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- झाबुआ। मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में एक दर्दनाक हादसा हो गया। एक ट्राला कार पर पलट गया। हादसे में नौ लोगों की मौत हो गई और दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। यह हादसा जिले के मेघनगर में हुआ है। सूचना पर पहुंची पुलिस ने बचाव कार्य शुरू किया और घायल को अस्पताल पहुंचाया। सीएम मोहन यादव ने घटना पर दुख जताया है। इस घटना में मृतकों के निकटतम वैध वारिसों को 2-2 लाख रुपए और घायलों को 50-50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए गए हैं।जानकारी के अनुसार झाबुआ जिले के मेघनगर इलाके में देर रात भीषण हादसा हुआ। राजस्थान से आ रहा एक ट्राला ईको वैन पर पलट गया। हादसे में ईको में सवार नौ लोगों की मौत हो गई, जबकि दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। सूचना पर पहुंची पुलिस बचाव कार्य कर कार में फंसे लोगों को बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचा। जांच के बाद डॉक्टरों ने नौ लोगों को मृत घोषित कर दिया, जबकि दो लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है।बताया जा रहा है कि ईको कार में सवार सभी लोग एक शादी समारोह से वापस लौट रहे थे। इस दौरान मेघनगर इलाके में रात करीब तीन से चार के बीच में यह हादसा हो गया।इनकी हुई मौत1. मुकेश पिता गोपाल खपेड़ (40)2. सावली पति मुकेश खपेड़ (35)3. विनोद पिता मुकेश खपेड़ (16)4. पायल पिता मुकेश खपेड़ (12)5. मढ़ी पति भारू बमनिया (38)6. विजय भारू बमनिया (14)7. कांता पिता भारू बमनिया (14)8. रागिनी रामचंद्र बमनिया (9)9. अकली पति सोमला परमार (35)ये गंभीर घायल...पायल सोमला परमार (19)आशु पिता रामचंद्र बमनिया (5)सीएम ने जताया दुखसीएम मोहन यादव ने कहा कि झाबुआ जिले के सजेली रेलवे फाटक पर हुए हादसे में एक ही परिवार के 9 लोगों के काल-कवलित होने और दो लोगों के घायल होने के समाचार से हृदय अत्यंत व्यथित है। मृतकों के निकटतम वैध वारिसों को 2-2 लाख रुपए और घायलों को 50-50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए हैं।
- श्रीनगर. जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंगलवार को यहां एक बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें इस सप्ताह के अंत में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा घाटी के लिए रेलवे लिंक के प्रस्तावित उद्घाटन कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा की गई। मोदी विश्व के सबसे ऊंचे रेलवे पुल चेनाब ब्रिज का उद्घाटन करेंगे और इसके साथ ही कश्मीर को कन्याकुमारी से जोड़ने वाली वंदे भारत रेल सेवा का भी उद्घाटन करेंगे। उपराज्यपाल ने लोगों से बड़ी संख्या में उद्घाटन स्थल पर एकत्र होने और इसे यादगार बनाने की अपील की।
- देहरादून. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को कहा कि उनका सपना देहरादून में हवा में चलने वाली ‘डबल डेकर' बस शुरू करने का है, जिसमें लोग ऊपर ही ऊपर यहां से वहां सफर कर सकें। यहां एक निजी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए गडकरी ने अपने संबोधन में कहा कि देहरादून में बहुत यातायात जाम रहता है। उन्होंने कहा, ‘‘हर बार मैं हवाई जहाज से आता हूं, हेलीकॉप्टर से आता हूं। एक बार गाड़ी से भी आया हूं, यहां अंदर (यातायात जाम की) बहुत समस्या है।'' उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी इस दौरान मौजूद थे।गडकरी ने कहा, ‘‘मेरा एक सपना है कि मैं हवा में चलने वाली ‘डबल डेकर' बस देहरादून में शुरू करना चाहता हूं। जो ऊपर ही चलेगी। सवा सौ-डेढ़ सौ लोग ऊपर ही ऊपर इधर से उधर सफर करेंगे।'' उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री धामी से कहेंगे कि वह उन्हें इस संबंध में एक प्रस्ताव भेजें। गडकरी ने कहा कि सब कुछ संभव है। उन्होंने युवा छात्रों से कहा, ‘‘आपको समस्याओं को समझना पड़ेगा।'' उन्होंने कहा कि कुछ लोग ऐसे होते हैं जो समस्याओं को अवसरों में बदल देते हैं, जबकि कुछ लोग इसके उलट अवसरों को समस्याओं में बदल देते हैं।
- गोंडा (उप्र) .गोंडा जिले में दो अलग-अलग सड़क हादसों में मां-बेटे समेत पांच लोगों की मौत हो गई और एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया। पुलिस अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) मनोज कुमार रावत ने बताया कि पहली घटना मंगलवार को मोतीगंज थाना क्षेत्र के दर्जीकुआं-मनकापुर मार्ग पर हुई। उन्होंने बताया कि उत्तर पुरवा सोठिया गांव के रंजीत यादव (18) अपनी मां मीना यादव (43) और गांव की ही बिंदू देवी (35) के साथ नवाबगंज के कोल्हमपुर स्थित एक मंदिर से दर्शन कर घर लौट रहा था, तभी रास्ते में उसकी मोटरसाइकिल में सामने से आ रहे गढ़ी के सौतिहवा के मनोज वर्मा (25) की मोटरसाइकिल से जोरदार टक्कर हो गई। रावत के अनुसार इस हादसे में रंजीत यादव, मीना यादव और मनोज वर्मा की मौके पर ही मौत हो गई।एएसपी के अनुसार, हेलमेट न पहनने के कारण तीनों के सिर में गंभीर चोटें आई थीं, जिससे उनकी मौके पर ही जान चली गई। घायल बिंदू देवी को गंभीर हालत में गोंडा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। रावत के मुताबिक दूसरी दुर्घटना सोमवार देर रात कर्नलगंज कोतवाली क्षेत्र के अहिरौरा मोड़ के पास हुई।उन्होंने कहा कि पचमरी गांव के मन्नू (28) और श्रवण (25) जरवल रोड गए थे और लौटते समय किसी अज्ञात तेज रफ्तार वाहन ने उनकी मोटरसाइकिल में टक्कर मार दी। रावत ने बताया कि हादसा इतना भीषण था कि मोटरसाइकिल के परखच्चे उड़ गए और दोनों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। पुलिस ने इस संबंध में अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। एएसपी ने बताया कि शवों को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया है और दोनों ही मामलों में जांच की जा रही है ।
