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- प्राचीन समय से ही भारत के कुछ हिस्सों में तेल से मालिश करने का चलन है। हालांकि आपने अपनी दादी नानी को भी बच्चों से लेकर बड़ों तक को तेल से मालिश करते जरूर देखा होगा। ऐसा माना जाता है कि तेल से अगर शरीर की मालिश किया जाए तो इससे रक्त संचार बढ़ता है और अगर तेल को नाभि में डाला जाए तो ये हमारे शरीर को कई फायदे दिलाता है। यहां जानिए नाभि में तेल डालने के क्या हैं फायदे और कौन से तेल आपको नाभि में डालने चाहिए.नाभि में गाय का शुध्द घी या तेल लगाने से बहुत सारी शारीरिक दुर्बलता का उपाय हो सकता है।-1. आँखों का शुष्क हो जाना, नजर कमजोर हो जाना, चमकदार त्वचा और बालों के लिये उपाय।सोने से पहले 3 से 7 बूँदें शुद्ध घी और नारियल का तेल नाभि में डालें और नाभि के आसपास डेढ ईंच गोलाई में फैला दें।2. घुटने के दर्द में उपायसोने से पहले तीन से सात बूंद अरंडी का तेल नाभि में डालें और उसके आसपास डेढ ईंच में फैला दें।3. जोड़ों में दर्द और शुष्क त्वचा के लिए उपायसोने से पहले तीन से सात बूंद राई या सरसों कि तेल नाभि में डालें और उसके चारों ओर डेढ ईंच में फैला दें।4. मुँह और गाल पर होने वाले पिम्पल के लिए उपाय:-नीम का तेल तीन से सात बूंद नाभि में उपरोक्त तरीके से डालें।5. जोड़ो का दर्द करे सहीफटे होंठ या जोड़ों का दर्द है अगर आप इन चीजों से परेशान है तो आपको ज़रूरत है सरसों के तेल की जिसके द्वारा आप अपनी इस समस्या से छुटकारा पा सकेंगे। अपने पेट की नाभि पर सरसों के तेल की कुछ बूंदें लगाएं।6. मुंहासे के लिएनीम के तेल की कुछ बूंदें नाभि के बीच में डालकर और आस-पास मसाज करने से कील-मुहाँसे ठीक हो सकते ह और आपकी त्वचा बेदाग़ और सुंदर हो जायेगी।7. चेहरे पर निखार :बादाम के तेल की कुछ बूंदें नाभि पर लगाने से चेहरे पर निखार आता है और आपकी रंगत भी अच्छी होती हैं।
- हड्डियों की मजबूती को बनाए रखने के लिए आपको डाइट में बदलाव करने की सलाह दी जाती हैं। एक्सपर्ट के अनुसार हड्डियों को मजबूत को बनाए रखने के लिए आप डाइट में दूध और कद्दू के बीजों को शामिल कर सकते हैं। इसमें विटामिन ए, विटामिन बी, मैग्नीशियम, कैल्शियम, ओमेगा 3 फैटी एसिड व अन्य महत्वपूर्ण मिनरल्स पाए जाते हैं। यह पोषक तत्व हड्डियों से जुड़ी समस्याओं को दूर कर बोन डेंसिटी को बेहतर करते हैं। इसी वजह से हर उम्र के लोगों को दूध और कद्दू के बीज खाने की सलाह दी जाती है।दूध और कद्दू के बीज से हड्डियों के लिए फायदेकैल्शियम का सोर्सदूध में कैल्शियम पाया जाता है, जो हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक माना जाता है। इसे कद्दू के बीज के साथ लेने से आपको कई अन्य पोषक तत्व भी प्राप्त होते हैं। कैल्शियम हड्डियों की मजबूती के लिए जरूरी होता है, इससे बोन डेंसिटी बेहतर होती है। साथ ही, फ्रैक्चर और ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा कम होता है।मैग्नीशियमकद्दू के बीज में मैग्नीशियम अधिक मात्रा में पाया जाता है। यह दूध में मौजूद कैल्शियम की पूर्ति करता है। मैग्नीशियम हड्डियों के मेटाबॉलिज्म में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, कैल्शियम के अवशोषण और उपयोग में सहायता करता है। दूध और कद्दू के बीज का सेवन करने से हड्डियों में मजबूती आती है।प्रोटीन का पावरहाउसदूध में प्रोटीन से भरपूर मात्रा में होता है, जो हड्डियों को बनाने और रिपेयर के लिए आवश्यक होता है। जब आप इसे कद्दू के बीजों के साथ मिलाते हैं, तो इससे अमीनो एसिड बढ़ता है। इसे साथ में लेने से कोलेजन बूस्ट होता है। यह हड्डियों के स्वास्थ्य को बेहतर करता है।ओमेगा-3 फैटी एसिडकद्दू के बीज में ओमेगा-3 फैटी एसिड से होता है, यह एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के लिए जाने जाते हैं। कद्दू के बीज को दूध के साथ मिलाने से आपको ओमेगा-3 से ओमेगा-6 सही अनुपात में मिलता है। इससे सूजन को कम होती है और हड्डियों का स्वास्थ्य बेहतर होता है।हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए दूध और कद्दू के बीजों का सेवन कैसे करें-स्मूदी - आप सुबह की डाइट में दूध के साथ कद्दू के बीजों की स्मूदी बनाकर पी सकते हैं। इस स्मूदी में आप केले या बैरिज आदि फलों का उपयोग कर सकते हैं।ओट्स - दूध, कद्दू के बीज और ओट्स को एक जार में मिलाएं और उन्हें रात भर भीगने दें। मिठास के लिए शहद मिलाएं। सुबह के समय नाश्ते के साथ इसे खा सकते हैं।दूध और बीज - आप एक गिलास दूध में कद्दू के बीजों को पीसकर मिला लें। इसमें एक चम्मच शहद मिलाएं और पी लें।
- आप भी चाय को स्वाद और सेहत दोनों के लिए पीते हैं तो लेमन ग्रास, तुलसी और पुदीने की चाय ट्राई कर सकते हैं। इस चाय में एंटीवायरस, एंटीफंगल, एंटीबैक्टीरियल, एंटी इन्फ्लेमेटरी, विटामिन ए, विटामिन सी, फास्फोरस और कैल्शियम जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं जो बीमारियों को दूर रखने में मदद करते हैं। आइए जानते हैं लेमन ग्रास, तुलसी और पुदीने की चाय बनाने की रेसिपीलेमन ग्रास, तुलसी और पुदीने की चाय के फायदेडाइटिशियन सीनम के अनुसार रोजाना लेमन ग्रास, तुलसी और पुदीने की चाय से सेहत को एक नहीं बल्कि कई फायदे मिलते हैं।1. हाई ब्लड प्रेशर को करता है कंट्रोलहाई ब्लड प्रेशर की समस्या को दूर करने में लेमन ग्रास, तुलसी और पुदीने की चाय आपके बेहद काम आ सकती है। तुलसी और लेमन ग्रास के अंदर पोटेशियम होता है जो ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करता है। इसके अलावा तुलसी में एंटी हाइपरटेंसिव गतिविधियां भी मौजूद होती हैं जो सिस्टोलिक और डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर को कम करती हैं। वहीं, लेमन ग्रास में एंटीफंगल, एंटी-कैंसर, एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो शरीर का ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने में करती है।2. वेट लॉस में मददगारलेमनग्रास, तुलसी और पुदीने की चाय में हाई फाइबर और लो कैलोरी होता है। जिसकी वजह से यह वजन घटाने में मदद करती है। एक्सपर्ट का कहना है कि लेमन ग्रास, तुलसी और पुदीने की चाय पीने से मेटाबॉलिज्म तेजी से कम करता है और शरीर का एक्स्ट्रा फैट घटाने में मदद करता है, जिससे वेट लॉस में मदद मिलती है।3. डाइजेशन के लिए है अच्छाअनहेल्दी प्रोसेसड और चाइनीज फूड खाने की वजह से आजकल लोगों को पाचन संबंधी समस्याएं बहुत ज्यादा होने लगी हैं। पाचन क्रिया को ठीक करने में लेमनग्रान, तुलसी और पुदीने की चाय काफी फायदेमंद होती है। इस चाय में फाइबर होता है। फाइबर मल को मुलायम बनाता है और मल त्याग की प्रक्रिया को भी आसान बनाता है। रोजाना सुबह खाली पेट एक कप लेमनग्रान, तुलसी और पुदीने की चाय पीने से गैस की समस्या, दस्त की समस्या, पेट में ऐठन की समस्या, कब्ज की समस्या आदि से भी छुटकारा मिल सकता है।4. स्किन को बनाता है ग्लोइंगखानपान, लाइफस्टाइल और केमिकल वाले प्रोडक्ट का इस्तेमाल करने की वजह से इन दिनों लोगों को पिंपल्स, मुंहासे और उम्र से पहले झुर्रियों होने लगती हैं। स्किन की इन प्रॉब्लम से छुटकारा पाने के लिए भी आप लेमनग्रास, तुलसी और पुदीने की चाय पी सकते हैं। इस चाय में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट स्किन की समस्याओं से राहत दिलाकर त्वचा को ग्लोइंग बनाते हैं।चाय बनाने की विधि-सबसे पहले एक से डेढ़ गिलास पानी को अच्छी तरह से उबाल लें। इस पानी में लेमन ग्रास, तुलसी, पुदीने की पत्तियां, अदरक डालकर उबालें।-एक मिनट सभी चीजों को पानी में उबलने दें। आपकी चाय सर्व करने के लिए तैयार है। इसका सेवन सिप-सिप करके करें।-आप चाहें तो टेस्ट के लिए लेमन ग्रास, तुलसी और पुदीने की चाय में 1 चम्मच शहद मिला सकते हैं।
- पेट की चर्बी (Belly Fat) बढ़ने के कारण आपको कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती है, जिससे बचने के लिए जरूरी है कि आप बेली फैट को कम करने की कोशिश करें और एक स्वस्थ वजन बनाए रखें। बेली फैट न सिर्फ स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकती है, बल्कि ये आपके लुक्स को भी खराब करती है। ऐसे में कश्मीरी कहवा को डाइट में शामिल करना एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है।बेली फैट कम करने में कश्मीरी कहवा के फायदे --कश्मीरी कहवा में मौजूद हरी चाय की पत्तियों में कैटेचिन होता है, जो मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद कर सकता है, जिससे पेट की चर्बी कम करने और वजन घटाने में मदद मिल सकती है।-कश्मीरी कहवा ब्लड वेसल्स में कोलेस्ट्रॉल जमाव को रोकता है, जिससे पेट के आस-पास चर्बी जमा नहीं होती और बेली फैट से छुटकारा मिलता है।-कहवा में इलायची और दालचीनी जैसे तत्व पाचन में मदद करते हैं, ब्लोटिंग की समस्या दूर करने और पेट में होने वाली असुविधाओं को कम करके पेट को पतला दिखने में मदद कर सकता है।-कहवा में केसर और लौंग जैसे पदार्थ शामिल होते हैं, जिनमें डिटॉक्सिफाइंग गुण होते हैं, जो समग्र स्वास्थ्य और वजन प्रबंधन में मदद कर सकते हैं।-कहवा पीने से ज्यादा कैलोरी के बिना आप हाइड्रेटेड रह सकते हैं, जो पेट की चर्बी बढ़ाने वाले हाई कैलोरी वाले पेय पदार्थों के सेवन को कम करता है और वजन कंट्रोल करने में मदद कर सकता है।-ग्रीन टी में कैफीन की मात्रा कम होती है, जो संभावित रूप से शारीरिक गतिविधि और कैलोरी बर्निंग को बढ़ा सकती है और बेली फैट को कम करने में फायदेमंद हो सकती है।-एक गर्म कप कहवा आपके तनाव के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है। तनाव आपके पेट की चर्बी बढ़ने का कारण बन सकता है, क्योंकि कुछ लोग तनाव मे अधिक खाना खाने लगते हैं, जो वजन बढ़ने या बेली फैट होने का कारण बनता है।कश्मीरी कहवा बनाने का तरीकासामग्री-हरी चाय की पत्तियां- 1 चम्मचकेसर के रेसे- एक चुटकीहरी इलायची- 2-3 कुचली हुईदालचीनी की छड़ी- 1 छोटा टुकड़ालौंग- 2-3बादाम- 4-5, कुचले हुएशहद या चीनी- स्वाद के लिए (वैकल्पिक)पानी- 2 कपकहवा बनाने की विधि--सबसे पहले गैस की फ्लेम मध्यम आंच पर रखकर एक सॉस पैन में दो कप पानी डालकर गर्म कर लें।-जब पानी में उबाल आने लगे तो इसमें हरी चाय की पत्तियां, केसर के रेसे, कुचली हुई इलायची, दालचीनी की छड़ी, लौंग और कुचले हुए बादाम डाल दें।-इस मिश्रण को लगभग 3 मिनट तक उबलने दें।-अब चाय को कपों में छान लें और चाहें तो स्वाद के लिए इसमें शहद या चीनी भी मिला सकते हैं।
