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- नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने रूसी लड़ाकू विमानों के एस्टोनियाई हवाई क्षेत्र में कथित घुसपैठ पर चर्चा के लिए एक आपातकालीन बैठक आयोजित की। यूरोप, मध्य एशिया और अमेरिका के लिए संयुक्त राष्ट्र के सहायक महासचिव मिरोस्लाव जेंका ने अपनी ब्रीफिंग में कहा कि विश्व निकाय इस घटना से संबंधित किसी भी दावे की पुष्टि करने की स्थिति में नहीं है और उसके पास घटनाओं के बारे में कोई अन्य जानकारी नहीं है। उन्होंने अपनी ब्रीफिंग पूरी तरह से सार्वजनिक स्रोतों से उपलब्ध जानकारी पर आधारित की।जेंका ने बताया कि सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष को संबोधित शनिवार को लिखे एक पत्र में, एस्टोनिया ने दावा किया है कि तीन रूसी मिग-31 लड़ाकू विमान शुक्रवार को एस्टोनिया के हवाई क्षेत्र में 10 किलोमीटर तक घुस आए और 12 मिनट तक वहां रहे। उन्होंने बताया कि रूसी रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को दावा किया कि उसके विमानों ने फिनलैंड की सीमा पर स्थित करेलिया से कैलिनिनग्राद के एक हवाई अड्डे तक अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र के नियमों का सख्ती से पालन करते हुए, तय उड़ान पथ से भटके बिना और एस्टोनियाई हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किए बिना, अपनी निर्धारित उड़ान भरी।उन्होंने कहा, “हम सभी संबंधित पक्षों से जिम्मेदारी से काम करने, उपलब्ध माध्यमों का इस्तेमाल करने, तनाव कम करने और क्षेत्रीय सुरक्षा को अधिक जोखिम से बचाने के लिए तत्काल कदम उठाने का आग्रह करते हैं। दुनिया इस तरह के खतरे को नियंत्रण से बाहर होते, यूक्रेन में विनाशकारी युद्ध के बढ़ने और विस्तार को बर्दाश्त नहीं कर सकती।”समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, एस्टोनिया, सोमवार की बैठक में भाग लेने वाले अन्य यूरोपीय देशों और संयुक्त राज्य अमेरिका ने रूस पर एस्टोनिया के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन करने और तनाव बढ़ाने का आरोप लगाया। संयुक्त राष्ट्र में रूस के प्रथम उप-स्थायी प्रतिनिधि, दिमित्री पोल्यांस्की ने इस बात से इनकार किया कि रूसी जेट विमानों ने एस्टोनियाई हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया है।उन्होंने यूरोपीय देशों पर ‘रूसो फोबिया’ का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “उनके (यूरोपीय नेताओं के) प्रयासों से, हमारे देश के प्रति मध्ययुगीन जैसी नफरत और रूस को अखिल यूरोपीय सुरक्षा के लिए प्रमुख खतरे के रूप में चित्रित करने की आकांक्षा, हमारी आंखों के सामने, यूरोपीय देशों की व्यापक विचारधारा बनती जा रही है।”उन्होंने कहा, “हमारे पड़ोसियों ने अब यह मान लिया है कि एस्टोनिया के हवाई क्षेत्र में घुसपैठ के लिए रूस जिम्मेदार है। हमेशा की तरह रूस विरोध के अलावा कोई सबूत नहीं है।” संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका के स्थायी प्रतिनिधि माइक वाल्ट्ज ने सुरक्षा परिषद में अपने पहले भाषण में कहा कि उनका देश और उसके सहयोगी ‘नाटो क्षेत्र के हर इंच की रक्षा करेंगे।’एस्टोनिया नाटो का सदस्य है। वहीं, सुरक्षा परिषद के गैर यूरोपीय सदस्यों ने संयम और तनाव कम करने का आह्वान किया। संयुक्त राष्ट्र में चीन के उप-स्थायी प्रतिनिधि गेंग शुआंग ने कहा कि चीन संबंधित पक्षों से शांत रहने और संयम बरतने, तथ्यों को स्पष्ट करने, बातचीत और संचार से संदेह दूर करने, गलतफहमी से बचने और स्थिति को बढ़ाने या बिगड़ने से रोकने का आग्रह करता है।इस बैठक का अनुरोध एस्टोनिया ने किया था, जिसे परिषद के पांच यूरोपीय सदस्यों, ब्रिटेन, डेनमार्क, फ्रांस, ग्रीस और स्लोवेनिया, ने समर्थन दिया।
- नई दिल्ली। पाकिस्तान से सटे पंजाब के सीमावर्ती इलाकों में बाढ़ का पानी कम होने लगा है, जिससे बीएसएफ के जवान वापस आकर पोस्ट को सही करने लगे हैं। बीएसएफ के बॉर्डर आउट पोस्ट को बाढ़ ने काफी नुकसान पहुंचाया था। भारत-पाकिस्तान सीमा पर बाढ़ आने से बीएसएफ को भारी नुकसान पहुंचा है। कई जगह पर बाढ़ का पानी आने से सीमा सुरक्षा बल को दर्जनों चौकियां खाली करनी पड़ी थीं। इस दौरान बीएसएफ जवानों ने 550 आम नागरिकों को भी अपने साथ बाढ़ से सुरक्षित निकाला था। बाढ़ की वजह से करतारपुर कॉरिडोर को भी नुकसान पहुंचा था।गुरदासपुर सेक्टर के बीएसएफ डीआईजी जेके बर्डी ने बताया कि गुरदासपुर में आई बाढ़ ने सबसे पहले बीएसएफ की बॉर्डर आउट पोस्ट को नुकसान पहुंचाया था। इसके बाद भी कुछ जवानों को बॉर्डर पर तैनात किया गया था। उन्होंने कहा कि बीएसएफ के जवानों ने अपने साथ बाढ़ में फंसे लोगों को भी सुरक्षित निकाला था। बाढ़ के दौरान पानी का बहाव काफी तेज था, इस वजह से हमारी अधिकतर चौकियां डूब गई थीं।उन्होंने बीएसएफ और आर्मी के कमांडरों का भी धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने इस मुश्किल घड़ी में 1,200 के करीब बीएसएफ जवानों और 550 के करीब नागरिकों को बाढ़ से सुरक्षित बाहर निकाला था। उन्होंने बताया कि बॉर्डर पर पानी भरे होने के बाद भी हर एक बॉर्डर आउटपोस्ट पर 15 से 20 जवान तैनात थे ताकि दुश्मन की हरकत पर लगातार नजर बनी रहे और देश के नागरिक अपने घरों में सुरक्षित रहें। अब बाढ़ का पानी घटने के बाद बीएसएफ की जो बॉर्डर आउट पोस्ट का नुकसान हुआ है, उसे सही किया जा रहा है और आसपास के सीमावर्ती इलाकों में मेडिकल कैंप लगाने का काम शुरू कर दिया गया है ताकि अब बीमारियों से लोगों को बचाया जा सके। उन्होंने बताया कि श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर को भी पानी ने नुकसान पहुंचाया है। दर्शनीय स्थल को जाने वाला रास्ता पूरी तरह से टूट चुका है, जिसे दोबारा सही करने का काम चल रहा है ताकि श्रद्धालुओं को श्री करतारपुर साहिब पहुंचने में परेशानी न हो।
- नयी दिल्ली। पेट्रोलियम मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) के तहत गरीब महिलाओं को 25 लाख अतिरिक्त मुफ्त एलपीजी कनेक्शन जारी करने को मंजूरी दे दी है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘इस विस्तार के साथ, पीएमयूवाई कनेक्शन की कुल संख्या बढ़कर 10.58 करोड़ हो जाएगी।'' इसके लिए, सरकार ने 676 करोड़ रुपये के व्यय को मंजूरी दी है। इसमें 2,050 रुपये प्रति कनेक्शन की दर से 25 लाख कनेक्शन बिना किसी जमा राशि के प्रदान करने के लिए 512.5 करोड़ रुपये, 14.2 किलोग्राम के घरेलू एलपीजी सिलेंडर पर 300 रुपये की लक्षित सब्सिडी के लिए 160 करोड़ रुपये (प्रति वर्ष अधिकतम नौ बार सिलेंडर भराने, पांच किलोग्राम सिलेंडर के लिए आनुपातिक रूप से) और परियोजना प्रबंधन एवं अन्य खर्चों के लिए 3.5 करोड़ रुपये शामिल हैं। पीएमयूवाई के तहत, लाभार्थियों को बिना किसी जमा राशि के एलपीजी कनेक्शन मिलता है। इसमें सिलेंडर, प्रेशर रेगुलेटर, ‘सुरक्षा' नली, घरेलू गैस उपभोक्ता कार्ड (डीजीसीसी) पुस्तिका और स्थापना शुल्क की सुरक्षा राशि शामिल होती है। इसके अलावा, पहली बार सिलेंडर भराने के साथ चूल्हा भी निःशुल्क दिया जाता है। लाभार्थियों को एलपीजी कनेक्शन, पहले ‘रिफिल' या चूल्हे के लिए कोई भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है। ये लागत केंद्र सरकार और पेट्रोलियम विपणन कंपनियां (ओएमसी) वहन करती हैं। लाभार्थियों के पास 14.2 किलोग्राम के एक सिलेंडर के साथ कनेक्शन, पांच किलोग्राम छोटे सिलेंडर के साथ कनेक्शन, या पांच किलोग्राम के दो सिलेंडर के साथ कनेक्शन में से चुनने की सुविधा है।