26 के लिए (जुलाई 2025 तक) इस योजना के तहत कुल 32.9 लाख घरों का लक्ष्य रखा गया थावित्त वर्ष 2025-26 के लिए (जुलाई 2025 तक) इस योजना के तहत कुल 32.9 लाख घरों का लक्ष्य रखा गया था, जिनमें से 25.6 लाख घरों को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है। वित्त वर्ष 2024-25 में, घर आवंटन का लक्ष्य 84.37 लाख था, जिसमें से 64.70 लाख घरों को मंजूरी दी गई थी।सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक कुल 216.73 लाख घरों को मंजूरी मिलीसरकारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2020-21 से वित्त वर्ष 2024-25 तक की चार वर्षों की अवधि में कुल 216.73 लाख घरों को मंजूरी दी गई, जिनमें से 176.47 लाख घर पूरे हो चुके हैं, जो आवास विकास में निरंतर प्रगति को दर्शाता है।यह योजना पात्र ग्रामीण परिवारों को बुनियादी सुविधाओं से युक्त पक्के घर बनाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती हैयह योजना पात्र ग्रामीण परिवारों को बुनियादी सुविधाओं से युक्त पक्के घर बनाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है, जिनमें बेघर परिवार और शून्य, एक या दो कमरों वाले कच्चे घरों में रहने वाले लोग शामिल हैं। लाभार्थियों को अन्य सरकारी कार्यक्रमों के साथ समन्वय के माध्यम से पाइप से पेयजल, रसोई गैस, नवीकरणीय ऊर्जा और निर्माण सामग्री भी प्राप्त होती है।पीएमएवाई-जी ने गरीबी घटाकर, जीवन स्तर और ग्रामीण आवास में उल्लेखनीय सुधार कियापीएमएवाई-जी ने गरीबी कम करके, जीवन स्तर में सुधार लाकर और सामाजिक एवं आर्थिक विकास को बढ़ावा देकर ग्रामीण आवास में उल्लेखनीय सुधार किया है, जो ग्रामीण आवास अवसंरचना को मजबूत करने में निरंतर प्रगति को दर्शाता है।( - लखनऊ/ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में मिशन शक्ति का पांचवां चरण 22 सितंबर से शुरू हो गया जिसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षा, सशक्तीकरण और आत्मनिर्भरता को मजबूत करना है। आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी। एक बयान के मुताबिक, 21 अक्टूबर तक जारी रहने वाले इस चरण में सबसे ज्यादा ध्यान महिला सुरक्षा पर है। सरकार ने महिला सुरक्षा के लिए विशेष हेल्पलाइन नंबर, महिला थाने और महिला पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसमें कहा गया कि साथ ही पिंक बूथ और पेट्रोलिंग स्क्वॉड को और अधिक सशक्त किया जा रहा है, ताकि महिलाएं निर्भीक होकर समाज में अपनी भूमिका निभा सकें। मिशन शक्ति की नोडल अधिकारी पद्मजा चौहान ने बताया कि पांचवें चरण में शिक्षा को महिलाओं के सशक्तीकरण का सबसे मजबूत हथियार माना गया है और इसी के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए विशेष जागरुकता अभियान चलाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि छात्रवृत्ति योजनाओं और डिजिटल शिक्षा कार्यक्रमों को और विस्तार दिया जा रहा है।चौहान ने कहा, ‘‘मिशन शक्ति के तहत ये कार्यक्रम उन्हें रोजगार और उद्यमिता के नए अवसरों से भी जोड़ेंगे।'' उन्होंने बताया कि महिला स्वास्थ्य को लेकर इस चरण में विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं। स्वच्छता, पोषण और मानसिक स्वास्थ्य पर आधारित कार्यशालाएं और स्वास्थ्य शिविर लगाए जा रहे हैं। खासकर ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में महिलाओं को स्वास्थ्य सेवाएं आसानी से उपलब्ध कराने पर जोर है। मिशन शक्ति की नोडल अधिकारी ने कहा, ‘‘मिशन शक्ति के पांचवें चरण में आत्मरक्षा, जीवन कौशल और नेतृत्व क्षमता पर केंद्रित प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। स्कूलों, कॉलेजों और सामुदायिक केंद्रों पर आयोजित इन कार्यशालाओं का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी बनाना है। आत्मरक्षा के विशेष प्रशिक्षण से महिलाएं खुद को और दूसरों को सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम हो रही हैं। जीवन कौशल कार्यक्रम उन्हें वित्तीय प्रबंधन, स्वास्थ्य संबंधी निर्णय और सामाजिक दायित्वों में सक्रिय बनाएंगे।'' उन्होंने बताया कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों को रोकने के लिए कड़े कानूनी कदम भी इस चरण में शामिल हैं। प्रत्येक जिले में विशेष निगरानी और त्वरित अदालतों को सक्रिय किया गया है ताकि अपराधियों को त्वरित सजा मिल सके। पुलिस प्रशासन को यह निर्देश दिए गए हैं कि महिला संबंधित मामलों को प्राथमिकता से निपटाया जाए। सरकार का स्पष्ट संदेश है कि महिलाओं की गरिमा और अधिकारों से समझौता किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
