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 दसवीं-बारहवीं कक्षा के रिजल्ट में रायपुर जिले के स्कूलों का शानदार प्रदर्शन

-दसवीं कक्षा का रिजल्ट लगभग 13 प्रतिशत बढ़ा
-बारहवीं कक्षा के रिजल्ट में भी 7 प्रतिशत का इजाफा
-उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले स्कूलों के प्राचार्य होंगे सम्मानित
-कलेक्टर डाॅ. भुरे ने की समीक्षा, इस वर्ष के लिए लक्ष्य भी बढ़ा
 रायपुर  /हर विद्यार्थी पर फोकस, मंथली टेस्ट और उसकी विषयवार-विद्यार्थीवार समीक्षा की कलेक्टर डाॅ. भुरे की योजना से रायपुर जिले के सरकारी स्कूलों ने इस बार दसवीं और बारहवीं कक्षा के रिजल्ट में शानदार प्रदर्शन किया है। इस बार कुल सम्मिलित विद्यार्थिंयों मंे से दसवीं कक्षा में लगभग 73 प्रतिशत विद्यार्थी और बारहवीं कक्षा में 82 प्रतिशत विद्यार्थी पास हुए है। वर्ष 2021-22 के तुलना में इस वर्ष दसवीं कक्षा का रिजल्ट लगभग 13 प्रतिशत और बारहवीं कक्षा का रिजल्ट 7 प्रतिशत बढ़ गया है। कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर भुरे ने  शुक्रवार को स्कूल शिक्षा विभाग के जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक मंे पढ़ाई की गुणवत्ता से लेकर शासकीय स्कूलों में उपलब्ध सुविधाओं और अधोसंरचना आदि की समीक्षा की। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अबिनाश मिश्रा, नगर निगम आयुक्त श्री मयंक चतुर्वेदी, सहायक कलेक्टर श्री जयंत नहटा, जिला शिक्षा अधिकारी श्री आर एल ठाकुर सहित सभी विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, सहायक विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी भी शामिल हुए।
उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले स्कूलों के प्राचार्य होंगे सम्मानित- बैठक में कलेक्टर डा.ॅ भुरे ने शिक्षा विभाग के सभी अधिकारियों को बोर्ड परीक्षाओं में शानदार रिजल्ट के लिए बधाई दी। उन्होंने दसवीं कक्षा में 90 प्रतिशत से अधिक रिजल्ट देने वाले और बारहवीं कक्षा में 95 प्रतिशत से अधिक रिजल्ट देने वाले स्कूलों के प्राचार्यों को सम्मानित करने को कहा। यह सम्मान समारोह जल्द ही राजधानी रायपुर में आयोजित होगा। समारोह में ऐसे प्राचार्यों को शाॅल, श्रीफल और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा। उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए तैयार की गई योजना और रणनीति के बारे में भी इन प्राचार्यों के सुझाव और अनुभव अन्य सभी प्राचार्यों से साझा किए जाएंगे। 
 दसवीं कक्षा का रिजल्ट लगभग 13 प्रतिशत बढ़ा- वर्ष 2021-22 के तुलना में इस साल दसवीं कक्षा की परीक्षा में 13 प्रतिशत ज्यादा विद्यार्थी पास हुए हैं। पिछले वर्ष जिले में दसवीं कक्षा की परीक्षा में 19 हजार 199 विद्यार्थीं शामिल हुए थे और 11 हजार 455 विद्यार्थी पास हुए थे। इस वर्ष जिले के 18 हजार 391 विद्यार्थिंयों ने दसवीं कक्षा की परीक्षा दी थी। जिसमें से 13 हजार 360 विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए है। इस वर्ष दसवीं कक्षा में विद्यार्थिंयों के पास होने का प्रतिशत 72.64 है जो कि पिछले वर्ष लगभग 59 प्रतिशत था। इस वर्ष दसवीं कक्षा की मेरिट लिस्ट में जिले के 5 विद्यार्थी शामिल है। जिनमें से 3 शासकीय स्कूलों के है। 
 बारहवीं कक्षा के रिजल्ट में 7 प्रतिशत का इजाफा- वर्ष 2021-22 के तुलना में इस साल बारहवीं कक्षा की परीक्षा में 7 प्रतिशत ज्यादा विद्यार्थी पास हुए हैं। पिछले वर्ष जिले में बारहवीं कक्षा की परीक्षा में 13 हजार 951 विद्यार्थीं शामिल हुए थे और 10 हजार 445 विद्यार्थी पास हुए थे। पिछले वर्ष विद्यार्थिंयों के बारहवीं कक्षा में पास होने का प्रतिशत 74.87 रहा था। इस वर्ष जिले के 16 हजार 632 विद्यार्थिंयों ने बारहवीं कक्षा की परीक्षा दी थी। जिसमें से 13 हजार 646 विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए है। इस वर्ष बारहवीं कक्षा में विद्यार्थिंयों के पास होने का प्रतिशत 82.05 है। इस वर्ष बारहवीं कक्षा की मेरिट लिस्ट में जिले के 10 विद्यार्थी शामिल है। जिनमें से 3 शासकीय स्कूलों के है।
 इस वर्ष 80 प्रतिशत रिजल्ट प्राप्ति का लक्ष्य, एकेडमिक कैलेण्डर भी बनेगा- आज की बैठक में चालू शैक्षणिक वर्ष के लिए जिले में 80 प्रतिशत रिजल्ट प्राप्ति का लक्ष्य निर्धारित किया गया। कलेक्टर डाॅ. भुरे ने समीक्षा के दौरान पिछले वर्ष की रणनीति पर ही अध्ययन-अध्यापन कार्य करने के निर्देंश दिए। उन्होंने विद्यार्थिंयों के मंथली टेस्ट लेकर विषयवार-विद्यार्थीवार गहन समीक्षा करने के निर्देंश दिए। मंथली टेस्ट के आधार पर कमजोर पड़ रहें बच्चों का चिन्हांकन कर उनके लिए एक्स्ट्रा क्लास लगाने से लेकर राइटिंग स्किल बढ़ाने पर भी कलेक्टर ने जोर दिया। उन्होंने विषयवार एकेडमिक कैलेण्डर बनाकर निर्धारित समय में पाठ्यक्रम पूरा करने के भी निर्देंश अधिकारियों को दिए। कलेक्टर ने जिला और विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया कि प्राचार्यों की नियमित रूप से बैठक लेकर समीक्षा करें। उन्होंने स्कूलों में चल रहें निर्माण कार्यों को भी जल्द से जल्द पूरा कराने का निर्देंश दिए। कलेक्टर ने स्कूलों में फर्नीचर, बिजली, पानी आदि व्यवस्थाएं भी समय रहते कर लेने को कहा। बैठक में डाॅ. भुरे ने निर्देंशित किया कि ऐसे विद्यालय जहां विशेष विषय के शिक्षक नही हैं। उनमें पास के स्कूल से विषय पाठ्यक्रम को पूर्ण करने शिक्षकों की व्यवस्था की जाए।

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