अपनी वेबसाइट पर पालतू जानवरों से संबंधित नीति को प्रमुखता से दर्शाएं विमानन कंपनियां : डीजीसीए
नयी दिल्ली. नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने मंगलवार को सभी विमानन कंपनियों को उड़ानों में पालतू जानवरों को ले जाने से संबंधित नीति तैयार करने और उसे अपनी वेबसाइट पर प्रमुखता से दर्शाने की सलाह दी। विमानन कंपनियों को भारत के भीतर और बाहर अपनी उड़ानों में जानवरों, पक्षियों और सरीसृप जीवों को ले जाने की अनुमति है। मौजूदा समय में कम से कम दो भारतीय विमानन कंपनियां-एअर इंडिया और अकासा एयर-यात्रियों को सभी उड़ानों में पालतू जानवरों को साथ ले जाने की सुविधा प्रदान करती हैं। वहीं, स्पाइसजेट में घरेलू उड़ानों के ‘कार्गो होल्ड' (विमान का वह हिस्सा, जिसमें सामान ढोया जाता है) में पालतू जानवरों को ले जाने की इजाजत है। डीजीसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) ने यात्री ‘कंपार्टमेंट' में पालतू जानवरों को ले जाने के संबंध में अभी तक कोई मानक और अनुशंसित दिशा-निर्देश जारी नहीं किए हैं। अमेरिका के संघीय उड्डयन प्राधिकरण (एफएए) ने देश की विमानन कंपनियों को केबिन में पालतू जानवरों को ले जाने के संबंध में अपने-अपने स्तर पर नीतियां बनाने की इजाजत दे रखी है। दुनिया के अन्य देशों के सुरक्षा नियामकों ने भी केबिन के अंदर पालतू जानवरों को ले जाने के संबंध में कोई विशेष नीति जारी नहीं की है और उन्होंने विमानन कंपनियों को इसके लिए संबंधित नियम-कायदे तैयार करने की अनुमति दे रखी है। डीजीसीए के अधिकारी ने कहा कि मौजूदा मानदंडों के अनुसार, विमानन कंपनियों को केबिन में पालतू जानवरों/जीवित जानवरों को ले जाने के संबंध में अपनी खुद की नीति तैयार करने की अनुमति है, क्योंकि उड़ान की सुरक्षा की अंतिम जिम्मेदारी उसके मुख्य पायलट की होती है। उन्होंने कहा, “सभी विमानन कंपनियों को यात्रियों की बेहतर समझ के लिए पालतू जानवरों को ले जाने से संबंधित नीति तैयार करने और अपनी वेबसाइट पर प्रमुखता से प्रदर्शित करने की सलाह दी जाती है।






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