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सिम अदला-बदली/बदलने पर नये सिरे से केवाईसी करवाना होगा

 -मोबाइल उपयोगकर्ता सुरक्षा के लिए दो सुधार पेश किए गए

-अंगूठे और आंखों की पुतली पर आधारित बायोमेट्रिक सत्यापन के साथ ही अब चेहरे की पहचान आधारित बायोमेट्रिक सत्यापन की भी होगी अनुमति
-व्यावसायिक कनेक्शन के लिए अंतिम उपयोगकर्ताओं का केवाईसी पूरी करनी होगी
-लाइसेंस धारक द्वारा पाइंट-आफ-सेल का पंजीकरण
-धोखाधड़ी वाले पीओएस को तीन साल के लिये काली सूची में डाल जाएगा
-प्रत्येक पीओएस के साथ ही फ्रेंजाइजी, एजेंट और वितरकों का निर्विवादित सत्यापन
-संचार साथी से 52 लाख संदिग्ध मोबाइल कनेक्शन बंद किए गए
-संचार साथी के साथ 3 लाख से अधिक मोबाइल हैंडसेट का पता लगाया गया
नई दिल्ली।  देश में सामाजिक-आर्थिक गतिविधियों में डिजिटलीकरण बढ़ने के साथ ही ऑनलाइन सेवाओं के लिये मोबाइल सेवाओं सहित दूरसंचार संसाधनों का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है। सामाजिक, आर्थिक और परिवर्तनकारी मोबिलिटी के लिये डिजिटल कनेक्टिविटी ही योग्य साधन है। इसलिये मोबाइल उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा के लिये दूरसंचार संसाधनों के सुरक्षित इस्तेमाल को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण हो जाता है।
भारत सरकार ने सुरक्षा और उपभोक्ता संरक्षण के सर्वोच्च मानदंडों को बरकरार रखते हुये डिजिटल समावेशी समाज को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को मजबूती देते हुये दूरसंचार, रेलवे और इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने आज उपभोक्ता सुरक्षा को बेहतर बनाने और डिजिटल बदलाव की दिशा में दो सुधारों की शुरुआत की। नई दिल्ली में संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सभी सिम कार्ड डीलरों का पंजीकरण भी अनिवार्य होगा। उन्होंने कहा कि साइबर धोखाधड़ी और फर्जी कॉल को रोकने तथा मोबाइल उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए गए हैं।
 संचार साथी पोर्टल के बारे में उन्‍होंने बताया कि 52 लाख फर्जी कनेक्शनों का पता लगाया गया है और उन्हें निष्क्रिय कर दिया गया है। 67 हजार सिम कार्ड डीलरों को प्रतिबंधित कर दिया गया है। श्री वैष्णव ने कहा कि तीन सौ प्राथमिकी दर्ज की गयी हैं। उन्होंने बताया कि 66 हजार व्हाट्सएप अकाउंट और आठ लाख पेमेंट वॉलेट अकाउंट बंद कर दिए गए हैं।
 इस नई पहल के अंतर्गत मोबाइल सिम कार्ड डीलर, किसी अवैध गतिविधियों में शामिल होता है, तो उसे तीन वर्ष के लिए प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। आधार के दुरुपयोग को रोकने के लिए आधार के क्यूआर कोड को स्कैन करना अनिवार्य कर दिया गया है।
 
1. केवाईसी रिफार्म
 
2. पांइट आफ सेल (पीओएस) पंजीकरण सुधार
 
ये दोनों सुधार इससे पहले संचार साथी के साथ शुरू किये गये सुधारों की दिशा में ही आगे बढ़ाये गये हैं। एक नागरिक केन्द्रित पोर्टल शुरू किया गया जिसमें साइबर अपराध और वित्तीय धोखाधड़ी की बुराई के खिलाफ भारत की लड़ाई को मजबूती देने का प्रयास किया गया था।
 
पाइंट आफ सेल (पीओएस) पंजीकरण सुधार: इस सुधार में लाइसेंस धारक द्वारा फ्रेंजाइजी, एजेंट और वितरकों (पीओएस) के अनिवार्य पंजीकरण की शुरुआत  की गई। इससे ठगी करने वाले पीओएस हटाने में मदद मिलेगी, ऐसे पीओएस जो कि धोखाधड़ी के हथकंडे अपनाकर असामाजिक/राष्ट्र-विरोधी तत्वों को मोबाइल सिम जारी कर देते हैं।
 
वहीं पीओएस पंजीकरण प्रक्रिया में लाइसेंसधारक द्वारा पीओएस का निर्विवाद सत्यापन शामिल है। इस प्रक्रिया के जरिये पीओएस और लाइसेंसधारक के बीच लिखित समझौता अनिवार्य बना दिया गया है। ऐसे में कोई भी पीओएस यदि किसी अवैध गतिविधि में लिप्त होता है तो उसे बंद कर दिया जायेगा साथ ही तीन वर्ष के लिये उसे काली सूची में डाल दिया जायेगा। इस प्रक्रिया के तहत लाइसेंसधारक द्वारा सभी मौजूदा पीओएस को 12 माह में पंजीकृत कराया जायेगा।
 
इससे लाइसेंसधारी प्रणाली से धोखाधड़ी और ठगी करने वाले पीओएस की पहचान करने, उन्हें कालीसूची में डालने और कारोबार से हटाने में मदद मिलेगी दूसरी तरफ सही काम करने वाले पीओएस को प्रोत्साहन मिलेगा।
 
