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 रेलवे की तरक्की की त्रिवेणी वंदे भारत, अमृत भारत और नमो भारत

 नई दिल्ली। भारतीय रेलवे तरक्की के नित नए नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है और अपने रेलवे नेटवर्क को आधुनिक बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। इसी क्रम में गुरुवार को रेलवे के इतिहास में एक और उपलब्धि दर्ज की गई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बीकानेर जिला स्थित देशनोक रेलवे स्टेशन पर आयोजित कार्यक्रम में 103 पुनर्विकसित ‘अमृत स्टेशनों’ का उद्घाटन किया। ये स्टेशन 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 86 जिलों में स्थित हैं और इन्हें 1100 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया गया है। 

देश की नई गति और प्रगति की प्रतीक
महज इतना ही नहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के बीकानेर में एक सभा को संबोधित करते हुए देश की नई गति और प्रगति के प्रतीक के रूप में वंदे भारत, अमृत भारत और नमो भारत ट्रेनों की शुरुआत को रेखांकित किया। आज इन्हें रेलवे की तरक्की की त्रिवेणी भी कहा जा रहा है। 
अब लगभग 70 मार्गों पर वंदे भारत ट्रेनें होती हैं संचालित 
पीएम मोदी ने संबोधन के दौरान यह टिप्पणी की कि अब लगभग 70 मार्गों पर वंदे भारत ट्रेनें संचालित होती हैं, जो दूरदराज के क्षेत्रों में आधुनिक रेल संपर्क लाती हैं। उन्होंने पिछले 11 वर्षों में हुए महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की प्रगति की ओर भी ध्यान दिलाया, जिसमें सैकड़ों सड़क ओवरब्रिज और अंडरब्रिज का निर्माण, साथ ही 34,000 किलोमीटर से अधिक नई रेल पटरियां बिछाना शामिल है। 
रेलवे सेक्टर में पिछले 11 वर्षों में हुई महत्वपूर्ण प्रगति 
उन्होंने कहा कि ब्रॉड गेज लाइनों पर मानव रहित लेवल क्रॉसिंग को समाप्त कर दिया गया है, जिससे सुरक्षा में वृद्धि हुई है। श्री मोदी ने माल परिवहन को सुव्यवस्थित करने के लिए समर्पित माल गलियारों के तेजी से विकास और भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना के चल रहे निर्माण पर भी प्रकाश डाला। इन प्रयासों के साथ-साथ, यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए 1,300 से अधिक रेलवे स्टेशनों का आधुनिकीकरण किया जा रहा है।
देश में अब 100 से अधिक आधुनिक रेलवे स्टेशन 
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि आधुनिक रेलवे स्टेशनों को अमृत भारत स्टेशन नाम दिया गया है और ऐसे 100 से अधिक स्टेशन पूरे हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने इन स्टेशनों के आश्चर्यजनक परिवर्तन को देखा है, जो स्थानीय कला और इतिहास के प्रदर्शन के रूप में काम करते हैं। उन्होंने राजस्थान के मंडलगढ़ स्टेशन सहित महत्वपूर्ण उदाहरणों की ओर ध्यान दिलाया, जो राजपूत परंपराओं की भव्यता को दर्शाता है, और बिहार का थावे स्टेशन, जो मधुबनी कलाकृति के साथ माँ थावेवाली की पवित्र उपस्थिति को दर्शाता है। मध्य प्रदेश का ओरछा रेलवे स्टेशन भगवान राम की दिव्य छवि को दर्शाता है, जबकि श्रीरंगम स्टेशन का डिज़ाइन श्री रंगनाथ स्वामी मंदिर से प्रेरित है। गुजरात का डाकोर स्टेशन रणछोड़राय जी को श्रद्धांजलि देता है, तिरुवन्नामलाई स्टेशन द्रविड़ वास्तुकला सिद्धांतों का पालन करता है, और बेगमपेट स्टेशन काकतीय राजवंश की वास्तुकला विरासत का प्रतीक है। 
अमृत भारत स्टेशन बनेंगे पर्यटन विकास के लिए उत्प्रेरक