- सेमल एक पेड़ है, जो उत्तराखंड में अधिक पाया जाता है। सेमल की छाल, फूल, जड़ और फल कई बीमारियों से निजात दिलाने में कारगर होते हैं। इन दिनों आपने रास्ते में भी सेमल के बड़े-बड़े लाल फूलों को रास्ते में गिरे हुए जरूर देखा होगा। इसका बड़ा पेड़ होता है, जिसे पर लाल फूल लगे होते हैं। आपको बता दें कि सेमल के फूल सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। नियमित रूप से सेमल के फूलों का उपयोग करने से कई स्वास्थ्य समस्याओं में आराम मिलता है।1. डायरिया से छुटकारा दिलाए सेमल के फूलसेमल के फूलों का उपयोग डायरिया या दस्त की समस्या का ठीक करने के लिए किया जा सकता है। इसके लिए आप सेमल के फूलों के ऊपरी छिलकों को रातभर पानी में भिगोकर रख दें। सुबह मिश्री में मिलाकर इनका सेवन करें। इससे आपको डायरिया की समस्या से काफी राहत मिलेगी।2. ल्यूकोरिया में लाभकारी सेमल के फूलमहिलाओं के लिए सेमल के फूल काफी फायदेमंद होते हैं। कई महिलाओं को ल्यूकोरिया यानी वेजाइनल डिस्चार्ज से परेशान रहना पड़ता है, ऐसे में सेमल के फूल लाभकारी हो सकते हैं। देसी घी और सेंधा नमक से साथ सेमल के फूलों का डोडा की सब्जी बनाएं। इस सब्जी को खाने से ल्यूकोरिया की समस्या में आराम मिल सकता है।3. कब्ज ठीक करे सेमल के फूलआजकल अधिकतर लोग कब्ज की समस्या से परेशान रहते हैं। अगर आप भी कब्ज से निजात पाना चाहते हैं, तो सेमल के फूलों का उपयोग कर सकते हैं। सेमल के फूल की सब्जी खाने से कब्ज की समस्या में काफी हद तक आराम मिलता है। सेमल के फूल अंदरुनी अंगों की भी अच्छे से सफाई करते हैं।4. कमर दर्द ठीक करे सेमल के फूलअधिकतर लोग कमर में दर्द की शिकायत करते हैं। इसके लिए वे दर्दनिवारक दवाइयों का सेवन करते हैं। लेकिन आप चाहें तो सेमल के फूल से भी कमर के दर्द में आराम पा सकते हैं। सेमल के फूल के बाहरी हिस्से की सब्जी कमरदर्द में फायदेमंद होती है। आप चाहें तो इसके लड्डू भी बना सकते हैं। यह बहुत ही ताकतवर होता है, शरीर मजबूत बनता है। सेमल के फूल की सब्जी खाने से कमजोरी भी दूर होती है।5. खून साफ करे सेमल के फूल-सेमल के पत्ते और फूल रक्त शुद्धि करने में भी कारगर होते हैं। ब्लड को प्यूरीफाई करने के लिए आप सेमल के फूल, फल का सेवन कर सकते हैं। इससे रक्त संबंधी समस्याएं ठीक होने में मदद मिलती है। सेमल के फूल शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकालता है, खून की सफाई करते हैं।सेमल के किसी भी हिस्से के इस्तेमाल से पहले आपको आयुर्वेदिक डॉक्टर की राय जरूर लेनी चाहिए।
- जोड़ों का दर्द अब एक आम समस्या हो गई है। आज हम आपको जोड़ों के दर्द से छुटकारा पाने का आयुर्वेदिक उपाय बताने जा रहे हंै । इस उपाय को अपनाने से आप महसूस करेंगे कि जैसे आपको कभी जोड़ों का दर्द था ही नहीं । तो आइये जानते हैं इस आयुर्वेदिक नुस्खे के बारे में ....जोड़ों के दर्द का आयुर्वेदिक उपायसामग्री :-3 चम्मच किशमिश2 चम्मच अनफ्लेवर्ड जिलेटिन पाउडर8 छोटे चम्मच अलसी के बीज4 चम्मच तिल के बीज40 ग्राम कद्दू के बीज200 ग्राम शहदविधि / इस्तेमाल :-इस नुस्खे को तैयार करना बेहद आसान है । ऊपर बताई सामग्री को एक साथ मिक्स करें । फिर इसे एक कांच के जार में रख दें।. इस मिश्रण का दिन में 2 बार एक - एक चम्मच सेवन करें , नाश्ते से पहले और दोपहर के खाने से पहले । कुछ ही समय में नतीजे सामने आने लगेंगे ।
- कल महाशिवरात्रि है। इस मौके पर भक्त भगवान शिव की अराधना करते हैं और श्रद्धालु उपवास रखते हैं। महाशिवरात्रि के व्रत में खाने-पीने का खास ध्यान रखना जरूरी होता है। व्रत के दौरान आप कई ऐसी चीजों का सेवन कर सकते हैं, जो आपको हेल्दी रखने में मदद करते हैं। आपके पेट को भरा हुआ रखते हैं, आपको ताकत देते हैं और आप में एनर्जी बनाकर रखते हैं। कई लोग महाशिवरात्रि के व्रत में कुट्टू, सिंघाडे के आटे के लड्डू बनाकर खाते हैं। वहीं, कुछ लोग मूंगफली, फलों और सूखे मेवों का सेवन करते हैं। लेकिन इसके अलावा भी कई ऐसे फलाहार हैं, जिनका सेवन महाशिवरात्रि के व्रत में किया जा सकता है। तो चलिए जानते हैं महाशिवरात्रि के व्रत के लिए हेल्दी फलाहार-महाशिवरात्रि व्रत के लिए हेल्दी फलाहार1. फ्रूट्स और ड्राई फ्रूट्स चाटमहाशिवरात्रि के व्रत में आप फ्रूट्स और ड्राई फ्रूट्स चाट का भी सेवन कर सकते हैं। व्रत के दौरान फल और मेवे का सेवन करना काफी फायदेमंद होता है। व्रत में फल और ड्राई फ्रूट्स खाने से आपको पर्याप्त मात्रा में विटामिन्स और मिनरल्स मिलेंगे। इससे आप पूरे दिन एनर्जेटिक महसूस करें और जल्दी से भूख भी नहीं लगेगी। इसके लिए आप एक बाउल में फल काट लें। फिर इसमें भीगे हुए ड्राई फ्रूट्स डाल दें। इसमें सेंधा नमक और काली मिर्च पाउडर भी मिक्स करें। अब आप इस फ्रूट्स और ड्राई फ्रूट्स चाट को शिवरात्रि के मौके पर खा सकते हैं।2. साबुदाने के खीरआप चाहें तो महाशिवरात्रि के मौके पर साबुदाने की खीर भी खा सकते हैं। साबुदाने की खीर महाशिवरात्रि के व्रत के लिए एक काफी बेहतरीन फलाहार होता है। साबुदाने की खीर स्वादिष्ट और पौष्टिक होती है। अगर आप व्रत में साबुदाने की खीर खाएंगे, तो इससे आप पूरे दिन एनर्जेटिक रहेंगे। साथ ही आपको थकान, कमजोरी भी महसूस नहीं होगी और ज्यादा भूख का अहसास नहीं होगा। साबुदाने की खीर खाने से आपको कई विटामिन्स और मिनरल्स भी मिलेंगे।3. फ्रूट रायतामहाशिवरात्रि के व्रत के दिन फ्रूट रायता खाना भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है। फ्रूट रायता भी एक अच्छा फलाहार होता है। फ्रूट रायता खाने से आपकी भूख मिटेगी, साथ ही आप में पूरे दिन एनर्जी भी रहेगी। इसके लिए आप एक बाउल में दही लें। इसमें अपने पसंदीदा फल और ड्राई फ्रूट्स डालें। अब आप इस तैयार रायते को महाशिवरात्रि के मौके पर खा सकते हैं। लेकिन रायते में नमक डालने से बचना चाहिए।4. ड्राई फ्रूट्स शेकमहाशिवरात्रि के मौके पर आप ड्राई फ्रूट्स से बने शेक का भी सेवन कर सकते हैं। ड्राई फ्रूट शेक भी एक अच्छा फलाहार विकल्प है। आप ड्राई फ्रूट शेक को आसानी से घर पर ही बना सकते हैं। इसके लिए आप एक गिलास दूध लें। इसमें काजू, बादाम, अखरोट, किशमिश डालें। फिर अच्छी तरह से ग्राइंड कर लें। आप चाहें तो इसमें केला, स्ट्रॉबेरी आदि भी डाल सकते हैं। महाशिवरात्रि के व्रत में ड्राई फ्रूट शेक पीने से आपको पर्याप्ता एनर्जी मिलेगी, साथ ही आपको लंबे समय तक भूख भी नहीं लगेगी।5. रोस्टेड मखानामखाना भी महाशिवरात्रि व्रत के लिए फलाहार का अच्छा विकल्प है। आप महाशिवरात्रि के व्रत में स्नैक्स के रूप में मखाना शामिल कर सकते हैं। मखाने में प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम और आयरन का अच्छा सोर्स होता है। इसके लिए आप मखाने को घी में रोस्ट कर लें। फिर व्रत के दौरान इनका सेवन करें। इससे आपको सभी विटामिन्स और मिनरल्स मिलेंगे, साथ ही आपको एनर्जी भी मिलेगी।महाशिवरात्रि व्रत में मखाना और कुट्टू का आटा भी खाया जा सकता है। जहां स्नैक में मखाना खाने से प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, आयरन मिलता है। वहीं, रात में कुट्टू की पूरी खाने से पोटैशियम, कैल्शियम, प्रोटीन, फैट, कार्ब्स, फाइबर मिलता है।