- सागर . मध्यप्रदेश के सागर जिले में तीन वर्षीय बेटी को बचाने के लिए एक आठ माह की गर्भवती मां ने कुएं में छलांग लगा दी, जिससे दोनों की पानी में डूबने से मौत हो गई। पुलिस के एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि यह घटना जिले के देवरी थाना क्षेत्र के ग्राम नेगुवा रतन में सोमवार को हुई, जब विनीता आदिवासी (28) अपनी बेटी दुर्गा को लेकर घर से लगभग 300 मीटर दूर खेत में बने एक कुएं पर नहाने गई थीं। उन्होंने बताया कि उस दौरान अचानक बच्ची फिसलकर कुएं में गिर गई। उन्होंने बताया कि बेटी को बचाने के लिए मां भी तुरंत कुएं में कूद गई, लेकिन दुर्भाग्यवश दोनों की डूबने से मौत हो गई। सूचना मिलने पर अनुविभागीय पुलिस अधिकारी (एसडीओपी) शशिकांत सरयाम तथा देवरी थाना प्रभारी गजेंद्र सिंह बुंदेला मौके पर पहुंचे और कुएं से मां-बेटी के शव बाहर निकलवाए। बुंदेला ने बताया कि शवों का पोस्टमार्टम कराने के बाद उन्हें परिजनों को सौंप दिया गया।विनीता के ससुर जुगल आदिवासी ने बताया कि घटना के समय परिवार के अन्य सदस्य अपने-अपने काम पर जा चुके थे। जब उनकी पत्नी घर लौटीं तो बहू और पोती घर पर नहीं थीं। बाद में उनकी तलाश के दौरान दोनों के शव कुएं में मिले। उन्होंने बताया कि विनीता आठ माह की गर्भवती थीं।
- नयी दिल्ली. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने जुलाई महीने में शुद्ध रूप से सालाना आधार पर 5.55 प्रतिशत अधिक 21.04 लाख सदस्य जोड़ें। श्रम मंत्रालय ने बुधवार को यह जानकारी दी। मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, ईपीएफओ ने जुलाई 2025 में शुद्ध रूप से 9.79 लाख नए सदस्य जोड़े। आधिकारिक बयान के मुताबिक, इनमें 18-25 आयु वर्ग के 5.98 लाख युवा शामिल हैं जो कुल नए ग्राहकों का 61.06 प्रतिशत हैं। इस वर्ग में शुद्ध पेरोल वृद्धि 9.13 लाख रही। पहले नौकरी छोड़ चुके करीब 16.43 लाख पुराने सदस्य जुलाई में दोबारा ईपीएफओ के साथ जुड़े। इसमें सालाना आधार पर 12.12 प्रतिशत की दर्ज की गई। इस आंकड़े से पता चलता है कि ईपीएफओ सदस्य अंतिम निपटान के बजाय ईपीएफ खाते में जमा राशि स्थानांतरित कर अपनी सामाजिक सुरक्षा बनाए रखने को प्राथमिकता दे रहे हैं। जुलाई 2025 में 2.80 लाख नई महिला सदस्य जुड़ीं, जिससे कुल महिला शुद्ध पेरोल वृद्धि करीब 4.42 लाख रही। इसमें सालाना आधार पर 0.17 प्रतिशत वृद्धि दर्ज हुई जो कार्यबल में बढ़ती विविधता को दर्शाती है। ईपीएफओ का यह पेरोल आंकड़ा अस्थायी है क्योंकि कर्मचारियों का रिकॉर्ड अद्यतन करने की प्रक्रिया निरंतर चलती रहती है। संगठन सितंबर 2017 से ही मासिक आधार पर यह आंकड़े जारी कर रहा है।
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को नागरिकों से उन्हें मिले उपहारों की नीलामी में हिस्सा लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि नीलामी से प्राप्त राशि नमामि गंगे परियोजना में जाएगी।
पीएम मोदी सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर एक पोस्ट साझा करते हुए कहा, “पिछले कुछ दिनों से, मेरे विभिन्न कार्यक्रमों के दौरान मुझे मिले विभिन्न उपहारों की ऑनलाइन नीलामी चल रही है। इस नीलामी में भारत की संस्कृति और रचनात्मकता को दर्शाने वाली बेहद रोचक कृतियां शामिल हैं। नीलामी से प्राप्त राशि नमामि गंगे के लिए जाएगी। नीलामी में अवश्य भाग लें।”प्रधानमंत्री को प्राप्त स्मृति चिन्हों की ई-नीलामी 17 सितंबर को सुबह 10 बजे (प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन के अवसर पर) शुरू हुई और 2 अक्टूबर को शाम 5 बजे बंद होगी। पीएम मेमेंटोस की वेबसाइट के अनुसार, चांदी में राम मंदिर का मॉडल, बछड़े के साथ कामधेनु, बेंत के जहाज का मॉडल, लकड़ी का चरखा और अन्य वस्तुएं लाइव नीलामी का हिस्सा हैं।नीलामी की वस्तुओं में एलोरा स्थित कैलासा मंदिर की पेंटिंग, एक G-20 पोस्टर तथा बिहार से प्राप्त भगवान बुद्ध की एक फ्रेमयुक्त प्रतिमा आदि भी शामिल हैं।उपयोगकर्ता pmmementos.gov.in पर जाकर, खाता पंजीकृत कर सकता है और नीलामी में उपहारों के लिए बोली लगा सकता है। वेबसाइट पर बताया गया है कि पीएम मेमेंटोज भारत सरकार का एक खुला नीलामी पोर्टल है, जो खरीदारों को उचित पंजीकरण के बाद प्रदर्शित वस्तुओं की ऑनलाइन नीलामी में भाग लेने में सक्षम बनाता है।उल्लेखनीय है, नमामि गंगे कार्यक्रम एक एकीकृत संरक्षण मिशन है, जिसे केंद्र सरकार ने जून 2014 में एक ‘प्रमुख कार्यक्रम’ के रूप में मंजूरी दी थी, इसका उद्देश्य राष्ट्रीय नदी गंगा के प्रदूषण निवारण, संरक्षण और पुनरुद्धार के दोहरे उद्देश्यों को प्राप्त करना है। मिशन का बजट परिव्यय 20,000 करोड़ रुपये है।