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि ये अमृत भारत स्टेशन न केवल भारत की हजारों साल पुरानी विरासत को संरक्षित करते हैं, बल्कि राज्यों में पर्यटन विकास के लिए उत्प्रेरक का काम भी करते हैं, जिससे युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होते हैं। उन्होंने लोगों से स्टेशनों की सफाई और सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया क्योंकि वे इन बुनियादी ढांचे के असली मालिक हैं। इस बात पर जोर देते हुए कि बुनियादी ढांचे में सरकारी निवेश न केवल विकास को बढ़ावा देता है बल्कि रोजगार के अवसर भी पैदा करता है और व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा देता है, पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि खर्च किए जा रहे हजारों करोड़ रुपये सीधे तौर पर श्रमिकों, दुकानदारों, कारखाने के कर्मचारियों और ट्रक और टेम्पो ऑपरेटरों जैसे परिवहन क्षेत्रों से जुड़े लोगों को लाभान्वित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक बार बुनियादी ढांचा परियोजनाएं पूरी हो जाने के बाद, लाभ कई गुना बढ़ जाते हैं। किसान अपनी उपज को कम लागत पर बाजारों तक पहुंचा सकते हैं, जिससे बर्बादी कम होती है। अच्छी तरह से विकसित सड़कें और विस्तारित रेलवे नेटवर्क नए उद्योगों को आकर्षित करते हैं और पर्यटन को काफी बढ़ावा देते हैं। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि बुनियादी ढांचे पर खर्च से अंततः हर घर को फायदा होता है, और युवा लोग उभरते आर्थिक अवसरों से सबसे ज्यादा लाभ उठाते हैं।
क्या है अमृत भारत स्टेशन योजना ?
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी ने आज राजस्थान के बीकानेर से देश के 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 86 जिलों में 103 पुनर्विकसित अमृत भारत रेलवे स्टेशनों का उद्घाटन किया है। अमृत भारत स्टेशन योजना भारत भर के रेलवे स्टेशनों को चरणबद्ध तरीके से बेहतर बनाने की दीर्घकालिक योजना है। इस योजना के तहत, प्रत्येक स्टेशन के लिए विस्तृत योजना बनाई जाती है और प्रत्येक स्टेशन की जरूरतों के आधार पर चरणबद्ध तौर पर काम किया जाता है। 
कब हुई शुरुआत ?
अमृत भारत स्टेशन योजना की शुरुआत 2021 में हुई थी, जब गांधीनगर आधुनिकीकरण से गुजरने वाला पहला रेलवे स्टेशन बना, जिसमें सभी आधुनिक सुविधाएं और एक पांच सितारा होटल था। बाद में उसी वर्ष, रानी कमलापति रेलवे स्टेशन ने एक नया रूप धारण किया, जिसे पहले हबीबगंज के नाम से जाना जाता था।
क्या है लक्ष्य ?
इसका लक्ष्य स्टेशनों को अधिक स्वच्छ, अधिक आरामदायक और उपयोग में आसान बनाना है । इसमें प्रवेश और निकास द्वार, प्रतीक्षालय, शौचालय, प्लेटफॉर्म और छत को बेहतर बनाना शामिल है। जहां भी जरूरत होगी, वहां लिफ्ट, एस्केलेटर और मुफ्त वाई-फाई जैसी सुविधाएं जोड़ी जाएंगी। यात्रियों की मदद के लिए बेहतर संकेत और सूचना प्रणाली भी होगी। कुछ स्टेशनों में एग्जीक्यूटिव लाउंज और बिजनेस मीटिंग के लिए विशेष स्थान होंगे। 
103 पुनर्विकसित अमृत भारत रेलवे स्टेशनों के नाम
महाराष्ट्र में अमृत स्टेशन हैं आमगांव, चांदा फोर्ट, चिंचपोकली, देवलाली, धुले, केडगांव, लासलगांव, लोनंद जंक्शन, माटुंगा, मुर्तिजापुर जंक्शन, नेताजी सुभाष चंद्र बोस इतवारी जंक्शन, परेल, सावदा, शाहद, वडाला रोड।
वहीं उत्तर प्रदेश में बलरामपुर, बरेली शहर, बिजनोर, फतेहाबाद, गोला गोकर्णनाथ, गोवर्धन, गोविंदपुरी, हाथरस सिटी, ईदगाह आगरा जंक्शन, इज्जतनगर, करछना, मैलानी जंक्शन, पुखरायां, रामघाट हॉल्ट, सहारनपुर जंक्शन, सिद्धार्थनगर, सुरेमनपुर, स्वामीनारायण छपिया, उझानी अमृत स्टेशन हैं।
तमिलनाडु में चिदंबरम, कुलितुरई, मन्नारगुडी, पोलूर, सामलपट्टी, श्रीरंगम, सेंट थॉमस माउंट, तिरुवन्नामलाई, वृद्धाचलम जंक्शन जैसे स्टेशन भी अमृत भारत स्टेशन योजना का हिस्सा हैं।गुजरात में डाकोर, डेरोल, हापा, जामवंतली, जामजोधपुर, कनालुस जंक्शन, करमसद, कोसांबा जंक्शन, लिंबडी, महुवा, मीठापुर, मोरबी, ओखा, पालीताना, राजुला जंक्शन, समाखियाली, सिहोर जंक्शन, उतरन कटनी साउथ, नर्मदापुरम, ओरछा, सिवनी, शाजापुर, मध्य प्रदेश में श्री धाम स्टेशन अमृत भारत स्टेशन योजना का हिस्सा हैं।
अमृत भारत रेलवे स्टेशन सिद्ध होंगे देश के ‘विकास का प्रवेश द्वार’ 
अमृत भारत रेलवे स्टेशन देश के ‘विकास का प्रवेश द्वार’ सिद्ध होंगे। यात्री अब अधिक सुगम, सुरक्षित और विश्वस्तरीय सुविधाओं से युक्त आनंददायक यात्रा का अनुभव करेंगे। केवल इतना ही नहीं, इन स्टेशनों के माध्यम से व्यापार, पर्यटन और रोजगार के नए अवसर भी निर्मित होंगे।

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