- नयी दिल्ली. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ओर से अन्य संस्थानों के साथ मिलकर किए गए एक संयुक्त सर्वेक्षण में खुलासा किया गया कि सात राज्यों के 19 जिलों में उप-केंद्रों से लेकर उप-जिला अस्पतालों तक ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों में मधुमेह और उच्च रक्तचाप की दवाओं की भारी कमी है। अध्ययन में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) स्तर पर विशेषज्ञों की कमी भी पाई गई है और ये निष्कर्ष 2020-21 की ग्रामीण स्वास्थ्य सांख्यिकी रिपोर्ट के समान हैं जिसमें सीएचसी-स्तर पर चिकित्सकों (82.2 प्रतिशत) और सर्जनों (83.2.9 प्रतिशत) की कमी को दिखाया गया था। ‘इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईजेएमआर)' में प्रकाशित अध्ययन के निष्कर्ष बताते हैं कि जन स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में भारत में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी), जिला अस्पतालों और सरकारी मेडिकल कॉलेज में मधुमेह और उच्च रक्तचाप के उपचार के प्रबंधन बेहतर हैं। सभी केंद्रों में उपकरणों की स्थिति तो बेहतर थी लेकिन दवाओं की उपलब्धता की स्थिति निराशाजनक पाई गई। हालांकि, तृतीयक देखभाल सुविधाओं (सरकारी और निजी) में सभी दवाओं की उपलब्धता अन्य स्तरों की स्वास्थ्य केंद्रों की तुलना में बेहतर थी। सात राज्यों के 19 जिलों में स्वास्थ्य केंद्रों का एक ‘क्रॉस-सेक्शनल' सर्वेक्षण किया गया जिसमें सार्वजनिक और निजी दोनों स्वास्थ्य केंद्रों का मूल्यांकन किया गया। ‘क्रॉस-सेक्शनल' सर्वेक्षण अवलोकन संबंधी अध्ययन हैं जो एक ही समय में आबादी से आंकड़ा का विश्लेषण करते हैं। मूल्यांकन के लिए भारतीय जन स्वास्थ्य मानकों और अन्य प्रासंगिक दिशानिर्देशों का उपयोग किया गया।अध्ययन में कहा गया, ‘‘अधिकांश सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों ने मधुमेह और उच्च रक्तचाप के उपचार के लिए जरूरी दवाओं के स्टॉक में नहीं होने की सूचना दी। मूल्यांकन किए गए स्वास्थ्य केंद्रों में से लगभग एक-तिहाई यानी 35.2 प्रतिशत ने टैबलेट मेटफॉर्मिन के न होने की सूचना दी और लगभग आधे से थोड़े कम यानी 44.8 प्रतिशत ने टैबलेट एम्लोडिपिन न होने की सूचना दी।'' ये दवाएं एक से सात महीने से उपलब्ध नहीं थी।
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पुणे. केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को प्रति हेक्टेयर कृषि आय बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि केंद्र अपने 'स्वच्छ पौधा कार्यक्रम' के जरिये बागवानी क्षेत्र को बढ़ावा दे रहा है। महाराष्ट्र को भी इसके दायरे में लाया जाएगा। चौहान ने जोर देकर कहा कि कृषि मंत्री का काम तब तक पूरा नहीं माना जाता, जब तक वह किसानों के खेतों का दौरा नहीं करता। कृषि और किसान कल्याण मंत्री ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के साथ पुणे में राज्य सरकार द्वारा आयोजित भारत के पहले अंतरराष्ट्रीय कृषि हैकाथॉन में भाग लिया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए चौहान ने कहा, ‘‘केंद्र सरकार स्वच्छ पौधा कार्यक्रम (सीपीपी) शुरू कर रही है। इस योजना के तहत हम देश भर में नौ संयंत्र स्थापित करेंगे। इनमें से तीन संयंत्र महाराष्ट्र में लगेंगे, जिसके लिए केंद्र 300 करोड़ रुपये खर्च करेगा। महाराष्ट्र में ये संयंत्र पुणे, नागपुर और सोलापुर जिलों में लगेंगे।'' सीपीपी का उद्देश्य पूरे देश में फलों की फसलों की गुणवत्ता और उत्पादकता को बढ़ाना है। यह कार्यक्रम किसानों को उनकी भूमि के आकार की परवाह किए बिना उच्च गुणवत्ता वाली, वायरस मुक्त रोपण सामग्री तक पहुंच प्रदान करके बागवानी में महत्वपूर्ण मसलों को हल करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। चौहान ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक विकसित भारत (वर्ष 2047 तक) की कल्पना की है। प्रति हेक्टेयर कृषि आय बढ़ाने की आवश्यकता है। एक कृषि मंत्री का काम तब तक पूरा नहीं माना जा सकता जब तक वह किसानों के खेतों का दौरा नहीं करता। आइए हम 'विकसित कृषि संकल्प अभियान' को सफल बनाएं। केंद्र द्वारा 29 मई को शुरू किए गए पखवाड़े भर के अभियान का उद्देश्य वैज्ञानिक हस्तक्षेप के माध्यम से भारतीय कृषि को बदलना है। इसका उद्देश्य भारत को ‘दुनिया की खाद्य टोकरी' बनने में मदद करना है।
- नयी दिल्ली. भारत के दुनिया की चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने को लेकर छिड़ी बहस के बीच प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) की सदस्य शमिका रवि ने सोमवार को कहा कि जीडीपी के एक बड़े असंगठित क्षेत्र को न मापे जाने के बावजूद भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। नीति आयोग के सदस्य अरविंद विरमानी ने 26 मई को कहा था कि भारत 2025 के अंत तक दुनिया की चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए तैयार है। उसके पहले नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) बीवीआर सुब्रमण्यम ने कहा था कि भारत, जापान को पीछे छोड़कर चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। रवि ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। ऐसा बहुत ही महत्वपूर्ण असंगठित घटक के बावजूद है जिसे जीडीपी में मापा नहीं जाता है।'' इसके पहले 30 मई को मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने कहा था, ‘‘नीति आयोग के सीईओ ने जो कहा, उसे नीति आयोग के पूर्णकालिक सदस्य और पूर्व सीईए अरविंद विरमानी ने स्पष्ट किया है कि यह वित्त वर्ष 2025-26 की कहानी है।'' विरमानी ने कहा था कि भारत चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की प्रक्रिया में है और यह 2025 के अंत तक हो जाएगा।
- नयी दिल्ली. ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में अध्ययन के लिए प्रतिष्ठित रोड्स छात्रवृत्ति के लिए आवेदन मंगलवार को शुरू हो गए।अधिकारियों ने यह जानकारी दी। रोड्स स्कॉलरशिप पूर्णरूप से वित्तपोषित है जो उत्कृष्ट छात्रों को ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय में दो से तीन साल का अध्ययन करने में सहायता करती है। इसमें आवेदन के लिए 18 से 23 वर्ष की आयु के छात्र (विशेष परिस्थितियों में 27 तक) पात्र हैं। इसमें कुल छह छात्रों को चुना जाएगा और उन्हें छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। आवेदन 23 जुलाई 2025 तक किए जा सकते हैं। रोड्स हाउस के अंतरिम वार्डन और रोड्स ट्रस्ट के सीईओ सर रिचर्ड ट्रेनर ने कहा, ‘‘रोड्स स्कॉलरशिप भारत से ऐसे असाधारण युवा प्रतिभाओं की खोज जारी रखेगी जो अकादमिक उत्कृष्टता, सेवा के प्रति प्रतिबद्धता और दुनिया में सकारात्मक बदलाव लाने की क्षमता प्रदर्शित करते हों।'' उन्होंने कहा, ‘‘हम 2026 के लिए आवेदन प्रांरभ करने को लेकर उत्साहित हैं और ऑक्सफोर्ड में रोड्स स्कॉलर्स की अगली पीढ़ी का स्वागत करने के लिए तत्पर हैं।'' रोड्स छात्रवृत्ति विश्व की सबसे प्रतिष्ठित और सबसे पुरानी स्नातक फेलोशिप में से एक है, जो 1903 में शुरू की गई।
