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- नयी दिल्ली.। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन पर उन्हें बधाई दी और कहा कि प्रधानमंत्री पिछले पांच दशक से भी अधिक समय से लोगों के कल्याण के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं और वह प्रत्येक नागरिक के लिए ‘राष्ट्र प्रथम' के आदर्श वाक्य की जीवंत प्रेरणा हैं। ‘हैप्पी बर्थडे पीएम मोदी' हैशटैग के साथ ‘एक्स' पर अपने पोस्ट में शाह ने यह भी कहा कि ‘‘व्यवस्था में शुचिता, निर्णयों में दृढ़ता और नीतियों में स्पष्टता लाने वाले मोदी जी ने शासन के केंद्र में वंचितों, पिछड़ों, गरीबों, महिलाओं और आदिवासियों को लाने का अविस्मरणीय कार्य किया है। करोड़ों देशवासियों के जीवन में अकल्पनीय परिवर्तन लाकर ‘विकसित' और ‘आत्मनिर्भर भारत' की निर्माण यात्रा से उन्हें जोड़ने वाले मोदी जी पर पूरे देश को गर्व है।'' शाह ने कहा कि ‘‘देश के लिए त्याग, तपस्या और सर्वस्व समर्पण का नाम है- श्री नरेन्द्र मोदी जी।''उन्होंने कहा, ‘‘सामाजिक जीवन में पांच दशक से अधिक समय से देशवासियों के कल्याण हेतु बिना रुके, बिना थके अनवरत कार्य करने वाले मोदी जी हर एक देशवासी के लिए ‘राष्ट्र प्रथम' की जीवंत प्रेरणा हैं।'' गृह मंत्री ने कहा कि संघ (आरएसएस) से संगठन और सरकार तक, मोदी जी की जीवन यात्रा बताती है कि जब निश्चय हिमालय के समान अडिग और दृष्टि समुद्र के समान विशाल हो, तो कितने व्यापक परिवर्तन संभव हैं। उन्होंने कहा, ‘‘करोड़ों देशवासियों के जीवन में अकल्पनीय परिवर्तन लाकर ‘विकसित' और ‘आत्मनिर्भर भारत' की निर्माण यात्रा से उन्हें जोड़ने वाले मोदी जी पर पूरे देश को गर्व है।'' शाह ने कहा, ‘‘बीते चार दशक से मोदी जी को अलग-अलग दायित्वों में देख रहा हूं। चाहे संघ के प्रचारक हों, भाजपा के संगठन मंत्री, गुजरात के मुख्यमंत्री या बीते 11 वर्षों से देश के प्रधानमंत्री, मोदी जी ने हमेशा राष्ट्र प्रथम को आगे और स्वयं को पीछे रखा है। मेरे जैसे कार्यकर्ता सौभाग्यशाली हैं, जिन्हें उनके साथ उनकी हर भूमिका में कार्य करने का अवसर मिला।'' गृह मंत्री ने कहा कि चाहे कोई भी दायित्व हो, मोदी जी ने हमेशा रचनात्मक कार्यों और निर्णयों को बढ़ावा दिया। शाह ने कहा कि मोदी ने जिन क्षेत्रों में विकास पहुंचना तो दूर, जहां की लोग बात तक नहीं करते थे, मोदी जी ने उन क्षेत्रों में पिछले 11 वर्षों में विश्वस्तरीय बुनियादी संरचना पहुंचाने का कार्य किया है। उन्होंने कहा, ‘‘असम में सबसे लंबा पुल, कश्मीर में दुनिया का सबसे ऊंचा चिनाब रेलवे ब्रिज, सेमीकंडक्टर इकाई, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, मोदी सरकार में हर क्षेत्र में नंबर 1 बन रहे भारत के ये प्रतीक हैं। आज जब रेहड़ी-पटरी पर सब्जी बेचने वाले भी गर्व से यूपीआई दिखाते हैं, तब नरेन्द्र मोदी होने का अर्थ समझ आता है।'' शाह ने कहा कि मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया की 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था में ‘ब्राइट स्पॉट' कहा है, और देश की विकास दर दुनिया में सबसे अधिक रही है। शाह ने कहा, ‘‘आज भारत में 60 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आ रहे हैं और देश वैश्विक अर्थव्यवस्था का नेता भी बन रहा है। यह मोदी एरा (युग) में ही संभव था।'' उन्होंने कहा कि समस्याओं को दूरदृष्टि से देखना और उनका पूरी निष्ठा से समाधान करना मोदी जी के व्यक्तित्व की खासियत है। शाह ने कहा, ‘‘पूरा विश्व उन्हें ‘प्रॉब्लम-सॉल्विंग' नेता मानता है।'' उन्होंने कहा, ‘‘युद्धों, तनावों और वैश्विक लॉबी के दौर में मोदी जी पूरी दुनिया के सामने संवाद-सेतु बनकर उभरे हैं। इसी कारण दुनिया के 27 देशों ने विश्व-मित्र मोदी जी को सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया है। यह उनके वैश्विक नेतृत्व का प्रतीक है।'' गृह मंत्री ने कहा कि मोदी के नेतृत्व में भारत वैश्विक आकांक्षाओं का केंद्र बन गया है। ‘‘चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव से द्वारका में समुद्र की गहराई तक, उन्होंने विरासत और विज्ञान दोनों को गौरवान्वित किया है।'' उन्होंने कहा, ‘‘उनके नेतृत्व में, भारत अंतरिक्ष क्षेत्र में नए मील के पत्थर स्थापित कर रहा है। स्वदेशी कोविड टीकों और स्वदेशी रक्षा प्रणालियों से लेकर स्टार्टअप, नवाचार, किसानों की फसलों के उचित मूल्य सुनिश्चित करने और विनिर्माण मिशन तक, मोदी एक ऐसे भारत का निर्माण कर रहे हैं जो हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर है।''
- नयी दिल्ली। उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को उनके जन्मदिन पर बधाई देते हुए बुधवार को कहा कि उनके नेतृत्व में भारत वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बना रहा है। सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक पोस्ट में राधाकृष्णन ने मोदी के दीर्घायु होने, स्वस्थ रहने और देश की सेवा में समर्पित जीवन की कामना की। उन्होंने कहा, ‘‘माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई। आपके दूरदर्शी नेतृत्व में भारत वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बना रहा है और एक विकसित राष्ट्र के लक्ष्य की ओर निरंतर आगे बढ़ रहा है।'' प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार को 75 वर्ष के हो गए। केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्य सरकारों ने दो अक्टूबर तक देशभर में स्वास्थ्य शिविरों के आयोजन, स्वच्छता अभियानों, स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए मेलों और बुद्धिजीवियों के समागम जैसे अनेक जनसंपर्क, कल्याण, विकास और जागरूकता कार्यक्रमों की योजना बनाई है।
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नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने वोटरों की सुविधा और स्पष्टता बढ़ाने के लिए ईवीएम बैलेट पेपर के डिजाइन और प्रिंटिंग से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव किया है। यह संशोधन चुनाव नियम 1961 के नियम 49B के तहत किया गया है। इन नए प्रावधानों के तहत उम्मीदवारों की तस्वीरें अब बैलेट पेपर पर रंगीन रूप में छपी होंगी और चेहरा तस्वीर के तीन-चौथाई हिस्से में होगा ताकि वह साफ और आसानी से पहचाना जा सके।
चुनाव आयोग ने पिछले छह महीनों में चुनाव प्रक्रिया को सरल और सुविधाजनक बनाने के लिए 28 अहम पहलें की हैं और यह कदम उसी श्रृंखला का हिस्सा है। अब उम्मीदवारों और ‘नोटा’ (NOTA) के क्रमांक अंतरराष्ट्रीय भारतीय अंकों के रूप में लिखे जाएंगे। उनकी फॉन्ट साइज 30 और बोल्ड होगी ताकि मतदाताओं को स्पष्ट रूप से दिखाई दे। सभी उम्मीदवारों और ‘नोटा’ के नाम एक ही फॉन्ट और एक ही आकार में बड़े अक्षरों में छापे जाएंगे जिससे समानता और स्पष्टता बनी रहे।नए बैलेट पेपर 70 GSM पेपर पर छापे जाएंगे। विधानसभा चुनावों के लिए इन बैलेट पेपरों का रंग गुलाबी होगा और इसके लिए तय किए गए विशेष RGB मानों का इस्तेमाल किया जाएगा। इन बदलावों का इस्तेमाल सबसे पहले आगामी बिहार चुनावों में किया जाएगा और इसके बाद अन्य राज्यों में भी इसे लागू किया जाएगा।इन सुधारों से मतदाताओं को मतदान प्रक्रिया के दौरान आसानी होगी और बैलेट पेपर अधिक पढ़ने योग्य और स्पष्ट दिखाई देंगे। - - नयी दिल्ली. केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मंगलवार को कहा कि भारत ने चालू वित्त वर्ष के पहले पांच माह (अप्रैल-अगस्त) के दौरान 23 गीगावाट की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता जोड़ी है। उन्होंने कहा कि देश अब 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय क्षमता हासिल करने के मार्ग पर आगे बढ़ रहा है। केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में ‘एफटी लाइव एनर्जी ट्रांजिशन समिट इंडिया' को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की। जोशी ने अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों सहित उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘इस वित्त वर्ष में अबतक भारत ने केवल पांच महीनों में 23 गीगावाट नवीकरणीय क्षमता जोड़ी है।