इसका कार्यान्वयन दो भागों में विभाजित है – प्रारंभिक स्तर की गतिविधियां, जिनका तत्काल प्रभाव दिखाई देगा, मध्यम अवधि की गतिविधियां, जिनका कार्यान्वयन 5 वर्ष की समय-सीमा में किया जाएगा और दीर्घकालिक गतिविधियां, जिनका कार्यान्वयन 10 वर्ष की समय-सीमा में किया जाएगा। - नयी दिल्ली. सशस्त्र बल अक्टूबर के पहले सप्ताह में मुख्यालय एकीकृत रक्षा स्टाफ (एचक्यू-आईडीएस) द्वारा आयोजित अभ्यास के दौरान अपने कुछ ड्रोन और ड्रोन रोधी प्रणालियों की क्षमताओं का परीक्षण करेंगे। सूत्रों ने बताया कि यह अभ्यास छह से 10 अक्टूबर तक मध्य प्रदेश में किया जाएगा।यहां हवाई रक्षा प्रणालियों पर एक सम्मेलन में अपने संबोधन में, आईडीएस मुख्यालय में एकीकृत रक्षा स्टाफ (ओपीएस) के उप प्रमुख, एयर मार्शल राकेश सिन्हा ने ऑपरेशन सिंदूर से सीखे गए सबक और सैन्य सोच एवं योजना में दुश्मन से "आगे रहने" की आवश्यकता पर भी बात की। बाद में बातचीत में उन्होंने कहा कि ‘एक्सरसाइज कोल्ड स्टार्ट' में तीनों सेनाओं की भागीदारी होगी। इसके अलावा उद्योग साझेदार, अनुसंधान एवं विकास भागीदार, शिक्षा जगत और अन्य लोग भी आगामी अभ्यास में भाग लेंगे। एयर मार्शल सिन्हा ने कहा, ‘‘ हम इस अभ्यास के दौरान अपने कुछ ड्रोन और ड्रोन रोधी प्रणालियों का परीक्षण करेंगे... जिसका उद्देश्य एक हवाई रक्षा प्रणाली और एक काउंटर-यूएएस (ड्रोन रोधी प्रणाली) बनाना है जो अधिक मजबूत हो।''
- कोलकाता. कोलकाता में रातभर मूसलाधार बारिश से मंगलवार को जलभराव हो गया जिससे जनजीवन लगभग ठप हो गया है। इस दौरान करंट लगने से कम से कम सात लोगों की मौत हो गयी। अधिकारियों ने बताया कि भारी बारिश के कारण कई इलाके जलमग्न हो गए, जिससे यातायात, सार्वजनिक परिवहन और ट्रेन सेवाएं बाधित हुईं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भारी बारिश को ‘‘अभूतपूर्व'' बताया तथा फरक्का बैराज से गाद न निकालने और निजी बिजली कंपनी सीईएससी की चूक की आलोचना की। साथ ही उन्होंने लोगों से अपनी सुरक्षा के लिए घरों के अंदर रहने की अपील की। ममता ने एक बंगाली समाचार चैनल से कहा, ‘‘मैंने ऐसी बारिश पहले कभी नहीं देखी। मुझे उन लोगों के लिए बहुत दुख हो रहा है जिन्होंने बादल फटने के कारण अपनी जान गंवाई है।मैंने सुना है कि खुले तारों से करंट लगने से सात-आठ लोगों की मौत हो गई है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है... उनके परिवारों को सीईएससी द्वारा नौकरी दी जानी चाहिए। मैं यह स्पष्ट रूप से कह रही हूं। हम भी हरसंभव मदद करेंगे।'' रात भर हुई भारी बारिश के कारण कोलकाता में ऐसे वक्त में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है जब शहर अपने सबसे बड़े त्योहार दुर्गा पूजा की तैयारी कर रहा है, जो इस सप्ताह के अंत में शुरू होगी। बिजली कंपनी को सीधे तौर पर दोषी ठहराते हुए उन्होंने कहा, ‘‘बिजली की आपूर्ति सीईएससी द्वारा की जाती है, न कि हमारे द्वारा। यह सुनिश्चित करना उनका कर्तव्य है कि लोगों को इससे परेशानी न हो। वे यहां व्यापार करेंगे, लेकिन आधुनिकीकरण नहीं करेंगे? उन्हें लोगों को भेजकर इसे ठीक करना चाहिए।'' मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यहां तक कि हमारे मकान भी जलमग्न हैं, हम सब परेशान हैं। मुझे पूजा पंडालों के लिए भी बहुत बुरा लग रहा है। स्कूलों को छुट्टियां घोषित करने के लिए कहा गया है और कार्यालय जाने वालों को आज और कल घर पर रहने की सलाह दी गई है।'' ममता ने यह भी बताया कि वह महापौर, मुख्य सचिव और पुलिस के लगातार संपर्क में हैं।उन्होंने कहा, ‘‘फरक्का की ठीक से सफाई नहीं हुई है, इसलिए हर बार जब बारिश होती है, बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मुंबई, दिल्ली, हर जगह जलभराव हो जाता है। इस बार बारिश थोड़ी असामान्य है।'' कोलकाता के महापौर और राज्य के शहरी विकास मंत्री फिरहाद हाकिम ने बताया कि अब तक हमें शहर में अलग-अलग जगहों पर करंट लगने से चार लोगों की मौत की सूचना मिली है। लेकिन बाद में आधिकारिक तौर पर सात लोगों की मौत की पुष्टि की गयी। हाकिम ने बताया कि शहर के अधिकांश हिस्सों में जलभराव हो गया है और कोलकाता नगर निगम (केएमसी) की टीम पानी निकालने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रही हैं। उन्होंने बताया कि केएमसी अधिकारी कड़ी मेहनत कर रहे हैं लेकिन नहरें और नदियां पानी से लबालब भरी हैं और हर बार जब पानी निकाला जाता है, तो शहर के अंदर और पानी घुस रहा है। उन्होंने कहा, ‘रात लगभग 10 बजे तक स्थिति में सुधार होने की उम्मीद की जा सकती है।''