- पाचन क्रिया बेहतर :-अजवाइन में थायमॉल (thymol) मौजूद होता है। दुनिया में सबसे अधिक थायमॉल वाला पौधा अजवाइन का ही होता है। ये केमिकल गेस्ट्रिक द्रव्यों को बाहर निकालने में पेट की मदद करता है, जिससे की पाचन क्रिया आसान हो जाती है। अपच, मतली और शिशुओं के पेट दर्द जैसी समस्याओं में इससे मदद मिलती है।वजन घटाने में मददगार :-अजवाइन न सिर्फ आपकी पाचन क्रिया को बेहतर करता है बल्कि आपके मेटाबॉलिज़्म को भी तेज़ी देता है, जिससे कि आपको वजन घटाने में मदद मिलती है।सिरदर्द और कंजेस्शन से छुटकारा :-अजवाइन का पानी उबालने पर या उसका पानी पीते हुए जो उससे भाप मिलती है उससे सिरदर्द और नाक के कंजेस्शन (congestion) में काफी राहत मिलती है।ऐसा इसलिए होता है क्योंकि अजवायन में बहुत सारे वाष्पशील पदार्थ होते हैं जो कि उबाले जाने पर भाप बनकर उड़ते हैं।जब आप इस भाप को अंदर लेते हैं तो आपको सिरदर्द और जुकाम से भी राहत मिलती है।मतली से राहत :-अजवाइन के पानी से मतली भी ठीक की जा सकती है। कई मामलों में, इसको पीने से लगातार आ रहीं उल्टियां भी रूक जाती हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि अजवायन में बहुत अधिक प्रभावी एंटीबैक्टीरियल तत्व होते हैं जो कि पेट से बैक्टीरिया इंफेक्शन को दूर करते हैं।दांद दर्द करता है दूर :-अजवाइन दांद दर्द को दूर करने और मुंह को स्वस्थ बनाए रखने में बहुत मददगार होती है। आयुर्वेदिक डॉक्टर ये सलाह देते हैं कि दांत दर्द होने पर अजवाइन के पानी से कुल्ला करें। अजवाइन में मौजूद थायमोल (thymol) दर्द से राहत दिलाता है और मुंह के स्वास्थ्य का ख्याल रखता है।दूसरी ओर अजवाइन का पानी पीने से शरीर का मेटाबॉलिज्म बढ़ता है जिसकी वजह से कार्ब तथा फैट बर्न होने की प्रक्रिया शुरु हो जाती है। तो अगर आप भी अपने बढ़ते हुए वजन से परेशान है तो, कुछ दिनों तक इस नुस्खे को आजमाइये और असर देखिये। आइये जानते हैं अजवाइन का पानी बनाने की विधि और रिजल्ट पाने के लिये किन-किन चीज़ों से परहेज रखना है।ऐसे बनाएं अजवाइनका पानी :-1. कैसे तैयार करें अजवाइन का पानी2. 50 ग्राम अजवाइन लें (आप चाहें तो 25 ग्राम भी ले सकते हैं पर 50 ग्राम ज्यादा प्रभाव शाली है)3. अजवाइन को 1 गिलास पानी में रातभर के लिये भिगो कर छोड़ दें और फिर सुबह पानी को छान लें।4. उसके बाद पानी में 1 चम्मच शहद मिक्स करें और सुबह खाली पेट पी लें।5. यदि आप चाहें तो उसी अजवाइन को धूप मे सुखा कर फिर से दूसरे दिन भी प्रयोग कर सकते हैं। लेकिन तीसरे दिन आपको इर्न अजवाइन का प्रयोग करना होगा।6. अजवाइन के पानी को 45 दिन लगातार पियें, आपको फायदा जरुर मिलेगा। वैसे तो आपको इसका असर मात्र 15 दिनों में ही दिखने लगेगा पर अगर प्रभावी परिणाम चाहिये तो, 45 दिन लगेंगे। वजन कम होना आपके शरीर के प्रकार पर भी निर्भर करेगा। इस पानी को पीने से आपका 5 किलो वजन कम होगा पर अगर आप किसी बीमारी से पीड़ित नहीं होंगे तो।
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अमरूद की पत्तियों का इस्तेमाल पुराने समय से लेकर आज आयुर्वेदा कई तरह की औषधियों को बनाने में किया जाता है। यूँ कहें तो अमरूद के फल से ज्यादा इसकी पत्तियों से फायदा होता है। इसकी पत्तियों का रस सेहत के लिए रामबाण दवा है। आइये जानते हैं इस चमत्कारी फल के गुण और फायदे।
1. पाचन तंत्र को मजबूत करे :-
पाचन तंत्र को मजबूत करने के लिए अमरुद की पत्तियां बहुत ही फायदेमंद होते हैं। ये पाचन एंजाइम के उत्पादन को बढाकर भोजन को पचने में मदद करते हैं। इसमें पाए जाने वाला शक्तिशाली एंटी-बैक्टीरियल एजेंट प्रभावी ढंग से पेट के अस्तर से हानिकारक बैक्टीरिया को नष्ट करने और बैक्टीरिया से विषाक्त एन्जाइम्स के प्रसार को रोकने में मदद करते हैं। अमरुद की पत्तियां उलटी, फ़ूड प्वाइजनिंग से राहत प्रदान करते हैं।2. पेचिश & डायरिया की समस्या दूर करे :-अमरुद की पत्तियां पेचिश और डायरिया जैसी समस्याओं को दूर करने का अच्छा घरलू उपचार है। इस समस्या से निजात पाने के लिए 40 ग्राम अमरुद की पत्तियों में एक मुठी चावल के आटे को 2 गिलास पानी में मिलकर उबाल लें। डायरिया के इलाज के लिए इस मिश्रण को दिन में दो बार पीयें। पेचिश के इलाज के लिए, अमरूद की पत्तियों और जड़ों को लेकर 90 डिग्री सेल्सियस पर 20 मिनट के लिए उबालें। इस पानी को छानकर दिन में दो बार पेचिश से राहत पाने तक लें।3. वजन को नियंत्रित करे :-जो लोग अपने बढ़ते वजन से परेशान हैं उनके लिए अमरुद की पत्तियां बहुत ही असरदार होते हैं। ये जटिल स्टार्च को शुगर में बदलने की प्रक्रिया को रोकते हैं। अमरुद के पत्ते कार्बोहाइड्रेट की गति को रोकते हैं जो उपलब्ध यौगिक के रूप में लीवर में टूटता है और वजन घटाने का समर्थन करता है।4. दोमुंहे बालों के लिए :-बहुत सी महिलओं के बाल दोमुखे हो जाते हैं जिससे बाल आगे नहीं बढ़ते हैं। इस समस्या से निजात पाने के लिए अमरूद की पत्तियों का इस्तेमाल करना आपके लिए फायदेमंद रहेगा। अमरूद की पत्तियों के पानी से बाल धोना फायदेमंद रहेगा। आप चाहें तो अमरूद की पत्तियों का पेस्ट बनाकर दोमुंहे बालों पर लगा भी सकती हैं। ज्यादा फायदे के लिए इस पेस्ट में एक चम्मच शहद मिला लें।5. बालों की रुसी दूर करे :-दोमुखे बालों के अलावा यह बालों की रुसी को दूर करने में भी बहुत फायदेमंद होता है। इसके लिए आपको अमरुद की पत्तियों को सुखाकर powder बनाना है, फिर इस powder में थोड़ी सी पानी मिलकर स्कैल्प पर लगाने से रूसी की समस्या दूर होती है। इस paste को 15 मिनट तक स्कैल्प पर लगा रहने दें, फ़िर गुनगुने पानी से साफ कर लें।6. एलर्जी दूर करे :-शरीर में पाचन तंत्र का सही तरह से काम नहीं करना या शरीर में वायरस के कारण खुजली या पित्त होने लगते हैं। ऐसे में अमरुद की पत्तियों रस को आप पी सकते हैं या उसके रस को एलेर्जी वाली जगह पर लगा सकते हैं। इससे वायरस का प्रभाव ख़त्म हो जायेगा साथ ही खुजलाहट भी दूर हो जाएगी।7. मुहांसे की समस्या दूर करे :-खूबसूरत चेहरे पर अगर मुहांसे हो जाएँ तो खूबसूरती फीकी हो जाती है। अगर आपके चेहरे पर कील-मुहांसे हो गए हैं तो आपको अमरुद की तजि पत्तों को पीसकर इसके रस को अपने दाग-धब्बों पर लगाएं। नियमित रूप से ऐसा करने पर कुछ ही समय में मुहांसों की समस्या दूर होने लगेगी।8. मधुमेह से पीड़ित रोगियों के लिए लाभकारी :-शोध से पता चला है की अमरुद की पत्ती से बानी चाय में एल्फा-ग्लोकोसाइडिस एंजाइम की गतिविधि को कम कर मधुमेह रोगियों में प्रभावी रूप से रक्त शर्करा को कम करता है। इसके अलावा यह सुक्रोज और माल्टोज को सूखने से शरीर को रोकती है जिससे शुगर का स्तर नियंत्रित रहता है। - पोहा एक लोकप्रिय व्यंजन है, जो आमतौर पर नाश्ते में खाया जाता है। देश के विभिन्न कोनों में कई तरह से पोहा से रेसिपी बनाई जाती हैं। कुछ लोगों को प्याज और चटनी के साथ पोहा पसंद आता है, तो कुछ चटपटी नमकीन के साथ पोहा खाना पसंद करते हैं। लेकिन क्या आपने कभी दही-पोहा खाया है? दही-पोहा खाने में न सिर्फ स्वादिष्ट होता है, बल्कि सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। आज इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं दही-पोहा की रेसिपी1. खून की कमी को करता है पूरादही-पोहा आयरन का अच्छा सोर्स होता है। इसमें विटामिन बी, सी, प्रोटीन और आयरन पाया जाता है। डाइटिशियन का कहना है कि 30 से 50 ग्राम दही-पोहे का सेवन करने से शरीर में खून की कमी को पूरा किया जा सकता है।2. गट हेल्थ के लिए है अच्छादही-पोहा उन लोगों के लिए भी बेस्ट ब्रेकफास्ट है उन्हें खाना खाने के बाद पेट में दर्द, कब्ज और एसिडिटी की समस्या होती है। दही-पोहे में पर्याप्त मात्रा में फाइबर पाया जाता है, जो गट हेल्थ को बेहतर बनाने में मदद करता है। डाइटिशियन का कहना है कि इस रेसिपी को बनाने के लिए दही का इस्तेमाल होता है। दही में पर्याप्त मात्रा में प्रोबायोटिक्स पाए जाते हैं जो पाचन क्रिया को सही करने में मदद करते हैं। इससे मल मुलायम (Soft Stool) होगा और मलत्याग करने में आसानी होगी।3. मांसपेशियों को बनाता है मजबूतदही-पोहा खाने से मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूत बनाने में भी मदद मिलती है। दही पोहे में कैल्शियम, विटामिन, जिंक और मिनरल जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं। ये पोषक तत्व हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि जिन बच्चों की हड्डियां कमजोर हैं उन्हें सप्ताह में 2 बार जरूर दही-पोहा खिलाना चाहिए।4. वेट लॉस में मददगारजो लोग वजन और मोटापा घटाना चाहते हैं दही और पोहा उनके लिए बहुत फायदेमंद होता है। दही-पोहा खाने से मेटाबॉलिज्म दुरुस्त होता है। साथ ही इसमें फाइबर पाया जाता है। फाइबर युक्त खाना खाने से पेट को लंबे समय तक भरा हुआ महसूस होता है, जिसकी वजह से आप ओवरइटिंग से बच जाते हैं और वजन घटाने में मदद मिलती है।दही पोहा की रेसिपीभाग्य आयुर्वेदा की डाइटिशियन पूजा सिंह की मानें तो दही पोहा बनाना बहुत ही आसान है। यह रेसिपी उन लोगों के लिए बेस्ट है जो कम समय में हेल्दी और टेस्टी नाश्ता करने की चाह रखते हैं। आइए जानते हैं दही-पोहा की रेसिपी।सामग्री की लिस्टपोहा- 1 बड़ा कपसब्जियां- प्याज, टमाटर, मटर, सोयाबीन, ब्रोकली और जो आप चाहेंदही -1 कपकरी पत्ता- 2 से 4 पीसमूंगफली- 20 ग्रामहरी मिर्च- स्वादानुसारनमक- स्वादानुसारतेल - 2 चम्मच भुना हुआजीरा- 1 छोटी चम्मचनींबू- स्वादानुसारबनाने की विधि- एक कप पोहा रात भर पानी में भिगो दें। अगर आपको ज्यादा हैवी पोहा नहीं चाहिए तो आप नाश्ते बनाने से 2 घंटे पहले भी पोहे को पानी में भिगो सकते हैं।- इसके बाद अपनी मनपसंद सब्जियों को बारिक काट लें। सब्जियों को काटने के बाद फ्राई पैन में थोड़ा सा तेल डालकर सब्जियां पका लें।- सब्जियां पकाने के बाद उसी फ्राई पैन में मूंगफली डालकर भून लें। आपको क्रीचपी होने तक मूंगफली को पकाना है। इसके बाद एक बड़ा बाउल लें और इसमें भीगे हुए पोहा डालें। भीगे हुए पोहे पर फ्राईड सब्जियां और मूंगफली डालें।- जब सभी चीजें मिक्स हो जाए तो इसमें 1 कप पूरा दही डालें और अच्छे से मिक्स कर लें। इसके बाद एक तड़का पैन में तेल को गर्म कर लें और इसमें राई व करी पत्ता डालकर तड़का तैयार करें और इसे दही-पोहा पर डालकर सर्व करें। आप रोजाना नाश्ते में इस नाश्ते को झटपट बना सकते हैं।नोटः जिन लोगों को दही और पोहे से एलर्जी है वो इस रेसिपी का सेवन डाइटिशियन और एक्सपर्ट की सलाह पर ही करें।