यह एक ऐसी उपलब्धि है जिसे अधिकांश देश कई वर्षों में हासिल नहीं कर सकते।'' नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में देश की प्रगति का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि भारत ने आज अपनी स्थापित गैर-जीवाश्म क्षमता को लगभग 252 गीगावाट तक बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘हम 500 गीगावाट के अपने लक्ष्य का आधा पड़ाव पार कर चुके हैं। इसके अलावा, भारत ने गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से अपनी स्थापित बिजली क्षमता का 50 प्रतिशत भी हासिल कर लिया है, जो पेरिस समझौते में राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) के तहत निर्धारित लक्ष्य से पांच साल पहले है। वास्तव में, जी20 देशों में, भारत 2021 तक अपने 2030 के लक्ष्यों को हासिल करने वाला एकमात्र देश है।'' उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत लगभग 20 लाख (लक्षित एक करोड़ का 20 प्रतिशत) घरों को सौर ऊर्जा से रोशन किया गया है। इस योजना से छतों पर सौर ऊर्जा संयंत्रों के माध्यम से 30 गीगावाट सौर क्षमता जुड़ने का अनुमान है।जोशी ने कहा कि सही मायने में सूर्य घर से लाभान्वित होने वाले परिवारों की संख्या ऑस्ट्रिया, स्विट्जरलैंड, इजराइल या सिंगापुर जैसे देशों की जनसंख्या से भी अधिक है। उन्होंने कहा, ‘‘देखिए, लगभग 51 प्रतिशत देशों की जनसंख्या एक करोड़ से कम है। इसलिए हम इसी पैमाने पर काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के माध्यम से, लाखों परिवार स्वच्छ ऊर्जा के उत्पादक बन गए हैं।'' उन्होंने आगे कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में भारत का उदय असाधारण रहा है। कुछ ही साल में भारत सौर, पवन और हरित हाइड्रोजन परियोजनाओं का तेजी से विस्तार करते हुए एक वैश्विक ताकत बन गया है। ‘‘हमारी सौर मॉड्यूल निर्माण क्षमता अब 100 गीगावाट है, जो मार्च, 2024 और मार्च, 2025 के बीच दोगुनी हो गई है। इसी दौरान, हमारी पीवी सेल निर्माण क्षमता नौ गीगावाट से तिगुना होकर 25 गीगावाट हो गई है और आज यह 27 गीगावाट है।''
- नयी दिल्ली. केंद्र ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से वीजा अवधि समाप्त होने के बाद भी देश में रह रहे लगभग 16,000 विदेशी नागरिकों की पहचान करने को कहा है। आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि इन विदेशों नागरिकों में से ज्यादातर अफ्रीकी देशों से हैं और ये मादक पदार्थों की तस्करी सहित अन्य अपराधों में शामिल हो सकते हैं। देश की संघीय मादक पदार्थ निरोधक एजेंसी स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक पत्र भेजकर ऐसे लोगों का पता लगाने और संशोधित विदेशी अधिनियम के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है। यह अधिनियम भारत में विदेशियों के आव्रजन, प्रवेश और प्रवास को नियंत्रित करता है।अधिकारियों ने बताया कि यह पाया गया कि ऐसे कई विदेशी मादक पदार्थों की तस्करी में लिप्त हैं, जिनमें से कुछ आदतन अपराधी भी हैं। उन्होंने बताया कि यह भी पाया गया कि इन लोगों के वीजा की अवधि समाप्त हो चुकी थी लेकिन वे अब भी देश में हैं और उनमें से कई मादक पदार्थों की तस्करी से संबंधित अपराधों में लिप्त हैं। एनसीबी की 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, देश में विभिन्न एजेंसियों ने मादक पदार्थों से संबंधित अपराधों में कथित रूप से लिप्त कुल 660 विदेशियों को गिरफ्तार किया। रिपोर्ट में बताया गया कि इनमें से 203 नागरिक नेपाल से, 106 नाइजीरिया से, 25 म्यांमा से, 18 बांग्लादेश से, 14 आइवरी कोस्ट से और 13 घाना से थे। रिपोर्ट के मुताबिक, इसके अलावा 200 से ज्यादा ऐसे लोग भी थे, जिनकी राष्ट्रीयता की पहचान नहीं हो पाई।
- नयी दिल्ली. पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने जैव-ईंधन के इस्तेमाल से वाहनों के इंजन को नुकसान होने संबंधी दावे को मंगलवार को 'बकवास' बताते हुए खारिज कर दिया। इसके साथ ही पुरी ने कहा कि 20 प्रतिशत एथनॉल के मिश्रण वाले पेट्रोल (ई-20) का वाहनों में इस्तेमाल पर्यावरण के लिहाज से पूरी तरह सुरक्षित है। पेट्रोलियम मंत्री ने केपीएमजी के वार्षिक ऊर्जा एवं संसाधन सम्मेलन 'एनरिच 2025' को संबोधित करते हुए कहा, “जैव-ईंधन से इंजन खराब होने की जो कहानियां सुनते हैं, वे सब ‘बीएस' हैं।” यहां पर उनका इशारा बकवास के अंग्रेजी तंज की तरफ था।उन्होंने कहा कि गन्ने या अनाज से प्राप्त एथनॉल से बनाया जाने वाला ई-20 पेट्रोल देशभर के 90,000 से अधिक पेट्रोल पंपों पर उपलब्ध है और वाहनों में इस्तेमाल के लिए सुरक्षित है। कुछ वाहन चालकों और वाहन विनिर्माताओं ने पुराने वाहनों पर ई-20 पेट्रोल के असर को लेकर चिंताएं जताई थीं, लेकिन बाद में कहा गया कि वाहन इसके इस्तेमाल को लेकर सुरक्षित हैं। हालांकि पुरी ने यह स्वीकार किया कि ई-20 के इस्तेमाल पर पुराने वाहनों में रबर से बने कुछ कलपुर्जों और गैस्केट को बदलने की जरूरत हो सकती है लेकिन यह एक 'सरल प्रक्रिया' है। उन्होंने कहा कि 2014 में पेट्रोल में एथनॉल मिश्रण मात्र 1.4 प्रतिशत होता था, जो अब बढ़कर 20 प्रतिशत हो गया है। मंत्री ने कहा, "अब मैं इसे यहीं पर पूरी तरह रोक देना चाहता हूं। अब हम इसका आकलन करेंगे कि हमें कहां जाना है। आप जो भी कहानियां सुनते हैं कि हम इसे लेकर एक और छलांग लगाने जा रहे हैं, अभी हम उस निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे हैं।" पुरी ने कहा कि भारत की ऊर्जा मांग अगले दो दशकों में वैश्विक औसत से तीन गुना बढ़ने का अनुमान है और दुनिया की ऊर्जा मांग में 25 प्रतिशत वृद्धि अकेले भारत से होगी। ऐसे में आयात पर 88 प्रतिशत निर्भरता को कम करने और उत्सर्जन घटाने के लिए जैव-ईंधन अनिवार्य है। पिछले महीने मंत्रालय ने स्पष्ट किया था कि ई-20 पेट्रोल से वाहनों के माइलेज में केवल एक-दो प्रतिशत (चार पहिया वाहनों में) और तीन-छह प्रतिशत (अन्य वाहनों में) की गिरावट होती है।
- नई दिल्ली। केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को कहा कि भारत में बढ़ती हुई कुशल प्रतिभा की संख्या ग्लोबल सेमीकंडक्टर डिजाइन कंपनियों को बड़ी संख्या में आकर्षित कर रही है. बेंगलुरु में चिप डिजाइन क्षेत्र की दिग्गज कंपनी ARM के नए कार्यालय के उद्घाटन समारोह में बोलते हुए उन्होंने कहा कि भारत सरकार की सेमीकंडक्टर मिशन का मुख्य उद्देश्य एक मजबूत और गहरी प्रतिभा श्रृंखला विकसित करना है, और अब इसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं.मंत्री ने कहा, “सेमीकंडक्टर मिशन के तहत हमारा एक बड़ा लक्ष्य एक गहरी टैलेंट पाइपलाइन तैयार करना रहा है. यह अब दिखाई दे रहा है, क्योंकि दुनिया की कई प्रमुख डिजाइन कंपनियां भारत आ रही हैं — क्योंकि यहां टैलेंट मौजूद है.”278 विश्वविद्यालयों में सेमीकंडक्टर शिक्षा का विस्तारअश्विनी वैष्णव ने बताया कि सेमीकंडक्टर मिशन के अंतर्गत देशभर के 278 विश्वविद्यालयों और संस्थानों को सहायता प्रदान की जा रही है, जहां छात्रों को अब दुनिया के नवीनतम EDA टूल्स के माध्यम से चिप डिजाइन की पढ़ाई कराई जा रही है. उन्होंने बताया कि अब तक छात्रों द्वारा 28 चिप्स डिजाइन किए जा चुके हैं, जो भारत में सेमीकंडक्टर डिजाइन के प्रति वैश्विक कंपनियों के भरोसे को दर्शाता है.ARM भारत में बनाएगी 2 नैनोमीटर चिप्सउन्होंने यह भी घोषणा की कि ARM अपने बेंगलुरु स्थित नए कार्यालय से 2 नैनोमीटर (2nm) चिप्स सहित कई उन्नत चिप्स का डिजाइन कार्य करेगी. मंत्री ने ARM की टीम को बधाई देते हुए कहा कि इस तरह के अत्याधुनिक कार्य के लिए भारत को केंद्र बनाना एक बड़ा कदम है.उन्होंने यह भी बताया कि चिप डिजाइन के साथ-साथ अब सप्लाई चेन के अन्य हिस्सों जैसे केमिकल, गैस, सब्सट्रेट्स और मैन्युफैक्चरिंग इक्विपमेंट्स से जुड़े इकोसिस्टम पार्टनर्स भी भारत में अपने केंद्र स्थापित कर रहे हैं.डीप टेक फंड और सेमीकंडक्टर मिशन 2.0अश्विनी वैष्णव ने आगे बताया कि सरकार ने उन्नत तकनीकों में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए "इंडिया डीप टेक फंड" लॉन्च किया है, जिसकी शुरुआत $1 बिलियन की राशि से की गई है. इस फंड का उद्देश्य एआई, सेमीकंडक्टर, बायोटेक जैसे क्षेत्रों में स्टार्टअप्स और अनुसंधान को सहायता देना है.उन्होंने बताया कि जल्द ही सेमीकंडक्टर मिशन का वर्जन 2.0 लाया जाएगा, जिसमें सिर्फ चिप डिजाइन और मैन्युफैक्चरिंग नहीं, बल्कि उससे जुड़ी मशीनों, उपकरणों और मटेरियल्स के स्थानीय निर्माण पर भी फोकस किया जाएगा.उन्होंने कहा. “हम पूरी सेमीकंडक्टर स्टैक पर काम कर रहे हैं — डिजाइन से लेकर मैन्युफैक्चरिंग तक, उपकरणों से लेकर मटेरियल्स तक, और प्रतिभा निर्माण से लेकर वैश्विक नेतृत्व तक. यह सिर्फ शुरुआत है, आगे की प्रगति और भी बेहतर होगी,”