- नयी दिल्ली. प्रसिद्ध नाटककार गिरीश कर्नाड के दो लोकप्रिय नाटकों 'तुगलक' तथा 'अग्नि और बरखा' का मंचन राष्ट्रीय राजधानी स्थित श्री राम सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स (एसआरसीपीए) के ग्रीष्मकालीन रंगमंच महोत्सव के दौरान किया जाएगा। यह महोत्सव पांच जून से शुरू हो रहा है।समकालीन और पारंपरिक शैलियों का मिश्रण प्रस्तुत करने वाले इस महोत्सव में पद्मश्री पुरस्कार विजेता राम दयाल शर्मा की 'डाकू सुल्ताना' और मनीष वर्मा की 'स्टक' सहित चार प्रस्तुतियां दी जाएंगी। एसआरसीपीए के कार्यकारी उपाध्यक्ष हेमंत भरत राम ने एक बयान में कहा, "हर नाटक को पूरी ईमानदारी और समर्पण के साथ तैयार किया गया है ताकि मंच पर उसका जादू फिर से जीवंत हो सके। कलाकारों ने अपने किरदार को आत्मसात करने के लिए नियमित शारीरिक प्रशिक्षण और साहित्यिक सत्रों में भाग लिया है। दिल्ली की सांस्कृतिक दुनिया में रंगमंच को समृद्ध करते हुए, एसआरसीपीए हास्य, प्रेम और समकालीन मुद्दों से जुड़े विविध रंगों वाले चुने हुए नाटकों को प्रस्तुत कर रहा है।" गिरीश कर्नाड का नाटक 'तुगलक', जिसे के. माधवन ने निर्देशित किया है, एक ऐसा नाटक है जो इतिहास और राजनीति की कहानी को जोड़ता है। यह एक ऐसे सुल्तान मुहम्मद बिन तुगलक की कहानी है, जो बहुत आदर्शवादी था, लेकिन उसकी सोच और सपने पूरे नहीं हो सके। वह एक आदर्श राज्य बनाना चाहता था, लेकिन उसकी कोशिशें नाकाम रहीं। वहीं 'अग्नि और बरखा', गिरीश कर्नाड के कन्नड़ नाटक 'अग्नि मत्तु माले' का हिंदी रूपांतरण है, जिसे के. एस. राजेन्द्रन ने निर्देशित किया है। यह एक पौराणिक कहानी है जिसमें सत्ता, प्रेम और आध्यात्मिक बलिदान के भाव दिखाए गए हैं। एक अलग अंदाज में, नाटक "स्टक" एक मनोवैज्ञानिक कॉमेडी-ड्रामा है जो समकालीन रिश्तों की नाजुक प्रकृति पर प्रकाश डालता है।
- आगरा . जिले के सिकंदरा थाना क्षेत्र के नगला नाथू गांव के पास मंगलवार को यमुना नदी में नहाते समय चार किशोरियां डूब गईं। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार को छह लड़कियां सुबह करीब 10 बजे नहाने के लिए नदी में उतरी थीं, लेकिन वे सभी डूबने लगीं। उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगों ने उनमें से दो को बचा लिया, जबकि चार डूब गईं। बाद में स्थानीय लोगों ने उनके शवों को बाहर निकाला। मृतकों की पहचान दिव्या (14), संध्या (12), शिवानी (17) और नैना (14) के रूप में हुई है।बचाई गई दो लड़कियों, सोनम और मुस्कान को पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उनका इलाज चल रहा है। नगला नाथू के स्थानीय निवासी दीपेश ने कहा कि वह दोस्तों के साथ नदी पर गया था, जब उसने लड़कियों को डूबते हुए देखा। उन्होंने कहा, "वे हमसे थोड़ा आगे नहा रही थीं। अचानक, वे सभी डूबने लगीं। मैं उन्हें बचाने के लिए नदी में कूद गया लेकिन पानी बहुत गहरा था।" उसने शोर मचाया और गांव वालों को सूचित किया, जो मौके पर पहुंचे।उसने कहा, "किसी तरह हम दो लड़कियों को बचाने में कामयाब रहे लेकिन बाकी को नहीं बचाया जा सका।"आगरा के जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने घटना की पुष्टि की।उन्होंने कहा, "यह एक बहुत दुखद घटना है। चार लड़कियों की मौत हो गई है। बाकी दो का अस्पताल में इलाज चल रहा है। प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी अस्पताल में मौजूद हैं और स्थिति पर नज़र रख रहे हैं।"
- ईटानगर. अरुणाचल प्रदेश सरकार ने समूचे राज्य में 386 ऐसे सरकारी स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया है जिनमें चालू शैक्षणिक वर्ष में एक भी छात्र का दाखिला नहीं हुआ। एकीकृत जिला सूचना प्रणाली (यूडीआईएसई) के आंकड़ों के विस्तृत विश्लेषण के बाद राज्य शिक्षा विभाग ने सोमवार को आदेश जारी किया, जिसमें बड़ी संख्या में ऐसे स्कूलों की पहचान की गई है जो कई वर्षों से बंद पड़े हैं। इस निर्णय का उद्देश्य शैक्षिक बुनियादी ढांचे को युक्तिसंगत बनाना और शिक्षण कर्मचारियों और सुविधाओं का बेहतर उपयोग करना है। इसके कारण लगभग हर जिले के स्कूल प्रभावित हुए हैं, जिनमें कुरुंग कुमे, तवांग, अंजॉ, चांगलांग और ऊपरी सुबानसिरी जैसे दूरदराज और सीमावर्ती क्षेत्र शामिल हैं। इस सूची में प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, मध्य और माध्यमिक सरकारी स्कूल शामिल हैं, जिनमें इस साल और कुछ मामलों में कई शैक्षणिक सत्रों से एक भी छात्र का नामांकन नहीं हुआ है। आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार, पश्चिम कामेंग जिले में सबसे अधिक 73 स्कूल बंद हुए हैं। अन्य जिलों में पापुमपारे में 50 स्कूल, पश्चिम सियांग में 31 स्कूल, ऊपरी सुबानसिरी और सियांग में 28-28 स्कूल तथा पूर्वी कामेंग में 23 स्कूल बंद हुए हैं। कई अन्य जिलों में भी एक से लेकर 22 स्कूल बंद हुए हैं। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि स्कूलों को बंद करना एक बड़ी युक्तिसंगत पहल का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य शैक्षिक संसाधनों को समेकित करना और सीखने के परिणामों में सुधार करना है। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य बिना छात्रों वाले स्कूलों को बंद करके उन संस्थानों में कर्मचारियों को पुनः नियुक्त करना है जो सक्रिय रूप से बच्चों की सेवा कर रहे हैं और जिन्हें सहायता की आवश्यकता है। राज्य में दूसरी बार है जब इतनी बड़ी संख्या में स्कूलों को बंद किया गया है। पिछले साल भी राज्य सरकार ने 600 स्कूलों को बंद किया था, जो या तो बंद थे या जिनमें कोई दाखिला नहीं हुआ था।
