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- - यात्रियों को दिया जा रहा है मुफ्त भोजन और पानीनई दिल्ली। विभिन्न स्थानों पर फंसे प्रवासी श्रमिकों, तीर्थयात्रियों, पर्यटकों, विद्यार्थियों और अन्य व्यक्तियों की आवाजाही विशेष रेलगाडिय़ों से सुनिश्चित करने के संबंध में गृह मंत्रालय का आदेश प्राप्त होने के बाद भारतीय रेलवे ने श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाने का निर्णय लिया था।10 मई (दोपहर 3.00 बजे) तक देश भर के विभिन्न राज्यों से कुल 366 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई गई हैं, जिनमें से 287 ट्रेनें अपने गंतव्य तक पहुंच भी चुकी हैं, जबकि 79 ट्रेनें फिलहाल अपने-अपने गंतव्यों की ओर तेज गति से अग्रसर हैं।इन 287 ट्रेनों का परिचालन विभिन्न राज्यों में पहुंचने पर समाप्त हुआ, जैसे कि आंध्र प्रदेश (1 ट्रेन), बिहार (87 ट्रेनें), हिमाचल प्रदेश (1 ट्रेन), झारखंड (16 ट्रेनें), मध्य प्रदेश (24 ट्रेनें), महाराष्ट्र (3 ट्रेनें), ओडिशा (20 ट्रेनें), राजस्थान (4 ट्रेनें), तेलंगाना (2 ट्रेनें), उत्तर प्रदेश (127 ट्रेनें), पश्चिम बंगाल (2 ट्रेनें)।इन ट्रेनों ने प्रवासियों को कई शहरों तक पहुंचाया है जिनमें तिरुचिरापल्ली, टिटलागढ़, बरौनी, खंडवा, जगन्नाथपुर, खुर्दा रोड, प्रयागराज, छपरा, बलिया, गया, पूर्णिया, वाराणसी, दरभंगा, गोरखपुर, लखनऊ, जौनपुर, हटिया, बस्ती, कटिहार, दानापुर, मुजफ्फरपुर, सहरसा, इत्यादि शामिल हैं।इन श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से अधिकतम लगभग 1200 यात्री ही सामाजिक दूरी बनाए रखने के नियम का बाकायदा पालन करते हुए सफर कर सकते हैं। इसी तरह ट्रेन में चढऩे से पहले यात्रियों की समुचित स्क्रीनिंग या जांच सुनिश्चित की जाती है। एक और खास बात यह भी है कि इन श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से सफर के दौरान यात्रियों को मुफ्त भोजन और पानी दिया जाता है।
- नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कल, 11 मई को अपराह्न 3 बजे राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बैठक करेंगे।प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक ट्वीट में कहा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कल दोपहर 3 बजे राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से 5 वीं बार बैठक करेंगे।गौरतलब है कि राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ यह प्रधानमंत्री की 5वीं बैठक है। इससे पहले 20 मार्च, 2 अप्रैल, 11 अप्रैल और 27 अप्रैल को प्रधानमंत्री मोदी की राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक हो चुकी है। देश में लागू लॉकडाउन का मौजूदा चरण 17 मई को समाप्त हो रहा है। ऐसे में यह बैठक काफी अहम मानी जा रही है। इससे पहले आज कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और स्वास्थ्य सचिवों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस की।
- नई दिल्ली। कैबिनेट सचिव राजीव गाबा, ने सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में कोविड-19 के इंतजामों की समीक्षा करने के लिए वहां के मुख्य सचिवों और स्वास्थ्य सचिवों के साथ वीडियो कान्फ्रेंस के जरिये आज एक बैठक की।बैठक की शुरुआत में, कैबिनेट सचिव ने कहा कि रेलवे ने पलायन करके दूसरे राज्यों में जाने वाले 3.5 लाख से अधिक श्रमिकों को उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाने के लिए 350 अधिक श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं। उन्होंने राज्य सरकारों से अनुरोध किया कि वे और अधिक श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाने में रेलवे के साथ सहयोग करें। उन्होंने वंदे भारत मिशन के अंतर्गत विदेशों से भारतीयों की वापसी पर राज्यों के सहयोग का जिक्र किया।कैबिनेट सचिव ने जोर देकर कहा कि डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिक्स का आना-जाना बेरोकटोक होना चाहिए और कोरोना योद्धाओं की मदद करने और उन्हें सुरक्षा प्रदान करने के लिए सभी कदम उठाए जाने चाहिए।राज्य के मुख्य सचिवों ने अपने-अपने राज्यों की स्थिति की जानकारी दी और कहा हालांकि कोविड से सुरक्षा की आवश्यकता है, लेकिन साथ ही आर्थिक गतिविधियों में भी सुविचारित तरीके से तेजी लाना जरूरी है।----
- नई दिल्ली। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने सीबीएसई बोर्ड एक्जाम 2020 की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए देशभर में मूल्यांकन केंद्रों के रूप में सीबीएसई से संबद्ध 3 हजार स्कूलों को खोलने की अनुमति दी।गृह मंत्रालय ने आज सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन कार्य में सहूलियत के लिए देशभर में मूल्यांकन केंद्रों के रूप में सीबीएसई से संबद्ध 3000 स्कूलों को खोलने की अनुमति दी। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने इस अनुमति के लिए गृह मंत्रालय के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि देशभर में मूल्यांकन केंद्रों के रूप में सीबीएसई से संबद्ध 3000 स्कूलों की पहचान कर ली गई है और मूल्यांकन के सीमित उद्देश्य के लिए इन स्कूलों को विशेष अनुमति दी जायेगी।श्री निशंक ने उम्मीद जताई कि इस कदम से हमें 1.5 करोड़ उत्तर पुस्तिकाओं का त्वरित गति से मूल्यांकन करने में मदद मिलेगी।बोर्ड की शेष परीक्षाएं (1 जुलाई से 15 जुलाई, 2020 के बीच निर्धारित) समाप्त होने के बाद परिणाम घोषित किये जायेंगे।
- नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि वह कोरोना वायरस के संकट से निपटने के मकसद से बने पीएम केयस कोष का ऑडिट सुनिश्चित करें।उन्होंने ट्वीट किया, पीएम केयर्स कोष को सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और रेलवे जैसे बड़े सरकारी उपक्रमों से काफी पैसा मिला। यह महत्वपूर्ण है कि प्रधानमंत्री सुनिश्चित करें कि इस कोष का ऑडिट हो तथा पैसे लेने और खर्च करने का रिकॉर्ड जनता के समक्ष उपलब्ध हो। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं से बातचीत के दौरान भी कहा था कि पीएम केयर्स कोष का ऑडिट होना चाहिए।
- कोच्चि। ओमान और कुवैत में फंसे 362 भारतीयों को लेकर दो विमान शनिवार रात यहां अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर पहुंचे। भारत अपने वंदे भारत अभियान के तहत कोविड-19 लॉकडाउन के कारण विभिन्न देशों में फंसे अपने नागरिकों को वापस ला रहा है। ये यात्री एयर इंडिया एक्सप्रेस के दो विमानों से यहां पहुंचे।इन यात्रियों में आठ नवजात शामिल हैं।कोचीन अंतरराष्ट्रीय विमानपत्तन लिमिटेड के एक प्रवक्ता ने यह जानकारी दी।इन यात्रियों को विशेष टैक्सियों और केएसआरटीसी बसों के द्वारा उनके गंतव्य तक पहुंचाने से पहले हवाईअड्डे पर ही उनकी कोविड-19 संबंधी जांच होगी।
- अहमदाबाद। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने शनिवार को कहा कि कोरोना वायरस को कलंक न मानकर उसका समय से इलाज कराने की जरूरत है, जिससे मृत्युदर में कमी लाने में मदद मिलेगी।डॉक्टर गुलेरिया के नेतृत्व में विशेषज्ञों ने गुजरात के अहमदाबाद शहर में स्थित सिविल अस्पताल का शनिवार को दौरा किया और कोविड-19 महामारी से मुकाबला करने में अहम भूमिका निभा रहे चिकित्सकों और कर्मचारियों से मुलाकात की। शहर में कोविड-19 के मरीजों की मौत की दर साढ़े छह प्रतिशत है जो देश में इस बीमारी से होने वाली मौत की दर 3.3 प्रतिशत से लगभग दोगुनी है। एक अधिकारी ने बताया कि एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया और एम्स के चिकित्सा विभाग के डॉ. मनीष सोनेजा भारतीय वायु सेना के विशेष विमान से शुक्रवार को यहां पहुंचे। एक विज्ञप्ति में बताया गया कि दोनों वरिष्ठ डॉक्टर सिविल अस्पताल गये और कोविड-19 के मरीजों का इलाज और देखभाल कर रहे डॉक्टरों तथा नर्सों से मुलाकात कर उन्हें दिशा निर्देश दिए। दोनों डॉक्टरों ने बाद में मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल से भी मुलाकात की।प्रधान सचिव (स्वास्थ्य) जयंती रवि ने भी अस्पताल में चिकित्साकर्मियों से मुलाकात की। डॉक्टर गुलेरिया ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि कोरोना वायरस से जुड़ा कलंक मृत्यु दर बढऩे का एक कारक बन रहा है क्योंकि लोग पृथक किये जाने और संक्रमण फैलाने का कलंक लगने के डर से जांच कराने में देरी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जरूरत इस बात की है कि कोरोना वायरस से जुड़े कलंक को मिटाया जाए ताकि लोगों को समय पर इलाज मिल सके। डॉक्टर गुलेरिया ने कहा कि कई बीमारियों से जूझ रहे बुजुर्गों को भी इसकी चपेट में आने से बचाने की जरूरत है। ऐसे लोगों को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों को दूर करने के लिये जल्द से जल्द अस्पताल जाना चाहिये। उन्होंने कहा, बदनाम होने और पृथक किये जाने के डर से कुछ रोगी अस्पताल आने या इलाज कराने से बच रहे हैं। वे संक्रमित होते हैं और अस्पताल में देर से आते हैं। इससे मृत्युदर बढऩे की गुंजाइश रहती है। डॉक्टर गुलेरिया ने कहा कि समय रहते ही इलाज कराना कोरोना वायरस के खिलाफ कामयाबी की कुंजी है। मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने केंद्र से आग्रह किया था कि कोरोना वायरस मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टरों को दिशा-निर्देश देने के लिए विशेषज्ञों को भेजा जाये।--
