भर्तियों के लिए एक ही विशेषज्ञ पर भरोसा करने की प्रवृत्ति से बचें : केंद्र ने अपने विभागों से कहा
नयी दिल्ली। केंद्र सरकार ने अपने सभी विभागों से कहा है कि उन्हें भर्तियों के लिए लंबे समय तक एक ही विशेषज्ञ पर बार-बार भरोसा करने की प्रवृत्ति से बचना चाहिए। इसके साथ ही केंद्र ने स्वायत्त संगठनों में नियुक्तियों के लिए ‘तलाश-सह-चयन' समितियों के गठन के लिए ‘‘क्या करें और क्या नहीं करें'' संबंधी नया निर्देश जारी किया। कार्मिक मंत्रालय ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि पद के लिए सही उम्मीदवार की पहचान हो सके, ऐसी समितियों में नए लोगों को शामिल करने की जरूरत है। मंत्रालय ने (स्वायत्त संगठनों में पदों के लिए) ‘तलाश-सह-चयन' समितियों की स्थापना के लिए पालन किए जाने वाले सिद्धांतों और दिशानिर्देशों के संबंध में एक व्यापक आदेश जारी किया है। ऐसी समितियों के लिए समेकित और संशोधित निर्देशों का ब्यौरा देते हुए आदेश में कहा गया है कि चयन समितियों का गठन पदों के विज्ञापन का विकल्प नहीं हो सकता है और उनकी भूमिका केवल विज्ञापनों के माध्यम से भर्ती प्रयास के पूरक होने का है। इसमें कहा गया है कि ऐसे पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन के जवाब में आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों को कम से कम चार सप्ताह का समय दिया जा सकता है। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के 31 अगस्त के आदेश में कहा गया है कि भर्तियों के लिए समान विशेषज्ञों पर ही बार-बार भरोसा करने की प्रवृत्ति से बचा जाना चाहिए।








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