पीएमयूवाई के तहत एलपीजी कनेक्शन प्राप्त करने की प्रक्रिया को पूरी तरह से व्यवस्थित और तकनीकी रूप से सक्षम बनाया गया है। इसका मकसद पारदर्शिता और पहुंच को और आसान बनाना है। गरीब परिवारों की पात्र वयस्क महिलाएं, जिनके परिवार में पहले से एलपीजी कनेक्शन नहीं है, वे सरल केवाईसी आवेदन पत्र और एलपीजी कनेक्शन नहीं होने का घोषणा पत्र जमा करके ऑनलाइन या सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम विपणन कंपनियों के किसी भी एलपीजी वितरक के पास आवेदन कर सकती हैं। आवेदनों की प्रणाली आधारित जांच के बाद विपणन कंपनियों के अधिकारियों द्वारा भौतिक सत्यापन किया जाता है। उसके बाद ‘सब्सक्रिप्शन वाउचर' जारी किया जाता है और आवेदक के घर पर एलपीजी कनेक्शन लगाया जाता है। बयान में कहा गया, ‘‘जिन मौजूदा आवेदकों के आवेदन लंबित हैं, उन्हें संशोधित ई-केवाईसी प्रक्रिया से गुजरना होगा और अद्यतन प्रोफार्मा के अनुसार विवरण जमा करना होगा।''प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना मई, 2016 में शुरू की गई थी। शुरुआत में आठ करोड़ एलपीजी कनेक्शन बिना किसी जमा राशि के देने का लक्ष्य रखा गया था, जो सितंबर, 2019 में हासिल कर लिया गया। शेष गरीब परिवारों को कवर करने के लिए, उज्ज्वला 2.0 को अगस्त, 2021 में शुरू किया गया था। इसका लक्ष्य जनवरी, 2022 तक एक करोड़ अतिरिक्त कनेक्शन देना था। इसके बाद, सरकार ने उज्ज्वला 2.0 के तहत 60 लाख अतिरिक्त कनेक्शन देने को मंजूरी दी, जो दिसंबर, 2022 में हासिल कर लिया गया। अन्य 75 लाख कनेक्शन जुलाई, 2024 तक हासिल किए गए। जुलाई, 2025 तक, देश भर में 10.33 करोड़ से अधिक पीएमयूवाई कनेक्शन जारी किए जा चुके हैं, जिससे यह वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ी स्वच्छ ऊर्जा पहलों में से एक बन गई है। इस निर्णय की घोषणा करते हुए, केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, ‘‘...यह माताओं और बहनों के सम्मान और सशक्तीकरण के हमारे संकल्प को मजबूत करता है। उज्ज्वला भारत में सबसे प्रभावशाली सामाजिक कल्याण योजनाओं में से एक के रूप में उभरी है, जो रसोई में बदलाव ला रही है, स्वास्थ्य की रक्षा कर रही है और देश भर के परिवारों का भविष्य उज्ज्वल बना रही है।''
- पुणे। एक सेवानिवृत्त बैंक अधिकारी के रिश्तेदार ने खुद को खुफिया अधिकारी बताकर उनसे कथित तौर पर चार करोड़ रुपये ठग लिए। इस घटना के बाद पीड़ित और उसकी पत्नी बेघर हो गए हैं। पुणे पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि आरोपी शुभम प्रभाले ने अपने रिश्तेदार सूर्यकांत थोराट को एक बैंक खाते से 38 करोड़ रुपये निकलवाने के बहाने पैसे देने के लिए राजी किया। उसने दावा किया कि उसे रक्षा खुफिया विभाग में अपने काम के लिए इनाम के तौर पर यह रकम मिली थी। थोराट ने कहा, ‘‘शुभम मेरी पत्नी के चचेरे भाई का बेटा है। 2019 में, उसने मुझसे संपर्क किया और दावा किया कि वह खुफिया विभाग में काम करता है। उसने यह कहते हुए पांच लाख रुपये मांगे कि उसे विभाग से इनाम के तौर पर मिले 38 करोड़ रुपये का दावा करने के लिए कुछ शुल्क देना होगा।'' प्राथमिकी के मुताबिक, थोराट ने आरोप लगाया कि शुभम ने उनकी किसी व्यक्ति से बात कराई, जिसके बारे में उसने दावा किया कि वह केंद्रीय मंत्री अमित शाह हैं, ताकि उन्हें विश्वास दिलाया जा सके कि 38 करोड़ रुपये का इनाम असली है।थोराट ने दावा किया, ‘‘इसके बाद शुभम यह कहते हुए पैसे मांगता रहा कि इनाम से संबंधित उसकी फाइल को मंजूरी मिलना जरूरी है। जनवरी 2020 और सितंबर 2024 के बीच, मैंने शुभम से संबंधित विभिन्न खातों में चार करोड़ रुपये से अधिक स्थानांतरित किए और उसके पिता सुनील और भाई ओमकार को नकद भुगतान भी किया।'' थोराट ने कहा कि उन्होंने मुलशी में एक भूखंड, एक दुकान, दो फ्लैट, एक कार और 76 लाख रुपये के सोने के गहने समेत अपनी संपत्तियां बेच दीं तथा शुभम और उसके परिवार के सदस्यों को पैसे देने के लिए रिश्तेदारों और दोस्तों से एक करोड़ रुपये से ज्यादा उधार भी लिए। थोराट ने अपनी शिकायत में दावा किया कि जब शुभम से पैसे वापस मांगे गए, तो उसने बताया कि वह विदेश में एक जरूरी मिशन पर है। पर्वती पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि आरोपी शुभम प्रभाले, उसके पिता सुनील प्रभाले, मां भाग्यश्री प्रभाले, भाई ओमकार प्रभाले और प्रशांत राजेंद्र प्रभाले के खिलाफ 15 सितंबर को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की प्रासंगिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया। थोराट ने दावा किया कि वह अब बेघर हैं और शहर के एक मंदिर में रह रहे हैं।
- नयी दिल्ली। अफगानिस्तान का एक किशोर काबुल से उड़ान भरने वाले एक विमान के ‘लैंडिंग गियर' कक्ष में छिपकर दिल्ली पहुंच गया। आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी। यह घटना रविवार पूर्वाह्न करीब 11 बजे की है, जब केएएम एयरलाइंस की उड़ान संख्या आरक्यू-4401 दो घंटे की यात्रा के बाद इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (आईजीआई) हवाई अड्डे पर पहुंची। सूत्रों ने बताया कि लड़के को रविवार को ही उसी उड़ान से अफगानिस्तान वापस भेज दिया गया। उन्होंने बताया कि एयरलाइन अधिकारियों ने हवाई अड्डे के सुरक्षा नियंत्रण कक्ष को 13 वर्षीय एक लड़के के बारे में सूचना दी, जो विमान के उतरने के बाद उसके पास घूमता हुआ पाया गया।कुंदुज शहर के मूल निवासी इस लड़के को विमानन कर्मियों ने पकड़ लिया और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के कर्मियों को सौंप दिया, जो उसे पूछताछ के लिए हवाई अड्डे के टर्मिनल-3 पर ले आए। लड़के ने अधिकारियों को बताया कि वह काबुल हवाई अड्डे में घुस गया और किसी तरह विमान के पिछले केंद्रीय ‘लैंडिंग गियर' कक्ष में घुसने में कामयाब रहा। सूत्रों ने बताया कि उसने जिज्ञासावश ऐसा किया। उन्होंने बताया कि पूछताछ के बाद, अफगान लड़के को उसी उड़ान से वापस भेज दिया गया, जो दोपहर लगभग साढ़े 12 बजे रवाना हुई। केएएम एयरलाइन के सुरक्षा अधिकारियों ने ‘लैंडिंग गियर' कक्ष की सुरक्षा जांच की और उन्हें लाल रंग का एक छोटा स्पीकर मिला, जो संभवतः उस लड़के के पास था। उन्होंने बताया कि विमान को गहन निरीक्षण और अन्य जांच के बाद उड़ान के लिए सुरक्षित घोषित कर दिया गया।