- स्किन को ग्लोइंग और हेल्दी रखने के लिए खीरा बेहद फायदेमंद है। यह स्किन को हाइड्रेट और सॉफ्ट रखने के लिए भी फायदेमंद है। खीरे में एंटीऑक्सीडेंट और हाइड्रेटिंग गुण होते हैं, जो स्किन को हेल्दी रखने में मदद करते हैं। अगर खीरे में कुछ चीजें मिलाकर लगाई जाए, तो इससे त्वचा में निखार आता है। आइये इस लेख के माध्यम से जानें निखार पाने के लिए खीरे के रस में क्या मिलाएं।खीरे का रस और एलोवेराखीरे के रस में एलोवेरा जेल मिलाने से आपकी स्किन हाइड्रेट रहती है। एलोवेरा और खीरा दोनों में ही हाइड्रेटिंग गुण होते हैं। ये स्किन को सॉफ्ट और स्मूद रखने में मदद करते हैं। इस मिक्सचर के लिए दो चम्मच एलोवेरा जेल में दो चम्मच खीरे का रस मिलाएं। कॉटन की मदद से इसे चेहरे पर लगाएं और 15 मिनट तक लगाकर रखें। सूखने के बाद सादे पानी से चेहरा धो लें।खीरे का रस और दूधखीरे और दूध के मिश्रण से चेहरे से डार्क स्पॉट्स कम होंगे। इससे स्किन सॉफ्ट और ग्लोइंग भी बनी रहेगी। दो चम्मच कच्चे दूध में दो चम्मच खीरे का रस मिलाएं। इसे कॉटन की मदद से चेहरे पर लगाएं। साथ ही, कुछ देर चेहरे पर मसाज करें। इसे 10 मिनट तक लगाए और सूखने के बाद सादे पानी से चेहरा धो लें।खीरे का रस और दहीखीरा और दही एक बेहतरीन कॉम्बिनेशन है। इससे टैनिंग, डल स्किन और डार्क स्पॉट्स से भी राहत मिलती है। साथ ही आपकी स्किन ग्लोइंग भी रहती है। इस मास्क के लिए 2 चम्मच खीरे के रस में 1 चम्मच दही मिक्स करें। इसे अच्छे से मिलाएं और 15 मिनट तक चेहरे पर लगाए रखें।खीरे का रस और आलूअगर आपकोडार्क सर्कल्स या डार्क स्पॉट्स की समस्या है, तो यह कॉम्बिनेशन काफी असरदार हो सकता है। आलू के रस से डार्क स्पॉट्स कम होते हैं। साथ ही, स्किन ग्लोइंग और सॉफ्ट भी बनी रहती है। बाउल में 2 चम्मच खीरे का रस और 2 चम्मच आलू का रस मिलाएं। इस मिक्सचर को चेहरे पर लगाएं। सूखने के बाद सादे पानी से चेहरा साफ कर लें।खीरे का रस और मुल्तानी मिट्टीअगर आप मुल्तानी मिट्टी और खीरे का फेस मास्क लगाते हैं, तो इससे आपको प्राकृतिक निखार मिलता है। मुल्तानी मिट्टी से त्वचा के डार्क स्पॉट्स भी कम होते हैं और चेहरे पर ग्लो आता है। बाउल में 2 चम्मच मुल्तानी मिट्टी लीजिए। इसमें 2 चम्मच खीरे का रस मिलाएं। पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाएं और सूखने के बाद सादे पानी से चेहरा धोएं।
- - खरबूजे को छिलका समेत खाने से कब्ज दूर होती है।- खीरे के छिलके से भी कीट और झींगुर भागते हैं।-पपीते के छिलके सौंदर्यवर्धक माने जाते हैं। त्वचा पर लगाने से खुश्की दूर होती है। एडिय़ों पर लगाने से वे मुलायम होती हैं।-चोट लगने पर केले के छिलके को रगडऩे से रक्तस्राव रुक जाता है।-कच्चे केले के छिलकों से चटपटी सब्जी बनती है।- टमाटर और चुकंदर के छिलकों को चेहरे पर लगाने से चेहरे की चमक बढ़ती है और होठों की लालिमा बढ़ती है।-करेला जितना गुणकारी होता है उसके छिलके भी उतने फायदेमंद होते हैं। अलमारी में रखने से कीट भागते हैं।- तोरी और घीया के छिलके की सब्जी भी पेट रोगों में फायदा पहुँचाती है।- अनार का छिलका-जिन महिलाओं को अधिक मासिक स्राव होता है वे अनार के सूखे छिलके को पीसकर एक चम्मच पानी के साथ लें। इससे रक्त स्राव कम होगा और राहत मिलेगी।बवासीर की शिकायतजिन्हें बवासीर की शिकायत है वे अनार के छिलके का 4 भाग रसौत और 8 भाग गुड़ को कुटकर छान लें और बारीक-बारीक गोलियां बनाकर कुछ दिन तक सेवन करें। बवासीर से जल्दी आराम मिलेगा।खांसी का वेगअनार के छिलके को मुंह में रखकर चूसने से खांसी का वेग शांत होता है।बाल मुलायम करने मेंअनार को बारीक पीसकर उसमें दही मिलाकर गाढ़ा पेस्ट बनाकर सिर पर मलें। इससे बाल मुलायम होते हैं।काजू का छिलकाकाजू के छिलके से तेल निकालकर पैर के तलवे और फटे हुए स्थान पर लगाने से आराम मिलता है।बादाम का छिलकाबादाम के छिलके व बबुल की फल्लियों के छिलके व बीज को जलाकर पीसकर थोड़ा नमक डालकर मंजन करें। इससे दांतों के कष्ट दूर होते हैं, मसूढ़ें स्वस्थ एवं दांत मजबूत बनता है।नारियल का छिलकानारियल का छिलका जलाकर महीन पीसकर दांतों पर घिसने से दांतें साफ होते हैं।नारंगी का छिलकादूध में नारंगी का छिलका छानकर दूध के साथ नियमित सेवन करने से खून साफ होता हैं।पपीते का छिलकापपीते के छिलके को धूप में सूखाकर, खूब बारीक पीसकर ग्लिसरीन के साथ मिलाकर लेप बनावें व चेहरे पर लगाये, मुंह की खुश्की दूर होती है।आलू का छिलकाआलू के छिलके मुंह पर रगडऩे से चेहरे पर झुर्रियां नहीं पड़ती।लौकी का छिलकालौकी के छिलके को बारीक पीसकर पानी के साथ पीने से दस्तमें लाभ होता है।तोरई का छिलकातोरई का ताजा छिलका त्वचा पर रगडऩे से त्वचा साफ होती है।इलायची का छिलकाइलायची के छिलके चाय की पत्तियां या शक्कर में डाल दें तो चाय स्वादिष्ट बनेगी।संतरे का छिलकासंतरे के छिलके को दूध में पीसकर छान लें। इसे कच्चे दूध व हल्दी में मिलाकर चेहरे पर लगाये। इससे जहां चेहरे के दुश्मन मुहांसों-धब्बों का नाश होता है, वहीं त्वचा जमक उठता है।तरबूज का छिलकादाद, एकजीमा की शिकायत होने पर तरबूज के छिलकों को सूखाकर, जलाकर राख बना लें। तत्पश्चात् उस राख को कड़ुवे तेल में मिलाकर लगाये।नींबू का छिलका-नींबू का छिलका दांत पर मलने से दांत चमकदार बनता है और मसूढ़ें भी मजबूत बनता है।- नींबू का छिलका जूते पर रगड़े व कुछ देर के लिए धूप में रख दें। फिर जूतों पर मालिश करें। जूतों में चमक आ जायेगी।-नींबू व संतरा के छिलकों को सूखाकर, खूब महीन चूर्ण बनाकर दांत पर घिसें। दांत चमकदार बनते हैं।
- भारत में अधिकतर लोग अपनी डेली डाइट में आलू का सेवन करते हैं। बाजार में आपको पहाड़ी आलू से लेकर नए आलू तक इसकी कई वैरायटी मिल जाएगी। इनमें आपको लाल आलू की वैरायटी भी देखने को मिल जाएगी। लाल आलू देश में उत्तर प्रदेश और बिहार के कई भागों में पाया जाता है। पोषक तत्वों की बात करें, तो इसमें सफेद आलू से भी ज्यादा पोषक तत्व पाए जाते हैं। विटामिन्स और मिनरल्स होने के साथ इसमें पोटेशियम और विटामिन-सी भी अधिक होता है। लाल आलू के सेवन से आपको कई स्वास्थ्य समस्याओं में भी फायदा मिल सकता है। आइए इस लेख के माध्यम से जानें लाल आलू सेहत के लिए क्यों फायदेमंद है।लाल आलू का सेवन करने के फायदेइम्यूनिटी बूस्ट करेइम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए भी लाल आलू अच्छा ऑप्शन है। इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन-सी पाया जाता है, जो इम्यूनिटी बनाए रखने के लिए जरूरी है। साथ ही, इसमें जिंक और कॉपर जैसे पोषक तत्व भी पाए जाते हैं जो बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं।वेट लॉस में मदद करेंलाल आलू के सेवन से आपको वजन घटाने में भी मदद मिल सकती है। इसमें फाइबर अधिक मात्रा में पाया जाता है, जो वेट और फैट्स घटाने में मदद करता है। लाल आलू में फाइबर होने से आपको काफी देर तक भूख नहीं लगती है। इसलिए आप अपने अगले मील में कम कैलोरी इनटेक करते हैं।पाचन तंत्र स्वस्थ रखेलाल आलू में कार्बोहाइड्रेट और फाइबर जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। जो पाचन क्रिया को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है। साथ ही, इसमें विटामिन-सी और विटामिन-बी6 भी अधिक मात्रा में पाए जाते हैं जिससे पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है।शरीर में एनर्जी बनाए रखेअगर आपको अक्सर एनर्जी की कमी महसूस होती है, तो लाल आलू का सेवन कर सकते हैं। इसमें कार्बोहाइड्रेट अधिक मात्रा में पाया जाता है, जो एनर्जी बनाए रखने के लिए जरूरी है।हार्ट हेल्थ के लिए फायदेमंदलाल आलू का सेवन करना हार्ट हेल्थ के लिए भी फायदेमंद माना जाता है। इसमें पोटेशियम भी अधिक मात्रा में पाया जाता है। पोटेशियम ब्लड प्रेशर मेंटेन रखने के लिए फायदेमंद है। इससे हार्ट स्ट्रॉक और हार्ट डिजीज का खतरा कम होता है।स्ट्रेस कम करने में मदद करेअगर आपको अक्सर स्ट्रेस या एंग्जायटी रहती हैं, तो लाल आलू आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। इसमें पोटेशियम के साथ विटामिन-बी6 भी पाया गया है। ये तत्व नर्वस सिस्टम को रिलैक्स रखने के लिए जरूरी माना जाता है।
- क्या आपको पता हैं की सिर्फ फल ही नहीं उनके बीज से भी होते हैं कमाल के फायदे.✦ आम :- आम के बीज इसकी गुठली के अंदर पाए जाने वाले बीज से पेट सबंधी बीमारिया दूर होती हैं. इसके अलावा यह दस्त,बवासीर और मासिक धर्म के दौरान अधिक खून को गिरने से रोकता हैं. प्रयोग :- बीजो को सूखा कर इसका पाउडर बना ले. इसे 1 से डेढ़ चम्मच सुबह-शाम पानी के साथ ले.लेकिन जिन्हें क़ब्ज़ की शिकायत हो वे परहेज़ करे.✦ इमली :- इसके बीज शक्तिवर्धक होते हैं जो श्वेतप्रदर (वाइट डिसचार्ज)और माहवारी में अधिक खून बहने की समस्या में इमली के बीज लाभकारी हैं.प्रयोग ;- बीज को पीसकर उसका पाउडर बना ले. 3 से 5 ग्राम चूरन पानी के साथ सुबह-शाम ले क़ब्ज़ होने पर इसका इस्तेमाल ना करे.✦ कटहल :- इसके बीज पौष्टिक और वजन बढ़ाने में सहायक होते हैं. प्रयोग :– 5-6 बीजो को रात में पानी में भिगो कर सुबह खाली पेट चबा कर खाए. इसे आप दूध के साथ भी ले सकते हैं. जिन्हे भूख कम लगती हैं या अपच की शिकायत हैं वह इनका प्रयोग ना करे क्योंकि यह भारी होते हैं.✦ तरबूज़ :- इसके बीज ठंडे और पौष्टिक होते हैं.कमजोर लोग और गर्भवती महिलाए जिनका वजन कम हो उनके लिए यह लाभकारी होते हैं. प्रयोग :- इन बीजो को छिल कर 2-2 चम्मच पानी या दूध के साथ ले. इन्हे बिना पानी या दूध के भी खाया जा सकता हैं. क़ब्ज़ होने पर इसका सेवन ना करे.✦ खरबूजा :- जिन लोगो को पेशाब कम आने या जलन की शिकायतहैं उनके लिए खरबूजा के बीज काफ़ी फायदेमंद होते हैं. यह बीज किडनी के रोगियो को लाभ पहुचाते हैं. प्रयोग :- इन्हे छिल कर 2 चम्मच पानी या दूध के साथ ऐसे भी खा सकते हैं.इसका इस्तेमाल मिठाइयों या नमकीन में मेवे के रूप में होता हैं. जिन्हे बार-बार पेशाब आने की समस्या हो वे इसका सेवन ना करे.