- लखनऊ। एयर इंडिया की एक उड़ान से 180 से अधिक भारतीय शनिवार शाम शारजाह से उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ पहुंचे । शारजाह से आया विमान यहां चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अडडे पर देर शाम करीब नौ बजे उतरा ।एयर इंडिया की उड़ान संख्या—आई एक्स 184 से आए यात्रियों की संख्या करीब 180 है । हवाई अडडे के निदेशक ए के शर्मा ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान लखनऊ आने वाली यह पहली उड़ान है, जिससे विदेश में फंसे भारतीयों को वापस लाया गया है । विमान के यहां पहुंचने पर यात्रियों की हवाई अड्डे पर ही चिकित्सकीय जांच की गयी और उसके बाद उन्हें पृथक-वास में भेज दिया गया ।लखनऊ के जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने बताया कि शनिवार यहां पहुंचे यात्रियों को लखनऊ में ही पृथक-वास में रखा गया है । उन्हें भुगतान वाले पृथक-वास केंद्र में रखा गया है । इसके तहत चार श्रेणियां हैं । अधिकतम भुगतान 2000 रूपये प्रतिदिन है जबकि कम से कम भुगतान 400 रूपये प्रतिदिन है । अभिषेक प्रकाश ने बताया कि हमने लखनऊ के सरोजिनीनगर क्षेत्र में सरकारी अस्पताल: ईएसआई अस्पताल की पहचान की है । जिस किसी यात्री में कोरोना वायरस के लक्षण पाये जाएंगे, उसे इसी अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा । बाकी सभी लोग भुगतान वाले पृथक-वास केंद्र में रहेंगे और 14 दिन वहीं गुजारेंगे ।विमान के रनवे पर उतरते समय हवाई अडडे पर पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे । इस बीच सरोजिनीनगर के सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट प्रफुल त्रिपाठी ने बताया कि शनिवार शाम 182 यात्री आये हैं । भारत सरकार ने सोमवार को ऐलान किया था कि वह सात मई से विदेश में फंसे अपने नागरिकों को चरणबद्ध ढंग से लाना शुरू करेगी । सरकार ने कहा है कि एयर इंडिया सात मई से 13 मई के बीच 64 उड़ानों का संचालन करेगी और इनके जरिए लगभग 15 हजार भारतीयों को वापस लाया जाएगा, जो कोरोना वायरस संक्रमण के चलते हुए लॉकडाउन के कारण विदेश में फंसे हुए हैं । उक्त उडानें देश के 14 हवाई अड्डों पर आएंगी, जिनमें से दिल्ली में दस उड़ानें, हैदराबाद और कोच्चि में नौ—नौ, कोझिकोड में चार, त्रिवेन्द्रम में एक, कन्नूर में एक, चेन्नई में नौ, त्रिची में एक, अहमदाबाद में पांच, मुंबई में चार, श्रीनगर में तीन, बेंगलूरू में चार, लखनऊ और अमृतसर में एक—एक उड़ानें आएंगी।----
- नई दिल्ली। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज एक ट्वीट कर अपने स्वास्थ्य को लेकर एक खुला पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने उन सभी अफवाहों पर विराम लगा दिया, जो उनके स्वास्थ्य को लेकर फैलाई जा रही थीं। उन्होंने लिखा -मेरे स्वास्थ्य की चिंता करने वाले सभी लोगों को मेरा संदेश।उन्होंने कहा, पिछले दिनों से कुछ मित्रों की ओर से सोशल मीडिया के माध्यम से मेरे स्वास्थ्य के बारे में कई मनगढ़ंत अफवाहें फैलाई जा रही हैं। यहां तक कि कई लोगों ने मेरी मृत्यु के लिए भी ट्वीट कर दुआ मांगी है।अमित शाह ने आगे कहा, देश इस समय कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से लड़ रहा है और देश के गृह मंत्री के नाते देर रात तक अपने कार्यों में व्यस्त रहने के कारण मैंने इन सब पर ध्यान नहीं दिया। जब यह मेरे संज्ञान में आया तो मैंने सोचा कि यह सभी लोग अपने काल्पनिक सोच का आनंद लेते रहें, इसलिए मैंने कोई स्पष्टता नहीं की।उन्होंने कहा, परंतु मेरी पार्टी के लाखों कार्यकर्ताओं और मेरे शुभचिंतकों ने विगत दो दिनों से काफी चिंता व्यक्त की, उनकी चिंता को मैं नजरअंदाज नहीं कर सकता। इसलिए, मैं आज स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैं पूर्ण रुप से स्वस्थ हूं और मुझे कोई बीमारी नहीं है।पढि़ए इस पत्र में केन्द्रीय गृह मंत्री ने आगे क्या कहा है....
- नई दिल्ली। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 रोगियों को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी देने के नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। नए दिशा-निर्देशों के अनुसार बहुत हल्के, हल्के और मामूली लक्षण वाले रोगियों को उनके स्वास्थ्य की स्थिति के अनुसार बिना कोविड परीक्षण के छुट्टी दे दी जाएगी।कोविड देखभाल केंद्र में भर्ती कराए गए बहुत हल्के, हल्के और पूर्व लक्ष्ण वाले लोगों के तापमान और रक्त में ऑक्सीजन अवशोषण पर नियमित नजर रखी जाएगी। लक्षण उभरने के 10 दिन बाद और तीन दिन से बुखार नहीं रहने पर रोगी को डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। डिस्चार्ज करने से पहले इनके परीक्षण की जरूरत नहीं होगी। ऐसे रोगियों को अगले सात दिन तक घर में अलग रहने की सलाह दी जाएगी। अगर बुखार, खांसी या सांस लेने में फिर कठिनाई होती है तो उन्हें कोविड देखभाल केंद्र या राज्य हेल्पलाइन नम्बर या 1075 पर संपर्क करना होगा।संशोधित दिशानिर्देशों के अनुसार मध्यम लक्षण वाले रोगियों के तापमान और ऑक्सीजन अवशोषण क्षमता पर नजर रखी जाएगी। अगर बुखार तीन दिन में ठीक हो जाता है और अगले चार दिन तक रोगी में ऑक्सीजन अवशोषण स्तर 95 प्रतिशत से अधिक बना रहता है तो रोगी को लक्षण उभरने के दस दिन बाद छुट्टी दे दी जाएगी।ऑक्सीजन पर रखे गए जिन रोगियों का बुखार तीन दिन में नहीं उतरता है और कृत्रिम सांस की जरूरत बनी रहती है उन्हें रोग के लक्षण पूरी तरह समाप्त होने और लगातार तीन दिन तक स्वाभाविक ऑक्सीजन अवशोषण क्षमता बने रहने पर डिस्चार्ज किया जाएगा। गंभीर रोगियों को उनके पूरी तरह स्वस्थ होने और आरटी-पीसीआर परीक्षण के बाद ही अस्पताल से छुट्टी दी जाएगी।
