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- लंदन। ब्रिटेन में कोरोना वायरस के भारतीय स्वरूप से जुड़े 55 और मामले पाए जाने के बाद भारत से आने वाले यात्रियों के लिए शुक्रवार से रेड लिस्ट कोविड-19 यात्रा प्रतिबंध शुरू हो गए।इन प्रतिबंधों के तहत भारत से लोगों के ब्रिटेन आने पर रोक है और नयी दिल्ली से अपने देश लौट रहे ब्रिटिश तथा आयरिश नागरिकों के लिए होटल में दस दिन तक पृथक-वास में रहना अनिवार्य है। प्रतिबंध तब शुरू हुए जब ब्रिटेन के स्वास्थ्य विभाग की इकाई पब्लिक हेल्थ इंग्लैण्ड ने देश में वायरस के तथाकथित दोहरे उत्परिवर्तन वाले भारतीय स्वरूप बी.1.617 से जुड़े संक्रमण के 55 और मामले पाए जाने की पुष्टि की। इसके साथ ही वायरस के इस स्वरूप से जुड़े मामलों की कुल संख्या ब्रिटेन में 132 हो गई है। ब्रिटेन में वायरस के इस स्वरूप को वैरिएंट अंडर इन्वेस्टिगेशन (वीयूआई) श्रेणी में रखा गया है। रेड लिस्ट प्रतिबंधों की शुरुआत होने से पहले ब्रिटेन के लिए भारत से अंतिम उड़ान बृहस्पतिवार की शाम लंदन स्थित हीथ्रो हवाईअड्डे पर उतरी जो नयी दिल्ली से पहुंची थी। ब्रिटेन ने रेड लिस्ट श्रेणी के यात्रा प्रतिबंधों में 40 देशों को शामिल किया है जिन्हें कोरोना वायरस के नए स्वरूपों के प्रसार के लिहाज से अत्यंत जोखिम वाला माना जा रहा है।---
- यरुशलम। इजराइल ने एक यात्रा परामर्श जारी कर अपने नागरिकों को आगाह किया कि वे कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए भारत, यूक्रेन, इथियोपिया, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, मैक्सिको और तुर्की की यात्रा करने से परहेज करें। यह परामर्श उन लोगों के लिए भी है जो कोरोना वायरस के संक्रमण से उबर चुके हैं या टीकाकरण करा चुके हैं।इजराइल के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा गुरुवार को जारी बयान में सात देशों में कोविड के खतरनाक स्वरूप के मौजूद होने का भी जिक्र किया गया है और लोगों को सलाह दी गयी है कि अगर संभव हो तो वे इजरायल से बाहर की यात्रा करने से बचें। इजराइली समाचार पत्र हारेत्ज की एक खबर के अनुसार स्वास्थ्य मंत्रालय के महानिदेशक चेजी लेवी ने कहा कि अब तक टीका नहीं लगवाने वाले विदेशी कामगारों और भारतीय छात्रों को यहां पृथक-वास होटलों में रहना होगा। इजराइल में अब तक 50 लाख से अधिक लोगों को कोविड-19 के टीके लगाए जा चके हैं और यहां रोजाना 100 से भी कम नए मामले सामने आ रहे हैं।
- जकार्ता। इंडोनेशियाई सेना ने कहा कि रिसॉर्ट द्वीप बाली के निकट नौसेना की एक पनडुब्बी लापता हो गई है जिसमें 53 लोग सवार हैं। सेना प्रमुख हदी जाहजंतो ने कहा कि केआरआई नानग्गला 402 बुधवार को एक प्रशिक्षण अभियान में हिस्सा ले रही थी जब वह लापता हो गई। उन्होंने कहा कि माना जा रहा है पनडुब्बी बाली के उत्र में करीब 95 किलोमीटर दूर पानी में गायब हुई। सेना प्रमुख ने कहा कि नौसेना ने तलाश के लिये इलाके में जंगी पोत लगाए हैं और सिंगापुर और ऑस्ट्रेलिया से मदद मांगी है जिनके पास पनडुब्बी सहायता वाहन हैं।
- लंदन । ब्रिटेन ने भारत को उन देशों की ''लाल सूची'' में डाल दिया है। इसके तहत गैर-ब्रितानी और आइरिश नागरिकों के भारत से ब्रिटेन जाने पर पाबंदी रहेगी। साथ ही विदेश से लौटे ब्रितानी लोगों के लिये होटल में 10 दिन तक पृथकवास में रहना अनिवार्य कर दिया है। स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक ने 'हाउस ऑफ कॉमन्स' में इस बात की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन में कोरोना वायरस के तथाकथित भारतीय स्वरूप से पीड़ित होने के 103 मामले सामने आए हैं। इनमें से अधिकतर मामले विदेश से लौटे यात्रियों से संबंधित हैं। उन्होंने कहा कि उस स्वरूप का विश्लेषण किया गया ताकि यह पता लगाया जा सके कि नये स्वरूप के चिंताजनक परिणाम तो नहीं जैसे कि बड़े पैमाने पर इसका फैलना या इलाज और टीका तैयार करने में मुश्किल होना आदि। मंत्री ने सांसदों को बताया, ''आंकड़ों के विश्लेषण के बाद ऐहतियात के तौर पर हमने भारत को लाल सूची में डालने का मुश्किल लेकिन जरूरी फैसला लिया। इसका अर्थ है कि अगर कोई गैर-ब्रितानी या आइरिश बीते दस तक भारत में रहा है तो उसे ब्रिटेन में प्रवेश नहीं दिया जा सकता।'' हैनकॉक ने कहा कि नए नियमों को हल्के में नहीं लिया जा रहा और शुक्रवार से इन्हें लागू कर दिया जाएगा।
