ब्रेकिंग न्यूज़

क्या होता है पितृपक्ष, कौन कहलाते हैं पितर और कैसे करें श्राद्ध,

हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद महीने की पूर्णिमा से लेकर आश्विन माह की अमावस्या तक की अवधि को पितृ पक्ष कहते हैं। इस बार 13 सितंबर से श्राद्ध पक्ष शुरू हो रहे हैं, जो कि 28 सितंबर को सर्वपितृ अमावस्या के साथ समाप्त होंगे। श्राद्ध पक्ष को पितृपक्ष और महालय के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि श्राद्ध पक्ष में जो जीव मृत्यु को प्राप्त कर चुके हैं उनकी पवित्र आत्माएं पितृपक्ष के दौरान धरती पर किसी न किसी रूप में अपने जीवित परिजनों को आशीर्वाद देने के लिए आती हैं।
श्राद्ध किसे कहते हैं?
श्राद्ध का अर्थ है श्रद्धा पूर्वक अपने पूर्वजों को जो इस समय जीवित नहीं है उनका आभार प्रगट करना। शास्त्रों के अनुसार पितृपक्ष के दौरान ऐसे परिजन जो अपने शरीर को छोड़कर चले गए हैं, उनकी आत्मा के तृप्ति के लिए उन्हें तर्पण दिया जाता है, इसे ही श्राद्ध कहा जाता है। ऐसी कहा जाता है कि पितृपक्ष में मृत्यु के देवता यमराज इन जीवो को कुछ समय के लिए मुक्त कर देते हैं, ताकि ये धरती पर जाकर तर्पण ग्रहण कर सकें।
कौन कहलाते हैं पितर
ऐसे व्यक्ति जो इस धरती पर जन्म लेने के बाद जीवित नहीं है उन्हें पितर कहते हैं। ये विवाहित हों या अविवाहित, बच्चा हो या बुजुर्ग, स्त्री हो या पुरुष उनकी मृत्यु हो चुकी है उन्हें पितर कहा जाता है। पितरों की आत्मा की शांति के लिए भाद्रपद महीने के पितृपक्ष में उनको तर्पण दिया जाता है। पितर पक्ष समाप्त होते ही  परिजनों को आशीर्वाद देते हुए पितरगण वापस मृत्युलोक चले जाते हैं।
पितृपक्ष में कैसे करें श्राद्ध
श्राद्ध पक्ष के दिनों में पूजा और तर्पण करें। पितरों के लिए बनाए गए भोजन के चार ग्रास निकालें और उसमें से एक हिस्सा गाय, दूसरा हिस्सा कुत्ते, तीसरा हिस्सा कौए और एक हिस्सा अतिथि के लिए रख दें। गाय, कुत्ते और कौए को भोजन देने के बाद ब्राह्मण को भोजन कराएं।
श्राद्ध की महत्वपूर्ण तारीखें
पंचमी श्राद्ध- जिन पितरो की मृत्यु पंचमी तिथि को हुई हो या अविवाहित स्थिति में हुई है तो उनके लिए पंचमी तिथि का श्राद्ध किया जाता है।
नवमी श्राद्ध – नवमी तिथि को मातृनवमी के नाम से भी जाना जाता है। इस तिथि पर श्राद्ध करने से कुल की सभी दिवंगत महिलाओं का श्राद्ध हो जाता है।
चतुर्दशी श्राद्ध- इस तिथि उन परिजनों का श्राद्ध किया जाता है जिनकी अकाल मृत्यु हुई हो
सर्वपितृ अमावस्या- जिन लोगों के मृत्यु के दिन की सही-सही जानकारी न हो, उनका श्राद्ध अमावस्या को किया जाता है।
 

Related Post

Leave A Comment

Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).

Chhattisgarh Aaj

Chhattisgarh Aaj News

Today News

Today News Hindi

Latest News India

Today Breaking News Headlines News
the news in hindi
Latest News, Breaking News Today
breaking news in india today live, latest news today, india news, breaking news in india today in english