वित्त मंत्री ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत सात सेक्टरों में सरकारी सुधारों और सहायक उपायों की घोषणा की
- रोजगार को बढ़ावा देने हेतु मनरेगा के लिए आवंटन में 40 हजार करोड़ रुपये की वृद्धि
- भारत को भावी महामारियों हेतु तैयार करने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य में निवेश बढ़ाने के साथ-साथ स्वास्थ्य संबंधी अन्य सुधार
- कोविड के बाद समानता के साथ प्रौद्योगिकी आधारित शिक्षा
- आईबीसी से संबंधित उपायों के जरिए कारोबार में सुगमता बढ़ाई जाएगी
- कंपनी अधिनियम से संबंधित डिफॉल्ट को अपराध की श्रेणी से हटाया गया
-कंपनियों के लिए कारोबार करने में सुगमता
-एक नए, आत्मनिर्भर भारत के लिए सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम नीति
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 12 मई 2020 को भारत की जीडीपी के 10 प्रतिशत के बराबर 20 लाख करोड़ रुपये के एक विशेष आर्थिक और व्यापक पैकेज की घोषणा की। उन्होंने आत्मनिर्भर भारत अभियान का आह्वान किया। उन्होंने आत्मनिर्भर भारत के पांच स्तंभों यथा अर्थव्यवस्था, अवसंरचना, प्रणाली, युवा आबादी या शक्ति और मांग को भी रेखांकित किया।
केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत कोविड-19 से लडऩे के लिए घोषित किए गए प्रोत्साहन या राहत पैकेज पर आज यहां आयोजित पांचवीं प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अपने आरंभिक संबोधन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 12 मई 2020 को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में व्यक्त किए गए विजन का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री को उद्धृत करते हुए श्रीमती सीतारमण ने कहा कि एक राष्ट्र के रूप में हम अत्यंत अहम मोड़ पर हैं। कोविड-19 महामारी एक संदेश और एक अवसर लेकर आई है। हमें अब आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करने की आवश्यकता है।
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सिद्ध करने के लिए आत्मनिर्भर भारत पैकेज में भूमि, श्रम, तरलता और कानूनों पर विशेष जोर दिया गया है। संकट और चुनौती एक आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करने का अवसर है। वित्त मंत्री ने कहा कि सुधारों की श्रृंखला के तहत ही आज भी अहम घोषणाएं की गई हैं। लॉकडाउन के तुरंत बाद हमने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (पीएमजीकेपी) की घोषणा कर दी। 1.70 लाख करोड़ रुपये के पीएमजीकेपी के एक हिस्से के रूप में सरकार ने मुफ्त खाद्यान्न के वितरण, महिलाओं एवं गरीब वरिष्ठ नागरिकों और किसानों को नकद भुगतान, इत्यादि की घोषणा की। पैकेज के त्वरित कार्यान्वयन पर निरंतर करीबी नजर रखी जा रही है। लगभग 41 करोड़ गरीबों को पीएमजीकेपी के तहत 52 हजार 608 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता मिली। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि पीएमजीकेपी के तहत लोगों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग किया गया है। उन्होंने कहा कि हमने जो भी किया वह पिछले कुछ वर्षों के दौरान की गई अभिनव पहलों की बदौलत ही संभव हो पाया।