केवाईसी सुधार - केवाईसी यानी अपने ग्राहक को जानो एक ऐसी प्रक्रिया है जो कि ग्राहक की अलग तरीके से पहचान करता है और उसे दूरसंचार सेवायें देने से पहले उसकी पूरी जानकारी लेता है। मौजूदा केवाईसी प्रक्रिया को और मजबूत बनाना दूरसंचार ग्राहकों को किसी भी संभावित धोखाधड़ी से बचाने का एक साधन मात्र है ताकि डिजिटल कारोबार के समूचे तंत्र में आम जनता का विश्वास और मजबूत हो सके।
 
प्रिंट किये आधार के दुरूपयोग को रोकने के लिये प्रिंट आधार के क्यूआर कोड की स्कैनिंग कर अनिवार्य तौर पर उसका जनसांख्यिकीय ब्यौरा लिया जायेगा। इसमें यदि मोबाइल नंबर बंद कर दिया जाता है तो इसे 90 दिन की समाप्ति से पहले किसी नये ग्राहक को आवंटित नहीं किया जायेगा। ग्राहक को अपने सिम को बदलने के लिये पूरा केवाईसी ब्यौरा देना होगा और उसमें आउगोइंग और इनकमिंग एसएमएस सुविधा पर 24 घंटे की रोक होगी।
 
आधार ई-केवाईसी प्रक्रिया में अंगूठे के निशान और आंखों की पुतली के सत्यापन के साथ ही अब चेहरे की पहचान पर आधारित बायोमेट्रिक सत्यापन की भी मंजूरी दी गई है।
 
उद्यमों, इकाइयों (उदाहरण के तौर पर कंपनियों, संगठनों, ट्रस्ट, सोसायटी आदि) को मोबाइल कनेक्शन जारी करने के लिये बिजनेस कनेक्शन की शुरुआत। इकाइयां कितनी भी संख्या में मोबाइल कनेक्शन ले सकतीं हैं बशर्ते कि वह उनका इस्तेमाल करने वालों की पूरी केवाईसी उपलब्ध करायें। मोबाइल सिम उनका इस्तेमाल करने वालों की सफल केवाईसी होने और व्यवसाय परिसर/कार्यालय पते का भौतिक सत्यापन होने के बाद ही चालू होगा।
 
दूरसंचार विभाग ने इन परिवर्तनकारी सुधारों को पेश कर देश के नागरिकों के हितों की रक्षा की अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाया है। ऐसे ठोस और व्यापक उपायों के जरिये विभाग का उद्देश्य ग्राहकों की सुरक्षा को चाकचैबंद करना और दूरसंचार धोखाधड़ी के बढ़ते खतरे के समक्ष सुरक्षा को मजबूत बनाना है। सतर्क निगरानी के साथ ही अत्याधुनिक तकनीक को जोड़कर विभाग ने दूरसंचार क्षेत्र में उच्चस्तरीय सुरक्षा और विश्वास को बढ़ावा देने का प्रयास किया है ताकि सभी को एक सुरक्षित और विश्वसनीय दूरसंचार परिवेश उपलब्ध कराया जा सके।
 
विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये जायेंगे।
 
संचार- साथी का प्रभाव - मोबाइल उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा के लिये एक नागरिक केन्द्रित पोर्टल
 
मोबाइल उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा के लिये विश्व दूरसंचार दिवस (17 मई 2023) पर ‘संचार साथी’ पोर्टल शुरू किया गया था।
संचार साथी’ पोर्टल मोबाइल ग्राहकों को निम्न क्षेत्रों में सशक्त बनाता है।
- उनके नाम पर पंजीकृत मोबाइल कनेक्‍शन का पता लगाना
 
- उनके नाम पर धोखाधड़ी से पंजीकृत कनेक्शन, यदि कोई हो, उसकी जानकारी देना और
 
- चोरी/खोए हुये मोबाइल हैंडसेट की रिपोर्ट करें तथा उन्हें ब्लॉक करना।
 
 
 
‘संचार साथी’ पोर्टल और एएसटीआर टूल की मदद से लगभीग 114 करोड़ सक्रिय मोबाइल कनेक्शन का विश्लेषण किया गया है। उसका परिणाम है --
 
 
- 66 लाख से अधिक संदिग्ध मोबाइल कनेक्शनों का पता लगाया गया।
 
- दोबारा सत्यापन न होने पर 52 लाख से अधिक मोबाइल कनेक्शन काटा दिये गये हैं।
 
- 67,000 से अधिक पीओएस को काली सूची में डाल दिया गया है।
 
- करीब 17,000 मोबाइल हैंडसेट बंद/ब्लाक कर दिये गये हैं।
 
- 1,700 से अधिक पीओएस के खिलाफ 300 से अधिक एफआईआर दर्ज की गई हैं।
 
- 66,000 से ज्यादा व्हाट्सएप अकाउंट ब्लाक किये गये हैं।
 
- जालसाजों द्वारा इस्तेमाल किये गये लगभग आठ लाख बैंक/वॉलेट खाते फ्रीज कर दिये गये हैं।
 
4. धोखाधडी से उनके नाम पर पंजीकृत मोबाइल कनेक्शन के बारे में लगभग 18 लाख ग्राहकों की शिकायतों में से 9.26 लाख शिकायतों का समाधान किया गया है।
 
5. चोरी/खोए मोबाइल हैंडसेट की 7.5 लाख शिकायतों मे से तीन लाख मोबाइल हैंडसेट का पता लगा लिया गया है।
 
6. जनवरी 2022 से 114 अवैध दूरसंचार केन्द्रों का पता चला और एलईए द्वारा कार्रवाई की गई।

 

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