- ज्यादा बैली फैट होना मोटापे की निशानी है, लंबे समय तक मोटापा रहने से कई तरह की बीमारियां जैसे डायबिटीज, हार्ट अटैक, हाइपरटेंशन और ऑस्टियोआर्थराइटिस की समस्या हो सकती हैं। एक्सरसाइज करने से वजन, तो तेजी से कम हो जाता है लेकिन बैली फैट वहीं का वहीं ही रहता हैं। बैली फैट घटाने के लिए एक्सरसाइज के साथ हेल्दी डाइट का सेवन करना जरूरी होता है। कमर के आसपास जमा चर्बी आसानी से कम होना का नाम नहीं लेती है। ऐसे में डाइट में कुछ ऐसे फूड्स को शामिल करें, जो बैली फैट को कम कर सकें। इन फूड्स को खाली पेट भिगोकर खाने से इनकी पौष्टिकता कई गुना बढ़ जाती हैं और वजन घटाने के साथ बैली फैट भी कम होता हैं।चिया सीड्सवजन को तेजी से घटाने और बैली फैट को कम करने के लिए चिया सीड्स का सेवन किया जा सकता हैं। चिया बीजों को पानी में भिगोकर खाने से ये जैल जैसे हो जाते हैं। ऐसे में ये आसानी से पच जाते हैं और पेट को लंबे समय तक भरकर भी रखते हैं, जिससे वजन और बैली फैट को कम करने में मदद मिलती हैं। चिया सीड्स में फाइबर, सोडियम, कैल्शियम, प्रोटीन और विटामिन सी पाया जाता है।अलसी के बीजअलसी के बीज को रात भर भिगोने के बाद खाली पेट खाने से पाचन शक्ति बढ़ती है और इसमें मौजूद पोषक तत्व की गुणवत्ता में भी इजाफा होता है। अलसी के बीज में मौजूद फाइबर पेट को लंबे समय तक भरकर रखने के साथ वजन को कम करने में मदद करते हैं। इसमें मौजूद हेल्दी फैट शरीर को कई बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं।बादामबादाम शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। इसको भिगोकर खाने से यह काफी नरम होने के साथ पचाने में भी आसान हो जाते हैं। इसमें हेल्दी फैट के साथ फाइबर, प्रोटीन, सोडिमय और पोटेशियम पाया जाता हैं, जो पेट को लंबे समय तक भरकर रखने के साथ बैली फैट को कम करते हैं।ओट्सओट्स को रात भर भिगोने से उनकी फाइटिक एसिड की मात्रा कम होती है, जिससे पोषक तत्वों के अवशोषण में मदद मिलती हैं। ओट्स में फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो पेट को लंबे समय तक भरकर रखने के साथ इसमें मौजूद कार्बोहाइड्रेट शरीर को एनर्जी भी देते हैं। ऐसे में बैली फैट को कम करने के लिए इसे डाइट में शामिल किया जा सकता हैं।दाल और फलियांशरीर को स्वस्थ रखने के लिए डाइट में कई तरह की दालें और फलियों को अवश्य शामिल करें जैसे चना दाल, राजमा, छोले, मसूर दाल और सोयाबिन आदि। इनके सेवन से शरीर को एनर्जी मिलने के साथ इनमें पौष्टिकता काफी ज्यादा होती है, जो शरीर को कई बीमारियों से बचाती हैं। इनमें कैलोरी की मात्रा काफी कम होती है। ऐसे में इनके सेवन से बैली फैट भी कम होता हैं।बैली फैट कम करने के लिए भिगोकर खाली पेट ये फूड्स खाएं जा सकते है। हालांकि, अगर आपको कोई बीमारी या एलर्जी की समस्या है, तो डॉक्टर से पूछकर ही इसका सेवन करें।
- नींद न आने की समस्या आजकल सामान्य से बात हो गई है,। पहले तो ये समस्या सिर्फ वृद्ध अवस्था में ही पाई जाती थी लेकिन आजकल युवा वर्ग में भी नींद न आने की समस्या बहुत अधिक हो गईं है। जिससे निजात पाने के लिए लोगों द्वारा नींद की दवाओं का सेवन किया जाता है। जिनका लम्बे समय तक उपयोग आपको उनका आदी बना देता हैं और शरीर पर उनके काफी ज्यादा दुष्प्रभाव भी होते हैं।आज हम कुछ ऐसे हर्बल और प्राकर्तिक औषधियों के बारे में चर्चा करेंगे जो बिना किसी बड़े दुष्प्रभाव के नींद लेन और चिंता और अवसाद को कम, करने में काफी उपयोगी होती है-नोनी-नोनी के फ़ल का रस मस्तिस्क में GABA(Gamma Amino Butyric Acid) की मात्रा को बढ़ता हैं । GABA की उपलब्धता नींद लाने में काफी उपयोगी होती हैं । नोनी में पाया जाने वाला Scopoletin नामक रसायन सेरोटोनिन हार्मोन की मात्रा को नियंत्रित करता है सेरोटोनिन चिंता और अवसाद को दूर करने में सहयक हैं.। नोनी MAOA और MAOB नामक दोनों एंजाइम को बाधित करता है जिससे मस्तिष्क में जरुरी Amines टूटने से बच जाते हैं ये Amines अवसाद से बचाते है। नोनी Tryptophan अमीनों अम्ल का सत्रोत हैं जो सेरोटोनिन हार्मोन बनाने में उपयोगी हैं । ये सेरोटोनिन नींद के लिए जरुरी हार्मोन हैं.।अश्वगंधाअश्वगंधा बिना किसी साइड इफ़ेक्ट के चिंता और अवसाद को दूर कर सकता है । इसकी खास बात ये है की इसके सेवन से सुस्ती भी नहीं आती हैं। अश्वगंधा Mood Boosting Neurotransmitter सेरोटोनिन की मात्रा को बढ़ता हैं और तनाव के हर्मोने कोर्टिसोल की मात्रा को कम करता हैं.।तुलसीतुलसी तनाव के हार्मोन कोर्टिसोल की मात्रा को कम करती हैं। तुलसी मस्तिष्क सम्बंधित कई विकार जैसे अवसाद, याददाश्त कम होना, migrane, नींद न आना में भी काफी उपयोगी हैं।
- गांव में अरंडी के पौधे आज भी हर कहीं उगे हुए देखे जा सकते है... गांव के लोग अरंडी को बहुत अच्छे से जानते है, जब भी कभी मोच आ जाती हैं अरंडी के पत्ते सबसे पहले याद आते है... वैसे अब स्थिति बदली हैं, जरा सा कुछ होने पर भी डॉक्टर,मेडिकल पर टूट पड़ते है...हमनें अपनी स्थिति भले ही बदल ली हैं लेकिन पौधे ने अपना गुण धर्म नही खोया है...आज शहरी जगत में हर कहीं Castor-oil की चर्चा आपको सुनने को मिल जाएगी,उसके गुणों का बखान भी मिला जाएगा,,पर उसका सीधा इस्तेमाल कोई नही करता,और अधिकतर लोग पौधे को भी नही पहचानते.....अरंडी के तेल में पाए जाने वाले गुणों की वजह से यह स्वास्थ्य और सुंदरता दोनों में फायदा करता है।जानते है अरंडी के तेल के फायदे1. काले धब्बे साफ़ करे -अरण्डी का आयल और नारियल के तेल की कुछ बुँदे ले और इसे चेहरे के काले धब्बो पर लगाए इससे काले धब्बे मिट जाएंगे।2.गठिया रोग में -गठिया रोगी व्यक्ति की अरंडी के तेल से मालिश करने पर उसे दर्द में आराम होता हैं। यह मांसपेशियों के दर्द को कम करता है।3.कब्ज में फायदा -कब्ज के लिए कैस्टर ऑयल का उपयोग कैसे करें तो इसके लिए आधा चम्मच तेल एक कप गर्म दूध में मिलाकर पियें।4. बालों के लिए -इस तेल को बालों की सुंदरता और बालों की समस्या के लिए प्रयोग किया जाता है। बालों में अरंडी का तेल लगाने से बाल चमकदार, लम्बे, घने होते है। इससे बालों का रूखापन और डैंड्रफ भी खत्म हो जाती है।5.पेट की चर्बी कम करे -हरे अरंड की २० - ५० ग्राम जड़ ले इसे धोकर कूट ले। अब २०० मिली पानी में पका ले। ५० मिली रह जाने पर इसका सेवन करे इससे पेट कम होगा।6. पाइल्स से छुटकारा -20 से 30 मिली अरंड के पत्ते का काढ़ा बनाकर 25 मिली एलोवेरा के रस में मिलाकर सुबह शाम पीने से पाइल्स में लाभ होगा।7. किडनी की सूजन कम करने में सहायक -किडनी की सूजन को कम करने में अरंड की मींगी को पिसे। इसे गर्म करके पेट के आधे भाग में लेप करे सूजन में आराम होगा।8.आँखों में -अरंडी के तेल की कुछ बुँदे ले और आँखों के आसपास हल्की मालिश करे इससे आँखों की सूजन में आराम होगा।9. झुर्रिया मिटाये -यह मॉइश्चराइजर की तरह काम करता है जो समय से पहले आने वाले बुढ़ापे को रोकता है और झुर्रियों को खत्म करता है।10. साइटिका के दर्द को कम करे -यह साइटिका के दर्द को कम करने में मदद करता है।11. मासिक विकार में राहत -पीरियड्स में होने वाले दर्द से छुटकारा पाने के लिए अरंड के पत्ते गर्म करके पेट पर बाँधने से लाभ होता है।12.मस्से के लिए -एलोवेरा रस में अरंडी का तेल मिलाकर लगाने से मस्सों की जलन में राहत मिलती है।13.शरीर की मालिश -बॉडी मसाज के लिए इस तेल का उपयोग कर सकते है इससे बॉडी पर चमक आती है।
- शिमला मिर्च आखिर किसे पसंद नहीं होती है? भरवा शिमला मिर्च हो या आलू शिमला मिर्च, ये सब्जी किसी हर कोई बड़े चाव से खाता है। पोषक तत्वों से भरपूर ये सब्जी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होती है। इसे पास्ता से लेकर सब्जी बनाने तक कई व्यंजनों में इस्तेमाल किया जाता है। ये हरी, लाल और पीली तीन रंगों में पाई जाती हैं। रंगों के मुताबिक इनके फायदे भी अलग-अलग होते हैं। हर रंग की शिमला मिर्च के सेवन से सेहत को अलग-अलग फायदे मिलते हैं।सेहत के लिए रंग-बिरंगी शिमला मिर्च के फायदे-हरी शिमला मिर्च-हरी शिमला मिर्च में विटामिन-सी, विटामिन-के, पोटेशियम और फोलेट, फाइबर और कैरोटीनॉयड जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। ये सभी पोषक तत्व गट हेल्थ के लिए फायदेमंद होते हैं। इसमें कैलोरी की मात्रा भी कम होती है, जिससे यह वजन घटाने के लिए परफेक्ट ऑप्शन है। यह एंटीऑक्सीडेंट का भी बेहतरीन सोर्स है, जो समस्त स्वास्थ्य के लिए जरूरी है।लाल शिमला मिर्चलाल शिमला मिर्च को हरी शिमला मिर्च से भी अधिक फायदेमंद माना जाता है। इसमें हरी शिमला मिर्च के मुकाबले ज्यादा बीटा-केरोटीन, विटामिन-ए, विटामिन-सी होता है। विटामिन-सी होने के कारण यह इम्यूनिटी के लिए ज्यादा फायदेमंद मानी जाती है। इसमें ल्यूटिन और जेक्सैन्थिन कैरोटीनॉयड भी होते हैं, जो आंखों को स्वस्थ रखने में भी मदद करते हैं। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट शरीर को ऑक्सीडेटिव डैमेज से बचाने में भी मदद करते हैं।पीली शिमला मिर्चपीली शिमला मिर्च में लाल और हरी शिमला मिर्च से ज्यादा विटामिन-सी पाया जाता है। लेकिन इसमें विटामिन-ए और बीटा-केरोटीन हरी शिमला मिर्च से कम होती है। इसमें भी कैरोटीनॉयड पाए जाते हैं, जो आंखों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। इसका सेवन करना त्वचा के लिए भी फायदेमंद होता है। पीली शिमला मिर्च में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद करते हैं। इसमें फाइबर भी पाया जाता है, जो पाचन को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है।काली शिमला मिर्चकाली शिमला मिर्च देश के बहुत कम हिस्सों में पाई जाती है। इसे हाइब्रीड के जरिए भी उगाया जाता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट काफी ज्यादा पाए जाते हैं, जो ऑक्सीडेटिव डैमेज से बचाने और कैंसर से लड़ने में मदद करते हैं।नारंगी शिमला मिर्चनारंगी शिमला मिर्च भी इसी प्रजाति में शामिल है। इसमें विटामिन-सी और बीटा-केरोटीन पाया जाता है, जो आंखों को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
