रूखी और पपड़ीदार स्किन के लिए कारगर हैं ये घरेलू उपचार
सर्दियों का मौसम आते ही सबसे आम स्किन प्रॉब्लम होती है रूखी और पपड़ीदार त्वचा (Dry and Flaky Skin)। चेहरे पर खिंचाव, हाथों में रूखापन और पैरों की एड़ियों में दरारें न सिर्फ दर्द देती हैं बल्कि आपकी स्किन की खूबसूरती भी छीन लेती हैं। बाजार में मिलने वाले महंगे मॉइश्चराइजर और क्रीम्स कुछ समय के लिए राहत जरूर देते हैं, लेकिन उनमें मौजूद केमिकल्स लंबे समय में स्किन को और ज्यादा डिहाइड्रेट कर सकते हैं। ऐसे में जरूरत होती है घरेलू नुस्खों की, जो आपकी स्किन को नेचुरल तरीके से मॉइश्चराइज और पोषित करें।
रूखी और पपड़ीदार त्वचा का घरेलू इलाज
1. तिल का तेल
तिल के तेल में फैटी एसिड्स और विटामिन E भरपूर मात्रा में होते हैं जो स्किन की नेचुरल नमी को लॉक करते हैं। इसे नहाने के बाद हल्के गीले शरीर पर लगाने से ड्राइनेस कम होती है और त्वचा में कोमलता आती है। रात में सोने से पहले चेहरे पर तिल तेल की कुछ बूंदें लगाने से रूखेपन और पपड़ी से राहत मिलती है। आयुर्वेद में सर्दियों के लिए तिल के तेल को त्वचा पोषक तेल कहा गया है, जो वात दोष को शांत करता है और त्वचा की कोमलता बनाए रखता है।
2. दूध और मलाई
दूध में मौजूद लैक्टिक एसिड त्वचा की मृत कोशिकाओं को हटाकर नई कोशिकाओं के विकास में मदद करता है। मलाई (Milk Cream) एक गाढ़ा नेचुरल मॉइश्चराइजर है जो त्वचा की गहराई तक जाकर उसे मुलायम बनाता है। एक चम्मच मलाई में चुटकीभर हल्दी और कुछ बूंदें गुलाबजल मिलाकर लगाने से स्किन में निखार आता है। इसे रोजाना नहाने से पहले चेहरे या कोहनी जैसे रूखे हिस्सों पर लगाना बेहद लाभदायक होता है।
3. शहद
शहद (Honey) एक नेचुरल ह्यूमेक्टेंट है यानी यह त्वचा में नमी को बनाए रखता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबैक्टीरियल गुण भी पाए जाते हैं जो त्वचा को हेल्दी और ग्लोइंग बनाते हैं। ड्राई स्किन के लिए शहद को सीधे चेहरे पर लगाकर 10-15 मिनट रखें और फिर ताजे पानी से धो लें। इससे त्वचा में ताजगी और नमी दोनों लौट आती हैं। चाहें तो शहद में कुछ बूंदें नींबू रस या गुलाबजल मिलाकर भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
4. एलोवेरा जेल
एलोवेरा (Aloe Vera) में पानी की मात्रा अधिक होती है और इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण स्किन की जलन, खुजली और पपड़ीदार त्वचा में राहत देते हैं। आप घर के एलोवेरा पौधे से ताजा जेल निकालकर सीधे चेहरे और हाथों पर लगा सकते हैं। इसे 15 मिनट बाद धो लें। यह स्किन को ठंडक देता है और कोमल बनाता है।
आयुर्वेद के अनुसार, जब शरीर में वात दोष बढ़ जाता है तो त्वचा की नमी और तैलीयता घट जाती है। वात बढ़ने के कारण त्वचा सूखने लगती है, झुर्रियां और बेजानपन आने लगता है। इसे संतुलित करने के लिए तिल के तेल (Sesame Oil) से रोजाना अभ्यंग यानी पूरे शरीर की मालिश करने की सलाह दी जाती है। साथ ही, घी, दूध और बादाम जैसे स्निग्ध पदार्थों का सेवन भी त्वचा की नमी बनाए रखने में सहायक होता है।
निष्कर्ष
रूखी और पपड़ीदार त्वचा सिर्फ एक ब्यूटी इश्यू नहीं, बल्कि शरीर में नमी की कमी और असंतुलित लाइफस्टाइल का संकेत भी हो सकता है। केमिकल क्रीम्स की बजाय घर में मौजूद ये प्राकृतिक उपाय लंबे समय तक त्वचा को हेल्दी और चमकदार बनाए रखते हैं। यदि ड्राइनेस के साथ खुजली या फटने की समस्या बढ़ जाए, तो डॉक्टर या डर्मेटोलॉजिस्ट से परामर्श लेना भी जरूरी है।




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