- नयी दिल्ली. सरकार ने मंगलवार को केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लिए नए आरक्षण और अधिवास नियम पेश किए, जिसमें स्थानीय लोगों के लिए 85 प्रतिशत नौकरियां और लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषदों में कुल सीट की एक तिहाई सीट महिलाओं के लिए आरक्षित करने का प्रावधान है। इस कदम का उद्देश्य स्थानीय हितों की रक्षा करना है, जहां पूर्ववर्ती राज्य जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 को 2019 में हटाए जाने के बाद लद्दाख के लोग अपनी भाषा, संस्कृति और भूमि की रक्षा के लिए संवैधानिक सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। सरकार द्वारा जारी कई अधिसूचनाओं के अनुसार, नौकरियों, स्वायत्त परिषदों और अधिवास में आरक्षण की नीतियों में बदलाव तुरंत प्रभाव से लागू होंगे। नए नियमों के तहत, जो लोग केंद्र शासित प्रदेश में 15 साल की अवधि तक निवास कर चुके हैं या सात साल की अवधि तक अध्ययन कर चुके हैं और केंद्र शासित प्रदेश में स्थित किसी शैक्षणिक संस्थान में कक्षा 10वीं या 12वीं की परीक्षा में शामिल हुए हैं, वे केंद्र शासित प्रदेश के तहत किसी भी पद पर या ‘कैंटोनमेंट बोर्ड' के अलावा किसी स्थानीय या अन्य प्राधिकरण के तहत नियुक्ति के प्रयोजनों के लिए लद्दाख के मूल निवासी होंगे। केंद्र सरकार के अधिकारियों, अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों, केंद्र सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम और स्वायत्त निकाय के अधिकारियों, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, वैधानिक निकायों के अधिकारियों, केंद्रीय विश्वविद्यालयों और केंद्र सरकार से मान्यता प्राप्त शोध संस्थानों के अधिकारियों जिन्होंने 10 वर्षों की अवधि तक केंद्र शासित प्रदेश में सेवा की है, उनके बच्चे भी अधिवास के लिए पात्र हैं। आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण 10 प्रतिशत बना हुआ है।एक अन्य अधिसूचना में सरकार ने कहा कि लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद अधिनियम, 1997 के तहत परिषद की कुल सीट में से कम से कम एक तिहाई सीट महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी और ऐसी सीट अलग-अलग क्षेत्रीय निर्वाचन क्षेत्रों को बारी-बारी से आवंटित की जा सकती हैं। लद्दाख के लोगों की चिंताओं को दूर करने के लिए पहली बार जनवरी 2023 में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया था। इसने लद्दाख के प्रतिनिधियों के साथ उनकी मांगों का सौहार्दपूर्ण समाधान खोजने के लिए कई बैठकें कीं। अक्टूबर 2024 में जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक अपनी मांगों को लेकर दिल्ली में अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे थे। उसके बाद तीन दिसंबर 2024 को और फिर इस साल 15 जनवरी और 27 मई को लद्दाख के नागरिक संगठनों के नेताओं के साथ बातचीत की गई।
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नई दिल्ली। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार (एनसीपी-एसपी) सांसद सुप्रिया सुले के नेतृत्व में सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने मिस्र के विदेश मंत्री अब्देलती से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने मिस्र की ओर से आतंकवाद की कड़े शब्दों में निंदा किए जाने का स्वागत किया और भारत के आतंकवाद से लड़ने के दृढ़ संकल्प को दोहराया। यह जानकारी मिस्र में भारतीय दूतावास ने एक प्रेस बयान में दी।
मिस्र द्वारा आतंकवाद की कड़ी निंदा का भारतीय दूतावास ने किया स्वागतदो दिवसीय मिस्र दौरे पर गए इस प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को मिस्र के नेताओं, बुद्धिजीवियों और प्रभावशाली लोगों के साथ बातचीत की, जिसकी अध्यक्षता मिस्र के पूर्व विदेश मंत्री नबील फहमी ने की। मिस्र में भारतीय दूतावास ने मंगलवार शाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर प्रेस बयान में कहा कि उन्होंने आतंकवाद से निपटने के लिए भारत के दृढ़ संकल्प को भी स्पष्ट रूप से व्यक्त किया और मिस्र द्वारा आतंकवाद की कड़ी निंदा का स्वागत किया।प्रतिनिधिमंडल में विभिन्न दलों के सदस्य शामिल हैंप्रतिनिधिमंडल ने कतर, इथियोपिया और दक्षिण अफ्रीका के सफल दौरे के बाद सोमवार को मिस्र की राजधानी काहिरा पहुंचा। इसमें भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी, ‘आप’ सांसद विक्रमजीत सिंह साहनी, कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी, भाजपा सांसद अनुराग सिंह ठाकुर, तेलुगु देशम पार्टी के लवू श्री कृष्ण देवरायलु, कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा, पूर्व केंद्रीय मंत्री वी. मुरलीधरन और पूर्व राजदूत सैयद अकबरुद्दीन शामिल थे।दोनों देशों ने भारत-मिस्र रणनीतिक साझेदारी की बढ़ती गति को स्वीकार किया और आतंकवाद के खिलाफ एकजुट रुख की पुष्टि कीये सभी सोमवार को मिस्र की राजधानी काहिरा पहुंचे। मंगलवार को, प्रतिनिधिमंडल ने मिस्र के शीर्ष राजनीतिक नेतृत्व, अरब लीग, मीडिया और बुद्धिजीवियों के साथ बातचीत जारी रखी। दोनों देशों ने भारत-मिस्र रणनीतिक साझेदारी की बढ़ती गति को स्वीकार किया और आतंकवाद के खिलाफ एकजुट रुख की पुष्टि की।मिस्र के विदेश मंत्री अब्देलती ने भारत के साथ पूर्ण एकजुटता जताई और आतंकवाद विरोधी सहयोग को और गहरा करने का स्वागत कियाबयान में कहा गया कि मिस्र ने पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा की और भारतीय प्रतिनिधिमंडल इस बात की सराहना करता है। मिस्र के विदेश मंत्री अब्देलती ने भारत के साथ पूर्ण एकजुटता जताई और आतंकवाद विरोधी सहयोग को और गहरा करने का स्वागत किया। प्रतिनिधिमंडल ने अरब लीग के महासचिव अहमद अबुल घीत से भी मुलाकात की और भारत के अरब दुनिया के साथ राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक साझेदारी पर चर्चा की। दोनों पक्षों ने आतंकवाद का मुकाबला करने और इसके लिए बहुपक्षीय सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया।भारतीय दूतावास ने अपने बयान में कहा कि यह आयोजन भारत और मिस्र के बीच ऐतिहासिक संबंधों और साझा बलिदानों को दर्शाता हैइससे पहले, मंगलवार सुबह काहिरा के हेलियोपोलिस युद्ध स्मारक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध में अपने प्राणों की आहुति देने वाले भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। भारतीय दूतावास ने अपने बयान में कहा कि यह भारत और मिस्र के बीच ऐतिहासिक संबंधों और साझा बलिदानों को दर्शाता है। नबील फहमी की अध्यक्षता में एक उच्च-स्तरीय बैठक में प्रतिनिधिमंडल ने मिस्र के प्रमुख बुद्धिजीवियों, मीडिया नेताओं और प्रभावशाली लोगों के साथ चर्चा की।प्रतिनिधिमंडल ने आतंकवाद से लड़ने के लिए भारत की सैद्धांतिक स्थिति और सामूहिक संकल्प को दोहराया और मिस्र के लगातार समर्थन का स्वागत कियाप्रतिनिधिमंडल ने आतंकवाद से लड़ने के लिए भारत की सैद्धांतिक स्थिति और सामूहिक संकल्प को दोहराया और मिस्र के लगातार समर्थन का स्वागत किया। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों का साक्षात्कार प्रमुख मिस्र मीडिया आउटलेट्स ने लिया, जिसमें उन्होंने आतंकवाद विरोधी, क्षेत्रीय सहयोग और जन-केंद्रित कूटनीति पर भारत के दृष्टिकोण को व्यक्त किया। इन बैठकों ने भारत और मिस्र की रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने और आतंकवाद के खतरे से निपटने की साझा प्रतिबद्धता को फिर से दोहराया। -