- हरिद्वार। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मंगलवार को कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) को सदैव मानवता की सेवा करनी चाहिए और इसे मानव को नियंत्रित करने का साधन नहीं बनने देना चाहिए। बिरला ने इस बात पर बल दिया कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता आध्यात्मिक ज्ञान और नैतिक उत्तरदायित्व पर आधारित हो, तभी इससे समाज की भलाई हो सकती है।बिरला ने यह बात हरिद्वार स्थित देव संस्कृति विश्वविद्यालय में ‘फेथ एण्ड फ्यूचर: इंटेग्रेटिंग एआई विद स्पिरिचुयलिटी’ विषय पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में उद्घाटन भाषण देते हुए कही।यह सम्मेलन ‘फ्यूचर ऑफ लाइफ इंस्टीट्यूट’ (अमेरिका) के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।बिरला ने इस बात पर ज़ोर दिया कि प्रौद्योगिकी का वास्तविक उद्देश्य मानव अनुभव को समृद्ध बनाना है, न कि उसका स्थान लेना। उन्होंने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता से कई चुनौतियां तो आती हैं, लेकिन इसके साथ ही इससे नये समाधान भी निकलते हैं।बिरला ने नैतिकता और सत्य को भारत की ताकत बताते हुए इन मूल्यों को विश्वस्तर पर साझा करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता भारत के प्राचीन ज्ञान और ज्ञान प्रणालियों को दुनिया तक पहुंचाने के लिए एक सशक्त माध्यम बन सकता है।बिरला ने स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, कृषि और लोक कल्याण जैसे क्षेत्रों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता की परिवर्तनकारी क्षमता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इससे लाखों लोगों के जीवन की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार आ सकता है।‘वसुधैव कुटुम्बकम’ (विश्व एक परिवार है) और ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः’ (सभी सुखी हों) के भारत के प्राचीन आदर्शों का उल्लेख करते हुए बिरला ने इस बात पर ज़ोर दिया कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता का विकास समावेशी और समतापूर्ण होना चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि इसका लाभ समस्त मानवता तक पहुंचे।उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस सम्मेलन से आध्यात्मिकता और आधुनिक तकनीकी प्रगति के बीच एक सार्थक वैश्विक संवाद की शुरुआत होगी, जिससे मानवता के लिए अधिक करुणामय और नीतिपरक भविष्य का मार्ग प्रशस्त होगा।इस अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहे।
- नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कोलकाता में आयोजित संयुक्त कमांडर्स सम्मेलन 2025 में तीनों सेनाओं को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने पारंपरिक युद्ध की अवधारणाओं से आगे बढ़कर सूचना युद्ध, वैचारिक युद्ध, पर्यावरणीय और जैविक युद्ध जैसी नई चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तरह सतर्क और तैयार रहने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि आज युद्ध अचानक और अप्रत्याशित हो जाते हैं, जिनकी अवधि का अनुमान लगाना कठिन है यह दो महीने, एक वर्ष या यहां तक कि पांच वर्ष तक भी चल सकते हैं। ऐसे में भारत को हर परिस्थिति के लिए तैयार रहना होगा और अपनी आक्रामक व रक्षात्मक क्षमताओं के बीच संतुलन के साथ प्रो-एक्टिव रणनीति अपनानी होगी।राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए ‘मिशन सुदर्शन चक्र’ का उल्लेख करते हुए कहा कि इसके लिए मध्यम अवधि (5 वर्ष) और दीर्घकालीन (10 वर्ष) योजनाएं तैयार करना आवश्यक है। प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त को इस मिशन की घोषणा की थी, जिसका उद्देश्य स्वदेशी वायु रक्षा प्रणाली विकसित करना है। यह प्रणाली भारत के सामरिक, नागरिक और राष्ट्रीय महत्व के स्थलों को दुश्मन के हमलों से बचाने के साथ-साथ नए उन्नत हथियारों के विकास पर भी केंद्रित होगी। माना जा रहा है कि यह प्रणाली इजराइल की ‘आयरन डोम’ से भी अधिक शक्तिशाली हो सकती है।रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत का रक्षा क्षेत्र आधुनिकीकरण, तकनीकी श्रेष्ठता, परिचालन तत्परता और विश्वसनीय प्रतिरोधक क्षमता पर केंद्रित है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के उद्घाटन सत्र में दिए गए मंत्र-“जय: संयुक्तता, आत्मनिर्भरता और नवाचार” पर विशेष बल दिया और उद्योग व शिक्षा जगत के सहयोग से भविष्य की तकनीकों के विकास पर जोर दिया। उन्होंने रक्षा नवाचार तंत्र में निजी क्षेत्र की भूमिका बढ़ाने और भारतीय उद्योग को दुनिया में सबसे बड़ा और श्रेष्ठ बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।उन्होंने त्रि-सेवा संयुक्तता (आर्मी, नेवी और एयरफोर्स की ज्वॉइंटनेस) को भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए बेहद जरूरी बताया। उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उल्लेख करते हुए कहा कि शक्ति, रणनीति और आत्मनिर्भरता भारत को 21वीं सदी में आवश्यक सामर्थ्य प्रदान कर रहे हैं। राजनाथ सिंह ने कहा कि आत्मनिर्भरता केवल एक नारा नहीं है बल्कि रणनीतिक स्वायत्तता की कुंजी है। रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता न केवल आर्थिक विकास और रोजगार सृजन को बढ़ावा देती है बल्कि शिपयार्ड, एयरोस्पेस क्लस्टर और रक्षा कॉरिडोर की क्षमता को भी मजबूत करती है।उन्होंने यह भी बताया कि सरकार ने डिफेंस प्रोक्योरमेंट मैनुअल 2025 को मंजूरी दे दी है और डिफेंस एक्विजिशन प्रोसीजर 2020 में संशोधन किया गया है। इसका उद्देश्य प्रक्रियाओं को सरल बनाना, देरी कम करना और सशस्त्र सेनाओं को तेजी से परिचालन क्षमता प्रदान करना है। इस मौके पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी, थल सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह, रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह और डीआरडीओ अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