- नई दिल्ली। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने अप्रत्याशित मानवीय और आर्थिक संकट को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया है कि कुछ संस्थाओं के अनुमोदन/पंजीकरण/अधिसूचना के लिए नई प्रक्रिया पर अमल को 1 अक्टूबर, 2020 तक स्थगित कर दिया जाएगा।तदनुसार, आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 10 (23सी), 12एए, 35 और 80जी के तहत अनुमोदित/पंजीकृत/अधिसूचित की गई संस्थाओं को 1 अक्टूबर, 2020 से लेकर तीन माह के भीतर यानी 31 दिसंबर, 2020 तक संबंधित सूचना दर्ज करने की आवश्यकता होगी। इसके अलावा, नई संस्थाओं या निकायों के अनुमोदन/पंजीकरण/अधिसूचना के लिए संशोधित प्रक्रिया भी 1 अक्टूबर, 2020 से लागू होगी।इस संबंध में आवश्यक विधायी संशोधन उचित समय पर प्रस्तावित किए जाएंगे। रिणामस्वरूप किए गए लॉकडाउन के कारण 1 जून, 2020 से नई प्रक्रिया के कार्यान्वयन पर चिंता व्यक्त करते हुए वित्त मंत्रालय में विभिन्न ज्ञापन प्राप्त हुए थे। नई प्रक्रिया पर अमल को रोकने के लिए बड़ी संख्या में अनुरोध प्राप्त हुए हैं।उल्लेखनीय है कि वित्त अधिनियम, 2020 ने आयकर अधिनियम की धारा 10(23सी), 12एए, 35 और 80जी में निर्दिष्ट कुछ संस्थाओं के अनुमोदन/पंजीकरण/अधिसूचना से संबंधित प्रक्रिया को तर्कसंगत बना दिया है, जो 1 जून, 2020 से प्रभावी होना था। नई प्रक्रिया के अनुसार, इन धाराओं के तहत पहले से ही अनुमोदित/पंजीकृत/अधिसूचित संस्थाओं को तीन माह के भीतर यानी 31 अगस्त, 2020 तक सूचना दर्ज करने की आवश्यकता होगी। इसके अलावा, नई संस्थाओं के अनुमोदन/पंजीकरण/अधिसूचना के लिए प्रक्रिया को भी 1 जून, 2020 से तर्कसंगत बनाया गया है।----
- नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग और सूक्ष्म, लघु और मंझौले उद्यम मंत्री नितिन गडकरी ने कैलाश-मानसरोवर यात्रा मार्ग के नाम से प्रसिद्ध धारचूला से लिपुलेख (चीन सीमा) तक सड़क सम्पर्क पूर्ण किए जाने के लिए सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के प्रयासों की सराहना की है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पिथौरागढ़ से वाहनों के पहले काफिले को रवाना कर आज इस सड़क का उद्घाटन किया।श्री गडकरी ने कहा कि सीमावर्ती गांवों को आखिरकार पहली बार सड़कों से जोड़ा गया है और कैलाश मानसरोवर के यात्री अब 90 किलोमीटर दुर्गम रास्ते से बच सकते हैं और वाहनों के जरिए चीन सीमा तक जा सकते हैं। धारचूला-लिपुलेख मार्ग, पिथौरागढ़-तवाघाट- घटियाबगड़ मार्ग का विस्तार है। यह घटियाबगड़ से शुरु होकर कैलाश मानसरोवर के प्रवेशद्वार लिपुलेख दर्रे पर समाप्त होता है। यह 80 किलोमीटर लम्बा मार्ग है जिसकी ऊंचाई 6000 फुट से 17,060 फुट तक है। इस परियोजना के समाप्त होने के साथ ही कैलाश मानसरोवर यात्रा के श्रद्धालु अब जोखिम भरी अत्याधिक ऊंचाई से होकर गुजरने वाले दुर्गम रास्ते से बच सकेंगे और यात्रा में लगने वाले समय में भी अनेक दिनों की कमी आएगी।वर्तमान में सिक्किम या नेपाल मार्गों से होने वाली कैलाश मानसरोवर की यात्रा में दो से तीन हफ्ते का समय लगता है। लिपुलेख मार्ग में 90 किलोमीटर का ऊंचाई वाला रास्ता था और बुजुर्ग यात्रियों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। अब यह यात्रा वाहनों के माध्यम से पूरी की जा सकती है।इस सड़क का निर्माण कार्य अनेक समस्याओं के कारण बाधित हुआ। निरंतर हिमपात, ऊंचाई पर खड़ी ढाल और अत्यंत कम तापमान ने कार्य को पांच महीने तक सीमित कर दिया। कैलाश मानसरोवर यात्रा जून से अक्टूबर के दौरान की जाती है और इसी समय स्थानीय लोग और उनके लॉजिस्टिक्स साथ ही साथ व्यापारियों की आवाजाही (चीन के साथ व्यापार के लिए) होती है इस तरह निर्माण के दैनिक घंटों में और कमी करनी पड़ी।इसके अलावा, पिछले कुछ वर्षों से कई बार यहां बाढ़ और बादल फटने की घटनाएं हुईं, जिसके कारण भारी नुकसान हुआ। शुरुआती 20 किलोमीटर में, पहाड़ों में कठोर पथरीले चट्टान हैं और ये चट्टान सीधे खड़े हैं, जिनके कारण बीआरओ को अनेक जवानों को जान गंवानी पड़ी और काली नदी में गिरने से 25 उपकरण भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए।---
- नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले पांच वर्षों में, भारत में ब्रांड खादी की स्वीकार्यता व्यापक रूप से देखने को मिली है। जबकि खादी का उत्पादन, दीर्घकालिक विकास के लिए सबसे अनुकूल पर्यावरण उत्पाद, पिछले पांच वर्षों में दोगुने से भी ज्यादा हो चुका है, यानी 2015-16 के बाद से; इसी अवधि के दौरान खादी की बिक्री में लगभग तीन गुनी बढ़ोत्तरी देखी गई है।इसी प्रकार, ग्रामोद्योग (वीआई) क्षेत्र के उत्पादन और बिक्री में भी पिछले पांच वर्षों में लगभग 100 प्रतिशत की अभूतपूर्व बढ़ोत्तरी देखी गई है । पिछले एक वर्ष में खादी के कारोबार के प्रदर्शन का अवलोकन करते हुए, यह 2018-19 में 3215.13 करोड़ रुपये था, जिसमें 31 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करते हुए, यह 2019-20 में 4211.26 करोड़ रुपये हो गया। ग्रामोद्योग उत्पादों का कारोबार 2019-20 में 84,675.39 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जिसमें पिछले वर्ष की तुलना में 19 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि दर्ज की गई है, जो कि 2018-19 में 71,077 करोड़ रुपये था।