नई दिल्ली। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने जानकारी दी है कि अगले दो दिनों तक देश के पूर्वोत्तर राज्यों में भारी से बहुत भारी वर्षा जारी रहने की संभावना है। अगले 7 दिनों के दौरान उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में अधिकांश कई स्थानों पर हल्की/मध्यम वर्षा जारी रहने की संभावना है, 3 और 4 जून को कुछ स्थानों पर भारी वर्षा हो सकती है।
आईएमडी ने कहा कि 3 से 7 जून के दौरान मध्य प्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ़ में कुछ स्थानों पर हल्की/मध्यम वर्षा, गरज के साथ तूफान, बिजली गिरने और 40-50 किमी प्रति घंटे की गति से तेज हवाएं चलने की संभावना है। 3 और 4 जून को बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड में भी कुछ स्थानों पर हल्की एवं मध्यम वर्षा होने की संभावना है।इसके अलावा 3 और 4 जून को केरल और माहे, तटीय कर्नाटक में कई स्थानों पर हल्की और मध्यम वर्षा, 3 और 4 जून को केरल और 3 जून को तटीय कर्नाटक में कुछ स्थानों पर भारी वर्षा हो सकती है।मौसम विभाग के अनुसार 3 से 5 जून के दौरान तटीय आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और आंतरिक कर्नाटक में कुछ स्थानों पर हल्की/मध्यम वर्षा, गरज के साथ तूफान, बिजली गिरने और 30-40 किमी प्रति घंटे की गति से तेज हवाएं चलने की संभावना है। वहीं, 4 से 5 जून के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत में आंधी और तेज/तूफ़ानी हवाओं के साथ वर्षा जारी रहने की संभावना है।आपको बता दें, पिछले 24 घंटे के दौरान अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय, त्रिपुरा, गुजरात क्षेत्र, पूर्वी राजस्थान में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा दर्ज की गई। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में अलग-अलग स्थानों पर ओलावृष्टि देखी गई।मणिपुर में इंफाल पूर्वी जिले के वांगखेई, पोरोमपाट में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। कई इलाके जलमग्न हैं, बचाव कार्य जारी हैं। असम में भारी बारिश के कारण कई इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है।आईएमडी ने 3 और 4 जून को जम्मू-कश्मीर-लद्दाख-गिलगित-बाल्टिस्तान-मुजफ्फराबाद, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा चंडीगढ़ और दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में कुछ स्थानों पर हल्की/मध्यम वर्षा के साथ गरज, बिजली और 40-50 किमी प्रति घंटे की गति तक पहुंचने वाली तेज हवाएं चलने की संभावना जताई है। 3 और 4 जून को बिहार, पश्चिमी मध्य प्रदेश और 4 जून को उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में 50-60 किमी प्रति घंटे की गति से 70 किमी प्रति घंटे तक की गति से तूफानी हवा चलने की संभावना है।आईएमडी ने कहा कि अगले दो दिनों के दौरान हिमाचल प्रदेश में 50-60 किमी प्रति घंटे की गति से 70 किमी प्रति घंटे तक की गति से तूफानी हवा चलने की संभावना है। वहीं, 3 जून को पंजाब, हरियाणा चंडीगढ़ और दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में भी तूफानी हवा चल सकती है।इसके अलावा आज मंगलवार को उत्तराखंड, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान में भी भारी बारिश की संभावना है। हिमाचल प्रदेश में कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि की संभावना है। वहीं, पश्चिमी राजस्थान में कुछ स्थानों पर धूल भरी आंधी चलने की भी संभावना है। - बिलासपुर/राष्ट्रीय महिला आयोग, नई दिल्ली की अध्यक्ष श्रीमती विजया राहटकर 4 जून को बिलासपुर प्रवास पर पहुंच रही हैं। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार श्रीमती राहटकर नई दिल्ली से विमान से रवाना होकर 10.05 बजे बिलासपुर पहुचेंगी। सवेरे 10.30 बजे रेलवे ऑडिटोरियम में मानव तस्करी विरोधी विषय पर आयोजित वर्कशॉप में शामिल होंगी। आरपीएफ पर्सनल के लिए इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है। दोपहर 12.30 बजे गुरू घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय में पॉश एवं सायबर सेक्यूरिटी जागरूकता कार्यक्रम में शामिल होंगी। अपरान्ह 3 बजे बिलासपुर संभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक लेंगी। शाम 5 बजे सर्किट हाउस में निर्वाचित जनप्रतिनिधियों एवं गणमान्य नागरिकों से मुलाकात करेंगी। इसके बाद शाम 7 बजे राजधानी रायपुर के लिए सड़क मार्ग से होकर रवाना हो जायेंगी।
- खेती - किसानी के उन्नत तकनीक से अवगत हुए किसानबिलासपुर/तखतपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत भरनी में भारत सरकार के कृषि मंत्रालय एवं छत्तीसगढ़ शासन के समन्वय से विकसित कृषि संकल्प अभियान 2025 के अंतर्गत एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह अभियान किसानों को नवीन वैज्ञानिक खोजों, आधुनिक कृषि तकनीकों एवं कृषि विभाग तथा संबद्ध क्षेत्रों की योजनाओं से अवगत कराने हेतु प्रारंभ किया गया है।कार्यक्रम में जनपद अध्यक्षा डॉ. माधवी वस्त्रकार जी ने विशेष रूप से सहभागिता की। उन्होंने उपस्थित किसान भाइयों को फसल चक्र अपनाने, ग्रीष्मकालीन धान की फसल न लगाने तथा वर्षा ऋतु में वृक्षारोपण करने की अपील की। कृषि विज्ञान केंद्र के पादप रोग विशेषज्ञ डॉ. जयंत साहू ने किसानों को बीज उपचार, रोग प्रबंधन, एवं आगामी फसलों से संबंधित नवीन वैज्ञानिक जानकारियाँ प्रदान कीं। वहीं, जिला नोडल अधिकारी एवं सहायक मृदा परीक्षण अधिकारी मांझी मैडम ने मृदा परीक्षण व मृदा स्वास्थ्य के महत्व पर किसानों को जागरूक किया। कार्यक्रम में मत्स्य पालन, उद्यानिकी, पशुपालन तथा फसल बीमा से संबंधित विभागों के अधिकारीगण भी उपस्थित रहे एवं अपनी-अपनी योजनाओं की जानकारी किसानों को दी।इस अवसर पर वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी श्री अश्विन सतपाल, क्षेत्रीय कृषि विस्तार अधिकारी श्री ओ.पी. डहरिया तथा श्रीमती अंशु वासनिक की गरिमामयी उपस्थिति रही।कार्यक्रम का सफल संचालन श्री अशोक प्रसाद द्वारा किया गया।
