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- बेंगलुरु। प्रख्यात वैज्ञानिक के. कस्तूरीरंगन का कहना है कि वह ऑनलाइन शिक्षा की अवधारणा के पक्ष में नहीं हैं क्योंकि प्रत्यक्ष शारीरिक उपस्थिति और परस्पर मानसिक जुड़ाव महत्वपूर्ण होता है और इसी से बच्चों में चंचलता और रचनात्मकता आती है।राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2019 का मसौदा तैयार करने वाली समिति के अध्यक्ष आमने-सामने के संपर्क, बातचीत और विचारों के आदान-प्रदान के पारंपरिक तरीकों पर जोर देते हैं। कोरोना वायरस महामारी के बीच स्कूलों के बंद होने की वजह से ऑनलाइन कक्षाओं को लेकर देश में एक बहस चल रही है।उन्होंने बताया, मूल रूप से बच्चों का शारीरिक और मानसिक संपर्क बहुत जरूरी है। चंचलता, रचनात्मकता और कई अन्य चीजें कभी भी ऑनलाइन कक्षाओं से बच्चों में नहीं आ सकती है। कस्तूरीरंगन 1994 से 2003 के बीच भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष भी रहे हैं। उन्होंने कहा कि मस्तिष्क का 86 प्रतिशत विकास आठ साल की उम्र तक हो जाता है और बच्चों के शुरुआती समय का मूल्यांकन बेहद सतर्कता से होना चाहिए और किसी भी तरह के नए तरीके अपनाने के लिए वैज्ञानिक आधार की जरूरत है।पद्मश्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित हो चुके वैज्ञानिक कस्तूरीरंगन ने कहा, आठ साल की उम्र तक मस्तिष्क का विकास लगातार होता रहा है और अगर आपने बातचीत के जरिए लगातार मस्तिष्क को उभारने का कार्य नहीं किया तो प्रत्यक्ष रूप से आप अपने नौजवानों की सर्वश्रेष्ठ दिमागी शक्ति और प्रस्तुति से वंचित रहने जा रहे हैं।राज्यसभा के पूर्व सदस्य ने कहा, ये ऐसे विषय हैं जिसका मूल्यांकन बहुत ही सावधानी से किए जाने की जरूरत है। जिस तरह से हम उच्च शिक्षा में ऑनलाइन कक्षाओं की बात करते हैं, वह रास्ता बच्चों के शुरुआती चरणों पर काम करने का नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि स्कूली बच्चों में ऑनलाइन शिक्षा के मुद्दे पर बहुत सावधानी से सोच-विचार करने की जरूरत है और बिना किसी वैज्ञानिक आधार के कोई भी रुख नहीं अपनाया जाना चाहिए।वहीं अन्य विख्यात वैज्ञानिक प्रोफेसर सी एन आर राव ने भी बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा देने पर असहमति जाती है। उन्होंने बच्चों के दिलो-दिमाग को प्रेरित करने में मानवीय दखल के जरिए अच्छी बातचीत को अहम बताया है। राव को 2014 में भारत रत्न से सम्मानित किया जा चुका है। जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च के मानद अध्यक्ष और लिनस पॉलिंग रिसर्च प्रोफेसर ने कहा कि केजी, पहली कक्षा और दूसरी कक्षा के बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई को समाप्त करना चाहिए। उन्होंने कहा, मैं ऑनलाइन शिक्षा को लेकर उत्साहित नहीं हूं। हम बच्चों के साथ अच्छे से संपर्क कर सकें ,बातचीत कर सकें इसके लिए व्यक्ति से व्यक्ति के संपर्क की जरूरत है। इसी तरह से ही बाल मन को प्रेरित किया जा सकता है।----------
- नई दिल्ली। तेलंगाना सरकार ने कोविड-19 के कारण बोर्ड परीक्षाएं कराये बिना ही दसवीं कक्षा के सभी विद्यार्थियों को अगली कक्षा में भेजने का फैसला किया।हैदराबाद में मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया। 5 लाख 34 हजार से अधिक छात्रों को अब स्कूलों द्वारा पहले से दिए गए आंतरिक मूल्यांकन अंकों के आधार पर प्राप्त ग्रेडों के अनुसार पदोन्नत किया जाएगा।उच्च न्यायालय ने सरकार को कोविड के बढ़ते मामलों के मद्देनजऱ ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम क्षेत्र को छोड़कर दसवीं कक्षा के लिए परीक्षा आयोजित करने का निर्देश दिया था। तेलंगाना में दसवीं के आधार पर ही छात्रों को इंटरमीडिएट कक्षा के लिए वैकल्पिक विषय दिए जाते हैं। लॉकडाउन शुरू होने से पहले 11 में से तीन पेपरों के लिए परीक्षाएं पहले ही हो चुकी हैं।---
- गुवाहाटी। असम के शिक्षा मंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि राज्य के विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में वर्तमान शैक्षणिक वर्ष के दौरान प्रवेश नि:शुल्क होगा ताकि कोविड-19 के कारण लागू लॉकडाउन से प्रभावित हुए छात्रों के अभिभावकों पर अतिरिक्त बोझ ना पड़े। उन्होंने कहा कि कोई अतिरिक्त शुल्क भी नहीं लिया जाएगा।कक्षा 10वीं के परीक्षा परिणामों की घोषणा के एक दिन बाद सरमा ने रविवार को पत्रकारों को बताया, मेडिकल, इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक के छात्रों सहित उच्च माध्यमिक से स्नातकोत्तर स्तर तक के छात्रों को सभी संस्थानों में नि:शुल्क प्रवेश दिया जाएगा। संस्थानों के प्रोस्पेक्टस और प्रवेश पत्र भी ऑनलाइन निशुल्क उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग छात्रावास में रहने वाले छात्रों को मेस शुल्क के भुगतान के लिए 1,000 रुपये मासिक देगा।------