मुख्य सड़कों पर वाहन फंसे रहे, यात्रियों को कई चौराहों पर कमर तक पानी से होकर गुजरना पड़ा तथा ब्लू लाइन के एक लंबे हिस्से पर मेट्रो सेवाएं स्थगित कर दी गईं। अधिकांश मुख्य सड़कों पर यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है। पार्क सर्कस, गरियाहाट, बेहाला और कॉलेज स्ट्रीट जैसे प्रमुख चौराहों पर घुटने से कमर तक पानी भरा है, जिससे वाहन घंटों तक फंसे रहे। ईएम बाईपास, एजेसी बोस रोड और सेंट्रल एवेन्यू पर लंबे समय तक यातायात जाम की सूचना मिली, जबकि दक्षिण और मध्य कोलकाता की कई छोटी-छोटी गलियों में कमर तक पानी भर गया, जिससे वहां आवाजाही बाधित हो गयी है। यात्रियों ने बसों के बीच रास्ते में खराब होने की शिकायत की, जबकि टैक्सियां और ऐप आधारित कैब या तो सड़कों से नदारद रहीं या फिर उन्होंने बहुत ज़्यादा किराया वसूला। भारी बारिश और सड़कों पर पानी भर जाने के कारण कई स्कूलों ने छुट्टी घोषित कर दी है। कलकत्ता विश्वविद्यालय और जादवपुर विश्वविद्यालय ने भी दिन भर के लिए सभी शैक्षणिक गतिविधियां स्थगित कर दीं। पश्चिम बंगाल सरकार ने मंगलवार को सरकारी शिक्षण संस्थानों में निर्धारित समय से दो दिन पहले ही दुर्गा पूजा की छुट्टियां घोषित कर दीं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा करंट से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए जलभराव वाली सड़कों से दूर रहने की अपील और स्कूलों में छुट्टियां करने या ऑनलाइन कक्षाएं शुरू करने के निर्देश के बाद राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने घोषणा की कि सभी सरकारी शिक्षण संस…
- नयी दिल्ली. सात वर्ष की आयु में उच्च रक्तचाप की समस्या होने से 50 वर्ष की आयु के बाद हृदय रोग के कारण मौत का खतरा बढ़ सकता है। शोधकर्ताओं ने यह बात कही है। उन्होंने नियमित तौर पर बच्चों के रक्तचाप की जांच कराने और हृदय को स्वस्थ बनाए रखने पर जोर दिया है। शोध की प्रमुख लेखक और अमेरिका में स्थित नॉर्थवेस्टर्न विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ मेडिसिन में सहायक प्रोफेसर एलेक्सा फ्रीडमैन ने कहा, “बचपन में उच्च रक्तचाप की समस्या होने से अगले पांच दशकों में मृत्यु का जोखिम 40 से 50 प्रतिशत तक बढ़ सकता है।”शोधकर्ताओं ने ‘अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के हाइपरटेंशन साइंटिफिक सेशन 2025' में अपने निष्कर्ष प्रस्तुत किए। यह शोध ‘द जर्नल ऑफ द अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन' (जेएएमए) में भी प्रकाशित हुआ है। यूएस कॉलेबोरेटिव पेरिनेटल प्रोजेक्ट (सीपीपी) में 1959 और 1966 के बीच नामांकित महिलाओं से जन्मे लगभग 38,000 बच्चों पर छह दशक तक शोध किया गया। इस शोध के दौरान 2016 में कुल 2,837 प्रतिभागियों की मृत्यु हुई, जिनमें से 504 की मृत्यु हृदय रोग के कारण हुई। लेखकों ने लिखा, “1959 और 1966 के बीच पैदा हुए अमेरिकी बच्चों में सात वर्ष की आयु में उच्च रक्तचाप की समस्या थी, जिसकी वजह से समय से पहले (हृदय संबंधी रोग के कारण) मृत्यु का जोखिम पाया गया।” फ्रीडमैन ने कहा, “हमारे निष्कर्षों के हिसाब से बचपन में रक्तचाप की जांच कराते रहने और हृदय के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने का महत्व उजागर हुआ है।”
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नई दिल्ली। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को घोषणा की कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेनें जल्द ही शुरू की जाएंगी। उन्होंने बताया कि पहली ट्रेन सभी जरूरी परीक्षण और ट्रायल रन सफलतापूर्वक पास कर चुकी है और वर्तमान में दिल्ली के शकूरबस्ती कोच डिपो में खड़ी है। दूसरी ट्रेन का निर्माण तेजी से चल रहा है और उसके 15 अक्टूबर तक तैयार होने की संभावना है। रेलवे की योजना है कि दोनों ट्रेनें एक साथ शुरू की जाएं, ताकि नियमित सेवाओं की निरंतरता बनी रहे।
यह वंदे भारत स्लीपर ट्रेन बीईएमएल द्वारा इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) तकनीक से बनाई जा रही है। इसमें कुल 16 डिब्बे होंगे, जिन्हें एसी फर्स्ट क्लास, एसी 2-टियर और एसी 3-टियर में विभाजित किया जाएगा। इस ट्रेन की यात्री क्षमता 1,128 होगी और यह अधिकतम 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी, जिससे यह भारत की सबसे तेज रात्रिकालीन ट्रेनों में से एक बन जाएगी।इस ट्रेन में कई आधुनिक सुविधाएं दी जाएंगी, जिनमें यूएसबी चार्जिंग के साथ एकीकृत रीडिंग लाइट, स्वचालित घोषणा और विजुअल सूचना प्रणाली, सुरक्षा कैमरे, मॉड्यूलर पैंट्री और दिव्यांगों के अनुकूल बर्थ व शौचालय शामिल होंगे।रेल मंत्री ने पंजाब में रेलवे परियोजनाओं पर भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 18 किलोमीटर लंबी राजपुरा-मोहाली रेल लाइन जल्द शुरू होगी, जिससे यह क्षेत्र चंडीगढ़ से सीधे जुड़ जाएगा। इस नई लाइन से यात्रा की दूरी लगभग 66 किलोमीटर कम होगी और मौजूदा राजपुरा-अंबाला मार्ग पर दबाव भी घटेगा।इसके अलावा, रेल मंत्रालय ने नई दिल्ली और फिरोजपुर छावनी के बीच एक नई वंदे भारत ट्रेन का भी प्रस्ताव रखा है। यह ट्रेन फरीदकोट, भटिंडा (पश्चिम), धुरी, पटियाला, अंबाला छावनी, कुरुक्षेत्र और पानीपत स्टेशनों को जोड़ेगी। यह 486 किलोमीटर की दूरी 6 घंटे 40 मिनट में तय करेगी। वैष्णव ने कहा कि वह प्रधानमंत्री से इस रूट पर वंदे भारत ट्रेन को मंजूरी देने का अनुरोध करेंगे। -