इसके अलावा, राज्यों द्वारा 84 लाख मीट्रिक टन अनाज उठाया गया है और साथ ही 3.5 लाख मीट्रिक टन से अधिक दालें विभिन्न राज्यों में भेजी गई हैं। और ढुलाई संबंधी चुनौतियों के बावजूद बड़ी मात्रा में दालें और अनाज देने के लिए श्रीमती सीतारमण ने एफसीआई, नैफेड और राज्यों के ठोस प्रयासों की सराहना की है।
सरकारी सुधारों और समर्थन की दिशा में उठाए गए उपायों के 5वें और आखिरी हिस्से की घोषणा करते हुए श्रीमती सीतारमण ने रोजगार प्रदान करने, कारोबारों को सहायता देने, ईज़ ऑफ डूइंग बिजऩेस (व्यापार करने में आसानी) और राज्य सरकारों के साथ-साथ शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों के लिए सात उपायों के बारे में ब्यौरा दिया।
मुख्य सुधारों में शामिल हैं-
- स्वीकृत विदेशी बाजारों में भारतीय सार्वजनिक कंपनियों द्वारा प्रतिभूतियों का प्रत्यक्ष सूचीबद्ध होना।
-निजी कंपनियां जो स्टॉक एक्सचेंजों पर एनसीडी को सूचीबद्ध करती हैं, उन्हें सूचीबद्ध कंपनियों के रूप में नहीं माना जाएगा।
- कंपनी अधिनियम, 1956 के भाग 9 ए (निर्माता कंपनियों) के प्रावधानों को कंपनी अधिनियम, 2013 में शामिल करना।
-एनसीएलएटी के लिए अतिरिक्त / विशिष्ट बेंच गठित करने की शक्ति
- छोटी कंपनियों, एक-व्यक्ति के स्वामित्व वाली कंपनियों, निर्माता कंपनियों और स्टार्ट अप के द्वारा की गयी गलतियों के लिए आर्थिक दंड में कमी।
-. नए, आत्मनिर्भर भारत के लिए सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम नीति
सरकार एक नई नीति की घोषणा करेगी जिसके द्वारा-
सार्वजनिक हित में पीएसई की अपेक्षा रखने वाले रणनीतिक क्षेत्रों की सूची अधिसूचित की जाएगी। सामरिक क्षेत्रों में, कम से कम एक उद्यम सार्वजनिक क्षेत्र में रहेगा लेकिन निजी क्षेत्र को भी इजाजत दी जाएगी। अन्य क्षेत्रों में, पीएसई का निजीकरण किया जाएगा (समय का निर्धारण व्यवहार्यता पर आधारित होगा।)
अनावश्यक प्रशासनिक खर्च को कम करने के लिए, सामरिक क्षेत्रों में उद्यमों की संख्या आमतौर पर केवल एक से चार होगी; अन्य का निजीकरण/विलय कर दिया जाएगा/ होल्डिंग कम्पनियों के अंतर्गत लाया जाएगा।
राज्य सरकारों को सहायता
केन्द्र ने केवल वर्ष 2020-21 के लिए राज्यों की उधार की सीमा 3त्न से बढ़ाकर 5 प्रतिशत करने का फैसला किया है। इससे राज्यों को 4.28 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त संसाधन मिल सकेंगे। इस उधार का हिस्सा कुछ विशिष्ट सुधारों से जोड़ा जाएगा (वित्त आयोग की सिफारिशों सहित)। सुधारों को चार क्षेत्रों से जोड़ा जाएगा- एक देश एक राशन कार्ड का सार्वभौमिकरण, कारोबार में सुगमता, बिजली वितरण और शहरी स्थानीय निकाय। एक विशिष्ट योजना, व्यय विभाग द्वारा निम्नलिखित पैटर्न पर अधिसूचित की जाएगी।
0.50 प्रतिशत की बिना शर्त वृद्धि
0.25 प्रतिशत के 4 हिस्सों में 1 प्रतिशत, जिसमें प्रत्येक हिस्सा स्पष्ट रूप से निर्दिष्ट, मापने योग्य और व्यवहार्य सुधार कार्यों से जुड़ा हुआ हो
आगे 0.50 प्रतिशत और, अगर चार में से कम से कम तीन सुधार क्षेत्रों में उपलब्धियां हासिल कर लीजाएं। वित्त मंत्री ने आत्मनिर्भर भारत बनने के लिए अब तक प्रदान किए गए प्रोत्साहन उपायों का ब्यौरा प्रदान कर अपनी बात समाप्त की।
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