- बैग्यो (फिलीपीन)। उत्तरी फिलीपीन के एक पर्वतीय शहर में एक एसयूवी गाड़ी के नहर में गिर जाने से 13 लोगों की मौत हो गई, जिनमें अधिकतर बच्चे थे। पुलिस ने सोमवार को बताया कि गाड़ी में 15 लोग बैठे थे जिनमें से दो की जान बच गयी। मृतकों में गाड़ी का चालक और सात बच्चे शामिल थे। पुलिस के मुताबिक ये लोग गाड़ी में सवार होकर स्थानीय तौर पर प्रसिद्ध एक झील को देखने जा रहे थे तभी कलिंगा प्रांत के ताबुक शहर में यह हादसा हुआ। पुलिस घटना के कारणों की जांच कर रही है लेकिन प्रारंभिक रिपोर्ट से संकेत मिला है कि चालक का वाहन से नियंत्रण अचानक खो गया और एसयूवी सड़क से पलटकर नहर में गिर गई।
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वेलिंगटन। ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच यात्रा के लिए अब लोगों को पृथक-वास में नहीं रहना पड़ेगा। ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड ने यात्रा ‘बबल' को मंजूरी देने का फैसला किया है। इसका अर्थ यह होता है कि जिन कुछ देशों में संक्रमण को काबू किया जा चुका है, वे पृथक-वास की अनिवार्यता के बिना एक दूसरे के लिए सीमाओं को खोलते हैं, लेकिन अन्य देशों के साथ सीमाएं बंद रखते हैं। दोनों देशों के बीच यात्रा ‘बबल' को लेकर बनी सहमति से उन लोगों को राहत मिली है, जो कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के कारण अपने परिवारों से अलग रह रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच महीनों तक चली बातचीत के बाद पृथक-वास की अनिवार्यता समाप्त करने पर सहमति बनी है। इस मौके पर वेलिंगटन अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के मुख्य रनवे के निकट एक बड़ा स्वागत चिह्न बनाया गया है। ‘एयर न्यूजीलैंड' की मुख्य संचालन अधिकारी कैरी हुरिहनगानयुई ने कहा कि उनकी कंपनी पहले दोनों देशों के बीच केवल दो या तीन उड़ानें ही संचालित कर रही थी, लेकिन सोमवार को 30 उड़ानें संचालित होंगी, जिनमें दोनों देशों के 5,200 लोग यात्रा करेंगे। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मारिसन ने इस मौके पर कहा, ‘यह फैसला ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड दोनों के लिए लाभकारी होगा, जिससे हमारे लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ हमारी अर्थव्यवस्था को भी मदद मिलेगी। न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने भी यात्रा ‘बबल' का स्वागत करते हुए कहा कि उनका देश नवागंतुकों का स्वागत करता है।
- बीजिंग। दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाले देश चीन में जनसंख्या की स्थिति में बड़ा बदलाव आ सकता है। वर्ष 2025 के बाद यहां जनसंख्या में गिरावट आनी शुरू हो जाएगी। चीन के एक अर्थशास्त्री ने यह अनुमान लगाते हुए कहा है कि आबादी घटने से उपभोक्ता मांग कम होगी।चीन के केंद्रीय बैंक पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना की मौद्रिक नीति समिति के सदस्य चाई फांग ने कहा कि चीन की आबादी अगले चार साल में चरम पर पहुंच जाएगी और उसके बाद इसमें गिरावट आएगी। इससे उपभोक्ता मांग में उल्लेखनीय कमी आएगी। चाई के हवाले से अंग्रेजी अखबार साऊथ चाइना मार्निंग पोस्ट ने रविवार को लिखा है, ‘‘2025 के बाद जब कुल आबादी में में गिरावट शुरू होगी, मांग में कमी आएगी।'' उन्होंने कहा कि जनसंख्या की स्थिति में बदलाव के कारण भविष्य में उपभोग मांग में कमी पर ध्यान देने की जरूरत है। चीन इसी महीने जनगणना की ताजी रिपार्ट जारी करने वाला है। इस लिहाज से चाई की ये बातें महत्वपूर्ण हैं। कुछ दिन पहले जारी केंद्रीय बैंक के अध्ययन के अनुसार चीन को अपनी जनसंख्या नीति को उदार बनाना चाहिए। ऐसा नहीं करने पर उसे ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है जहां 2050 तक कामगारों की हिस्सेदारी कम होगी और बुजुर्गो के देखभाल पर खर्च अमेरिका से भी ज्यादा होगा। चीने ने 2016 से दम्पत्तियों को दो बच्चे की छूट दे दी है। इससे पहले कम्यूनिस्ट सरकार ने तीन दशक तक एक संतान की नीति लागू कर रखी थी।