वर्ष 2019-20 में, खादी एवं ग्रामोद्योग का कुल कारोबार 88,887 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।केवीआईसी के अध्यक्ष, विनय कुमार सक्सेना ने खादी के अभूतपूर्व विकास के लिए प्रधानमंत्री, नरेन्द्र मोदी के सतत प्रयासों, एमएसएमई मंत्री, नितिन गडकरी के रचनात्मक विपणन विचारों और विभिन्न मंत्रालयों के सक्रिय सहयोग को श्रेय दिया है।खादी परिधानों के अलावा, ग्राम उद्योग उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला जैसे सौंदर्य प्रसाधन, साबुन और शैंपू, आयुर्वेदिक दवाएं, शहद, तेल, चाय, अचार, पापड़, हैंड सैनिटाइजर, मिष्ठान्न, खाद्य पदार्थ और चमड़े की वस्तुओं ने भी बड़ी संख्या में देश-विदेश के उपभोक्ताओं को आकर्षित किया है। इसके परिणामस्वरूप, पिछले पांच वर्षों में ग्रामोद्योग उत्पादों के उत्पादन और बिक्री में लगभग दोगुनी वृद्धि दर्ज की गई है।यह बात विशेष रूप से ध्यान देने योग्य है कि केवीआईसी ने विभिन्न राज्य सरकारों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों जैसे एयर इंडिया, आईओसी, ओएनजीसी, आरईसी और अन्य, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, भारतीय रेल और स्वास्थ्य मंत्रालय का समर्थन जुटाने में निरंतर रूप से प्रगति की है। इसके अलावा, ग्रामोद्योग क्षेत्र में, केवीआईसी मधुमक्खी पालन, मिट्टी के बर्तन और बेकरी जैसे 150 से ज्यादा क्षेत्रों में इन-हाउस क्षमता के साथ उत्कृष्ट उत्पादों का दावा करता है।---
- नई दिल्ली। मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने आज घोषणा की है कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) लॉकडाउन के कारण स्थगित दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाएं एक से पंद्रह जुलाई के बीच कराएगा। श्री निशंक ने यह जानकारी आज वीडियो संदेश में दी।मानव संसाधन विकास मंत्री ने ट्वीट कर कहा- लंबे समय से सीबीएसई की 10वीं और 12वीं की बची हुई परीक्षाओं की तिथि का इंतज़ार था, आज इन परीक्षाओं की तिथि 1.07.2020 से 15.07.2020 के बीच में निश्चित कर दी गई है। मैं इस परीक्षा में भाग लेने वाले सभी विद्यार्थियों को अपनी शुभकामनाएं देता हूं।उत्तर-पूर्व दिल्ली में हिंसा के कारण परीक्षाओं में न बैठ सकने वाले विद्यार्थियों की दसवीं कक्षा की परीक्षा भी कराई जाएगी। इस बारे में सीबीएसई जल्द ही विस्तृत कार्यक्रम जारी करेगा।----
- नई दिल्ली। सरकार ने बुधवार तक रबी मौसम के मौजूदा विपणन सत्र में किसानों से 216 लाख टन गेहूं की खरीद की है। इस विपणन सत्र के दौरान 400 लाख टन गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद का लक्ष्य तय किया गया है जिसमें आधे से अधिक लक्ष्य को हासिल किया जा चुका है। सरकारी बयान में यह जानकारी दी गई है।खाद्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा, देश भर में लॉकडाऊन की वजह से तमाम बाधाओं के बावजूद चालू रबी सत्र के दौरान गेहूं और चावल (दूसरी फसल) खरीद में गति आई है। इसमें कहा गया है कि 400 लाख टन गेहूं खरीदने के लक्ष्य के मुकाबले, केंद्रीय पूल (बफर स्टॉक) के लिए छह मई तक गेहूं की खरीद 216 लाख टन तक पहुंच गई है। पंजाब अभी तक 104.28 लाख टन की खरीद के साथ सबसे आगे है जिसके बाद हरियाणा में 50.56 लाख टन और म.प्र. में 48.64 लाख टन की खरीद हुई है। इसी प्रकार, सरकारी एजेंसियों द्वारा धान खरीद का काम भी सुचारू रूप से चल रहा है जिसकी अब तक 44.9 लाख टन की खरीद हो चुकी है। बेमौसम बारिश के कारण उत्पादक राज्यों में गेहूं का कुछ स्टॉक खराब भी हुआ। लेकिन केंद्र ने पहले ही खरीद शर्तो में ढील दे दी है, जिससे खरीद प्रक्रिया में काफी मदद मिलेगी और किसानों को संकट से निजात मिली है। धान की सबसे अधिक खरीद तेलंगाना में हुई है। लगभग 45 लाख टन की कुल धान खरीद में से, अकेले तेलंगाना का योगदान 30 लाख टन का है। इसके बाद आंध्र प्रदेश में लगभग 10 लाख टन धान की खरीद हुई है। उधर, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) के तहत राज्य सरकारों द्वारा खाद्यान्न का उठाव 70 लाख टन के स्तर को पार कर गया है, जो कि तीन महीनों के लिए कुल आवंटन का लगभग 58 प्रतिशत है। इस योजना के तहत, देश भर में लगभग 80 करोड़ लाभार्थियों को प्रति माह 5 किलोग्राम खाद्यान्न और एक किलो दाल मुफ्त में वितरित की जा रही है। पीएमजीकेवाई योजना के तहत तीन महीने तक मुफ्त अनाज की आपूर्ति की जाएगी।----
- नई दिल्ली। जालंधर के पास एयर फ़ोर्स बेस से उड़ान भरने के बाद एक मिग - 29 विमान आज सुबह 10:45 बजे दुर्घटनाग्रस्त हो गया। यह मिग -29 विमान प्रशिक्षण मिशन की उड़ान पर था।विमान में तकनीकी खराबी आ गयी थी और पायलट इसे नियंत्रित करने में असमर्थ था। एक हेलीकाप्टर की मदद से पायलट को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। दुर्घटना के कारण की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी का आदेश दिया गया है।---