- नई दिल्ली। देश को आत्मनिर्भर बनाने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए सार्वजनिक खरीद में स्थानीय उत्पादों को अधिक से अधिक वरीयता देने के लिए सरकार ने अपने खरीद नियमों में अहम बदलाव किए हैं।इससे उन कंपनियों को प्राथमिकता मिलेगी, जिनके माल और सेवाओं में ५० प्रतिशत से अधिक स्थानीय सामग्रियों का उपयोग होगा। देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार की कोशिश मेक इन इंडिया को आगे बढ़ाने की भी है। संशोधित सार्वजनिक खरीद (मेक इन इंडिया को वरीयता) आदेश-२०१७ में श्रेणी-१, श्रेणी-२ और गैर-स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं का वर्गीकरण पेश किया गया है।इसी के आधार पर उन्हें सरकार की ओर से माल एवं सेवाओं की खरीद में वरीयता दी जाएगी। श्रेणी-१ के स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं को सभी सरकारी खरीद में वरीयता दी जाएगी, क्योंकि उनके उत्पादों में स्थानीय सामग्री ५० प्रतिशत या उससे अधिक होगी। इसके बाद श्रेणी-२ के आपूर्तिकर्ता होंगे, जिनके उत्पादों में स्थानीय सामग्री का प्रतिशत २० से अधिक लेकिन ५० प्रतिशत से कम होगा। बीस प्रतिशत से कम स्थानीय सामग्री वाले सामान या सेवाएं पेश करने वाली कंपनियों को गैर-स्थानीय आपूर्तिकता की श्रेणी में रखा गया है। ये कंपनियां सरकारी खरीद की निविदाओं में भाग नहीं ले सकेंगी। हालांकि इन्हें सरकारी खरीद की वैश्विक निविदाओं में प्रतिभाग करने की अनुमति होगी। इससे पहले सरकार ने स्थानीय आपूर्तिकर्ता के तौर पर न्यूनतम ५० प्रतिशत स्थानीय सामग्री से माल एवं सेवा देने वाली कंपनियों को ही मान्यता दी थी। स्थानीय सामग्री से सरकार का आशय है कि किसी वस्तु या सेवा के उत्पादन के लिए कितने प्रतिशत मूल्यवर्धन देश के भीतर किया गया है। इस मूल्यवर्धन में स्थानीय अप्रत्यक्ष कर का मूल्य शामिल नहीं होगा। इसी के साथ आदेश में कहा गया है कि २०० करोड़ रुपये से कम की खरीद में वैश्विक निविदा की अनुमति नहीं होगी।
- नई दिल्ली। देश के कई हिस्सों में जून के पहले सप्ताह में अपेक्षाकृत ठंडा मौसम रहने से बिजली की मांग में जारी गिरावट और बढ़ गयी। सालाना आधार पर इस साल मई में बिजली की मांग 8.8 प्रतिशत कम रही थी, जो जून के पहले सप्ताह में बढ़कर 19.7 प्रतिशत हो गयी। मई की उत्तराद्र्ध में लॉकडाउन की पाबंदियों में ढील के बाद देश भर में वाणिज्यिक और औद्योगिक गतिविधियों की शुरुआत तथा गर्मियां बढऩे के कारण बिजली की मांग में जून में तेजी आने की उम्मीद जगी थी।बिजली मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, जून के पहले सप्ताह में बिजली की शीर्ष मांग 138.28 गीगावाट (4 जून को) से 146.53 गीगावाट (6 जून को) के दायरे में रही। इस तरह आलोच्य सप्ताह के दौरान बिजली की शीर्ष मांग 146.53 गीगावट रही। यह पिछले साल जून में दर्ज 182.45 गीगावाट से 19.7 प्रतिशत कम है। किसी दिन के दौरान पूरे देश में किसी एक समय आपूर्ति की जा रही बिजली के शीर्ष स्तर को उस दिन के लिये बिजली की शीर्ष मांग कहा जाता है। इससे पहले मई में बिजली की शीर्ष मांग 26 मई को 166.42 गीगावाट दर्ज की गयी। यह साल भर पहले के 182.55 गीगावाट से 8.82 प्रतिशत कम थी। इसी तरह, अप्रैल में बिजली की शीर्ष मांग 25 प्रतिशत गिरकर 132.77 गीगावाट रही थी।-----
- जम्मू। जम्मू-कश्मीर के भाजपा अध्यक्ष रविंद्र रैना ने रविवार को कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 14 जून को जम्मू में पहली ऑनलाइन रैली को संबोधित कर केंद्र सरकार की उपलब्धियों के बारे में बताएंगे।पार्टी विज्ञप्ति के अनुसार रैना ने पार्टी मुख्यालय में वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ एक बैठक में ऑनलाइन रैली की व्यवस्था की समीक्षा करते हुए इस बात का खुलासा किया। रक्षा मंत्री 14 जून को सुबह 10.30 बजे एक डिजिटल रैली के माध्यम से पार्टी कार्यकर्ताओं और आम जनता को संबोधित करेंगे। रैन ने कहा, वह केंद्र सरकार की उपलब्धियों, उसके ऐतिहासिक फैसलों और राष्ट्रीय और क्षेत्रीय महत्व के अन्य मुद्दों पर भी प्रकाश डालेंगे।
- नई दिल्ली। कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग - डीओपीटी ने सभी सरकारी कर्मचारियों से कोरोना संक्रमण का फैलाव रोकने के लिए कार्यस्थल पर सुरक्षित दूरी बनाए रखने और साफ-सफाई के नियमों का कड़ाई से पालन करने को कहा है। डीओपीटी ने सभी मंत्रालयों, विभागों और कार्यालयों को भी गृह मंत्रालय और डीओपीटी से जारी निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।स्वास्थ्य मंत्रालय ने चार जून को कार्यस्थलों पर एहतियाती उपायों के बारे में मानक संचालन प्रक्रिया जारी की थी। दिशा-निर्देशों के अनुसार लोगों को सार्वजनिक स्थलों पर जहां तक संभव हो कम से कम छह फुट की दूरी बनाए रखनी होगी, मास्क लगाना या चेहरा ढकना अनिवार्य होगा, साबुन से बार-बार हाथ धोने होंगे और अलकोहल युक्त सैनिटाइजर का उपयोग करना होगा। श्वास संबंधी स्वच्छता नियमों का भी ध्यान रखना होगा। सभी कर्मचारियों को आरोग्य सेतु एप डाउनलोड कर इसका उपयोग करना होगा।