गुवाहाटी. गायक जुबिन गर्ग का गुवाहाटी के बाहरी इलाके कमरकुची वन क्षेत्र में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। गर्ग की बहन पाल्मे बोरठाकुर और संगीतकार राहुल गौतम ने तोपों की सलामी के बीच चिता को अग्नि दी। राहुल गौतम, जुबिन के शिष्य हैं। अंतिम संस्कार की प्रक्रिया के दौरान पुजारियों के मार्गदर्शन में गर्ग की बहन और उनके शिष्य ने चिता की सात बार परिक्रमा की और इस दौरान वहां मौजूद सभी लोग खड़े हो गए और नम आंखों से उन्होंने अपने प्रिय कलाकार को अंतिम श्रद्धांजलि दी तीन दशक के अपने करियर में गर्ग ने 38,000 से अधिक गीत गाए और लोगों के दिलों में जगह बनाई।
गर्ग की पत्नी गरिमा सैकिया गर्ग अंतिम संस्कार के लिए बने चबूतरे के किनारे बैठी थीं और उनकी आखों से लगातार अश्रुधारा बह रही थी। इस दौरान केंद्रीय मंत्री पबित्रा मार्गेरिटा उन्हें सांत्वना देते नजर आईं। गर्ग के 85 वर्षीय बीमार पिता मोहिनी मोहन बोरठाकुर परिवार के सदस्यों के साथ कुछ दूरी पर बैठे थे।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा भी ज़ुबिन के प्रशंसकों में शामिल हैं और वह भी उस चबूतरे के पास खड़े देखे गए जहां पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया गया। जैसे ही आग की लपटें आसमान की ओर उठीं, ‘ज़ुबिन, ज़ुबिन' के नारे हवा में गूंजने लगे और लोग उनका गाना ‘मायाबिनी रातिर बुकु' गाते नजर आए। इस दौरान पूरा माहौल गमगीन हो गया। लोकप्रिय गायक को श्रद्धांजलि अर्पित किए जाने के बाद असम पुलिस ने उन्हें तोपों की सलामी दी और बिगुल बजाया। इससे पहले गर्ग के पार्थिव शरीर को एक चबूतरे पर ले जाया गया और वैदिक मंत्रोच्चार और शंखनाद के बीच चिता पर रखा गया। परिवार ने कुछ वैदिक अनुष्ठान किए और केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, किरेन रीजीजू और मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने चिता पर लकड़ियां रखीं। गर्ग की चिता पर चंदन के उस पेड़ की एक शाखा भी रखी गई जिसे उन्होंने 2017 में अपने जन्मदिन पर लगाया था। गायक का पार्थिव शरीर रविवार को लाया गया और प्रशंसकों के अंतिम दर्शन के लिए अर्जुन भोगेश्वर बरुआ स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में रखा गया। कमरकुची लाए जाने के बाद उनके पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए बनाए गए एक चबूतरे के पास एक बंद बॉक्स में रखा गया। असम पुलिस के जवानों की एक टीम ने ताबूत को कंधा दिया।
सोमवार रात से ही श्मशान स्थल के आसपास बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए थे और पूरा इलाका 'ज़ुबिन अमर रहे', 'जय ज़ुबिन दा' जैसे नारों से गूंज उठा। लोग उनका गाना 'मायाबिनी रातिर बुकु' गुनगुनाते सुने गए। दरअसल गर्ग ने एक बार कहा था कि वह चाहते हैं कि उनके अंतिम संस्कार में यही गाना गाया जाए। उनकी पत्नी गरिमा सहित परिवार के सदस्यों ने अंतिम संस्कार स्थल पर गायक को श्रद्धांजलि अर्पित की। सोनोवाल, रीजीजू, मार्गेरिटा, शर्मा, विधानसभा अध्यक्ष बिस्वजीत दायमरी और कई कैबिनेट मंत्रियों और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने गायक के ताबूत पर पुष्पांजलि अर्पित की। अरुणाचल प्रदेश सरकार, असम साहित्य सभा (एएसएस), विभिन्न छात्र संघों, हातिमुरा कार्बी समाज, कलाकार मंच, जुबिन गर्ग फैन क्लब आदि के प्रतिनिधियों ने भी गर्ग को श्रद्धांजलि अर्पित की। -
पुरी.ओडिशा के पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर को मंगलवार सुबह 10 बजे से श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया क्योंकि अधिकारियों ने कड़ी सुरक्षा के बीच आभूषणों एवं अन्य मूल्यवान वस्तुओं को ‘रत्न भंडार' या खजाने में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। पूर्व के निर्णय के अनुसार पूरे मंदिर परिसर को खाली करा दिया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जब अधिकारी कीमती सामान को रत्न भंडार में स्थानांतरित कर रहे हों, तो कोई भी आम नागरिक वहां मौजूद नहीं रहे। रत्न भंडार की लंबे समय बाद मरम्मत की गई है। श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक अरबिंद पाधी ने कहा कि भगवान के कीमती सामान को अस्थायी सुरक्षित कमरों में रखा गया है। एक अधिकारी ने बताया कि रत्न भंडार समिति के सदस्य, जिनकी अध्यक्षता उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति बिश्वनाथ रथ कर रहे थे, पुरी के जिलाधिकारी दिव्य