- युवावस्था में बदलते हार्मोंस, तनाव और खानपान में लापरवाही करने से पिम्पल्स यानी मुहांसे की समस्या आम है। अगर आप इनसे पीड़ित हैं तो सर्वप्रथम अपने खानपान में सुधार करे, तला हुआ, अधिक मिर्ची मसाले वाला, फ़ास्ट फ़ूड, जंक फ़ूड, कोल्ड ड्रिंक्स, डिब्बा बंद पेय नहीं पिए। इसके साथ में ये घरेलू उपाय करे।1. हल्दीहल्दी एंटीसेप्टिक का काम करती है। इसीलिए इसमें बैक्टीरिया से लड़ने की क्षमता पाई जाती है। एक चम्मच हल्दी पाउडर में थोड़ा सा पानी मिलाकर गाढ़ा पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को पिंपल्स पर लगाएं। कुछ मिनट के लिए लगा रहने दें। फिर ठंडे पानी से चेहरा धो लें। ऐसा एक हफ्ते तक करें। पिंपल्स खत्म हो जाएंगे।2. नींबूपिंपल्स मिटाने के लिए नींबू बहुत फायदेमंद होता है। नींबू में भरपूर मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है। दो नींबू का जूस निकाल लें। नींबू के रस को कॉटन में भिगोकर चेहरे पर लगा लें। सूख जाए तो ठंडे पानी से धो लें। दिन में दो बार इसे तीन-चार दिनों तक लगाएं। पिंपल्स दूर हो जाएंगे।3. लहसुन – लौंगलहसुन में एंटीफंगल तत्व पाए जाते हैं। इसीलिए यह पिंपल्स को बहुत जल्दी दूर कर देता है। लहसुन की दो कलियां और एक लौंग पीस लें। इस पेस्ट को सिर्फ पिंपल्स पर लगाएं। कुछ देर लगा रहने दें। फिर चेहरा धो लें। ऐसा करने से पिंपल्स खत्म हो जाएंगे।4. शहदशहद एक नेचुरल एंटीसेप्टिक है। पिंपल्स की समस्या में यह रामबाण है। कॉटन बॉल को शहद में डुबोकर चेहरे पर लगाएं। सूखने पर चेहरा धो लें। पिंपल्स खत्म हो जाएंगे।5. पपीतापपीता में बहुत अधिक मात्रा में एंटीआक्सीडेंट पाए जाते हैं। यह पिंपल्स को बहुत जल्दी खत्म करने की क्षमता रखता है। एक पपीता को छिलकर मिक्सर में पीस लें और चेहरे पर लगाएं। पपीते का जूस भी चेहरे पर लगाया जा सकता है। पंद्रह से बीस मिनट चेहरे पर लगा रहने दें। फिर ठंडे पानी से चेहरा धो लें।6. संतराझाई – मुहांसे की बात छोड़िये, चेचक तक के दाग आसानी से दूर हो सकते हैं। केवल संतरे के छिलके की मदद से, संतरे के छिलको को सुखाकर उनका महीन चूर्ण बना ले। उस चूर्ण में गुलाबजल और नींबू का रस डालकर मुंहासों पर लेप करे। ये प्रयोग जब तक संतरे का मौसम रहे, तब तक जारी रखे। मुंहासे हमेशा के लिए गायब हो जायेंगे।एक समय में एक ही उपाय करे।विशेष - इनके साथ में आप ब्लड प्यूरी फायर जिसमे नीम कुटकी और चिरायता मिला हो वो ज़रूर पिए। इस से खून में आई गंदगी दूर होगी और चेहरा और शरीर निर्मल होगा।
- गुनगुने पानी के साथ शहद और नींबू के नियमित सेवन से सेहत से जुड़ी कई समस्याओं से हमेशा के लिए निजात मिल सकता है।गुनगुने पानी में शहद के फायदे :-1. पाचन सुधारेअच्छे पाचन के लिए सुबह गर्म पानी में शहद और नींबू मिलाकर पीना चाहिए। यह पेट को साफ करने में मदद करता है। यह लीवर में रस के उत्पादन को बढ़ाता है जिससे पाचन में मदद मिलती है। नींबू में मौजूद एसिड आपके पाचन तंत्र में मदद करता है और अवांछित विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। इसके अलावा शहद एक एंटीबैक्टीरियल के रूप में कार्य करता है और आपके शरीर में मौजूद किसी भी तरह के संक्रमण को दूर करने में मदद करता है।2. कब्ज दूर करेंयह मिश्रण कब्ज के लिए तत्काल उपाय है। यह आंत को प्रोत्साहित कर मल त्यागने में मदद करता है। इसके अलावा यह आंत्र म्यूकस में बढ़ावा देता है, पेट को हाइड्रेट करता है और सूखे मल को पानी में भिगो देता है। इन सब की एक साथ मौजूदगी से मल त्यागने में मदद करता है।3. लसीका प्रणाली की सफाई में मददगारलसीका प्रणाली में पानी और आवश्यक तरल पदार्थ की कमी हो जाती है जिससे आपको सुस्त और थका हुआ महसूस होना, कब्ज, सोने में परेशानी, उच्च या निम्न रक्तचाप, तनाव और मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। सुबह-सुबह इस मिश्रण को पीने से लसीका प्रणाली को हाइड्रेट होने में मदद मिलती है जिससे न केवल सभी उपरोक्त लक्षणों बल्कि प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार होता है।4. मौखिक स्वास्थ्य में सुधारएसिडिक प्रकृति का नींबू, शहद और गुनगुने पानी के साथ सांसों की बदबू को तुरंत दूर करने में मददगार होता है। नींबू अपनी लार ग्रंथियों को सक्रिय और आक्रामक बैक्टीरिया को मार कर मुंह शुद्ध करने में मदद करता है। सांस में बदबू का कारण जीभ पर सफेद परत का गठन (मुख्य रूप से खाद्य और बैक्टीरिया से मिलकर) भी है, यह रस इस परत को प्रभावी ढंग से हटाकर सांस की बदबू से प्राकृतिक रूप से छुटकारा दिलाता है।5. मूत्रवर्धक के रूप में कार्यशहद में बहुत ही शक्तिशाली एंटी-बैक्टीरियल के गुण होते हैं। इसमें कई प्रकार के संक्रमण को दूर करने की क्षमता होती है। नींबू और पानी के साथ यह मिश्रित – एक उत्कृष्ट मूत्रल (आपके शरीर से पानी बाहर निकलवाने वाला एजेंट) के रूप में कार्य करता है। यह आपके मूत्र मार्ग को साफ करने का सबसे अच्छा तरीका है। यूटीआई (यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन) से पीड़ित महिलाओं के लिए यह रस एक वरदान की तरह है क्योंकि यह संक्रमण को दूर करने में मदद करता हे।6. एनर्जी लेवल बढ़ायेशहद और गर्म पानी से शरीर में एनर्जी में भी वृद्धि होती है। शरीर में ज्यादा एनर्जी उत्पन्न होने से शरीर का मेटाबॉलिज्म और कार्यप्रणाली में भी वृद्धि होती है। शहद शरीर के अंगों को ठीक से काम करने के लिए प्रेरित करता है। सुबह में गर्म पानी नींबू के साथ लेने से आप दिन भर ऊर्जावान बने रह सकते हैं।7. वजन घटाने में मददगारशहद और नींबू के साथ गर्म पानी लेने से भूख कम लगती है। शहद और नींबू के साथ गर्म पानी में बड़ी मात्रा में फाइबर मौजूद होता है, जो भूख की इच्छा और शूगर लेवल को कम करके पर्याप्त एनर्जी प्रदान करता है। इस तरह से नियमित रूप से सुबह इसका सेवन करने से दिन भर में आपके द्वारा लिए गए भोजन की मात्रा कम हो जाएगी। अपने दिन की शुरुआत गुनगुने पानी के साथ शहद और नींबू के साथ करने से आपका वजन काफी हद तक कम हो जाएगा।8. त्वचा के लिए लाभकारीत्वचा के लिए नींबू के लाभ अनगिनत है लेकिन इसके अलावा इसमें मौजूद क्लीजिंग तत्व रक्त को शुद्ध करने में मदद करता है, नई रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में मदद करता है। पानी और शहद का मिश्रण आपकी त्वचा के लिए एक अनूठा दृढ, जीवाणुरोधी और कोलेजन बढ़ाने वाले गुण होते है। इसलिए अगर आप स्वाभाविक रूप से चमकदार त्वचा चाहती हैं तो यह पेय आपके लिए बहुत लाभकारी साबित होगा।9. पोषक तत्वों और विटामिन से भरपूरशहद और नींबू के गर्म पानी में कई जरूरी एंटी-आक्सीडेंट, विटामिन और पोषक तत्व पाए जाते हैं, इसके अलावा इसमें एंटी इफ्लेमेंटरी गुण भी मौजूद होते है। इसलिए इसके सेवन से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है। साथ ही यह वजन कम करने में सहायक होती हैं।10. रोग प्रतिरोधी क्षमता में मजबूतीशहद का सेवन शरीर के लिए काफी फायदेमंद है इसीलिए डॉक्टर हमेशा इसके सेवन की सलाह देते हैं। शहद के साथ नींबू और गुनगुने पानी के नियमित सेवन शरीर की प्रतिरोधी क्षमता बढ़ती है। शहद और नींबू में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और कई पोषक तत्व शरीर को मौसम बदलने के साथ होने वाले संक्रमणों से दूर रखने में मदद रखता हैं।