- सोल (दक्षिण कोरिया)। दुनिया के सबसे बड़े कार्बन प्रदूषकों अमेरिका एवं चीन ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए अन्य देशों के साथ सहयोग करने पर सहमति जताई है। दोनों देशों के बीच ऐसे समय में यह सहमति बनी है, जब कुछ ही दिन बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन जलवायु परिवर्तन पर चर्चा के लिए विश्व के नेताओं के साथ डिजिटल शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेंगे। बाइडन ने 22 और 23 अप्रैल को आयोजित होने वाले शिखर सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग समेत दुनिया के 40 नेताओं को आमंत्रित किया है। अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने शनिवार को जारी एक बयान में कहा कि जलवायु परिवर्तन संबंधी मामलों के लिए अमेरिका के विशेष दूत जॉन केरी और उनके चीनी समकक्ष शिए झेनहुआ पिछले सप्ताह शंघाई में दो दिवसीय बातचीत के दौरान सहमति पर पहुंचे। संयुक्त बयान में कहा गया, ‘‘अमेरिका और चीन जलवायु संकट से निपटने के लिए एक-दूसरे और अन्य देशों के साथ सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस संकट से गंभीरता से और तत्काल निपटा जाना चाहिए।'' चीन और अमेरिका दुनिया के सबसे बड़े कार्बन प्रदूषक हैं। जलवायु परिवर्तन से निपटने के वैश्विक प्रयासों की सफलता के लिए उनका सहयोग अहम है, लेकिन मानवाधिकार उल्लंघन संबंधी मामलों, व्यापार और दक्षिण चीन सागर एवं ताइवान पर चीन के दावे के कारण दोनों देशों के संबंध तनावपूर्ण हैं। केरी की यात्रा बाइडन के जनवरी में राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालने के बाद से किसी उच्च स्तरीय अमेरिकी अधिकारी की पहली चीन यात्रा है। अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री केरी शंघाई से दक्षिण कोरिया रवाना हो गए।-File photo
- मास्को ।अमेरिका के एक और रूस के दो अंतरिक्षयात्री अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर छह महीने गुजारने के बाद धरती पर लौट आये हैं। एक सोयुज अंतरिक्ष यान शनिवार को अंतरराष्ट्रीय समयानुसार चार बजकर 55 मिनट पर कजाखस्तान के ‘स्टेपीज' में उतरा। उससे नासा के केट रूबिंस और रूसी सर्गेई रिझकोव और सर्गेई कुद स्वेरचकोव धरती पर लौटे। रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोसमोस के प्रमुख दमित्री रोगजिन ने बताया कि यान से उतरने के बाद तीनों ठीक महसूस कर रहे हैं और उन्होंने अपने आप को गुरूत्व के हिसाब से ढालना शुरू कर दिया है। तीनों 14 अक्टूबर को कक्षा में चक्कर काट रहे प्रयोगशाला परिसर में पहुंचे थे। अब अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में सात लोग हैं।
- वाशिंगटन। गूगल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सुंदर पिचाई ने गूगल अर्थ में 'टाइमलैप्स' फीचर पेश करने की घोषणा की है। यह 2017 के बाद सबसे बड़ा अपडेट है। इसके जरिये कोई भी व्यक्ति चार दशक के ग्रहों के बदलाव को देख सकेगा। इसके लिए गूगल ने ने पिछले 37 वर्षों से 2.4 करोड़ उपग्रह चित्रों को संवादात्मक, खोजपूर्ण, 4डी अनुभव में संकलित किया है।पिचाई ने कहा, "हमने पिछली आधी शताब्दी के दौरान वातावरण में सबसे तेजी से बदलाव देखा है। यह मानव इतिहास में किसी अन्य समय की तुलना में सबसे बड़ा बदलाव है। गूगल अर्थ में नया टाइमलैप्स फीचर में पिछले 37 साल की 2.4 करोड़ सैटेलाइट तस्वीरों को इंटरएक्टिव 4 डी अनुभव के रूप में संकलित किया गया है। गूगल अर्थ, अर्थ इंजन और आउटरीच की निदेशक रेबेका मूर ने कहा कि 2017 से गूगल अर्थ में सबसे बड़े अपडेट से लोग हमारे ग्रह को पूरी तरह नए रूप में देख सकेंगे। गूगल अर्थ में टाइमलैप्स निश्चित रूप से आगे की ओर बड़ा कदम है।
