उप्र की मंत्री कमल रानी वरुण की कोरोना से मौत
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री कमल रानी वरुण का रविवार को निधन हो गया। 18 जुलाई को कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद उन्हें लखनऊ के एसजीपीआई अस्पताल में दाखिल कराया गया था। आज सुबह उन्होंने अंतिम सांस लीं। उत्तर प्रदेश में किसी मंत्री की कोरोना से यह पहली मौत है।
कमल रानी वरुण योगी सरकार में प्राविधिक शिक्षा मंत्री थीं। कमल रानी वरुण की तबीयत खराब होने के बाद उनका सैंपल जांच के लिए सिविल अस्पताल में भेजा गया था। 18 जुलाई को उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। रिपोर्ट आने के बाद उन्हें एसजीपीजीआई में भर्ती कराया गया था। उन्होंने अपने राजनीतिक करिअर की शुरुआत मलिन बस्तियों से की। वे सेवा भारती के सेवा केंद्र में बच्चों को पढ़ाने के साथ ही गरीब महिलाओं को सिलाई, कढ़ाई और बुनाई का प्रशिक्षण दिया करती थीं।
1989 में वह कानपुर के द्वारिकापुरी वॉर्ड स भाजपा के टिकट पर पार्षद बनीं। 1995 में वे दूसरी बार पार्षद का चुनाव जीतीं। भाजपा ने 1996 में उन्हें उस घाटमपुर (सुरक्षित) संसदीय सीट से चुनाव मैदान में उतारा। वह 1998 में उसी सीट से दूसरी बार चुनाव जीतीं। हालांकि 1999 के लोकसभा चुनाव में उन्हें सिर्फ 585 मतों से बीएसपी के प्यारेलाल संखवार से चुनाव हार गई थीं। सांसद रहते हुए कमलरानी ने लेबर ऐंड वेलफेयर, उद्योग, महिला सशक्तिकरण, राजभाषा और पर्यटन मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समितियों में भी काम किया।
कमल रानी के निधन से समाज को बड़ी क्षति- योगी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनके निधन पर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी गंभीर संवेदना व्यक्त की। श्री योगी ने ट्वीट किया-
उत्तर प्रदेश सरकार में मेरी सहयोगी, कैबिनेट मंत्री श्रीमती कमल रानी वरुण जी के असमय निधन की सूचना, व्यथित करने वाली है। प्रदेश ने आज एक समर्पित जननेत्री को खो दिया। उनके परिजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान प्रदान करें-ओम शांति!
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