- नयी दिल्ली। देश के प्रमुख शेयर बाजारों एनएसई और बीएसई ने सोमवार को कहा कि दिवाली के त्योहार पर मंगलवार, 21 अक्टूबर को एक विशेष मुहूर्त कारोबार सत्र का आयोजन किया जाएगा। दोनों शेयर बाजारों ने अलग-अलग परिपत्र में कहा कि यह प्रतीकात्मक कारोबार सत्र दोपहर 1:45 बजे से 2:45 बजे के बीच आयोजित किया जाएगा। पिछले साल, विशेष मुहूर्त कारोबार सत्र शाम छह बजे से सात बजे तक आयोजित किया गया था।यह नया सत्र एक नए संवत (विक्रम संवत 2082) का भी प्रतीक है, जो दिवाली से शुरू होता है। ऐसा माना जाता है कि ‘मुहूर्त' या शुभ समय के दौरान कारोबार करने से हितधारकों के लिए समृद्धि और वित्तीय वृद्धि होती है। दिवाली के दिन बाजार नियमित कारोबार के लिए बंद रहेगा, लेकिन एक घंटे के लिए एक विशेष कारोबार होगा। एनएसई और बीएसई ने कहा कि बाजार खुलने से पहले का सत्र दोपहर 1:30 बजे से 1:45 बजे तक चलेगा। बाजार विश्लेषकों ने बताया कि दिवाली नए उद्यम शुरू करने के लिए एक शुभ अवसर माना जाता है और कई निवेशकों का मानना है कि मुहूर्त कारोबारी सत्र में भाग लेने से पूरे साल समृद्धि आती है।
- लखनऊ। उत्तर प्रदेश 61 वर्षों के बाद भारत स्काउट्स एंड गाइड्स की 19वीं राष्ट्रीय जम्बूरी की मेजबानी करेगा, जिसमें देश-विदेश के हजारों युवा एक साथ आएंगे। राज्य सरकार ने सोमवार को एक बयान में यह जानकारी दी। बयान में कहा गया है कि एक सप्ताह का यह आयोजन 23 से 29 नवंबर तक लखनऊ के वृंदावन योजना में आयोजित किया जाएगा और 24 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसका उद्घाटन करेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस जम्बूरी की मेजबानी करेंगे, जिसके लिए 35,000 प्रतिभागियों के लिए विश्व स्तरीय सुविधाओं से युक्त एक ‘गेटेड टेंट सिटी' बनाई जा रही है। इस जम्बूरी में साहसिक खेल, विज्ञान और सांस्कृतिक गतिविधियां शामिल होंगी, और इसका उद्देश्य युवा ऊर्जा को दिशा देना और अनुशासन, टीम वर्क, आत्मनिर्भरता और नेतृत्व के मूल्यों को स्थापित करते हुए वैश्विक भाईचारे को बढ़ावा देना है। भारत में पहला जम्बूरी 1953 में हैदराबाद में आयोजित किया गया था, जबकि उत्तर प्रदेश ने 1964 में प्रयागराज में चौथे संस्करण की मेजबानी की थी। सरकार ने कहा कि छह दशक बाद, राज्य फिर से इस आयोजन की मेजबानी करने के लिए तैयार है।
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नयी दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि सुरक्षा बलों ने महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ सीमा पर नक्सलियों के दो शीर्ष नेताओं को मार गिराकर उनके खिलाफ एक बड़ी जीत हासिल की है। शाह के अनुसार, सुरक्षा बलों ने नारायणपुर के अबूझमाड़ क्षेत्र में प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) की केंद्रीय समिति के सदस्यों - कट्टा रामचंद्र रेड्डी और कादरी सत्यनारायण रेड्डी को मार गिराया। उन्होंने ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘हमारे सुरक्षा बल व्यवस्थित तरीके से नक्सलियों के शीर्ष नेतृत्व का सफाया कर रहे हैं और ‘लाल आतंक' की रीढ़ तोड़ रहे हैं।'' छत्तीसगढ़ के एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, महाराष्ट्र से सटे अबूझमाड़ के एक जंगल में सुबह उस समय मुठभेड़ शुरू हुई, जब सुरक्षा बलों की एक टीम तलाशी अभियान पर निकली थी। उन्होंने बताया कि इलाके में नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना के आधार पर यह अभियान शुरू किया गया था। उन्होंने कहा, ‘‘अब तक मौके से दो पुरुष नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं।''
अधिकारी ने बताया कि मुठभेड़ स्थल से एक एके-47 राइफल, अन्य हथियार, भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री, माओवादी साहित्य, प्रचार सामग्री और दैनिक उपयोग की वस्तुएं भी बरामद की गईं। इस ताजा कार्रवाई के साथ, इस वर्ष अब तक छत्तीसगढ़ में अलग-अलग मुठभेड़ों में 249 नक्सली मारे जा चुके हैं। पुलिस के अनुसार, 11 सितंबर को छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में हुई मुठभेड़ में भाकपा (माओवादी) की केंद्रीय समिति के सदस्य मॉडम बालकृष्ण सहित दस नक्सली मारे गए थे। -
अयोध्या,अयोध्या के रामकथा पार्क में सातवीं भव्य फिल्मी रामलीला सोमवार से शुरू हो गई, जिसमें थ्रीडी तकनीक और फिल्मी सितारों की भागीदारी इसे दर्शकों के लिए अनूठा अनुभव बना रही है। एक बयान में यह जानकारी दी गई। बयान के मुताबिक, 120 फुट ऊंचे मंच पर थ्रीडी तकनीक के साथ शुरू हुई इस रामलीला में पहले दिन नारद मोह के प्रसंग से सबका मन मोह लिया। यह आयोजन 22 सितंबर से दो अक्टूबर तक चलेगा। इसमें कहा गया है कि इस बार रामलीला की खासियत 240 फुट ऊंचे रावण के पुतले का दहन होगा। इसके साथ ही 190 फुट ऊंचे मेघनाद और कुंभकरण के पुतलों का भी दहन किया जाएगा। अयोध्या की रामलीला के संस्थापक अध्यक्ष सुभाष मलिक ने बताया कि इस बार चार राज्यों के 60 कारीगरों की टीम ने इन विशाल पुतलों को तैयार किया है, जो तकनीक और कला का अनूठा संगम प्रदर्शित करेंगे। बयान के अनुसार, रामकथा पार्क में आयोजित इस रामलीला में फिल्मी सितारों की भागीदारी इसे और भी आकर्षक बनाती है। इसमें कहा गया है कि इस साल भगवान शंकर का किरदार बिंदु दारा सिंह, बाली की भूमिका सांसद मनोज तिवारी, परशुराम का किरदार पुनीत इस्सर और केवट की भूमिका रवि किशन निभा रहे हैं। बयान के मुताबिक, इस बार सीता की भूमिका मिस यूनिवर्स इंडिया 2025 मणिका विश्वकर्मा निभा रही हैं।
मलिक ने बताया कि इसमें रावण की भूमिका प्रसिद्ध कलाकार विजय सक्सेना निभा रहे हैं जबकि श्रीराम की भूमिका फिल्म अभिनेता राहुल भूचर अदा कर रहे हैं। मालिक ने बताया कि रामलीला का सीधा प्रसारण विभिन्न मंचों पर किया जा रहा है तथा गत वर्ष ऑनलाइन व दूरदर्शन के माध्यम से 47 करोड़ लोगों ने रामलीला देखी थी। -
नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नवरात्रि के पहले दिन लोगों को शुभकामनाएं देते हुए सोमवार को कहा कि इस बार नवरात्रि का यह शुभ अवसर बहुत विशेष है क्योंकि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) बचत उत्सव के साथ-साथ स्वदेशी के मंत्र को एक नयी ऊर्जा मिलने वाली है। प्रधानमंत्री ने लोगों से विकसित और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प की सिद्धि के लिए सामूहिक प्रयास का हिस्सा बनने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर पोस्ट कर कहा, ‘‘आप सभी को नवरात्रि की अनंत शुभकामनाएं। साहस, संयम और संकल्प के भक्ति-भाव से भरा यह पावन पर्व हर किसी के जीवन में नई शक्ति और नया विश्वास लेकर आए। जय माता दी!'' उन्होंने कहा, ‘‘नवरात्रि में आज मां शैलपुत्री की विशेष पूजा-अर्चना का दिन है। मेरी कामना है कि माता के स्नेह और आशीर्वाद से हर किसी का जीवन सौभाग्य और आरोग्य से परिपूर्ण रहे।'' मोदी ने कहा, ‘‘इस बार नवरात्रि का यह शुभ अवसर बहुत विशेष है। जीएसटी बचत उत्सव के साथ-साथ स्वदेशी के मंत्र को इस दौरान एक नयी ऊर्जा मिलने वाली है। आइए, विकसित और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प की सिद्धि के लिए सामूहिक प्रयासों में जुट जाएं।'' कई वस्तुओं पर जीएसटी की कम दरें सोमवार से लागू होंगी, जिसकी तुलना मोदी ने रविवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में बचत उत्सव से की थी।