- नयी दिल्ली. रेल मंत्रालय चाहता है कि लाल सिग्नल पार करने के मामलों को रोकने के लिए ट्रेन चालक दल को पर्याप्त आराम देने और ‘रनिंग रूम' में अनावश्यक बहस से बचने के संबंध में परामर्श दिया जाए। सभी जोन के महाप्रबंधकों को संबोधित एक पत्र में 30 मई को मंत्रालय ने लाल सिग्नल पार करने के मामलों पर गंभीर चिंता व्यक्त की और संबंधित विभाग प्रमुखों से सुरक्षा और विभिन्न मुद्दों पर उन्हें परामर्श जारी करने का आग्रह किया। मंत्रालय के अनुसार ट्रेन चालक दल को परामर्श दिया जाए, जैसे "मुख्यालय और रनिंग रूम में पर्याप्त आराम करें; रनिंग रूम में अनावश्यक बहस से बचें। मार्ग निर्देशों का पालन करेंगे, ट्रेन संचालन के दौरान मोबाइल फोन को बैग में बंद रखें।” पत्र में मंत्रालय ने कहा है कि पिछले वर्ष (2024-25) के दौरान, सुरक्षा सूचना प्रबंधन प्रणाली (एसआईएमएस) पर 33 एसपीएडी (सिग्नल पासिंग एट डेंजर या रेड सिग्नल पार करना) घटनाएं दर्ज की गईं। पत्र में कहा गया है, "पहले से जारी एहतियाती उपायों के बावजूद, इस वर्ष एसपीएडी के छह मामले सामने आए हैं, जिससे चालक दल के सदस्यों की कठोर काउंसलिंग तथा अधिकारियों और पर्यवेक्षकों द्वारा आवश्यक निगरानी और सुधारात्मक कार्रवाई की आवश्यकता सामने आई है।
- नयी दिल्ली. रत्नाकर पटनायक और दिनेश पंत ने सोमवार को भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के प्रबंध निदेशक का कार्यभार संभाल लिया। देश की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी एलआईसी में चार प्रबंध निदेशक होते हैं।एलआईसी ने दो अलग-अलग बयानों में कहा कि पटनायक और पंत दोनों को 14 मई, 2025 की भारत सरकार की अधिसूचना के तहत प्रबंध निदेशक पद पर नियुक्त किया गया है। बयान के मुताबिक, एलआईसी के प्रबंध निदेशक के रूप में कार्यभार संभालने से पहले पटनायक निगम के कार्यकारी निदेशक (निवेश-फ्रंट ऑफिस) और मुख्य निवेश अधिकारी थे। एक अन्य बयान में कहा गया है कि प्रबंध निदेशक की भूमिका संभालने से पहले पंत एलआईसी के नियुक्त ‘एक्चुअरी' और कार्यकारी निदेशक (एक्चुरियल) रह चुके हैं।
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नई दिल्ली। केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में सोमवार को नई दिल्ली स्थित सहकारिता मंत्रालय में सहकारिता क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। केंद्रीय सहकारिता मंत्री ने अन्न भंडारण योजना में पीएसीएस की व्यापक भागीदारी पर बल देते हुए कहा कि यह जरूरी है कि पीएसीएस को इस योजना का अभिन्न हिस्सा बनाया जाए ताकि उनकी वित्तीय व्यवहार्यता और सामाजिक प्रभावशीलता सुनिश्चित हो सके। उन्होंने एफसीआई, एनसीसीएफ, नेफेड और राज्य वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशनों को पीएसीएस को अधिक से अधिक गोदामों से जोड़ने के लिए ठोस दिशा-निर्देश दिए।
अमित शाह ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सहकार से समृद्धि’ के विजन को साकार करने की दिशा में विश्व की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना एक बड़ा कदम है।उन्होंने कहा कि देश में आर्थिक प्रगति को मापने के दो प्रमुख मापदंड हैं, सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) और रोजगार सृजन। अन्न भंडारण योजना इन दोनों पहलुओं को सशक्त बनाने का माध्यम है, जिसका उद्देश्य प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पीएसीएस) की आमदनी बढ़ाने के साथ-साथ ग्रामीण रोजगार के अवसरों को सृजित करना है। शाह ने कृषि अवसंरचना निधि (एआईएफ) के अंतर्गत ऋण अवधि के विस्तार से पीएसीएस की वित्तीय स्थिति में सुधार हेतु त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता पर बल दिया।बैठक में सहकारिता राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर और मुरलीधर मोहोल के अलावा सहकारिता, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय, उपभोक्ता मंत्रालय, भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई), नाबार्ड, राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) सहित अन्य संगठनों के अधिकारी उपस्थित थे।बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि राज्यों को अपने स्तर पर अधिक से अधिक पीएसीएस को इस योजना में शामिल करना चाहिए और राज्य स्तरीय मार्केटिंग फेडरेशनों को भी इससे जोड़ा जाना चाहिए, ताकि एक संपूर्ण सहकारी आपूर्ति श्रृंखला विकसित की जा सके। अमित शाह ने सभी उपस्थित संगठनों से समन्वय के साथ योजना को समयबद्ध और प्रभावशाली तरीके से लागू करने का आह्वान किया ताकि यह योजना ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘सहकार से समृद्धि’ के लक्ष्य की पूर्ति में मील का पत्थर सिद्ध हो। -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया की अग्रणी विमानन कंपनियों को भारत में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया है। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा घरेलू विमानन बाजार बन गया है। नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय वायु परिवहन संघ की वार्षिक आम बैठक को संबोधित करते हुए, पीएम मोदी ने कहा कि भारत दुनिया की अग्रणी विमानन कंपनियों के लिए निवेश का एक बेहतरीन अवसर प्रस्तुत करता है। उन्होंने विश्व स्तरीय हवाई अड्डे के बुनियादी ढांचे में भारत के निवेश को रेखांकित किया और कहा कि 2014 में देश में 74 परिचालन हवाई अड्डे थे, जिनकी संख्या अब बढ़कर 162 हो गई है।