ज्योति परिदा, पुलिस अधीक्षक (एसपी) प्रतीक सिंह और अन्य लोग कीमती सामान को स्थानांतरित करते समय मंदिर के अंदर मौजूद थे। श्री जगन्नाथ मंदिर पुलिस (एसजेटी) के अलावा जिला पुलिस, ओडिशा आपदा त्वरित कार्रवाई बल (ओडीआरएएफ) के कर्मी, अग्निशमन सेवा और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के कर्मी भी मंदिर परिसर में मौजूद थे। यह भव्य इमारत बहुस्तरीय सुरक्षा घेरे में है क्योंकि भगवान के कीमती वस्तुओं को रत्न भंडार में स्थानांतरित किया जा रहा है। एक अधिकारी ने बताया कि मुख्य मंदिर में श्रद्धालुओं का प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित है। पाधी ने कहा कि ‘महाप्रसाद' ग्रहण करने के इच्छुक श्रद्धालु इसे ‘आनंद बाजार' में प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘स्थानांतरण का काम पूरा होने के बाद प्रवेश प्रतिबंध हटा दिए जाएंगे।'' हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि ये प्रतिबंध कब तक लागू रहेंगे।
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नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि 2018 में आज ही के दिन शुरू की गई आयुष्मान भारत योजना सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा में क्रांतिकारी साबित हुई है और इसके लाभार्थियों के लिए वित्तीय सुरक्षा व सम्मान सुनिश्चित हुआ है। इस चिकित्सा बीमा योजना के तहत पांच लाख रुपये का वार्षिक स्वास्थ्य कवर प्रदान किया जाता है और गरीब व 70 वर्ष से अधिक आयु के सभी वरिष्ठ नागरिक इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। मोदी ने ‘एक्स' पर कहा, "आज आयुष्मान भारत के सात वर्ष पूरे हो गए हैं। यह एक ऐसी पहल थी जिसमें भविष्य की जरूरतों का अनुमान लगाकर लोगों के लिए उच्च गुणवत्ता के साथ-साथ किफायती स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। इसकी बदौलत, भारत सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा में क्रांति देख रहा है। इसने वित्तीय सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित किया है।" उन्होंने आगे कहा, "भारत ने दिखाया है कि कैसे पैमाना, करुणा और तकनीक मानव सशक्तिकरण को आगे बढ़ा सकते हैं।" मोदी ने एक आधिकारिक ‘एक्स' हैंडल को टैग किया है, जिसने एक पोस्ट में बताया है कि सरकार की इस प्रमुख कल्याणकारी पहल में 55 करोड़ से ज्यादा नागरिक शामिल हैं और यह "दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना" है। पोस्ट में कहा गया है कि अब तक 42 करोड़ से ज़्यादा आयुष्मान कार्ड जारी किए जा चुके हैं। पोस्ट में कहा गया है कि इससे सरकार का स्वास्थ्य व्यय 29 प्रतिशत से बढ़कर 48 प्रतिशत हो गया है, जबकि रोगी का खर्च 63 प्रतिशत से घटकर 39 प्रतिशत रह गया है। पोस्ट में कहा गया है, "लाखों परिवार बीमारी के दौरान आर्थिक तंगी से बाहर आ गए हैं।
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नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 25 सितंबर को ‘वर्ल्ड फूड इंडिया' के चौथे संस्करण का उद्घाटन करेंगे। इस कार्यक्रम का उद्देश्य घरेलू खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में अधिक निवेश आकर्षित करना और भारत को खाद्य क्षेत्र में नवोन्मेष के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करना है। राष्ट्रीय राजधानी के भारत मंडपम में आयोजित होने वाले इस आयोजन में रूस के उप-प्रधानमंत्री दिमित्री पत्रिशेव के साथ-साथ केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (सड़क परिवहन), चिराग पासवान (खाद्य प्रसंस्करण उद्योग) और राज्यमंत्री (खाद्य प्रसंस्करण उद्योग) रवनीत सिंह बिट्टू भी भाग लेंगे। पासवान ने इस आयोजन के बारे में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए कहा, ‘‘वर्ल्ड फूड इंडिया केवल एक व्यापार प्रदर्शनी नहीं है, बल्कि भारत को खाद्य नवोन्मेष, निवेश और पर्यावरण अनुकूल उपायों के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने का एक परिवर्तनकारी मंच है।'' उन्होंने कहा कि सरकार को पिछले संस्करणों की सफलता को देखते हुए इस वर्ष निवेश प्रतिबद्धताओं में उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद है। उल्लेखनीय है कि 2023 में हुए इस कार्यक्रम के दौरान, 33,000 करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए, जबकि 2024 में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण समझौतों पर ध्यान दिया गया था। पासवान ने भारत के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में उपलब्ध क्षमता का उल्लेख किया जिसका उपयोग नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि दुनिया के प्रमुख फसलों के शीर्ष पांच उत्पादकों में