कांकेर में कुल 23 लाख रुपए के इनामी चार नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण
कांकेर. जिले में कुल 23 लाख रुपए के इनामी चार नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। पुलिस अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिले में आज चार नक्सलियों काजल उर्फ रजीता वेड़दा, मंजूला उर्फ लक्ष्मी पोटाई, विलास उर्फ चैतु उसेंडी और रामसाय उर्फ लखन मर्रापी ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाली नक्सली काजल कंपनी नंबर 10 की सदस्य थी और उसके ऊपर आठ लाख रुपए का इनाम है। वहीं एरिया कमेटी सदस्य मंजूला, टेक्निकल प्लाटून 50 के सदस्य विलास और एरिया कमेटी सदस्य रामसाय पर पांच—पांच लाख रुपए का इनाम है। अधिकारियों ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों पर कई नक्सली घटनाओं में शामिल होने का आरोप है। उन्होंने बताया कि चारों नक्सलियों के समाज में पुनर्वास और पुनर्समावेशन के लिए आवश्यक विधिक प्रक्रिया की जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि राज्य शासन द्वारा अपनाई गई व्यापक नक्सल उन्मूलन नीति ने दक्षिण बस्तर क्षेत्र में स्थायी शांति की मजबूत नींव स्थापित की है। पुलिस, सुरक्षा बलों, स्थानीय प्रशासन, सामाजिक संगठनों और क्षेत्र के जागरूक नागरिकों के सामूहिक और समन्वित प्रयासों से हिंसा और भय की संस्कृति को संवाद और विकास की संस्कृति में बदलने में बड़ी सफलता मिली है। उन्होंने बताया कि मुख्यधारा में लौटने वाले प्रमुख माओवादी कैडरों ने भारतीय संविधान में आस्था व्यक्त करते हुए लोकतांत्रिक व्यवस्था में सम्मानजनक और सुरक्षित जीवन जीने का संकल्प किया है। पुनर्वास प्रक्रिया के तहत प्रत्येक कैडर को प्रोत्साहन स्वरूप 50—50 हजार रुपये की तत्कालिक आर्थिक सहायता प्रदान की गई है। कांकेर जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आईके एलिसेला ने माओवादियों से अपील करते हुए कहा, ''छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति माओवादियों को आकर्षित कर रही है। आत्मसमर्पण करने वालों के परिजन भी चाहते हैं कि वे सामान्य जीवन जियें और समाज के साथ कदम से कदम मिलाकर चलें।'' उन्होंने कहा, ''माओवादी भ्रामक और हिंसक विचारधाराओं को त्यागकर निर्भय होकर समाज की मुख्यधारा में लौटें। शासन की ‘पूना मारगेम' नीति उनके भविष्य को सुरक्षित, सम्मानजनक और स्वावलंबी बनाने के लिए हर संभव सुविधा प्रदान कर रही है।'' पुलिस के अनुसार, पिछले दो सालों में राज्य में 2380 से अधिक नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।






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