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 नए माल ढुलाई गलियारों पर जल्द फैसला करेगी सरकार: रेलवे बोर्ड CEO

 नई दिल्ली। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन और मुख्य कार्याधिकारी (CEO) अनिल कुमार लाहोटी ने शुक्रवार को कहा कि रेल मंत्रालय 2.35 लाख करोड़ रुपये के 3 प्रस्ताविक समर्पित माल ढुलाई गलियारों (DFC) के बारे में जल्द फैसला करेगा।

 भारतीय समर्पित माल ढुलाई गलियारा निगम (DFCCIL) की आंतरिक समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए बोर्ड के चेयरमैन ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू) के मुख्य महाप्रबंधकों को बताया कि नए गलियारे के लिए रेलवे बोर्ड को विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) मिली है।
 तीन प्रस्तावित गलियारों में पूर्व-पश्चिम गलियारा, उत्तर-दक्षिण गलियारा और पूर्वी तटीय गलियारा की अवधारणा 2020 में आई, जब केंद्र सरकार ने 2030 तक के नैशनल लाजिस्टिक्स में रेलवे की हिस्सेदारी बढ़ाकर 45 प्रतिशत कर दी। किसी भी बुनियादी ढांचा परियोजना के लिए डीपीआर शुरुआती दस्तावेज होता है। इसमें भौगोलिक अनुमान, स्थल का सर्वे, अनुपालन बोझ और वित्तीय आकलन शामिल होता है।
योजना के भविष्य को लेकर अनिश्चितताओं के साथ रेलवे बोर्ड द्वारा दृष्टिकोण में बदलाव किए जाने से गलियारों की योजना के काम में लंबा वक्त लगा, जहां उसने नए डीएफसी के निर्माण के बजाय मौजूदा गलियारों को बढ़ाने के वैकल्पिक दृष्टिकोण की मांग की। बिजनेस स्टैंडर्ड ने यह खबर मई 2022 में दी थी।प्रस्तावित पूर्वी तटीय गलियारा 1,115 किलोमीटर का है। यह खड़गपुर से शुरू होते हुए रूपसा, जखापुरा, हरिदासपुर, राजगढ़, खुर्दा रोड, नौपाड़ा, विजा नगर, विशाखापत्तनम होते हुए विजयवाड़ा स्टेशन के अंत में खत्म होगा।
प्रस्तावित पूर्व पश्चिम डीएफसी कोलकाता (अंडाल, दानकुनी) से महाराष्ट्र के भुसावल के बीच बनना है। इसकी लंबाई करीब 1,868 किलोमीटर है। पहले यह परिकल्पना की गई थी कि आंशिक रूप से चालू हो चुके पूर्वी डीएफसी से इसे जोड़ा जाएगा, जो अंदाल प्रस्तावित थी।
बहरहाल केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने हाल में डीएफसी को खत्म करने और बिहार से अंडाल तक सामान्य रेल ट्रैक बनाने का फैसला किया है। तीसरा गलियारा या उत्तर दक्षिण डीएफसी विजयवाड़ा से शुरू होकर इटारसी तक जाएगा। यह 975 किलोमीटर का है, जो मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश से होकर गुजरेगा।रेलवे की सलाहकार फर्म राइट्स के अनुमान के मुताबिक पूर्व पश्चिम गलियारे से आने वाले वर्षों में 44.9 करोड़ टन ढुलाई हो सकेगी, जबकि पूर्वी तटीय गलियारे से 2031-32 तक 40.5 करोड़ टन माल की ढुलाई हो सकेगी। लाहोटी ने कहा कि इस समय DFCCIL के ट्रैक पर रोजाना 200 ट्रेनें चल रही हैं, जिनकी संख्या आने वाले समय में उल्लेखनीय रूप से बढ़ेगी।

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