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नयी दिल्ली. भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते को लेकर मंगलवार को हुई एक-दिवसीय बातचीत सकारात्मक रही और दोनों पक्षों ने समझौते को जल्द निष्कर्ष तक पहुंचाने के लिए प्रयास तेज करने पर सहमति जताई। वाणिज्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि अमेरिकी अधिकारियों के साथ चर्चा के दौरान यह निर्णय लिया गया कि दोनों पक्षों के लिए परस्पर लाभकारी व्यापार समझौते को जल्द निष्कर्ष तक पहुंचाने के लिए प्रयास तेज किए जाएंगे। भारत स्थित अमेरिकी दूतावास ने भी भारतीय अधिकारियों के साथ हुई बातचीत के सकारात्मक रहने की जानकारी दी। इस बातचीत में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व मुख्य वार्ताकार एवं सहायक व्यापार प्रतिनिधि (दक्षिण एवं पश्चिम एशिया) ब्रेंडन लिंच ने किया जबकि भारत की ओर से वाणिज्य मंत्रालय में विशेष सचिव राजेश अग्रवाल ने अगुवाई की। एक अधिकारी ने बताया कि समझौते पर आगे की चर्चा डिजिटलत माध्यम से भी जारी रहेगी और आमने-सामने की अगली बैठक के लिए आपसी सहमति से तारीख तय की जाएगी। यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब अमेरिका ने भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत तक का आयात शुल्क लगा दिया है। भारत पहले ही इस भारी-भरकम शुल्क को अनुचित और असंगत बता चुका है। व्यापार समझौते पर दोनों देशों के बीच अब तक पांच दौर की वार्ताएं हो चुकी हैं जबकि 25-29 अगस्त को प्रस्तावित छठा दौर ऊंचे आयात शुल्क लगाए जाने के बाद टाल दिया गया था। लिंच के साथ अग्रवाल की यह बातचीत व्यापार वार्ता को फिर से पटरी पर लाने की कोशिश मानी जा रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से भारतीय उत्पादों पर अगस्त में 50 प्रतिशत तक शुल्क लगा दिए जाने के बाद व्यापार समझौता अधर में लटक गया था। वाणिज्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पहले ही यह साफ कर दिया था कि लिंच के साथ हुई बैठक को व्यापार वार्ता का छठा दौर नहीं माना जाना चाहिए, बल्कि इसे उसकी तैयारी के रूप में देखा जाना चाहिए। ट्रंप की भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों पर सकारात्मक टिप्पणी का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा गर्मजोशी से स्वागत करने के कुछ ही दिन बाद यह बातचीत हुई है। दोनों नेताओं ने फरवरी में इस समझौते को अंजाम देने पर सहमति जताई थी। समझौते के पहले चरण को अक्टूबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन शुल्क संबंधी तनावों ने इसे आशंका में डाल दिया। भारत ने लगातार कहा है कि उसके लिए रूसी कच्चे तेल की खरीद राष्ट्रीय हित और बाजार की परिस्थितियों से प्रेरित है। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि किसी भी व्यापार समझौते में भारतीय किसानों, डेयरी उत्पादकों और एमएसएमई के हितों से समझौता नहीं किया जाएगा।
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नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को उपहार में मिली 1,300 से अधिक वस्तुओं की यहां सत्रह सितंबर से दो अक्टूबर तक ई-नीलामी की जाएगी। इनमें राम दरबार की तंजौर पेंटिंग, धातु की नटराज प्रतिमा और हाथ से बुनी हुई नगा शॉल शामिल हैं। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। ऑनलाइन नीलामी के सातवें संस्करण की शुरुआत मोदी के जन्मदिन पर होगी, जो बुधवार को 75 वर्ष के हो जाएंगे। केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने यहां राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय (एनजीएमए) में आयोजित एक प्रेस वार्ता में, प्रधानमंत्री के स्मृति चिह्नों की ई-नीलामी के नवीनतम संस्करण की शुरूआत किये जाने की घोषणा की। ई-नीलामी का पहला संस्करण जनवरी 2019 में आयोजित किया गया था।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘तब से, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भेंट किये गए हजारों अद्वितीय उपहारों की नीलामी की जा चुकी है, जिनसे नमामि गंगे परियोजना के समर्थन में 50 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जुटाई गई है।'' शेखावत ने कहा कि प्रधानमंत्री को मिले 1,300 से ज़्यादा उपहारों की ऑनलाइन नीलामी की जाएगी।
इन वस्तुओं में पेंटिंग, कलाकृतियां, मूर्तियां, देवी-देवताओं की मूर्तियां और कुछ खेल सामग्री शामिल हैं। बयान में कहा गया है कि मोदी देश के ऐसे पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने अपने सभी स्मृति चिह्न इस नेक काम के लिए समर्पित कर दिए हैं। ई-नीलामी में, कढ़ाई वाली पश्मीना शॉल, राम दरबार की तंजौर पेंटिंग, नटराज मूर्ति, गुजरात की रोगन कला, एक हाथ से बुनी हुई नगा शॉल आदि शामिल की गई हैं। इस संस्करण का एक विशेष आकर्षण भारत के पैरा-एथलीटों द्वारा उपहार में दी गई खेल से जुड़ी यादगार वस्तुएं हैं, जिन्होंने पेरिस पैरालंपिक 2024 में भाग लिया था। ये वस्तुएं भारतीय खेल की सहनशीलता, उत्कृष्टता और अदम्य भावना का प्रतीक हैं। -
नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फिडे ग्रैंड स्विस खिताब जीतने पर मंगलवार को वैशाली रमेशबाबू को बधाई दी और कहा कि उनका जुनून और समर्पण अनुकरणीय है। भारतीय ग्रैंडमास्टर आर वैशाली ने सोमवार को 11वें और अंतिम दौर में पूर्व विश्व चैंपियन चीन की झोंगयी टैन के साथ कड़े मुकाबले में ड्रॉ खेलकर लगातार दूसरी बार फिडे ग्रैंड स्विस खिताब जीता और महिला कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में जगह बनाई। मोदी ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘उत्कृष्ट उपलब्धि। वैशाली रमेशबाबू को बधाई। उनका जुनून और समर्पण अनुकरणीय है। भविष्य के लिए शुभकामनाएं।'' प्रधानमंत्री मोदी ने एक अन्य पोस्ट में कहा कि स्पीड स्केटिंग विश्व चैंपियनशिप 2025 में सीनियर पुरुष 1000 मीटर स्प्रिंट में स्वर्ण पदक जीतने वाले आनंदकुमार वेलकुमार पर उन्हें गर्व है। मोदी ने कहा, ‘‘उनके धैर्य, गति और जोश ने उन्हें स्केटिंग में भारत का पहला विश्व चैंपियन बनाया है। उनकी उपलब्धि अनगिनत युवाओं को प्रेरित करेगी। उन्हें बधाई और भविष्य के लिए शुभकामनाएं।''
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नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को नशीले पदार्थों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए देशव्यापी ऑनलाइन ड्रग नष्ट करने अभियान की शुरुआत की। इस अभियान के तहत देश के 11 स्थानों पर करीब 4,800 करोड़ रुपये की 1.37 लाख किलोग्राम अवैध ड्रग्स नष्ट की गई। इस मौके पर शाह ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) प्रमुखों के सम्मेलन को संबोधित किया और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) की वार्षिक रिपोर्ट 2024 भी जारी की।
अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार छोटे ड्रग डीलरों से लेकर बड़े कार्टेल्स तक पूरे नेटवर्क को खत्म करने की दिशा में सख्ती से काम कर रही है। इसमें प्रवेश बिंदु, वितरण चैनल और स्थानीय बिक्री तक सभी स्तरों पर कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने ANTF प्रमुखों से अपील की कि वे डार्कनेट विश्लेषण, क्रिप्टोकरेंसी ट्रैकिंग, मेटाडेटा विश्लेषण और मशीन लर्निंग जैसी आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कर ड्रग नेटवर्क को तोड़ें।गृह मंत्री ने यह भी कहा कि ड्रग-फ्री इंडिया का लक्ष्य तभी पूरा होगा जब NCB, ANTF और NCORD के साथ-साथ राज्य सरकारें, जिला पुलिस, शिक्षा अधिकारी, धार्मिक नेता और युवा संगठन भी सक्रिय भूमिका निभाएं। उन्होंने विदेशी ड्रग तस्करों को भारतीय कानून के दायरे में लाने के लिए मजबूत प्रत्यर्पण और निर्वासन प्रणाली की आवश्यकता पर जोर दिया, जिसे CBI और राज्यों के सहयोग से लागू किया जाना चाहिए।शाह ने सिंथेटिक ड्रग्स और अवैध लैब्स के बढ़ते खतरे की चेतावनी दी। उन्होंने राज्यों से कहा कि ऐसी इकाइयों को तुरंत पहचान कर नष्ट करें। साथ ही, उन्होंने सभी राज्यों को तिमाही आधार पर वैज्ञानिक ढंग से जब्त किए गए ड्रग्स को नष्ट करने की परंपरा अपनाने की सलाह दी ताकि ये समाज के लिए खतरा न बनें।उन्होंने बताया कि 2014 से 2025 के बीच सरकार ने 1 करोड़ किलोग्राम से अधिक ड्रग्स जब्त किए जिनकी कीमत 1.65 लाख करोड़ रुपए थी। इसी अवधि में 71,600 करोड़ रुपए मूल्य के ड्रग्स नष्ट किए गए, जबकि 2004 से 2014 के बीच यह आंकड़ा सिर्फ ₹8,150 करोड़ था। गिरफ्तारी के मामलों में भी भारी वृद्धि हुई 2004 से 2014 तक 1.73 लाख लोगों को गिरफ्तार किया गया, जबकि 2014 से 2025 के बीच 7.61 लाख गिरफ्तारियां हुईं। अवैध ड्रग्स की खेती वाली भूमि पर भी बड़ी कार्रवाई हुई, जिसमें अकेले 2023 में 31,761 एकड़ भूमि नष्ट की गई।