- नई दिल्ली। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने पुरी में भगवान जगन्नाथ के रथ के निर्माण की अनुमति दे दी है। हालांकि मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि पुरी में रथयात्रा के आयोजन का निर्णय ओडिशा सरकार द्वारा प्रचलित कोविड 19 स्थिति को ध्यान में रखते हुए ही लिया जाएगा।यह जानकारी पत्र सूचना कार्यालय ओडि़शा ने एक ट्वीट के माध्यम से दी है।गौरतलब है कि 26 अप्रैल को अक्षय तृतीया से मंदिर में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा का रथ तैयार होना था, लेकिन लॉकडाउन के चलते इस पर काम शुरू नहीं हो पाया था, लेकिन अब केंद्र से मंजूरी मिल जाने के बाद अब रथ निर्माण का कार्य शुरू हो जाएगा। 4 मई को श्रीजगन्नाथ मंदिर प्रबंधन समिति ने इस पर मामले को लेकर एक बैठक ली थी। बैठक में तय किया गया था कि पुरी जिला कोरोना से लगभग मुक्त है और ग्रीन जोन में है, इसलिए यहां रथ निर्माण शुरू किया जाना चाहिए, क्योंकि रथ निर्माण कोई धार्मिक उत्सव नहीं है, ये एक तरह का निर्माण कार्य ही है। मंदिर समिति ने ये प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा था और राज्य सरकार ने इसे केंद्र को भेज दिया था।रथयात्रा को लेकर इस बार काफी समय से संशय की स्थिति है। कोरोना वायरस के चलते मंदिर 20 मार्च से ही श्रद्धालुओं के लिए बंद है। रथयात्रा जगन्नाथ मंदिर का सबसे बड़ा उत्सव है। इसमें देश-दुनिया से भक्त शामिल होते हैं।
- नई दिल्ली। .प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आज सुबह हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में विशाखापट्टनम गैस रिसाव हादसे की प्रतिक्रिया में उठाए गए कदमों का जायजा लिया गया। उन्होंने प्रभावित लोगों की सुरक्षा के साथ-साथ आपदा से प्रभावित स्थल को सुरक्षित करने के लिए किए जा रहे उपायों पर चर्चा की।इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय और जी. किशन रेड्डी के अलावा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।आज सुबह हादसे की सूचना मिलने पर प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री से बातचीत की तथा हालात से निपटने के लिए केन्द्र की तरफ से हर तरह की सहायता देने का भरोसा दिलाया। वे हालात पर लगातार और बारीकी से नजर रखे हुए हैं। बैठक के तुरंत बाद कैबिनेट सचिव ने जमीनी स्तर पर हालात के प्रबंधन में सहयोग के लिए विशेष कदमों का खाका खींचने के लिए गृह, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन, रसायन एवं पेट्रो-रसायन, औषध, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालयों में सचिव; राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के सदस्य और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) में महानिदेशक (डीजी); स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (डीजीएचएस) और निदेशक एम्स और अन्य चिकित्सा विशेषज्ञों के साथ एक विस्तृत समीक्षा बैठक की। प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव भी इस बैठक में उपस्थित रहे।यह फैसला लिया गया कि जमीनी स्तर पर संकट के प्रबंधन में राज्य सरकार को सहयोग करने और रिसाव के अल्पकालिक के साथ ही दीर्घकालिक स्वास्थ्य प्रभाव के समाधान के लिए कदम उठाने को पुणे से एनडीआरएफ की सीबीआरएन (रसायन, जैविक, रेडियोलॉजिकल और परमाणु) इकाई के साथ राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (एनईईआरआई), नागपुर का एक विशेषज्ञ दल विशाखापट्टनम को रवाना किया जाएगा।विशाखापट्टनम जिले के आरआर वेंकटपुरम ग्राम, गोपालपटनम मंडल में आज सुबह 3 बजे एक रसायन संयंत्र में स्टाइरीन गैस के रिसाव की घटना सामने आई थी। इससे नरावा, बीसी कॉलोनी, बापूजी नगर, कम्पालापालेम और कृष्णा नगर सहित आसपास के गांव प्रभावित हुए। जहरीली स्टाइरीन गैस से त्वचा, आंखों में जलन हो सकती है और श्वसन तथा अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन को तुरंत सहायता के लिए विशाखापट्टनम से राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के साथ ही सीबीआरएन कर्मचारियों के एक दल को रवाना कर दिया गया था। एनडीआरएफ दल ने घटना स्थल के आसपास रहने वाले लोगों को वहां से निकाला। पुणे से विशेषज्ञ सीबीआरएन इकाई और नागपुर से एनईईआरआई का विशेषज्ञ दल विशाखापट्टनम को रवाना कर दिया गया है। इसके अलावा डीजीएचएस जमीनी स्तर पर चिकित्सा विशेषज्ञों को विशेष चिकित्सा परामर्श उपलब्ध कराएगी।---
- नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मूलभूत एवं औद्योगिक श्रम बल में 9,300 पदों से अधिक का ईष्टतम उपयोग करने के लिए सैन्य अभियांत्रिकी सेवा (एमईएस) के इंजीनियर इन चीफ के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है।पत्र सूचना कार्यालय (भारत सरकार) के अनुसार यह लेफ्टिनेंट जनरल शेकातकर की अध्यक्षता वाली विशेषज्ञों की समिति की अनुशंसाओं की तर्ज पर है जिसने सशस्त्र बलों की लड़ाकू क्षमता बढ़ाने एवं रक्षा व्यय को फिर से संतुलित करने के उपायों की अनुशंसा की थी। समिति द्वारा की गई एक अनुशंसा सिविलियन श्रम बल को इस प्रकार पुनर्संरचित करने की थी जिससे कि एमईएस का कार्य आंशिक रूप से विभागीय रूप से तैनात कर्मचारियों द्वारा किया जाए और अन्य कार्यों को आउटसोर्स करा दिया जाए।एमईएस के इंजीनियर इन चीफ के प्रस्ताव के आधार पर समिति द्वारा की गई अनुशंसाओं के अनुरूप मूलभूत एवं औद्योगिक कर्मचारियों की कुल 13,157 रिक्तियों में से एमईएस में 9,304 पदों की समाप्ति के प्रस्ताव को रक्षा मंत्री द्वारा अनुमोदित कर दिया गया है।इस अनुशंसा का उद्वेश्य कम श्रम बल के साथ एमईएस को एक प्रभावी संगठन बनाना था जो दक्ष एवं किफायती तरीके से उभरते परिदृश्य में जटिल मुद्वों से निपटने के लिए सुसज्जित हो।-----
- नई दिल्ली। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बुधवार को कहा कि सरकार जैविक उर्वरकों के उपयोग को बढ़ावा देने और रासायनिक खादों के इस्तेमाल को कम करने के लिए एक लाख से अधिक गांवों में मिशन की तरह से जागरूकता अभियान चलाएगी।यह फैसला, वर्ष 2015 में शुरू की गई मृदा स्वास्थ्य कार्ड (एसएचसी) योजना की प्रगति की समीक्षा के बाद लिया गया है। इस योजना के तहत, दो साल के अंतराल पर किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिए जाते हैं। यह कार्ड किसानों को उनकी मिट्टी की पोषक स्थिति के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं और साथ ही मृदा स्वास्थ्य और उसकी उर्वरता क्षमता में सुधार के लिए पोषक तत्वों की उचित खुराक पर सिफारिशें देते हैं। मंत्रालय ने एक बयान में कहा, मिट्टी के रासायनिक, भौतिक और जैविक स्वास्थ्य की गिरावट को भारत में कृषि उत्पादकता में ठहराव के कारणों में से एक माना जाता है। इसलिए, मंत्रालय के अधिकारियों को वर्तमान वित्तवर्ष में एक लाख से अधिक गांवों में किसानों के लिए मिशन अभियान की तरह जागरूकता अभियान चलाने को कहा गया है। बयान में कहा गया है कि मृदा स्वास्थ्य कार्ड में उपलब्ध सिफारिशों के अनुसार उर्वरकों और सूक्ष्म पोषक तत्वों के उपयोग के कारण फसलों की उपज में 5-6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
- नई दिल्ली। रेलवे ने बुधवार को कहा कि उसने एक मई से अबतक 140 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं, जिनसे लॉकडाउन की वजह से देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे हुए 1.35 लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूरों को मंजिल तक पहुंचाया गया। रेलवे ने कहा कि बुधवार के लिए 42 ट्रेनों की योजना बनायी गयी थी, उसके बाद भी 10 और ट्रेनें चलीं। रेवले के प्रवक्ता ने कहा, '' हम दिन के आखिर तक कुछ और ट्रेनें चलाने की योजना बना रहे हैं।रेलवे ने प्रवासी कामगारों के लिए मंगलवार रात तक 88 ट्रेनें चलाईं। ये प्रवासी कामगार कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर लागू किए गए लॉकडाउन के कारण कार्यस्थलों पर फंस गए थे। प्रत्येक विशेष ट्रेन में 24 डिब्बे हैं और हर डिब्बे में 72 सीट हैं। लेकिन एक दूसरे से दूरी बनाकर रखने के नियम का पालन हो, इसके लिए रेलवे द्वारा एक डिब्बे में 54 यात्रियों को ही बैठाया जा रहा है।मुम्बई से प्राप्त समाचार के अनुसार महाराष्ट्र सरकार ने कहा कि रेलवे ने जब से श्रमिक स्पेशल सेवा शुरू की है तब से 25 ट्रेनों ने राज्य से प्रवासी श्रमिकों को उनके संबंधित राज्यों में पहुंचाया है। मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया है, (अवर मुख्य सचिव) नितिन ने मंत्रिमंडल को सूचित किया है कि अब तक राज्य से 25 विशेष ट्रेनें प्रवासी मजदूरों को लेकर रवाना हुईं। पश्चिम बंगाल और कर्नाटक अपवाद हैं। इस बीच, कर्नाटक सरकार ने मंगलवार को अगले पांच दिनों में राज्य से चलने वाली 10 ट्रेनों को रद्द कर दिया। हालांकि उसने कहा कि बेंगलुरु से बिहार के लिए तीन ट्रेन तयशुदा कार्यक्रम के अनुसार रवाना होंगी। रेलवे ने अभी तक आधिकारिक तौर पर यह खुलासा नहीं किया है कि इन सेवाओं पर कितना पैसा खर्च हुआ है, हालांकि सरकार ने कहा है कि वह 85 और 15 के अनुपात में राज्यों के साथ खर्च वहन किया गया। सेवाओं की शुरूआत से अब तक गुजरात ट्रेनों के प्रस्थान स्थल में सबसे आगे रहा। उसके बाद केरल दूसरे नंबर पर। ट्रेनों के गंतव्यों को लेकर बिहार अैर उत्तर प्रदेश शीर्ष राज्य रहे। इस बीच, महाराष्ट्र सरकार ने दिल्ली में फंसे राज्य के यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों को ट्रेन से वापस लाने का निर्णय किया है।
