ब्रेकिंग न्यूज़

 आरबीआई, यूएई सेंट्रल बैंक के बीच रुपया, दिरहम में लेनदेन शुरू करने का समझौता

 मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) सेंट्रल बैंक के बीच शनिवार को स्थानीय मुद्राओं में सीमापार लेनदेन शुरू करने के लिए एक व्यवस्था बनाने और भुगतान एवं संदेश प्रणालियों को एक-दूसरे से जोड़ने के लिए समझौते किए गए। इस आशय के समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की यूएई यात्रा के दौरान हस्ताक्षर किए गए। एमओयू पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास और यूएई सेंट्रल बैंक के गवर्नर खालेद मोहम्मद बलामा ने हस्ताक्षर किए। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी और यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नहयान भी मौजूद थे।
आरबीआई ने एक बयान में कहा कि ये एमओयू दोनों देशों के केंद्रीय बैंक रुपये और दिरहम का सीमापार लेनदेन में इस्तेमाल बढ़ाने के लिए एक ढांचा खड़ा करने और दोनों देशों की भुगतान प्रणालियों यूपीआई एवं आईपीपी को एक-दूसरे से जोड़ने के लिए सहयोग करने से संबंधित हैं। भारत अमेरिकी डॉलर में होने वाले कारोबार पर निर्भरता कम करने के लिए स्थानीय मुद्राओं में लेनदेन को बढ़ावा देने की कोशिश में लगा हुआ है। इसी क्रम में कई देशों के साथ रुपये में कारोबार शुरू किया गया है। आरबीआई ने कहा, "दोनों एमओयू का उद्देश्य निर्बाध सीमापार लेनदेन एवं भुगतान की सुविधा प्रदान करना और दोनों देशों के बीच अधिक आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना है।" भारत और यूएई के बीच स्थानीय मुद्राओं में कारोबार करने से संबंधित समझौता ज्ञापन में एक स्थानीय मुद्रा निपटान प्रणाली (एलसीएसएस) भी स्थापित करने का इरादा जताया गया है। इससे भारतीय रुपये और यूएई दिरहम दोनों का द्विपक्षीय इस्तेमाल बढ़ेगा। आरबीआई ने कहा, "एलसीएसएस के गठन से निर्यातक और आयातक अपनी संबंधित स्थानीय मुद्राओं में बिल बनाने और भुगतान करने में सक्षम बनेंगे। इससे भारतीय रुपये और यूएई दिरहम विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार का विकास होगा। इस व्यवस्था से दोनों देशों के बीच निवेश और प्रेषण को भी बढ़ावा मिलेगा।" आरबीआई ने कहा कि समझौता ज्ञापन में चालू खातों के सारे लेनदेन और स्वीकृत पूंजी खाता लेनदेन भी शामिल हैं। स्थानीय मुद्राओं में कारोबार शुरू होने से लेन-देन की लागत और निपटान समय में कमी आने के साथ यूएई में रहने वाले भारतीय नागरिकों के स्वदेश पैसा भेजने में भी फायदा होगा। दोनों देशों के केंद्रीय बैंक अपनी त्वरित भुगतान प्रणालियों- यूपीआई और आईपीपी को जोड़ने की दिशा में काम करने के लिए भी सहमत हुए हैं। इसके साथ दोनों देशों के कार्ड स्विच रुपे और यूएईस्विच को भी जोड़ने पर सहमति जताई गई है। इसके अलावा दोनों देशों के केंद्रीय बैंक अपनी-अपनी भुगतान संदेश प्रणालियों को संबद्ध करने की भी संभावनाएं तलाशेंगे। इसके तहत भारत की संरचित वित्तीय संदेश प्रणाली (एसएफएमएस) को यूएई की समान प्रणाली से जोड़ने की कोशिश की जाएगी। आरबीआई ने कहा, "यूपीआई और आईपीपी को जोड़ने से दोनों देशों के उपयोगकर्ता तेज, सुविधाजनक, सुरक्षित और किफायती ढंग से सीमापार राशि अंतरण कर पाएंगे।" वहीं कार्ड स्विचेज को जोड़ने से घरेलू कार्डों की आपसी स्वीकृति और कार्ड से लेनदेन के प्रसंस्करण में मदद मिलेगी। इसके साथ ही आरबीआई ने कहा कि दोनों देशों की भुगतान संदेश प्रणालियों को जोड़ने से द्विपक्षीय वित्तीय संदेश गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलेगा।

Related Post

Leave A Comment

Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).

Chhattisgarh Aaj

Chhattisgarh Aaj News

Today News

Today News Hindi

Latest News India

Today Breaking News Headlines News
the news in hindi
Latest News, Breaking News Today
breaking news in india today live, latest news today, india news, breaking news in india today in english