कार्यालय परिसर में केवल उन्हीं कर्मचारियों और आगन्तुकों को प्रवेश की अनुमति होगी जिनमें संक्रमण के लक्षण नहीं होंगे। कन्टेनमेंट जोन में रहने वाले अधिकारी या कर्मचारी को इस बारे में सूचित करना होगा और तब तक कार्यालय नहीं आना होगा जब तक कि उनका इलाका संक्रमण मुक्त न हो जाए। ऐसे कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति होगी और यह अवधि अवकाश में नहीं मानी जाएगी। वाहन चालकों को भी सुरक्षित दूरी बनाए रखनी होगी और सभी एहतियाती उपायों का पालन करना होगा। वाहन को सैनेटाइज करना भी अनिवार्य होगा।---
- नई दिल्ली। नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि विदेशी नागरिकों की यात्रा पर लगी पाबंदियां जैसे ही ख़त्म होंगी नियमित अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का परिचालन फिर से शुरू करने का फैसला लिया जाएगा। श्री पुरी ने कहा कि गंतव्य देशों को आने वाली उड़ानों को अनुमति देने के लिए तैयार रहना होगा।श्री पुरी ने कहा कि लोगों के लिए निर्धारित अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को फिर से शुरू करने की बढ़ती मांग के कारण जो लोग विशेष कारणों से विदेश यात्रा करना चाहते हैं, इसके लिए उन्होंने दुनिया भर में अंतरराष्ट्रीय उड़ान संचालन की स्थिति की समीक्षा की है। श्री पुरी ने कहा की विश्व स्तर पर स्थिति सामान्य नहीं है। उन्होंने कहा कि अधिकांश देशों में 10 प्रतिशत से कम अंतरराष्ट्रीय उड़ानें चल रही हैं और वे केवल अपने ही नागरिकों को प्रवेश की अनुमति दे रहे हैं और विदेशी नागरिकों की यात्रा पर प्रतिबंध है। श्री पुरी ने कहा की वंदे भारत मिशन के अन्तर्गत और उड़ानें संचालित की जाएंगी।
- नई दिल्ली। दक्षिण पश्चिम मॉनसून इस महीने की 11 तारीख को मुंबई पहुंचेगा। बंगाल की खाड़ी के ऊपर हवा के कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है, जिससे मुंबई सहित महाराष्ट्र तट पर बारिश में बढ़ोतरी होने का अनुमान है।भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने बताया है कि अतीत में यह देखा गया है कि जब बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनता है तो वर्षा में सक्रिय बढ़ोतरी होती है। मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्यंजय महापात्र ने कहा है कि यह एक सकारात्मक घटना है और इससे मानसून का आगे बढऩे में मदद मिलेगी। अनुमान है कि मानसून मुंबई के लिए सामान्य रूप से अनुमानित 11 जून तक पहुंच जाएगा।़इस बीच मानसून देश के कुछ और भागों में आगे बढ़ रहा है। यह दक्षिण भीतरी कर्नाटक, रायलसीमा के कुछ हिस्सों, तमिलनाडु के ज्यादातर भागों समूची दक्षिण पश्चिम बंगाल की खाड़ी और पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों में सक्रिय हो गया है।पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने बताया है कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के मध्यवर्ती अरब सागर के कुछ भागों, गोवा, कोंकण के कुछ भागों, कर्नाटक के कुछ और हिस्सों, रायलसीमा, तमिलनाडु के शेष भागों, तटवर्ती आंध्र प्रदेश के कुछ भागों और पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ हिस्सों में अगले दो या तीन दिन में आगे बढऩे की अनुकूल स्थितियां बन गई है। मंत्रालय के अनुसार दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के बाद के दो दिनों में महाराष्ट्र, कर्नाटक, तटवर्ती आंध्र प्रदेश, तेलंगाना के कुछ भागों, बंगाल की खाड़ी के शेष भागों और उत्तर पूर्वी राज्यों, सिक्किम, ओड़ीसा के कुछ हिस्सों और पश्चिम बंगाल के गांगेय क्षेत्र में आगे बढऩे की अनुकूल स्थितियां हैं।मंत्रालय ने बताया है कि पूर्वी मध्यवर्ती बंगाल की खाड़ी में अगले 48 घंटे के दौरान हवा के कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। इसके प्रभाव से ओडीसा, उत्तर तटवर्ती आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में इस महीने की नौ से ग्यारह तारीख तक व्यापक वर्षा होने और एक-दो स्थानों पर बहुत तेज बारिश होने की आशंका है। दस और ग्यारह जून को विदर्भ, पश्चिम बंगाल के गांगेय क्षेत्र, गुजरात और दक्षिणी मध्य प्रदेश में एक-दो स्थानों पर भारी वर्षा होने का अनुमान व्यक्त किया गया है।---
- नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में जैनपुरा बैल्ट के रेबन गांव में आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच हुई मुठभेड़ में पांच आतंकवादी मारे गए।श्रीनगर के रक्षा प्रकोष्ठ के जन-संपर्क अधिकारी कर्नल राजेश कालिया ने बताया कि इलाके में आतंकवादियों का सुराग मिलने पर पुलिस, आर आर और सी आर पी एफ के संयुक्त दल ने गांव में घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू किया। उन्होंने बताया कि सुरक्षाबलों के संयुक्त दल जैसे ही संदिग्ध स्थान की ओर बढ़ा, तभी वहां छिपे आतंकवादियों ने हमला कर दिया।शोपियां और कुलगाम जिलों में एहतियात के तौर पर इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। इस बीच, पाकिस्तानी सैनिकों ने जम्मू-कश्मीर के केरन और रामपुर सेक्टरों में रविवार दिन में दो बार संघर्ष-विराम का उल्लंघन किया। पाकिस्तानी सैनिकों ने कुपवाडा और बारामूला जिलों के केरन और रामपुर सेक्टरों में नियंत्रण रेखा पर अकारण गोलीबारी की जिसका भारतीय सेना ने करारा जवाब दिया।---
- नई दिल्ली/ रायपुर। केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रहलाद सिंह पटेल ने घोषणा करते हुए कहा कि संस्कृति मंत्रालय ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के तहत केन्द्र द्वारा संरक्षित 820 स्मारकों,जिनमें पूजास्थल हैं, को 8 जून से खोलने की मंजूरी दे दी है। श्री पटेल ने यह भी कहा कि इन सभी स्मारकों में एमएचए और स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए सभी प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा।इसमें छत्तीसगढ़ के 19 ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल भी शामिल है, जिसका संरक्षण भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा किया जा रहा है।देखें सूची.......अपने आदेश में, संस्कृति मंत्रालय ने कहा है कि एएसआई यह सुनिश्चित करेगा कि धार्मिक स्थानों / पूजा स्थलों में कोविड -19 के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा 4 जून, को जारी मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) के तहत रोकथाम के उपायों का केन्द्र द्वारा संरक्षित इन स्मारकों को खोलने और इनके प्रबंधन में प्रभावी ढंग से पालन किया जायेगा। एएसआई, इस संबंध में गृह मंत्रालय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए अन्य सभी निर्देशों का पालन भी सुनिश्चित करेगा।संस्कृति मंत्रालय ने एएसआई से अनुरोध किया कि वह इन 820 सीपीएम, जिन्हें 8 जून से खोलने का प्रस्ताव है, की सूची को संबंधित राज्यों और संबंधित जिलों के साथ साझा करे और कोविड-19 की रोकथाम के लिए यदि कोईराज्य और / या जिला द्वारा विशेष आदेश जारी किये जाते है तो इन आदेशों का भी पूरी तरह से पालन किया जाना सुनिश्चित करे।
- -केंद्र संचालित अस्पतालों में देशभर के लोग इलाज करा सकेंगे- विशिष्ट ऑपरेशन करने वाले निजी अस्पताल सभी के लिए खुलेें रहेंगेनई दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने रविवार को घोषणा की कि उत्तर प्रदेश और हरियाणा से लगती दिल्ली की सीमाएं सोमवार से खोली जाएंगी और केंद्र संचालित अस्पतालों को छोड़कर दिल्ली के सभी सरकारी तथा निजी अस्पतालों में केवल राष्ट्रीय राजधानी के लोग ही इलाज करा सकेंगे।उन्होंने कहा कि दिल्ली में जहां मॉल, रेस्तरां और धार्मिक स्थल केंद्र के दिशा-निर्देशों के अनुरूप खुलंगे, वहीं होटल तथा बैंक्वेट बंद रहेंगे क्योंकि दिल्ली सरकार को आगामी समय में इन्हें अस्पतालों में तब्दील करने की आवश्यकता पड़ सकती है।केजरीवाल ने एक ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा, 90 प्रतिशत से अधिक लोग चाहते हैं कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान दिल्ली के अस्पतालों में राष्ट्रीय राजधानी के लोगों का ही इलाज हो। इसलिए, यह निर्णय किया गया है कि दिल्ली स्थित सरकारी और निजी अस्पताल राष्ट्रीय राजधानी के लोगों का ही उपचार करेंगे। उन्होंने कहा कि दिल्ली में कुछ निजी अस्पताल ऐसे हैं, जो विशिष्ट किस्म की सर्जरी करते हैं, वहांं देश भर के मरीज आकर सर्जरी करा सकते हैं। ऐसे अस्पताल सभी के लिए खुले रहेंगे।मुख्यमंत्री ने कहा, दिल्ली के बुनियादी ढांचे की इस समय कोरोना वायरस संकट से निपटने में आवश्यकता है। उन्होंने कहा, उत्तर प्रदेश और हरियाणा से लगतीं दिल्ली की सीमाएं कल से खुलेंगी। मॉल, रेस्तरां और धार्मिक स्थल भी केंद्र के दिशा-निर्देशों के अनुरूप खुलेंगे, लेकिन होटल और बैंक्वेट बंद रहेंगे क्योंकि आगामी समय में हमें इन्हें अस्पतालों में तब्दील करने की आवश्यकता पड़ सकती है। केंद्र सरकार ने शॉपिंग मॉल, होटलों, रेस्तराओं, अन्य आतिथ्य सेवाओं तथा धार्मिक स्थलों को आठ जून से खोलने की अनुमति प्रदान कर दी है। हालांकि निषिद्ध क्षेत्रों में इन प्रतिष्ठानों और स्थलों को खुलने की अनुमति नहीं है।---
- भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने सात जिलों के कलेक्टरों एवं इंदौर संभाग के कमिश्नर सहित भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के 17 अधिकारियों के शनिवार देर रात तबादले किये हैं।मध्य प्रदेश सरकार के आदेश के अनुसार आलोक कुमार सिंह को धार जिले का नया कलेक्टर बनाया गया है, जबकि इलैयाराजा टी. को रीवा जिले का कलेक्टर, वेदप्रकाश को नरसिंहपुर जिले का कलेक्टर, अनिल कुमार खरे को मण्डला जिले का कलेक्टर, चन्द्रमौलि शुक्ला को देवास जिले का कलेक्टर, राजीव रंजन मीना को सिंगरौली जिले का कलेक्टर और अवधेश शर्मा को आगर-मालवा जिले का कलेक्टर बनाया गया है।वहीं, इंदौर संभाग के कमिश्नर आकाश त्रिपाठी (1998 बैच के आईएएस अधिकारी) का तबादला कर उन्हें प्रबंध संचालक मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड जबलपुर तथा पदेन सचिव, उर्जा विभाग बनाया गया है, जबकि उनके स्थान पर 1999 बैच के आईएएस अधिकारी डॉ. पवन कुमार शर्मा इंदौर संभाग के नये कमिश्नर होंगे। शर्मा नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण इंदौर में आयुक्त (फील्ड) थे।आदेश के अनुसार डॉ. श्रीकांत पाण्डेय को देवास जिले के कलेक्टर पद से हटाकर अपर सचिव मध्य प्रदेश बनाया गया है, जबकि श्रीकांत बनोठ को धार जिले के कलेक्टर से हटाकर उप सचिव मध्य प्रदेश बनाया गया है। मण्डला जिले के कलेक्टर जगदीश चन्द्र जटिया अब उप सचिव, मध्य प्रदेश शासन होंगे, जबकि नरसिंहपुर जिले के कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना का स्थानांतरण कर उप सचिव मध्य प्रदेश शासन का जिम्मा सौंपा गया है।रीवा जिले के कलेक्टर बसंत कुर्रे अब उप सचिव मध्य प्रदेश शासन होंगे, जबकि सिंगरौली जिले के कलेक्टर वी.एस. चौधरी कोलसानी का तबादला कर उन्हें भोपाल नगर निगम का आयुक्त बनाया गया है। भोपाल नगर निगम के आयुक्त बी. विजय दत्ता को अब उप सचिव मध्य प्रदेश शासन का जिम्मा दिया गया है, जबकि आगर-मालवा जिले के कलेक्टर संजय कुमार का तबादला कर उप सचिव मध्य प्रदेश शासन बनाया गया है।---
- नई दिल्ली। राज्य और केंद्रशासित प्रदेश कल से धार्मिक स्थलों, शॉपिंग मॉल, रेस्तरां, होटल और कार्यालयों को खोलने की तैयारी कर रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने इन स्थानों को खोलने के लिए चार जून को मानक संचालन प्रक्रियाएं जारी की थीं।स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार मॉल, रेस्तरां या कार्यस्थलों में जाते समय सभी कर्मचारियों, कामगारों या मालिकों को सुरक्षा उपायों का पालन करना होगा। इनमें कम से कम छह फीट की सुरक्षित दूरी बनाए रखना और फेस कवर या मास्क पहनना शामिल है। खांसते या छींकते समय पूरी सावधानी बरतनी होगी। इनमें खांसते या छींकते समय मुंह और नाक को टिशू या रूमाल या किसी अन्य तरीके से ढकना और टिशू पेपर का समुचित रूप से निपटान करना शामिल हैं। सभी लोगों को अपने स्वास्थ्य की निगरानी करनी होगी। किसी भी तरह की बीमारी होने पर जल्द से जल्द राज्य या जिला हेल्पलाइन पर सम्पर्क करना होगा।सभी रेस्तराओं से यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि रेस्तरां में खाना खिलाने के बजाय भोजन पैक करवाकर घर ले जाने को प्रोत्साहन दिया जाए। रेस्तरां के कर्मचारियों और मालिकों को फेस कवर या मास्क अवश्य इस्तेमाल करना होगा।धार्मिक स्थलों संबंधी मानक संचालन प्रक्रिया में पैंसठ वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग व्यक्तियों, दस वर्ष से कम उम्र के बच्चों और गर्भवती महिलाओंन को घर में ही रहने की सलाह दी गयी है। धार्मिक स्थलों में भीड़भाड़ की अनुमति नहीं होगी।---
- नई दिल्ली। भारतीय विषविज्ञान संस्थान (आईआईटीआर), लखनऊ के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययन में मानसून से पहले की हवा की गुणवत्ता में सुधार दर्ज किया गया है। पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष की समान अवधि में हवा में पाए जाने वाले सूक्ष्म कण (पीएम)-10 एवं पीएम-2.5, सल्फर-डाईऑक्साइड, नाइट्रोजन-डाईऑक्साइड, लेड व निकेल जैसी धातुओं और ध्वनि प्रदूषण के स्तर में उल्लेखनीय रूप से गिरावट दर्ज की गई है।लॉकडाउन के दौरान हवा की गुणवत्ता का आकलन करने के लिए लखनऊ में किए गए एक ताजा अध्ययन के बाद सीएसआईआर-आईआईटीआर के शोधकर्ता इस नतीजे पर पहुंचे हैं।कोविड-19 को मद्देनजऱ रखते हुए शुरू हुए लॉकडाउन के दौरान 25 मार्च से 31 मई के बीच यह अध्ययन लखनऊ के आठ स्थानों पर किया गया है। इनमें चार आवासीय, तीन व्यावसायिक और एक औद्योगिक क्षेत्र शामिल हैं। अध्ययन में शामिल आठ स्थानों में से सात स्थलों पर वर्ष 1997 से नियमित रूप से वायु गुणवत्ता की निगरानी हो रही है। इसके अलावा, सीएसआईआर-आईआईटीआर, जो व्यावसायिक क्षेत्र में स्थित है, से भी प्रदूषण निगरानी के आंकड़े प्राप्त किए गए हैं।बीते वर्ष की तुलना में लखनऊ में इस वर्ष पीएम-10 के स्तर में 44.9 प्रतिशत और पीएम-2.5 के स्तर में 35.2 प्रतिशत गिरावट देखी गई है। शहर में लॉकडाउन-1, लॉकडाउन-2 एवं लॉकडाउन-3 के दौरान पीएम-10 और पीएम-2.5 का औसत स्तर क्रमश: निर्धारित राष्ट्रीय परिवेशीय वायु गुणवत्ता मानक 100 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर और 60 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर के भीतर दर्ज किया गया है। हालाँकि, लॉकडाउन-4 की अवधि में इन दोनों प्रदूषकों का स्तर मानक सीमा से अधिक पाया गया है।