लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300वी जयंती सम्मानपूर्वक मनाई गई
भिलाई नगर। निगम भिलाई में लोकमाता देवी अहिल्याबाई के जन्म दिवस 31 मई को सम्मान और आदर के साथ मनाया गया। उनके द्वारा किए गए जनकल्याणकारी कार्यों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए परिचर्चा आयोजित की गई। परिचर्चा में भाग लेते आयुक्त राजीव कुमार पाण्डेय ने हुए उपस्थित मितानिन बहनों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को बताया कि लोकमाता अहिल्याबाई बहुत संवेदनशील महिला थी। अपने प्रजा की दुख तकलीफ को समझती थी। उन्होंने देखा कि बाल्यावस्था में जब कोई बालिका विधवा हो जाती है जिसमें उसका कोई दोष नहीं रहता है वह बहुत तकलीफ पाती है। पुरुष दूसरा शादी कर लेता है। महिला बहुत ही कष्ट में जीवन जीती है। समाज उसे बहुत प्रताड़ित करता है अशगुनही महिला मानता है । देवी अहिल्याबाई ने समाज से संघर्ष, अपने राज परिवार से प्रतिरोध सहकर करके अपने बचपन की सहेली जो छोटी उम्र में विधवा हो गई थी। उसे लाकर राजमहल में रखी और उसका अपने यहां के एक सैनिक से पुनर्विवाह करवाया था ।
जो बाद में एक मील का पत्थर हुआ। जनसंपर्क अधिकारी अजय शुक्ला ने बताया बालिकाओं के शिक्षा के लिए उन्होंने काम किया। उस समय केवल लड़कों का ही पढ़ने का चलन था लेकिन अपने लगन से राजा को उन्होंने वाद्यय किया कि वह भी पढ़ाई करेगी, राजा ने उन्हें पढाये, राज्य काज सिखाए। एक बार अपने राज्य के भ्रमण के दौरान जब रानी ने देखा की जो सैनिक लड़ाई में घायल हो जाते हैं या उनकी मृत्यु हो जाती है। उनके परिवार को बहुत आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ता है । इसके लिए उन्होंने अपने राज्य में सैनिकों के लिए पेंशन की शुरुआत की। इसका भी राज्य के कोषाध्यक्ष ने भरपूर विरोध किया था कि राजकीय खजाना खाली हो जाएगा। उसका भी उन्होंने रास्ता निकाला उनके वेतन से कुछ हिस्सा काटकर के उतना ही हिस्सा शासन द्वारा जमा करके पेंशन की शुरुआत की गई। परंपरा अनुसार राज माता थी लेकिन जनता की समस्याओं को करीब से जानने के लिए वह खुद झोपड़ी में निवास करती थी। लोगों की समस्याएं उनके घरों में जाकर सुनती थी। उनके इस प्रकार की भावना से जनता उन्हें राजमाता से लोकमाता कहने लगी। उपस्थित महिलाओं के बीच अहिल्याबाई के ऊपर प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता रखी गई। अहिल्याबाई के बारे में पूछे गए सवालों को जानकारी देता था उसे त्वरित रूप से पुरस्कार भी प्रदान किया गया। 21 मई से 31 मई तक नगर निगम भिलाई क्षेत्र में लोकमाता अहिल्याबाई के ऊपर विभिन्न जन उपयोगी कार्यक्रम किए गए। जिसमें प्रमुख रूप से स्वच्छता दीदीयो का मेडिकल हेल्थ चेकअप, दवाई वितरण, गर्भवती महिलाओं को सुपोषण आहार देना, कुपोषित बच्चों को पौष्टिक खाद्य सामग्री प्रदान करना, भेलवा तालाब में प्रबुद्ध लोगों के बीच संगोष्ठी का आयोजन आदि शामिल रहा। परिचर्चा के दौरान जोन आयुक्त सतीश यादव, स्वास्थ्य अधिकारी जावेद अली, लेखा अधिकारी सी बी साहू, आयुक्त स्टोनो पुरुषोत्तम साहू, जोन स्वास्थ्य अधिकारी वी के सैमुअल, अनिल मिश्रा, वीरेंद्र बंजारे, हेमंत माझी, स्वच्छता निरीक्षक द्विवेदी, अंजनी सिंह, सागर दुबे आदि उपस्थित रहे।
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