अमित शाह ने राज्यों से विशेष स्क्वॉड बनाने की अपील की ताकि वित्तीय लेनदेन, हवाला नेटवर्क, क्रिप्टो लेनदेन और साइबर कनेक्शन का पता लगाया जा सके। उन्होंने नारकोटिक्स-फोकस्ड फोरेंसिक लैब्स की आवश्यकता पर भी जोर दिया। शाह ने कहा कि ड्रग नेटवर्क को पूरी तरह खत्म करने के लिए ऊपर से नीचे और नीचे से ऊपर दोनों तरीकों से काम करना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि लड़ाई जमीनी स्तर तक पहुंचे।- - नयी दिल्ली। स्वामी विवेकानंद द्वारा प्रतिपादित सिद्धांतों पर आधारित और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बचपन की एक घटना से प्रेरित राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म देशभर के लाखों विद्यालयों और कई सिनेमाघरों में दिखाई जाएगी।एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, 2018 में प्रदर्शित हुई फिल्म ‘चलो जीते हैं’ 17 सितंबर से दो अक्टूबर के बीच विद्यालयों में दिखाई जाएगी। यहां छात्र इसे समाज के ‘गुमनाम नायकों’ — जैसे चौकीदार, सफाईकर्मी, ड्राइवर, चपरासी और अन्य लोगों के साथ देखेंगे, जो समाज के दैनिक जीवन को सुचारू रूप से संचालित करने में चुपचाप योगदान देते हैं।प्रधानमंत्री मोदी बुधवार को 75 वर्ष के हो जाएंगे और इस फिल्म की स्क्रीनिंग उनके जन्मदिन के साथ शुरू हो रही है।यह फिल्म ‘चलो जीते हैं: सेवा का सम्मान’ पहल के तहत प्रदर्शित की जाएगी।इस पहल के अंतर्गत, विद्यालयों और समाज के ‘गुमनाम नायकों’ चौकीदार, सफाई कर्मचारी, चालक, चपरासी और उन अन्य लोग को सम्मानित और पुरस्कृत किया जाएगा।एक आधिकारिक बयान में बताया गया, “यह फिल्म प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जीवन की एक बाल्यकालीन घटना से प्रेरित है। यह युवा नारू की कहानी है, जो स्वामी विवेकानंद के दर्शन से गहराई से प्रभावित होकर, उसका अर्थ समझने का प्रयास करता है और अपनी छोटी सी दुनिया में बदलाव लाने का प्रयास करता है।”फिल्म ‘चलो जीते हैं’, स्वामी विवेकानंद के दर्शन ‘बस वही जीते हैं, जो दूसरों के लिए जीते हैं’ को एक सिनेमाई श्रद्धांजलि है।इसे 17 सितंबर से दो अक्टूबर तक पूरे भारत में पुनः रिलीज किया जा रहा है। समीक्षकों द्वारा प्रशंसित यह फिल्म लाखों विद्यालयों और देश भर के लगभग 500 सिनेमाघरों में दिखाई जाएगी, जिनमें पीवीआर आइनॉक्स, सिनेपोलिस, राजहंस और मिराज शामिल हैं।यह फिल्म 2018 की सबसे ज्यादा देखी जाने वाली लघु फिल्मों में से एक है।फिल्म का निर्देशन मंगेश हदावले ने किया था और इसे आनंद एल. राय और जैन ने प्रस्तुत किया था।इस पहल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा विद्यालयों में फिल्म की प्रस्तुति है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि फिल्म का संदेश छात्रों तक पहुंचे और उन्हें उद्देश्यपूर्ण जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित करे।
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नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आज मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके 75वें जन्मदिन की पूर्व संध्या पर फोन कर शुभकामनाएं दीं। इस मौके पर दोनों नेताओं के बीच सौहार्दपूर्ण बातचीत हुई। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप का धन्यवाद करते हुए उन्हें अपना “मित्र” बताया और कहा कि भारत, अमेरिका के साथ संबंधों को और मजबूत करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने जोर दिया कि भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक साझेदारी को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए मिलकर काम किया जाएगा।
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “धन्यवाद मेरे मित्र, राष्ट्रपति ट्रंप, आपके फोन कॉल और गर्मजोशी भरे शुभकामनाओं के लिए। आपकी तरह मैं भी भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक साझेदारी को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हूं। हम यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए आपके प्रयासों का समर्थन करते हैं।” यह बातचीत दोनों नेताओं के बीच गहरी मित्रता और भारत-अमेरिका के रणनीतिक रिश्तों की मजबूती को दर्शाती है। दोनों देशों के बीच रक्षा, व्यापार, प्रौद्योगिकी, और वैश्विक शांति जैसे कई क्षेत्रों में सहयोग पहले से ही जारी है और आने वाले समय में इसके और विस्तार की उम्मीद है। -
नई दिल्ली। किसानों के हितों की रक्षा और कृषि क्षेत्र को नई दिशा देने के उद्देश्य से आयोजित राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन-रबी अभियान 2025 आज मंगलवार को नई दिल्ली में संपन्न हुआ। इस दो दिवसीय सम्मेलन की अध्यक्षता केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की। इसमें विभिन्न राज्यों के कृषि मंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया और आगामी रबी सीजन के लिए रणनीतियों पर गहन विचार-विमर्श किया।
अपने संबोधन में कृषि मंत्री ने कहा कि मिलावटी और खराब क्वालिटी के उर्वरक, बीज व कीटनाशकों की बिक्री किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस तरह की गड़बड़ी रोकने के लिए कड़े कानून बनाए जा रहे हैं और सभी राज्यों से सहयोग की अपील की। उन्होंने जोर देकर कहा कि किसानों का शोषण रोकना सरकार की सर्वोच्च जिम्मेदारी है। केंद्रीय मंत्री ने किसानों की समस्याओं के समाधान को प्राथमिकता बताते हुए कहा कि किसान कॉल सेंटर को और अधिक प्रभावी बनाया जा रहा है और राज्यों को भी मजबूत शिकायत निवारण तंत्र विकसित करना होगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि किसानों को पूर्ण न्याय दिलाने के लिए उनकी शिकायतों का त्वरित और व्यापक समाधान सुनिश्चित किया जाएगा।शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) का दायरा बढ़ाने का आग्रह किया ताकि ज्यादा से ज्यादा किसान इसका लाभ उठा सकें। उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्रों (KVKs) और राज्य स्तरीय कृषि विस्तार तंत्र को सशक्त बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह केंद्र किसानों तक आधुनिक कृषि ज्ञान और तकनीक पहुंचाने के लिए बेहद जरूरी हैं। उन्होंने सभी राज्यों और कृषि मंत्रियों से 3 अक्टूबर 2025 से शुरू होने वाले विकसित कृषि संकल्प अभियान में सक्रिय सहयोग देने का आह्वान किया। इसे उन्होंने “लैब से लैंड” विजन को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल बताया।शिवराज सिंह चौहान ने सम्मेलन में सक्रिय भागीदारी के लिए सभी राज्य कृषि मंत्रियों और अधिकारियों को बधाई दी और विश्वास जताया कि इन चर्चाओं के परिणाम आगामी रबी सीजन में ठोस लाभ देंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि किसानों के कल्याण के लिए उनका अटूट समर्पण प्रेरणादायक है। साथ ही उन्होंने अपील की कि किसान और सभी हितधारक स्वदेशी को अपनाएं और यह सुनिश्चित करें कि ऐतिहासिक जीएसटी सुधारों का लाभ गांव-गांव तक पहुंचे। - नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 सितंबर को मध्यप्रदेश के धार जिले का दौरा करेंगे। इस दौरान वे देशभर में महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़ी अब तक की सबसे बड़ी पहल की शुरुआत करेंगे। प्रधानमंत्री यहां दो बड़े अभियान “स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार” और “आठवां राष्ट्रीय पोषण माह” का शुभारंभ करेंगे। यह अभियान 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक चलेगा और देशभर के सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों, आयुष्मान आरोग्य मंदिरों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (CHC), जिला अस्पतालों और अन्य सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं में एक लाख से ज्यादा स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जाएंगे।