शामिल होने के बावजूद, देश का खाद्य प्रसंस्करण स्तर अभी भी निचले स्तर पर है। उन्होंने कहा, ‘‘भारी उत्पादन के बावजूद, हम उच्च प्रसंस्करण स्तर तक नहीं पहुंच पाए हैं। कटाई के बाद होने वाले नुकसान को लेकर चिंता है, जिसे प्रसंस्करण के माध्यम से दूर किया जा सकता है।'' मंत्रालय ने प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के बारे में गलत धारणाओं को दूर करने के लिए ‘‘खाद्य प्रसंस्करण की विभिन्न अवधारणाओं पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न'' शीर्षक से एक पुस्तिका जारी की। पासवान ने कहा, ‘‘ऐसी गलत धारणाएं और भ्रामक विज्ञापन और सोशल मीडिया पर चल रही खबरें हैं कि प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ वजन बढ़ाते हैं और कई बीमारियों का कारण बनते हैं। पुस्तिका में इन चिंताओं का समाधान किया गया है।'' उद्योग से जुड़े विभिन्न पक्षों के परामर्श से तैयार की गई यह पुस्तिका, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों से जुड़ी गलत धारणाओं को दूर करते हुए, उपभोक्ताओं को जानकारी के साथ विकल्प चुनने में मदद करने के लिए विज्ञान-आधारित जानकारी प्रदान करती है। ‘वर्ल्ड फूड इंडिया' 2025, एक लाख वर्ग मीटर के विशाल क्षेत्र में आयोजित होने वाला भारत के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र से जुड़े विभिन्न पक्षों का सबसे बड़ा सम्मेलन होगा। इस आयोजन में 21 से अधिक देश भाग ले रहे हैं। इनमें न्यूजीलैंड और सऊदी अरब भागीदार देश हैं जबकि जापान, रूस, संयुक्त अरब अमीरात और वियतनाम ‘फोकस' देश हैं। इस चार दिवसीय आयोजन में लगभग 21 भारतीय राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों, 10 केंद्रीय मंत्रालयों और पांच संबद्ध सरकारी संगठनों के 1,700 से अधिक प्रदर्शकों के भाग लेने की उम्मीद है। इस मौके पर खाद्य प्रसंस्करण उद्योग सचिव ए.पी. दास जोशी और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
- देवघर. झारखंड के देवघर जिले में सोमवार दोपहर छह हथियारबंद बदमाशों ने एक निजी बैंक में लूटपाट की। पुलिस ने यह जानकारी दी। बैंक अधिकारियों के बयान और सीसीटीवी कैमरे की फुटेज का हवाला देते हुए देवघर के पुलिस अधीक्षक सौरभ कुमार ने बताया कि पिस्तौल से लैस छह बदमाश दोपहर करीब 12:45 बजे शहर के बीचों-बीच राजाबाड़ी रोड स्थित एचडीएफसी बैंक में घुसे और नकदी एवं सोना लूटकर फरार हो गए। उन्होंने बताया कि बैंक अधिकारी अब भी बदमाशों द्वारा लूटी गई रकम का हिसाब लगा रहे हैं।कुमार ने कहा, ‘‘हमने अपराधियों का पता लगाने के लिए कई टीम बनाई हैं। बदमाश तीन मोटरसाइकिल पर आए थे। उनमें से एक ने हेलमेट पहना हुआ था, जबकि दूसरे ने अपने चेहरे पर कपड़ा बांधा हुआ था। बाकी चार के चेहरे दिखाई दे रहे थे।'' उन्होंने बताया कि उनमें से कम से कम तीन के पास पिस्तौल थी।पुलिस अधीक्षक ने कहा, ‘‘बदमाशों ने एक भी गोली नहीं चलाई, लेकिन उन्होंने एक बैंक कर्मचारी पर हमला किया और ग्राहकों को धमकाया। घायल बैंक कर्मचारी को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।'' मधुपुर के अनुमंडल पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) सत्येंद्र प्रसाद ने घटनास्थल का दौरा किया। उन्होंने दावा किया कि बार-बार याद दिलाने के बावजूद, बैंकों ने सशस्त्र गार्ड नहीं रखे हैं। प्रसाद ने कहा, ‘‘बैंक में कोई सशस्त्र गार्ड मौजूद नहीं था, जिससे बदमाशों को खुली छूट मिल गई। वे तीन मोटरसाइकिल पर भागे, और बाद में एक मोटरसाइकिल बैंक से लगभग पांच किलोमीटर दूर एक गांव से बरामद हुई। यह पुलिस को गुमराह करने की एक चाल हो सकती है या शायद मोटरसाइकिल का ईंधन खत्म हो गया होगा।'' प्रसाद ने कहा, ‘‘लूट की गहरी साजिश रची गई थी, क्योंकि उन्होंने अपराध करते समय अंदर से शटर गिरा दिया था और नकदी व सोना लेकर भागते समय उसे बाहर से बंद भी कर दिया था।
- जांजगीर-चांपा. जिले में जादू-टोना करने के शक में 65 वर्षीय चाचा की हत्या करने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि जिले के चांपा थाना क्षेत्र के अंतर्गत कोटा डबरी इलाके में रामप्रसाद पाल की हत्या के आरोप में अजीत पाल को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि रामप्रसाद पाल रोज की तरह रविवार की शाम हनुमान मंदिर में पूजा पाठ के लिए निकले थे, तभी उनका भतीजा आरोपी अजीत पाल वहां पहुंचा और हसिया से अपने चाचा के गले पर जोरदार वार कर दिया। अधिकारियों ने बताया कि घटना के बाद वहां मौजूद लोगों ने रामप्रसाद को अस्पताल पहुंचाया जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उन्होंने बताया कि घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और मामले की जांच शुरू की। बाद में पुलिस ने आरोपी अजीत पाल को हिरासत में ले लिया। अधिकारियों ने बताया कि पूछताछ के दौरान अजीत ने कहा कि उसे शक था कि चाचा तंत्र–मंत्र करता था जिसकी वजह से उसका ढाबा नहीं चल रहा था और ग्राहक नहीं आ रहे थे। उन्होंने बताया कि पुलिस ने आरोपी अजीत पाल को गिरफ्तार कर लिया है तथा हत्या में इस्तेमाल हसिया जब्त कर लिया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