इस क्षेत्र में तेजी से विकास का संकेतपीएम मोदी ने आगे कहा कि भारतीय वाहकों ने 2,000 से अधिक नए विमानों के लिए ऑर्डर दिए हैं, जो इस क्षेत्र में तेजी से विकास का संकेत है। उड़ान योजना की सफलता पर जोर देते हुए और इसे भारतीय नागरिक विमानन इतिहास का एक स्वर्णिम अध्याय बताते हुए, पीएम मोदी ने कहा कि इस पहल के तहत, 15 मिलियन से अधिक यात्रियों को किफायती हवाई यात्रा का लाभ मिला है।विमानन क्षेत्र में वृद्धि से नई उड़ानें, नौकरियां और संभावनाएं पैदा होती हैंप्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि विमानन क्षेत्र में वृद्धि से नई उड़ानें, नौकरियां और संभावनाएं पैदा होती हैं। पीएम मोदी ने रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल (एमआरओ) के उदय को एक उभरते क्षेत्र के रूप में वर्णित किया। उन्होंने कहा कि भारत विमान रखरखाव के लिए एक वैश्विक केंद्र बनने के प्रयासों में तेजी ला रहा है। उन्होंने कहा कि 2014 में भारत में 96 एमआरओ सुविधाएं थीं, जो अब बढ़कर 154 हो गई हैं। - मेरठ/लखनऊ. केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को कहा कि विकसित कृषि के बिना विकसित भारत की कल्पना नहीं की जा सकती। चौहान ने विकसित कृषि संकल्प अभियान 2025 के अंतर्गत रविवार को मेरठ जिले के दबथुआ विकासखण्ड सुरूरपुर में कृषक वैज्ञानिक संवाद में हिस्सा लिया। चौहान ने अभियान के चौथे दिन उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा किया और दबथुवा और जंगेठी गांवों में चारपाई पर बैठकर किसानों की समस्याएं सुनीं और उनके समाधान के उपाय सुझाए। चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देकर देश के हर किसान को सम्मानित किया है। उन्होंने कहा कि खेती के क्षेत्र में सिंह से बड़ी प्रेरणा कोई नहीं हो सकती। चौहान ने यह भी बताया कि 29 मई को जब यह अभियान शुरू हुआ, तब सिंह की पुण्यतिथि भी थी। केंद्रीय कृषि मंत्री ने किसानों से संवाद करते हुए कहा कि बिना विकसित कृषि के विकसित भारत की कल्पना नहीं की जा सकती। उन्होंने संदेश दिया कि यदि मंत्री, सांसद, वैज्ञानिक, कृषि विभाग पूरे देश में एक टीम के साथ काम करें तो देश का उत्पादन भी बढेगा और किसानों की आय भी बढेगी, साथ ही हम विश्व को खाद्य सामग्री देने में सक्षम भी हो सकेंगे। लखनऊ में जारी एक आधिकारिक बयान के मुताबिक प्रदेश के 75 जनपदों में अब तक लगभग 2700 स्थानों पर विभिन्न गणमान्य जनप्रतिनिधि/कृषि वैज्ञानिकों एवं कृषि एवं सहवर्ती विभाग के अधिकारियों के साथ आज चौथे दिन तक लगभग 3,25,000 से अधिक किसानों ने भाग लिया है।
- मंडी . हिमाचल प्रदेश के मंडी में रविवार को एक पिकअप वाहन के पुल की रेलिंग से टकरा जाने से उसमें सवार पांच श्रमिकों की मौत हो गई, जबकि एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि वाहन पंजाब के लुधियाना से मंडी में स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) जा रहा था, उस दौरान ही यह दुर्घटना घटी। प्रारंभिक जांच के अनुसार, चालक ने वाहन पर से नियंत्रण खो दिया और वाहन पुल की रेलिंग से टकरा गया।मृतकों में से तीन की पहचान सुखविंदर, उमेश और सागर के रूप में हुई है तथा तीनों पंजाब के रहने वाले थे, जबकि दो अन्य की पहचान अभी नहीं हो पाई है। मंडी की पुलिस अधीक्षक साक्षी वर्मा ने बताया कि वाहन चालक को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि इस दुर्घटना पर दुख व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जिला प्रशासन को मृतकों के परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करने और घायलों को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करने का निर्देश दिया है। पुलिस ने बताया कि शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
- नयी दिल्ली। अगर आप रात में देर तक जागते हैं तो उम्र बढ़ने के साथ आपकी दिमागी क्षमता कमजोर होने का खतरा सुबह जल्दी उठने वालों की तुलना में अधिक है। एक अध्ययन में यह दावा किया गया है। अध्ययन में कहा गया है कि व्यक्ति का ‘क्रोनोटाइप' यानी उसके सोने-जागने की प्रवृत्ति यह निर्धारित करती है कि वह दिन के किन हिस्सों में सबसे अधिक सक्रिय रहता है। रात में देर तक जागने वाले या शाम को अधिक सक्रिय रहने वालों का सोने एवं जागने का चक्र देर से शुरू होता है, जबकि सुबह जल्दी उठने वाले लोग जल्दी सोते और जल्दी जागते हैं। नीदरलैंड स्थित ‘यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर ग्रोनिंगन' की शोधकर्ता एना वेंजलर ने कहा, ‘‘क्या आप सुबह जल्दी उठते हैं या रात को देर तक जागते हैं? अपने ‘क्रोनोटाइप' को बदलना मुश्किल होता है, लेकिन आप अपनी जीवनशैली को इसके अनुसार ढाल सकते हैं।'' इस अध्ययन में करीब 23,800 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इसके तहत उनकी दिमागी क्षमता का 10 वर्षों की अवधि तक विश्लेषण किया गया। अध्ययन में यह पाया गया कि रात में देर तक जागने वाले लोगों की दिमागी क्षमताओं में गिरावट की दर सुबह उठने वालों की तुलना में अधिक थी। यह निष्कर्ष ‘द जर्नल ऑफ प्रिवेंशन ऑफ अल्जाइमर डिजीज' में प्रकाशित हुआ है।वेंजलर ने कहा, ‘‘हमारे अध्ययन में भी यह पाया गया कि रात में देर तक जागने वाले लोग अधिक धूम्रपान करते हैं और अधिक शराब पीते हैं तथा शारीरिक गतिविधि कम करते हैं। दिमागी क्षमता कमजोर होने के 25 प्रतिशत मामलों की वजह धूम्रपान और खराब नींद हो सकती है।'' अध्ययन में यह भी पाया गया कि उच्च शिक्षा प्राप्त लोगों की दिमागी क्षमता कमजोर होने की दर अधिक पाई गई और इसका कारण पर्याप्त एवं अच्छी नींद का अभाव हो सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘ये अधिकतर वे लोग होते हैं जिन्हें सुबह जल्दी काम पर जाना होता है, जिससे वे कम सो पाते हैं और मस्तिष्क को पर्याप्त विश्राम नहीं मिल पाता।'' उन्होंने बताया कि व्यक्ति का नींद चक्र उम्र के साथ बदलता है।वेंजलर ने कहा, “बचपन में सभी बच्चे सुबह जल्दी उठते हैं। किशोरावस्था में वे देर रात तक जागते हैं और 20 की उम्र के बाद यह चक्र फिर धीरे-धीरे सुबह की ओर लौटने लगता है और 40 की उम्र तक अधिकतर लोग फिर से सुबह जल्दी उठने वाले बन जाते हैं।” वेंजलर ने हालांकि यह भी कहा कि यह बदलाव सभी में नहीं होता।उन्होंने सलाह दी कि जितना संभव हो सके, शरीर के नींद चक्र के विरुद्ध काम करने से बचना चाहिए।उन्होंने कहा, “आप जल्दी सोने की कोशिश कर सकते हैं, लेकिन अगर शरीर मेलाटोनिन (नींद लाने वाला हार्मोन) नहीं बना रहा, तो नींद नहीं आएगी यानी शरीर अभी सोना नहीं चाहता।” वेंजलर ने यह भी कहा, “अगर व्यक्ति को अपने नींद चक्र के खिलाफ काम करना पड़े, तो मस्तिष्क को पर्याप्त विश्राम नहीं मिल पाता और व्यक्ति बुरी आदतों को अपनाने लगता है। देर तक जागने वाले लोगों को सुबह की बजाय थोड़ा देर से काम शुरू करने की अनुमति दी जानी चाहिए।''