- पुरी। ओडिशा के पुरी स्थित प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर मंगलवार सुबह 10 बजे से आभूषण और अन्य कीमती वस्तुओं को 'रत्न भंडार' या खजाने में स्थानांतरित किये जाने तक श्रद्धालुओं के लिए बंद रहेगा। श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) ने सोमवार को बताया कि मंदिर की मरम्मत के लिए रत्न भंडार से आभूषण और कीमती सामान निकाल लिए गए थे। तब से, इन्हें एक अस्थायी ‘स्ट्रांग रूम' में रखा गया है। मंगलवार को, राज्य सरकार द्वारा मंजूर किये गए दिशानिर्देशों के अनुसार कीमती वस्तुओं को वापस खजाने में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। दिशानिर्देशों में कहा गया है, ‘‘इसलिए, 23 सितंबर को सुबह 10 बजे से सार्वजनिक दर्शन स्थगित कर दिए जाएंगे और मंदिर के नटमंडप (नृत्य मंडप) और जगमोहन (सभा मंडप) को पूरी तरह से खाली करा दिया जाएगा। मुख्य मंदिर और झूलन मंडप में श्रद्धालुओं का प्रवेश वर्जित रहेगा।'' मंदिर प्रशासन ने कहा कि 'महाप्रसाद' लेने के इच्छुक श्रद्धालु इसे 'आनंद बाजार' में प्राप्त कर सकते हैं। इसने कहा, ‘‘स्थानांतरण कार्य पूरा होने के बाद, प्रवेश प्रतिबंध हटा दिए जाएंगे।'' हालांकि, यह नहीं बताया गया है कि ये प्रतिबंध कब तक लागू रहेंगे।
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नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश सरकार ने सोमवार को जाति आधारित भेदभाव को समाप्त करने के लिए बड़ा कदम उठाते हुए पुलिस अभिलेखों और सार्वजनिक स्थानों पर जाति के उल्लेख पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। यह आदेश इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद जारी किया गया। मुख्य सचिव दीपक कुमार ने सभी विभागों को निर्देश दिए हैं कि अब एफआईआर, गिरफ्तारी मेमो या अन्य पुलिस दस्तावेजों में जाति का उल्लेख नहीं किया जाएगा। इसकी जगह पहचान के लिए माता-पिता का नाम इस्तेमाल किया जाएगा।
वाहनों और साइनबोर्ड्स पर लगे जाति-आधारित प्रतीकों को तुरंत हटाने का निर्देशआदेश में यह भी कहा गया है कि पुलिस थानों के नोटिस बोर्ड, वाहनों और साइनबोर्ड्स पर लगे जाति-आधारित प्रतीक, नारे और संदर्भों को तुरंत हटाया जाए। इसके साथ ही पूरे राज्य में जाति-आधारित रैलियों पर प्रतिबंध लगाया गया है और सोशल मीडिया पर निगरानी कड़ी करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि कोई उल्लंघन न हो। हालांकि सरकार ने स्पष्ट किया है कि अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) अत्याचार निवारण अधिनियम के मामलों में जाति का उल्लेख आवश्यक कानूनी आवश्यकता होने के कारण जारी रहेगा। इस निर्देश को प्रभावी बनाने के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं (SOPs) और पुलिस मैनुअल में संशोधन भी किए जाएंगे।इस बीच, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज गोरखपुर में जनता दर्शन कार्यक्रम आयोजित किया, जहां उन्होंने लोगों की समस्याएं सुनीं और नवरात्रि के पावन अवसर पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म एक्स पर लिखा, “मां भगवती जगदंबा की उपासना और आराधना के पावन पर्व शारदीय नवरात्रि की सभी श्रद्धालुओं एवं प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई! माता रानी का आशीर्वाद सभी के जीवन में सुख, स्वास्थ्य और समृद्धि लेकर आए, यही प्रार्थना है।”इससे एक दिन पहले, 21 सितंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जानकारी दी थी कि राज्य सरकार ने “विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश 2047” के रोडमैप को तैयार करने के लिए 300 बुद्धिजीवियों को जोड़ा है। इनमें पूर्व मुख्य सचिव, सचिव, अवर सचिव और कुलपति शामिल हैं। उन्होंने बताया कि ये विशेषज्ञ राज्यभर के शैक्षणिक संस्थानों का दौरा कर जनता से विचार-विमर्श कर रहे हैं ताकि 2047 के विकास लक्ष्यों पर ठोस योजना बनाई जा सके। -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सोमवार को नवरात्रि की शुभकामनाएं देते हुए देशवासियों से स्वदेशी उत्पादों को अपनाने और “जीएसटी बचत उत्सव” (GST Bachat Utsav) मनाने की अपील की। उन्होंने इस अवसर पर देश को एक पत्र लिखकर नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी सुधारों को लागू करने को एक ऐतिहासिक कदम बताया, जो 22 सितंबर से शुरू हुए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इन सुधारों से घर-गृहस्थी का खर्च कम होगा, कारोबार आसान बनेगा और हर वर्ग की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। इसमें किसान, महिलाएं, युवा, व्यापारी, एमएसएमई और मध्यम वर्ग सभी को सीधा फायदा मिलेगा। उन्होंने लिखा, “इन सुधारों से आपकी बचत बढ़ेगी और आपके सपनों को पूरा करना आसान होगा। चाहे घर बनाना हो, गाड़ी खरीदनी हो या परिवार के साथ छुट्टियाँ मनाने की योजना हो, अब यह सब और सरल होगा।”पीएम मोदी ने नए जीएसटी ढांचे की प्रमुख बातें भी साझा कीं। अब टैक्स दरें केवल दो स्लैब में बाँट दी गई हैं -5% और 18%। जरूरी चीजें जैसे भोजन, दवाइयाँ, साबुन, टूथपेस्ट और बीमा या तो टैक्स-फ्री होंगी या 5% वाले न्यूनतम स्लैब में आएंगी। पहले जिन वस्तुओं पर 12% टैक्स था, उन्हें अब ज्यादातर 5% पर ला दिया गया है।प्रधानमंत्री ने दुकानदारों और व्यापारियों की सराहना की, जो ग्राहकों के लिए “पहले और अब” वाले बोर्ड लगाकर दरों में कमी दिखा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कम टैक्स और सरल अनुपालन नियम छोटे उद्योगों, कारोबारियों, उद्यमियों और एमएसएमई को मजबूती देंगे और बेहतर कारोबारी माहौल तैयार करेंगे। उन्होंने इस सुधार को विकसित भारत 2047 के विजन से जोड़ते हुए आत्मनिर्भरता और स्थानीय निर्माण को मजबूत बनाने पर बल दिया। पीएम मोदी ने कहा, “मैं हमारे दुकानदारों और व्यापारियों से अपील करता हूं कि वे भारतीय उत्पाद ही बेचें। आइए गर्व से कहें -जो हम खरीदते हैं, वह स्वदेशी है। आइए गर्व से कहें जो हम बेचते हैं, वह स्वदेशी है।”प्रधानमंत्री ने राज्य सरकारों से भी निवेश माहौल सुधारने और उद्योग-निर्माण को प्रोत्साहन देने की अपील की। अपने संदेश के अंत में उन्होंने सभी नागरिकों को नवरात्रि की शुभकामनाएं दीं और आशा जताई कि जीएसटी बचत उत्सव लोगों के जीवन में खुशियाँ और बचत लेकर आएगा और हर भारतीय परिवार को समृद्ध बनाएगा। -
नई दिल्ली। शारदीय नवरात्रि का सोमवार से आगाज हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवरात्रि के पावन पर्व की देशवासियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने इस पावन पर्व पर भक्ति-भाव से जीवन में नई शक्ति की कामना की।
पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा शुभकामना संदेशपीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “आप सभी को नवरात्रि की अनंत शुभकामनाएं। साहस, संयम और संकल्प के भक्ति-भाव से भरा यह पावन पर्व हर किसी के जीवन में नई शक्ति और नया विश्वास लेकर आए। जय माता दी।”प्रधानमंत्री के अलावा केंद्रीय मंत्रियों ने भी देशवासियों को नवरात्रि की शुभकामनाएंप्रधानमंत्री के अलावा केंद्रीय मंत्रियों ने भी देशवासियों को नवरात्रि की शुभकामनाएं दीं।रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक्स पर लिखा, “शारदीय नवरात्रि के पावन अवसर पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। मां दुर्गा का आशीर्वाद हमारे जीवन में शक्ति, साधना और समृद्धि का संचार करे। उनकी कृपा से भारत आत्मनिर्भरता, प्रगति और खुशहाली की नई ऊंचाइयों को छूते हुए विश्व में शांति और कल्याण का मार्गदर्शक बने।”केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने देशवासियों को नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं दीकेंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के माध्यम से नवरात्रि की शुभकामनाएं दी। उन्होंने एक्स पर लिखा, “सर्व मंगल मांगल्ये, शिवे सर्वार्थ साधिके, शरण्ये त्र्यम्बके गौरी, नारायणी नमोस्तुते। समस्त देशवासियों को नवरात्रि के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं।”केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा- शारदीय नवरात्रि हर वर्ष अपने साथ अनंत खुशियों का भंडार लेकर आती हैकेंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, “मां का आगमन। शारदीय नवरात्रि हर वर्ष अपने साथ अनंत खुशियों का भंडार लेकर आती है और श्रद्धालुओं के दुखों को मिटाकर जीवन में नवीन ऊर्जा और प्रकाश फैलाती है। ऐसे पावन पर्व पर मां दुर्गा में श्रद्धा रखने वाले सभी सनातन प्रेमियों को जय माता दी।”उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देशवासियों को नवरात्रि की बधाई दीउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देशवासियों को नवरात्रि की बधाई दी। उन्होंने एक्स पर लिखा, “सभी श्रद्धालुओं एवं प्रदेश वासियों को मां भगवती जगदम्बा की आराधना व उपासना के पावन पर्व ‘शारदीय नवरात्रि’ की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं। मां सभी के जीवन को सुख, स्वास्थ्य और सौभाग्य के आशीर्वाद से अभिसिंचित करें, यही प्रार्थना है।”भाजपा सांसद दिनेश शर्मा ने एक्स पर लिखा, “आप सभी भक्तों को मां भगवती जगदम्बा की आराधना व उपासना के पावन पर्व शारदीय नवरात्रि की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। मां से मेरी यही कामना है कि आप सभी के जीवन को सुख, स्वास्थ्य और सौभाग्य का आशीर्वाद प्रदान करें, जय माता दी।” - गाजियाबाद. गाजियाबाद नगर निगम ने सीवर की सफाई के लिए रोबोटिक सफाई प्रणाली अपनाई है और इस बाबत रोबोट 'बैंडिकूट' को तैनात किया है। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, यह कदम शहर की स्वच्छता व्यवस्था को आधुनिक बनाने के प्रयासों के तहत उठाया गया है। यह पहल "एक शहर, एक ऑपरेटर" मॉडल का एक मुख्य तत्व है, जो स्वच्छता सेवाओं के प्रबंधन और उन्नयन के लिए नया प्रयोग कर रहा है। बयान के मुताबिक, गाजियाबाद नगर निगम के अधिकारियों ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में रोबोट द्वारा गटर की सफाई का एक प्रदर्शन किया। नगर आयुक्त विक्रमादित्य मलिक ने अपने प्रदर्शन में मुख्यमंत्री को इस परियोजना से अवगत कराया।यह कदम उत्तर प्रदेश में तकनीक-आधारित सीवर रखरखाव के लिए राज्यव्यापी प्रयास का विस्तार है। यह कार्यक्रम सबसे पहले फरवरी 2025 में आगरा में शुरू किया गया था, जहां ‘बैंडिकूट' रोबोट ने केवल छह महीनों में 1,500 से ज़्यादा गटर साफ़ कर दिए।
- पुरी. ओडिशा में श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) ने पुरी मंदिर में अधिकारियों, पुलिसकर्मियों और सेवादारों के मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। यह फैसला शनिवार शाम को मंदिर की ‘छत्तीसा निजोग' की बैठक में लिया गया। एसजेटीए के मुख्य प्रशासक अरबिंद कुमार पाधी ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि पहले चरण में मंदिर में पुलिस और अन्य अधिकारियों द्वारा मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने पर प्रतिबंध लगाया जाएगा तथा बाद में इसका विस्तार सेवादारों तक भी किया जाएगा।पाधी ने कहा, “किसी भी आपात स्थिति या महत्वपूर्ण संदेशों के संचार के लिए अधिकारी निर्दिष्ट स्थान पर जाकर मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर सकेंगे। मंदिर के अंदर किसी को भी मोबाइल फोन का खुलेआम इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं होगी।” पाधी ने कहा कि मंदिर प्रशासन इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी करेगा। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर कोई अनुशासनहीनता में लिप्त पाया गया, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। पुरी जगन्नाथ मंदिर में श्रद्धालुओं के मोबाइल फोन या कोई अन्य कैमरा उपकरण ले जाने पर पहले ही प्रतिबंध लगाया जा चुका है।
- नयी दिल्ली. मुंबई और पुणे में कमजोर मांग के कारण देश के नौ प्रमुख शहरों में जुलाई-सितंबर तिमाही में एक घरों की बिक्री चार प्रतिशत घटकर एक लाख इकाई पर आ सकती है। रियल एस्टेट आंकड़ा विश्लेषक कंपनी प्रॉपइक्विटी ने रविवार को जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए आवास बाजार का अनुमान जारी किया है। मानसून और श्राद्ध के कारण यह तिमाही आमतौर पर कमजोर मानी जाती है। आंकड़ों के अनुसार, जुलाई-सितंबर, 2025 के दौरान नौ शहरों में घरों की बिक्री चार प्रतिशत घटकर 1,00,370 इकाई रह सकती है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह आंकड़ा 1,05,081 इकाई था। मुंबई, नवी मुंबई, ठाणे और पुणे में आवासीय संपत्तियों की बिक्री में गिरावट की संभावना है, जबकि दिल्ली-एनसीआर, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद और कोलकाता में मांग अधिक रहने की उम्मीद है।प्रॉपइक्विटी के संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) समीर जसूजा ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि नई पेशकश लगातार कम होने के बावजूद आवास बाजार मजबूत बना हुआ है, क्योंकि बिक्री नई पेशकश से अधिक बनी हुई है।'' प्रॉपइक्विटी का अनुमान है कि ठाणे में जुलाई-सितंबर के दौरान घरों की बिक्री 28 प्रतिशत घटकर 14,877 इकाई रह सकती है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 20,620 इकाई थी। मुंबई में बिक्री आठ प्रतिशत घटकर 9,691 इकाई रह सकती है, जबकि नवी मुंबई में मांग छह प्रतिशत घटकर 7,212 इकाई रह सकती है। पुणे में बिक्री 16 प्रतिशत घटकर 17,762 इकाई रह सकती है। हालांकि, बेंगलुरु में बिक्री 21 प्रतिशत बढ़कर 16,840 इकाई पर पहुंच सकती है। हैदराबाद में बिक्री चार प्रतिशत बढ़कर 12,860 इकाई हो सकती है। दिल्ली-एनसीआर में भी बिक्री चार प्रतिशत बढ़कर 10,990 इकाई हो सकती है। चेन्नई में, बिक्री 4,675 इकाई से बढ़कर 5,406 इकाई पर पहुंचने का अनुमान है, जो 16 प्रतिशत की वृद्धि है। कोलकाता में इस जुलाई-सितंबर तिमाही में घरों की बिक्री पिछले साल की इसी अवधि के 3,774 इकाई से 25 प्रतिशत बढ़कर 4,732 इकाई पर पहुंचने का अनुमान है।