इस विशेष अभियान का उद्देश्य महिलाओं के लिए इलाज संबंधी सेवाओं को समुदाय स्तर तक पहुंचाना है। इसमें गैर-संचारी रोगों (NCDs), एनीमिया, टीबी और सिकल सेल रोग की स्क्रीनिंग, शुरुआती पहचान और इलाज को मजबूती दी जाएगी। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं की देखभाल, टीकाकरण, पोषण, मासिक धर्म स्वच्छता, जीवनशैली और मानसिक स्वास्थ्य पर भी जोर दिया जाएगा। स्त्री रोग, बाल रोग, नेत्र, कान-नाक-गला, दंत, त्वचा रोग और मनोरोग जैसी विशेषज्ञ सेवाएं मेडिकल कॉलेजों, जिला अस्पतालों, केंद्रीय संस्थानों और निजी अस्पतालों के सहयोग से दी जाएंगी।इस अभियान के तहत पूरे देश में रक्तदान शिविर भी आयोजित होंगे। सभी दानदाता ई-रक्तकोष पोर्टल पर पंजीकृत होंगे और MyGov प्लेटफॉर्म पर शपथ अभियान चलाया जाएगा। लाभार्थियों को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY), आयुष्मान वय वंदना और आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (ABHA) में शामिल किया जाएगा। शिविरों में हेल्पडेस्क लगाए जाएंगे ताकि कार्ड सत्यापन और शिकायत निवारण हो सके। महिलाओं और परिवारों को योग, आयुर्वेदिक परामर्श और अन्य आयुष सेवाओं से भी जोड़ा जाएगा। मोटापा के रोकथाम, पोषण सुधार और स्वैच्छिक रक्तदान को बढ़ावा देने के साथ नागरिकों को टीबी मरीजों के पोषण और देखभाल में सहयोग के लिए निक्षय मित्र के रूप में पंजीकरण करने को प्रेरित किया जाएगा।इस दौरान पीएम ‘प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना’ के तहत पात्र महिलाओं के बैंक खातों में धनराशि हस्तांतरित करेंगे। इससे देशभर की लगभग 10 लाख महिलाएं लाभान्वित होंगी। साथ ही, प्रधानमंत्री “सुमन सखी चैटबॉट” भी लॉन्च करेंगे, जो गर्भवती महिलाओं को समय पर और सटीक जानकारी देगा और ग्रामीण व दूरदराज़ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करेगा।प्रधानमंत्री इस मौके पर सिकल सेल एनीमिया के खिलाफ अभियान को और मजबूत करते हुए एक करोड़वां सिकल सेल स्क्रीनिंग और काउंसलिंग कार्ड भी वितरित करेंगे। मध्यप्रदेश के लिए प्रधानमंत्री “आदि सेवा पर्व” की शुरुआत करेंगे। यह कार्यक्रम आदिवासी गौरव और राष्ट्रनिर्माण की भावना को दर्शाएगा। इसके तहत स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, कौशल विकास, आजीविका संवर्धन, स्वच्छता, जल संरक्षण और पर्यावरण सुरक्षा से जुड़ी सेवा गतिविधियां आदिवासी इलाकों में चलाई जाएंगी। इसमें “आदिवासी ग्राम कार्य योजना” और “आदिवासी ग्राम विजन 2030” पर विशेष जोर दिया जाएगा, जिससे प्रत्येक गांव का दीर्घकालिक विकास रोडमैप तैयार हो सके।प्रधानमंत्री अपने 5F विजन-फार्म टू फाइबर, फाइबर टू फैक्टरी, फैक्टरी टू फैशन और फैशन टू फाॅरेन को आगे बढ़ाते हुए धार में ‘पीएम मित्र’ पार्क का भी उद्घाटन करेंगे। 2,150 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैला यह पार्क अत्याधुनिक सुविधाओं जैसे कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट, सोलर पावर प्लांट और आधुनिक सड़कों से सुसज्जित होगा। इससे स्थानीय कपास उत्पादकों को बेहतर मूल्य मिलेगा और उनकी आय बढ़ेगी। इस पार्क में वस्त्र उद्योग से जुड़ी कंपनियों ने 23,140 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश का प्रस्ताव दिया है। इससे लगभग 3 लाख रोजगार के अवसर पैदा होंगे और निर्यात में भी उल्लेखनीय वृद्धि होगी।पर्यावरण संरक्षण और महिला सशक्तिकरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाते हुए प्रधानमंत्री “एक बगिया मां के नाम” पहल के तहत महिलाओं के स्वयं सहायता समूह की एक लाभार्थी को पौधा भेंट करेंगे। इस योजना में मध्यप्रदेश की 10,000 से अधिक महिलाएं “मां की बगिया” विकसित करेंगी। राज्य सरकार इन महिलाओं को पौधों की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी संसाधन भी उपलब्ध कराएगी।
- नयी दिल्ली.। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को कहा कि कृषि क्षेत्र ने 2025-26 की पहली तिमाही के दौरान 3.7 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की है, जो दुनिया में किसी भी देश के मुकाबले सर्वाधिक है। इस क्षेत्र की वृद्धि दर पिछले वर्ष इसी अवधि में 1.5 प्रतिशत थी। चौहान ने आगामी रबी (शीतकालीन) बुवाई मौसम के लिए रणनीति बनाने पर केंद्रित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए ‘एक राष्ट्र, एक कृषि और एक टीम' विषय को कृषि क्षेत्र में समन्वित प्रयासों और साझेदारी को बढ़ावा देने की एक महत्वपूर्ण पहल बताया। मंत्री ने कहा, ‘‘हमारे किसानों और वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत और सरकार की किसान-हितैषी नीतियों की बदौलत देश में कृषि 3.7 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है, जो दुनिया में सबसे अधिक है।'' चौहान ने भारत के कृषि क्षेत्र में बदलाव लाने के लिए केंद्र और राज्य दोनों सरकारों के मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। उन्होंने नकली कृषि कच्चे माल के प्रति सरकार के कड़े रुख की नीति को दोहराया तथा नकली उर्वरकों, बीजों और कीटनाशकों के विनिर्माताओं और विक्रेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी। मंत्री ने किसानों से लगातार बदलते मौसम को देखते हुए फसल बीमा का विकल्प चुनने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को प्रभावी ढंग से लागू किया जाना चाहिए ताकि किसानों को राहत मिल सके।'' चौहान ने घोषणा की कि केंद्र और राज्यों की संयुक्त भागीदारी से अक्टूबर में ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान' फिर से चलाया जाएगा। सम्मेलन में रबी 2025-26 सीजन की तैयारियों, उत्पादन लक्ष्यों और व्यापक रणनीतियों पर व्यापक चर्चा की गई।
- नयी दिल्ली. ।रेल मंत्रालय एक अक्टूबर से किसी भी ट्रेन के लिए बुकिंग आरंभ होने पर शुरूआती 15 मिनट के दौरान केवल आधार-प्रमाणित उपयोगकर्ताओं को ही आईआरसीटीसी वेबसाइट या ऐप के माध्यम से आरक्षित सामान्य टिकट बुक करने की अनुमति देगा। वर्तमान में, यह प्रतिबंध केवल तत्काल बुकिंग पर लागू है। मंत्रालय के एक परिपत्र में सोमवार को कहा गया, ‘‘यह सुनिश्चित करने के लिए कि आरक्षण प्रणाली का लाभ आम उपयोगकर्ता तक पहुंचे और बेईमान तत्वों द्वारा इसका दुरुपयोग न हो, यह निर्णय लिया गया है कि एक अक्टूबर 2025 से सामान्य आरक्षण के शुरूआती 15 मिनट के दौरान, आरक्षित सामान्य टिकट केवल आधार प्रमाणित उपयोगकर्ताओं द्वारा ही भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) की वेबसाइट/इसके ऐप के माध्यम से बुक की जा सकेंगी।'' मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि 15 मिनट के बाद अधिकृत टिकट एजेंटों को ऑनलाइन आरक्षण बुक करने की अनुमति दी जाएगी। इसने कहा, ‘‘सामान्य आरक्षण खुलने के 10 मिनट के प्रतिबंध के समय में भी कोई बदलाव नहीं होगा, जिसके दौरान भारतीय रेलवे के अधिकृत टिकट एजेंटों को उद्घाटन दिवस के आरक्षित टिकट बुक करने की अनुमति नहीं होगी।'' अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि रेल मंत्रालय ने पहले ही काउंटर से सामान्य आरक्षण बुक करने के लिए एजेंटों पर 10 मिनट का प्रतिबंध लगा दिया है। इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा, ‘‘परिपत्र में उक्त प्रतिबंध को बरकरार रखा गया है।''परिपत्र में कहा गया है, ‘‘सीआरआईएस और आईआरसीटीसी सभी क्षेत्रीय रेलवे के साथ-साथ इस कार्यालय को सूचित करते हुए प्रणाली में आवश्यक संशोधन करेंगे।''
