लेक्सस पुरानी कारों के बाजार में उतरने को तैयार, 2025 तक भारत में पेश करेगी पहला इलेक्ट्रिक वाहन
नयी दिल्ली. जापान की लक्जरी कार बनाने वाली कंपनी लेक्सस की अगले साल भारत में पुरानी कारों (सेकंड हैंड) के कारोबार में उतरने की योजना है। कंपनी ने भारतीय बाजार में परिचालन के छह साल पूरे कर लिए हैं। जापानी की यह कंपनी अभी 23 बिक्री केंद्रों के माध्यम से अपने उत्पाद बेचती है। कंपनी का इरादा अपने कुछ आउटलेट में बदलाव का है जिससे यह पुरानी कारों के बाजार में उतर सके।
अपनी सेल्फ-चार्जिंग हाइब्रिड कारों के लिए जानी जाने वाली लेक्सस का इरादा 2025 तक देश में अपना पहला इलेक्ट्रिक मॉडल पेश करने का है। लेक्सस इंडिया के अध्यक्ष नवीन सोनी ने कहा कि लेक्सस गंभीरता से एक संरचित पूर्व-स्वामित्व वाले पुरानी कारों के कार्यक्रम पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि कंपनी डीलर भागीदारों की कारोबारी व्यवहार्यता के आधार पर कुछ चुनिंदा आउटलेट पर अपना यह कारोबार शुरू करेगी। सोनी ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि बहुत जल्दी संभवत: चालू साल की तीसरी तिमाही या अगले साल की शुरुआत में हम यह शुरू कर देंगे।'' उन्होंने कहा कि कंपनी ने छह साल पहले देश में वाहन बेचना शुरू किया था और अब ऐसे ग्राहक हो सकते हैं जो अपनी पुरानी कार को बेचकर नई कार खरीदना चाहेंगे। ‘‘ऐसे में कुछ केंद्रों को हम एकल आधार पर पुरानी कारों के आउटलेट में बदल सकते हैं।'' कंपनी की इलेक्ट्रिक वाहन रणनीति के बारे में पूछे जाने पर सोनी ने कहा कि लेक्सस पिछले साल कुछ वाहन लेकर आई थी जिनका हमने विभिन्न जलवायु परिस्थितियों में परीक्षण किया। इनपर हमने ग्राहकों की राय जानने का भी प्रयास किया। ऐसे में हमें इस बारे में अच्छी जानकारी मिली है। ‘‘हमें उम्मीद है कि 2025 तक हम भारत में अपना पहला इलेक्ट्रिक उत्पाद पेश कर सकेंगे।'' लेक्सस जापान की टोयोटा की लक्जरी कार बनाने वाली इकाई है। लेक्सस का इरादा 2035 तक पूर्ण इलेक्ट्रिक कार कंपनी बनने है।
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