- पोर्ट फोर्चन (अमेरिका)। तटरक्षक बल ने लुइसियाना के तट पर लापता हुए 12 लोगों की बुधवार को तलाश की। इससे पहले उन्हें समुद्र में एक व्यक्ति का शव मिला था और छह लोगों को बचाया गया था। तटरक्षक कैप्टन विल वाटसन ने बताया कि 130 से 145 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने के कारण नौका पलट गई जिसके कारण यह हादसा हुआ। वाटसन ने बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि समुद्र की सतह पर एक व्यक्ति मृत पाया गया। लापता लोगों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘हम आशावान हैं। अगर आप आशावादी नहीं हैं तो यह काम नहीं कर सकते।'' तटरक्षक प्रवक्ता जॉन मिचेली ने कहा कि गोताखोरों ने बुधवार को स्थानीय इलाके में लापता लोगों की तलाश की।
- लंदन। कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय स्नातकोत्तर छात्रवृत्ति कार्यक्रम, ‘गेट्स कैम्ब्रिज क्लास ऑफ 2021' में दुनियाभर से चुने गए 74 विद्यार्थियों में नौ भारतीय छात्र भी शामिल हैं। गेट्स कैम्ब्रिज छात्रवृत्ति कार्यक्रम की इस साल 20वीं वर्षगांठ है और यह कार्यक्रम बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन द्वारा 2000 में इस विश्वविद्यालय को 21 करोड़ डॉलर के दान से शुरू हुआ था। यह किसी एक व्यक्ति या संस्था की तरफ से विश्वविद्यालय को मिली सबसे बड़ी रकम थी। इस साल यहां छात्रवृत्ति के साथ दाखिला पाने वाले भारतीयों में इला अनन्या, ऋषभ बाजोरिया, तथागत भाटिया, सूर्या डेका, निकिता झा, अन्वेषा लाहिड़ी, मिशिका मेहरोत्रा, अर्नब सरकार और समर्पिता सेन शामिल हैं। यह छात्रवृत्ति हासिल करने का भारतीयों का अच्छा रिकॉर्ड रहा है। 2008 में 11 और 2001 में 10 भारतीयों का इसके लिये चयन हुआ था। अमेरिका के बाद भारतीय छात्रों की हिस्सेदारी इस साल छात्रवृत्ति पाने वालों में सबसे ज्यादा है।
- मास्को । रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को बताया कि उन्होंने कोविड-19 रोधी टीके की दूसरी खुराक ली। इससे तीन सप्ताह पहले उन्होंने पहली खुराक ली थी। उन्होंने ‘रशियन ज्योग्राफिकल सोसाइटी' के एक सत्र में डिजिटल माध्यम से भाग लेते हुए कहा, “अभी इस हॉल में प्रवेश करने से पहले मैंने भी टीके की दूसरी खुराक ली। मुझे उम्मीद है कि सब कुछ ठीक होगा। मुझे आशा ही नहीं बल्कि विश्वास है।” पूतिन ने अपनी पहली खुराक 23 मार्च को ली थी।
- दुबई । संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अंतरिक्ष केंद्र ने चंद्रमा पर अपना पहला रोवर भेजने के महत्वाकांक्षी मिशन की नयी समयसीमा की बुधवार को घोषणा की। मोहम्मद बिन राशिद स्पेस सेंटर ने कहा कि वह चंद्रमा पर 2024 के बजाय 2022 तक एक मानवरहित यान से रोवर भेजने के लिए जापान की आइसस्पेस कंपनी के साथ साझेदारी कर रहा है। दुबई के शासक परिवार के नाम पर रोवर का नाम ‘राशिद' रखा गया है और यह आइसस्पेस के लूनर लैंडर का इस्तेमाल करते हुए चंद्रमा पर उतरेगा। कंपनी चंद्रमा की सतह पर वायरलैस संचार की सुविधा भी प्रदान करेगी। यूएई के नेशनल अखबार ने खबर प्रकाशित की कि फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर से स्पेसएक्स रॉकेट से रोवर का अंतरिक्ष में प्रक्षेपण किया जाएगा। यह चंद्र मिशन यूएई की अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में प्रमुख भूमिका निभाने की रणनीति का हिस्सा है। अगर यह मिशन सफल होता है तो यूएई और जापान को वह उपलब्धि प्राप्त होगी जो अभी तक अमेरिका, रूस तथा चीन के खाते में ही दर्ज है।-file photo