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नई दिल्ली। भारत की एविएशन इंडस्ट्री बढ़कर पैसेंजर ट्रैफिक में दुनिया के शीर्ष तीन बाजारों में शामिल हो गई है। इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (आईएटीए) के डेटा में यह जानकारी दी गई। आईएटीए में भारत, नेपाल और भुटान के निदेशक अमिताभ खोसला ने कहा कि वैश्विक बाजार में भारत का तीसरे स्थान पर पहुंचना मजबूत एयरलाइनों, कनेक्टिविटी में वृद्धि और एयरपोर्ट के इन्फ्रास्ट्रक्चर में वृद्धि के कारण संभव हुआ है।
एविएशन इंडस्ट्री देश में रोजगार, आर्थिक गतिविधि, अंतरराष्ट्रीय व्यापार और निवेश को बढ़ाने में मदद कर रही हैउन्होंने बताया कि एविएशन इंडस्ट्री देश में रोजगार, आर्थिक गतिविधि, अंतरराष्ट्रीय व्यापार और निवेश को बढ़ाने में मदद कर रही है। रिपोर्ट में बताया गया, “भारत के एविएशन सेक्टर की जीडीपी में हिस्सेदारी 1.5 प्रतिशत है और यह सेक्टर करीब 77 लाख लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तरीके से रोजगार दे रहा है।”एविएशन द्वारा समर्थित पर्यटन, जीडीपी में 2,710 करोड़ रुपए का योगदान देता हैखोसला ने कहा, “2023 में इंडस्ट्री ने भारत की अर्थव्यवस्था में 53.6 अरब डॉलर का योगदान दिया।” उन्होंने आगे कहा, “एविएशन द्वारा समर्थित पर्यटन, जीडीपी में 2,710 करोड़ रुपए का योगदान देता है। अंतरराष्ट्रीय पर्यटक वस्तुओं और सेवाओं की स्थानीय खरीद के माध्यम से अर्थव्यवस्था में सालाना 29.4 अरब डॉलर जोड़ते हैं।”कुल मिलाकर 2023 में यात्रा और पर्यटन क्षेत्र देश के सकल घरेलू उत्पाद का 6.5 प्रतिशत और कुल रोजगार का 8.9 प्रतिशत हिस्सा थाउन्होंने कहा, “कुल मिलाकर 2023 में यात्रा और पर्यटन क्षेत्र देश के सकल घरेलू उत्पाद का 6.5 प्रतिशत और कुल रोजगार का 8.9 प्रतिशत हिस्सा था।” रिपोर्ट में बताया गया कि 2023 में मध्य पूर्व 13.7 मिलियन यात्रियों के साथ भारतीय यात्रियों के लिए शीर्ष अंतरराष्ट्रीय गंतव्य था, जिसके बाद एशिया प्रशांत क्षेत्र और यूरोप का स्थान था।वर्तमान में भारत में 116 एयरपोर्ट्स हैं जो कमर्शियल सेवाएं प्रदान करते हैं, जिनमें से 96 सीधे कनेक्शन प्रदान करते हैंवर्तमान में भारत में 116 एयरपोर्ट्स हैं जो कमर्शियल सेवाएं प्रदान करते हैं, जिनमें से 96 सीधे कनेक्शन प्रदान करते हैं और इन एयरपोर्ट्स पर प्रत्येक दिन 521 आउटबाउंड अंतरराष्ट्रीय उड़ानें हैं। पिछले पांच वर्षों में 103 नए अंतरराष्ट्रीय मार्ग शुरू किए गए हैं। वर्तमान में देश में 99 एयरलाइनें चल रही हैं। भारत ने खुद को दुनिया के छठे सबसे बड़े एयर कार्गो बाजार के रूप में भी स्थापित किया है और 2023 में 3.3 मिलियन टन हवाई माल का परिवहन किया था। -
नई दिल्ली। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के सांसद संजय कुमार झा के नेतृत्व में एक सर्वदलीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने मलेशियाई राजधानी में स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस और हिंदू संत एवं दार्शनिक स्वामी विवेकानंद को श्रद्धांजलि अर्पित की।
प्रतिनिधिमंडल ने कुआलालंपुर में रामकृष्ण मिशन और स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कीमलेशिया में भारतीय दूतावास ने एक बयान में कहा, “भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने कुआलालंपुर के ब्रिकफील्ड्स में नेताजी सुभाष चंद्र को श्रद्धांजलि अर्पित की।” मलेशिया स्थित भारतीय दूतावास ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने कुआलालंपुर में रामकृष्ण मिशन का भी दौरा किया और स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।यह यात्रा भारत की ओर से आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में प्रति शून्य सहिष्णुता और अडिग रुख को रेखांकित करती हैमलेशिया में भारतीय दूतावास ने एक बयान में कहा कि संसद सदस्य संजय कुमार झा के नेतृत्व में भारत का एक सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल 31 मई, 2025 की शाम को कुआलालंपुर पहुंचा। यह यात्रा भारत की ओर से आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में प्रति शून्य सहिष्णुता और अडिग रुख को रेखांकित करती है, और ऑपरेशन सिंदूर के रणनीतिक महत्व को भी उजागर करती है।प्रतिनिधिमंडल में विभिन्न राजनीतिक पार्टी के सदस्य शामिल हैंप्रतिनिधिमंडल में जनता दल-यूनाइटेड के सांसद संजय कुमार झा, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से अपराजिता सारंगी, तृणमूल कांग्रेस से अभिषेक बनर्जी, भाजपा से सांसद बृजलाल, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-माओवादी के जॉन ब्रिटास, भाजपा से प्रदान बरुआ, हेमंग जोशी, पूर्व विदेश मंत्री और कांग्रेस सांसद सलमान खुर्शीद और फ्रांस में भारत के पूर्व राजदूत मोहन कुमार थे।प्रतिनिधिमंडल ने सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत के दृढ़ रुख से अवगत करायामलेशिया स्थित भारतीय दूतावास ने एक बयान में कहा, “प्रतिनिधिमंडल ने मलेशिया में भारत के उच्चायुक्त बी.एन. रेड्डी द्वारा विस्तृत जानकारी के साथ अपनी वार्ता शुरू की, जिसमें उन्होंने भारत-मलेशिया के मजबूत संबंधों के महत्व पर प्रकाश डाला और ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकवाद से लड़ने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दृढ़ता से व्यक्त करने के लिए मलेशिया-विशिष्ट संदेश को रेखांकित किया। जम्मू और कश्मीर में हाल ही में हुए नृशंस आतंकवादी हमलों के मद्देनजर कुआलालंपुर में भारतीय प्रवासियों के साथ व्यापक बातचीत में, प्रतिनिधिमंडल ने सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत के दृढ़ रुख से अवगत कराया। चर्चा में ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि पर चर्चा की गई, जो भविष्य में आतंकवादी हमलों का जवाब देने, उन्हें रोकने और उन्हें रोकने के भारत के अधिकार का प्रदर्शन है।”