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 आरबीआई ने बैंकों से केवाईसी के अद्यतन को लेकर ग्राहकों को उचित तरीके से नोटिस देने को कहा

मुंबई.  भारतीय रिजर्व बैंक ने केवाईसी अद्यतन के मामले में ग्राहकों को राहत देते हुए कदम उठाया है। इसके तहत बैंकों और आरबीआई के दायरे में आने अन्य वित्तीय संस्थानों से अपने ग्राहकों को केवाईसी के समय-समय पर अद्यतन करने के लिए उपयुक्त तरीके से नोटिस देने को कहा गया है। आरबीआई ने बृहस्पतिवार एक परिपत्र में कहा कि उसने अपने ग्राहक को जानें (केवाईसी) के समय-समय पर अद्यतन में बड़ी संख्या में लंबित मामलों को देखा है। इसमें प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी)/इलेक्ट्रॉनिक लाभ अंतरण (ईबीटी) के तहत राशि प्राप्त के लिए खोले गए खाते और प्रधानमंत्री जनधन योजना (पीएमजेडीवाई) के तहत खोले गए खाते शामिल हैं। यह कदम ग्राहकों की सुविधा के लिए प्रक्रिया को और आसान बनाने के लिए उठाया गया है। इसके तहत केवाईसी के समय-समय पर अद्यतन के संबंध में निर्देशों को संशोधित किया गया है। इसके जरिये बैंक प्रतिनिधियों को केवाईसी अद्यतन करने की प्रक्रिया में शामिल होने की अनुमति दी गयी है। इस संदर्भ में, केंद्रीय बैंक ने बृहस्पतिवार को अपने ग्राहक को जानो (संशोधन) निर्देश, 2025 जारी किये। नये निर्देशों के अनुसार, आरबीआई के दायरे में आने वाली इकाइयां (आरई) अपने ग्राहकों को उनके केवाईसी को अद्यतन करने के लिए पहले से सूचित करेंगी। इसमें कहा गया, ‘‘केवाईसी को निश्चित अंतराल पर अद्यतन की नियत तारीख से पहले, बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान अपने ग्राहकों को केवाईसी को अद्यतन करने की आवश्यकता का अनुपालन करने के लिए उपलब्ध संचार विकल्पों/चैनलों के माध्यम से उचित अंतराल पर कम से कम तीन अग्रिम सूचनाएं देंगे। इसमें कम से कम एक सूचना पत्र के जरिये दी जाएगी।'' नियत तिथि के बाद, बैंक ऐसे ग्राहकों को उचित अंतराल पर कम से कम तीन अनुस्मरण पत्र देंगे। इसमें कम से कम एक पत्र के जरिये देना होगा। यह उन ग्राहकों के लिए होगा जिन्होंने अग्रिम सूचना के बावजूद अभी भी केवाईसी से जुड़ी आवश्यकताओं का अनुपालन नहीं किया है। आरबीआई ने कहा कि सूचना/अनुस्मरण पत्र में, अन्य बातों के साथ-साथ, केवाईसी को अद्यतन करने के लिए आसानी से समझ में आने वाले निर्देश देने होंगे। इसमें मदद के बारे में जानकारी के साथ समय पर केवाईसी अद्यतन करने में विफल रहने पर उसके परिणाम की भी जानकारी देनी होगी। ग्राहकों से इस तरह से जारी किये गये अग्रिम सूचना/अनुस्मरण पत्र के बारे में पूरी जानकारी बैंक ऑडिट मकसद से अपने पास रखेगा। आरबीआई ने इस व्यवस्था को एक जनवरी, 2026 तक लागू करने को कहा है। केंद्रीय बैंक ने यह भी कहा कि केवाईसी जानकारी में कोई बदलाव नहीं होने या केवल पते के विवरण में परिवर्तन होने की स्थिति में ग्राहक से स्व-घोषणा अधिकृत बैंक प्रतिनिधि (बीसी) के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है। आरबीआई ने कहा कि किसी व्यक्तिगत ग्राहक के संबंध में जिसे कम जोखिम के रूप में वर्गीकृत किया गया है, बैंक और एनबीएफसी सभी लेनदेन की अनुमति देंगे और केवाईसी अद्यतन एक वर्ष के भीतर या 30 जून, 2026 तक, जो भी बाद में हो, सुनिश्चित करेंगे। इसके अलावा, आरबीआई ने केवाईसी अद्यतन करने को लेकर बैंकों को शिविर आयोजित करने और गहन अभियान शुरू करने की भी सलाह दी है। इसके साथ केंद्रीय बैंक ने निष्क्रिय खातों और दावा न की गई जमाओं से संबंधित संशोधन भी किए हैं।

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