- आपने अपनी दादी-नानी से सुना होगा कि पहले समय में लोगों के बाल ज्यादा घने हुआ करते थे। ऐसा इसलिए क्योंकि पहले लोग बालों की ज्यादा देखभाल कर पाते थे। लेकिन बिजी लाइफस्टाइल के कारण अब बालों की रोज देखभाल करना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में ज्यादातर लोग वीकेंड पर ही अपने बालों की केयर कर पाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं अगर आप कुछ खास चीजों पर ध्यान देते हैं, तो आप बालों को हेल्दी रख सकते हैं। दरअसल, हमें अपने डेली लाइफस्टाइल में कुछ चीजें बदलनी होती हैं, जिससे बालों की ग्रोथ तेजी से हो सकती है।बालों को प्राकृतिक रूप से बढ़ाने के लिए अपनाए ये टिप्स-माइक्रो फाइबर टॉवल इस्तेमाल करेंहेयर वॉश के बाद हम बालों को टाइट टॉवल से पोछने लगते हैं। लेकिन ऐसा करने से बाल ज्यादा टूटने लगने हैं। गीले बालों को तेजी से बांधने या पोछने से बालों की जड़े भी कमजोर हो सकती हैं। इसलिए बाल धोने के बाद केवल माइक्रो फाइबर वाले टॉवल इस्तेमाल करें। इससे बाल सॉफ्ट रहते हैं और ज्यादा टूटते नहीं हैं।बालों की गर्म तेल से मसाज न करेंकुछ लोग हेयर मसाज के लिए गर्म तेल इस्तेमाल करते हैं। जबकि इससे बालों की जड़े कमजोर हो सकती हैं। इससे बाल बेजान और रूखे भी नजर आ सकते हैं। इसलिए बालों की मसाज के लिए गर्म तेल इस्तेमाल न करें। इसकी जगह आप गुनगुने तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं।ज्यादा टाइट हेयर स्टाइल न बनाएं-कुछ लड़कियों को टाइट हेयर स्टाइल की आदत होती है। लेकिन लंबे समय तक टाइट हेयर स्टाइल बनाए रखने से भी जड़े कमजोर हो सकती हैं। इसके कारण बाल माथे की ओर से कम होने लगते हैं, जो देखने में भी काफी अजीब लगते हैं। इसलिए ज्यादा देर तक टाइट हेयर स्टाइल न बनाकर रखें।ब्लो ड्राई कम करेंअगर आप बाल सुखाने के लिए ड्रायर इस्तेमाल करते हैं, तो उसकी हीट कम रखें। ज्यादा हीट पर बाल ड्राई करने से आपके बाल बेजान और रूखे नजर आ सकते हैं। इसलिए सप्ताह में कम से कम ही ब्लो ड्राई करें।घर में बने हेयर मास्क इस्तेमाल करेंबालों को घना बनाने के लिए आप होममेड हेयर मास्क इस्तेमाल कर सकते हैं। घर पर बने हेयर मास्क में केवल प्राकृतिक चीजें इस्तेमाल की जाती हैं, जो बालों को मजबूत बनाए रखने में मदद करती हैं।इन टिप्स को फॉलो करने से आपको तेजी से बाल बढ़ाने में मदद मिल सकती है। लेख में दी गई जानकारी पसंद आई हो, तो इसे शेयर करना न भूलें।
- आपने अपने बड़ों से जरूर सुना होगा कि जैसा हम खाना खाते हैं, वैसा हम दिनभर महसूस करते हैं। नाश्ता हमारे दिन का पहला मील होता है, जिसका सेवन हम खाली पेट करते हैं। इसलिए दिनभर एनर्जेटिक रहने के लिए नाश्ता हेल्दी होना जरूरी है। कई घरों में सुबह के नाश्ते में परांठे या छोले-भटूरे का सेवन किया जाता है। इस तरह से नाश्ते से दिनभर सुस्ती और भारीपन जैसा महसूस हो सकता है। इसी तरह अगर आप ब्रेकफास्ट में फल खाते हैं, तो आप एक्टिव महसूस करते हैं। कई ऐसे खाद्य पदार्थ हैं, जो हमें हेल्दी लगते हैं। जबकि खाली पेट इन चीजों के सेवन से आपको पाचन से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।खाली पेट भूलकर भी इन 5 चीजों को न बनाएं डाइट का हिस्सा-च्युइंग गम-अगर आप खाली पेट च्युइंग गम खाते हैं, तो इससे आपके पाचन तंत्र पर असर पड़ सकता है। च्युइंग गम खाने से हमारे पेट को सिग्नल मिलता है कि मुंह में खाना चबाना शुरू हो गया है। ऐसे में हमारा पेट पचाने के लिए तैयार हो जाता है। लेकिन कुछ पचाने के लिए न मिलने पर पाचन तंत्र पर बुरा असर पड़ता है। इससे खाली पेट एसिडिटी या पेट दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं।चाय-कॉफीअगर आप खाली पेट चाय या कॉफी का सेवन करते हैं, तो इससे आपको एसिडिटी या कब्ज की समस्या हो सकती है। इन दोनों में कैफीन भी ज्यादा पाया जाता है, जो ब्रेन पर भी असर डालता है। जब हमारा ब्रेन किसी एसिड की वजह से एक्टिव होता है, तो इससे ब्रेन की क्षमता पर भी बुरा असर पड़ता है।कच्ची सब्जियांकुछ लोग खाली पेट कच्ची सब्जियां खाना पसंद करते हैं। लेकिन इससे पाचन तंत्र पर बुरा असर पड़ सकता है। सब्जियों में फाइबर ज्यादा होता है, इनका खाली पेट सेवन करने से अपच या कब्ज की समस्या हो सकती है।चीनी युक्त चीजें-अगर आप सुबह खाली पेट चीनी युक्त चीजों का सेवन करते हैं, तो इससे आपको दिन भर थकावट और सुस्ती महसूस हो सकती है। साथ ही चीनी के सेवन से आपकी शुगर स्पाइक हो सकती है, जिससे आपको दिनभर क्रेविंग्स हो सकती है।खट्टे फल-अगर आप खाली पेट अंगूर, संतरा या आंवला जैसे फलों का सेवन करते हैं, तो इससे आपका पाचन खराब हो सकता है। खाली पेट खट्टे फल खाने से पेट में एसिड बनने लगता है। इससे आपको पेट दर्द, एसिडिटी या खट्टी डकार आने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।पाचन स्वस्थ रखने के लिए सुबह के नाश्ते में प्रोटीन और हेल्दी फैट्स लेना शुरू करें। इससे आपको दिनभर एक्टिव रहने में मदद मिलेगी, साथ ही आपको जल्दी भूख नहीं लगेगी। इस बारे में और भी ज्यादा जानकारी के लिए आप डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं।
- काला चावल एक ऐसा अनाज, जिसे आज भी ज्यादा लोग नहीं जानते हैं। देश के उत्तर पूर्वी राज्यों में पाया जाने वाला काला चावल पोषक तत्वों का खजाना है। इसे मुख्यतौर पर मणिपुर में उगाया जाता है अब छत्तीसगढ़ में भी कुछ किसान इसकी फसल लेने लगे हैं। काले चावल के पोषक तत्वों की बात करें, तो इसमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-कैंसर एजेंट के गुण पाए जाते हैं. इसके साथ ही काला चावल प्रोटीन, आयरन और फाइबर का खजाना माना जाता है, ये सभी चीजें शरीर को बीमारियों से दूर हेल्दी रखने में मददगार होती है। तो चलिए आज जानते हैं काले चावल को खाने के 5 फायदे...प्रोटीन का अच्छा सोर्सअन्य चावलों की तुलना में काला चावल प्रोटीन का बेस्ट सोर्स माना जाता है। 100 ग्राम काले चावल में 9 ग्राम प्रोटीन होता है, जबकि ब्राउन चावल के लिए 7 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है। जो लोग वजन घटाने की चाह रखते हैं उन्हें काला चावल खाने की सलाह दी जाती है।हार्ट को रखता है हेल्दीकाले चावल में एंटीऑक्सीडेंट के गुण पाए जाते हैं, जो हार्ट को हेल्दी रखने के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। रिसर्च में यह बात सामने आई है कि काले चावल का सेवन करने से शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है और बैड कोलेस्ट्रॉल कम होता है। शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल बढऩे से हार्ट से संबंधित बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।आंखों के लिए है फायदेमंदकाले चावल में पाए जाने वाला ल्यूटिन और जेक्सैन्थिन आंखों को लंबे समय तक स्वस्थ रखने में मददगार साबित होते हैं। काले चावल में पाए जाने वाला एंथोसायनिन आंखों के अच्छा माना जाता है। नियमित तौर पर काले चावल का सेवन करने से मोतियाबिंद और डायबिटिक रेटिनोपैथी जैसे जोखिमों को भी म रखने में मदद मिलती है।कैंसर के खतरे को करता है कमकाले चावल में 23 से अधिक प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। इसमें एंथोसायनिन से भी ज्यादा शक्तिशाली एंटी कैंसर गुण होते हैं। एंथोसायनिन एक पिगमेंट है, जिसकी वजह से ये चावल काले-बैंगनी रंग का होता है। रिसर्च में यह बात सामने आई है कि एंथोसायनिन ने मानव स्तन कैंसर कोशिकाओं की संख्या को कम कर करने और उन्हें फैलने से रोकने में मददगार साबित हो सकता है।वजन कम करने में मददगारकाले चावल में भरपूर मात्रा में प्रोटीन और फाइबर पाया जाता है। ये चीजें वजन घटाने और शरीर को पतला रखने में फायदेमंद माना जाता है। जो लोग जिम, योग और एक्सरसाइज करते हैं, उन्हें भी काले चावल का सेवन करने की सलाह दी जाती है।पेट के लिए है अच्छाकाला चावल ग्लूटेन फ्री अनाज होता है, इसलिए इसे पचाने के लिए शरीर को अतिरिक्त मेहनत नहीं करनी पड़ती है। काले चावल का सेवन करने से गैस, पेट में दर्द और अपच जैसी समस्याएं नहीं होती हैं। जिन लोगों को खाना पचाने में परेशानी होती है, उन्हें भी काले चावल का सेवन करने की सलाह दी जाती है।नोट-महिलाएं अगर प्रेगनेंट हैं, पीरियड्स में किसी तरह की समस्या जूझ रही हैं, तो काले चावल का इस्तेमाल करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
- दूध, स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी होता है। दूध में कई पौष्टिक तत्व होते हैं जो बीमारियों से बचाते हैं। ये ही वजह है कि घरों में बच्चों को रोज दूध पीने की सलाह दी जाती है। दूध में कैल्शियम से लेकर प्रोटीन और विटामिन तक कई पौष्टिक तत्व होते हैं जो हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाते हैं। दूध पीने से तनाव दूर होता है और शरीर हाइड्रेड रहता है।गर्म दूध पीने के फायदे :-1. बेहतर नींदसोने से पहले गर्म दूध का सेवन करने का एक बड़ा फायदा है अच्छी नींद। दूध में अमीनो एसिड होता है जो अच्छी नींद लाने में मदद करता है। दूध गर्म होने पर ये एसिड सक्रिय हो जाते हैं।2. जुकाम का इलाजसर्दी-जुकाम को ठीक करने के लिए गर्म दूध और शहद पीना एक बेहतरीन घरेलू उपाय है। कहा जाता है कि पेय में एंटी-बैक्टीरियल प्रभाव होता है, जो आपको ऐसी बीमारियों से राहत दिलाने में मदद करता है।3. पीएमएस से राहतजिन महिलाओं को पीरियड्स के दौरान मुश्किल होती है, उनके लिए गर्म दूध और हल्दी इसका जवाब है। दूध में पोटेशियम की मौजूदगी ऐंठन को शांत करने में मदद करती है, जबकि गर्म दूध में हल्दी मिलाने से शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद मिलती है।ठंडा दूध पीने के फायदे1. त्वचा के लिए अच्छाठंडा दूध इलेक्ट्रोलाइट्स से भरा होता है जो आपके शरीर को डिहाइड्रेशन से लड़ने में मदद कर सकता है। यह आपके शरीर को हाइड्रेट रखेगा और त्वचा को चमकदार बनाए रखेगा। ठंडा दूध पीने का सबसे अच्छा समय सुबह का है।2. वजन घटाने में मदद करता हैमानो या न मानो, ठंडा दूध वास्तव में वजन कम करने में मदद करता है। ठंडे दूध में कैल्शियम की उपस्थिति आपके शरीर के चयापचय में सुधार करती है, और इस प्रकार अधिक कैलोरी बर्न करती है। एक गिलास दूध पीने से आपका पेट भी लंबे समय तक भरा रहता है और साथ ही आपको अनावश्यक स्नैकिंग से बचने में भी मदद मिलती है।