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भारत को डिजिटल गेमिंग के क्षेत्र में नेतृत्व करना चाहिए, संस्कृति से प्रेरित गेम विकसित करे : मोदी


नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि भारत को अपनी संस्कृति और लोक कथाओं से प्रेरित गेम विकसित कर डिजिटिल गेमिंग के क्षेत्र में मौजूद विपुल संभावनाओं का लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वैश्विक मानकों को पूरा करने वाले उत्पादों के विनिर्माण के अलावा प्रौद्योगिकी एवं नवोन्मेष के उपयोग पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक देश में खिलौनों के विनिर्माण को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा के लिये एक बैठक में मोदी ने कहा कि खिलौने एक भारत श्रेष्ठ भारत अभियान को आगे बढ़ाने के लिये उत्कृष्ट माध्यम हो सकते हैं। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, हमें भारत की सभ्यतागत महानता को अपने देश में बने खिलौने के जरिये प्रदर्शित करने के तरीके ढूंढने पर अवश्य गौर करना चाहिए। एक व्यावसायिक खिलौना क्षेत्र आत्मनिर्भर भारत के हमारे सपनों को और भी साकार करेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में खिलौनों के विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिये एक विस्तृत बैठक हुई। हमारा ध्यान इस क्षेत्र को सहयोग प्रदान करने और ऐसे खिलौने तैयार करने पर होना चाहिए जो शारीरिक तंदुरूस्ती और समग्र व्यक्तित्व के विकास को सुनिश्चित करता हो। मोदी ने एक अन्य ट्वीट में कहा, मैं स्टार्ट-अप और युवाओं से खिलौना क्षेत्र में नवोन्मेष पर ध्यान केंद्रित करने का अनुरोध करता हूं। शैक्षणिक संस्थान भी इस पर हैकथॉन का आयोजन कर सकते हैं। एक अन्य क्षेत्र जिस पर हम ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं वह है पर्यावरण हितैषी खिलौने बनाना। उन्होंने कहा कि खिलौना प्रौद्योगिकी एवं डिजाइन में नवोन्मेष के लिये हैकथॉन का आयोजन करने की जरूरत है।
 उल्लेखनीय है कि हैकथॉन कंप्यूटर कोडिंग कार्यक्रम होता है, जिसमें कई सारे कंप्यूटर विशेषज्ञ और अन्य इच्छुक लोग किसी नए सॉफ्टवेयर प्रोग्राम को तैयार करने के लिए एक मंच पर एकत्र होते हैं। बयान में मोदी को उद्धृत करते हुए कहा गया है कि भारतीय संस्कृति एवं लोकाचार से जुड़े खिलौनों का उपयोग सभी आंगनवाड़ी केंद्रों और स्कूलों में अध्यापन के उपकरण के रूप में बच्चों के सर्वांगीण विकास में किया जाना चाहिए। तेजी से बढ़ते डिजिटल गेमिंग क्षेत्र का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि भारत को इस क्षेत्र में मौजूद विपुल संभावनाओं का लाभ उठाना चाहिए और भारतीय संस्कृति एवं लोक कथाओं से प्रेरित गेम विकसित कर अंतरराष्ट्रीय डिजिटल गेमिंग क्षेत्र का नेतृत्व करना चाहिए। उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि यह देश कई खिलौना क्लस्टर का घर है और स्वदेशी खिलौने बनाने वाले हजारों कारीगरों के न सिर्फ सांस्कृतिक संपर्क हैं, बल्कि वे बच्चों के बाल्यकाल के दौरान उनके बीच कौशल विकास करने में भी मदद करते हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के क्लस्टर को नवोन्मेष के जरिये बढ़ावा दिया जाना चाहिए। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और स्मृति ईरानी तथा अन्य बैठक में उपस्थित थे। बयान में कहा गया कि बैठक को इस बात से अवगत कराया गया कि भारतीय खिलौना बाजार की असीम संभावना है और यह आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत 'वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा देकर इस उद्योग में परिवर्तनकारी बदलाव ला सकता है।
 

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