- नयी दिल्ली. वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच सुरक्षित निवेश के लिए खरीदारी और सौर तथा इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्रों में मजबूत औद्योगिक मांग से चांदी ने इस साल अबतक 49 प्रतिशत से अधिक रिटर्न दिया है और इस मामले में सोने और शेयर बाजार को भी पीछे छोड़ दिया है। विशेषज्ञों ने यह जानकारी दी है। उनका यह भी कहना है कि वैश्विक स्तर पर अनिश्चितता और जोखिम के बीच स्वच्छ ऊर्जा/सौर/ईवी क्षेत्र में मांग मजबूत बनी हुई है। ऐसे में कुछ सावधानियों के साथ जोखिम क्षमता के आधार पर चांदी अब भी निवेश के लिहाज से अच्छी स्थिति में है। उल्लेखनीय है कि एमसीएक्स (मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज) में चांदी बीते वर्ष 87,233 रुपये प्रति किलोग्राम थी जो 19 सितंबर, 2025 तक 49.14 प्रतिशत उछलकर 1,30,099 रुपये प्रति किलोग्राम हो गयी।मेहता इक्विटीज लि. के उपाध्यक्ष (जिंस) राहुल कलंत्री ने कहा, ‘‘इस साल चांदी की कीमतों में तेज वृद्धि हुई, जिसका कारण अमेरिकी डॉलर में कमजोर रुख और फेडरल रिजर्व (अमेरिकी केंद्रीय बैंक) द्वारा ब्याज दर में कटौती को लेकर बढ़ती उम्मीदें थीं। इसके अलावा, वैश्विक स्तर पर बढ़ती भू-राजनीतिक चिंताओं के बीच सुरक्षित निवेश के लिए खरीदारी और सौर एवं इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्रों की मजबूत औद्योगिक मांग ने इस धातु को और मजबूत किया।'' उन्होंने कहा, ‘‘इसके साथ कम आपूर्ति की स्थिति और सोने की रिकॉर्ड तेजी से भी चांदी को समर्थन मिला। वैश्विक संकेतों के अलावा, डॉलर के मुकाबले कमजोर रुपया घरेलू बाजार में चांदी को और बढ़ावा दे रहा है।'' रिटर्न के लिहाज से चांदी ने सोने और शेयर बाजार को भी पीछे छोड़ दिया है। चांदी ने सालाना आधार पर जहां इस साल अब तक 49.14 प्रतिशत का रिटर्न दिया है, वहीं सोना 43.2 प्रतिशत और शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी क्रमश: 5.74 प्रतिशत और 7.1 प्रतिशत चढ़े हैं। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लि. के वरिष्ठ प्रबंधक और विश्लेषक (जिंस एवं मुद्रा शोध) मानव मोदी ने कहा, ‘‘चांदी एक ऐसा जिंस है जिसमें बहुमूल्य और मूल धातु दोनों के गुण हैं। सफेद धातु में 2025 में उल्लेखनीय वृद्धि हुई और यह 1,30,000 रुपये प्रति किलोग्राम के सर्वकालिक घरेलू उच्चस्तर पर पहुंची और 2012 के बाद कॉमेक्स में उच्चतम स्तर 40 डॉलर प्रति औंस पर पहुंची।'' उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक तेजी के कारणों का सवाल है, मजबूत औद्योगिक मांग, मजबूत ईटीपी (एक्सचेंज ट्रेडेड प्रोडक्ट) प्रवाह, सुरक्षित निवेश की मांग और औद्योगिक धातुओं में तेजी के कारण इसमें मजबूती आई।''मोदी ने कहा, ‘‘ सौर पैनल, इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिक वाहनों में एक प्रमुख कच्चे माल के रूप में, चांदी का उपयोग होता है जिससे इसे हरित प्रौद्योगिकी में संरचनात्मक वृद्धि का लाभ मिल रहा है। इसके अलावा, चीन में नीतियों में ढील, फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में कटौती, शुल्क अनिश्चितता और वैश्विक आपूर्ति में कमी सहित सहायक वृहद आर्थिक रुझानों के साथ, चांदी सुरक्षित निवेश और आर्थिक सुधार दोनों ही विषयों से लाभ उठाने की विशिष्ट स्थिति में है।'' सिल्वर इंस्टिट्यूट के अनुसार, 2025 चांदी की आपूर्ति में कमी का लगातार पांचवां साल होगा। इसका अर्थ है कि मांग, आपूर्ति से आगे निकल रही है, और इस मांग का 50 प्रतिशत से अधिक हिस्सा औद्योगिक उपयोग से आ रहा है। यह पूछे जाने पर कि निवेश और रिटर्न के लिहाज से चांदी अब निवेशकों के लिए कितनी उपयुक्त है, कलंत्री ने कहा, ‘‘कुछ सावधानियों के साथ इसमें निवेश किया जा सकता है। स्वच्छ ऊर्जा/सौर/इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में मांग मजबूत बनी हुई है। इसके साथ, भू-राजनीतिक जोखिम, मुद्रा में कमजोर रुख बने रहने या उसके बढ़ने, आने वाले समय में ब्याज दर में कमी (इससे गैर-प्रतिफल वाली संपत्तियां अधिक आकर्षक हो जाती हैं) की उम्मीद के साथ चांदी में और तेजी आ सकती है।'' मोदी ने कहा, ‘‘उपरोक्त बुनियादी बातों को देखते हुए, मध्यम से लंबी अवधि में चांदी में और तेजी आने की संभावना है। सोने के साथ-साथ, व्यक्तिगत जोखिम क्षमता के आधार पर विविधीकरण के तौर पर चांदी को भी अपने निवेश पोर्टफोलियो में शामिल करना चाहिए। जिंस की उच्च बीटा प्रकृति को देखते हुए, गिरावट का इंतजार करना चाहिए और जोखिम क्षमता के आधार पर निवेश करना चाहिए।''
- नयी दिल्ली. भारत का ऑनलाइन घरेलू सेवा बाजार 18-22 प्रतिशत की सालाना दर से बढ़कर वित्त वर्ष 2029-30 तक 85-88 अरब रुपये तक पहुंचने का अनुमान है। एक रिपोर्ट में यह जानकारी देते हुए कहा गया कि इस बाजार को सुविधा, विश्वसनीयता और गति की बढ़ती शहरी मांग से समर्थन मिल रहा है। परामर्श फर्म रेडसीर ने कहा कि ‘क्विक कॉमर्स' को व्यापक रूप से अपनाने के बाद, ‘तत्काल घरेलू सेवा' भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था में अगले क्षेत्र के रूप में उभर रही है। समय की कमी से जूझ रहे शहरी उपभोक्ताओं के बीच यह तेजी से लोकप्रिय हो रही है।भारत का समग्र घरेलू सेवा बाजार वित्त वर्ष 2024-25 में लगभग 5,100-5,210 अरब रुपये था। अभी भी इस क्षेत्र में असंगठित क्षेत्र का प्रभुत्व है। रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘तत्काल घरेलू सेवा एक मांग आधारित घरेलू सहायता प्रणाली की तरह काम करती है, जो असंगठित घरेलू सहायकों और सेवा मंचों के बीच की खाई को पाटती है।'' इसमें आगे कहा गया कि भारत के घरेलू सेवा क्षेत्र में वित्त वर्ष 2024-25 तक ऑनलाइन खंड कुल कारोबार का एक प्रतिशत से भी कम था। हालांकि, अब ऑनलाइन खंड तेजी से बढ़ रहा है और इसके 18-22 प्रतिशत की अनुमानित वार्षिक वृद्धि दर के साथ 2029-30 तक 88 अरब रुपये तक पहुंचने का अनुमान है।
