रंगमंच महोत्सव में गिरीश कर्नाड के लोकप्रिय नाटक 'तुगलक' तथा 'अग्नि और बरखा' का मंचन किया जाएगा
नयी दिल्ली. प्रसिद्ध नाटककार गिरीश कर्नाड के दो लोकप्रिय नाटकों 'तुगलक' तथा 'अग्नि और बरखा' का मंचन राष्ट्रीय राजधानी स्थित श्री राम सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स (एसआरसीपीए) के ग्रीष्मकालीन रंगमंच महोत्सव के दौरान किया जाएगा। यह महोत्सव पांच जून से शुरू हो रहा है।
समकालीन और पारंपरिक शैलियों का मिश्रण प्रस्तुत करने वाले इस महोत्सव में पद्मश्री पुरस्कार विजेता राम दयाल शर्मा की 'डाकू सुल्ताना' और मनीष वर्मा की 'स्टक' सहित चार प्रस्तुतियां दी जाएंगी। एसआरसीपीए के कार्यकारी उपाध्यक्ष हेमंत भरत राम ने एक बयान में कहा, "हर नाटक को पूरी ईमानदारी और समर्पण के साथ तैयार किया गया है ताकि मंच पर उसका जादू फिर से जीवंत हो सके। कलाकारों ने अपने किरदार को आत्मसात करने के लिए नियमित शारीरिक प्रशिक्षण और साहित्यिक सत्रों में भाग लिया है। दिल्ली की सांस्कृतिक दुनिया में रंगमंच को समृद्ध करते हुए, एसआरसीपीए हास्य, प्रेम और समकालीन मुद्दों से जुड़े विविध रंगों वाले चुने हुए नाटकों को प्रस्तुत कर रहा है।" गिरीश कर्नाड का नाटक 'तुगलक', जिसे के. माधवन ने निर्देशित किया है, एक ऐसा नाटक है जो इतिहास और राजनीति की कहानी को जोड़ता है। यह एक ऐसे सुल्तान मुहम्मद बिन तुगलक की कहानी है, जो बहुत आदर्शवादी था, लेकिन उसकी सोच और सपने पूरे नहीं हो सके। वह एक आदर्श राज्य बनाना चाहता था, लेकिन उसकी कोशिशें नाकाम रहीं। वहीं 'अग्नि और बरखा', गिरीश कर्नाड के कन्नड़ नाटक 'अग्नि मत्तु माले' का हिंदी रूपांतरण है, जिसे के. एस. राजेन्द्रन ने निर्देशित किया है। यह एक पौराणिक कहानी है जिसमें सत्ता, प्रेम और आध्यात्मिक बलिदान के भाव दिखाए गए हैं। एक अलग अंदाज में, नाटक "स्टक" एक मनोवैज्ञानिक कॉमेडी-ड्रामा है जो समकालीन रिश्तों की नाजुक प्रकृति पर प्रकाश डालता है।
Leave A Comment