- नयी दिल्ली.। रेलवे बोर्ड ने नयी परियोजनाओं के व्यवहार्यता अध्ययन और अंतिम स्थान सर्वेक्षण को मंजूरी देने के लिए विभिन्न जोन को पहले दिये गए अधिकार वापस ले लिये हैं। रेलवे बोर्ड ने यह कदम बोर्ड के साथ समय पर संचार में देरी का हवाला देते हुए उठाया, जिसके कारण संसदीय प्रश्नों और अन्य महत्वपूर्ण संदर्भों के उत्तर देने में विलंब हुआ। सभी जोन के महाप्रबंधकों (जीएम) को संबोधित एक हालिया पत्र में बोर्ड ने कहा, "यह देखा गया है कि जोनल रेलवे, व्यवहार्यता अध्ययन और अंतिम स्थान सर्वेक्षण (एफएलएस) को मंजूरी देने के बाद, रेलवे बोर्ड को समय पर मंजूरी आदेश नहीं भेज रहे हैं, जिसके कारण संसदीय प्रश्नों और अन्य वीआईपी संदर्भों के उत्तर देने में देरी हो रही है। इसमें कहा गया है, ‘‘इसके अलावा, यह भी देखा गया है कि जोनल रेलवे व्यवहार्यता अध्ययन और अंतिम स्थान सर्वेक्षण की मंजूरी के बाद अतिरिक्त धनराशि के लिए रेलवे बोर्ड से बार-बार संपर्क कर रहे हैं।'' इसमें कहा गया है कि इन मुद्दों को देखते हुए, ‘‘संदर्भित पत्रों के माध्यम से क्षेत्रीय रेलवे को दी गई व्यवहार्यता अध्ययन (पीईटी/आरईटी सर्वेक्षण) और अंतिम स्थान सर्वेक्षण को मंजूरी देने की शक्ति वापस ली जा सकती है और रेलवे बोर्ड को बहाल की जा सकती है।'' नयी परियोजनाओं की मंजूरी और क्रियान्वयन में तेजी लाने के लिए, बोर्ड ने अक्टूबर 2022 में महाप्रबंधकों (जीएम) और मंडल रेलवे प्रबंधकों (डीआरएम) को इन सर्वेक्षणों और अध्ययनों को मंजूरी देने का अधिकार दिया था।
- नयी दिल्ली.। उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रल्हाद जोशी ने सोमवार को कहा कि भारत जल्द ही राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला (एनपीएल) और इसरो के सहयोग से देश भर के पांच स्थानों से सटीक भारतीय मानक समय के प्रसार के लिए परियोजना शुरू करेगा। यह घोषणा जोशी ने यहां अंतरराष्ट्रीय इलेक्ट्रोटेक्निकल आयोग (आईईसी) की 89वीं आम बैठक के उद्घाटन के दौरान की। उन्होंने कहा कि भारत एक ‘व्यापक तकनीकी और औद्योगिक कायापलट' का गवाह बन रहा है, जहां इसका विनिर्माण क्षेत्र स्वचालन और उद्योग 4.0 (अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी) को अपना रहा है। जोशी ने आयोग के उद्घाटन सत्र में 2,000 से अधिक वैश्विक विशेषज्ञों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘भारत आज व्यापक स्तर पर प्रौद्योगिकी और औद्योगिक कायापलट का गवाह बन रहा है। हमारा विनिर्माण क्षेत्र उत्पादकता बढ़ाने के लिए स्वचालन को अपना रहा है।'' सटीक समय-निर्धारण परियोजना राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के साथ साझेदारी में देश भर के पांच रणनीतिक स्थानों पर लागू की जाएगी। यह भारत की प्रौद्योगिकी क्षेत्र में प्रगति में एक और कदम है। जोशी ने कहा कि भारत वैश्विक स्तर पर दूसरे सबसे बड़े मोबाइल फोन विनिर्माता के रूप में उभरा है और इलेक्ट्रिक वाहनों तथा सौर प्रौद्योगिकियों के लिए सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में से एक है। मंत्री ने कहा कि भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) पिछले 11 वर्षों में ‘एक तकनीकी नियामक से राष्ट्र निर्माण में एक सच्चा भागीदार' बनकर उभरा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन, पीएम-कुसुम, पीएम सूर्य घर योजना और फेम इंडिया जैसी सरकारी पहल ‘एक स्वच्छ, हरित और अधिक आत्मनिर्भर भविष्य की दिशा में रणनीतिक खाका' का प्रतिनिधित्व करती हैं। जोशी ने कहा कि भारत ओआईएमएल (अंतरराष्ट्रीय विधिक मापविज्ञान संगठन) पैटर्न अनुमोदन प्रमाणपत्र जारी करने वाला दुनिया का 13वां देश बन गया है, जो विधिक मापविज्ञान में महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
- अहमदाबाद.। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 20 सितंबर को गुजरात के भावनगर शहर की अपनी यात्रा के दौरान एक जनसभा को संबोधित करेंगे और कई परियोजनाओं की शुरुआत करेंगे। भावनगर के कलेक्टर मनीष कुमार बंसल ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी 20 सितंबर को भावनगर आएंगे। वह जवाहर मैदान में लोगों को संबोधित करेंगे। इस अवसर पर वह बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय, गुजरात समुद्री बोर्ड और अन्य राज्यों के समुद्री बोर्ड की विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे।'' उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री द्वारा इस क्षेत्र से संबंधित एक नीति की भी शुरुआत करने का कार्यक्रम है।'' उन्होंने बताया कि इस दौरान इस क्षेत्र की सरकारी और निजी संस्थाओं के बीच समझौता ज्ञापनों पर भी हस्ताक्षर किए जाएंगे।''
- पूर्णिया।. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को बिहार के पूर्णिया जिले में करीब 40,000 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं की शुरुआत की और कहा कि ‘‘रेलवे, हवाईअड्डे, बिजली और पानी'' से जुड़ी ये परियोजनाएं सीमांचल क्षेत्र की आकांक्षाओं को पूरा करने का साधन बनेंगी। प्रधानमंत्री ने पूर्णिया हवाईअड्डे के नवनिर्मित टर्मिनल भवन का उद्घाटन किया, जिससे क्षेत्र में यात्रियों को संभालने की क्षमता बढ़ेगी। मोदी ने पूर्णिया-कोलकाता मार्ग पर पहली उड़ान को हरी झंडी दिखाई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और कई केंद्रीय एवं राज्य मंत्री इस कार्यक्रम में मौजूद थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्णिया हवाईअड्डे का टर्मिनल भवन रिकॉर्ड समय, यानी पांच महीने से भी कम में बनाया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘नये हवाईअड्डे के शुरू होने के साथ ही पूर्णिया अब देश के हवाई मानचित्र पर आ गया है।'' इससे पूर्णिया और सीमांचल की सीधी कनेक्टिविटी देश के बड़े शहरों और प्रमुख वाणिज्यिक केंद्रों से हो जाएगी। सीमांचल क्षेत्र में पूर्णिया, कटिहार, अररिया और किशनगंज जिले शामिल हैं।प्रधानमंत्री ने कहा कि मखाना की खेती बिहार के किसानों की आय का स्रोत रही है, लेकिन पिछली सरकारों ने न तो इस फसल को और न ही किसानों को महत्व दिया। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने ही मखाना को उसका वाजिब दर्जा दिया है।मोदी ने कहा, ‘‘मैंने बिहार की जनता से राष्ट्रीय मखाना बोर्ड के गठन का वादा किया था। केंद्र सरकार ने रविवार को इसके गठन की अधिसूचना जारी कर दी। बोर्ड किसानों को बेहतर कीमत दिलाने और इस क्षेत्र में प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम करेगा।'' उन्होंने बताया कि मखाना क्षेत्र के विकास के लिए करीब 475 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी गई है। प्रधानमंत्री ने भागलपुर के पीरपैंती में 25,000 करोड़ रुपये की लागत वाली 3x800 मेगावाट की थर्मल पावर परियोजना की आधारशिला रखी। इसमें राज्य का निजी क्षेत्र का सबसे बड़ा निवेश है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह परियोजना अल्ट्रा-सुपर क्रिटिकल, कम उत्सर्जन तकनीक पर आधारित है। इससे बिहार को बिजली आपूर्ति होगी और ऊर्जा सुरक्षा मजबूत होगी। प्रधानमंत्री ने 2,680 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाले कोसी-मेची अंतर-राज्यीय नदी जोड़ परियोजना के पहले चरण की भी आधारशिला रखी। उन्होंने कहा, ‘‘परियोजना के तहत नहर का उन्नयन किया जाएगा, जिसमें गाद हटाना, क्षतिग्रस्त संरचनाओं का पुनर्निर्माण, सेटलिंग बेसिन का नवीनीकरण और जल निकासी क्षमता को 15,000 क्यूसेक से बढ़ाकर 20,000 क्यूसेक करना शामिल है।'' अधिकारी ने बताया कि इस परियोजना से बिहार के उत्तर-पूर्वी जिलों में सिंचाई का विस्तार, बाढ़ नियंत्रण और कृषि लचीलापन बढ़ेगा। प्रधानमंत्री ने दिन में बिहार में विभिन्न रेल परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया तथा कई ट्रेनों को हरी झंडी दिखायी। उन्होंने 2,170 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली विक्रमशिला-कटरिया रेल लाइन की आधारशिला रखी, जिससे गंगा नदी के आर-पार सीधी रेल कनेक्टिविटी मिलेगी। प्रधानमंत्री ने 4,410 करोड़ रुपये की लागत से बनी अररिया-गलगलिया नई रेल लाइन का उद्घाटन भी किया। उन्होंने अररिया-गलगलिया (ठाकुरगंज) खंड में ट्रेन को हरी झंडी दिखाई, जिससे अररिया और किशनगंज जिलों के बीच सीधी रेल कनेक्टिविटी स्थापित होगी और उत्तर-पूर्वी बिहार में आवाजाही की सुविधा में उल्लेखनीय सुधार होगा। उन्होंने जोगबनी-दानापुर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की शुरुआत की, जिससे अररिया, पूर्णिया, मधेपुरा, सहरसा, खगड़िया, बेगूसराय, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, वैशाली और पटना जैसे जिलों को सीधा लाभ मिलेगा। सहरसा-छेहरटा (अमृतसर) और जोगबनी-इरोड के बीच अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को भी हरी झंडी दिखाई गई।