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फल, सब्जियों के दाम घटने से मई में खुदरा मुद्रास्फीति 75 माह के निचले स्तर 2.82 प्रतिशत पर आई

नयी दिल्ली. फलों एवं सब्जियों की कीमतों में नरमी से मई में खुदरा मुद्रास्फीति छह साल के निचले स्तर 2.82 प्रतिशत पर आ गई। यह लगातार चौथा महीना है जब खुदरा मुद्रास्फीति भारतीय रिजर्व बैंक के चार प्रतिशत के औसत लक्ष्य से कम रही है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति अप्रैल में 3.16 प्रतिशत और मई, 2024 में 4.8 प्रतिशत थी। खुदरा मुद्रास्फीति का पिछला निचला स्तर फरवरी, 2019 में रहा था जब यह 2.57 प्रतिशत थी।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की तरफ से बृहस्पतिवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, मई में खाद्य मुद्रास्फीति 0.99 प्रतिशत रही जो एक साल पहले इसी महीने में 8.69 प्रतिशत थी। मई, 2025 की खाद्य मुद्रास्फीति का यह आंकड़ा अक्टूबर, 2021 के बाद सबसे कम है।
एनएसओ ने एक बयान में कहा, ‘‘मई, 2025 के महीने में मुख्य मुद्रास्फीति और खाद्य मुद्रास्फीति में उल्लेखनीय गिरावट मुख्य रूप से दालों एवं उत्पादों, सब्जियों, फलों, अनाज एवं उत्पादों, घरेलू सामान एवं सेवाओं, चीनी एवं मिठाई और अंडे की कीमतों में नरमी और अनुकूल आधार प्रभाव के कारण है।'' आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, मई के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में मुद्रास्फीति 2.59 प्रतिशत थी, जबकि शहरी भारत में यह 3.07 प्रतिशत रही। राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में सबसे अधिक मुद्रास्फीति केरल में 6.46 प्रतिशत दर्ज की गई। इसके बाद पंजाब (5.21 प्रतिशत), जम्मू-कश्मीर (4.55 प्रतिशत), हरियाणा (3.67 प्रतिशत) और उत्तराखंड (3.47 प्रतिशत) का स्थान रहा। वहीं देशभर में सबसे कम खुदरा महंगाई दर तेलंगाना में 0.55 प्रतिशत रही।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने चालू वित्त वर्ष के लिए खुदरा मुद्रास्फीति 3.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। इसने पहली तिमाही में 2.9 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 3.4 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 3.9 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 4.4 प्रतिशत खुदरा मुद्रास्फीति रहने का अनुमान जताया है। सरकार ने आरबीआई को यह दायित्व दिया हुआ है कि खुदरा मुद्रास्फीति को दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर सीमित रखा जाए। रेटिंग एजेंसी इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने इन आंकड़ों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि पिछले महीने खुदरा मुद्रास्फीति और भी कम होकर 75 महीने के निचले स्तर 2.8 प्रतिशत पर आ गई जिसमें खाद्य एवं पेय उत्पादों की अहम भूमिका रही। नायर ने कहा कि यह आंकड़ा रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के नीतिगत दरों में कटौती के निर्णय को मान्यता देता है। एमपीसी ने फरवरी से लेकर जून की समीक्षा तक रेपो दर में कुल एक प्रतिशत की कटौती की है। नायर ने कहा, ‘‘फिलहाल हमें उम्मीद है कि अगस्त, 2025 की नीतिगत समीक्षा में ब्याज दरें अपरिवर्तित रहेंगी। फिर भी हम अक्टूबर, 2025 में 0.25 प्रतिशत की एक और कटौती की संभावना से इनकार नहीं कर रहे हैं।'' एनएसओ सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को समाहित करने वाले 1,114 शहरी बाजारों और 1,181 गांवों से आंकड़े जुटाता है।

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