- काहिरा । दक्षिणी मिस्र में राजमार्ग पर ट्रक से आगे निकलने की कोशिश में एक बस के पलटने और ट्रक से टकरा जाने के कारण 20 लोगों की मौत हो गयी और तीन अन्य घायल हो गये। अधिकारियों ने बुधवार को इस बारे में बताया। दक्षिणी प्रांत असयूत के गवर्नर एसाम साद ने एक बयान में बताया कि बस मंगलवार को काहिरा से आ रही थी, तभी काहिरा से 320 किलोमीटर दक्षिण असयूत में वह पलट गयी और एक ट्रक ने उसे टक्कर मार दी। बयान के अनुसार दोनों ही वाहनों में आग लग गयी।गवर्नर कार्यालय द्वारा जारी तस्वीरों में एक जली हुई बस दिख रही है और बचाव दल हादसे में जीवित बचे लोगों को निकालते दिख रहे हैं। पीड़ितों को पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मिस्र में हर साल यातायात दुर्घटना में हजारों लोगों की मौत होती है।
- संयुक्त राष्ट्र। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख टेड्रोस अदानोम गेब्रेयसस ने कहा है कि भले ही दुनियाभर में अब तक कोविड-19 रोधी टीकों की 78 करोड़ से अधिक खुराकें दी जा चुकी हैं, महामारी का अंत अब भी काफी दूर है। बहरहाल, जन स्वास्थ्य के संबंध में कड़े कदम उठाकर कुछ महीनों में इसे काबू में किया जा सकता है।चीन के वुहान शहर में दिसंबर 2019 में कोरोना वायरस संक्रमण का पहला मामला सामने आया था। अब तक दुनियाभर में 13 करोड़ 6 लाख 400 लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं। इनमें से 2 करोड़ 9 लाक 44 हजार 500 की मौत हो चुकी है।डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा, 'दुनियाभर में जनवरी और फरवरी में लगातार छह हफ्तों तक संक्रमण के मामलों में कमी देखी गई। अब हम लगातार सात सप्ताह से मामलों में वृद्धि देख रहे हैं और चार सप्ताह से मौत के मामलों में इजाफा हो रहा है। पिछले सप्ताह, एक सप्ताह में सबसे अधिक मामले सामने आए। उससे पहले तीन बार उससे ज्यादा मामले आए हैं। एशिया और पश्चिम एशिया के कई देशों में मामलों में भारी वृद्धि देखने को मिली है। 'गेब्रेयसस ने जेनेवा में पत्रकारों से कहा कि दुनियाभर में कोविड-19 रोधी टीकों की 78 करोड़ से अधिक खुराकें दी जा चुकी हैं। टीका शक्तिशाली हथियार तो है लेकिन यही एकमात्र हथियार नहीं है। उन्होंने कहा, 'सामाजिक दूरी कारगर है। मास्क लगाना कारगर है। वेंटिलेशन कारगर है। निगरानी, जांच, संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाना, पृथकवास आदि संक्रमण से निपटने और लोगों का जीवन बचाने उपाय हैं। ' डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने आगाह किया कि महामारी का अंत दूर है, लेकिन दुनिया के पास आशावादी होने के कई कारण हैं।
- बर्लिन। ऑस्ट्रिया के स्वास्थ्य मंत्री ने मंगलवार को अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए कहा कि ज्यादा कामकाज करने से उन्हें लगातार स्वास्थ्य संबंधी समस्या रहने के चलते वह कोरोना वायरस महमारी से निपटने में देश की मदद करना जारी नहीं रख सकते हैं। रूडोल्फ एंशोबर (60) जनवरी 2020 से स्वास्थ्य मंत्री थे। उन्होंने ऑस्ट्रिया में कोरोना वायरस महामारी से निपटने में मुख्य रणनीतिकार की भूमिका निभाई है। इस बीच, वियना के डॉक्टर वुल्फगैंग म्युकेस्टेन को उनका उत्तराधिकारी नामित किया गया है। उन्होंने बताया कि हाल के महीनों में दो बार उन्हें काफी थकान महसूस हुई और उनका रक्तचाप भी बढ़ गया। उन्होंने कहा, ‘‘कई हफ्तों से काम के लिए पूरी तरह से ठीक महसूस नहीं कर रहा हूं। उन्होंने कहा, दशकों में आए इस सबसे बड़े स्वास्थ्य संकट में एक ऐसे स्वास्थ्य मंत्री की जरूरत है, जो पूरी तरह से तंदुरूस्त हो।
- दुबई। दुबई में लंबे समय से चली आ रही उस अनिवार्यता को बंद करने की दिशा में कदम उठाया गया है जिसमें रमजान के दौरान सभी रेस्तरां को दिन के वक्त परदों से ढकना आवश्यक हुआ करता था ताकि रोजा रख रहे लोगों की नजर से खाद्य पदार्थ दूर रहें।यहां के आर्थिक विकास विभाग ने पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से रविवार को इस कदम की घोषणा की। सरकारी समाचार एजेंसी डब्ल्यूएएम ने कहा, रेस्तरां अपने यहां पर्दे आदि लगाए बगैर ही ग्राहकों को भोजन परोस सकेंगे। पहले पर्दे लगाना अनिवार्य हुआ करता था। इसमें कहा गया, यह नया आदेश पहले के वर्षों में जारी उन आदेशों का स्थान ले लेगा जिनके तहत रोजा रखने वालों की खातिर खानपान वाले हिस्सों को ढंकना आवश्यक हुआ करता था। नए नियमों के तहत दिन के वक्त भोजन परोसने के लिए अब रेस्तरां को पहले की तरह विशेष परमिट लेने की भी जरूरत नहीं होगी। खाड़ी के अरब देशों में रमजान के दौरान सार्वजनिक तौर पर खाने पीने पर जुर्माने लगाए जाते हैं तथा ऐसा करने वाला आदमी कानूनी पचड़ों में भी फंस सकता है। हालांकि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए दुबई नियमों में बदलाव कर रहा है।
