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  त्रिफला चूर्ण में सबसे खास है हरड़,  बहुत से रोगों से मुक्ति दिलाने में कारगर.... जानते हैं इसके फायदे  .....
 बहुमूल्य और गुणकारी मसालों में से एक हरड़ सेहत से लेकर सौंदर्य तक हर चीज़ का ख्याल रखती है। इस पेड़ की जड़, तना और फल सभी कुछ गुणकारी है। इसे हरीतकी  कहकर भी पुकारा जाता है, जो त्रिफला रस या चूरन में पाए जाने वाले तीन फलों में से एक है।  पांच रसों से परिपूर्ण हरड़  में खटास, मिठास, तीखापन, कसैला और कड़वाहट पाई जाती है। इसे आप चूस सकते हैं। पाउडर के तौर पर प्रयोग कर सकते हैं। साथ ही रस और काढ़े के रूप में भी पी सकते हैं। 
  एंटी बैक्टीरियल और एंटी इंफ्लामेंटरी गुणों से भरपूर हरड़ रोग प्रतिरोधक क्षमता से भरपूर होती है। हरड़ में प्रोटीन, पोटैशियम, मैग्नीज़, विटामिन्स, आयरन और कॉपर पाया जाता है। मौसमी बीमारियों को दूर रखने में कारगर हरड़ की तासीर गर्म हरेती है। इसमें 24 से 32 फीसदी टैनिन पाया जाता है। इतना ही नहीं, इसमें 18 अमीनो एसिड और फॉस्फोरिक, सक्सिनिक, क्विनिक और शिकिमिक एसिड भी कम मात्रा में मिलता है। ये फल जैसे जैसे पकता है, वैसे वैसे इसमें टैनिन की संख्या कम और टॉक्सिंस की वृद्धि होने लगती है। जानते हैं इसके फायदे  
 स्किन एलर्जी
त्वचा संबधी रोगों में हरड़ का काढ़ा बेहद फायदेमंद साबित होता है। इसके अलावा हरड़ का चूरन खाने से शरीर में ब्लड फ्लो नियमित होता है और नई कोशिकाओं का भी विकास होने लगता है।
 दांतों की समस्या
दांत में दर्द के चलते हरड़ के चूरन को मुंह के अंदर लगाएं। इससे राहत मिलती है। इसके अलावा हरड़ और कत्थे को मिलाकर लेने से दांतों का मज़बूती मिलती है। हरड़ पाउडर को मंजन की तरह प्रयोग में लाने से दांत संबधी रोगों से मुक्ति मिल जाती है। खाने खाने के बाद अगर आप अपने दांत साफ नहीं करते हैं, तो दांतों पर एक परत जम जाती है। इस चिपचिपी परत से जीवाणु मूंह में पनपने लगते हैं। 
जख्मों के लिए लाभकारी
इसके लिए घावों को हरड़ के पानी से धोएं। उसके बाद दो ग्राम हरड़ को पांच ग्राम मक्खन में मिलाएं। उसके बाद उसे जख्म पर लगा दें। इससे जख्त जल्दी सूखने लगता है।
 यूरिन के दौरान जलन
दो से पांच ग्राम हरड़ पाउडर लें। उसमें एक चम्मच शहद को मिला लें। इसके सेवन से यूरिन में जलन और इससे संबधी बाकी समस्याएं हल हो जाएंगी।
 डाइजेस्टिव सिस्टम
 हरड़ को चूसने से वो धीरे धीरे भोजन का रस बना देती है जो आसानी से हज़म हो जाता है। इस प्रकार से इनडाइजेशन की समस्या अपने आप हल हो जाती है। ऐसे में खाने के बाद हरड़ कैण्डी या हरड़ चूरन को ले सकते हैं। इसके नियमित सेवन से वेट रिडक्शन में भी फायदा मिलता है।
 सेवन से पहले इन बातों का रखें ख्याल
- प्रेग्नेंट महिलाओं को हरड़ का चूरन लेने से बचना चाहिए।
-अगर आप किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त है, तो डॉक्टरी सलाह के बाद ही हरड़ का सेवन करें।
-इसके अधिक सेवन से जलन की समस्या हो सकती है।
-इसमें पाए जाने वाले लैक्सेटिव तत्व के चलते ज्यादा मात्रा में खाने से दस्त का कारण भी सि़द्ध हो सकती है।

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