- रांची. झारखंड के जामताड़ा जिले में आरोपी पत्नी ने विवाद के बाद अपने पति की कथित तौर पर चाकू मारकर हत्या कर दी। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि जामताड़ा के मिहिजाम पुलिस सीमा के अंतर्गत मिहिजाम पाइपलाइन क्षेत्र में रविवार रात को यह घटना हुई थी। उसने बताया कि मृतक की पहचान बिहार के मूल निवासी महावीर यादव (40) के रूप में हुई है, जो कई वर्षों से अपने परिवार के साथ मिहिजाम में रह रहा था। अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ) विकास ने कहा, ‘‘यादव की रविवार रात उसकी पत्नी आरोपी काजल देवी ने चाकू मारकर हत्या कर दी। आरोपी काजल ने जब उससे पैसे और मोबाइल फोन मांगा तो उनके बीच विवाद हो गया। इससे दोनों में झगड़ा हुआ और आरोपी ने चाकू से यादव पर वार कर दिया।'' उन्होंने बताया, ‘‘यादव के शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया गया है और उसकी आरोपी पत्नी को गिरफ्तार कर लिया गया है। हमने घटनास्थल से चाकू बरामद कर लिया है। मिहिजाम पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। हमने उस पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा (103) के तहत मामला दर्ज किया है।
- नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज मंगलवार को देवी ब्रह्मचारिणी को समर्पित शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने सभी भक्तों के साहस और संयम की प्रार्थना की। पीएम मोदी ने नवरात्रि के दूसरे दिन देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना की है। सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर एक पोस्ट में पीएम मोदी ने लिखा, “इस नवरात्रि पर, आज, मां ब्रह्मचारिणी के चरणों में कोटि-कोटि नमन! देवी अपने सभी भक्तों को साहस और संयम का आशीर्वाद दें।”आज शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन उन्होंने एक्स पर देवी को समर्पित एक भक्ति गीत (भजन) भी साझा किया। इस वीडियो में देवी के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की तस्वीरें हैं।नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का विशेष महत्व है। उनकी आराधना से जीवन में भक्ति, तप और त्याग का महत्व प्रकट होता है। उनका स्वरूप शांत और सौम्य है, जो हमें जीवन में धैर्य और समर्पण की सीख देता है। देवी ब्रह्मचारिणी स्वाधिष्ठान चक्र में विराजमान हैं। ब्रह्मचारिणी अविवाहित अवस्था का प्रतिनिधित्व करती हैं और श्वेत रंग पवित्रता का प्रतीक है। जपमाला और कमंडल धारण करने वाला उनका स्वरूप आध्यात्मिक अनुशासन का प्रतीक है।इससे पहले कल सोमवार को नवरात्रि के प्रथम दिन प्रधानमंत्री मोदी ने मां त्रिपुरा सुंदरी मंदिर में पूजा अर्चना की थी और माताबारी में ‘मां त्रिपुरा सुंदरी मंदिर कॉम्प्लेक्स’ के विकास कार्यों का उद्घाटन किया था, जो प्रसाद योजना (PRASAD) के तहत हुआ। यह मंदिर त्रिपुरा के गोमती जिले के उदयपुर में स्थित 51 प्राचीन शक्तिपीठों में से एक है।वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी सोशल मीडिया पर इस अवसर पर अपनी शुभकामनाएं दीं। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “शारदीय नवरात्रि पर मेरी प्रार्थना है कि आदिशक्ति मां भगवती का दूसरा स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी सभी भक्तों को आस्था और आत्मविश्वास प्रदान करें।”उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी एक्स पर पोस्ट किया, “शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन सभी प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। ज्ञान, तप, संयम और त्याग की अधिष्ठात्री देवी मां ब्रह्मचारिणी से आप सभी के सुखी, स्वस्थ और मंगलमय जीवन की प्रार्थना करता हूं।”शारदीय नवरात्रि सोमवार (22 सितंबर) से शुरू होकर 2 अक्टूबर तक चलेगी। प्रत्येक दिन देवी दुर्गा के विभिन्न अवतारों को समर्पित है। नौ दिनों तक चलने वाले इस उत्सव में देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। भक्त पूरे उत्सव के दौरान विशेष प्रार्थना, अनुष्ठान और व्रत रखते हैं। देश भर के मंदिरों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़ पड़े। लोग सुबह से ही मंदिरों के बाहर कतारों में खड़े होने लगे हैं। (






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