- नई दिल्ली। कोविड-19 के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के दौरान छोटे पार्सल में चिकित्सा आपूर्तियों, स्वास्थ्य उपकरण, खाद्य पदार्थ आदि आवश्यक सामानों की ढुलाई काफी महत्वपूर्ण होने जा रही है। इस आवश्यकता को पूरा करने के लिए भारतीय रेल ने ई-कॉमर्स कंपनियों और राज्य सरकारों सहित अन्य के द्वारा की जा रही त्वरित व्यापक ढुलाई के लिए रेलवे के पार्सल वैन उपलब्ध करा दिए हैं। रेलवे ने आवश्यक सामानों की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए समय सारणी के आधार पर विशेष पार्सल ट्रेनें चलाने का फैसला किया है।रेलवे मंडल नियमित रूप से इन विशेष पार्सल ट्रेनों के लिए रूटों की पहचान और उन्हें अधिसूचित कर रहे हैं। वर्तमान में 82 रूट पर इन ट्रेनों को चलाया जा रहा है। इसके तहत चिह्नित रूट इस प्रकार हैं -1. दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे देश के बड़े शहरों के बीच नियमित संपर्क।2. राज्यों की राजधानियों/प्रमुख शहरों का राज्य के सभी हिस्सों से संपर्क कायम करना।3. देश के पूर्वोत्तर हिस्से से संपर्क सुनिश्चित करना।4. अतिरिक्त उत्पादन वाले क्षेत्रों (गुजरात, आंध्र प्रदेश) से ज्यादा मांग वाले क्षेत्रों को दूध और डेयरी उत्पादों की आपूर्ति।- उत्पादक क्षेत्रों से देश के दूसरे हिस्सों को अन्य आवश्यक सामानों (कृषि सामग्री, दवाएं, चिकित्सा सामान आदि) की आपूर्ति।रेलवे की पार्सल ट्रेनों के संचालन में बढ़ोतरी को त्वरित, अनुकूलित और सभी के लिए लाभकारी बनाने के प्रयासों के द्वारा देश में माल ढुलाई के काम में वृद्धि के तौर पर देखा जाना चाहिए। रेलवे और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने हाल में ई-कॉमर्स और लॉजिस्टिक कंपनियों को रेलवे के नजदीक लाने के लिए एक बैठक का आयोजन किया था।05 मई 2020 को 66 विशेष पार्सल ट्रेन चलाई गई थीं, जिनमें 65 समय सारणी ट्रेनें थीं। इनके माध्यम से 1,936 टन सामग्री का लदान किया गया, जिससे रेलवे को 57.14 लाख रुपये की आय हुई।05 मई 2020 तक कुल 2,067 ट्रेनों का परिचालन हुआ, जिनमें से 1,988 समय सारणी ट्रेनें थीं। इनसे 54,292 टन सामान का लदान हुआ और 19.77 करोड़ रुपये की आय हुई है।----
- नई दिल्ली। केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में बुधवार को पुलवामा जिले के बेग़पुरा क्षेत्र में पुलिस, सेना और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम के साथ मुठभेड़ में हिजबुल मुजाहिद्दीन का ऑपरेशनल चीफ कमांडर रियाज़ नैकू मारा गया।पुलिस, सेना और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने बेग़पुरा में देर रात आतंकियों की खोजबीन का अभियान शुरू किया था। नैकू इसी कस्बे में रहता था। जब संयुक्त टीम एक घर के पास पहुंची तो वहां छिपे आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। संयुक्त टीम की जवाबी कार्रवाई में नैकू और उसका साथी आदिल मारा गया। 35 वर्ष का नैकू 2010 में आतंकवादी बना था। वह हिजबुल कमांडर बुरहान मुजफ्फर वानी का करीबी सहयोगी था। वानी 8 जुलाई 2016 को दक्षिण कश्मीर के कोकेरनाग क्षेत्र में मारा गया था। वानी के बाद जुलाई 2016 में नैकू हिजबुल मुजाहिद्दीन का कमांडर बना था। उसके सिर पर 12 लाख रुपए का इनाम था। इस बीच अवंतीपुरा के सरशाली में भी सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गए।नैकू के मारे जाने के मद्देनजर ऐहतियात के तौर पर समूची घाटी में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है।
- नई दिल्ली। कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने कई निवारक उपाय किए हैं, जिन्हें राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों के सहयोग से पूरे देश में लागू किया जा रहा है। एक प्रमुख निवारक उपाय के रूप में केंद्र सरकार ने पहले आरोग्य सेतु नामक एक एप्लिकेशन को लॉन्च किया है।आरोग्य सेतु मोबाइल एप को इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय ने विकसित किया है। आरोग्य सेतु के संरक्षण में फीचर फोन और लैंडलाइन फोन वाले लोगों को भी शामिल करने के लिए आरोग्य सेतु इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पांस सिस्टम (आईवीआरएस) को लागू किया गया है। यह सेवा देश भर में उपलब्ध है। यह एक टोल-फ्री यानी नि:शुल्क सेवा है, जिसके तहत नागरिकों को 1921 नंबर पर एक मिस्ड कॉल करने के लिए कहा जाता है और इसके बाद उन्हें प्राप्त कॉल बैक में उनसे अपने स्वास्थ्य के बारे में आवश्यक जानकारियां देने का अनुरोध किया जाता है।पूछे जाने वाले प्रश्न आरोग्य सेतु एप से जुड़े होते हैं और इसके जो जवाब मिलते हैं उनके आधार पर संबंधित नागरिक को उनके स्वास्थ्य की वर्तमान स्थिति के बारे में संकेत देने वाला एक एसएमएस मिलेगा और इसके साथ ही आगे भी उनके स्वास्थ्य के बारे में अलर्ट मिलेंगे। यह सेवा मोबाइल एप्लिकेशन के समान ही 11 क्षेत्रीय भाषाओं में लागू की गई है। संबंधित नागरिकों द्वारा दी जाने वाली जानकारियों को आरोग्य सेतु डेटाबेस का हिस्सा बनाया जाएगा और इन सूचनाओं की प्रोसेसिंग की जाएगी, ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाए जाने वाले आवश्यक कदमों पर उन्हें अलर्ट भेजा जा सके।
- हैदराबाद। मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने राज्य में लॉकडाउन की मियाद को 29 मई तक बढ़ाने के आदेश जारी कर दिए हैं। देश भर में फिलहाल 17 मई तक लॉकडाउन का आदेश दिया गया है। तेलंगाना ऐसा पहला राज्य है, जिसने अपने प्रदेश में लॉकडाउन की अवधि बढ़ाई है।----