राष्ट्रीय बागवानी मिशन के समर्थन से पपीते की खेती बनी किसानों की आय का माध्यम
-बालोद जिले के किसान विजय कुमार देवांगन उन्नत उद्यानिकी के सफल उदाहरण
रायपुर। बालोद जिले के गुरुर विकासखण्ड स्थित ग्राम बिछ्छीबाहरा के कृषक विजय कुमार देवांगन ने राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत पपीते की खेती अपनाकर आर्थिक सुदृढ़ता की नई मिसाल कायम की है। खेती को जीवन आधार मानने वाले विजय पहले पारंपरिक सब्जी उत्पादन करते थे, किंतु उद्यानिकी विभाग से मिली जानकारी और अनुदान सुविधा ने उन्हें आधुनिक फल उत्पादन की दिशा में कदम बढ़ाने के लिए प्रेरित किया।
अनुदान की जानकारी ने बदली सोच, खेती को मिला नया आयाम
कृषक विजय ने उद्यानिकी विभाग द्वारा फलदार पौधों की खेती पर उपलब्ध अनुदान के बारे में जानकारी मिलने के बाद राष्ट्रीय बागवानी मिशन के फल क्षेत्र विस्तार योजना का लाभ लेने का निर्णय लिया। वर्ष 2025-26 में उन्होंने 06 एकड़ भूमि पर पपीते की खेती प्रारंभ की। विभाग द्वारा 2 हेक्टेयर हेतु 36 हजार रुपये का अनुदान भी उन्हें प्राप्त हुआ, जिसने उनकी इस नई पहल को आर्थिक मजबूती प्रदान की।
700 क्विंटल उत्पादन से 10 लाख रुपये तक लाभ की उम्मीद
मेहनत, तकनीकी मार्गदर्शन और समय पर लिए गए निर्णय का परिणाम आज उनके सामने है। विजय ने बताया कि वे इस सीजन में लगभग 700 क्विंटल पपीते का उत्पादन कर रहे हैं। वर्तमान बाजार दर 15 रुपये प्रति किलोग्राम के अनुसार उन्हें लगभग 10.50 लाख रुपये तक की आय होने की उम्मीद है। उनके अनुसार पपीता अन्य परंपरागत फसलों की तुलना में अधिक लाभ देने वाली फसल साबित हो रही है।
क्षेत्र के किसानों के लिए प्रेरणास्रोत बना यह सफल प्रयोग
विजय कुमार देवांगन की सफलता ने क्षेत्र के अन्य किसानों को भी प्रेरित किया है। उन्होंने कहा कि उद्यानिकी विभाग का सहयोग उनके लिए अत्यंत उपयोगी रहा और वे आगे भी विभाग की अन्य योजनाओं का लाभ लेकर अपनी खेती को और आगे बढ़ाने की योजना बना रहे हैं। पपीते की खेती से मिली इस आर्थिक मजबूती ने साबित कर दिया है कि नवाचार, मार्गदर्शन और सरकारी योजनाओं का सही उपयोग किसानों के जीवन में बड़ा परिवर्तन ला सकता है।











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