संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन शुरू, भारत ने जलवायु वित्त पर ध्यान केंद्रित किया
नयी दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र का जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन रविवार को मिस्र में शुरू हुआ। भारत को उम्मीद है कि सम्मेलन के दौरान जलवायु वित्त पर चर्चा में अच्छी प्रगति होगी। रविवार को जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूएनएफसीसीसी) के लिए ‘कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज' (सीओपी) के 27वें संस्करण के दौरान भारत जलवायु वित्त की परिभाषा पर स्पष्टता चाहता है कि ये अनुदान, ऋण या सब्सिडी या अन्य किस रूप में है। साथ ही भारत जलवायु परिवर्तन और इसके चलते होने वाली आपदाओं से निपटने के लिए आवश्यक प्रौद्योगिकी और वित्त की उपलब्धता बढ़ाने के लिए विकसित देशों पर दबाव बनाना चाहता है। जलवायु वित्त की परिभाषा में अभाव के चलते विकसित देश ऋणों को जलवायु से संबंधित सहायता के रूप में उपलब्ध कराते हैं। अधिकारियों ने कहा कि भारत ऋणों को जलवायु वित्त के रूप में वर्गीकृत करने के किसी भी प्रयास का विरोध करेगा। भारत इस बात पर भी जोर देगा कि यह ऐसे कुछ देशों में शुमार है, जिसने पेरिस में निर्धारित 2015 के जलवायु लक्ष्यों को पूरा किया है। सीओपी27 सम्मेलन के दौरान भारत जलवायु संबंधी न्याय पर भी जोर डालेगा।


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