- नयी दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को लोगों से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में की गई अपील के अनुरूप, दैनिक उपयोग की वस्तुओं में स्वदेशी उत्पादों को अपनाने का आग्रह किया। शाह ने कहा कि ‘आत्मनिर्भर भारत' के संकल्प को पूरा करने में अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों की अहम भूमिका होगी। गृह मंत्री ने कहा कि राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने स्वदेशी अपनाने का आह्वान किया और बताया कि कैसे अगली पीढ़ी का जीएसटी आत्मनिर्भरता को मजबूत करेगा। शाह ने कहा कि विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए कृषि, स्वास्थ्य, कपड़ा और ‘मैन मेड फाइबर' जैसे क्षेत्रों में जीएसटी कम करने की पहल की गई है।शाह ने ‘जीएसटी बचत उत्सव' हैशटेग के साथ ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘आत्मनिर्भर भारत के संकल्प की सिद्धि में अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों की बड़ी भूमिका होने वाली है। मोदी जी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में स्वदेशी अपनाने का आह्वान करते हुए बताया कि कैसे अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों से आत्मनिर्भरता को मजबूती मिलेगी। कृषि, स्वास्थ्य, कपड़ा, ‘मैन-मेड फाइबर' जैसे क्षेत्रों में जीएसटी घटाकर विनिर्माण को बढ़ावा देने की पहल की गई है। आप भी अपने दैनिक उपयोग की वस्तुओं में स्वदेशी को अपनाकर हर घर को स्वदेशी का प्रतीक बनाएं और आत्मनिर्भर राष्ट्र के निर्माण में योगदान दें।'' जीएसटी दरों में कटौती लागू होने से एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को स्वदेशी वस्तुओं को बढ़ावा देने की पुरजोर वकालत की। उन्होंने कहा कि अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार भारत की वृद्धि गाथा को गति देंगे, कारोबारी सुगमता को बढ़ाएंगे और अधिक निवेशकों को आकर्षित करेंगे। मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि नवरात्रि के पहले दिन से 'जीएसटी बचत उत्सव' शुरू होगा और आयकर छूट के साथ यह ज्यादातर लोगों के लिए ''दोहरा लाभ'' होगा।
- नयी दिल्ली. पतंजलि फूड्स लिमिटेड ने सोमवार से सोयाबीन बड़ी सहित विभिन्न उत्पादों की अधिकतम खुदरा कीमतों (एमआरपी) में कमी की है। कंपनी ने जीएसटी कटौती का लाभ उपभोक्ताओं को देने के तहत यह कदम उठाया। पतंजलि फूड्स ने रविवार को एक बयान में जीएसटी युक्तिकरण के अनुरूप अपने उत्पाद पोर्टफोलियो के एमआरपी को कम करने की जानकारी दी। बयान में कहा गया कि संशोधित कीमतें खाद्य और गैर-खाद्य श्रेणियों की पूरी श्रृंखला पर लागू होंगी।पतंजलि फूड्स ने सोयाबीन बड़ी की कीमतें भी घटाई हैं। न्यूट्रेला चंक्स, मिनी चंक्स और ग्रैन्यूल्स (एक किलो पैक) सोमवार से 190 रुपये में बिकेंगे, जो अभी 210 रुपये में मिलते हैं। इसके अलावा 200 ग्राम वाले पैक में तीन रुपये की छूट मिलेगी। बिस्कुट और कुकीज श्रेणी में दूध बिस्कुट (35 ग्राम) की एमआरपी पांच रुपये से घटाकर 4.5 रुपये कर दी गई है। नूडल्स में पतंजलि ट्विस्टी टेस्टी नूडल्स (50 ग्राम) अब 10 रुपये की जगह 9.35 रुपये में बेचा जाएगा। पतंजलि फूड्स ने दांतों और बालों की देखभाल के उत्पादों की दरें भी कम कर दी हैं।दंत कांति नेचुरल टूथपेस्ट 200 ग्राम की एमआरपी 120 रुपये से घटाकर 106 रुपये कर दी गई है। केश कांति आंवला हेयर ऑयल (100 मिली) की खुदरा कीमत सोमवार से 48 रुपये से घटकर 42 रुपये हो जाएगी। इसी प्रकार, स्वास्थ्य एवं आरोग्य उत्पादों में आंवला जूस (एक लीटर) सोमवार से 140 रुपये में बेचा जाएगा, जबकि वर्तमान में इसकी कीमत 150 रुपये है। सोमवार से स्पेशल च्यवनप्राश के एक किलोग्राम पैक की कीमत 337 रुपये होगी, जो अभी 360 रुपये है। डेयरी उत्पादों में पतंजलि ने गाय के घी (900 मिली) की कीमत 780 रुपये से घटाकर 732 रुपये कर दी है।
- पणजी. गोवा प्रबंधन संस्थान और ब्रिटेन के किंग्स्टन विश्वविद्यालय के एक अध्ययन में पाया गया है कि रूस-यूक्रेन युद्ध तथा अस्थिर कोयला बाजार जैसे वैश्विक संकट भारत में बिजली की लागत को सीधे प्रभावित कर रहे हैं और निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए उच्च प्रीमियम का भुगतान करना पड़ रहा है। अध्ययन में विशेष रूप से इस बात की पड़ताल की गई कि भारत के ‘डे अहेड' बाजार में बिजली की कीमतें ‘रियल टाइम मार्केट' की कीमतों से लगातार अधिक क्यों हैं। अध्ययन में पता चला कि कोयला मूल्य में उतार-चढ़ाव, भू-राजनीतिक जोखिम, घरेलू मांग परिदृष्य और नीतिगत अनिश्चितता इसके प्रमुख कारण हैं। रियल टाइम मार्केट में बिजली का व्यापार और वास्तविक प्रदायगी के समय के आसपास, आमतौर पर जरूरत से एक घंटा पहले किया जाता है। ‘डे-अहेड मार्केट' (डीएएम) में बिजली वास्तविक उपयोग होने से एक दिन पहले खरीदी और बेची जाती है।प्रतिष्ठित पत्रिका ‘एनर्जी इकोनॉमिक्स' में प्रकाशित अध्ययन में पहली बार यह साबित करने का दावा किया गया है कि ये झटके महत्वपूर्ण जोखिम प्रीमियम में तब्दील हो जाते हैं, जिसका अर्थ है कि भारतीय परिवार और व्यवसाय निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए उच्च जोखिम प्रीमियम का भुगतान कर रहे हैं। गोवा प्रबंधन संस्थान के एसोसिएट प्रोफेसर प्रकाश सिंह के अनुसार, रूस-यूक्रेन युद्ध ने जोखिम प्रीमियम और बाजार में अस्थिरता को काफी हद तक बढ़ा दिया है। सिंह ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘कोयले की कीमतों में बढ़ोतरी ने आपूर्ति पक्ष की अनिश्चितता को बढ़ाकर जोखिम प्रीमियम को बढ़ा दिया, जबकि बाद में मूल्य अध्ययननों ने उन्हें काफी कम कर दिया। भारत में, एक दिन पहले की बिजली की कीमतें औसतन वास्तविक समय की कीमतों से काफी अधिक होती हैं, जिसके परिणामस्वरूप ‘जोखिम प्रीमियम' बढ़ जाता है। इससे यह संकेत मिलता है कि उपभोक्ता आपूर्ति अनिश्चितता से बचने के लिए अतिरिक्त भुगतान करने को तैयार रहें।''उन्होंने बताया कि व्यस्त समय (शाम 6 से 11 बजे तक) के दौरान जोखिम प्रीमियम काफी अधिक होता है तथा सप्ताहांत में 13 प्रतिशत तक बढ़ जाता है, जो आपूर्ति की गंभीर कमी को दर्शाता है। सिंह ने कहा, ‘‘भू-राजनीतिक जोखिम और आर्थिक नीति में अनिश्चितता दोनों की वजह से जोखिम प्रीमियम बढ़ने की बात सामने आई है। भारत के बिजली बाजार वैश्विक उथल-पुथल और घरेलू आपूर्ति बाधाओं से जूझ रहे हैं। हमारे अध्ययन में इस बात पर जोर दिया गया है कि तेज विविधीकरण और बेहतर बाज़ार के बिना भारतीय उपभोक्ताओं और व्यवसायों को दूरवर्ती भू-राजनीतिक संकटों से उत्पन्न अस्थिरता का ख़ामियाज़ा भुगतना पड़ता है।” उन्होंने कहा, ‘‘भविष्य में ऊर्जा सुरक्षा और सामर्थ्य सुनिश्चित करने के लिए इन कमजोरियों का अभी समाधान करना आवश्यक है।'' इस अध्ययन पत्र के सह-लेखक किंग्स्टन विश्वविद्यालय के वरिष्ठ व्याख्याता जलाल सिद्दीकी ने कहा कि इस अध्ययन के निष्कर्षों के कई महत्वपूर्ण आवश्यकताएं बताई गई हैं, जिनमें भारत के ऊर्जा उत्पादन को कोयले से अलग करके उसमें विविधता लाने और भंडारण समाधानों के साथ नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश करने की आवश्यकता शामिल है। उन्होंने कहा, ‘‘यह अध्ययन नियामकों को बिजली बाजारों को नया स्वरूप देने के लिए साक्ष्य प्रदान कर सकता है ताकि अकुशलताएं कम से कम हों और अस्थिरता का बेहतर प्रबंधन हो सके।”