- बीजिंग। चीन में संस्कृत भाषा करीब दो हजार साल पहले बौद्ध धर्म के साथ पहुंची थी और इसने चीन के सम्राटों और विद्वानों पर काफी असर डाला था और यह आज भी फल फूल रही है। चीन में जाने-माने संस्कृत विद्वान और पेकिंग विश्वविद्यालय में चीन-भारत बौद्ध अध्ययन, ओरिएंटल एवं भारतीय अध्ययन संस्थान के निदेशक वांग बैंगवई ने कहा कि संस्कृत जो भारतीय संस्कृति की जड़ है, चीन में लोकप्रिय बनी हुई है और यह आधुनिक भारत में इसकी मामूली प्रगति के विपरीत है। वांग ने कहा कि पेकिंग विश्वविद्यालय चीन के सबसे पुराने विश्वविद्यालयों में से एक है और इस साल विश्वविद्यालय में संस्कृत की पढ़ाई शुरू होने के 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं। वांग ने चीन में संस्कृत का प्रसार करने का श्रेय चौथी सदी ईसा बाद के भारतीय विद्वान कुमारजीव को दिया है।कुमारजीव ने दो हजार साल पहले चीन में रहने के दौरान बौद्ध धर्म के सूत्रों को चीनी भाषा में अनुवाद करने में मदद की थी और ‘चीन के राष्ट्रीय शिक्षक' का शाही खिताब अर्जित किया था। वह उन अनेक विद्वानों में से एक हैं जिन्होंने दोनों देशों के बीच सभ्यता आधारित संबंधों की मजबूत आधारशीला रखी। कुमारजीव कश्मीरी ब्राह्मण परिवार से संबंधित थे और उन्होंने चौथी सदी में चीन में 23 साल बिताए थे। इस दौरान वह जेल में भी रहे थे। वांग ने यहां शुक्रवार को भारतीय दूतावास में भारतीय राजदूत विक्रम मिस्री के साथ संस्कृत सीखने की ऐप ‘ लिटिल गुरु' जारी करते हुए कहा कि संस्कृत, उससे संबंधित संस्कृति और उसका विकास फाह्यान और ह्वेनसांग जैसे अनेक चीनी विद्वानों ने जीवित रखा। वांग ने कहा कि पेकिंग विश्वविद्यालय में एक सदी पहले संस्कृत पढ़ाने का कार्यक्रम शुरू किया गया था लेकिन चीन में संस्कृत शोध और अध्ययन करीब दो हजार साल पहले ही शुरू हो गया था। उन्होंने कहा कि जब बौद्ध धर्म भारत से चीन पहुंचा तो चीन के बौद्ध भिक्षुओं ने भारतीय ग्रंथों को चीनी भाषा में अनूदित करना शुरू कर दिया। वांग ने बताया कि नालंदा विश्वविद्यालय में चीन के 100 से अधिक विद्वानों ने पढ़ाई की थी और इसमें 11वीं सदी से गिरावट आई। उन्होंने कहा, “संस्कृत भारतीय संस्कृति की एक प्रमुख भाषा है। चीन में अधिक से अधिक लोग भारतीय संस्कृति में रुचि रखते हैं और संस्कृत भारतीय संस्कृति के बारे में अधिक जानने का एक अच्छा तरीका है।” वांग ने ‘ कहा कि संस्कृत सबसे महत्वपूर्ण भाषा है जिसके माध्यम से चीन के लोगों ने हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म, प्राचीन भारतीय चिकित्सा, खगोल विज्ञान और गणित को जाना है।
- बीजिंग । चीन के पश्चिमोत्तर क्षेत्र में एक कोयला खदान में बाढ़ का पानी भरने से 21 खनिक फंस गए। शिन्हुआ संवाद समिति ने बताया कि शिंजियांग क्षेत्र की हुतुबी काउंटी स्थित खदान में शनिवार शाम करीब छह बजकर 10 मिनट पर पानी भर गया, जिससे वहां काम कर रहे खनिक फंस गए। बचावकर्ता इन खनिकों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं और आठ लोगों को बचा लिया गया है। चीन की खदानों में सुरक्षा के अभाव के कारण विस्फोट और गैस लीक की घटनाएं भी अकसर होती रहती हैं।-File photo