गैसीय प्रदषूकों सल्फर-डाईऑक्साइड एवं नाइट्रोजन-डाईऑक्साइड की सांद्रता परिवेशीय वायु गुणवत्ता के राष्ट्रीय मानक 60 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर से बहुत कम थी। बीते वर्ष की तुलना में इन दोनों तत्वों की औसत सांद्रता में क्रमश: 18.6 प्रतिशत और 27.7 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। सूक्ष्म धातुओं में लेड की औसत सांद्रता 10.44 नैनोग्राम प्रति घनमीटर और निकेल की सांद्रता 3.48 नैनोग्राम प्रति घनमीटर दर्ज की गई है। ध्वनि का स्तर दिन में 54.4 से 70.2 डेसिबल और रात्रि का 42.7 से 47.8 डेसिबल के बीच देखा गया है, जो दिन में निर्धारित मानकों से अधिक और रात्रि में निर्धारित सीमा के भीतर पाया गया है।आवासीय क्षेत्रों में शामिल विकास नगर में पीएम-10 की अधिकतम मात्रा 112 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर पायी गई है। व्यासायिक क्षेत्रों में यह सांद्रता सबसे अधिक 112.8 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर आलमबाग में दर्ज की गई है।शोधकर्ताओं का कहना है कि औद्योगिक उत्सर्जन, सड़क यातायात, कचरा जलाने और ईंधन का दहन नगरीय प्रदषूण के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार है। लॉकडाउन के दौरान इन गतिविधियों में कमी आने से प्रदूषण का स्तर भी कम हुआ है। हालाँकि, लॉकडाउन अल्पकालिक है और इसीलिए इस प्रदूषण के स्तर में इस गिरावट को भी अस्थायी माना जा रहा है। सीएसआईआर-आईआईटीआर के डॉ एस.सी. बर्मन के नेतृत्व में किए गए इस अध्ययन में डॉ जी.सी किस्कू, ई.ए.एच. खान, डॉ डी.के. पटेल एवं डॉ बी. श्रीकांत के अलावा ताजुद्दीन अहमद, प्रदीप शुक्ला, बी.एम. पांडेय, प्रिया सक्सेना, अंकित गुप्ता और अब्दुल अतीक सिद्दीकी शामिल थे।
- नई दिल्ली। महिला और बाल विकास मंत्रालय ने मातृत्व आयु, प्रसूता मृत्यु दर घटाने और पोषण का स्तर सुधारने जैसे मुद्दों पर विचार के लिए एक कार्यबल का गठन किया है। प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता जया जेटली की अध्यक्षता में यह कार्यबल 31 जुलाई तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगा। कार्यबल इन विषयों से जुड़े मौजूदा कानूनों में आवश्यकता के हिसाब से संशोधनों की सिफारिश करेगा और इन्हें समयबद्ध तरीके से लागू करने के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना भी तैयार करेगा।कार्यबल की ओर से शिशु मृत्यु दर, प्रसूता मुत्यु दर, कुल प्रजनन दर, जन्म के समय लिंग अनुपात और बाल लिंग अनुपात के अलावा महिलाओं के स्वास्थ्य और पोषण से संबंधित अन्य मुद्दों पर भी विस्तार से विचार करेगा। कार्यबल महिलाओं में शिक्षा को प्रोत्साहित करने के सुक्षाव भी देगा। केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने इस वर्ष बजट भाषण में कार्यबल का गठन किये जाने की घोषणा की थी।----
- नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और किसानों की मदद के उद्देश्य से दो अध्यादेशों जारी किये हैं। इनमें कृषक, उत्पाद, व्यापार और वाणिज्य- (प्रोत्साहन और सुविधा अध्यादेश) और मूल्य आशवासन और कृषि सेवा (सशक्तीकरण और संरक्षण) समझौता अध्यादेश 2020 शामिल है। मंत्रिमंडल ने हाल में ही इन दोनों अध्यादेशों को मंजूरी दी थी। ये अध्यादेश कृषि उपज के निर्बाध व्यापार और किसानों को उनकी पंसद के खरीदारों से जुडऩे का अधिकार प्रदान करेंगे।कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कल सभी मंत्रियों को पत्र लिखकर इन अध्यादेशों की जानकारी दी और सुधारों को अमल में लाने के लिए उनसे सहयोग का आग्रह किया था । उन्होंने सुधारों के नये माहौल में कृषि क्षेत्र की वृद्धि और विकास में उनसे निरंतर सहयोग देने का आग्रह किया। केन्द्र सरकार किसानों की आय बढ़ाने और कृषि विपणन को प्रभावी और दक्ष बनाने के उद्देश्य से व्यापक उपाय कर रही है।
- नई दिल्ली।. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि सरकार कोरोना वायरस के संकट के समय लोगों और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) क्षेत्र की इकाइयों को नकद सहयोग नहीं देकर अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर रही है।उन्होंने यह भी दावा किया कि सरकार का यह रुख नोटबंदी 2.0 है। राहुल गांधी ने एक खबर शेयर करते हुए ट्वीट किया, सरकार लोगों और एमएसएमई को नकद सहयोग देने से इनकार करके हमारी अर्थव्यवस्था को सक्रियता के साथ नष्ट कर रही है। यह नोटबंदी 2.0 है।
- राजनांदगांव। भारत सरकार ने भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी राहुल श्रीवास्तव को रोमानिया में भारत का राजदूत नियुक्त किया है। राहुल राजनांदगांव के रहने वाले हैं और जाने-माने साहित्यकार पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी के पोते हैं। उनके माता-पिता राजनांदगांव में रहते हैं। श्री श्रीवास्तव, 1999 बैच के आईएफएस अधिकारी हैं और वर्तमान में नई दिल्ली, स्थित मंत्रालय में संयुक्त सचिव हैं।राहुल ने 1999 में विदेश सेवा में नौकरी शुरू की। राहुल श्रीवास्तव का जन्म छत्तीसगढ़ राज्य में हुआ था।
- नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय के पांच कर्मचारियों के कोविड-19 से संक्रमित पाए जाने के बाद जांच एजेंसी के मुख्यालय को सोमवार तक 48 घंटों के लिए सील कर दिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि संक्रमित कर्मचारियों में विशेष निदेशक रैंक का एक अधिकारी भी शामिल है।अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि पांच में से दो अनुबंध पर काम करने वाले कर्मचारी हैं। खान मार्केट में लोकनायक भवन की अन्य मंजिलों से कोविड-19 के मामले सामने आने के मद्देनजर एजेंसी ने अपने मुख्यालय में विभागवार जांच कराई जिसमें ये कर्मचारी संक्रमित पाए गए।लोकनायक भवन में ही ईडी का कार्यालय स्थित है। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस से संक्रमित मिले ईडी के सभी कर्मचारियों में इस बीमारी के लक्षण नजर नहीं आ रहे थे। अधिकारियों के मुताबिक, जिन कर्मचारियों में संक्रमण की पुष्टि हुई है उनमें विशेष निदेशक रैंक के एक अधिकारी और एक जांच अधिकारी शामिल हैं। सभी को इलाज के लिए पृथक-वास केंद्रों में भर्ती कराया गया है। उन्होंने बताया कि संक्रमित कर्मचारियों के संपर्क में आए लोगों को पृथक-वास में रखा गया है। अधिकारियों ने बताया कि प्रक्रिया के अनुसार, एजेंसी के मुख्यालय को 48 घंटों के लिए सील कर दिया गया है और वह सोमवार से काम करना शुरू करेगा। उन्होंने बताया कि जांच में संक्रमण की पुष्टि होने के बाद से ये कर्मचारी दफ्तर नहीं आ रहे थे। उन्होंने बताया कि कोविड-19 के प्रसार को रोकने के क्रम में, ईडी मुख्यालय और सभी दस्तावेजों को हफ्ते में दो बार संक्रमणमुक्त करने के संबंध में एक प्रोटोकॉल निर्धारित किया गया। साथ ही बताया कि डाक को अधिकारियों और एजेंसी के अन्य स्टाफ को सौंपने से पहले संक्रमणमुक्त किया जाता है। पिछले महीने भी ईडी का एक कर्मचारी कोविड-19 की जांच में संक्रमित पाया गया था।
- नई दिल्ली। केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर कहा कि शहरी क्षेत्रों में वन आवरण और फेफड़ों के काम करने की क्षमता बढ़ाने की जरूरत है। कोविड-19 के मद्देनजर विश्व पर्यावरण दिवस पर ऑनलाइन एक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसका विषय प्रकृति एवं जैव विविधता था।श्री जावड़ेकर ने इस कार्यक्रम में भारत के 200 निगमों और शहरों के साथ मिलकर नगर वन एक कार्यक्रम शुरू किया और लोगों से सक्रिय रूप से भाग लेने तथा अपने क्षेत्रों में वृक्षों के आवरण को बढ़ाने का आग्रह किया। केन्द्रीय मंत्री ने कहा, हमारी जीवनशैली प्रकृति के साथ है। ग्रामीण क्षेत्रों में वन हैं लेकिन शहरी क्षेत्रों में उतने नहीं हैं। हमने 200 निगमों के साथ मिलकर आज नगर वन कार्यक्रम शुरू करने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा, शहरी जंगल, शहरी फेफड़ों के रूप में काम करेंगे। मैं लोगों से एक साथ काम करने और इसे एक जन आंदोलन बनाने की अपील करता हूं। हम इसमें हिस्सा लेने वालों और इसे सफल बनाने वाले लोगों को सम्मानित करेंगे। पेड़ लगाएं और उनकी संख्या बढ़ाएं क्योंकि वे ऑक्सीजन टैंक हैं।कार्यक्रम में मौजूद पर्यावरण राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो ने कहा कि सरकार ने इस साल 145 करोड़ पेड़ लगाने का लक्ष्य तय किया है। सुप्रियो ने कहा, पेड़ लगाना बहुत जरूरी है। इस साल 145 करोड़ पेड़ लगाने का लक्ष्य है। हमें वनों की रक्षा करने और प्राकृतिक संसाधनों के इस्तेमाल को कम करने का संकल्प लेना चाहिए। धरती माता और प्रकृति ने संकेत दिए हैं जिन्हें अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि सभी लोग प्रकृति के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझें तो इन सब परेशानियों से पार पाया जा सकता है।
- नई दिल्ली। मौसम विभाग ने कहा कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर चक्रवाती प्रवाह बनने की संभावना और मॉनसून में प्रगति होने के कारण अगले सप्ताह से मध्य और दक्षिण भारत में वर्षा के जोर पकडऩे की उम्मीद है।मौसम विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि अगले सप्ताह बंगाल की खाड़ी के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बनने और ओडिशा की ओर इसके बढऩे की संभावना है ।कम दबाव एक प्रकार का चक्रवाती प्रवाह होता है और किसी चक्रवात का पहला चरण होता है । हालांकि यह जरूरी नहीं है कि कम दबाव का हर क्षेत्र तेज होकर चक्रवात बन जाए। महापात्र ने कहा, इससे अगले सप्ताह मॉनसून के आगे बढऩे और अच्छी बारिश होने की संभावना है।मॉनसून ने एक जून को केरल में दस्तक दी थी । आम तौर पर इसी दिन मॉनसून दस्तक देता है । मौसम विभाग ने पूर्व में अनुमान लगाया था कि मॉनसून में चार दिर की देरी होगी लेकिन चक्रवात निसर्ग ने मॉनसून को तय समय पर केरल पहुंचने में मदद की ।मौसम विभाग ने कहा, अरब सागर, कर्नाटक, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल, बंगाल की खाड़ी के समस्त दक्षिणी-पूर्वी और पश्चिमी मध्य के कुछ हिस्सों में अगले दो दिनों के दौरान दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के आगे बढऩे के लिए अनुकूल परिस्थितियां हैं । मौसम विभाग के मुताबिक, एक जून से देश में सामान्य की तुलना में नौ प्रतिशत अधिक बारिश हुई है ।
