‘सम्मोहक और दूरदर्शी रचनाकर्म' के लिए हंगरी के लास्लो क्रास्नाहोरकाई को साहित्य का नोबेल
स्टॉकहोम,। हंगरी के लेखक लास्लो क्रास्नाहोरकाई को इस साल का साहित्य का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। यह घोषणा बृहस्पतिवार को की गई। क्रास्नाहोरकाई (71) की प्रशस्ति में कहा गया है कि उन्हें उनके ‘सम्मोहक और दूरदर्शी रचनाकर्म के लिए चुना गया है जो सर्वनाशी भय के बीच कला की ताकत की पुष्टि करता है।'' लास्लो क्रास्नाहोरकाई की पहली कृति ‘‘सैटानटैंगो' के साथ ही ‘‘द मेलांकली ऑफ रेसिस्टेंस'' सहित कई कृतियों को हंगेरियन निर्देशक बेला टार ने फिल्मों में रूपांतरित किया है। नोबेल समिति के स्टीव सेम-सैंडबर्ग ने घोषणा के समय कहा, ‘‘नोबेल निर्णायकों ने उनकी कलात्मक दृष्टि की प्रशंसा की, जो पूरी तरह से भ्रम से मुक्त है और जो कला की शक्ति में उनके अटूट विश्वास के साथ सामाजिक व्यवस्था की भंगुरता को समझती है।'' नोबेल निर्णायकों ने कहा, ‘‘लास्लो क्रास्नाहोरकाई मध्य यूरोपीय परंपरा के एक महान महाकाव्य लेखक हैं, जो परंपरा (फ्रांज) काफ्का से थॉमस बर्नहार्ड तक फैली हुई है, और बेतुकेपन और विचित्र अतिरेक से युक्त है।'' उनकी अन्य पुस्तकों में ‘‘बैरन वेंकहाइम्स होमकमिंग'' भी मशहूर है, जो एक जुए के आदी अभिजात्य वर्ग के व्यक्ति की विस्तृत गाथा है।
उन्होंने चीन और जापान की अपनी यात्राओं से प्रेरित होकर भी कई किताबें लिखी हैं, जिनमें 2003 में हंगेरियन भाषा में प्रकाशित ‘‘एक माउंटेन टू द नॉर्थ, ए लेक टू द साउथ, पाथ्स टू द वेस्ट, ए रिवर टू द ईस्ट'' है। सेम-सैंडबर्ग ने कहा कि क्रास्नाहोरकाई कुछ समय से नोबेल पुरस्कार की दौड़ में थे, ‘‘और वह एक के बाद एक उत्कृष्ट रचनाएं लिखते और रचते रहे हैं।'' उन्होंने क्रास्नाहोरकाई के साहित्यिक योगदान को ‘‘विशुद्ध उत्कृष्टता की लगभग आधी सदी'' की संज्ञा दी। इस संबंध में तत्काल क्रास्नाहोरकाई की प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी। उन्होंने घोषणा के समय कुछ नहीं कहा। लेखक का जन्म रोमानिया की सीमा के पास, हंगरी के दक्षिण-पूर्वी शहर ग्युला में हुआ था। 1970 के दशक के दौरान, उन्होंने सेगेड और बुडापेस्ट शहरों के विश्वविद्यालयों में कानून की पढ़ाई करने के बाद अपना ध्यान साहित्य सृजन में लगाया। क्रास्नाहोरकाई की वेबसाइट के जीवनी अनुभाग के अनुसार, उन्होंने यूरोप, एशिया और अमेरिका में व्यापक रूप से यात्रा की है, और कई अलग-अलग देशों में रहे हैं। वह हंगरी के निरंकुश प्रधानमंत्री विक्टर ओरबान के मुखर आलोचक रहे हैं और खासकर रूसी आक्रमण के बाद उनकी सरकार द्वारा यूक्रेन को समर्थन न देने के विरोधी रहे हैं। उन्होंने इस साल ‘येल रिव्यू' को दिए एक साक्षात्कार में कहा था, ‘‘जब रूस अपने पड़ोसी देश पर आक्रमण करता है, तो कोई देश तटस्थ कैसे रह सकता है?'' लेकिन फेसबुक पर एक पोस्ट में, ओरबान ने क्रास्नाहोरकाई को तत्काल बधाई देते हुए कहा, ‘‘हंगरी के गौरव, ग्युला से पहले नोबेल पुरस्कार विजेता लेखक लास्लो क्रास्नाहोरकाई। बधाई!'' क्रास्नाहोरकाई को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है, जिनमें 2015 का मैन बुकर इंटरनेशनल सम्मान भी शामिल है। बुकर के निर्णायकों ने उनके ‘‘असाधारण वाक्यों, अविश्वसनीय लंबाई के वाक्यों, जो अविश्वसनीय रूप से लंबे होते हैं, और उनके स्वर जो गंभीरता से पागलपन, फिर प्रश्नवाचक और फिर तन्हा हो जाते हैं, जैसे-जैसे वे अपनी मनमानी करते हैं'' ....