- मलंग । इंडोनेशिया के मुख्य द्वीप जावा में आये जोरदार भूकंप में कम से कम सात व्यक्तियों की मौत हो गई और 12 अन्य घायल हो गए। साथ ही इससे जावा में 300 से अधिक इमारतें क्षतिग्रस्त हो गई और भूकंप के झटके पर्यटक केंद्र बाली में भी महसूस किये गये। यह जानकारी अधिकारियों ने शनिव़ार को दी। हालांकि सुनामी की कोई चेतावनी जारी नहीं की गई। अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण ने बताया कि स्थानीय समयानुसार अपराह्न दो बजे आये भूकंप की तीव्रता 6.0 मापी गई। इसका केंद्र पूर्वी जावा प्रांत के मलंग जिले के सुम्बरपुकंग शहर से 45 किलोमीटर दक्षिण में 82 किलोमीटर की गहराई में स्थित था। इंडोनेशिया के भूकंप एवं सुनामी केंद्र के प्रमुख रहमत त्रियोनो ने एक बयान में बताया कि भूकंप का केंद्र समुद्र के भीतर स्थित था, लेकिन इसके झटके में सुनामी उत्पन्न करने की क्षमता नहीं थी। उन्होंने इसके बावजूद लोगों से मिट्टी या चट्टानों के ऐसे ढलानों से दूर रहने का आग्रह किया जहां भूस्खलन का खतरा हो। इस सप्ताह इंडोनेशिया में आने वाली यह दूसरी घातक आपदा थी क्योंकि गत रविवार को हुई भीषण बारिश से कम से कम 174 लोगों की मौत हो गई थी और हजारों घरों को नुकसान पहुंचा था। इसमें 48 अभी भी लापता हैं। नेशनल डिजास्टर मिटिगेशन एजेंसी के प्रवक्ता रदिया जती ने बताया कि शनिवार को आये भूकंप से पूर्वी जावा के लुमाजैंग जिले में चट्टानों के गिरने से मोटरसाइकिल सवार एक महिला की मौत हो गई और उसका पति गंभीर रूप से घायल हो गया। उन्होंने बताया कि जिले में इससे दर्जनों मकान क्षतिग्रस्त हो गए और बचावकर्मियों ने काली उलिंग गांव में मलबे से दो शव निकाले। लुमाजांग और मलंग जिले की सीमा पर स्थित एक क्षेत्र में दो लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई। वहीं एक व्यक्ति मलंग में मलबे में मृत मिला। टेलीविजन की खबरों में पूर्वी जावा प्रांत के कई शहरों में मॉल और इमारतों से लोगों को दहशत में भागते हुए दिखाया गया। इंडोनेशिया की खोज एवं बचाव एजेंसी ने मलंग के पड़ोसी शहर ब्लीतर स्थित एक अस्पताल की क्षतिग्रस्त छत सहित क्षतिग्रस्त कुछ घरों एवं इमारतों के वीडियो एवं तस्वीरें जारी की। प्राधिकारी प्रभावित क्षेत्रों से हताहत हुए लोगों और क्षति की पूरी जानकारी एकत्रित कर रहे हैं। इंडोनेशिया अक्सर भूकंप के झटकों, ज्वालामुखी विस्फोट और सुनामी से प्रभावित होता है। गत जनवरी में पश्चिम सुलावेसी प्रांत स्थित मामुज़ू और माजिनी जिलों में आये 6.2 तीव्रता के भूकंप में कम से कम 105 लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 6,500 अन्य लोग घायल हो गए थे। वहीं इसके चलते 92,000 से अधिक लोग विस्थापित हो गए थे।
- लंदन । यूनाइटेड किंगडम की सभी राजधानियों और नौसैनिक पोतों ने शनिवार को महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के पति और ड्यूक ऑफ एडिनबर्ग दिवंगत प्रिंस फिलिप को तोपों की सलामी दी। प्रिंस फिलिप का 99 साल की उम्र में शुक्रवार को विंडसर कैसल में निधन हो गया। लंदन, कार्डिफ, बेलफास्ट और एडिनबर्ग में शनिवार दोपहर से प्रत्येक मिनट पर एक गोला दागे जाने की दर से 41 तोपों की सलामी के साथ देश में आठ दिन के राष्ट्रीय शोक की शुरुआत हुई। शाही परिवार की वेबसाइट पर पोस्ट बयान के अनुसार, ‘‘महत्वपूर्ण राष्ट्रीय अवसरों पर देश भर में तोपों की सलामी देने की परंपरा कम से कम 18वीं सदी से शुरू हुई और कुछ ऐतिहासिक रिकॉर्ड के अनुसार 14वीं सदी में भी तोपों की सलामी दी गई है। उस दौरान बंदूकें, तोप और बारुद बड़े पैमाने पर बनना शुरू हुआ था।'' उसमें कहा गया है, ‘‘महारानी विक्टोरिया के निधन पर 1901 में भी ऐसे ही तोपों की सलामी दी गई थी।''उन्होंने सेना के साथ ड्यूक के संबंधों का भी सम्मान किया। ड्यूक ने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश नौसेना के साथ काम किया था। ब्रिटेन के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल निक कार्टर ने कहा, ‘‘प्रिंस सशस्त्र बलों के लिए बहुत अच्छे मित्र, प्रेरक और आदर्श थे। हम उन्हें बहुत याद करेंगे।'' उन्होंने कहा, ‘‘ड्यूक ऑफ एडिनबर्ग ने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान हमारे (सेना के) साथ काम किया था और पूरी जिंदगी रॉयल नौसेना और सशस्त्र बलों के लिए समर्पित रहे। उन्होंने अच्छी जिंदगी जी, प्रिंस अपने