3. पेट के अल्सर से राहत दिलाता हैअगर आप अक्सर पेट के अल्सर और एसिडिटी से पीड़ित रहते हैं, तो ठंडा दूध एक जादुई उपाय की तरह काम करता है। यदि आप पाचन संबंधी समस्याओं से पीड़ित हैं, तो आप एक गिलास ठंडे दूध में एक बड़ा चम्मच ईसबगोल मिला सकते हैं, क्योंकि यह एसिड रिफ्लक्स के उपाय के रूप में कार्य करता है।इस बात का ध्यान रखें कि आप सर्दियों में ठंडा दूध पीने से बचें, क्योंकि इससे सर्दी-खांसी हो सकती है।दूध पीने के नियम :-बोर्नविटा, होर्लिक्स के विज्ञापनों के चलते माताओं के मन में यह बैठ जाता है की बच्चों को ये सब डाल के दो कप दूध पिला दिया बस हो गया. चाहे बच्चे दूध पसंद करे ना करे, उलटी करे, वे किसी तरह ये पिला के ही दम लेती है. फिर भी बच्चों में केशियम की कमी, लम्बाई ना बढना, इत्यादि समस्याएँ देखने में आती हैआयुर्वेद के अनुसार दूध पीने के कुछ नियम है।1. सुबह सिर्फ काढ़े के साथ दूध लिया जा सकता है ।2. दोपहर में छाछ पीना चाहिए दही की प्रकृति गर्म होती है जबकि छाछ की ठंडी।3. रात में दूध पीना चाहिए पर बिना शकर के, हो सके तो गाय का घी १- २ चम्मच डाल के ले . दूध की अपनी प्राकृतिक मिठास होती है वो हम शक्कर डाल देने के कारण अनुभव ही नहीं कर पाते।4. एक बार बच्चें अन्य भोजन लेना शुरू कर दे जैसे रोटी, चावल, सब्जियां तब उन्हें गेंहूँ, चावल और सब्जियों में मौजूद केल्शियम प्राप्त होने लगता है अब वे केल्शियम के लिए सिर्फ दूध पर निर्भर नहीं।5. कपालभाती प्राणायाम और नस्य लेने से बेहतर केल्शियम एब्जॉर्ब होता है और केल्शियम , आयरन और विटामिन्स की कमी नहीं हो सकती साथ ही बेहतर शारीरिक और मानसिक विकास होगा।6. दूध के साथ कभी भी नमकीन या खट्टे पदार्थ ना ले .त्वचा विकार हो सकते है।7. बोर्नविटा, कॉम्प्लान या होर्लिक्स किसी भी प्राकृतिक आहार से अच्छे नहीं हो सकते. इनके लुभावने विज्ञापनों का कभी भरोसा मत करिए . बच्चों को खूब चने, दाने, सत्तू , मिक्स्ड आटे के लड़डू खिलाइए।8. प्रयत्न करे की देशी गाय का दूध ले।9. जर्सी या दोगली गाय से भैंस का दूध बेहतर है।10. दही अगर खट्टा हो गया हो तो भी दूध और दही ना मिलाये, खीर और कढ़ी एक साथ ना खाए खीर के साथ नमकीन पदार्थ ना खाए।11. चावल में दूध के साथ नमक ना डाले।12. सूप में, आटा भिगोने के लिए, दूध इस्तेमाल ना करे।13. द्विदल यानी की दालों के साथ दही का सेवन विरुद्ध आहार माना जाता है अगर करना ही पड़े तो दही को हिंग जीरा की बघार दे कर उसकी प्रकृति बदल लें।14. रात में दही या छाछ का सेवन ना करे।15. ताजा, जैविक और बिना हार्मोन की मिलावट वाला दूध सबसे अच्छा होता है। पैकेट में मिलने वाला दूध नहीं पीना चाहिये।16. दूध को गरम या उबाल कर पियें। अगर दूध पीने में भारी लगे तो उसे उसमें थोड़ा पानी मिला कर उबालें।17. दूध में एक चुटकी अदरक, लौंग, इलायची, केसर, दालचीनी और जायफल आदि की मिलाएं। इससे आपके पेट में अतिरिक्त गर्मी बढ़गी जिसकी मदद से दूध हजम होने में आसानी मिलेगी।18. अगर आप को डिनर करने का मन नहीं है तो आप रात को एक चुटकी जायफल और केसर डाल कर दूध पियें। इससे नींद भी अच्छी आती है।19. किसी भी नमकीन चीज़ के साथ दूध का सेवन ना करें। क्रीम सूप या फिर चीज़ को नमक के साथ ना खाएं। दूध के साथ खट्टे फल भी नहीं खाने चाहिये।20. दूध और मछली एक एक साथ सेवन नहीं करना चाहिये, इससे त्वचा खराब हो जाती है
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गन्ने के रस से गुड और चीनी दोनों बनते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं चीनी बनने पर आइरन तत्व, पोटेशियम, गंधक, फासफोरस और कैल्शियम आदि तत्व नष्ट हो जाते हैं लेकिन गुड़ में ये तत्व पूरी मात्रा में मौजूद होते हैं। गुड़ विटामिन ए और विटामिन बी का बेहतर स्त्रोत है। गुड़ के कई एैसे फायदे हैं जिन्हें जानकर आपको भी गुड़ खाने की इच्छा बढ़ जाएगी। क्या है गुड़ में और कैसे आपके और आपके परिवार की सेहत के लिए सबसे अच्छा है। आज समय की ऐसी मार पड़ी है के अधिकतर गन्ना बनाने वाले भी इसकी शुद्धता का पूरा ध्यान नहीं देता, मगर फिर भी ये स्वास्थय के लिए बेहद अच्छा और फायदेमंद है.
गन्ना स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद होने के साथ ही स्वादिष्ट भी होता है। गुड़ का नियमित थोडा थोडा सेवन करने से अनेक रोगों से बचा जा सकता है। आयुर्वेद संहिता के अनुसार यह शीघ्र पचने वाला,खून बढ़ाने वाला व भूख बढ़ाने वाला होता है। कभी घर में गुड के चावल और दलिया बना कर खा कर देखना. जो स्वाद इनमे आता है वो फाइव स्टार में भी नहीं आता । इसके अतिरिक्त गुड़ से बनी चीजों के खाने से इन बीमारियों में राहत मिलती है. आइये जानते हैं गुड के फायदे.बच्चों के लिए फायदेमंद है गुड – गुड के फायदेगुड़ में कैल्श्यिम की उचित मात्रा होने की वजह से यह बच्चों की हड्डीयों की कमजोरी को दूर करता है। साथ ही बच्चों के दांत टूटने पर होने वाली कमजोरी को भी दूर करता है। बढ़ते हुए बच्चों को गुड़ देना उनकी सेहत के लिए फायदेमंद होता है।बुढ़ापा और मानसिक स्वास्थ के लिए गुड :-विटामिन बी होने की वजह से गुड़ मानसिक रोगों को दूर करता है। प्राचीन ग्रंथों में कहा गया है कि गुड़, दही और मक्खन खाने वालों को बुढापा जल्दी नहीं आता है। इसलिए गुड़ जरूर खाएं।दिल की बीमारी में लाभदायक है गुड :-गुड़ में मौजूद पोटेशियम दिल संबंधी बीमारियों की रोकथाम करने में फायदेमंद होता है। दिल के रोगियों के लिए चीनी नुकसानदायक होती है एैसे में गुड़ खाना बेहद फायदेमंद होता है।आयरन की कमी के लिए बेहतर है गुड :-माताओं और बहनों में लौह तत्व की कमी पायी जाती है। एैसे में कई बार मासिक धर्म में परेशानी हो जाती है। वे यदि गुड़ का सेवन करें तो उन्हें फायदा मिल सकता है। शरीर में खून की कमी की वजह से आयरन की मात्रा भी कम हो जाती है। एैसे में गुड़ में 11 प्रतिशत मिलीग्राम लौह तत्व पाया जाता है जो खून की कमी और हीमोग्लोबिन का कम होने की समस्या को ठीक कर देता है।तुरंत शक्तिदायक है गुड :-पहले जब लोग मेहनत का काम करते थे तो काम शुरू करने से पहले गुड ज़रूर खाते थे, गुड खाने से तुरंत एनर्जी मिल जाती है. गाँवों में ऐसी अनेक उदाहरण मिल जाएँगी जहाँ बुजुर्गों ने गुड खाने के बाद किसी गाय या बैल को अपने कंधे पर उठा लिया हो या कोई बड़ा पेड़ उठा लिया हो. गुड तुरंत शक्ति देने में बहुत सहयोगी है.इसके अलावा गन्ने के ये निम्नलिखित गुण बहुत विशेष हैं.✤ सर्दी के दिनों में गुड़, अदरक और तुलसी के पत्तों का काढ़ा बना कर गरमा गर्म पीना काफी अच्छा रहता है और यह काढ़ा हमें सर्दी-जुकाम से भी बचाता है।✤ जुकाम जम गया हो तो गुड़ पिघलाकर उसकी पपड़ी बनाकर खिलाएं।✤ पांच ग्राम गुड़ को इतने ही सरसों के तेल में मिलाकर खाने से श्वास रोग से छुटकारा मिलता है।✤ गुड़ और काले तिल के लड्डू खाने से सर्दी में अस्थमा परेशान नहीं करता है।✤ गुड़, सेंधा नमक, काला नमक मिलाकर चाटने से खट्टी डकारें आना बंद हो जाती हैं।✤ सर्दियों के मौसम में गुड की चाय पीना ज्यादा स्वास्थवर्धक माना जाता है।✤ भोजन के बाद गुड़ खा लेने से पेट में गैस नहीं बनती है।✤ गुड़ उन लोगों के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है जिनके शरीर में खून की कमी (एनीमिया) होती है, क्योंकि गुड आयरन का एक बहुत ही अच्छा स्रोत होता है और यह शरीर में हीमोग्लोबिन का लेवल बढाने में मदद करता है।✤ गुड हमारी पाचन क्रिया के लिए भी काफी अच्छा होता है इसलिए गुड को थोड़ी मात्रा में खाना खाने के बाद जरूर खाना चाहिए।✤ गुड का प्रयोग पीलिया रोग का उपचार करने के लिये भी किया जाता है। पांच ग्राम सौंठ, दस ग्राम गुड़ के साथ लेने से पीलिया रोग में लाभ होता है।✤ गुड का इस्तेमाल विभिन्न तरह की अलग अलग डिश बनाने में किया जाता है जैसे – तिल गुड की चिक्की, गुड की खीर, गुड का परांठा आदि।✤ गुड में अधिक मात्रा में पोटेशियम पाया जाता है जो ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखने में सहायता करता है।✤ अगर आप कब्ज की समस्या से परेशान है तो रात में खाना खाने के बाद एक टुकड़ा गुड खाने से आप कब्ज की समस्या से मुक्ति पा सकते है।✤ पुराना गुड़ अधिक अच्छा होता है लेकिन अगर पुराना गुड़ न मिले तो नए गुड को ही थैली में डालकर कुछ देर धूप में रखने के बाद प्रयोग करें तो यह फिर से पुराने गुड के जैसा ही गुणकारी हो जाता है।✤ गैस की तकलीफ को दूर करने के लिए रोज सुबह के समय में खाली पेट थोड़ा सा गुड़ चूसना चाहिए।✤ गुड़ के साथ पकाए चावल खाने से बैठा हुआ गला व आवाज खुल जाती है।✤ गुड़ का हलवा खाने से स्मरण शक्ति बढ़ती है।✤ बाजरे की खिचड़ी में गुड़ डालकर खाने से नेत्र-ज्योति बढ़ती है।✤ खट्टी डकारें आने पर गुड़ को काले नमक में मिलाकर चाटें।✤ छिलकेवाली मूंग की पानीवाली दाल में गुड़ मिलाकर खाना सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है। गुड़ की चक्की बनाकर भी आप इसका सेवन कर सकते हो।✤ खाली पेट गुनगुने पानी में गुड़ को घोलकर पीने से आपको फायदा मिलता है। जिससे शरीर कें अंदर की गंदगी साफ हो जाती है।