निराश्रित एवं घुमंतु गौवंशों के संरक्षण हेतु इच्छुक संस्थाओं से 24 सितम्बर तक आवेदन आमंत्रित
राजनांदगांव। निराश्रित एवं घुमंतु गौवंशों के संरक्षण हेतु गौधाम योजना अंतर्गत इच्छुक संस्थाओं से 24 सितम्बर 2025 तक आवेदन आमंत्रित की गई है। गौधाम संचालन हेतु इच्छुक स्वयंसेवी संस्था, एनजीओ, ट्रस्ट, फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी, सहकारी समिति निर्धारित तिथि तक निर्धारित प्रपत्र में आवेदन पत्र कार्यालय उप संचालक पशु चिकित्सा सेवायें पशुधन विकास विभाग राजनांदगांव में प्रस्तुत कर सकते है।
प्रभारी जिला पशु चिकित्सालय राजनांदगांव डॉ. तरूण रामटेके ने बताया कि राज्य शासन द्वारा निराश्रित, घुमंतु तथा छत्तीसगढ़ कृषिक पशु परिरक्षण अधिनियम के तहत जब्त गौवंशों के संरक्षण, संर्वधन एवं विस्थापन के लिए गौधाम योजना की शुरूआत की गई है। गौधाम योजना अंतर्गत ऐसी शासकीय भूमि जिसमें सुरक्षित बाड़ा, पशु शेड, पर्याप्त पानी की सुविधा, बिजली तथा हरा चारा उत्पादन हेतु चारागाह की भूमि की सुविधा होगी। उसमें जिला प्रशासन के प्रस्ताव पर छत्तीसगढ़ राज्य गौसेवा आयोग की स्वीकृति उपरांत चयनित संस्था को गोधाम की स्थापना हेतु स्वीकृति प्रदान की जाएगी। योजना के तहत प्रथम चरण में प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग के आसपास ग्रामीण क्षेत्रों में गौधाम की स्थापना की जाएगी। गौधाम के संचालन हेतु चिन्हांकित भूमि के समीप पंजीकृत गौशाला समिति द्वारा सहमति व्यक्त करने पर छत्तीसगढ़ राज्य गौसेवा आयोग की क्रियान्वयन समिति द्वारा प्राथमिकता पर लिया जाएगा। इच्छुक स्वयंसेवी संस्था, एनजीओ, ट्रस्ट, फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी, सहकारी समिति द्वारा पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड में गौधाम संचालन हेतु आवेदन निर्धारित प्रारूप में प्रस्तुत करेंगे। परीक्षण उपरांत जिला प्रशासन द्वारा चयनित संस्था का नाम छत्तीसगढ़ राज्य गौसेवा आयोग को गोधाम स्थापना अनुमोदन हेतु प्रस्तुत करेंगी। गोधाम के संचालन हेतु गौसेवा, पशु नस्ल सुधार एवं संचालन के क्षेत्र में संलग्न संस्थाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। गौधाम योजना के नियमावली एवं अन्य जानकारी कार्यालय उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवाएं राजनांदगांव से प्राप्त की जा सकती है।




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