मुद्रास्फीति-वृद्धि में संतुलन साधना अहम: गवर्नर शक्तिकांत दास
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) का सबसे महत्त्वपूर्ण काम मुद्रास्फीति और वृद्धि के बीच संतुलन कायम करना है। आरबीआई के निवर्तमान गवर्नर शक्तिकांत दास ने अपने कार्यकाल के आखिरी दिन यह बात कही। इसके साथ ही उन्होंने नवनियुक्त गवर्नर संजय मल्होत्रा के लिए कुछ प्रमुख मुद्दों का भी उल्लेख किया, जिस पर आरबीआई को ध्यान देने की जरूरत है। पिछले हफ्ते मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करने हुए दास ने कहा था कि मौद्रिक नीति समिति अर्थव्यवस्था के व्यापक हित में मुद्रास्फीति और वृद्धि में संतुलन बहाल करने के लिए प्रतिबद्ध है।
अक्टूबर में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 6.2 फीसदी पर पहुंच गई थी जबकि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर घटकर 5.4 फीसदी रह गई। यही वजह है कि दास ने इन दोनों के बीच संतुलन कायम करने पर जोर दिया। वृद्धि दर में नरमी और ऊंची ब्याज दरों पर दास ने कहा कि सभी को अपनी राय देने का हक है मगर वृद्धि महज रीपो दर पर नहीं बल्कि कई कारकों पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था सुदृढ़ है और वैश्विक चुनौतियों से प्रभावी तरीके से निपटने में सक्षम है।
शक्तिकांत दास ने नवनियुक्त आरबीआई गवर्नर को शुभकामनाएं भी दी। उन्होंने कहा, ‘मैं नवनियुक्त गर्वनर संजय मल्होत्रा को शुभकामनाएं देता हूं। उनके पास काम करने का व्यापक अनुभव है। मुझे पूरा यकीन है कि वह अपना सर्वश्रेष्ठ देंगे।’दास ने कहा कि साइबर सुरक्षा और इससे जुड़े जोखिम के पहलुओं पर केंद्रीय बैंक का ध्यान बना रहेगा। उन्होंने कहा, ‘साइबर सुरक्षा और इससे जुड़े जोखिम हर किसी के लिए बड़ी चुनौती है। इसका सामना केवल भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया कर रही है। और खास तौर पर केंद्रीय बैंक।’
दास ने उम्मीद जताई कि यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस के देश भर में लागू होने पर यह व्यापक बदलाव लाने वाला साबित होगा। इस साल अगस्त में दास ने कहा था कि आरबीआई ऋण क्षेत्र में अमूलचूल बदलाव लाने के लिए यूनिफाइट लेंडिंग इंटरफेस लाएगा। इस प्लेटफॉर्म पर ऋणदाताओं को ग्राहकों की वित्तीय और गैर-वित्तीय जानकारी की डिजिटल प्रारूप में उपलब्ध होगी। सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) के बारे में दास ने कहा कि यह भविष्य की मुद्रा है।दास ने कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान आरबीआई और सरकार के बीच बेहतर तालमेल रहा। उन्होंने कहा, ‘पिछले 6 साल के दौरान आरबीआई और वित्त मंत्रालय के बीच समन्वय सर्वश्रेष्ठ स्तर का रहा।’
दास ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि आरबीआई की टीम के साथ उन्होंने अप्रत्याशित वैश्विक चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया। उन्होंने कामना की, ‘भरोसे और विश्वसनीयता की संस्था के रूप में आरबीआई और ऊंचाइयों को छूएगा। दास ने अपने कार्यकाल के आखिरी दिन आरबीआई को महत्त्वपूर्ण सुझाव देने वाले वित्तीय क्षेत्र के सभी हितधारकों, विशेषज्ञों, अर्थशास्त्रियों, उद्योग निकायों आदि का शुक्रिया अदा किया।दास ने उन पर भरोसा जताने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और दिवंगत अरुण जेटली (पूर्व वित्त मंत्री) के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘मुझे आरबीआई गवर्नर के रूप में देश की सेवा करने का अवसर देने तथा मार्गदर्शन और प्रोत्साहन के लिए मैं माननीय प्रधानमंत्री का बेहद आभारी हूं। उनके विचारों से हमें बहुत लाभ हुआ।’ इसके साथ ही उन्होंने लिखा, ‘निरंतर समर्थन के लिए वित्त मंत्री को हार्दिक धन्यवाद। राजकोषीय-मौद्रिक समन्वय अपने सर्वोत्तम स्तर रहा और इसने पिछले 6 वर्षों के दौरान हमें कई चुनौतियों से निपटने में मदद की।’

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