- मापुसा . उत्तरी गोवा में केले के व्यापार में जल्द ही बदलाव देखने को मिलेगा क्योंकि गोवा सरकार मापुसा शहर में फलों को वैज्ञानिक विधि से पकाने के लिए एक कक्ष (चेंबर) स्थापित करने जा रही है। इससे ग्राहकों को सुरक्षित और रसायन मुक्त फल उपलब्ध होंगे, किसानों की आमदनी बढ़ेगी, साथी ही फलों की बर्बादी भी कम होगी। अधिकारियों ने बताया कि यह कक्ष राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत बनाया गया है, जिसमें केंद्र सरकार ने 35 प्रतिशत सब्सिडी दी है। अधिकारियों के अनुसार, यह सुविधा अगले महीने तक उपयोग के लिए तैयार हो जाएगी। राज्य के कृषि निदेशक संदीप फोल्डेसाई ने शनिवार को बताया, "इस चेंबर की स्थापना का मुख्य उद्देश्य उत्तरी गोवा में उपभोक्ताओं को वैज्ञानिक तरीके से पके फल उपलब्ध कराना है।फलों को प्राकृतिक प्रक्रिया से पकाया जाएगा, जिससे उनके पोषण मूल्य में वृद्धि होगी।" उन्होंने कहा कि यह सुविधा स्थानीय किसानों के लिए उपलब्ध कराई जाएगी ताकि बाजार में उन्हें अपने फलों के लिए बेहतर दाम मिल सकें। अधिकारियों के अनुसार, इस चेंबर में हर चार दिन में 60 टन केले पकाए जा सकते हैं। अधिकारियों के अनुसार, पकाने के लिए इथिलीन गैस का उपयोग किया जाएगा और चेंबर में सेंसर लगे होंगे। फोल्डेसाई ने कहा, “यह केले पकाने का वैज्ञानिक और स्वच्छ तरीका है। इससे पके केले स्वास्थ्य के लिहाज से भी सुरक्षित होंगे।” अधिकारी ने बताया कि मापुसा की फल मंडी में रोजाना 10 से 12 टन केले पहुंचते हैं और यह सुविधा निजी किसानों के लिए भी उपलब्ध होगी। उत्तर गोवा के फल विक्रेताओं के लिए यह सुविधा लंबे समय से प्रतीक्षित राहत लेकर आई है।मापुसा के फल विक्रेता अमेय नाटेकर ने कहा, “हम खुश हैं कि सरकार ने केले पकाने के चेंबर की वर्षों पुरानी मांग को पूरा किया है। यह दशहरा तक चालू हो जाएगा।” उन्होंने बताया कि यह दो करोड़ रुपये की परियोजना है, जिसे मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत और कृषि मंत्री रवि नाइक के सहयोग से तेजी से पूरा किया गया।
- लखनऊ. उत्तर प्रदेश के कपिलवस्तु स्थित पिपरहवा में रखे भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों का रूस के काल्मिकिया में प्रदर्शन किया जाएगा। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य इन अवशेषों को प्रदर्शनी के लिए ले जाने वाले प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। यहां रविवार को जारी एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, केंद्र सरकार का संस्कृति मंत्रालय आगामी 24 सितंबर से एक अक्टूबर तक रूस के काल्मिकिया में भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों का प्रदर्शन आयोजित कर रहा है। इसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने सूचित किया है कि उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री मौर्य पवित्र अवशेषों को रूस ले जाने वाले प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे।मौर्य प्रतिनिधिमंडल के साथ 23 सितंबर को भारतीय वायुसेना के विमान से रूस रवाना होंगे।प्रतिनिधिमंडल अपने साथ भगवान बुद्ध के पवित्र पिपरहवा (कपिलवस्तु) अवशेषों को ले जाएगा। बयान के अनुसार, काल्मिकिया ऐसा क्षेत्र है जहां बौद्ध धर्मावलम्बियों की खासी आबादी है और वहां बौद्ध धर्म केवल मजहब ही नहीं बल्कि संस्कृति और परंपरा का हिस्सा है। मौर्य ने बताया कि कपिलवस्तु अवशेषों की अंतरराष्ट्रीय यात्रा भारत की ‘सॉफ्टपावर' और सांस्कृतिक कूटनीति का प्रभावी माध्यम बनेगी। उन्होंने कहा, “ इससे पहले थाईलैंड और वियतनाम में भगवान बुद्ध के अवशेषों की प्रदर्शनी आयोजित की जा चुकी है। थाईलैंड और वियतनाम की सफलता ने वैश्वक स्तर पर भारत की प्रतिष्ठा बढ़ायी है।” मौर्य ने बताया कि रूस में होने वाली प्रदर्शनी इस गौरवशाली परम्परा को आगे बढ़ाएगी और भारत की सांस्कृतिक छवि को और निखारेगी जिससे द्विपक्षीय संबंधों को सुदृढ़ करने के साथ सांस्कृतिक व राजनीतिक रिश्तों में और गहराई आएगी।
- नयी दिल्ली. देश में गोद लिये जाने की प्रतीक्षा कर रहे बच्चों में से करीब दो-तिहाई विशेष देखभाल की आवश्यकता वाले बच्चे हैं, जबकि पिछले कुछ वर्षों में गोद लेने की कुल संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि देखी गई है। सरकार के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। महिला एवं बाल विकास (डब्ल्यूसीडी) मंत्रालय की नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में 3,684 बच्चे गोद लेने के लिए कानूनी रूप से अनुमोदित थे और 2,177 बच्चे केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (कारा) के माध्यम से गोद लेने के लिए उपलब्ध थे। इन 2,177 बच्चों में से 1,423 या 65 प्रतिशत विशेष देखभाल की आवश्यकता वाले बच्चे थे। विशेष देखभाल की आवश्यकता वाले बच्चों को गोद लेने के लिए लगातार प्रयासों और जागरूकता अभियानों के बावजूद, आधिकारिक अभिलेख बताते हैं कि इन बच्चों को गोद लेने के मामले अपेक्षाकृत बहुत कम हैं।एक आरटीआई के तहत प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 2018-19 में ऐसे बच्चों के दत्तक ग्रहण के 401 मामले थे, लेकिन अगले वर्ष यह संख्या घटकर 166 रह गई। इसके बाद से यह संख्या हर साल 300 से 370 के बीच रही है। वर्ष 2024-25 में विशेष देखभाल की आवश्यकता वाले 328 बच्चों को गोद लिया गया, जिनमें ‘‘अन्य लिंग'' श्रेणी में सूचीबद्ध एक बच्चा भी शामिल है। वर्ष 2014 के बाद यह पहली बार हुआ है। हालांकि, रिपोर्ट के अनुसार, भारत में समग्र दत्तक ग्रहण व्यवस्था को 2024-25 में बड़ा प्रोत्साहन मिला और इस दौरान 4,515 दत्तक ग्रहण हुए और यह आंकड़ा 2015-16 के बाद से सबसे अधिक है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 2024 में 4,266 गोद लेने की घटनाएं दर्ज की गईं।अंतर-देशीय दत्तक ग्रहण में 93 बच्चों को भारतीय मूल के विदेशी नागरिकों (ओसीआई), 59 को अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) और 306 बच्चों को विदेशी नागरिकों ने गोद लिया। रिपोर्ट में दत्तक ग्रहण प्रणाली में हुए अहम बदलावों का भी उल्लेख है।उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के बाद कारा ने जुलाई 2024 में एक ‘‘पहचान प्रकोष्ठ'' स्थापित किया, ताकि सभी बाल देखभाल संस्थानों (सीसीआई) में रह रहे बच्चों को 'केयरिंग्स पोर्टल' पर दर्ज किया जा सके। बढ़ते दत्तक ग्रहण तंत्र को समर्थन देने के लिए विशेषीकृत दत्तक ग्रहण एजेंसियों की संख्या 495 से बढ़कर 698 हो गई, जो 588 जिलों को सम्मेलित करती हैं। बाल कल्याण समितियां 480 से बढ़कर 665 हो गईं और जिला बाल संरक्षण इकाइयों की संख्या 756 हो गई।कारा विशेष देखभाल की आवश्यकता वाले और बड़े बच्चों के दत्तक ग्रहण को प्रोत्साहित करने के लिए जागरूकता अभियान भी चला रहा है। वर्ष 2024 में विशेष देखभाल की आवश्यकता वाले 364 बच्चों को भावी दत्तक माता-पिता द्वारा ‘‘आरक्षित'' किया गया, जिससे धीरे-धीरे रुचि बढ़ने का संकेत मिला है।



























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