अधिकारी ने कहा कि ये ट्रेनें विभिन्न क्षेत्रों के बीच आर्थिक, सांस्कृतिक और सामाजिक एकीकरण को मजबूत करेंगी। मोदी ने प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अंतर्गत 35,000 ग्रामीण लाभार्थियों और प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के अंतर्गत 5,920 लाभार्थियों के गृह प्रवेश समारोह में भी भाग लिया तथा कुछ लाभार्थियों को चाबियां सौंपीं। उन्होंने दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत बिहार में क्लस्टर स्तर महासंघों को करीब 500 करोड़ रुपये के सामुदायिक निवेश कोष वितरित किए और कुछ महासंघ प्रमुखों को चेक सौंपे। उन्होंने दीनदयाल अंत्योदय योजना- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत बिहार में क्लस्टर-स्तरीय महासंघों को लगभग 500 करोड़ रुपये के सामुदायिक निवेश कोष भी वितरित किए और कुछ क्लस्टर-स्तरीय महासंघों (सीएलएफ) के प्रमुखों को चेक सौंपे।
- ग्वालियर.। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सोमवार को मध्यप्रदेश के ग्वालियर में विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा की और अधिकारियों को उन परियोजनाओं को समय पर पूरा करने का निर्देश दिया, जिनमें देरी हो रही है। ग्वालियर कलेक्ट्रेट में आयोजित इस समीक्षा बैठक के दौरान केंद्रीय संचार और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री सिंधिया ने लंबित परियोजनाओं को पूरा करने के लिए समय सीमा भी निर्धारित की। अधिकारियों के अनुसार इनमें से कई परियोजनाएं लंबे समय से अटकी हुई हैं, जिससे लोगों को परेशानी हो रही है। सिंधिया ने बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा, "ग्वालियर की सड़कों की हालत खराब है। इन्हें लाल, पीला और हरा क्षेत्र में बांटा जाएगा। लाल श्रेणी का मतलब बहुत खराब स्थिति, पीला पानी खराब या फिर सीवरेज के कारण सड़क की हालत को दर्शाता है और हरे रंग का मतलब है कि सड़कें ठीक हैं।" सिंधिया ने कहा कि अगली बैठक में आवश्यक धन के साथ एक पूरी योजना तैयार की जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी राजनीतिक प्रतिनिधि शहर के विकास के लिए काम करने के लिए एकजुट हैं। उन्होंने मीडिया से मुद्दों पर 'सकारात्मक' रिपोर्ट देने को भी कहा। इससे पहले, बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ग्वालियर क्षेत्र ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत वाला केंद्र है जिसमें विकास की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा, "ऐसे में बुनियादी अवसंरचना, शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, साफ-सफाई और जन सुविधाओं से जुड़ी परियोजनाओं में तेजी लाना समय की मांग है। काम की गुणवत्ता पर कोई समझौता नहीं किया जाना चाहिए।" केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आने वाले वर्षों में ग्वालियर को एक आदर्श जिले के रूप में स्थापित किया जा सकता है। बैठक में ग्वालियर में चंबल का पानी लाने, एलिवेटेड रोड परियोजना, सीवरेज की समस्या और सड़क मरम्मत पर ध्यान केंद्रित किया गया। बैठक के दौरान, ग्वालियर एलिवेटेड रोड के दोनों चरणों सहित कई परियोजनाओं के लिए समय सीमा तय की गई, जिसका उद्देश्य शहर में यातायात की स्थिति को आसान बनाना है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एलिवेटेड सड़क परियोजना के पहले 10 किलोमीटर के हिस्से को जून 2022 में मंजूरी दी गई थी और इसे अगस्त 2025 में पूरा किया जाना था, इसमें देरी हुई है और अब अक्टूबर 2026 तक इसकी उम्मीद है। उन्होंने कहा कि फूलबाग से गिरवई नाका तक का दूसरा 13 किलोमीटर का खंड, जिसे दिसंबर 2024 में शुरू किया गया था, को नवंबर 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि पहले चरण की लागत 446.92 करोड़ रुपये है, जबकि दूसरे चरण की लागत 926.21 करोड़ रुपये है। सिंधिया ने कहा कि महाराज बाड़ा में 82 करोड़ रुपये की लागत से 2021 में शुरू हुई बहुस्तरीय पार्किंग परियोजना 2026 तक पूरी हो सकती है। उन्होंने कहा कि जल्द ही एक अस्पताल के पास एक अंडरपास का भी निर्माण किया जाएगा, जबकि शहर के चार नियोजित प्रवेश द्वारों में से एक लंबित है। सिंधिया ने कहा कि ग्वालियर रेलवे स्टेशन का 534.70 करोड़ रुपये का नवीनीकरण कार्य अप्रैल 2026 तक पूरा हो जाएगा और इसमें सभी विरासत पहलुओं को सुनिश्चित करते हुए नए प्लेटफॉर्म और आधुनिक यात्री सुविधाएं शामिल होंगी। उन्होंने कहा कि आगरा-ग्वालियर एक्सप्रेस-वे के लिए 4613 करोड़ रुपये की लागत से भूमि अधिग्रहण का काम शुरू हो गया है। इस परियोजना से औद्योगिक और वाणिज्यिक विकास में तेजी आएगी। बैठक में केंद्रीय मंत्री ने एलिवेटेड रोड, आगरा एक्सप्रेसवे और वेस्टर्न बाईपास के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने ग्वालियर स्टेशन के जीर्णोद्धार के लिए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, जलापूर्ति परियोजनाओं के लिए आवास एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर और आंबेडकर धाम के लिए मुख्यमंत्री मोहन यादव को धन्यवाद दिया। सिंधिया ने कहा, "केंद्र और राज्य सरकारों के संयुक्त प्रयासों से ग्वालियर आने वाले समय में और अधिक समृद्ध, मजबूत और आधुनिक रूप में उभरेगा।
- नयी दिल्ली. ।संसद भवन परिसर की सुरक्षा अब और भी चाक-चौबंद होने जा रही है। संसद भवन के चारों ओर की बाहरी परिधि में न सिर्फ विशेष प्रकाश की व्यवस्था की जाएगी बल्कि वहां बिजली युक्त बाड़ (इलेक्ट्रिक पावर फेंस) भी लगायी जाएगी। इतना ही नहीं, इस सुरक्षा कवच को और मजबूत बनाने के लिए परिसर को अत्याधुनिक ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क और घुसपैठ का पता लगाने वाली उन्नत प्रणाली से भी लैस किया जाएगा। इसके साथ ही सीसीटीवी कैमरों की चौकस निगाहें भी परिसर की हर गतिविधि पर चौबीसों घंटे नजर रखेंगी। केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) ने अपनी वेबसाइट पर इस संबंध में एक निविदा जारी कर दी है। इसके अनुसार, इस कार्य की अनुमानित लागत 14.62 करोड़ रुपये से अधिक रखी गई है और निविदा की बोली 18 सितंबर 2025 को खोली जाएगी। सीपीडब्ल्यूडी ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस परियोजना में संयुक्त उद्यम की अनुमति नहीं दी जाएगी।संसद की सुरक्षा को लेकर यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब हाल के वर्षों में कुछ घटनाओं ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए थे। पिछले महीने एक व्यक्ति संसद की दीवार फांदकर अंदर घुसने की कोशिश करते हुए पकड़ा गया था। इससे पहले लोकसभा कक्ष में 13 दिसंबर 2023 को दो व्यक्तियों ने सुरक्षा में सेंध लगाते हुए दर्शक दीर्घा से छलांग लगाकर एक कैन फेंकी थी, जिसमें से रंगीन धुआं निकला था जबकि दो अन्य ने परिसर के बाहर भी ऐसा ही कृत्य किया था। इन घटनाओं के मद्देनजर संसद भवन की सुरक्षा को और चाक-चौबंद करने की तैयारी की जा रही है।सीपीडब्ल्यूडी की वेबसाइट पर जारी निविदा के ब्यौरे के अनुसार, पात्र एजेंसियों / ठेकेदारों से संसद भवन परिसर की बाहरी परिधि को विशेष प्रकाश व्यवस्था और बिजली युक्त बाड़बंदी (इलेक्ट्रिक पावर फेंस) से लैस करने, ऑप्टिकल फाइबर एवं घुसपैठ का पता लगाने वाली प्रणाली से सुसज्जित करने तथा सीसीटीवी निगरानी व्यवस्था से युक्त बनाने का कार्य चार महीने में पूरा करने की अपेक्षा की जाती है।


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