- जम्मू। दक्षिण कश्मीर के हिमालय में स्थित प्रसिद्ध तीर्थस्थल अमरनाथ गुफा की वार्षिक यात्रा की शुरुआत में होने वाली पारंपरिक प्रथम पूजा शुक्रवार को संपन्न हुई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।यह पूजा दो महीने चलने वाली अमरनाथ यात्रा के आरंभ का प्रतीक मानी जाती है। हालांकि, सूत्रों की मानें तो इस वर्ष यह यात्रा जुलाई के अंतिम सप्ताह में शुरू होकर कोविड-19 महामारी के कारण केवल 15 दिनों तक चलेगी।जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल के प्रधान सचिव और श्री अमरनाथ तीर्थ बोर्ड (एसएएसबी) के सीईओ बिपुल पाठक तथा एसएएसबी के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी ए के सोनी ने प्रथम पूजा का आयोजन किया। पाठक ने बताया कि प्रथम पूजा हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी पूरे रीति-रिवाजों से संपन्न की गई। इसे तय कार्यक्रम के अनुसार आयोजित किया गया। श्रद्धालुओं द्वारा 3,880 मीटर ऊंचे गुफास्थल तक पहुंचने की व्यवस्थाओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा , सामाजिक दूरी के दिशा- निर्देशों और सभी अन्य एसओपी को ध्यान में रखकर यात्रा आयोजित की जाएगी। पाठक ने कहा कि सभी संभावनाओं को ध्यान में रखकर यात्रा आयोजित की जाएगी । सूत्रों के मुताबिक यात्रा के लिए हेलीकॉप्टरों का उपयोग किया जाएगा और यह तीन अगस्त को संपन्न होगी। पहले अमरनाथ यात्रा अनंतनाग जिले के पहलगाम और गांदरबल जिले के बालटल से 23 जून को शुरू होकर तीन अगस्त यानी श्रावण पूर्णिमा (रक्षाबंधन) के दिन संपन्न होने वाली थी।
- नई दिल्ली। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) का एक कांस्टेबल चार महीने के एक नवजात के लिए दूध का पैकेट देने के लिए ट्रेन के पीछे दौड़ पड़ा था जिसके लिए रेल मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को कांस्टेबल की प्रशंसा की।मंत्रालय की ओर से जारी एक वक्तव्य के अनुसार गोयल ने कांस्टेबल को नकद पुरस्कार दिए जाने की भी घोषणा की। वक्तव्य में कहा गया, आरपीएफ कांस्टेबल इंदर सिंह यादव (33) ने ड्यूटी के दौरान अनुकरणीय प्रदर्शन किया जब वह चार महीने के नवजात के वास्ते दूध देने के लिए ट्रेन के पीछे दौड़ पड़े। वक्तव्य के अनुसार 31 मई को शरीफ हाशमी अपने पति हसीन हाशमी और चार महीने शिशु के साथ श्रमिक स्पेशल ट्रेन से बेलगाम से गोरखपुर जा रहे थे। पिछले किसी भी स्टेशन पर दूध न मिलने के कारण उनका शिशु रो रहा था।वक्तव्य के अनुसार शिशु की मां ने कांस्टेबल से सहायता मांगी। यादव ने भोपाल रेलवे स्टेशन के बाहर स्थित एक दुकान से तत्काल दूध का पैकेट खरीदा लेकिन तब तक ट्रेन चल चुकी थी। वक्तव्य में कहा गया, कांस्टेबल मानवता और साहस का परिचय देते हुए ट्रेन के पीछे दौड़ पड़े और महिला को दूध का पैकेट दिया। रेलवे प्लेटफार्म पर यह पूरी घटना सीसीटीवी कैमरा में कैद हुई। गोयल ने कहा कि आरपीएफ कांस्टेबल इंदर सिंह यादव ने ड्यूटी के दौरान प्रशंसनीय कार्य किया जब वह चार महीने के नवजात के वास्ते दूध देने के लिए ट्रेन के पीछे दौड़ पड़े। उन्होंने कहा, उनकी नेकदिली के लिए मैंने नकद पुरस्कार देने की घोषणा की है।---
- नई दिल्ली। देश में 2018-19 में रोजगार की स्थिति सुधरी है। सरकार की ओर से जारी आंकड़ों में कहा गया है कि 2018-19 में बेरोजगारी की दर घटकर 5.8 प्रतिशत रह गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष 2017-18 में 6.1 प्रतिशत थी।सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी आवधिक श्रमबल सर्वे (पीएलएफएस) में कहा गया है कि श्रमबल की भागीदारी दर (एलएफपीआर) 2018-19 बढ़कर 37.5 प्रतिशत हो गई, जो एक साल पहले 36.9 प्रतिशत थी। बेरोजगारी दर से तात्पर्य श्रमबल में मौजूद लोगों में बेरोजगार लोगों के प्रतिशत से है। वहीं एलएफपीआर से आशय आबादी में मौजूद श्रमबल से है। देश में रोजगार की स्थिति में सुधार शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों तथा पुरुषों और महिलाओं दोनों में देखने को मिला। जहां 2018-19 में ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी की दर इससे पिछले वित्त वर्ष के 5.3 प्रतिशत से घटकर 5 प्रतिशत पर आ गई, वहीं शहरी क्षेत्रों में यह 6.2 प्रतिशत से घटकर 6 प्रतिशत रह गई।--