की प्रशंसा की। उन्होंने 2019 में ‘‘बैरन वेंकहाइम्स होमकमिंग'' के लिए अमेरिका में अनुवादित साहित्य का राष्ट्रीय पुस्तक पुरस्कार भी जीता था। अमेरिकी लेखिका और आलोचक सुजैन सोनटैग ने क्रास्नाहोरकाई को ‘‘सर्वनाश का समकालीन गुरु'' बताया है। क्रास्नाहोरकाई अमेरिकी कवि और लेखक एलन गिंसबर्ग के भी मित्र थे और न्यूयॉर्क शहर की यात्रा के समय नियमित रूप से गिंसबर्ग के आवास में ठहरते थे। सेम-सैंडबर्ग ने कहा कि क्रास्नाहोरकाई में ‘‘अपनी दुनिया, अपनी साहित्यिक दुनिया को आपके सामने साकार करने की अद्भुत क्षमता है। मेरा मतलब है, आप अपने आस-पास घटित होने वाली हर चीज के बीच में होते हैं, और यह एक बड़ी खूबी है। बहुत कम लेखक ऐसा कर पाते हैं।'' वह 2002 में नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले इमरे कर्टेज के बाद हंगरी से यह पुरस्कार जीतने वाले पहले व्यक्ति हैं। वह पुरस्कार विजेताओं की उस प्रतिष्ठित सूची में शामिल हो गए हैं जिसमें अर्नेस्ट हेमिंग्वे, टोनी मॉरिसन और काजुओ इशिगुरो शामिल हैं। स्वीडिश अकादमी की नोबेल समिति द्वारा अब तक कुल 121 विजेताओं को साहित्य के क्षेत्र में यह पुरस्कार 117 बार प्रदान किया जा चुका है। पिछले वर्ष का पुरस्कार दक्षिण कोरियाई लेखिका हान कांग को उनकी उस कृति के लिए दिया गया था जिसके बारे में समिति ने कहा था कि वह ‘‘ऐतिहासिक आघातों का सामना करती है और मानव जीवन की संवेदनशीलता को उजागर करती है।'' चिकित्सा, भौतिकी और रसायन विज्ञान के क्षेत्र में 2025 के नोबेल पुरस्कारों की घोषणा के बाद, साहित्य का पुरस्कार इस सप्ताह घोषित होने वाला चौथा पुरस्कार है। नोबेल शांति पुरस्कार के विजेता की घोषणा शुक्रवार को की जाएगी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को इस पुरस्कार के लिए चुने जाने की संभावना कम ही मानी जा रही है। हालांकि उन्होंने हाल में संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधियों से कहा था कि ‘‘हर कोई कहता है कि मुझे नोबेल शांति पुरस्कार मिलना चाहिए।'' अंतिम नोबेल, अर्थशास्त्र का नोबेल मेमोरियल पुरस्कार, सोमवार को घोषित किया जाएगा।
नोबेल पुरस्कार समारोह 10 दिसंबर को आयोजित किए जाते हैं। यह इस पुरस्कार के संस्थापक अल्फ्रेड नोबेल की पुण्यतिथि है जिनका 1896 में निधन हुआ था। नोबेल एक स्वीडिश उद्योगपति और डायनामाइट के आविष्कारक थे। प्रत्येक पुरस्कार में 1.1 करोड़ स्वीडिश क्रोनर (लगभग 12 लाख डॉलर) की राशि प्रदान की जाती है, और विजेताओं को 18 कैरेट का स्वर्ण पदक और एक प्रमाणपत्र भी दिया जाता है।

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