पीछे समृद्ध विरासत छोड़कर जा रहे हैं। वर्तमान और पूर्व, सभी सैनिकों की ओर से उनको धन्यवाद।'' लोगों को तोपों की सलामी दूर से देखने की सलाह दी जा रही है और उनका टीवी पर तथा ऑनलाइन प्रसारण हो रहा है। कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर बकिंघम पैलेस ने लोगों से अनुरोध किया है कि वे बड़ी संख्या में महल के बाहर एकत्र ना हों और ड्यूक की याद में फूल चढ़ाने की जगह जरुरतमंदों की मदद के लिए पैसे दान करें। पैलेस की आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन ‘बुक ऑफ कंडोलेंस' जारी किया गया है।शुक्रवार को ड्यूक के निधन की घोषणा करते हुए बकिंघम पैलेस ने कहा था, ‘‘महारानी बेहद दुख के साथ अपने प्रिय पति के निधन की सूचना दे रही हैं। राजपरिवार और दुनिया भर के लोग उनके जाने का शोक मना रहे हैं।
- दुबई । अबू धाबी के बड़े शहजादे शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नाहयान ने भारतीय मूल के उद्योगपति यूसुफअली एमए और 11 अन्य लोगों समुदायों में परमार्थ योगदान और अन्य अच्छे कार्यों के लिए अबू धाबी के शीर्ष नागरिक सम्मान से सम्मानित किया है। यूसुफअली (65) अबू धाबी के लुलु ग्रुप के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक हैं। यह समूह कई देशों में हाइपरमार्केट और खुदरा कंपनियों का परिचालन करता है। उन्हें शुक्रवार को सम्मानित किया गया। ‘द खलीज टाइम्स' की खबर के अनुसार, इन लोगों को विभिन्न क्षेत्रों मसलन स्वास्थ्य सेवा, सामुदायिक सेवा, मानवीय कार्यों के अलावा संस्कृति, धरोहर और पर्यावरण संरक्षण में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
- तेहरान । कोविड-19 महामारी की चौथी लहर के बीच ईरान ने शनिवार से 10 दिन का लॉकडाउन लागू करने की घोषणा की। सरकारी टीवी चैनल ने यह जानकारी दी। ईरान के कोरोना वायरस कार्यबल ने ''रेड जोन'' घोषित किए गए शहरों की अधिकतर दुकानों को बंद किए जाने के साथ ही कार्यालयों में एक तिहाई कर्मचारियों की उपस्थिति के आदेश दिए हैं। राजधानी तेहरान और देश के 250 अन्य शहरों एवं नगरों को ''रेड जोन'' घोषित किया गया है। अधिकारियों ने कहा कि इन स्थानों पर कोरोना वायरस संक्रमण की दर अधिक है। ऐसे में सख्त प्रतिबंध लागू किए गए हैं। उन्होंने कहा कि देश का 85 फीसदी से अधिक भाग संक्रमण के स्तर के अनुसार ''रेड या ऑरेंज'' जोन में है।अधिकारियों ने कहा कि पारसी नववर्ष नवरोज के चलते दो सप्ताह तक चले उत्सवों के कारण बाजारों में भारी भीड़ देखी गई और सरकारी स्वास्थ्य नियमों का उल्लंघन कर समारोह आयोजित किए गए, जिसके बाद मामलों की संख्या में वृद्धि हुई। उन्होंने कहा कि सभी पार्क, रेस्तरां, बेकरी, ब्यूटी पार्लर और मॉल भी लॉकडाउन के दायरे में आएंगे। ईरान के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, शनिवार को देश में संक्रमण के 19,600 से अधिक नए मामले सामने आए, जबकि 193 मरीजों की मौत हुई।-File photo
- ह्यूस्टन। अमेरिका के ह्यूस्टन में शुक्रवार को आठ माह के बच्चे की गोली लगने से मौत हो गई। पुलिस का मानना है कि बच्चे के तीन साल के बड़े भाई के हाथ में घर में रखी बंदूक लग गई और उसी ने ही गोली चलाई।ह्यूस्टन पुलिस विभाग के सहायक प्रमुख वेंडी बैमब्रिज ने बताया कि बच्चे को शुक्रवार सुबह पेट में गोली लगी। परिवार के सदस्य घायल बच्चे को अस्पताल लेकर गए, जहां उसकी मौत हो गई। बैमब्रिज ने कहा, मैं सभी अभिभावकों से अपील करना चाहता हूं कि वे अपने हथियारों को घर में किसी की भी पहुंच से दूर रखें। आप हथियारों को सुरक्षित रखने के लिए कई चीजें कर सकते हैं। कृपया इस परिवार के लिए दुआ कीजिए। यह बहुत त्रासद घटना है। जांचकर्ताओं को शुरुआत में घटना में इस्तेमाल बंदूक नहीं मिली, लेकिन बाद में उस वाहन के अंदर से उसे बरामद कर लिया गया जिसमें परिवार के सदस्य बच्चे को अस्पताल लेकर गए थे। बैमब्रिज ने बताया कि जांचकर्ता और अभियोजक यह पता लगा रहे हैं कि इस मामले में कोई आरोप लगाया जाएगा या नहीं। file photo---